Book Title: Vajjalaggam
Author(s): M V Patwardhan
Publisher: Prakrit Text Society
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INDEX
611
306 632
684 342
आरंभ चिय चडु Add. 64*4 | उत्तुंगघणणिरंतर
305 भारंभो जस्स इमो 331 उद्धच्छो पियइ जलं 445*1 आलावणेण उल्लावणेण 330 उव्यकंधर मा जूर
224 आविहिइ पिओ चुंबिहिब 784 उन्नय नीया नीया
128 आसन्नपडणभय Add. 312*7 | उब्बिबे थणहारे आसन्नफलो फणसो 155/ उब्भिजइ सहयारो आसति संगमासा
726 | उम्भेउ अंगुलिं सा 463 आसासिज्जइ चक्को
725 | उयणं भुवणक्कमण 774 इच्छाणियत्तपसरो 393 उयरे असिकप्परिए
166 इत्तो निवसइ अत्ता 496 उयह तरुकोडराओ 654 इय कइयणेहि रइए 794 | उयहिवडवाणलाणं इय तरुणितरुण Add. 4491 उल्लवउ को वि महि इयरकुसुमेसु महुयर
246 उवरि महं चिय वम्मह 392 इय रक्खसाण वि फुडं ___419 उवहि लहरीहि गन्चिर 763 इयरविहंगमपयपंति 720 उब्बूढभुवणभारो Add. 605*1 इह इंदधणू इह 627 ए कुसुमसरा तुह
394 इह तिवलिग्मणे इह Add. 318-1 एकत्तो रुयइ पिया Add. 178*3 इहपरलोयविरुद्धण
एक्कत्थे पत्थावे इह पंथे मा वञ्चसु 373 एक्कम्मि कुले एक्कम्मि 704 इह लोए चिय दीसह 671 एक्कसरपहरदारिय
204 इंतीइ कुलहराओ Add.214*2 एवं खायह मडयं
577 इंदिंदिर छप्पय
236 | एक चिय सलहिजह 65 इंदिदिर मा खिज्जसु Add. 252*3 | एक्कं दंतम्मि पयं इदीवरच्छि सयवार Add.454-5 | एक्कं महुयरहिययं
238 इसिसिदिन्नकजल
297 एक्काइ नवरि नेहो उचट्ठाणा वि Add. 312*10 एक्केकमवइवेढिय
429 उच्च उच्चावियकंधरेण 650 एक्केण या पासपरि
262 उज्जग्गिरस्स तणुय 364 एक्केण वि जह धुत्ती 531 उज्झसु विसय
664 एक्केण विणा पियमाणुसेण बहुयाइ 780 उड्ढं वच्चंति अहो 702 एक्केण विणा पियमाणुसेण उण्हुण्हा रणरणया
384 सम्भाव 781, Add. 80*3 उरामकुलेसु जम्म
730 क्केण वि सरउ सरेण
469
172
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