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जशविलास होइ बेठी,संजु घर जवानी ॥ ब्रह्माघर सावित्रि होइबेठी, इं घर इंसाणी॥ माया॥२॥ पंमितकुं पोथी होइ बेठी, तीरथीयाकुं पानी ॥ योगी घर जनूत हो बेठी, राजाके घर रानी ॥माया॥३॥ किनें माया हीरो करलीनो, किने ग्रही कोरीजानी॥ कहत विनय सुनो श्रब लोको, उनके हाथ बिकानी॥ माया ॥४॥इति ॥ ॥इति श्रीजशविलास तथाश्रीविनयविलास संपूर्ण.॥
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