Book Title: Vairagyopadeshak Vividh Pad Sangraha
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 160
________________ १५६. संयम तरंग रम पद लारे ॥र ॥ विविध तत्त्व विचार सुखमी, ज्ञान दरस सुरनि नाश् रे ॥ २० ॥२॥ अहनिस रवि शशि करत विकासा, सलील अमीरस धाश् रे ॥ र ॥ विविध तूर धुनि सांजल वालम, सादवाद वगा रे ॥र० ॥३॥ध्येय ध्यान लय चढीहे खुमारी, उतरे कबहु न रामी रे ॥ र० ॥ सुन निधि संयम घरनी वाचा, ज्ञानानंद सुख धामीरे॥ र ॥४॥ इति ॥ ॥ इतिश्री संयम तरंगः संपूर्णः ॥ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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