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शब्दार्थ-कोषः]
हिन्दीभाषाटीकासहितम् ।
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८०४
बंमयारी-ब्रह्मचारी
६३६ | बहुमाई-बहुत छल करने वाला ७११ बम्भयारिं ब्रह्मचारी को ६६६ | बहुविहं-नानाविध, अनेक प्रकार के ८५२ बम्भयारिस्स-ब्रह्मचारी को ६६९, ६७१ | बहुयाणि=बहुत बंभयारिस्स-ब्रह्मचारी ६६७, ६७५, ६८० बहुस्सुआ-बहुश्रुता
७६ ६८१,६८३, ६८५ | बहुहा=बहुत प्रकार से ५६१ बम्भयारियस्स-ब्रह्मचारी को । बहुजण=अन्य बहुत से पुरुष
६७४ बम्भचेरे ब्रह्मचर्य में ६६६, ६७१ बंड-अतीव ५६१,६७६, ११२२ ६७३, ६७५, ६७८, ६८०, ६८१ बहू-बहुत पार ८२८, १०१४, १०५६
६८३, ६८५
बहूजिया बहुत से जीव बम्भवेर-ब्रह्मचर्य के ६६३, ६६४, ६६५
बारगाओ-द्वारका से
६७० ६८५, ६६०, ६६८
६७४ बारगाउरिं-द्वारकापुरी को बारसंग-द्वादशाङ्ग के
१००३ बम्भचेरएओ=ब्रह्मचर्य में रत ६८७,६८८
बाला-अभिनव यौवना ६६१, ६६२, ६६३
बालुया बालू के बम्भचेरस्स-ब्रह्मचर्य की ६८७
बाले-विवेकविकल
৩০ बम्भचेरेण-ब्रह्मचर्य से . ११३० बावत्तरी-बहत्तर (७२) २६. बम्भणे-ब्राह्मण
११३४
बाहाहि भुजाओं से ८०३, ६८२ बम्भणो ब्राह्मण होता है ११२६, ११३० किलो
|वित कहने लगे ७९२, ८१०,८४०, ८४१
११३१, १११७ | | बिलजिए-मूषक आदि के बिलों से बंभलोगाओ-ब्रह्मलोक से , - रहित हो
१०८८ बलभद्द-बलभद्र ___७७० बीए-दूसरी एषणा में
१०८२ बलवन्ति बलवान है
११२७ बुद्ध-बुद्ध ने, सर्वज्ञ ने ११३२ बला-बलात्कार से
८२३ |
| बुद्धा-प्रतिबोध को प्राप्त हुए बलाबलंबलाबल को
६३७ | बुद्धे-बुद्धों की ७३८, ७४१, १०००, १००३ बलसिरी-बलश्री मामा
७७१ | बुवन्तं बोलने पर उसके प्रति १०१६, १०२० बहवे बहुत से १०३५, १०४६
१०३६, १०४०, १०४३ बहिसंसार से बाहर ५८४, ५६० | बुवाणं-बोलने पर उसके प्रति १०२७ बहिसाबाहर ११०१
१११७, १११८ बहुअंतरायं-बहुत से अन्तराय को ५८७
. १११६, ११२१ बहुकायरा-बहुत से कातर ६४१,८६८ दूहइत्ता-पोषण करके
६०४ बहुकाल बहुतं कालपर्यन्त ५६५ बूहि-कहो
१११२ बटुंजणं बहुत जनों को १६५ | बेमि मैं कहता हूं, ६६०, ७६६ बहुयाणिविणासणं-बहुत से प्राणियों बेहिलाभंबोधिलाभ को ७०३ ... का विनाशन रूप ६६६ | बीयाणि=बीजों
बूम-कहते हैं