Book Title: Tulsi Prajna 1977 04
Author(s): Shreechand Rampuriya, Nathmal Tatia, Dayanand Bhargav
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 4
________________ 'तुलसी प्रज्ञा' में जैन विद्या सम्बन्धी गवेषणात्मक निबन्ध प्रकाशित किए । जाते हैं । प्रकाशनार्थं प्रेषित निबन्ध कहीं अन्यत्र प्रकाशित न हुआ होना चाहिए और Maria के एक ओर सुस्पष्ट रूप से हस्तलिखित या टंकित होना चाहिए । साथ में लेखक अपना परिचय भी भेजें । जैन विद्या के विविध क्षेत्रों में चल रही शोध प्रवृत्तियों से अपने पाठकों को परिचित कराना भी हमारा उद्देश्य है । अत: विद्वानों से प्रार्थना है कि वे अपनी अनुसंधान की दिशा और उपलब्धियों से हमें अवगत कराते रहें । जैन विद्या की विविध विधाओं से सम्बद्ध विषयों पर विश्वविद्यालयों के द्वारा स्वीकृत शोध महानिबन्धों के सारसंक्षेप भी प्रकाशनार्थ भेजे जायं । 'साहित्य समीक्षा' स्तम्भ के अन्तर्गत समीक्षार्थ भेजी जाने वाली पुस्तक को दो प्रतियाँ प्राप्त होनी चाहिए । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 198