Book Title: Tirthankar Buddha aur Avtar
Author(s): Rameshchandra Gupta
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 5
________________ यह ग्रन्थ भारतीय धर्म दर्शन में तुलनात्मक एवं समन्वयात्मक अध्ययन की प्रवृत्ति को विकसित करने में कितना सहायक होगा, इसका निर्णय तो इस ग्रन्थ के प्रबुद्ध पाठक ही बता सकेंगे, किन्तु तुलनात्मक एवं समन्वयात्मक अध्ययन की जिस प्रवृत्ति को संस्थान ने आधार बनाया है वह भविष्य में अधिक विकसित होकर विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच सौहार्द व समन्वय का प्रसार कर सके, यही हमारी अपेक्षा है । Jain Education International भूपेन्द्रनाथ जैन मन्त्री श्री सोहनलाल जैन विद्या प्रसार समिति अमृतसर For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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