Book Title: Tattvabodhak Kalyan Shatak Author(s): Hemshreeji Publisher: Hemshreeji View full book textPage 3
________________ ॥ अथ ओगणत्रीस द्वार लिख्यते ।। -+9@c+प्रथम नामदार । बीजूं लेश्या द्वार । त्री शरीर द्वार । चोथु अवगाहना द्वार । पांच मुं संघयण दार।छटु संज्ञादार। सातमु संस्थान द्वार। आठमुं कषाय द्वार । नवमुं इंद्रिय द्वार । दसमुं समुद्घात द्वार। इगियारमुं दृष्टि द्वार । बार, दर्शन द्वार। तेरमुं ज्ञान द्वार। चउदमुं योग द्वार । पनरमुं उपयोग द्वार । सोलमुं उपजवानी संख्यानुं द्वार। सतरमुं चववानुं द्वार । अगर{ आउखानुं द्वार। उगणीसमुं पर्याप्ति द्वार । वीसमुं आहार दार । एकवीसमुं गतागीत द्वार। बावी. समुं वेद दार त्रेवीसमुं भवन दार । चौवीसमुं प्राण द्वार । पचवीस, संपदा दार। छवीसमुंPage Navigation
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