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अप्पा-अप्पाण प०-अप्पा, अप्पो, अप्पाणो । | अप्पा, अप्पाणा, अप्पाणो वि०-अप्पं, अप्पाणं, अप्पिणं अप्पे, अप्पा, अप्पाणे, अप्पाणा-णो त०-अप्पेण-णं, अप्पाणेण-णं, अप्पणा अप्पेहि-हिं-हिं, अप्पाणेहि-हि-हिँ च०-अप्पस्स, अप्पाणस्स, अप्पणो अप्पाण-णं, अप्पाणाण-णं, अप्पिणं पं०-अप्पत्तो, अप्पाओ-उ-हि-हितो, अप्पत्तो, अप्पाओ-उ-हि-हिंतो-सुंतो,
अप्पा, अप्पाणो, अप्पाणत्तो, अप्पेहि-हिंतो-सुंतो, अप्पाणत्तो, अप्पाअप्पाणाओ-उ-हि-हिंतो, अप्पाणा णाओ-उ-हि-हिंतो-सुतो, अप्पाणेहि-हिंतो
सुतो छ०-अप्पस्स, अप्पाणस्स, अप्पणो अप्पाण-णं, अप्पाणाण-णं, अप्पिणं स०-अप्पे, अप्पम्मि, अप्पाणे, अप्पा- | अप्पेसु-सुं, अप्पाणेसु-सुं
णम्मि सं०-हे अप्प, अप्पो, अप्पा, अप्पाण, अप्पा, अप्पाणा, अप्पाणो
अप्पाणो, हे अप्पाणा इस प्रकार 'अन्' अंत सब नामोंके रूप जानना। विशेष:-'राय-रायाण' शब्दके रूपोंमें जो विशेषता है वह इस प्रकार है (१.) णो, णा, म्मि ये तीन प्रत्यय लगाते समय पूर्वके 'य' को विकल्पसे 'ई' होता है, जैसे-राइणो, रायणो; राइणा, रायणा; राइम्मि, रायम्मि ।
(२) द्वितीयाके एकवचन और छट्ठीके बहुवचनमें प्रत्यय सहित 'राय' शब्दके 'य' को 'इणं' आदेश विकल्पसे होता है। जैसे-द्वि. ए. राइणं अथवा रायं, छ. व. राइणं अथवा रायाणं ।
(३) तृतीया पंचमी और छडीके एकवचनमें मा, णो प्रत्ययके पहले 'राय' शब्दके 'आय' को 'अण' विकल्पसे होता है
तृ. ए. रण्णा अथवा राइणा, रायणा पं. ए. रणो अथवा राइणो, रायाणो छ. ए: रण्णो अथवा राइणो, रायणो
(४) तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी और सप्तमीके बहुवचनमें प्रत्ययोंसे पहले 'राय' शव्दके 'य' को विकल्पसे 'ई' होता है
तृ. ब. राईहि अथवा राएहि च. छ. व. राईणं अथवा राइणं,
रायाणं पं. ब. राईओ, राईसुतो अथवा रायाओ, रायासंतो स. ब. राईसु अथवा राएहुँ।