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खरान्त और व्यंजनान्त धातुमें भेद व्यंजनान्त धातुके अन्तमें 'अ' अवश्य लगता है और स्वरान्त धातुक्के विकल्पसे ।
वर्तमान काल
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नमा NE
एकवचन
वहुवचन प्र०पु०-हसइ, हसेइ, हसए हसन्ति, हसन्ते, हसिरे,
हसेंति, हसेते, हसेइरे,
हसिंति, हसिंते, हसइरे म० पु०-हससि, हसेसि, हससे हसह, हसित्था, हसेह, हसेइत्था, हस
इत्था, हसेत्था उ० पु०-हसामि, हस मि,हसेसि हसिमो, हसामो, हसमो, हसेमो
(नोट) उत्तम पुरुषके बहुवचनमें 'मो-मु-म' ये तीन प्रत्यय लगते है यहाँ केवल 'मो' के रूप दिए हैं 'मु' और 'म' के रूप भी इसी प्रकार जानलें ।
सर्ववचन सर्वपुरुप हसेज, हसेज्जा, हसिज्ज, हसिज्जा
'अस' धातुके रूप प्र० पु०-अस्थि
सन्ति म० पु०-सि उ० पु०-मि, अंसि
स्वरान्तधातु हो जब उपरोक्त नियमानुसार 'अ' लगता है तो इसके रूप 'हस्' की तरह होते है जैसे-होअइ, होअसि, होअमि इत्यादि । __ जव 'अ' नहीं लगता तो इसके रूप इस प्रकार होते हैं। प्र० पु०-होइ
| होंति, हुंति, होते, होइरे म० पु०-होसि
होह, होइत्था उ० पु०-होमि
होमो, होमु, होम