Book Title: Sudha Sanchit
Author(s): Revashankar Vaidya
Publisher: Revashankar Vaidya

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Page 658
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - ७१ १२ अनुक्रमणिका (७५ पाईप मागंगाधोय मोहोरी प्रय स्वायज्रनोवायलमय सुवाचममांसंन्नीपातयायछे तेरा विप पर अंगनापप अप गंमध्यानीयीची पर प्रय चीरामबरनोरन्तेपरम्यायाम पश्यतारीरसतापपरछे। पष्ट तावगयानां लाए, पर अपल्बरपागानेतनवानांन्तारगया + छोयतोयपए प्रपत्रीरानो शर पणपत्रीषिनीमर्याधन्तेपरौहल्यास पएट रापुरीपश्रय मंलशाहीज्यपि अप मुंजाशनाखसएगइप. वा याय मुंभारापर १र रसम्परांपुरतावपरछे। प्रिययीतामागीरस१४ प्रपनमालबनरस दिपवियवरगसरीरसं. १शिरत्नगीरीराबरसतायपर जय शीतलंगीरसतावपर दिपिल्बरराबरसदिलश्य परणंगल्परांपुरस. श्रय पल्लाघरीरस For Private and Personal Use Only

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