Book Title: Sudha Sanchit
Author(s): Revashankar Vaidya
Publisher: Revashankar Vaidya

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Page 711
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ७४) अनुक्रमणिका यांनो ए - - रोगमोरापः पअषणमारगयीयी. पापाँगो मारपीपी श्रय एंडताणमारगयीपी. शप्रथ रंडीमारगोधी श्रयमाएयाहीरामारगपाधी अथनीपरसींघमार यमनरीसमारए दप्रयागमारए पर प्रयरात्यमारप जिवातनोगा. डापतनारोगनीप्रसारन्तानोताछ श्रपत्रीपासरसन्मसतिपिरछेनेष्टर प्रथमहत्वीरसमपर.. प्रय प्यानलैरपरसम्प रछे पल्टा टाध्ययायुनारोगनोगपरेराडीपायल लय यतैनासनरसापटत रूपातगन्नारसवायुनारोगपरदेषण श्रय अछरगनोरमसापा चमत्तीचीनयत्नैरपरस-तिीराज्यल्प श्रयणाराभोरशरनो पायपएरोगनीप्रसर-सपेश्वररस्यका उष्टपरछ. पप। उपअपतामहेश्वररसयुएपर: त्रयामरसरोढएर गयरोरेश्वररसारपरछः अपरमेश्वररसरामपंच्याशपर. या मनोध्यरसडामपरछे. - पपी - - For Private and Personal Use Only

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