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श्रीः
सुधासंपित रेशशंकरनानो ग्रंथ सर्वननीलोनाहितनेसां कामपामध्ये.
रायपरमांना नाडुवानी पोजमा बालुलाई जमी पोताना छापापानामां छापी प्रगटस्स्यो
छः
सने १८९५
संवत १९४२
मागंपनी मासीसंपदा खार
हिंमत-इ-४)
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ડીયો.
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૫.
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%3
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ग्रंयनुसुचीपत्रगुपना सरदेसीसुलपुखोनेसुगना गराए | आअमुल्य समय गत्तममुनगाहपुर्यपुन्ये प्राष्ट्र यियों नपरेलपाटरिनोलरका लागीन्नयन सुशीयोअंतःवर्गमांज्ञानयछे अंन्ययोनीथी हिपहरलोरिकलेमनुरानोछेतेमकतांना गय्याने अपंगहेबाचीरामव्याधीयो पुष्गणमा प्रारौ प्रापीयोनेपरमपीवापरतारेछने पी य्यारो एएगांगूयोमा मोरामार्षियेमडेगवान पीद्यानेपोगंधुशेनियी तेमनव्याधीजेयो मीनेनयी म यस्तीमारी होयतोचनमासुन मणे चनमापेरीतोरस्तीमारेयाय पप गायी पीरेरीलेनीवासेरणग्योतो पृथ्वीनापातीपरते प्रोएीनेसरयानो डामरेतोनयी शरणज्यम् कुम्मडेनरनुलेरनेमणनेयेगगतोनरी रंगनी नारळमारी सर्व नीरहेमासेवायगरीक्तीप सरणीहोरयमयी अश्यानीयसीपीसोचएपि सत्ता स्वयीगुएशेपनेनेचीरहोलोन्चा पीररीने परारपातत्यानीतपुर्षोयेगारी भरी-रोगनांपन्नतीनेहसक्षऍशरगरतुरोना यस्यापैरसरयेतपारी अपारयोराधीयाने सनसत्तायेमोलाची पंगागनापरीमान्नंगीधौराधीग्रेगचीचीएवीनागर्तव्यकीयासाच्या समय औरायमापचयूचीय्यार पथ्यप्रयोगयेस पेनी परोसासोलरेसाप्रागीनपुर्षाये पर
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सुरीपत्र रेखाछेते और रिशारे संस्कृतमारा अमीतीपा यी घपामरालोशेये समनीसमय यमनीन्स रगोलागाभाभाणपर्यतनेणीसतांगापातेवा गयज्ञानथायन्तेवतयारीने सेरणमायतन नानीयासीजयतीमाह्मएपीपरोणीयाधीन साक्रषगात्रीनाणमारपीयररेपानराजर कायरी रे परमपरमारयन्नएीने घगाग्रंपोर्नुपपोता इनरुरीने गुजरातीमापामा सुधारंगीत नाम पशव्यय करनाएताययुक्तरूपोधमा ज्यसमयमारपी प्रगटरेसोते प्राणीमात्रना योगनो शरीर-गरम सर्पनाहीत- शरए
लगायछेन्डामाध्ये येण्डेसीपस्तुमासय
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प्रिययायमरागपापा शक्तीपंतछे पाने पुर्षमाझेर येरखोपडे पुर्ष पारसी पीयामराडे ये पशुपेनयायमारेनपाधारो गनालसागपीव्याधीपर्ताय तेव्याची नाडीपया रि.पीजरामरेछेतेयी सरपेनेसमनपापोऽयो। अन्यलारामारण्योहोयतोसमनीसहायनहीन गएमाहोयतेपलगोपि मोटेनधाय तेथे यापीनारोगनापरताय परमगुरप्राणी मात्रने जिशीयारानारहे ग्रंयगुपे गर्थे जीएपार रेशेतमा परम्पानिपाय | तेनुपरगन्यमारैगनुश्रापरणधुमुराइसजे
गंधणे मारपीसुज्ञपुरुषलायनारनपान
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सुचीपत्र.
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तेथी तेनुं नागपाशुं प्रारीरागती हाबुंछे. ते चीरो मुली पेशधारी चैवनी पुर्वगयमांपेष्टास पीछे तेथीरी लरोड यस्यतस्यतइमुणं येनकेना पिपीयेनतेन प्रघतव्यंने घ्यात घ्यात्मषीष्य ती. ! हेनी अर्थ - शेर्घरोगीने सुष्मषपामारे शेर्धग्रस्यैवेरायारीवैद्यनेोपयारपुछ्यो तारे ते भोज्यो आयोगमेते आउनु मुक साची- गमेतेमांगसवु-गमेतेनेापयुतंगमेतेमयरी- हायातापनारथी घएासोर मारा लयछे ज्ञानं दीयतो शेर्धने चुलरायुंनापडे ग्रंथ नीपेक्ष पावेसर्धनुं साइ रिछे ये यात स्वतसीछे तेषु धारीनेमालार्धममीयहेता. तंमुसरपर्गएगनुगांमरंगरीमंहरतेनापासी गृहस्थीमा यता शा· जापुलाई मीठालाले पोताना पैशा पश्यी सर्वनेशस्तीडीमते पुस्तकुमलीसस्वामारे ग्रंथछ पावा आहर स्स्यो तैयारतांएगीने स्पीना शी व्यगांमरगुंनानीवासीलर - मोतीराम शशीरां मतयागांमगोशशीना पंड्या मुलाश बरांमेचीलागरामी आग्रंथछपाव्योछे ते सी ताभागी सरम्पोछे आये ग्रंथ यांपैथी परगेसो घम परमेनही मने गीतने ती आनंहरमने ही तडीपन्नये हेवीने प्रशरनी की यात्रेने वीन शेलरीछे शरारे घाएगाग्रंथो घएगा पुर्षोनी सेवा यी ने ने पहास्य प्राप्त पयेलोतेसुरये पुस्ती पेरीमांलरपोछे पापी पीक्षएवैद्य पौसे संगी
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सुपीएन गिपापीनेसमलीपो भाग्पनीमती पुर्षोणीतर्त प्रसनयरी भीयानीने थाय तितेनुमननगेन ग्रंपनीरांगनांमप्रमाणे पुरगछेयेर १०
१ रुचीश्वररेपारासर
यरपर
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पास्तुसुधारीत वैशाख
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श्रीगणेशायनमः । श्रीगुरल्योनमा|| वियशास्त्रनांग्यगुबरातीलारामां राय नया सगसंस्रुतगंयोनुमंयनारीनेन्या यर्पिलक्षागशिपयारयुक्तसरवेनेसमनास रणोन्नामे सुधारीत्यन्यासीपनातन नावारगीशिरपटोगडीयानामेऽवीरेया संरज्योऽरऋत्य तेलण्योछा । अर्थमंगवाया . बहुतेगुश्यररगमगीतमांधारी-सांगस वीद्यानापोत्येयीतरी पूरगणंसनातनव्या परसोपणमान्नोसनामसिडेनगतीस्या गमानाशासोएंगेहातीतनयीयगातेनेन सएरापरनाधारणस्वाधीन नेल्पएवेनामनग्न पिनासेअपघाइतेवागुइनेछसंतत्वहनमूना
अथर्नुपरण । जिरागग्रंयस्यानुतेपरायरूवेन्अवगऽयप यीसुज्ञोनामनमालावन्यागिनीम
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| सुपासमीत्वैयराख्यग्रंपः । नीतापनमुनगरसहीनेन्सरयेश्वरीने सांग प्योजाह्यपणेग्रहीने गर लवतारपीनी| लायसहीतरतालती-डीशोरवयमांप्रगट पिपीताराती उससुसाधनबुंहेवीम|| निराधारीन्ग्रंथरय्याडीपर परिमारलान रीनाहासमजाव्युमेसोपहरीपंगमनने रोगरीपुपीछे भालाननननेन्परा सांस संघीयन नित्यसरयेहीयेन्रीषसेनैव्या यीतनमायीतो गापा वलुपनीयाऽबरे निणणयानोन्ये ओराधीयोशीछेटागोन
मारयेसोप्यारीनेग्रंथपणानेयाने तोमुनीयोयेन्मारामोह्यानपाटा लुमतगो लयपीस्वनरराष्टेलाग्योन्गी गाना यमन पिनश्यामाग्योन्यायुपैयातागरना रियुलारीन्मरलयोथैसागरमाउनीमारीना प्रत्येणेपरीमोगी उपरान्योन्सोपऽरीने सर्वसुवासंपीत्साव्योमान्सेलरवानेतेवरूप तरभाधारीपासेराणीपामेसुमनरनेनारीन्ग शातपारउरतांबागेसोयीतत्वधारांन्नांम सुवासंगीत्नीरम्युअाग्रंयतरंगायत
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Rammanese
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सुवासंपीत्येधशास्त्रग्रंय(3| मपरीक्षाव्यापीलसागसीएरोन्नीननीरम्या सोयटरीशुयीसारोगाठापुरगयावास्वी योनीअलीलाशान्गुंथ्योऽयवीय्यारीगुनगुती माया पापराझानघानेमाश्रमायोडो वास्योपायेनेमसंन्यानोघोडोन्पायीहेर रीजीनेदर्शनयेदेखुन्गांगासमतेसायनसौ दीपेसुंगातनतनयानेतर्तज्ञानभायी| यायेन्गयग्रंथथीरोगनशेयरत्योन्नयेनाटा सलसेतुनेसेरणताव्युछेसीयुन्महीवलोन चीमामागमेजटीसीधुनारलापरमारथनेसन ल्येपुइशारयखीधुन्यताएंघरगरेपाशिंडरे प्रथयलागारवाययोथी.
भाग्यालोछे-३
छब्रुखएगा. विद्ययीनोऽनेन्द्यलवनन्लयो तेमन्पैद्यामना रिलीयोन्योगीतामणीन्य पारारीरीन योगतरंगीपीमावरीयोनापासर्पसँग रातसोहीन्सुश्रुतारीते-आत्रेयोगेश्वरना सत्यतेनुंगीनायी-पीसंप्य रसमंजरी-||
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||४, सुशासंगीतपैरास्यथः .
युद्ध सारंगधरन्नामळेनुन्धरण यसलपैयनेन पित्तीगायोन्लारप्रकारान्नानापरीयोन योगानं नेमण्यमानोरमान्यरहस्यन्ने युक्तीयोगायोगरीनन्येामान्मत्त महीन्यपरवीरानुतत्वहनीय सोहीत गरसीझरेपामयी तेसुवासरीतेसर्वलरीय - अर्थ प्रधान्यचीवाट
शेरो अक्षरधामाधीरापी अक्षा रगट्योयेहन्यारत्नेस्तेनाय भावनव पीहन्यातेरोसंबीरीयारामा पार पेणापयतेयही समझेसोसंसारन गरा वर्षघांनीदारता नायुडेतखलारन मित्रतागारमावशी तर्तपुरे पाग्यारनाउरा स्वपअक्षरसत्यनुन्नयोऽव्यर्थसगारर समैसौऋध्यमांन्रघरेनलारनाहरा अक्षरलपास्यान्नलपासोनुशंमा रेयरिया रह्मनेप्रीत्येऽरेप्रागांमनापायुयायी पुर्राते एयसरल्यायोन्लारयालगेलीन्र पए नगएरोसरगनानापागारतायेस) रख्यास्शनमतादामोष अहोयेये
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सुवासंगीत्या स्त्रग्रंथ. (५|| सोनमशंटानोंतोखायलाशामालारे पाएंन्मांनेमतीनोमंहगीगोगोजरोखवाना मांडे यांना परी गांगो सन्नत्यनोलमरोते रगंधीपिपरमेसेन्छांना एनागोगामांढेवानीनेअपने पीनेवतो पाएगलेहीयेममुहीयतेनीरीत्यवीय पीपीपरीत्यहोययेशंतछे . अथमध्यप्रधान्यीया५
वीनाराअंजनीएथेरपीगत एनाहइनतेत्तागापगसाई पारतीयी गतमासस्तुधीनमानमगेयेनेनसघान्य पीपलंगगगीतगतीमहीन्तोषरणेनीपुरीम लुत्पनि ब्लुम्पनीरेपार पुण्यगमेत जयनगलना रोगियां सरणीसनेमालापागसौनेशी मुणगे| निमापथी ब्लेसमजेनेतीरीनारप्रीत्यपर स्परपैरतान्ध वीरायचीवेडभन्ममानी लागते आषानगमायेगारा पती गाएगीतप्रधान । अधवैरीधामुष्यमुकः।
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મ
५) सुधासंगीत वैद्यशास्त्र ग्रंथहररेयुपुरा हेवातएामेतेनरमा रतव्यतानं राछेजेनास्रमांना वागवायायेनेनं गसमांनीञाडी ग्रेगरीयानी एगरीपुपरजी हडीस पान-कुल- पूण-मुग-त्वमा ने जीन तागारागुएासमन्त्रोपोत्ये स्त्रीने श्रम घायानाउ ॥ उपरोगनांतरण सांगतेवर ती ओराधीयो मेणवीयोगुंएअनुसरतीन ॥४॥ समखायी आनननेयारोहान्स गृहतीपर आसमये औशध जोरा युने चर्तन- वणीभीश्रीत हीनमापेलले. प च्या पथ्य स्तु परणीने रीत्या उष्ट साध्य-नेसाध्य असाध्यन्ययोन्नागेन्तेच्य श्रीगाये नगोजावी तांएगेनाशा यंत्रीशक्ती आर्षाने अपनये. देवयसरी देवालाही होऊ हरशावे ना रद्धपुरषनेयेयोवनपरनुप्रापैन्य यातनेवीत्युतुशुक्रतागाशापेनाला अवणु सयगुरवानुजमछेहेमा सोधीतर्त सुधारे वीराछेतेमांनापणा येउपडी डे पेटताएगा भगनेतांगे जीनेप्रांतां जाहारमुपमांत्रांएगे रवितवानणलेोधनं मुजमापाडे तो जतीन
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्र ग्रं (७ शीतताएगीजारसाडेनासाथायनपुराम यांगपेडीशंसांप्रांएगी-सोयन्नरेहेनेतेन सम्गनां नेतांगीना॥ जनेनृवरोधी पुराएग उह्योन्यतुरमांनारेदेवाहेयोयोपायोनाश्ताप्रां
~
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एापलमांनाशश्रेब्नेयेरघरे सरवेसत्तावैद्य वीशारदमांाउरे नापपरा समाप्रेमांएंगेशक्तीरे ऐछे सौतेमां पानीपीद्यास्रतांमणछेहेमां शाक्षगुलंगुर हेहे हः स्वातांतडे वैह तणीचीद्यानूं पलपल शंमपडेनापशा नम यः रमाथीसघुप्रक्षर मोहोरालागे. दैवे हुमप्रापेसुं तेलीशकेनाष्टा युवाअवस्था स्वेतडेश रमेयायेन्नगमेशेने पाहेयेनाहुमन्नयेापल चैने श्रगरतांतेसंशयेापसम्म पक्षत
यौवनप्रापेन्नारा हुमास्शितपुंनीरमुकस सीनेरतां नमसरमानांजेलोयन रेहुछेञरतां रातेलेयतुरथीतीरछनासांहांमुलाणे-रा जाग रेशोपांय पलम्भांतेराणेारसा गांम्यरखो जीडेमरा रगवाअलीलाजो-हेबसाहुनीयांन नानीणाधाराघोनारउरा रोमरणेनैतोव्याधीन शिज्यांथी वैद्यमणेतोनारास्रे गहने तांयीन्य
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८) सुषासंगीत्वैद्यशास्त्रग्रंथअनंतशक्ती जगहेनुश्येमल-तेन पलमांतांएगीलेतरवास्तासुनारपा सर्वधावुने जायचतयडोलेनांएगीं तेनेनाशहीनांजेशी तमयांएगीनारशा जेटीवराले सागर ओरा घजायन्नुपाडेतर्तशरीरताणो सांधोनारा गर्ल पीरनापरागी नेपीज्यापान्येऽपडीतेतां शीबाह्यरनारया वारीकोवधेपासण धातु माहाररीने पेरतागीग्रंथीतोडे-ए मुक्तशवेमनमणतांव्याधीऽरथी- भासेलो. मुावेछेन नमनारथीनाउनालवतोसेलालीने सर्पतगोलाशेन्यपरीथी डीपाडीलेय पारो ॥उशा शासमले नै नेसरणावर सुने। येपाएगीमांपावःसंताडीरामेनाउशा योगजता वीसोनेीद्यमेवणगाड्या येऊरसायनीपुरुषे सौरस्ता ड्राज्यान्नाउ ॥ सर्वशीरोमएसहवीद्यापरीपारी सेन्जेजक्षवीशेयधुंनरनेनारी ॥ उमा हेलेशनयी हेमेमुनस्वारयन्नोस मळेतोशमारे परमारयनुनाउपवासपाछे विसावा छळेने रोगसरीजोभंगरीपुछेन नस्तेनेनाशाश्रमपनी समळावे पुस्तक शो
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सुधासंगीत्वैद्यशास्त्रग्रंथः धीन प्रवीएायाल्योग्रंथेसहगुइनेसोधीना एगसालरीयां जन्मघरी घ्यायेये गर्भपात बागसौदीपशारलस्याग्रंयेनाउदाजील पीद्या
सर्वलतारेशवे येयभारलोलोसार
प्रावेगाउलालरीयुसत्वसमेटरी ग्रंथवी न घासुंन पासेराज्ये यारोरक्षागअंगतांग उता हेरेवाशंडरडी आलस्यो- स्वहे शीयोसमलासाइमे श्रमरयोगात ती वैदवीग्रामुणमुष्यन्ना अथ राणशक्ती लेवीधीयांडाहोयतो उद्घोनमोरेशीत सव जुसमलायेनही गणगतीयीपरीतनारा उ
होयेऽर्ममां रगनामुंडेरोग लावयावाहेनही लागवैद्यनोलेगनासा नेवोगुइले नेमणे तेथुतरनथाय- घोरडीयांभोज परीनाजंघायना ॥ ननुजणलंएगीसठे तो पाये सतीशन सुतरतंतुरास्त्रयी रेहेबांच्यो गजाननारेवारसीम्नीसाहाथी नही
शेयरडीखमीरा तेनेोरूपज्याखगीष्टनयी शेरीरानापण अंतमरेनैवमरथीन्हेवरी
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||१०० सुशासीत्वेदशास्त्रायः ताणान्गमुंशीगावखारेन्शयारवाराणन सपारधारीयही यायनोमन औरयहरताअोणपीन्डेसोऽतमामना गणपणेयीद्यालणेशणेशरल्ययायन्रेवारज मनुराने वैरागसतीगायन्यातील | अथितीक्षानेश्वानी ॥
महनग्रह रासुराचारीपरीपर रीपाएनमा अाश्यागोरायणपागोहीत मनमांगावीनोहयापीनेनीस्पापीपीव लोगो सहेलरीसोसालापपीनैयरब्नेगोन या माशीनीरपीयेनावैद्यनेन्नन्नमन || रीनेमेसेनाननसुननाउादीनयारी नियातनीसौपरये मरयासरपोयोगमा व्यास्तापरणेनापीयपरभारयार सोमप नीसेरान्तोभनमांसमलोशाव्योन्न्त्यि यानपारेपारीमालसनधीवरतीमेसीन प्रयमपरीक्षा तयारी रवीलीन्यपातिी| साराष्टुतनीपरीक्षाना
भूयश्शुल्तनीपरीक्षा मलीनवस्त्रेमशरीरे नेपाणो शिनालीरीस्या
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सुपासंगीत वैद्यशास्त्र ग्रंथ यशक्ती मुष्टाको नाशा मुकुलधीर हेमुंढलाष एीमरमोणो आमीशहारी शीरमुडीत परमेश जोनाशा सीहारीअंतरस्वास लरेलो हेोती लोननलांणेमंदीरमामुपने घोतोउभोज्य परेलोक्षोलीत यसुजसयानो जरोपोमुस् स्हुतमणेये हरहाणोनापनसापैम नसंतापेनेपुरवा आव्योनमन्नित्यने षधहरथानापरेवारऐनै हुततरआननरसमां तोहरसे सोयेद्यहुरौव्याधीयसमो ॥परीक्षा अयद्रष्टी परीक्षा १०
शीतपावतमहेशयनों स्वाहसुगंधी परमेवरतेसर्वननो-राशा घाढीत्यश्नेगुप्तसां लणेराले तेव्मणप्रष्टीसुळेयरोसासेवार सहन श्रेस्रनेनामहारयाये धर्मचागीयुगां दीपादुपरजायेगाउ सुष्मानमसमयमे घतापीष्टी रेवालीराउनेलेयुस्टन्य अये स्परपरीक्षा ११ मासमेहनेगर्मयीतर पोयाये शीतलीनन प्रेमभर छरसमलाये-या अपत्यपास्यु हेन्द्रपरव्यापीहुना समन्त्रीले सायनय
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सुधासंगीत वैद्यशास्त्रग्रंय. एरास्यरीतेनानाथा देस्थानम्मांडष्टडमा माथीहुजे हवोत्तेडीपयार लहीनालीमुखेनाअ रेवापुर्वने स्पर्शपनीतानुंवेएरो इश्वोरोगनीां नलीशसमवेतेोन्या
अथलाषएग परीक्षा. १२
जनी प्रश्रतीपोतानी सरवेलोले- शरणभुण ययेलुले पोमोलेनाथा हीमत्यसाध्ये प्रोराधमावुमनधारे पापेशींमत्यवैतागापगमां ताहारेनाशा पागेपथ्य ह्यायीन्प्रधीडी पुर्णय रे तोहर हीनीनगरगमांथीरोगमरेना आसा व्यघ्रस्थी सुमयाचानूं सभलाये. उपरोगनुंला षएालेकुहरसायनशास्वासनमाये जागि
युवांनेजोले मनघलरायेमुंत्रागमांमुस्तङ डोलेनाथ शब्दलंगनेवेद्यांसुप्रागगीतां रेवाजयेनैते प्रांणीपीयुषपीतांना
अथशुलशुनपरीक्षा-१३
गायसवत्छी संगणपनीतासुतसाध्येन्द्यौ तर बने सुरोशस्त्रघरीहारयेागणा
मरकुंबाराव्यावेस्हांमी- वीणासरियवनैयो लरलोन्यनपामीत्याशा अन पोरलुप्रमीश
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सुधासंगीत्यैद्यशास्त्रग्रंथ. ९१३ नेपाय धजतो मयुरवाल बावरी पुग्णस् जलमतींना आरेवारसीनेसमरीच्या स्ने नये पामेधनवांमे हुमने सुषीयोयायेनाहर प्रथमाहाशुम्नपरीक्षा- ५४
पंत वनोगन मोहीमहीषीय जोडी वीधवा वनीतायागन्यायेवरघोडाशातकते बनेसनमुपसल्यानटा पीड्य व्यसनी नगयोगीनहीन रानाशाचानइवेसनमुज नेमरक्षीलालुउने पेटवगोवेलेयगंबुजाहार मुआरेवारणेनारोगगयेशुम्नागरागेन मरपोमारेते व्याधीयीषुधोवनाशा अथसारावैद्यनीपरीक्षा १५
गुरऋपायेग्रंथ लगेसोगुबाको देवासमयन्नेर नभनेराकोनाशाकीया कुशक नेपरमध्यामु नीरंव्याधीर पहलव थावापा मेनाअंतरआधी राहुनचोहाय सुधास मसीडी र लीलेने नवयोते धीरन्यधर्मवी तेनेनाआ अनागसुनेऔषधी याच्यामापुरो गरीजने घर औराधदेवासुरोन्नाशा पेहर शीवैद्यवीशमव्याधीग्रस्तो- लएयेहरिय
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१४) सुर्यासंगीत वैद्यशास्त्रग्रंथ. नंतरसायननोरस्तोतापयन्तीरेषु रोगलही डीपपारउरे परया पथ्र्यो समस्तषी ग्यारीपायधरेनाशा साध्य असाध्य सुस मध्यपाकुंवरतीन्नागेन्पयीसलक्षागवतलीश गहने तांगेनाशा नासेहरशीचानश्थीए घागां-रेवारसीमेवरएयादक्षागवैद्यतए अयचेशधारीवैष्नालक्षए । नानांग
चएावीद्याथी वस्तु नआवेस्रतेने नयीययेसु सहगुइनुंसगपएासेनेन्याशा दुर्घरोगने डेड अथम अपार हरे लक्षणनाले पासवपडी प्रांरेन्स धनघुताराशेयणीयोउरमांधा रे ज्ञानवीनातेगरीजनां घर जैमारे न्यायीश यावज्नेवजयी हुमनेयातां तेथीसामघरं रानुप्रशधमातांनाभापाद्यव्ययी ज्यानग मेसुतुने पापीय प्रेतशरीरचीशेपेतुं गणान्यमुलेमेनही देवाने अक्षरपुतो रेवा हेवाव्यर्थश्रेयमनाहुतोनाशा अर्थसाइयवानांसाधनपरीक्षा १७ छंहकुंडणीयोना पसुजयावा ये साधनो
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सुधासंगीत वैद्यशास्त्रग्री (१५ कागेपीलुघोताहा सरसवैद्यने, साध्यगेछ, रिलीऔशधीला रिछोराधीन्ला अ नुमुननरे हेपासे घपचय्यैवर्तेगही पथ्य पावो भुलवासे रेवारसीनुररांग योगआहे होयावान् तयन्लंगो मनमांह्य साधनोये सु
जयावानाशा
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अथनाडी परीक्षा. १८ महारानीगजेहरे नमएगीनर
डुडपरिष्टतना नीलेयर अंगुगनामूणमां रेपरीक्षाोय. स्रेप रीक्षाडश्रेय देनुटूमसुजलाएंगे यात पीत शेप थडीजययुप्रमांगे नीवणराणीमंन रेवा सुमहेवु नाज्ये श्रीनीवां रुपतीनाथ घांडीयायुतीव्रपीत् नीमंहन सारन्त्रणहोराटोक्येतां सनीपातनी स्पार-सनीपातनीरधारन्वीक्ष्णत्रीयेगेयाले सुधा इरेरसपान पंथ थमपुरनाञालेन्धातुत्र्मज्ञीपी रमं श्रमीतनाडीसुमहारी-रेवात्रीहोरीया तपीतपीतलारी भरणमलयलुषनी. जणसुजीत्रीस्थीर सर्पनको गतवा तनी- ज्वरनीगतघंलीर - ज्वरनीगतघंली
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samana
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||१५. सुधासंपीतवैधास्त्रगंय. रशी अशीयायेन्चीशमवेशीहोय नरायन्नएयलयसंगपगायेरेवारसीने स्मरीव्यापीनेवरतीपेहेलोन्स्यश्रीपरपी पायचेगराणीनेदेखोगाउरा
अथ मुत्रपरीक्षा प्रातात्यासानेयाँसयभुनमंहनरजुलरी येतेखणीतेमांनाणीनेस्तष्यथयेसुम
गरीयेन्लीषुसीतवायुपीतपीणुन्यो पीएयरीयेन्नीलनेरक्तरेवातो
होशयाउरीयेनापतेवनामतापव्य रांनभएपीन्यमराशरेसुणयारीसर्पसी रिशरश्रीगुरमेन्दु रहरहेमोन्लज़नी
वेडेमाहलेदरेमनीपअधीश्या सन् रेवातीसारेअनीखतीपाचीओराया सेव्येसुपयारीनारा
अथ भणज्ञांनएरीक्षा योपारिता रानाध्यपगतगीवगीतगयायन्गुननगरीमान्ते नरम्पुरन्नयनारा तीप्रतापवानहीन पोल्येक्रोएअनंतन्छमहीनामांछापीयन
II
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Ramananer
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सुधासंग्रीत्वैद्यशास्त्रग्रंथ. (१७ नीश्वेनरनाता अंगांपेगतलंगनर ननवरत्युनवन्नय ।। स्वाहसुगंधी नवस पक्षेतेपणाय राउ॥ संमस्येत्यी हीनरेहे ॥ स्वरनवलय-त्रएयमासमांत्यारते.
अनीछनेॲम
सुरसुतश्रागणयाय ॥ र नरेतनमालानन्यायसातडेहराहीने वासन्नरेमशांन ॥४॥ अवणिक्षीथ रिय इंधनेश्वाश ॥ सुधासीयतां मुडन्यो । तेीगस्यानी आपले इंधने ॥ रेमुषव्याघीवीशशरारेवार सीम्राज्येजयेनेसुरसुतनेपा परीक्षासीष्यते. २१
नगसौरे आलपरी ॥ तलवे बनते पपाचपुतेमांनसिंहे॥१॥
अर्थगृह परीक्षा. २२
नषणा महाग्रह होयतों नगस्यानीश्रा रा। ओराधरीने राजयोग पश्विरपर वीस्वाशना
अर्थव्याधीचाणा पूर्वने परेश दुर्वानु
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||१८) सुबासंगीत्वैद्यशास्त्राय|| रागराट्पट्यता प्रास्तोपंओरोग्य लोगसंन्योगनलायेगीनहीनदुनीयो। एसनेहशुनीश्नाव गरागरंगनेतांन! मानमर्याइननंगा याल्ययपगताहीनी नधारप्रमागे। सुतवीतरामानेसहन्य मोक्षमणेभायी गयोमेहेनवमग परेवाअनेतीपाययी मामीयोथायो हा मेहमोतीपरपुरीयेगारीनराणीश्रे|| यभंगनेरायडरीरोग महंमनेगम चिएयापेसुनाये गतहपीरीयेतर्तमा घानणन्नये नभ्याएछीनरोनही गपाप पीसगपएरेयरेवाएयतालेबज्या रस मातेीन मिटेगरा मगारोपराधम एमपएलव्यमगाटगरोहनारामांसा दियानीइनरोरा पुत्रदीलपपोराणाचीच पाएीनेवाडीतामणोप्रापतामुखगायगनय पिनेगाडीअोरापोरीयाऽरीरोवासंम्न गरीययी रेवानपीनीरमांगपरा मान्न संगपएलपी गउरा गोपरित्या लाजगमावीरामवीन्यमान्नुगमांसप
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सुपासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ. १८ ज्या संम गये हारनी। समन्नुतुसुर्यराज्य । अथेहेरुगुएग-२४
छंहललीतना रागस्येयशियर्मनी जांघ्यतेवज्ये सेतु धर्मनी अमररिछ ताप्राशनाणी तेतुने वीरासेन्यमांम जीना सर्वसाधनोयेयडीजने ज्ञांन ीियो अर्पियोतने आ पीरचवास नातेरीपरी तत्व मोनजी समस्यश्रीहरीनामा नृन्ममृत्युनीलदुरशेन्ज़ नञणवयेर्मपुराण नीतीमांन ल्योरेशन्नेरीन मुक्तथैशत्रै एयरएाथडीना वीरायपासना मेस्यमांएयमांन
वडयेलम्यो ग्यारमाएयमांनाश धर्म अर्थनेडशंभमोक्षनान्यथनानडे येतनुंव
नानादा नत्नलजवीराम्यतेवयेन्यां मेवासनामुळयेवयेनाध्यात पेनामनामीत्येत्ययेनशे पलमांपरी
पणा येअपकछे दुलहायनों प्राश शेनरेअलछात्ह्यनोनाधारेहुनयेस धानेनयीरही देहु ये रेवाहीन्यारा
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tumesaHAR
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|२०) सुंघासंगीत्वैद्यशास्वयंय| अदयारण्योरेपानी-२५. होरो अरस्चनन्ठाहमी
युन श्रेप्यार परेवानरगुल्य गया आमनुषाअवतारमा १ ॥ अशवनस्पतीनालारनुपमांग छिंहमनहरा गछरोडरनेछवापिछतरीहन्नरछोड़ ये नायीन्नुघय नारगगनारी हेवीछेअराढलारतेनी मांटेलेहय्यार छमारनावेलारिमार रहेनरी वागी पूर्णवनीयारय्यार लारनंएय- ओगणवीलीराइने नगुने मगीनरी रेरेवाशंकरअराढलारोग धीये रोगरागवाने अनेयेरमापत्येरी. 1. अपवस्तुचीरसयवानुमाप-२७ छछरीगीतना गरेदेअंन्नरांध्या योमसा३. तेमहीनन्यायकी परडोढपोन रगयापछीना तत्वतेनुंरेहेटीयशात्री|| पोरनेमलोणरेने शीतयवालगीन दोनोढसूचीरोरसान्वगतीवीरामथायो जीरा ग्रतमासश्रेहनेतैलमेन्तमा
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ओरीयुगे
सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंय- ( २१ सर्पियुशएगमासनुं व्यंनेनवीधी वर्ष दीवस वमतीवीरसमरासनारेहे अन्नायुमासष्टाशलगीशक्तीलरीन तेथीचीगुएारे हे जणवनुंना नरीनामा तमशष्ट-प्रोषधीर्वरेषेवर्ष तेन्नंनालाएं स्तुये पतीगुटी हीन आरजनीता पारस धातु सव एयते नभ नेमलुंनांयायछेन्ज जयांनसौशक्तीवीरो ग्रंथेर्मुनीश्वरगा यछे या मघवर्षसाइ गोगले शरैच
सुधीशश तममांडते छोड्यापछी रे हेवीरामास मरेमरान्नानावळती रहेप एावीरसताना अंगमांधातुरे पारा शरीमांमापयेन्वीस्तास्युरेवारेन्टा
अयाष्ट्रोषधीमांलीलीसुरी. नोषीय्यार.२८ डोना शुष्कीराघीमांजीलीयों नेहरीने मापह्याथीध्वी गुहगीतेहसीने तमलीलीमांशुष्कवस्तुनसेवी नीमेला गेमापथी मांह्यहेवी
| अथान
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mernama
||२२.) सुधासंपीत्वैद्यशास्त्रग्य1. , अर्थ असायनांसक्षएए.२४. अन्ननलायेनीनावे स्वासघागोन्प|| सिंघवेशी पारनेयीन्नपेद्यतागोन्पा सुपायनहीने अंगशीयीगसो यर्तन लाढेन्नेरवारोमचांतीनातैगमेनारा निंगन्य नेलानणगेलो तमकाँधीस नासुसीलेठोऋध्येरोधीनपाउरावती रग[न्यनेक्षागस्वरे रसोनेनेन्टेश्या वासंमृयिनैऔरायतेनेनाटा रेवायेम जिनेन्नाभरेसाह्यांअशराये सायनांसक्षागगायांनापामतना योमर्मतमाशीस्वारयनोपंथनतापीछे |न्निसोपरमारयनोनाः ... H अथडीयारोगपरहेविकाओ1. पपापधुरोगीनेतेनीरीत्य: रोगविडीयछाडी प्रथमसमलेगावून्डी याशेगपरतिडे ओराधणानारायेस ||मळावागन्नेरनओशचनुन्नगे पडघाली घिनाटांहीतननेसागेनाशात्नवहारे पापा पिगपडतांनमणतरी बराइपवस्येसस्य
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omarw
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सुधासंपीतवैद्यशास्त्रग्रंय (२३ नाथायेछतरीनाउयतमोराघवेणास मळीनसडेहेचोन्तेहल्लीरानेनमन्नग मडीयोगाशानन्यप्राओराधतेवासी मियखेरतोरीनेत प्रातुसबागेचुनाया। चाय युरगडेरेय वमनबुजेनेन्द्याताया श्रीनेतायीपावुत्तेनेंगतेपरलोचन नतरतनतेश्रयायु अंनअनुत्तोष घरेहेनीरमणतेयुगणारेयवमननीन्ने गपुरगन्नम्योन्यारे नक्षपातणुनेहग विताहारेन्टा अपानवायुभयोगती रमतोलये ऐgोषयतेलोग्नपेहे यायेन्यानाअल्पाहारयवानेजरगते|| बुन्तेनेोषयतेलोबनसमयेऽयंन्ता समानवायुनानीमांडरोपीतथायन्सेयीपा वर्भपडेनीयोगये प्रसिपाव ||श्वानेऔषधसाहायुंन्तेनेलोपनम व्यललीरीत्येमायुंनगारा व्यानवायुनी |शेपथयोलानेन्ोषघटेवुलोयननी अंत्येतेनेन्सगाआक्षेपासंधीवायुनुन णनेन्दृऔषयमोजनआअंत्येत्तेन।
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waram
||२४) सुधासंपीतवैद्यशास्त्रग्रंथImran धनवायुस्यगोपेन्यारेजी उरोधनेगास्वरलहषनेत्यारेनारपाने नेलोनल्नेगुसंध्यानेटरांगेओराघव ग्यतेपरमागेनाराऋोप्रांगवा युमुंब्रसहीयंते संध्यासमयेोध लौनअंतनाशास्वाशशशन्वीय विशन्तृशान्व्याधीवरत्तीवारंवार ध्वानी त्यांश्चीलरतीनाथालीन्यनाधिन त्येवग्यमांहीनेन्प्रौशवीमरवनरतु। समीतीनेनाका रसुनेनाइत गागहरयायेन्चायुयेणेशाहीअंत्येऔर रायणायेगारमा प्रत्लातमांथीनीनाच प्रगरयायेन्जन्येयामरहीनेवणतीपस रॉयेनाशायायपीत्तनीनापछीमध्या नसभेन्सम्यासुधीलेनोवेगवीरोगालमे पराहीपरशरेयायुनीव्यापड्यायेने नोअमननीशाअधीसुधीछा नाररुपी पिछीपीत्तनीप्रातुसणसणारेहेछन्होरी
शेपटतीसुज्ञोऔघडेछेनारा रेवा ||ओगएगीमर्मत्तपरियाछेनेएयेवरतीन्न
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रयः (२५) एगीओोशधनी येणातेएये॥पपासायागुइनोशी प्यारे होहरा हरशी मुंढरीमेसेवी हीचावरेय
मांवरशी परशा
मक्कत्थवननक्रीया- अ
छोरो
राज्याधरीसोजोजो नीत्य तोलाम्यार - सोणघासुंनगतेयडी सेवुगों सस्युलारनाथा अनुमांरीनगनोरहे ठीता रीनेते मीश्रीतमानामबु गीयांगाल स्येहा मधसाङ्गरनुमापसे लड़तेथीनी म परतीपय नेत्रापवु सीलनहीतमहीमन्
व्यथमननीय्याररोगनांसर-१२ शीत डीजेवरशाणवरसमांद्ये तेना मापपलरवाथी व्याधीतांहो- १-शीतस्वल्प हेन्प्रयीऽथवामहीतायघणो अनवपामेतेन श्रीसंलवरोगतो-२- रोहनराणमांस्वल्य तापडेन्प्रधीड़पडे प्रेमहीशीत प्रवेशहरी नगनेननडे-3- तेथीरोगप्रगरन्नेरावरथन्निगेन
अथवा
तेमवृशाहाणेवष्टीनुंज लागे घीपोडेनामुद्दलयाये तोँपएाव्यापी प्रगटे
नेलवपीडायेरेवाशगनोशेपलीशन
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o memoriandemasomeomuliersminusitenameramanawanwarwa marpaneyauranagemsAREEDONEERAJansaAR
H
||२९) सुधासंपीत्वैवशास्त्रग्रंथः ॥ लगानगे शहनासमजेमर्मरथामतनेतांना रोन्ग ५
अपि चयीय्यारप्रयवाथरस्था-ॐ नाण्युपानेरडयेश्श्योदयेचीय्यार रेवापा रायपयुहीनेटर. १०
प्रय अर्थवीय्यारच्याचीसंलप३४ छिध्ययमागाना गरामस्पर्श परसा नेगंधो तेनानेयानसणंयोल्प रोवत्त्वे याक्षी रसना घाग व्याधीवरीपखरेन्प्रमा एन्रन्सालगयासांमर्यपधारेतेपलश्रोश प्रयागेतारेन्न् अथवाअधीऽसुंगरामुंडीना हिनुरुश्रियागेयुरेन्सन्तापागोगरी रियाये चेगवीरामनाराष्ट्रसहायेपन्स्परी तामणनेरेयोडोन्मीच्या अधीनसमा ब्लेडोन्य तिरमारोए प्राची व्यापन ध्यायेतेयीच्याधीउन्मान्नेवा-नेनवन्ना विव्यर्यअघीचेगावन्टमीय्यालाणेगम तिमनेन्व्याधीप्रगटेपणीवेन्स्रातील टरसमायासुरी ममतारानुषप्रधुरी-०न नरामारामनपाय त्तरीयांमारे अजगर
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__सुधासंगीत्येयास्त्रययः १२७ ॥ यपाल्पाउमापरेनसयानूंन्येपाराशर गरोगयवान् परन् सुंध्यानूंसामर्थ्यबंधारे ओछुअघीसुंघेतारेन्डनमतमसंघमीण रियातेहेबुं संघरशरणसमनीखेन्पष्टन्येशी रोटलबगहवाऐछे अर्थरेवाशरझेछन
अथ उर्मचारयार शह पायी मानसीडर्भयेत्रीय प्रशारणी मापथडीवीपरीत नंमेरोगप्रपारपान सध्योपापयामांरीर्मनाया यभिचीश्वरगाय पन्मानसर्मस सेमनमाह्य मारतोयनन्नरोत्यांवर पायामगुलालहरे ओछुचीनुअवगुण रे येरमेपातीगंधाय तेयारोगअपरमीत यायलन्ड र्मतपोवेवारनगर डिलेवोलारन्ट डीडेमेसेसुतीर माया| विडीवघघस्यमांवरेन्यन्नमनुत्तममी|| यारे अंगेगयेथीनीसरेन्दन्मानस: मितामणरुप्रगरेलुछेमनयीतहल्कन
शक्तीथीवध्यघस्यीयाय अरगांसंरगां |तेसमझायन्टन्वीरयारमोरायीमुंजारना
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||२८ सुशसंन्पीत्वैवशारत्रग्रंथ
थीरोगअनंतोयान्वारानुसांगर्य अपार श्रेयीश्रोछोयायतियार अधीडोडे अवगोजोस न्यमत्तमन रित्तोल पुन्मीय्यानायरानीत्येडरे येथी रोगरेवानीसरेन्पर होरोरा रायो उरमीमापेरेहेलेशगजीनान्यत्तीरंवारी मरसगी एनपामेडाय५.
अथ अजीमणवीरयार-38 वायुपंयपशरनों हारीतयेगायतिमा तोयोगारछे परमुलक्षासाद्यन्नतेना लक्षण भीगीतना चालना मुख्यमंजीतगो इनीप्ररितीन्नगोन रहेलुणीपरत्लावना नीश्वीतरीत्यना एपनेपनी परतीपीत्तनीते तीक्षा गालीनरतुधार लोग्नपयेलापेनम्यान पीरानपरगयीपारनेरन्गरमतामा गहरीपने महावीशीताम्याथीउना धीशमाग्नीवातपशेपथी वायत्तागाच्याची रे हीनपयेशेनापये बनपटनहोत्या रेन्टन्समोशनीयीसमानअगनीना
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aangredaar
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॥ सुपासंगीत्वैद्यरात्यग्रंथ. (२४|| इष्टनाशये परतेसासुनमांद्यते ।
सुधारेवशुपन्छेलरमपावरूपांच्या मोपायनेपीतडीययो परीयरपरीपरी पज्यो अस्थीसुधीधीतीरयोन्पन्नाक्षा गाघायेहीस ऋशअंगथातोन्नयछेन समस्चाहनेसीधेनही समयमयुतेपाय छिन्छन्ब्नेलशनमत्तेत रोगोतेमुर्वाता इटोन्रेचातपाशीअज्ञीरमाया नातुनौशये ८०
अधिरोगोनालेह पत्तेनाडारको । अथसहनरोगनुपसरण. ७| मातीतानाचीर चरेव्याचाथाये गरमा शीरशेरन्येसहन नीगाये- १. | प्रथगरनवनीतरोग परेशंगीसुलोमुंडपांगुरयाये शरभंगा गीयेगनबनीतव्याधीगाये
अपन्नतन्नतबनीतरोगसदए. मीयाहारवीहारपीतामाताडेरे सुतप्रगरी रतवाऽरोगस्योरेन्पन्गुंगापागनेश्रा गोतेन्नेर न्नतन्नतव्याधीरेयाशन
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|३. सुपासपीत्वैवरास्वयंय.
रन्यरे.. ३.. । अथ पीसाबनीतरोगनुसरण. । प्रहाररारूपययेयीजेपीज्वान्नगे अस्थी लिंगप्रशक्तीपीयननीतलागे। . अथणनीतरोगापमुंडारण गीतरीननेरशारणमाघेलमती ताप शीतनेससीलयी नेमतो रोग वात्तेनायीप्रागररेहेछ रेवागबनी तत्तेनेडोवीनेछन्
अयप्रलापनरोग-दुग्नुंघरात गुइ.सुर परमपुश्पनाशापथीथाये उग्र पिलस्रोगलावबरसाये । अयस्यमापनरोग तुंगरगा
सुया तृशाने करायरीन्नमेन्नरे, रेवारोगा ||स्वलावरप्रेगरययोतारे । अथशनरोगरनुंडारण बहुद्देशमांशांमन्स्वेत-नेलाबन्तला रोए अंगनहरस्युरोगवर्नु रेवानीन्नन नियोगहतेनवशाय देशरच्याधीग्रंथी। मुनीयोयाये. १
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पात
सुशासंगीतवैशिस्त्रये (३१||
अयप्रागंतुस्रोगनुहारा | समक्रोएमालोलपञ्चेपागारयाये लुत् इत्लयागंतु नीयोगाये।
अथरोगमन्नुशरण पणीयांतपतननीरममायतेवोन्जा रोगरयेवाप्योसमनीलेवोन्५ । । प्रथमंतररोगानुशरणः चीजअलांनअवायवोथानिये अंतररोगरेवाप्रगस्योभुनीवरगाये
अशरमनशेगारनुसरण पुर्वजन्म आपन्मे ऽच्यु लंमत्या उत्तेनुपातीसरेवाशीच्याथी
रानडेछन्तेने मनरोगपुरुष पापीन डेदी- १ । अथ शशेगनुजसाग. वातयीत्तोशथडी प्रागरथाये औश घरतांघोरवीशमघरतान्नयेन्या होगा व्याधीग्नशांगासरवेनगेन्नासमा मजेरोगथयोपांगशागेन्र ॥ अथर्मोशनशेगानुसा.
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||३२ सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ मित्याहीपातीडोरात्रयेडशेपेनशम पीड्यासाबलीराइवरनीलोपेन्पन्उर्मप| गिबरेवाशेगगरयायेन्सहनीज्ये रोगपतुपरजाये || अय-योहरेगनाव्याधीनीशार
छाञ्जलगाना सर्पवातेऽरी सावधानीरसतोयसमधव्याये गौहतेचेगनेरोऽचेथीभरी अंगनामांद्यन थीरोगयायेन्पन्प्रारमेन्येऽरीचेगतेनी सहेरोऽवानायष्टीरोगवाघे गायग्रंथ |तरे प्रगरतेनेसुलश्रवाश्यायी पिसायर मुत्रन्मल्नेअपीपायुन्नी वान्छीन्नेशिन्नेचासोन्यांतीन
सुन्झुधान्नेउरोयताशंभैनोवैगनत मगासोउयोध्यांपीरहेएप्रोटुंरे तेयडीयायतमन्याया शऽत्याको यायतेवेम्युलेगनाराजयोतेनगावान्टन विगतेरोऽवेयायन्याधीवक्षु सुनसमझीने यशीलसाहारो रीत्यरेवारसीड्वार्णवेलसगे सांलग्येसर्वनेरांनयारोप.
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सुधासंगीत वैद्यशास्त्रग्रंय. (33 प्रथमुत्ररोधी रोगथायतेसूत्रवेगने रोज्ये रोगप्रगरयाये नीहानगर तेनरनां लक्षगगाये. १ लींगपीडेने. अंग शेल्लीयो शीरं पीया गोजो पथैरी पेरपीयो-रे हे मलीयाहारीन अयानबंध यां तीन्नमे पीरैपीड्यने मुत्रउँछ सहलवांमे ०३. देशमुणमांट- अर्धवर्तनव्याधीती महने पीरहुये मनमा आधीन् सुरोगये साहश प्रागरथाये रेवारसी डे वेध्यमनग्रंथो गायेन्य
૧.
૧૭
अथ भगवेगरोधीशेगोयायते. २ छंहीगीतना पगहाथमाहो शैल्जीयो पीनस पीज्या मुस्तेउती रेहेमुज्ञमुषां नध्यो पेटमांपीयाघपी-१- हुमेइंगीने बंधन मुत्रछछ मणेरी वांती हावेर्तनग होनें अज्ञीमहने अस्मेरी-2 जणवंतंव्याधी मारये चापीरहेतनमांरडी नमेरेपासोरोग ये मणवेगनेरोज्यायी-3अथअधोगतने प्रपानवायुते वेगशेवेच्याधीयायते
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||३४) सुंघासीत्वैवशास्त्रायः शाचीनयन्मएपेटमा पीज्यने पाय मनापासणेसुगने प्रष्टीतस्नायुरोपे टने गीतीध्येगमायुजगोगान्पायो-खीरी
युन्नेत्रनारोगने मुत्रव्यांची मंगरोघरहेर मपैटलरायुगोव्याधीरेवारांमार पनेरो श्वेयेअधोगतवायुप
प्रयनीहावेगव्याची छिनागीनी मुनापीया यक्षरे
लारलागेाणसाचेन्नत्यमान्नेलागे मोमगोसांथायराऽरोगसायीरेवानीश वेगनेरोऽयायीन१. । प्रयत्रशावेग-पन्नाल्याधी. छिंगाणीनीना शोषयनमा तागडे नीलसुरेवमन्मधारनालागाऐलानयुग रंगोल्ली स्थापनाल्देशानों रेवागध्येरे गरोज्यत्रशानोन्प | अयछीईचेगरोस्वाथीच्याधीयता.५
ध्यामरा अंगअंगवातव्याधीन पोरमलंगनी एर्मगसमस्तयाय नियो अंगनीगन्जोस यनत्राशनेत्र
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सुधासंगीत्वैराशास्त्रशेय. (३५|| गरायतेन्छीइयेगरीज्वेरीनेरोशयायतेपन । अयशगरोऽयीच्याधीन्छ । संध्यामरायवरागवतानेरोज एरेरही यायचेनपानगीएएयरोगत यहीन्पश्वाशशुगछांतीयेने पांसगांडले बरीयायछेरेयायेरोगशिरोऽयेऽरी । अयस्यासपेगन्दरोग्याव्यादी गुल्मपेटमा रोगीने माघगोन्धएप टी ले एडोपेरैतागो रेवारोगयेऐयगर रामेयीश्वाशनोवेगवीरमरोडेतेयी । अथवांतीगरोज्योव्याची...
बुबागाना स्वासने शरास टरनेवातागोरोपयायेल्वरन्नेरन्नगेन्याय मुजाह्यमुपपाइ युनगेटोनीमांद्य लागे नेत्रपीध्यारे पीतोपीराहेयमाह लगमायी थायगहमाररेवारसीरियरे|| पांतीनागनेरोऽपाथीन्२..
अथासुपेगनेरोइन अपीए पोऽसंतापयीन यासुनरे रोतेराप्मतारोगऐसारेनन
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www.kobadiah arg Acharya Sh Kalassagarsui Goyanmandi ३५) सुपासपीत्वैयशास्त्रग्रंय. पीनस पीचरेशीरनेवव्याधीधाएगीणोपीग
तीयेशष्ट तीगीर माँगतागुमा पीने तशरीरोगरायायांसुनेरोऽये|| चीन3.
अयक्षुधायेगरोयेथीरोग-पु.. चिंध्यामरा पगलुमनीवीरोशरोड़ योनशेपणे तेमन्नययुतों अंगअंग्माण
न्यू शरय युशनेगी खानीसर्वचा तमासर्पयतुनौअलाय पीशप्रलोत्तमान रशियोशीयीलतेनारायायतननु लहाश्रमगनमानानन्उन्न रिक्तहीन चार्गपरवापार मंशम सो गरोगलुमनायडीन४ नरवालपा सीप्रेसनोस्पनोमनेघागोरोबोधन वेगवापती घातगोपन
अथकारगरोवेव्याधीर अश्गी आईने शिवायुपीवाघेला छाती छोन्नर शायपयाँतारांपन्या समस्तरोगसातथायछे गमारनेन्रोचे उरीने गये ओरहारने २..
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सुशासंगीतशास्त्रग्रंय. १३७||
यहरमचेगा चीनयना गमनावेगनेरो वेरीपुरी गीतेय अश्यी महलीधे || शमापीरनेशीई प्रेमसुरा संपरेनापथ तकनसीधे शक्तीवनुतैशरीरमनेसन नासुघरेतेपदीसीडी आठयेरोगरटे रेवारांडर शंमनोयेगनीपारगीधेपन्न
अयमगासानोंवेग-१४ । छिपडमाजाना शरीरलारे गुना त्रिीलांगेडाईतर्नुपगलागेकन्डादयो मुगीयीलतापांमे ओस्समेनोमुणरहेगी मिल्नीलहवीरायतेऽरतां क्षोलन श्योऽश्रिोसरतांन्नरोग्येरेवायेअनी सिरण्यो वेगनगासानोंयेवरएयोन्टना
तीयौहवेगरोऽयेव्याधीवनिसमाह । अथरोगोत्पत्तीयवानुहार गपान अतीचीशमासनयी-ननीन
तथीनगाध्यघटेन्नीशीनगरमा कमुत्ररेतीप्राकारलरबराना गटे अग्रीनवीहारउरे धीरमे सही
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||३८) सुयास्रन्थीत्वैद्यास्त्रमेय. नवयुपरीतापवरे पीत्तसभीर प्रो पीतयी अवधीरेयारोगप्रथमप्रगटेन्म
पथरोगरान प.गोपरित गवैराशास्वीरो याँन्चरव्याधीनीराय प्रगस्याचीन बक्तनोलपत्ररानवन्नयन्मास्ये भागण्ययेानोन्परागुचीपीवीस्तार संलचनीयातएगा सैन्येपामेपारन्य घागाग्रंथनीनभगतान शोमांजनडो यसोनुंसाधनप्राचीरोल हरीशेतीसा निलीयन्न ॥ अथब्बरीत्यत्तीनुशरण दृक्षापमानेडोप्याशिन्ल्यागामुष्पग|| रितेशन्न आगंतुसडणवरसार युग्मवायुपीअएप्रशारर रेवो प्रथम वातल्वरलागे स्वाशशीवनोन्गह एन् । अथल्वश्यघानांगरण
नीरतनावीरानमन्सत् शोऽधीलयालुतेने अपवाइन्जुपथ्य ॥
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सुधासयीतवेधशास्त्रग्रं. (३४॥ टी-अंमधी-ओराधेसुंघेन्याओ शयसुंघेयान्यातपीतयेडोपे वीय मयुग्मयशंत्री लावत्रीशनखोपे पातुर्थीपरप्रायम्प्रपीतयायेगा यी रेयात्रयोदशसंन्नीपातपएयूपारी|| तिथी-१० ॥ अथल्बरमावधानाशपश्यः । नागनीकरतना अंश्यीशान ||श्नेन्नपारा प्रतीसारन्हीकान्वी मीशपन्यांशपरेवायेहीथीहत
मनुरेन्यतान्वरपेलापंरमांयासपुयार । अथल्वरपाययेवानीमयधि
नरोल्पीनसातसम्न्ोषवल्सन येऊन् राशीतनलागेनन् डोरीमोचीवन पन्समीरने धनसातनीन्दराठीनपीतना लयन्सारीवस नागयेन्श्योचाथि दीपायल्पराधिलंघनरेन्वोपुस नहाइस्तम्भगोहरेयायतीन्पोषध पर प्रशस्त..
अथस्यीपागवानीप्रकार
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and
४०) सुपासंगीत्पैरीरास्त्रग्रंथ नीजुतुरतेलधीपारमाइमायालयमा जास्येनेभायरेन्तेनरपुरन्नयन
अथवातन्वरनां लक्षण: रतनागनीना गवायेरायने डेयने रान्पीनारहेश्यांनेछुपेशरीरावनी १० सुने होड नावानलावन्या शमशांमनीशनआवेन्२ मेडेडेड्या शरेषगासांअसाधीरेचाचासल्वरनी|| पाणीपाघीत.
अथ चायनुरजनन चायवानपीए{प घरचुंबकनीर धारमारीनावासएगवीरोन्यूलाग्यनीशी येत्नारन्
हेनोवायन इंडणीरत्न सुरन्धमासोनेड्डे शिरीयातुअनुकुल ग्यपीतपाप रोमोय येरंडामुणन्मोथ्यामुण अरेरी गगोंडेयर घरेपागीमेशैरन रहेनपरोहनपैयेरेपानागशीज्यायन |मयमुट्टीपायेन्यासपीतमाहीन्सर्पन्च|
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सुधासंगीतपैशास्त्रग्रंयः (४९॥ रनुमन्नयेपन्ऽतीनागराञ्चायसमरा
अयपीत्तल्वरनालक्षग छिंहनागनीनाराअतीनवनां हलेघयायन्टुमुम्पनेलवरीलपान यमुनष्ठमणमुत्रने हपीतन्त्र पीयीलगानीअलतन्मन तीमंहनेक्रोपलान्याशीवायीन्छ यी पीत्तन्वरन्ने प्रशान्ते परी शक्षाहीत्यायन्य हाणमारंभाग गोमासोन्मोयन्अयडुपी-सुंम्बन्धमा सोन्म घसारनामी नेपायन्तं
गानेाहान्नयनरन्मुप्रिलापन यीघटेन्रेवापीतल्वरीधेमटेन्डा
अयन्वरनालक्षागत षट्प्ता सस्वारान्डशिनेस्ये| अश्यीनीघवान्मधुइमुनीलहीमा सोयनेलारबखायेन्पाएगीनीोयपी चमीतेवरनेवाऐ रोमहर्षगतलंगअंन्ना श्राराक्तीयायेन् अपत्यवस्तुतेपरेच्या धीबननुमनवसे रेयावरगरता,
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||४२) सुधासंगीनवैद्यशास्त्रग्रंथह्यांयीन हेहेनेथरी १. ऐनायरम्या थलारींगाहीरा छंरीगीत लारींगे-यीत्रांछास्य हळूहर निव न. जील्ये राऽऽयोरो-सु-पीस्स लांगरी मेरी हील येन वृशी ज्यूरी यातुसवे-लाग समलेवांघरे. पीयेह शहीन प्रेमेरेयान्यरनु हुप्पमरे
૧૧
૧
योपरितना
अथैज्याश्रभुञ्ज्चानुवननराजशेर पाएगीजाण
तांत्रनवरांननीत्यन्नेस्व्याधी डीपर स्वायरे खारीत्य
अथैवानपीत्तन्वरनांलक्षण.
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પ્
नागनीरत्ना रात्रशाद्दाहमु हुरे इंग्शोश- शीधीजीशने नामके अंग होश. १. वीरणतायपुचांतीनेरुर्ष यायेरेवावानपीत्ततएागुएागाये..
तेपर असताही स्वाथ रो गेलो. रासना-रंडमुण-मोथ्य-हुतदेव हीडे- हा शतावरी शीचैन- येव- १. स्वाय पीये लागनवा
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सुपासंगीतपेयाराग्य. १४३ तपीत्तन्यलयस्यासडरानेगुगर्नुन्। वाहुणनयायनर । अयउ पीत्तल्वरनाललग नागनीहरतन राघगीतरानेस्वारा नहेरीतन्मालामारुतष्याअीपहिरन चिपुरेनाअंगणवेगवायेइपीतल्या रखसायीलगायेर राख्यायनुनी || नाही पर रोगाथेरीयातुन
गिदाधर रामुग शुर-मोयन धागा-मरीगरपीपस्यअनुगमन्त्तुंनी माहीमचाया-पीतांसोडुनन्नयरोगस्या सअपीन्यमीरपणायन्य.. . अथावातल्धरनालसग. हुमेरा सांधाचीणनेत्रयायेन् अश्शीलता ममनअराक्तीगाये बरामयशप निश्वासराराधेशायायमुर्वागणुइयसपा धे-रहीसेशीत नेत्रलंगमागेन् वातवर मीरेचायणायेगा गर्मागापंन्यानोऽवायन्याये
गरमागोन्मुंणयीपणी मायन
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• सुधासंगीत्वैद्यशास्त्रग्रंथचायनांमीयेपीयेन्द्रावरन्न व्यन्दनगरमाणापयस्तो-ज्वायो सोरोग रेवान्वरसरवेसमेस्वाशाशनोयोग वैद्यनेसमञएगलेपानी समन डीधे प्रथमनो रसनांमतांमुगला गनतां संभागले यात्रन मृर्ति हुन्छ
अयले प्रहार
होरो हेवाले अनंतछे गएगतांनावे पार-अंगणीतेनेसडे वाडेघरागीधारन्न अल्या युरिअस्थीरमती व्याधीले अनंतन्भु ष्यरोगऔशधरयुन्सहीशक्तीलगवंतूर सरवेच्द्यावेयेरुमांन्जूणङ्कुसत्याच्चतुण-रेषा
णारीनरन्जारेपज्ज्युमुणन्न्योडामा झरएर घर लांगे पूर्वपुराग एंगपुरुष मरडीसरे जेजजीनांषांऐवासर्व पायछे जातल येऽनन्नयन्लेहसहीत ते ऐनेलइलेतांतरतनगायन्न अथ तन्वरनांलक्षाग २ होरोना रावीणनेत्रपेरों सवरीने मध्याय- पेरलरीप्राशनारे-प्रेतन्यरसेवाय
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सुधासंगीतवैरास्यग्रे (४५.|| १. हेनोशीपायल यांनयुश्रम गशिलुइनमतेषागीनाशगंयागा नियमनानासेयायनीराशर हींग|| लसरगनांनाशअंग्नयायाबाय दत्ताऽनउरे तोपेतन्वरन्नयन्३० ॥ अयरात्रपागवेक्षतन्दरतेनालारा || वायुशेपनेतागणाताडोभंगवा रक्तमा गातु शरीर उगतरहोयमन्पपलटे ||वरणशीयीलतासघणीमनऽरनुं रेया लक्षागार्डन्नरक्षतन्परनन्दना ग छनो पीपाय पीयायपि घरावे नरेय संघननाउरावे नारीमा येरीलक्षीले मधुर्यारोमीनार
ने १० 1. अथवीराबश्नांलक्षण अतीसारबनान्चमी-महन्मुशामत च्यायरोयनेमोथीवरवीरान
वाय-१० पाहेनोपायन्ाोरो || सतर्तयांन्तीत्तेद्यनेनुश्रीघरी पायरेवावीशनीवेदनापसभाधुर पता
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४५) सुधासंगीत्वैद्यशास्त्रययः
लाय. २०
अथक्रोधवरनांलक्षएग-उ शरीरांपे शुष्टुवघ्न ज्वरयेगधागोन्प्रना पलोयनहारु लमाता महत रेवायेशरलाते हरसुनेने क्रोधल्वर प्रगस्पोडे अंगवीशेतेने गहुँ। नोडीपाय- शीतमवगनसुलोन नमनगभतुहीने मीष्ट मधुरण हे गमती सेवाडीने १. तेन्यमु रहीराल पाये-रेवाकोधनवरशमनीन्प्रो राधगाये. २०
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+
अथभांनसन्वरथवानुंहारएालक्षग
पुनमीत्रनेत्रात लारन्यानारायये आशा लंगप्रधीपतीशेपसुवस्तये येल्वर प्रागरथाय कुलक्षएाहावे सोयसम
संताप नलोजन लावे. १ बीहारा अंतर नेत्रप्रतीसार मनेग्लानी मुम्महा नीश्वासन्ववयने हानी वाला एआर कुञारेनरमा रनधारीशले रायये मानसन्वरमांन्उना
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__ सुधासंपीत्वैगुरारूपये. (४७ सीपाय- मुम्पज्ञाननेधैर्य प्रषण लावीवराएी शोरीमनसोपाज्यपरम पनगनराएगीप नाशरेक्षागमाह्यवीरमारानीव्याधीमनगमतुमीशन रीमनसाधीन्य रेवानीमीत्तनीइपी ररएराणेहरनुंन्येतीपयारेन्नेरमटे मां नसल्वर-3.
अर्थमन्वश्नासएगा अग्रीमाणसअंगनयनमांधनघागुन न्नीरखनेमतीमहसुनानाशपए। धेर्यवनोयनपश्योद्दीशारे २. वायेप्रगीयार लाखसएगलेनेन्सम ल्वरनोंडोपययोहेरेतेहेनन्ग हेनोपापाय राउंदमहीराना रा रोमन:पमनोहरशंमनीमधीलडीसा गीसरशी चस्पीयीत्रचीनुषएगनेते घीयुगहनीहीशी संयणनेत्र तीयपणामहनानुरमाननरीस्परशी | मरासनावनोधहटगेरेवाडेयांगना||
मनभाए हुप युनीस्वासघरेका
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४८) सुषासंगीत्वैद्यशास्त्रग्रंय.
हरशीन १०
अथस्त्रीनाशंमन्यरनाला.
छंदसाईजवीक्रीजीतना राहीसेव ऋप्रोक्ष संगणघेंगी मुर्छार्थलियछे म नयतनै मोऽयेषुचे छत्रशीत्
૧૦
यायछे नी नाश नधैर्य लॉन पसरेअने अशी रे-रेवासक्षागरयुक्तूयु यती यावी शंमन्वरेन हेनो पीपायना मायामयम्सुर हुसुमनाहारनड्ये पयसार पदपोश परममीषानवडे रेवासेवान्नर्घस्रेपोत्ये वरनी तो संतानीलोश्यरामे संभब्वरनी
अयलयल्वरनांससाग
होरोना ॥ अस्थीरंगीत अरेयील्य मे प्रणापने प्रतीसार लाग्यलयब्य रनांजप्यां यतुरेलक्षाएाग्यार हेनो बीपायन ॥ पुष्टीजणपात बहीने धीर्यतएगी. साहासजण हरसाव्य थनेिधर्मधाएगी-रेवा जेरामाच्या थयेला तेऽश्नो-नमरीतरतमरोऽलरेसलयन्व
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॥ सुधासंगीतवैद्यशास्त्रय. (४८|| रनी.
लगन्न्वरनालक्षगत. ग्रहगयेयेलोमुक्त योगनरेन्बरमांये|| वीहीवसलगीपाघारपेअंतरभास उपटेय
अस्थायीतेप्रागरथाये ब्रे नातेमनये तनवीन्नये२ धणेशरीरनीमप्यारे पुरन मणशया अनागीयायनलेलण्यावानी यन्न्यीयोऐनीमायनमे पीनेपागी नहीं तरपानीहाय नमोखायेताशीन्हा पेपर सगीपेट रोररेटेरिनु नवलक्षागे । ए रेवालावरन्पना इनोसरी यायाराहरुरीगीताले रायोरोन्सुर-नागरमोथ्यनीतालय नीयातुने छासीहातेमांडुपीतपापडोन
चारीनेचगाजर घरपात्रनामा धारमा राहीनीत्यले डीसीनेसांजसना वारमान्य रेवारसीनुलेररग पनपक्ष युरोमायछे न्गसाय्यदेतालल्वर अग गाअनंतोथारछन् उना शायरी सोरहरेश रापयणडरीनुशय पयतुहीच
a usamparawwwmomamraparmomaRNATIONAamariwwwseemamwamaniyanmmandarmanegamaymeaRamnamesulimmom
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www.kobaithong ||५०) सुयासंगीत्वैद्यशास्त्रपसये थी तोलएल्वरन्नय गररे वैयन्त्र मुंलपीन्पा शिपाय-3. छंच जुलएगाना सलीमपत्रोरेसुंध्यपी पिरमरीशीत्रभुण अनमोरलीने त्रीला जारच्या मांडीपीतपापडीसंगणसीपया मीडीजेन्पन्नाध्यमील्लवागमहीयस्तु पोहेमगीवाटीने वस्त्रगाणेरीगेन्रांड पुर्णनीमारोपातमालार्गवर वेगनेन्या राडीनेनरन्तेमनीहीतारमन रेपोतेएन अंगन्नेत्तिह्यनुमापनमतुरीत्यरेवारसी डनीयतुरगाह्यतो उंगडेछेनीउएराम
अयअलरएन्वरनुंशशा सोरठोछंन्य अपरयामायामा यामुद्दीवएडोमगठरी तेरोटुपयाय नंमेल्पर अलरएतपोन्न । अयप्रलरपन्चरनालगश्लोजगाराचारेचारेपातगोयायन पाछेपाती आरोपेताडोन्कन्हरगंशी || नामुषप्राडारो गडगडी पोरगी रहन्नरोप गलक्षागये ब्लेगन्नगो
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सुधासंपीत्यैद्यराश्यप. (५१|| घपोछे रेवान्धरये अलरएनएोछेन न्यानोपायन् गहरे
गन्अन्मोद्यमीसंगक्षीने सर प्निीवस्तुय्यार जरीप्नलवरीनेन्सी मीनीमावरती पंरपाये रेवान्च रमहाघोर अलरगनोनये. । अथष्टीवरनांलक्षागः सिंगहमागानाछंहन्यापटपीध्यान्न अपीमनयाये हायपोगतरणोधाये
नायगासांअंगअरोक्ती थाय शाहीनासक्तीरेवारामारा टीनोन्सहीलक्षगड्डेयरमष्टीनोउन रहेनी पीपाय राधेमोहन राशेडीझींगमरीमहीलीने पीपरसंम्प सीसमहीने लंएगांपुषणलेजसचाने मिमांडेअनुपानेर रेवारांड
Kगगननजाये तोटीन्यरर्नुहुपन्द यन् 1, अयस्क्ल्बु रनालसए. |स्वासमुणेने पीरीजमंगशायरीया
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mamanamamurdeomoKavamommugamaraatmaramvemannerworwanamutesariHTROHAR VIMUDRAERONAGawmauniasaramareasanao saminemamasummercasmadrasamurgamanamanentnewswerliamaamanaparamananemanaMERAMAminewRingressenimamcebomaneneramenemineneramanaparithivram
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||५२.) सुशासगीत्वेधशास्त्रग्रंय. लसरीर आरोपेरथायन्पन्पुर्यवान मुनायेड्यांछे घरलक्षगयेरक्तन्न्च रमारांछेन्२. अल्परीश रक्तन्वी तेसोहीणगाड्यानोलावयायतेनुंनाम, यस्थ हेनोडीपायर एं ललीतना गहराणीनेअरडुसोही रे हर छात्यनेअंजनरेन्पुन्मघम गवीमुरानेडी रांगेतगोडवायस्पन चरीरअर्घलामेणवीमधेअंगे गमायापरोजन २० रसीनीरेवा ब्ले क्रपाहरी योगयेऽस्येरक्तवरनशेन्टर . प्रथमगन्धरनांखलाग. छंदशीनरीगीरा, एमगन्धमा ये घासुननीने शीर्षवरने लगतान घर मुरछावमनश्रुगपेटे उमने-कून रेवासमापसातेप्रगटतनमाथाय पण मांचीयक्षगतेन्नगेल्यगीतल्युरन्नां शेपमणमांन्यूनगाहेनोशीयाथन
নামাঁঠা -| ती पीपगीमुगगरमागो परममा
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सुधासंगीत वैद्यशास्त्रग्रंथ ( 43 सी-१ स्वाधीनसात पुलातसमये पाये तोरेवामणनान्यरनुंसो हुन्नयेअथश्रुतीहान्वरनाला प्रजनन्मपूचे पीड्यतावडेरी राड़ांगेज नेल्लीयतेघागेरी १ अतीसारने गहनता गपे सजणेशोइने श्वसने हाये रेवालोय्ययेससागप्रष्टया
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यमुनीश्रुतीन्चरस्तेदुगाय ऐनो दीपाय रा छंह जुनागाना रामोद्यनेयं रासायनहरे मांडयमहीमोयरस छाल्य हुडे नाप्यधांएगा नया भैरनुंसत्वमही सातले वस्तुसमलागार- १. स्वाय
हीना पायप्रीत्येश्री श्रुतीशवर तासुन्नेर लागे रीत्यरेवारसीनीरगी गीत घरे पीड्य ने परमआनंदमंगे छतीत्वरप्रांगतुतही समाप्त अथज्वरडुरंञज्ञान. त्रिशा ताइएगी न्वरनीसाध्य सहारेहेछस्वाश द्वाराजे मीत्र नगतन्वरनाडेछे
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५४) सुघासंगीत्वैद्यशास्त्रगंय. सध्या चांतीपुत्रीलातअतीसारड्यो अरंगीलगनीतम मणीसोसारियरह्यो
एजेरीलाएगे आरोछेसस रोन्मुर्छन्वरनीमात परस्पर येरेलको
न्येऽयेऊनीमांह्यअंतरायोप्राएगेन न्नेरवीनानान्नयप्रांगनगनातागेन
पशुपतीनांयेयुत्रसमणशक्तीला रीयोरेवारंपनीसाथ्यारेपनाहना रीयोप- तिीन्वरंजना
____ अथसंन्नपातपाएग. लागेनेक्षगरी तनेराग्याययीका रानेस्वॉशने हास्यायन्दन् एगवेना पिनेशीशन्एलद्धमुनिरह अंगलोशन्रन्गलेनैत्रनेलगरक्तन गायत्वीडतालगीशमेश्चगयायन उन्टेनानीनभावेन्थीरोनी म्हनालुधरनलावेन्स मेनैरे वायोनौसीधुयातेन्नपायेगये श्रीया तीसंन्नीपातेल्प अयसन्नेगा तपरीपगारानुक्रममाडछे.
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सुपासीत्वैद्यशास्त्रग्रंय. (५५ संचन अनन्यारगेडरेशोगलापन नाडेपोषपमुचुन्नारामारोत्तापल्पना सनपातपयोखीरवाज्याप्रकारन्न ओशघडरीनेरापयोस्पिरपराधान रन्न्डे सर-सीधयनेमरोन्गोगीन रीनेणायन्सग्रहांसंन्भीपातनीरत्य सरवेन्नयन्य तेपरलारंगारी स्वाथना-रालो गन्गणोनेन संबडीने अतीचीशनेलीपनीछोल्या लोकमरीमाभंगांव घर-परोयन्पीपरंपरेती-जन्सप रखरमरीयातुने डाडाँगी घुयेन्न सौतर-ट्विारगी-मोत्यसयेनन् पॐवगीजायगां रिंगरंगीपेन्गरमा गोनेरासनानगरसेन्टाइन
पुस्मुगलमी- खेयोन्यायिसला गनोऽरहार्मन्पन्अतीसाहीचा विमी-स्चशिन्श अश्यी-कमीशन दिनाथायनान्दिन्त्रीशत्रयोजन सत्संन्नीपातलारीगाचायेरेवा
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||५५) सुशासंगीत्वैद्यशास्त्रयः
रोगनतन्ड. ॥ अथ शादी-युर्ण डिंडणीयोगा'गजायगा पीपस्यन मिरी पुस्करमुण-नारीगन्सुनन्धमान सीनेन्सचान्वाटेमधनीसंगन्यारेमघ नीसंगन्यारे अपनेनेचारारा नेहीस्वन्त्रीशिमराडेतनेन्अधोरसन न्नीपाततारामसरचेन्नयेरेवाउट्स इमारीयुगुरगसागरगाये पुरू अपग्रेथाञ्चायधगारोग
परछे. छनागनीनारापीपीमुणन लारीगने चंदारसचा-सुचने मलार मसार १० पीपरपाट-घुल-पुरा यैरन्युगगरासनान्गीजमुग खयांध्यरीयातुन्नमोयन्सलागा वांउन्हे-गव्यगरीगोगीन्नगो जवन् पीयेरोगाने रेझुंती-छोऽन्टना रसंन्नीपातादीन्त्रीोश पन्शुगन
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जगण ये मंरी-लागशेन्वायचीडंगन
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१०
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सुषासंगीत्तवैयशास्त्रग्रं. १५७ शीर्तने शौ वाताहीलोप पा नेक्रमने द्वेस्टीगे गोणी- परपरेतु श्रुती रोग-जाणेन्दु-वीजताने वीरंजय सो ले-समावे-रेवास्वाधिग्रंथादीलेगुएालावे व्ययसंनेयातंभांप्रयेतनोउिपाय. डीमय वनने- मेरी पीप
होरोना
स्व-सीधैव-नेह-नीरेगशीनाघरे पेतमरशेहेरून १. उरीयातु ऐने-संवा पीय वन-डेवाय- प्रायणे सलागसीन्यु राजास्थाय अंगेतेम{नारे स्व पणे जरीयेस्य संनीपातसरचेरामेन होय मायचनी मेहेर ३
प्रथमाये जांधवानीचीधी. ससा - शर्धने संर्धुवा छाल्य- जले! हीरा गोमुत्रेस्री शेरलो- घरे रोगीतेशीरान् घरे रोगीत्तेशीश रहेजणयातासुधीन्नमरेतो येन्नएय- घोरनभरेगत्यधीन रेवारोग जगवंतत्र्यंतयेसुरनांआएंगे प्रेोधित्रवणुयायलयअगनीभुजगेन्द्रअथपंगचकरससनेपातपर.
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||५८) सुशासंगीतपैशास्त्र पारो- गऊ रंगसोसोध्योन्वछनाग मरी-पीपरन्धतुरग्रसमापल्यस लागरसमानत्यानन्गुरीगुन्नड रवीन्सन्नीपातत्रीहोरीन्चीशमल्चर पर रापरवीन्पपवक्ररसनांमन्रेयासरवेल्या रन्नयेन्तहीनभानेलातमिल बनणायन एअयशीतलंगायुः गाउंलोडी- तुमीसरोवर संलग-अल्मोनराणो-ससगन्युरना एगवन्नेलाग पन्चारीनेयोगेवपुरी तिसमुगीन्नयन् संन्नीपातव्याधीसमेन्नी श्यामदुरथायन्.. । प्रथगनमत्तरसत्रीोशसनेपात
परसेन पारो गन्मेसमन्त्रीदतेसंमलेन्यता रागरसपीशेन्टीनयेऊमहनन् मुरसत नामान्त्रीरोपामेनारीहन्मतसये|| शिवतांन्त्रीहोरीनानविाशप संन्नी पातव्याधीयीशेन्यसेत्रयोरानेहन्अय! योग्यतेअनुसइन् नरहेमनमान्उ
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d
सुधासंगीतवैद्यशास्त्र (५८ अयन्सनेपालनानांमनेतेनीपूर्वी परमसंघीगा सातवर्षेवीच्यायो नीले तीनशनोनधारोन्न्त्रीन्नेवीशी ननांमधडेछेन्सीतलंमनेवर्षत्रएया वरेछेन्रीतांगयियेपसमापागन्नयन तेथीतीनपपीगगायन्उउंरगना उनुययेधीनतेरन् कु त्रएयमासेन रिन् अपलुसनेत्रहीटीनाइन्। धिनस्तटीवीनालीशरन्पन्प्रगापड्यये | गोमेधिनालेन्ही रस्सोगमालीप यजालेन्दुअलीन्यासपक्षनाये पूराामो लव्यानुरासन्नीपातेनन्नागोजरेवा पाएगीहेडेपले पंज्यसेनोन्लयऐन्नेय नधीशजेनोन्र.
अथसंधीगसनेपातनांलक्षाएगः रिपुशुण-सोन्नेउरगपेरयायेन्सालेसर्वसा पाशुपतीशब्नये पन्शीयोलगारन्मन गहीन वायुपर्शक्तीभूतीयायन नीशंअलोपन्ररेचारलायीन्दन्नेसन यायचीरामसंधीग:सनीपातेसायजा
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२.
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५०) सुगसंगीतशास्त्र तपररासनाडीवायरसयम् रासनानसंध्यनेन्मोयरीगंगोराने उयोरो- लीले १ अर्डशीयर समुग-वार-शताबग्दरामुग्न्सहया र प्रशार.२.पीयेज्वायसंधीगगेरोग एअरी-वर-शोइनेस्वासन्ते एन्सरयुपेहनामनेरठे रेवा महशीरासनादीमराडेन्ट । अथ अंतसंन्नीपातनांलए. प्रतीने उपनै स्वास-शिअन्यतन अतीतरीहनने-मोहपाशन्स वारी रे-शीशपेन्सहायेरेयोपंतप्रत्यागवा योग्यगायेन्२. ॥ अथ घसंनेपातनांसहए. लवारी-लमएतामोहोन्डंपन्हाशपणे वांती-संतापनेन्शुगरचाश-पत्रशि-प्रोयानान्नांरोघयाये व्याण न्येना-चूंनीमंहनगायेर रेवारोगर नायी मुश्योपुनर्पिनुनीबन दिनअागन्य तेपर
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सुधासयीत्तवैशास्त्रः हीरयाहीवायला घेरो ने पीतपापडोवधार-डु-हाणन्ग-| रभागागुऽन्मोयये-ज्वायपीये मय लामन्पपीतांपानेयायसीन्संन्नी पातवाहन्असाध्यनेपागापयोन हीरासुनयाहर - अथगीतलंमसनीपातलक्षण घपाइरममोहनेस्वाशयारेन्चीग ताबघेनेलवारीनएगायेन्न् घडीमांज रेनृत्यनेगीतगायेन्वीगनेत्रसंताप नेहासथायेरन्यांमरपीचातगां पीन्हयायेन्तेयांपीतलंमसंसनीपा त संशयेरेवाधारलापीरुन्ने यायळेनेन्नयीयीश्चमावारपाचैयतेने न्हा तेपरलाभ्याट्रन्याय
रोना गत्वामी-चन्त्री टुईन त्रिीगा-मोथ्य-रसाणगडी-गमनेरानम्-मषीनेन्सीमेछाड्यन्पन यशयातुना गयेयायपीयेसम बहन रेवारऐनयीतनम्नसंन्नीपात!
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||५२) सुधासंपीत्तवैद्यास्त्रये ॥ ||संघहरत । प्रथशीतांगसंन्नीपातनांलक्ष
रादहीमसरपुषघुगंगयायेशीथील || गात्रनेजीनस्चर शिधायेन्पन्चमी पिनेवाघरीयोअलासीन्रेचोडेशीतां ||गीस्मशानेनीवासीन्२न्या होरो ग नरोगीलवेनही-मेहेनत्यमीय्यान्न यापुरातनीमांछनहींन्तेोषवातीप। यन्न
अथितंद्रीसन्नीपातनालक्षप्रतीनारायेपीज्या एथिायन्अती| सारनेश्यासनेभंगाद्यन्न्श नी रिपंततेलकीसेन्शातीरनेयेगल्या रनायधीशेर रेयापाउह्यागीन्ही जेनेनगातन्तेनेन्नंगवोतंशसंन्नी पिातन्छन् । हेनोचाय-प लारीगन्गणोन्मोयने सुंभरीकैया पुस्क्रमुगनेरीगएगीने १० उद्योज्वायतेसमधीनत्रएयपाय रेचातही उतेतगीपीऽवन्नया २०
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सुधासंपीतवैद्यशास्त्र १५ सूर्यटनसंन्नीपातनालसएगपुरेना-हरयायेखबारी-योगीबगंगा रोएयी मलारीन् मन् मुभपापीयान्या युनावीशीरेवानुमतेरेसतापनारी निपराही चायना आछाख्य निन्जाडाशीघडेयेराऽशोरोन्भरीमोथ्य लेयेन्फहीमल्या हर यि अगीलेयरीयातुनलागलुरीगणी मेरपुर मुगरीबातए भुगाये पीतामन्तगीयीयन्नये अश्यी अतीडा-रामेश्वासारा अलीमापा माननेमोहपारन्टन्चमीन्यीनता लमएएतारामावेरेवाज्यार्थप्रापथ्यपुत्र क्तपावेन्ए. । अथाऽसन्नीपातनाललएगगारोधके सर्वनेपीज्यायेन्चीराम्चेना र्गमुगेगगायेगन्सोलेशुगन्संतापने श्वासासरेवासंन्नीपातेनीराशर छिनोमाथि गतीनेरासनान्सुमन ने सारडुनरागसीधन्यमाथ्य
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५४) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रं. धार.. पुर÷र्मुग-लोरींग-लुरीगंएगी मेशिन येडीशणीरेवाडेहेन् अथमुगेग्रंथीनेगांमयायेते नापरलेप
होरोना गोरा- राहातागु-ह वररणीभुग-जेड़गैहर सीधैव-सहीत देव्हार - अनुङ्गुण- १. जसेनामी जय लेटने अदुग्धस्रेलेपन ग्रंथीरोगोप मरेपीयवाग्जेपेन्शन्श्रेयीनमरेहुमतो न्नको मुडावीन्यन्त्र्यन्यनयी उपाय लो मंडणू माझेय उन्
अयज्ञनेत्रसंन्नीयातनांलक्ष
नरेहे अंगनुलांनथायेअवासी- सवेऽपने रहष्टीनसाथी १० भीग्यांअर्धलगवां नेत्र ेछे अतीश्वाशब्वरनोवीशम्वेग वेछेन्शन भरेनैवद्देवाऽयोगीन्नुक्तन्ये वालुज्ञनेत्रेश्यो भएयुक्तन् नीजारीड्वायना होरोस
तेपर
नीमेछात्य-त्रीणा-ऐ-हर्णेहर-मोथ्यपरोग- लांयरीगएगी मुगले- हाईहगहर-जो
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सुशामदीनपैरास्ययः (७५ || ग पन्चायश्रीसंलागनो पायसात धन पायरेवारीन्नेहेन्लुसनेवलय नयर | अथश्तीरीसन्नीपातनालस नागनीहरत्ना रातीमोल्ने शुगने । स्वासन्यायेन्चमीरने पेटरफटतुगगाये
अतीसार-नेशांमताभंगवाघेन्टीले परियारगेलारसायरन्मुमेरक्तपातु मरगयोगगायेरेचारक्तटीवीययेअंतत्रा योन्य तेपरगहनाहीध्याय पीरतीरत रामणीयोगहन्मोयन रतागीलेन्पीतपापडो-पयेऽनुमातुन्नव्य पित्रनेडीभवचीरगयागो-लिंगनीछाल्य सोधीपातुरेवायसीसमलागतगोन मयमुरीपीयेमयेनातुन हीनपरोपीयेम ररहे-रेवारतमरे मुर्षयीपातुन् पर घरोन्ग पोनोरस नाउमांन्जट मधुसन्त्रीलारसमुत्तान्नाऽरक्तन चेन्न
अयप्लापसन्ने पाननाललाएः
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९९) सुधासंगीत वैद्यशास्त्रग्रेप नागनींश्रतना थायेअंगनेऽपने -हाइ-गरी- वीणता ज्वरवेगसंज्ञावीना शि१ सये निता अंगनेशोडव्याधी- पू जाप रेवासंन्नीपातेप्रसाधना हेनीस्वा होरोरा गमोरेय सुम्य-मुजीयागइ-वर्येऽशी- शर्मेण तैचीरोगवाका-डु - पीत्तपापडी ग स्वाय पीये सलागनोप्रानेऽपीडयन्सन्ने पात प्रजापनी लागेसरवेलीय.
૧૪
अथकसन्नीपातनांलक्षण.
व्यायेश्वासनेारीसंतापलारी - असामर्थ्य पायाचीहीन्नेवीतरी. १. सुएऐनैवीण तावपुन्ने सागेऽएाग्मा रहमासबागे ३. बेतांररात्रेचीनगानगाती रेवोडे तेनेलक्सभीपाती उन्ना अभूताहीञ्चायन मोय्यने- सुमा-लीने घमौसो- - उँडाशीघ्र डीजे - १. जोर्राशांनी पुन्डुशीवयोरो-लांयैरीगएी- लोभी-लौरंगछोरो-२ डीलेटने पुस्कर मुण-सीने मे
रातेप रागेणो-रासेना
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|| सुपासीतपैरास्त्रपः (५७ वराज्यायिशालाडेतीनेउ. । अपप्रलीन्यासंन्भेशतनालसागअशक्तीवीडण्ताप्रतीस्वाराथायेन्श्रयेत अनीलोपनीयतलये पन्नेऽण्ण यायनेगानलंगअलीन्यासेमृत्युयेवायो ग्यभंगराईनोस्वाथरु ।। मनाईयोरोगंणोन्सुम्बईये ज्येरीयातुन लारीगने गये पन्लायरीगाएगी सनान्मोय-डीनेन्पुस्खैरमुणनेन्त्रायमांन्ता तलीरेन्रन्सीने घसिपीत्पापडोस्यायन शोन्लमन्स्चारानेन्डशिनेन्शन्तानन्दन इडे उंछनारोधनोनारायायेन्त्रीरोछने सन्त्रीपातेसधयेन्टरेवाचातपीते ज्या यिपाये ऋपाननीहोयतोरोगन्नयेन्पना
अथ मारोगाचायमोहोरो लारीगन्गणोन्मोयेने उधार ई-शाईन गोरोन्नसोतर-पीप्यार-पन्यत्रीगा त्री टुन्शीलेन्सहगहर-पावारी ट्रेडीरलायरीगणीपुरीरमुग-धी बडाल्य ज्यीयातुनहगैर-हरीन
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१५.
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५८) सुपासीतयशास्त्रग्रंथ
चारगीहिपनेन्यासो-वीए, वागने-वायमारासनासोन्लीने-ली मेछासीने-लॉमी-परोगीन्स वायसन लागनोपायघोणीन्पन्फोन्डाराने स्वाश नेगुगनेहमगरोप-हीवारोटेपेटतेहन दन्सांधा-अस्यीशुगने संज्ञाचीनारास वसन्नीपाते-बीहोरोनवासजन्तीरक्ष जिनेन्वर अश्यीमे पायेरेवाचायलारी प्राधीसधयेन्टर .
अयसुवराकानीज्वाथः । लीन् अंग्त्री छाल्ययीत्रन्ती शिरास्नान्यासो- पपीत्रपन्न्सर्यु चौछाल्यनेन्चधार-मोरासानीवर लागेन रोन्गी -सारन्२. नगोयरीयातुन पाञ्चायपायरीत-स्वारानेसंन्त्रीपाता लयन्न्सुचावयचीशेड्यायोंवीरांमे रेवासीहथीन्यजीनारापाभे ४० अथसुरावयमांसंन्त्रीपातपायछे
तेपरअंबनन गोरो रातीमय-सीयव-लस्या | * सामानुमुणः
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www.kobaith are acharya Stha Kalassage सुपासंगीतशास्त्रग्रंथ (६० एमरी-पीपैरवचनसार भगाडी शर्यगन्सीमारीयत्यारन्पन्गो मुनेअंन्नरेन्त्रीहोरोपांमेनारीन्सन्नी पातसरवेशमेन् रेवानयनप्रसारिन्.. 1प्रथमदेवानीवीथीन |ौशेष- अवणी-अनन्यायागुरीयेमा यन्तहपी पैतनयायनैन्हेनोग्रंन्यजीपायनी न्य तेनोअंन्यजीपायन्यायन
तनहेयोन्डुरी नागडे यायाम निचोन् अघोरसंन्नीपातीपरसुणल्य ल्होछेन्नाध्यायनीमध्य- उष्टहरये रुग्रोछेन्प - । अधचीरामचरनोप्रारक नागनीरत्ना पायीत्प्रेयम्पोय धोरणीनेन्सायजरगेश्रावेशवापोरीनेन
मागीविनीरीयेनीवासेन्प्रया रीतवेगेऽरीलयारोरन्नीरंतरप्रा |संततन्वरमागन्नीशी दीपस् ये। लियरसलतनगो उन्नीरीयसयन निपहरयेभायेन्अनेचीरामन्दरता
Day
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७. सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ. तेरुावे आवेयेऽन्येऽपतोनरे छेतेने सोचीरामन्चरतृतीयेऽछेन्यन आवेद्यान पेलेहीने प्रगट्थाय यतुर्थिची शमन्न्वरतेनेवैद्यगाये. ५. रेवेयमेचीरा मङह्यागीनसाथैल्वरांरेनरोनेप्रथम्ने नज्वान्छन् रातेपर नागनींकरतना राडु-शी-सु ग्य-धागा-परील गंगो-मोध्य-लॉरींगस्रीयातु-जोग १-पुण-नि व- रीगागी-पीतपापडी- सीजछाली नपीले ज्याथ संलागनोशेय्या ये : शिने - स्वाशने-हालये - उत्त्रशापीत्त-वायु-क्रमी पांडु नासे - इसी वमी-शीतने-ए-त्रासेन ४. पीशम् - एन्विर- सर्वनेत्राश मावेरेवा ज्वाथथी रशने मनावेन्य अयशीतारीरसतावपरछे
डुंडणीरत्ना
गंधपारो-मनशी
- मोरतुत्य हुडताण-त्रीजाना-रस मांजले सात नीरसंलाज-सातपुर संभा
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ (७१ जन्पातलरगोणीची गोगयुक्तते गुटी मंहगीमुषमांवरवी-संलागे सामां नन्नांमशीतारीयायेरेवावीशमन्य रघोर नक्तनुल्परहुमलयेन्न गोपर्धरत्ना गलातलामरीपथ्य मांन्यांयसातहीन पायरीशघमाये तेथी- श्रीगुणी पथ्यपाय१ ताप गयानांलक्षएाना गात्रजवुडुमंन्नलागे - जरो मुतरे होठ नाअर्धआगे
गयाये
थायेलवनीश्वण
सुभेछयायेमानयागेन भुपे
अन्नलावे
पणे परौयोहुमरैनान एगाये मीडीमाधुरीवस्तपरमनन्नयेन्उन रेवान्वारसांगीहुने यायालोनहारे लगवोन्वर्तएगोगंमासोन्त्र अथैन्न्वयमानेतत्वानां ताव गयो होयतोनाहवुलारीपाड्यो मेनत्यनेस्त्रीसं ग- तायायेतनवांलंहां सुधीहीन जण अंगन्ध
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||७२० सुघासंगीतवेदशास्त्रयः
भूथत्रीहोरनो प्रार नागनीरत्ना गान्वसाशनेचिनन-हाहन्यारेन्अपीन्तावांती ने-श्वासन्धायेत्पन्वमी-रक्तनेत्रन्रे|| वारेनीहोश-हारेन्नंगवोतंनहानीवी|| रोशन् . अथवीरोषनीमर्या. य धोरोग पसांत यो नवग्यारी नत्रीोषनीमर्यान्प्रागन्नयनें पंज्यर हेन्व्याधीनोवीप्रवाह तेपरी गोशाल्वरांकुशरा नागनीर रतना गहरीताण-पारोन्मनशी गहीनीगालतूनेन्सोनामुम्मीभा शीलेन्पमोरतुत्य मोरनीसीन रुरीयेन्सुपारीरसैलागसमुपस्सीये निरन्गोगीऍलासंम्ध नीरे-पाये वीणतात्रीपषतमन्नयेउन्मटे स्थाशने घरानेन्शुगन्नासेरेबापांग सतायेत्रीोषवासेन्टर
अथमलशाहीस्वाथन ।
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SURESHARE
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१३
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Acharya Shri Kalassa . सुशासंगीतशास्त्रायः (७३ नागनीरतापमल-मोयनेसुचने वार-गंगोरीगंएगीरासनात
-सार ईन्नेडागाल्याला गन्चीगपरोग्यपीपरन्पायन्ने वा
-सुचीगन्सन्सारीचा सतार्चग-सुज इन्च-डीजेन्धमासो अतीवीरा-घा पिाहीजे उजेडां-भगांडपा |मुग-पीनोन्पीतपापडोन्गडुशीलीना सीबोन्टन्जीयो- माययीत्रार्यमान चाँगोलीले परीयातुने-हाडारीधन बीजेपन्सोरोठी-पत्योडी-रिवारा
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पीले-रसारणयलेटने न्यून् पाहंगारने-मशेमली-सीने-गी।
गोन्मान्तरामगहीनेन्डन्गीनेन गनपत्रने-नीलीये-प्रसारणोन्म। गिरीन्चाय-लेयेन्रन्टगेस्चारानेशनेन्शो-रोग-पीता-यांऽनेन्यात तन्समुगलपीइंगता-यमीटन नेम्वरअरी-प्रमै प्रत्यनेन्जीम रबीयुगीन्फन्अतीसारने लम
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४) सुपासंगीतरास्त्रिग्रंथ.
पति मुनरोन्मतीमान पत्तिान
१२.रेवोगर्मिनारोगनेतर्तताडेन्मा काशमंडएमाधमराडेन्यू । प्रथयारनामुळारानी.
प्रार नागनीरत्न यन्वर घातला -चम-मोह-श-अतीसार-पांतीय पुनए-स्वाशन मुमटनेन्होनेनाइ पान्घएगीघोरनीतेनया सुरेतागुनेलनेशोशयारेन्प्रोपोय. गेल्सीयोरेन्स रेवाभारसायी हितेसयायेन्हारेपंपयायेमुंजारी बंगाये
अथ जागानांलझाएप-. पोरोना गाह्मग-संत्रीन्गने। गुरसहीतन्यागपंपनांमन्नती || उह्याव्यायीलपनागपन्य गोपनि यस्चेतग्रंह्मन्नतीचा
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सुर्यासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथः ७५ य क्षत्रीरोगते रक्तनयायवैशव्या घीतेपीणो होय इपील शुद्रवरगतेने यश सांगणडुलती होयशांमन्य व्याधीनांडुपवीरांमन् पीलमणीये नेयाय रेवाप्राएासेनीश्वेनयन्त्र ज्याथमुञारावीपरछे
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नागनींद्ररत्ना रायमासो-ड डु-धावडी पुश्पसीने- ज्यूरीयातुनेभेडशी हैड्य-पीने १रेस्वायतो स्वाशने प्रशन्नये मुळाराताणीवेना हुरथायेन्शना राहोशे पत्रबाग- भोतीलरमले मरीपुर हेर्ध नेपा यू. तुणसीरसनांजीपीये नडमुंबा रोलय१ बाहुनहरूने लसए नातेवारीपायनमास प्रसितांनीत् वसु- गांयगणीनेन्नयत् पुनयो उनै प्रार्थना शीवशक्तीनीयायंा लोल्यङ्गीथेऽस्ये मुंघारम्भुणन्नयन् ल्वरनुंहुमञालुवध्ये स्पौषधेन नयन रेसप्रेोषधमारयेरन्लवने
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||१६7 सुधासंगीतपैराशास्त्रग्रंथः
ताथायन् १. । रसन्वरांशतापपरछेन डिंडणीरत्ना पोरोन्गुंयनहीं|| गिलोजसंलागेसीलेन्अगथीयाना रसूवीरोन्टीनयेड्मनितीनो महनन्यासहिनेन्वारीसार संगन्प्रातमांओराघवुनरेवानगी| नमायन्सपल्यरनुमन्नयेन्पाणेपर य्यिप्रमागन्सीहसरजोनरथाये । । अययीताभगीरसन मनशीस-पारोन्गंध मोरतुत्थ-हजे ताणारेतीरसमाउरेन्टीनमल परण्यासणेीनप्पलपरण्यालन्युरि गुन्न्यापाये अघोरसन्नीपात वीशमन्न्वरसरवेन्नयेरेवालरानी मांयन्नामगीतामएगीचोरसनांभे ल्चरत्नंग लावलाएगोलेवोन्पून । अथलमांडलंबनरसा. हीगलोजस्तोगलेन्डाथोन्सोमन सारपांनतगारसमांपलेन्गोगी
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सुरासपीतरैद्यशास्त्र (७७ गुन्नलारगोगीगुन्नलारणायाध|| रसलोरीन्लननरसल्लंमाउन्नयनष्ट रान्वरडोरीन्रेवारसीनुनांमन्स्मरे सघणुष्टुप्पन्नयेन्त्रएयलोऽनुंतत्वन्ड ह्योल्परछातीपायेम्पन्न
अयन्दरगडेसरीरस|| नागनीमरतना परीगाळत-पो||
रोन्गंधेडनेतालप्पलेनीरमानना निगडाणपत्नरीगण्डीगुशयंत्रे जिरीमुंहानेरालुयायन्यारेन्मापे मुन्यारत्रएयफुलातणेतापान निसारेगुंगलारेन्उन्मायेलातने ईयत्तेपरचीतरीन्त्रीधेशाहिसर्वेन्य। नयहारीन्स रेयापागुरीयानमा यन्यारेन् नत्रएयलोवीनमांतावरूप
अपरत्नगीरीरानरस्तायपरनागनी रतना पारो-लोहन सोनू-होगा-अंबरखेपालभर सांसमलागसौन्पन्लीले गंधड-ना
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७८) सुर्यासंगीत्वैद्यशास्त्रग्रंथमन्शीग-लववाजां-सरवलांगरा रस वीशेजल्य् उपायांन्छे संघुवाभेडशी - सीत्रछोड्ये डोडीने अगथीयो -ने-नगोडयेन्मुंचारच - उल्लारतागोरसलीने प्रथश्वस्तनी लावना भागहीने ४ गोणीपुर्मघमरी मांह्यजाये वरनक्तनापीवीस र्वनयेन्यन्रेवारत्नगीरीरानेरसरो गनंपे णल्वरतयापी हेनेन्नेसिंये
पथुशीतलंगीरसताव पर
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पोरो-गधे-रंगणारीने मापुरी यु- हरीताग-संलागेहीनेन्१न मोरंतु त्यै-शरेजीरसमल्लहरीये त्रांभाडाम डीमांजली तेहलरीये- २० चेकुमारसी मांप्रांगण भागलर्विन एछेडामडीवेणु नीमध्यधर्विन् फुलापर्यढावीत
जेतापङ्गरीयेांगाडांगेस्ववेणुनेशी राघरीयेन्जरेघांएगी मेरे ययुक्ला रेन्द्रागोन्टादुयायपुठेययोरस्वजाएगो
न्यन्तेनेयानमा माये
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सुधासंगीत वैद्यशास्त्र ७८ तृतीययतुर्थिज्वरसर्वन्नये त्रएयहीनप्रातर्माप्रांणीमाये-शीतलं गीरसराठीयोतावन्नयेन्छ
पूरेवा
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अयन्वनश्स्पोरोने- सोनामुनी- जेराम्हीने-मन शील-गंधै तेरैयारसीने १० कुरीता क राहुराउनडीने हशरांस्त्रापु-मृत्यसीने जररांम्हीग्लॉउन नैपालो - हुर्णे- लीलांमांचसुन्यूरपयं मस्सम्वन्उलरीसंपुरेवज्रमुद्दान
श्रीये छांगांजेट माग तानी मध्यघ रीयेन्४रतीयेऽतेपानमानंनपायेन प्रहमांतंनथीतावन्नयेन्धन्वीश माणन्वरने रेवायेतन्नवे रसप्रांए हाताप्रमांगावेन्द
अथपंयांगज्न्वशङ्कुशरस. चंछनांगने-गधैग्यार-मरीसात
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टांड जुटाई जायामपित्र रसेल्स तोसी मनसंग चारता मांह्य धर्वोन्शन्गुरीगुंलोसार भ
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www.kobalth.org ८०) सुपासंगीतपैशास्त्रग्रंथ. हीन्हीरारोहीलेतीयत्हेवीन्छन् रीलेयंहन पुष्यनांहारचर्वोन्दुघलातनोर्डिनेहारमन्न् िघणाघारतीय बरनाशपांमेन्रेवाभान्वरांशपन यांगनांमेल्प
अययंदपलावरीरसा. पारोन्सोनुनअनमन्मास्यांगरीले तेथीत्रीधएमोरनुतुत्य लीलेन्म -| लिशीमगारसमा पारडीरेन्गुरीगुंलासलगमांगरीनेत्रीधन शिअतीसारनेतावनासेन्रेवापंप लवितीन्यांपासेन्जून
प्रयपंथाननैश्चरस योन्सोमल-हींगसोपानरसेमल थायगुरीगुन्नाधरसे-पीतांसौन्दर रन्नयू-पत्रएयय्यारोषधहीनन्ग्री तीपुर्वप्नायन्वारान्ययानरसन लिरवरीवनयायरी श्रेत्र पिडपरपीलातगोगमावोवा
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१. तापपुरछन्
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सुधासंयोतवैयावय. (८१||
अथमायानारोगनाशपाय.. गोपर्धना सरगमावेशीशमां -पीड्यापरण्यायरेचोरसी पापचीन्तेनारयेडापायन्सन्सार-सुजा उन्सुम्यनेन्पुशभुगडेयाय गरेपी त्राछालेगशीन्योयज्रेशी?षन्नयन रन्युरन्त्रीऽटुम्हींगलोनाछी एगीसारन्यांसलोयनपारीणसीना घिस्रनीारउन्सएगाशुगनेशी रानीन्सर्वनान्नयन्तांगेतभामुनी। करेन्श्रमवीनासुपथायन्सन्पनी मुगी-मुरागीशगातसईयायन्नस्म जोडी-सापरतेन्वंगरसेनलयायम्पन पिपाडीनपुरापीयेनील्योपशाल्य रपयपय्यीयसुनारलेशीरनोखुणा नरिन्दन
रोपाय अंन्यमाथानो मोथ्यनींगगीलायनांणजेगसवांना पिगोपी सुचेन्यस्त्रीने लेपन्सन्योनेलेपन्सस्तयजीडी||
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||८२ सुवासंयीत्वैद्यशास्त्रार्थय
शीन्सलगावीतेना-चत्येपीवीपहर पीरेवाशीशमुंशुल-सरसागडादुन्न येन्समीरयीन्यमदीपश्रीराधेटुणहो| लायेन्सना अन्ययाय गो वहार-सीपलेट-वन-अतीवीरा-छडी|| लोहन्सर्वगशीशीरोपोन्त्योरेष|| होयतेहन्१० अंन्योपाय-य सीपलेटप्रेरंऽमुगन्गशीयोपशीश-छ। शिवीगेलेपनरेन्शीरामटेतेीशन्पन्ना गोपीपरामरीन्दयगतीशीरथायन अनेच्याधीशीरानीन्पेरपगायर मिरी-शंशडीमुनबनभांगशीनेसारन् नाटेमुडेनरतोलागीरटुमलारन्छखवीगनेगरीयांनन्लानेलेपनयायन शीरशएगाटुतुबरावारमान्नयन्टन । अथरीडरोप्रांएवानोश्वार | नाछीएगीघुटीनेन्रोपरीनाऽताएय-रे बाछीशेश्रावरीन्तर्तन्नएयनीएियन्पन राप्पोडीनेईना-पयनारापरछायन्स चीनाऽसुंघतां-छीछेहेवीनथायरन
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सुवासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ. ८८३
अथलेशनतेनालीपाय ||उटीयायेशनमांन्सएशनेनयाय-पाज्या नीपीयावयेन्तेनोरपुडीपायनाप गोपनिाराहाडीयाडर्षगलसएगा बनाम-पत्रनेवीगेशमन्पन्मुझेत्रागे रसन्नेशन-नासेराइएनीशनर ग धुडगीयो एसीयवन्सुरन्ससग वरपीपसने-सीपखेरन्मोथ्यप्राडापत्र रसन्चारीसर्वसमेर-वारीसर्वसमेट-ते लमांतेजीगेन्राटुंचीनेतेलशननीभुजे माणे मरेजन्नुरोपीयन्पपाड्यानेलग|| चारगेयेतर्तशुगन्सोन्नेने-सएशन्न गोरो गमवीमुत्रलसएरसन्न रणेमुरेशीयन्मेहेरोनेसएशमरे-पीज्यपत्र नहीयन्न्घोडायग्न नमान्गशीनेमु डेशनन्श्रोतारोयमरेसन्न्नेसाहीलगा। नन्न्तु रीनेसर्गियुन्यरेषानेपोष गुणहरेसीशननुंन्स मळेलोलटन जडीमाणीतीप्रसन्यरेसिब्ब्योगन्शुन| गोरेसरयेगमेन्मटेशननारोगन्पन्लसणी
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८४) सुशासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंय. लिपेरे पत्तोडीरस्ठानन्यवणेपान ज्यातगीरानेफोयलानन्दम्सीएच जिसीनरमुत्रमांपूर्णतगेलेपन्अनेछ। व्याधीपतीन् घरेजीडेनहीयेपन्७.
अथनेत्रनारोगनीप्रचारक . ययानोराश्लोकभाषानीः मद्या-मीरा-भरी पाडु-ससऐ-इसान्ना पांतरीती-धुम्रोई रणागति-ततेननीशाक्रोपती-संततोजीतन्तुंग लाषएडवेन्चीस्तारयंपतरोन्रेवारोगा अनन्यसुप्रगरेन्तेनारीपायोलगेन्प.! । अथगगसी रस नागनीरत्नाउरोएयतगुन्डर टवुमुगसोचीन्तेनेछतेहीलेलापनीयीन अरएीन-तीजनेलांग रोलेन्नागीयेरनेन्तुगीनीलायनान्रन यारापिस्तुतारों-पत्रध्वी-यासोपछी तेजागीलस्मसेवीउन्लयांगनापरियुन
रीन्युर- समुगिसोषलेऽसुरा |न्टिन्गुरीतेगरी अन्ननेयायन्तीम||
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सुंघासंपीतवेद्यगारगं. १८५|| पुष्यनेछाह्यनुष्टुपनयन्पश्चागड-असीमटेनेत्ररोगन्दीपांघमरेनेघरेअंधयो गन्ना अन्यरीपाय- राणा पिरीयुअतीवीरानीन्अंग्नश्रीयेतोय गतदृष्टीभावीन्मृगनयनाक्षीहीयन पता अन्यशपाय मोस्तुत्या हडतागनेन्मापरीयुसमसाह्यन्गोपी जिलीअंजनरेन् रक्तरतांघगन्नयन्तन 1 नागनीरत्न एग्रतेरेशमीय स्त्रलावेलीन्न उरीडीतेतरीमेरोपा उपन्तेमांड्र्युरनेअतीवीरीलीरेन्सी गीशुने-लशएमाहीतीनेन्रन्मोरता त्यमापरियुनेगुंल्यस्वतन्मखेसर्वतेगा यनाघीसमेतन्याउरेअंन्नतेतायुग्न न्यारेन्टगेपुष्यन्तीमरीचाअंचतारेन्ट रुगेसुनारोगनांसमन्रेयानेगुटिन ये प्रलावंतीनांमन्पयतीरांची प्रलायरीगुरीडानगरी रपी वडागरेमी-भरीन्गेश्गसवोसारण |मांअंग्नतेरे लागेछुपनालारन्दन ।।
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८५) सुधासंपीत्वैद्यशास्त्रग्रंथ. नागनीम्रता परीनलेवनली
माघाल्यबीन्छीट्टाढीनेतेप्नीलमा यवीन्पन्प्रेरीत्येरेसातलीमुवीच्या रीन्मरेयोपरेधुमतीयक्षलारीन्रन्ड्डा जेनेपुनर्पिीनांग्यतेनीन्रेवाप्राप्त योगटेसूध्यनेनीन्उन्रापि पायनीन्नराछीलोयागो गलतसीनेन्याघेएयतापयवीरोम लडीजेन्पन्प्रांतोपेलाबन्मनुयुष्य न्लयरेवापसीपत्नाळेवांनेत्रथायरन पापायनीन्ने रानागनीरत्त
रामायोडायमनरागमोरतत्य खीरेन्सर-डायगरांजनानी-मरी
पशीगामाक्षीन्रर्मोने-सीधुझे कुर मिनेन्शेपरीसेनरेगन्रन्सीने लणसमयेगुरीगुगवंतरेवायसुपुष्या
पीज्यारतन्न्राडीपायपी न्यायप्रेयीमलस्मतोला ग्यारसीले अन्नग्धमायधीनपल्स|| जीप तोलानमनशीगनले गये
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सुधासंगीत्वैद्यशास्त्रग्रंथ. ९८७ यययमां मरीऽतोलोस्त्रीना हुग्र्यमय मां तोसोअर्थ- सींधव-मलेतोयमे जांजली येउद्दीन् सोऽश्रेयारलेगांउ गुरीप्रांतांयीपडांयुष्यन्नये घएगारो गगणती मरे सुजयायेन्मरेमेक्य नेषुप्पतीरक्तुन्नये हीवांधनीशीध
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वारांमछे प्राचहेछे
पीयापणायेन्यन्मृगाक्षीरसऔरेमोषधीथी अधी । तीमृगाक्षीरसन । मरी- हुर्पुर टंडा शीशु -पारोमापरीयु- कैंसर त्रीमा - संभधारो • १. गुय्येी वारीमांत्राने नेहम टेवर्ष सौंनी हुणेीते गणतेनेमध्वीशेनडीने येग्ययक्ष नेतेलनीमध्यदीने तेन ष्यवाणानेधीरे रतांधणतेने तांदुगधी येनीरेन्४- रेवारोग्यसुतएगासर्वल यत्पछीतोनाराएयेनीभ्युतेयायेन्य अथमुप्नछायानारोगनां
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प्रार
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८८) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ. रा होरो. सुंदरमुजपरशाभतान हीनहीन प्रत्येयाय- उपधरेरसीयात् एगुरुमुमछायाडे हेवायन्१ तेनो बीपायन्ना छोरो राहुहरु- सो हर- सैधव-संलागे डीप्लेर सीजर सेमली थोपन्मुपछायो हरनेररूप राळातल- ३ग्रहे- सर्शव-धीजा साह्यन्ययमांमतीमुष्योपडे तों
मुणछाह्यालय
अथदेनारोगनीत
पती तथा दीपाय शंभ- श्लेश- अंडासने क्रोध-लारव फुलीज्य-शो-श्रम-संतापयन्था
यद्देमांपीज्यरा
तेनोरी
याथना नागनींद्रयुतन मीठु-सींधव सुंग्यु प्राएजीने
वसुलार घ्ननीरे प्रातपीले-१तीधरस्- हेड्डी-त्रएयलय-रेवा ल्यम्-राशी वारीधरथी छपायत्य पीपायमीने.
रा छोरो
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n
www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagersuri Gya सुवासरीत्वैशास्त्रयंय. (८८ भीग-पीपस्यनेन्मरीन्सलागेपल्यायन वाललारतेपासतांरोगनोनयन् पटना तांसक्षितेमटेन्डशि-स्वाशतेनयन् मगर पावडरेश्रामस्पतएगोरीपायन
अथोडीनारोगनो जीपाय. जारी नीछास्यने सवींगनीमजयायन मयमांमेणवीयारतांन्हीचाहेऽडीन्नयन एपिायपीब्ने रानीन्नेइन्सपा उर-मप- घीभांगीनेयायन्सुरसुतपुरी|| मांपेसतांन्पाछोप्रांगपनाया । सिपायरीन्ने पत्रीगा- मोरया ध्येयेमरीन्पयमापायन्मरेमरागनी हेड
चारा-शि-सोनयन्पना पायबीन्द्रनाराघीमांगशीपीत पापोन्हीयापीतांन्नय आपरायमस्या पीन्यांतीवारएयायन्पन्ससगरीने लोपरीन्मेगवीमयमांपायरेवाहीत्याहेजा शन्पसमांतेहएगायरन
अथ तीघरसनोपायः विहारअतीवीरान्गगोन्अयरीडेचा।
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feo) सुधासंपीत्वैद्यशास्त्रायः । यचायपीयेसंलागनोएडारानुन्नयन पारोन्गंघटंगन्यीत्रोन्यायपोगन्त्री ! टुन्त्रीगा- एपिीन्डरेशरा-अंगरी पुष्यन्हीनने-लपीगन्युरगयायन्गी पातापीयेन्डारा-स्वाश-सौनयाउन बीकान्यीत्राछासनो चारणीयेनरहना एरणेसोशराजेंन्पुनहांथायनीतेन्ट
अयमुनोतीयाय गये सरप्नुभंगमा-खासांमजेन्नयन्यो मगरोग्ययोचपुन्छुदुमडेयायन्स शिपायतेनोना राप्रशएगन्सुरोपारन लेसीपुर लसपसमांन-पीपस्व-पारो-तु त्यनुन्युरएमल्यगुएगपांनन् पन्पुरगण स्यगणवांनअन्नपयेखेपडीजेपामे नारान्वासनारात्यहीबेन्डरसीरवाए या नूरे हुयेघांएीन्बासेऽरतांतर्तन्न्ये मपारने पाएीपन्य रयायतीन्ने य मनरागदारोन्गंन्सोनामु||
मीनाताग-मोरतुत्य-रणार-यय-संना लागेणस्परागन्सलागेषग्यराणन्माष||
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सुधासंपीत्वैद्यशास्त्राय (८१|| ऐमहनउरघुतरानीतनन्यानमोह|| ननुपरचुरेवारांमडेत्राएयधीनये-रीत्येया येजस नोयेहन्मनोव्याधीन्नयापी यशपायनीन्नेपाडीया नीमगां युरएरीरोगायतक्रतो येरेन्सनयेण्यनयायन्पना । मनहरछंहनापतोसारसपर तोलोतोसोवस्तुसीराणनेअभीगन्न विसारतेमांसाह्यछे-गंवा प्रामगसारोन तेमालेभडीयोमार- रामोनरीनाप मामलायछेमारीउनलमांघुटीपोरयेम रीने हीनीशीपरतेगांपीयोपडायछे। ररेरेवारांउरयेनंतरेयेधीनस्यारन्योपारा यी तारांमधुरथायछेन्पन
अथपर्नुपानोपायः पारोन्साल-सोमल-भाषाएमांजलयाया। पिडीयोपडपर्नुये ओटीपल्पनुन्नयल्पना जारपी-हगारांमणांकरीमुना मिलायन्मुनीरीनेयोपोन्न म् । नयन्शनारीपायमीले
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२) सुशासपीत्वैाशास्त्रग्रंथ भभीएनेबेन्येगडीन्नवसागर यछनान गन्दंगानगंव-तुत्यनेन्पारोलेन्सला गन्पारोलेसंलाग परोजलमारीरयोसीधवन्मनरीगन्जलीन्गायनाग्रत माघरवोन्मीरनेयेग्यन्ननुबुबड योन्नयन् रेवारसीसीद्धांतसानों योरीपायेन्पताडीपायनीन्ने ग |सीपुर-सीयवसार-मेहरसमलेना मनीलने-डोपलेटयेन्घीमामईनडेन पन्नीरपरयोपडेन्ज नेप्पस|| नयन्अहलपातीपायछेन्थीनगर जियायन्टा
अयोनीसानारोगना प्रारपोरोना रात्वातीपलीतनधन पिासास्वेतश्यायन्येण्यवर्धन्यावी
रोगीयाडेवायपुर-हेनो शिपायना गोपदितनागंध उन्मुणामारने आधारसेणलायधीनग्य मिली पीलरोपडेन्तोसीमापुमन्नयन्भुना
उपायषीने रासुदेव
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%3
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. सुवासरीवैद्यस्त्रिग्रंथ. (४३ || पुर-टंग-संलागेउतागमनग्गमा मिगवीन्दरेसीमाततशगरन्य शिपायबीन्नेना गंवन्त्रीईटुलोरररहिगरसम्लें-हीने पापीसरशीयेन्दुनेमहनन् लागेर उरोगीयाऐग्यपगनीन्नयन्म नहुंन्समी-पीरारपनायर ग
पाययोयोग रागीण नीलस्मलेन् हरारेमनियायन्शेगी यातायातगान्डामुमयीन्नयर
प्रय प्रहरनोपकार
गतसोहीवा छत्ते इधीरपडेयोन्येप्रती गुप्तस्त्रन्यम्घll एउपघटेरांमातासुन्प्रररोगहियाय नातेनी लीयाय पारो-जायेगीने-ससएमएगीमान बलेन्परतीजलमांनारीनेमेगुन्जल रहेकन् पयपागेपूर्वेकहीन्दरानो धिनायलोहीयातनीपेन्डामुनी यीनयर शिपायनीने
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www.kobatiehong Acharya Shri Kalesagarsuri Gya ||४) सुयासंगीत्वैशास्त्रग्रंथः ॥ लांयसीनोरस-मीठेमीप्रीतपाय पीवापरतएगीसरी-पलमांपानेयाय परीक्षारसन्यालोगशीपाएगीसाय्ये पायमुनाजीदृष्ट्यीशे पीयेन्सीहीवात मन्नयन २०॥ नागनीइतना
जोगप्पनरीपत्रने-राज्योरोन्छा जगलोयागो-रोहीपुष्यतीरोन्पन्टो पीडालनी• रानी-चायतीन् रेवा येपीयेतोप्रोगयोरन्घागाही ननीलीहीनीवाटरप्नांधन्मुखनाऽनु। तरतुरक्तनांघेउ छोरोग गंगो-अडीएत्तेमेसमी-नाणेसुंश्चन बसारन्युरएगी पांएगी पीयेन्नय प्रहरश्रान्नर पर उपाय र छडीलोन्सॉरन्सुज्य श्रेयुररगन्|| यायपाणीसाय्येिये पीयेन्साहीवात
पन्नयन घोलानं गुरगरीन्सोड़ा रिन्पयमांपायन्प्राउंघापशिालारनी| त्यन्पीतांप्रहरपगायन्य तिीघर रोगसमाप्त
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सुपासंपीत्वैद्यशास्त्रग्रंथः (८५ । प्रथमृगांपनारानीचीयोसायी । छंघहरीशीतना सुतन्वर्गरोनाना सभोतेतक्रतोयेजनरेन्ऋमातागार सनोहेपिरयेऽद्दीनपसमांरेमन्त पर जीपीत्रापास्यनोरमन्त्रैएयपटतेनाइयो उल्हारनोरसमुंगनोन्परयेऽत्तेनोआरोग रितेवर्गथीतुरांशलागेन् मुख्यमोतीली|
लयेन्सौवर्गारामांद्यमोतीयेटीनजस्य शिलयेन्न्प छीगंयंत्रामगसारसोध्योन सोमरोमातेहरोन्ननलीगोगोरीन संपुरीगरपुरमांघरोर्टमारीपाची सुची धनयेसुश्याश्रीन्गनपुरमांघरल्योपी भारीत्यपारीवीस्तरीन्पन्द्रीतणरांगे थायगम्पुरतेपछीतेनेहरोन्युक्तीची डिलीसंपुरन्पात्रीसोरेनरोन्कुन्येनड सुतमृगोऽनीचीपरीत्यलसागनीकुन्न डीरांमधरतीयेऊमात्रा येऽपीपरछेभकुन्डी मारीउपरयमवाटवीतेपछीमरमीश्रीतारेन पतएडीपासनपुरेतो व्याधीसोवपुनाहरेन टन्सस्थिशि-शि-अभीनेयाताही घराना
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१-५) सुर्यासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ. श्रीरांमया ज्वरशीशीतरीडांगनीही पुर्ण प्रांतीयांमवान् पुसत्वनुं प्रामणयेयुंन्त्र तराईरालसागरे- पयमीश्रपीष्टपयाचीयोन सौशाम्हीन शहरेलरे- १०. स्टुतीक्त आम्ल शायकुंलोन्यननस्यु॑तेसमे लेपाने मृगम पारती मुजवासतेन्यारेनमे - ११- रेवारसीस्नीन्प्रावीधी चीस्तारी नेपीतमांघरे तेनसुतमृगांश्चरएयो- साह्यतेसमयेरे
घेतीङनस्सुतमृगांनीीत्यसमाप्त
अथगनपुट
गमयेनायोडोपाडो
स्रीचग्येसंपुरमुडे उपरोधछाल
एए हीरो- रा गनपुर जो गन्तएगो ने गोरस चायन महापुर जम्जेहाथसमयोरस उडोया य-१. माहीशपुरगनडोदनो- तेन त्रेपीस्त र पराहपुर येउ हायनों लोलीराडीहारन्यत कुपोतपुर ये व्हेत्यनां छांगांपुरमेतेम शर पुरश्री उद्यां समळे सुज्ञोनेम- 3 -
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सुयासंगीत्वेयास्त्रग्रंथः (८७ | | अथ थीरमृगण्डनीवीपीठालोनी छिहजुखएानाध्याउल्लाइन्नपंसा र पारोही-श्रेगन्समालागडी-हीचा साप्पोमखीजपीरीलरीऽपामारीला रितेघरीलेन्गु ष्ठमुणयायतेपुचपावज|| घिरेपेपघटीतापमांतेहराणेन्यानपोहोगुरसे युमन्नवावीशेतीतेलअतीतापाप्मेन्र स्वततेधुम्नांपाचयातालगीतेद्यनीहेडगे तापठरवोन्मंघपुश्रीवसणीन्नेयये रेप
रीलागीनेसामानहरवीन्न्न नारंगवत. शिंतीतेनीजने प्रासवारीत्यपेहेलाप्रमाणेन अल्पगुएगद्यमांशुमपरीतगान्तेहरेवार सीऽसर्वन्नगेन्४ रीमान् शंयलाधीची तापतीपरगीरीमुश्चीघुटेमांढेलोटानीरागी यत्रेयुमारोपायरीशीनामांढरमांनोतो लोटानीशनीयेमहीनोरीनेमोहोरचीयेमनी रघुम्रयायतारेस्थीरमृगांऽथयोन्नएवीन्पन
अथइपरसपुररानीपीधील . लेवयांधिलागत्रीहरीताणये लागेएरेन्नो तक्रतोयपीरोजलीनरोडसंपुरमाधरेन्पना
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((८) सुधासंगीत वैद्यशास्त्रग्रंथ. दरी पड मारीगन पुरे सुज्यापछी ते धारन्यो सणगावीहीन जीन्नवीरो शीतकययेविय्या रन्तेन्शन येरीत्यङ्गीहरताणमां जली स तोयचीशेयरे-येमयौदृद्देरामुस्तां तेशुद्धस त्वथियोरेन्तेरतीमधमाज एवीरो येड मासलेलझाएगहरे अर्धश्वाशकारी अइसी वमीन्त्वरपऽर्शपीड्याह-४- रेपारसी इच्छाइपरसनीमुष्यमात्रागायछे उरतां एपिएागुएगघणा-व्याधीपीशमसोन्नयछेन
.
अथ रसस्युश्नांङ्कुलाश्वानीचीधी. छपय छंदना जेहांडी मुजये हमने सरणांतेलीने नीयेनाथीध्वीगुएारीपरनी तेमहरीने शुद्धहरी मुजगशीजडीजनेमांसा मेरी धोने घरीने हेत. नीरमांडोनरनारीन्सु ज्यायुश्वेशरवसुरसपुरतेमालरे-रेवाड मारी उमइयंत्रयुलेघरे - १ तमे स्री नेताप वीजुधेवीग्य्यारीनगुडे ग्यारजेयडी गडी पूलाजी बीयर भुडे - हांडीनुप्रष्टन तपर्वाहेनंनन्यारे. तापस्ये जे पोहोर मा लसरीजोतारे वगतीवाजाश्रीये जीने
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सुधासंगीत्वैद्यशास्त्रग्रंथ हीनमोली हूरे रेवायुष्यरसपुरनांआवी धीये चीजुघोरे ना छोरो यहीं
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गणोश्नामध्यथीन्यारोहश्वासाह्यन्तेपण आनवीधीवडे पंडीत पुरैशी गाय घी ती झींगजोङनामहीयी पारोहारवानीरीत अयमयंत्रनीआाकती
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तमेनांहानुं हांल्लुपीयर मोहोरणेमुपगशीसर
मांस्पडमारीस्तेमांसां
मांननांमीमुतणेडमयंत्र
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अथपांहीची स्ट्रोङहाङगंलीर डीपर मुख्यमांदुलाबवानो अपाय. रसपुरनाडुल
छह-हरीगीतना
बालसम तेगोगमांगोगी पुरे - हातएग्री कुंनानणे गुणवानेते मुममाघरे- १. डीपर अयोजन गोगमाय नीरजांमेसुडरे पग साथघोवापानस्रयुं नीरशीतनवावरेन् रेलक्षणानरी घुघरी याोहरीनीराम हे गोगत्रीलेयेबीना-नावस्तु मोथी हुथ्यले
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2002
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१००) सुधासंगीत्यैद्यशास्त्रग्रंथउनालवानांने लक्षमां हीनसातयेो रीत्येश्रेहुरगंधीमुखीचायतीनामुम आवीयु अंतररे गुणवाहे पयसा तहीन पंछीयागबुंचीधीयेरी- रेवगण डेराडोगमा श्रीमानहीन प्रत्येग्री पन्सा नेत्रक्रतएगीडी पीवराचेपीड्यातुरने मश्यांने हींगवनीस्री शीतलथवातेडीर नेन्द्र गुहीने जावगमोरसी प्रांजानीअं तर छाल्यना पुरेोगणावगगडेशन होशहरमेहास्यनान्७ पछीपांसहरपुर पाटीलीमांजारो मुममांरे ग्रतस घराजशीहीरो लावथीलोन्यनरेन्टन चणतासुधीप्रारीत्येवरते. व्याधीवीस्ट्रोट डर जसजरनवांपत्य हाड घंलीर यां हीने पाहुणे येऽपक्षपुग्ण सौरना हावारा मुःखवाग्याथीलाएउं रेवारसीनु ररएाहरतां नयहुजगरमतिए १०
मांदुबाणवामांच्या पछीरा
रीना दुपाएगीयायुं हाथपगराटे पांएगी ये घोवान खेरीत्य मांद्यगतासुधीस्रवी.
प्रोश |
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सुशासंगीत्वैवशास्त्रग्यः (१०१ पिले घढेमातांन्जीलध्यायतोनपरावुन भीन्नेतीपायटश्योरायसीरंतछेन्पपई नेपथ्यनाश्रावेतोश्ववो भीडभासम्बन पीनाबुहरंगवाललां अमलीन्मासा सुधीनापवान् पछीहरश्त्तनथीन्छाशय धारेलीधीमारमा आएवीयाप्रमागेन्न पाईनेहांतेगशवानीमशीश्चीतेगा घडी-मोरयुयुन्सुरोमार-रीश्मोन्सोनागे इ-हीराशीन्नीगा-लान्साघरन्यीनीमालालागिरी-चलागी- डोपल्यापारने इलाचीनेनाणदोन्वारीघुटीवस्त्रगागरी चिनीमुगीयीशंतनांपेढायेगसन्तोांत सन्थायरोगन्नयन्नामीन्ने यंदलाववानोन्गा गयोपण पगड्डीवसुलीलामाहरे मुतासोपा शिवतरेन्चु नीटरतगीरपुरी-टाट शेयनीमांहेलरीन्न्ये मन्येनेमसगेलय यारधरीसुरीयेमथायन्उत्पछीतेशपय मांधरी राजागेपाययी रीन्ट अनुपस इगयईन्नयनपडे धोवायन्एन्यता
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१०२) सुधासंगीतशास्त्रग्रंथ डलीलामांताहारेयाय-तारपछीऽश्योरपात यन्न्ा छंहहीगीतयेगुहा लीलामानेतलअनमोहनेअनमारेश्मा की पोशांनीअरमान्यारयेत्नेगारे लेोपइनेगोगनुंनो मागसमसरचेहरेन मिाह्यपारोये तोलोन्सोअयोगभर्नुस रेन्टन्सरपत्रमाडीतेलीन्गीयांएगास मगोगीवणेन्प्रातरनेसायंगे हीभांभेगवी || जागोन्हीनयोध्येतीत्येरेन्आवेव रनवेगेश्री धनपापसातगण्यापछी तेवा गपुनारधरीन्ह सुंपणपराव्येवव्याधीरणेगरमतिगान जसपरन्यांपत्य हरडघल्लीरन्याशयीस्पषगान्परेचा रसीऽनीरीत्यत्रान्ग्रहीसुजयुश्षोनायितीन गिपरप्रमागेपथ्यपागेन्नासच्याधीटही दगा रीडर राआयुषनेपग रस युरनालथीसीपायउद्योछे पाग्यावाच्या नोतेप्रमाणुसरयेरीत्येवरत-पीपल्या पायप्रमाणे पथ्यपागवून
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अथहोणायंत्र
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ. (१०३
छडनराध. आणायंत्र हीरामोतीने मागीहीश
हांल्लामांसी प्रराणते हरेन माएगीस्यदानातारेल ताम्रस्स्तु लील्यंभांनु प्रतीपोरसी सरेन्वन्समस्तवस्तमा
जांघीमांराप रवीसमानलागयीरी राणी मुंडीला मलीनेचाण्य पोरसीन्ही वामांत्रेराला रागमापरे जरीन्शन्गृही योधरेतेल नेगंधाम्शाण होणयं तणेतापरेयुत्रमांघरे पीग्यारीचङ्गीमं बेमुरीतोश्रीशस्तेन्युलातणेीरेन्उन् घपापोसीमां जेन्याभअर्धते लेतेरे नु तनेसमेन्गशीने शुद्धतेरे
प्रहीनक्तनेगमे४- रेवारसी हुनीनराक पाक्षिन्नेहरी तेनानदुरथडीगुरी- हीराग्य गर्लनीयशेप- पीयेतेन्माइनीरमांमराडेचात रोगने- समस्तारी श्वास हीडवनासेलावी लोगनेन्दु असीसीए प्राणसुपीयाते । पंडानी हरे रेवारसी उपनाम शंमध्ये मनास रेन्उनं
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१०४) सुधासंगीतवैराशास्त्रग्रंथ · अथरांड्रोघ्यरसनीमाभा
रावरगसोनागा
छह लगाना ग्यारतोलाहुरे तेममत्रीसलेशुद्धपारोन् म्लसारो हरे गंधर गौसस्य तोलरीतये ययोघु टक्सारो १-पुष्यनरमातगांनीरतेनुंडरी घुरवुत्रैएयीन पुर्णप्रीते तेपछी डुंचरनापाउना रसवीशे भैएयहीनतेम जल्य येनरीते शुष्डतेसोडरी पडील तशीशीये इंपडमारी हरी मांह्यलखुं बेसुमायंत्रमां धारयशीशीग्र ही. रिछसुलातणेतापवुन्उ-पोहोर न त्रीसलगतापतेव थडी मध्थीरडीये रीत्य दुरको स्वांगशीतलथरोपयमा टीवसना प्रातसमयेन सांमांनवोन् तेनशीशी डी जडीमांलरे. नांमचंद्रोघ्यलीश लाजे हींगणानासमोरंगऐनोजने उनह नीड़ीमत्येोरान् माससेवनउरेनीत्य प्रातेरती - योग्य अनुपांनतेनुंजतार्बु- स्तु री- ब्लग से मंरास-संयोग- पारभास भगीनीत्यजावुन दुसरश्रायुक्त डीडाजी परातेपीये. शक्तीमा सहायुर्षशेर्धनमीष्ट
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सुशासपीत्वैद्यशास्त्रग्रंथ. (१०५ मेवातागासत्वसेवनउरेन्ताइएपीनासेसलो गन्नेछन् पुएरपुश्शार थेन्नुयन्नुपतीतणा
शमसनोगमाजास्थायेन्याययोध्या इस्पायरोन्रीत्यरंवारसीडोमगायेरन तिीयोड्य
अयश्ससीधुरनीमात्रार्यानीवीवी डगीयोनापारोतोलापीराने गंयन तोलावीरन्यीयडन्समरीश्रीलुन गीशन्समरीश्रीनुगीरी सहेनवसागर सारोन्ग्राऽनाजोगप्पलेटीनत्रयसमा रोन्अगनलतरीशीयेऽमारीश्रीलरवो, परिणत्रीनांताप वेगुश्यंत्रेश्योन्पन्न गशीतयेयापछी लरेडामडीमांद्यपाननीने पासनऽरेन्येऽरतीलरतांद्यन्येरतीलरत्य घरेपुशीनगावेन्नमेवीरयेन्नेर यी पतलोन्यनलावेपारसी निझपा यज्ये सरयेसमजाये रससीयुरप्रारीत्यरेशेचीन रितोयायेन्पन
अयशंजवटीनीगुटीला योपाईछंह राशंणलस्मपव्यान
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|१०६) सुपासंपीत्वैवशास्त्रग्रंथ. वजारन्सुरोसंपणसीपयसारपन्लेनपसार नेपडीयोणार-रोधीहींगसरसतेवाररन्सुन समरी पीपरयछनागपारोगंधासोसमा लागन्न्तीपुरसमामीनारे येड्डीवसधुरी जिल्लहरेनल्याएपबेयडीगोगीयायन्लीग मानेगीनरमायन्यन्शुगसघरपीगोगोन्न यत्रेयागंणवरीसुणयन्५० । अथिरिनाश्नांलक्षाग योपारा हररज्योन्न्याया| यापीगुखोहीलगातेयायन्पन्डंगगुतेस्थान नपडेन्शहप्रयीनेल्वरपडेन्रन्पायेलन सागपुरण्यायन्तवीररसोरेयायी
अथांगरनारनोल्सएर जुखएगाछंना पांगहरवीरनारी: शियायी-अंगअंगपतीशोथायेन्चरगम लायनेनेअंतरवसेन्डंगवाघरगुरत लयेन्पन्हलायेजने लागमुनयीगगे रक्तमान्नुपर्डयमनपास्न्यायन्वररीक्ष येअररेवाररे नेगमगीयोन्यामांगमाये ॥ अथाहायात्शनां लक्षागा
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सुपासपीत्वैद्यरास्त्रग्रंथः (१०७|| छिंजुलागानासागमुणपीपडेटे
नही शहसुगपातामुलांननुले पेश्यना वेगमांडरोहोउतु पुरुतीपांगरणतेमभुये कन्डारीलेघगी गरिसएतापये पाच मांएनागलागेन्यननीयुरहेयोनायी। यो रोऽतांतेपडेओन्लोरन्यन्खसागप्ती| धर्मशेप्यायडी अंतनासमयमांगायज्यारेन्च नशीयाग्यनेयेमरेचायतान् हुड्याहासीयो नएयत्यारेन्कुन | अथशयुतइनुहोयतेनारदिए
होगीता नायसुन्नेश्यान डिन्तेानांलक्षाएग- युद्दमे-ल्वर स्पा
डन्नांमरक्तपनेसम्पन्शीलगायेये ल्यवाधेन्वर्मवापेतेश्यणे शेल्लापी-नरेन्ग गान्नेअंतरेपणतामणेरन्सोवामन लायेवपुषोतरसरेहेपाएगीतगी पाडेगा| तेरानी रेदेश्सेशनेन्मुंमोघणीन्न्न मरी मिलोमीपठेन्येपक्षलागछेसडी हेमांनी साध्यययातगांचीस्तारीग्रंथवीरोन्न तपुरषपाएगीलागतां महीन्यांननीमुरतीलना
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||१०८० सुशसंगीत्वैद्यशास्त्रश्य. पाउराडातेहरेन्नेश्वानवत्पेशारन्एन्यो गिरीशअष्टावास्यां पामेडम सुतरोन्रेवारा सीराण्येषयेन्येशगनाद्येतरोन्५. जुत्तायुउण्डेतेनोपायतरताशरयो
राउंडरोपमागानारायो तालोहीटावेन्लोघोडाहामन्यावेन्पना अग्यचतुररसतेचो मेथ तोलाप्रारब्लेयो। रन्तोलाय्यारमहीगृतीने मुषहरेते नोमलष्टीनेन्तेन्नेरीलेपनयाये स्थानीन यागताएंगीशनयेन्न्तीपारयरोन्न रत्हारी रेवारसीजनश्यबारीन्टन्राप रूस्यातरानारनो तारन्याय्यान गीस्टीन्नेमासछासातवर्षसम्लेरेन्स्या नवीरानीअपव्ययेन्तासुधीरेऐरन्पन्मो रतुत्य-एड्तालनेन्नवसागरम्हंगासन्मीए मख्यमत्तेनोडीन्शेयरोयल्यन्यन्मस्या मियोपडेनीत्ययेन्नेरश्वाननुनयन्मन्पो-या नोन्वारीनेन्तर्तरोणंघायन्स
यथष्णागरोगनीनर सिंपामागाउंहना रानाग्यरोगयपान
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सुशासंगीत्वैद्यशास्त्रग्रंथ. (१.४|| शरागन्याव्यतपायोगेयीधारएन मोप ब्ल्यनलारे सुपुमाये ये शेराचीरामय वायेन्न्डे अपवासेरेमनमेलुन् पयणग उतरीनपेढुन्छन् तेभाग्यटनेपीयेभायेन जगडेडुलपाद अपरान्ह वायुशेपरयेको यजारे घरएएपीज्यप्रगटेशाताहरेन्पन्दी एयपुभगमुत्राएतान्मु मनेहीनयेत एणतान्पपीमुधोलमालागेछेलान्या युगीन्याचीपारेवान्डपीत्तयही पयषण उनलारे प्रगरेरोगलेताहारेन्टन् स्वेच गेचयुपेतेघाहण्डो पीगोपातगराडेचाहानी शरीरपीगुशक्तीलागे पाएगीपलपलपीपा मागेरूत्रायेलक्षएपीयनेचाय पीतेशयों रोपवाये कृपयमानोरोपलरानी मायनेच्याधीप्राथायेगलागपडीरे। गणतीती घाटीनीट्रेप्राध्यपुराती-पन शरीरशीतगशुन्यबशयेन्सेतांदायलयीने नयेउपुष्टरारीरेअल्पाहारीन्यायोलो मरलागेलारीन्टलवरआधीगध्यापतेने वा जनमोटरांने प्रगटेनेवान्यन्तेमाग्याउने||
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|११०) सुपासपीत्वैद्यशास्त्रग्रंपः सरपेयाये मोराश्रेममुनीश्वरगाये - ताणुरवाधिचापेन्तेञ्चगमाग्यसंताप
डन्तेम्होरान्ननेनवायेरेदारोग्यीय नोन्यायेन्पर अथभाग्यानेन्तामुरारोगायछेन
लेनाखदरग श्लोक- परमागक्रराभूगनेल मे पांतीरधुमतागपुनमे लारीतर्श भुम शायिायछे नायायपीटरपीसमायछेन १ मांगन्यमरहोपडे रेपयायग्रीन यनेर शीशलारीलेपनवायी तागुट||
रोगययाथीर | अयमहापध्मरोगनेक्तरतपाउछे ।
तेनासक्षग उंदसेनीसनारोगतेीशुनेशीश यायछे डेगुस्यगेथीलगायछन् न्याय पिटमसरीसरंगलेशनोन्अंगमानणायपाटा प्रेद्यनोन्रीषयीमारियछातीय तायीगुराने पीरघातीयेन्न्पे ढुयीशुधने गरीशमांगेमतेलमेछेरोगरिशमांन्टना
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__सुशासपीत्वैद्यशास्त्रग्रंथः (१९१|| तेरेवानीघराठोपथीमनेन्महाप:मरोगलन ह्योम्हाननेन्प
अथडुंगरोगनांलक्षण
पऽमागान्ना गएगगहनपणे पिययायेन्यारवर्नुभाग्यड्पीडायेन्पन्नाम्यो पोरेग्यक्सेछे नास्ससारनेनेनगसेछन राज्यघाडीलेशनयाये सनमुपते नवन्नेयायेन्उन्रेवारोगयेससएगाये पापपुरवनेपेयायेन्द्र अयतुंगुरपारोगमाग्यमनीतेना
सक्षग एश्लोक ॥ नानीलीपीरपार याय पाउँगुघलीगपुन्गायन्पन्रोमा ||गनेव्याधीअनर्तयाय तुंरीगुरापाऽमुनी गायन
अथअहीपुतनारोगालदेगा दिपणानामुणधरमाणनेप्रारी व्याधीपणे रेगुराअधोतेलरेलीमुत्रने मोन्सन्यायायुडेनगेनराइस्परथायछे -पुर्णपीवत्राह्यबाह्यवेनालगायछन्न
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DEPARAN
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११२ ) सुधासंगीत वैद्यशास्त्रग्रंथ - गुदालाल येग्य नचाव्ययायतां भरी झेल्सी योथर्धनेारे ब्लयनीरनीरनीसरी तालयंडरो रेवानम्ष्ट डोहरे पुतनाग्रही ते रोगनीमीयोमुनीश्वरे
वार्ग
अथन गल्लीअरोगाम्याने थायतेनांलक्षण.
सेना अंगवीरोये।
पोपाछे छंदना चाय तेनांगीसफुसमजाय ? रेल्लीयो मगसरणीपाल येश्वरानेसीमागीलालन - पीया हीन येस्यीयाय अनगल्ली रेवासी गाय उ
व्वथ पारीगर्लिङरोगनांलक्षानाग्य
श्लोक ॥ एनेहसगरलासुंदरीने आग्यञ्ज्धावे. द्वारा-अगी- श्रीवपुने शरीरे- गलारी-पा
वे पेरवर्धने वर्गमो शोरारीरे-महारी रेवायेा लक्षएातुं हरसुञेने पारीगर्लिएरोग प्रग टीयो डेहेतेने १. स रीडर. "पारीग रनीपतेत्रेने सोपासेरोफेछेसाग्यो तेरोग
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सुधासंपीत्वैद्यशास्त्रायः (११३ अयप्राण्यानेधतापतीपेगाहुण
थायतेनालक्षिाग तावतांमाग्यानेहेल्वरलारीन्पेटवछुटे शराठोपनेओसरी-वरानंतर सीन रिग टीसंपरागेसातयेससगतेरेबाना शंश्चररगेपन । अयमाग्यनेतापनोखीपाय नागरमोथ्यनेन्लीमछाल्य हरडे होनेन्परोग चेलाञ्चायडरीमधपीने शभ्यासमुंज एमरेसुजीयोशयेन् रेवारसीड्नेसमस्पेन्न्दर सरवेन्नये १० प्रयन्वरातीसारनाग्यानेतेनोखी
पाय नागरमोथ्य अतीवीराने पीपपरीयेशी || घशहडायपुरगमगुंडीयेन्नाग्यहवारे शयांतीनुमन्नयेन्यान्यरातीसारमटे ग्रं योगाये । प्रयमाण्यानेअतीसारनोलीपाय धावडीसनीलीग्रननेलोपरखेयोन्त्रीगी। पीपरश्याशीमगारेचोरेगारामीरा
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||११४) सुपासंगीतवैद्यशास्त्राय रपस्यायीएघटे सगुडीपायेमाग्यानो अतीसारमरेन्द्र प्रयाभातीसारनोपाय
माने पीपस्यन्वायुषीउंगपछीअमोहरेपुर एर तांदुलासांमएएमांपांनारेपरेवार सीजनुररगपीतामातायाधे तौआमाती सारययोसरचेन्नयेपन । अयरक्तातीसारजागनेनेनोपराय. मला धावणीनां सन्मोयरसेवाटे उमणला नेपांगानोरसोसाटे-पाटीसाठीयोमानाप
सामएमन्तिौरक्तातीसारमटे पायेर गमांन्प. । अयनांग्यानमानीपाय
तीमधमपुरानेगेपनीघाएगी भारी पारीमेगच्यमपसारनागीन्द्रयारसीनु स्मरएरीयाटोथाये ताँजाग्यानेमरसान व्याधीनयेपन | प्रयणागसघराएीनोडीपाय गारन्यव्यवहार-पीपरलीने तेमवल्या
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सुधासम्पीत्वैद्यरत्रग्रंय. (१४५ गो-लायरीगएीमहीने हमारी यारीमा धमीश्रीतमाग्यश्याटेन्रेवासघरगीनारीप उरीवारेन्प अयमाव्यानीधरसपानातीनो
सिपाय नागरमोथ्यअतीवीरीअरसोलीनेन्सी घातान्पीपश्येयुरएराशनेमारीऽचाटी|| मघायुगाटे शशिमटेन्रेवारसीनेसमस्य। सोसंतापघरेन्१० । अथभाग्यनेस्वास-प्रोसडा अरसारसहर छाली पीपस्यलेन्शण शगीमघधुरीभाग्यनेन्स्चासतरानेता शो सङगन्याधीनयेन्प्रापीनपुरषोत पिपीरोयगायेन्न । प्रयोहारीजाग्यानेनोपाय. डेरीगोरवी सीधवनेयोपाधापीम्मरधी मेगव्यसलागेमयमांश्रागीरेयारसीपतु स्मरगरीओरायपाये तोषाग्यानो यम चमनतगोव्याधीनयेपर.
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|११६) सुशासीत्वैद्यशास्त्रयः . लायरीगएपीनांगतेनीरसखीनेन्तमापीरूप पीपगीमुगन्यव्यडीजेपन्यानो-शुंडीशरवस्तुलेगीऽश्वी मीमधमांमाग्यउना मुखमांधरवीन्ररेचारसीड्समरीपाये नये लड़े तोरणमाम्यनागारे घरडेन्उन रांतीवारेतापटणे पन्नये रंगणमान्य राशमानसमोथायेन्डा .
अथमाग्यहनापेरेप्राशेरछेत्तेपीगुण्यलाग्यनसावेडेन्तेनोडीपाय सीयवन्सुंगरोडीहींगसरसलीनेसाय शीसो लारोगनालेणुले भारीपरतीहुंना नगसाय्येपाये तौंमाग्यग्नोंपरभाइरोसो लयेन्युन्मुंगीसरासोने घागसमरे रेवारसी नासंगमसंतापघरेन्ट ॥ अयिभाग्यपेशामध्यगियोडोय
। तेनोउिपाय. पीपरमरी येण्डीनेसीयवसमलागेमरीमध| साऽरमांतेजलवालागे तेषाम्यनामुष्पमा रतांउपघटे पीशापधुरेमधनरेशेदभरेन्पना युडरामायेनेषणसावेमगहांभे धपयेनेहोना
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सुधासंगीत्वैद्यशास्त्रग्रंथ. (११७ शसमेसौगावांमे रेवासुतसंरकुञ्जरेनरमा घ मारये औषधहेषु लीषडे घरमाहान्भन्डी रतीचीश्ववर्धनहरे हुजयान्यनुं तमहरीरी शपेष्टवान्यनुन्
अथ जागनेलाग घणी पडतीलेय तेनोरिपाय
तलमोहर येणडीये डीमणीयाये मघनांजी तोसागरतीरोग थाये रेवारसी इहये। तांनारहे पापस्सु रोहेलागनतुनणखेषु हेएारसुन्न
अथैमुमपानाभ्यैचानीनोल्साभाग्यनामुमांयाय छेतेनोरिपायपीष्यण अंतर छालय डुमणपत्रीतेनां मरही मधमांमेणव्यांगोजेनां जाव्यस्याटेटंड अलयमुजपाऽमरे गरमर्ध दुरे मोव्ययछुटे रीदर घटेन्शन
अथ जाग्याउने डुरीयेसोलोनो उपाय पीजीमारी पावडे रोडी लालसरे ययमांलेगी। शेरीने जैडलरे सोलेरामनपुरे भणछुटे सुजयाये ताडीतएगजारीसईयागसघजी
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|१८) सुपासंगीतपैशास्त्रग्रंथ ॥ लिये तेमनहीतीयर उमरपत्नरो रेवा रसीइनेसमरीआडीपायरोन्पुर। | अथमायानीडुंरीपाडीहोयत्तेनोगत
रुगधर लोहरपलश्मर्पमामरीसे|| पिरोसोधीनेनेमाग्य रीटीपाडी तेहरसोरथरी रेवारसीमनीन्ने पुरा एपीस्वासहरीपन
अथाहापाइरहोयतेनोपायशिषडीमयने रसवंतीघुस्यनणे घाटो विपरीनेोपवतेनपणेन्रापयारो पीज्यपगारी छुपनरोन्रेवारसीसमन पाथीयेगासुरीपन अयांतवाशिणताहीयतेनोडीपा. आमगीगरस धावडीनाइसपीपस्यले तेजणमरी पेढापरयौपडयाँ हेतमेव आगितायेऽमरीन्नरी रेवारोऽएरसी/ तगाररररोयारोन्पतिीजागरोगस माप पागरोगसमाप्त. अयएटरतुनान्नुमामा.
अविसंतरतुनोन्नुलाकर
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ. (११७) सोनामणीने गुलाजनांस चलीयाणी ५३ जांड नसोतर संलाँगेगाणी ज्याथ उस्त्रेभग रोघलागीपीज्यान्नये रेवावसंत स्तुपरतीमुनीयोगाये अथग्रीष्मस्तुनो बुसान साम्य शुद्धनसोतरमेसरमाहुरवां मां एगनासरणांमर ही जलमांस्वां याला कुंनानमापाये रेवानुसा ग्रीस्मतागी गरमैन्येन्
येपै
अर्थशास्तुनोलुलाजु
फुखु
पीपर न्हाणनेसुंग्य समोपज्य सौह नाज्य नसोतरमयसाध्ये मरहन दौर श्रीगणीनण मतुरांश रोपारी परेशान तुना रेवावीशमव्याधीन्न
अथ शरारतुनोब्लुला नागरमोध्य नसोतरनेमही प्रामहरी - साएर सुजय सोनामुखी लागने |ीमधने तुल्यधमा सो स्वायारे आहेव स्तीशी पीतां इष्टहरे रेवानस्येथा हेन्द्रशघनेजाता सरल शर्हरतुये वैह
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२०) सुशासंगीत्वैद्यस्त्रियः तपीमातापुर . अयहीं मरतुनीनुलामन पीबान्पादनसोतरनेवनागोजरेन सोनामुनीयेराउपस्तुनुयुएरेन्जीन सोयीपानरे पीयाहरवा वाहीमर ते डीपयार ह्यारयापन
अयशशीरतुनोन्नुलापन सोनामुनीनेसीयसुंबपीपरसीलेनन नीमनसोतरमवसाय्यमरहनीने येऊ उपैयामारहुँनालापीपाये रेवाशशी रतुनासंययमगसौनयेन्न अथभनुशनारीरीश्नीगतीथायछे
नीरीत्य न्मयसीटीचर्षलगीनागापगरकेची सलगीचपुनेपघवानुभापळेहेन्वन्त्रीस लगीतननीतेलपुरीयाये तारपछीथी| प्रयागनमतीन्नयेन्रन्यागीसवर्षी लिंगीमुद्दीषणणारेहेछन्घाढयांमडी| पिंडीतवर्षयपाछैन्न्सु लेसापयती सुधीनयनेसहितपतीरयन्नेनीर पुजा
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सुधासंगीत्वैद्यशास्त्रग्रंथ ( १२१ धान्यीर्यताएगीवृद्धीशीत्तेरसगीरे हेछेन्तारपछी शेवी घरतोमनमछेन परसरवपयाक्रम ऐशीवर्षसगीयाये ज्ञां नरहेनेवुपणती घरतुन्नयेन्यन्दर यह पलटे महद्रीयोलयडगी वायानुं जगरीवर रेहे शतवर्ष लगी७न्स शमांरमार्गप मुनीवर छेन्सबीशे प्रांएगमात्र पंडये ये हेछेन्ट नीरोगीरेवासमने तुरीचीशरहान तयेऽसोंनेवीरापर्धेनोआवाहनध्या धारी गोपीवरने गावे रेवारसी नेररएएंगे ना गश्लेयावे.१०.
अथवायुनी प्रार्तिनाच्यंगनुलग देशटुंडा इक्षशरीरेक्रशलाको वायानुषण गोरमंगगमनवाणो व्योमचीरोवासेतेना स्वपनांच्यावे वातप्रहरतीरेवाशंर हरसावे अथ पीन्तप्रर्तिनांसा न्नुयांनपाएगमांशपणे शोलीतरंगे- बुद्धीनुंजम परशेवी पुराग तेलगांव पनांनेको विवयेशये पीत्तप्ररर्तितेरेवाशंश्रगाये अथार्तिनांलक्षण
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||१२२) सुपासीत्वैशाख ग्रंपनारीणापुष्टतनुंघलीरगती मननोमाला संतोषीषणयानप्रतीस्वमगारायसे || लाएगमालेरी-रेवाप्रतिपंडीतवरगेडोरीन
अयशुपारोगनालसागर प्रशस्वासनशोऽशरीरेलगहारी-तंत्र घशातायनीतरमाहुनलारीन्गु गपेटमा शरीरलारेसोजागुन् पेटभाइरोनी || मुखतागुरन्पीत्तपणनेप्रतीसारमाया यन्सुवारोगनां रेवारसीडलसाएगायेन्पन्न
यसुरारोगनोस्वायग्रंथाती उद्योछेतेनी रियो तयानुलामसुंब्याही प्रापयोतेलतुयुनी सुर-नसोतरसोनामुणीनेशपहरेन्मलगमा
राऽवस्तुसमत्यापिरेन्सीधयनाणीमप|| साथ्येहीनाशपायेन्रेवारसी:नेसमरेश्रुतीस डरन्नयेन्न । अथ सुपारोगनो पाया पातोलोमंसतेपातसमेहरगोन्तेयीषमणामा यिसाथ्येमानश्श्योन्सर पीपस्वषनेमहीने तेमाघरचीन्यास्यानीतेपरीतेनेडरवी || र सांजसपारेमासीवससुखीजाये तोब्गा
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and
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सुधासंगीतवेदशास्त्रग्रंय. १२३ उमाथीरोगसुपान्नम्योन्नयेउ श्वाशय नेशो अशीसीन्नये पीगोमरीनेटन वतयायेन्टन्रणेप्रीन्दरनुंन्नेरसरगया |मेपेरप्राइमरेवसेवायुगमेन्पन्रेयारसी नीराधीयोनगमान्नेलोहसरीषुओर धनगीमांओईएन । अयसुरासीतैलप्रपराधुपेला -- छाहरीगीतना पतलतलतेशररीरले सोपानपीत्तगनेलरेन्स लुशरवएते| पात्रने पाठेघरेत्पन् पारीनेतेमागोवस्तुन ||मवी हरवेन्प्रत्येऽतेनपरांमुलीने गुप्तगुए,
मामान्य सीपखेटनागर- छडीलोना मोटयोटानीहरेन्नणसानेधोखाम्साहीयांन |मही गांधीपारेउलेपुरीपस्यायते लोणांनलीनेडरेडीयुन्मही-अगरन्तगर-गु|| लामनाऽखयेगडीवनलोडीयुन्टन्ये पसय स्तुतैलेनाणी-सातकुनीलहरे प्रत्येऽवीन शिवसुन्तेयारीनेतैखवीरोयरेन्एन्वागावी||
एयनेत्रांमेगांमणीयागइनेताजी सुनी मालागीमाती
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१२४) सुधासंगीतयैयशास्त्र ग्रंथहीनदी पलाणे तेसमां पाताजयंत्रपछीघरेछाएगा वसुरीर तापेत्रीझेलांगनेराजीम्रेन्डन तेस्वांगशीतययापछी सहयात्रशुद्धस्रीलरेन शामा धरेशीर तैस ते नैमनमुनीश्वरनांदुरेन्ट अपातानीच्या पीज्यरणेमुस्तस्तानी
ती छे. नीरी मुनजन नेतेग्यसुनावधेशी पृथ्वीषोरी रशुजनेशएाघरे
ये दुपासा
त्यांथमारेने आनंहरेऐअंगेजयेन
जीनामा
दाख रून्सौलाग्यतैखयुपे
पूथ्वीतीपर
रहेयोमग सवान्येनांभवीश्वची गंगांलरी
तापहरेतोय शेरे धूनमाशीनेवी
योनीउणे
बेमादाय स्तारीयु सीद्धांतरेवा
हरेलांनीपय मांगोणसरीशंकर -
रीज
पालुडी प्रयोननी- पननुये पेतेर्माथा छोडीयुइना लारना स. मारौत जवुन चारीत्येरेतो सासौलाग्यतैलन्धुपेल सुधरेवरेली ॥ सरसयाय
3.
अथैगनीमंस्नोतीपाय वसंतमालतीनी मात्रा
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AM
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सुवासंगीतपैयरास्वयः (१२५ गहनराग्यामरीने संपन्न शिन्तमालपत्रतेलोन्तग्नेस्वेतलेमरीसुसीय वालशेन्पन्पीपेरलेलघुखहीने नाप छीनरी लेनयणनेअग्रीमेथी उस्तुरीचीयरी र समस्तसंएगेधनेगौयस्तप्रारहीन तोलापमा गयेऽनुंतीगीखेतोसनेग्रहीन्जन्सी घेलरद्धनागवरखतेतोलालेहरोन्डेसर्वेयालसोगतुंन्तपाशीतोलनेणरोन्न्प छीलेपान साँसपा नीयोचीनीरनेश्वरी समग्रयाटी राधीने घुटपतुणलेडरीन्पन्ाखेनोरयेउत्ते पुरीनेनीरतेयमगेगीऔरोधी भएप यन्नेरह्यनुन्न् लेखीनुरोरयेऽतुंनीयोची नीरडयान्येवानेमुण्यधीनपक्षनालगा ज्वान् पानेहीमर्गमगीनेवाला लेन्रतीप्रमागराध्यगोनी पीनारापाले रन्समस्तरोगहनातेपासतापणीससे रखें नीतस्वासरगनाटक इपी पप्यांतीज्यतर्तनाशयायछेन्चरो। वीर्यमुद्दीशंन्तीयासयानन्नयछेन्च रोए वीर्यरोश्यारेछेपीरायतीन्द्रयारसीडेथी।
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१२५)
स्तरी घडीवसंतमालती११
सुधासंगीत्वैद्यशास्त्रग्रंथ
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प्रथमशसरवानीवीवी
उपुरतोलो म्हणीनुं परथमसीने योगांमरी या येगडीजे सरणांहीने- १-पुरडायसीच नगंधाती सेसारी तेम प्रभां भीनाजाला धरानीवो तो सो प्रत्यही वस्तुसी
लुडोरीतेरपुरमांलेजीहीनेन्उहाँस
पीपीवेगथवाघ्रत
पाणमांमध्य घरेमनमांधारी ढांज्यवाड्यड्डी उपगडे मुद्रासारी येमांथी वो लेत्यनगतोतापमधुरोच्चाहर यो पद्यादवस्त्रगडी वाडीयैवखु नेपूजागी शीतमते तगीयुर्युदन्डीटयो झोरनुमाप प्रयोग पुरयारो नयनांननीयेजरासवीधीये संघाशे ७ रेवारसीहनी रीत्य उहीलोरेयारी - आतेवड्ययी जरास प्यालोमयान्या ऐतिजरासनीवीधी ।। टीडा. राधानरीत्येपाशेरपुर वारी लो रापीतजनामांलरे तेमापेचासुमुरीसरस्तु मुंहारे तेमांपाएगी लरे - येरसीवारे त्यारथा यिन्यांएगी कुंजुाढीसेर्घ राहुलसुंनपछी भुंगा
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___ सुवासंगीत्वैद्यशास्त्रयंय. (१२७ | छोडीपवालामांगनीलरीपलपछीप्यालो रोपडतेगासप्यासोछे
अथअलरगनाललए मनमालानीशरीरलागतरे पेरभाइये अपानवायुधरेन्घोगरेजी नगोडेतनताडोवारंवारपरेछेरागसरो नागोरन्जनियरसरपुरेहेन्यवान्च्या रे रेवाअलगशलक्षागवरतेत्यारेन्उन अजीमहनेअघीडपासनीयाये संघन रतांशसणनाशीनयेन्द्रन i. अथ अतीसारनीतीत्पत्तीन लोरी पीपी नियस्तणावारी पातगोरी तिमसुनीलोग्नमांऐश-पन्चीडयस्तुरेची शिणापामांन्नये तेमनहीतोनोनपरनोरन थाये बाययातेसहेवीपक्षागथलगी || साडेयीजीलयताप्रतीसारतगीन्य. 1. अथ अतीसारनुस्वापर ये एथ्ययीनगयातुपयोअंगलरे पाएनना|| पायानेतेाशिांतारेन् पन्तेनगननिमा गनासंयोगीयाये पवने प्रेसुमुणवारयन
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|| १२८) सुधासंगीत्वैद्यशास्त्रग्रंथ पातगइपेपांएगीमणमणीयुचेछेरेवाते अतीसारश्रीडोपीछेन्यूयन्प्रतीसारनालेहन्दुतेनांनांम
नये
छंहछुरीगीतना
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वातातीसार
छंद वसंततीलाना पवनाश्रीतनेवहेछ यीत्तांतीसार नगरील गुहाहहुंछे शीतणसावदनमान उङ्गतीसार आमतीसार मरडे बीहरे अपार१यायची रणता सनीपतात्तीसारे रेहेजधनमांर्मनां द्रोपनारे रेवाहानी प्रीयनी होयज्यारे रेहे संस्रमानंतुशोधतीसारेन्
अथ अतीसारनुं पुर्वयन हैये गुहानोली और
येतुं ये परापीडायछे रेहे अनीने मगनोपयन पायछे १ वीरमंधने तनशे स्लीयो हरा सक्षागोजारेथयां-रेवाली षड्वर तेतरत्प्रतीसारनां अंगोह्यां
अथवातातीसारनां लक्षण
छंद हुरीगीता यायने सुषाश मांहीएाप आमेमनेलो वारेवारेलेर मकुब्जवाता १-पेडुवीशेड
रामगामण
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सुधासंगीत्वैयारुपगंय. (१२० णतरनतांशरलक्षपोलेमारद्यान्यासक्ष एगातारचीचातातीसारतापां ह्यान्यन्य दिनोपायरानागरमोथ्य अतीवीराने यन्सुलेरियामागप रलीमहीलोरपन्पुष्पशापडीअश्वस्तु जिलमहीने युरागरीनेनोलसही तरमाली
२.सातहीवसनीत्यवालअष्टयुरगण येताँचातातीसार रेवान्नंम्योन्नये. | अथ पीत्तातीसारनांलक्षण छहारीगीतन्नामगपातगोने पी। तपरागोलालखीलोनीसरे पाडेगुएनेस्येच अंगेहारूनेमुरछाउरेन्पन्नाइपरगंधीवरु लागेशातेनेअतीन्घालसरोछेयुक्तये पीन त्तातीसारतपीगतीनरन्रेवालीरान्नएलस एयोराहतेफनासमलेगुन् अनागेसमुंओर यग्रतेपुर्षनीमध्येपन्नाईन
पायगरलजीसीनोनेअतीवीरे। लोहरसीबेनागरमोथ्यस्मरणयारिअर पीनेन्परेवायेशरयस्ततएोनेज्यायउरेन तोपीत्तातीसारतएीसोपीयहरेनर रीय
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||१३०) सुधासंगीतपैशाख्यग्रंपः
ज्यायधीनार उपयोगी ते परामसारनीगोगीरचानीरीत्या छहागीतान्नुनुप्रीगन्नपीना तरीलेन्नयनमुगपीपगीलेगारयनिग्यार, तोलान् मांऽसोसरणीमगीन्पन्शातेर ममाणली गपचारादरममालरोन्तेनेऽपा! मारीरी लरसारतातीमाधरोरन्पुरएम शयातेपछीदीनेतेणखीलये गीयांग योपुषपरणीशीतनारे पीछयेन्उययपरती नेतेप्रापधुं रेवारसीडआधारथीन्नीशेनीवाय एगापायछे अतीसारस्मसारथीन्द्र ___ यपीतातीसारनां लेन
रक्तातीसारछेतेनुसार स्याघरीगरमवस्तवायज्ञारेन्तोपीतरीय
रक्तपापधारेपन्तेखोहीयोगमगनोरीसीता रिछेस्क्तातीसारगध्येमुनीयोपोछेर इनोस्पिन्छाल्याअतीपीएन लोहरीलोवागो मोय्यरतांची जयमन्य। खोडालागोन्पारसीनालाम्यस्तुनो योगारीमयमुंडीरीने वाजेपयरी
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सुधासंगीत वैद्यशास्त्रग्रंथ. (१३१ वाहीयससातङद्युतेरीत्ययशे तस्तातीसार तरशुंहुजहुरनरी उना पायजीले. होरो गोइयान उसे मघ सार रजेयार व्यार दीवस तैयार तां न्नयेरक्ताती सार- १- मंघमांजा जारीतएवं पेयसाउर सुपाय-तौरक्तातीसारनी पीड्यासर्वपनाय
अय ते मांगुहापाडीहोयेतेनोपायन घोनोसोर तथागत जेवणमादीने डील उ रीतेशेऽसानोडीने १. येमनेवाहीनसात सुधीीयेजारे गुहापास्यानीपीउयसरयरीम
तारेन्शन
अथतीसारनां लक्षण
छंद-नराख्यन्ना ॥ श्रीगामणो सुवास शीत रेले सहा शरीरलाको घार्डमणशीन यायचापा १- रेवा येसात लक्षणो गमेतेरोगीमारांनवीयक्षणोतेयर्तरोड झत्तीसारनांउद्यां रन्ता ऐनोगियाय सोरठी. हे संघन मेग्यारह नेत्रांतरे तोनहातीसार- प्रांगीधी गोपडे १ मगनुप्राशनयाय छीपेय जे
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||१३२) सुवासंगीतवैद्यशास्त्रयः । संपनऽरे तारपछीपायझ्यायितगोऽरयो रयुरानोजलाया। पन्यासुंदी छाल्याधुमहीने अतीची|| राष्पीडागरलतपारीतनसाकस्पतवस्तुन नोज्यायधिवसानेपाये रेवाइकतीसार नजामुगधीनयेरनातेपर रगन्यायसंगसुंडी पीवणीमुगा लीने सर्वएमरीनेहींगरोहीहरीने पन्ती वारा समसीयुमेरामाये रेवातीस रनंऽष्टन्नयेर
अपनीतातीसारनाललग नामणतेलालरोमीरोपारवनानांतदेद्या माइपीसेन्सन्तकारलुनेत्रगोशन मां मोहबमएताताडेहोयतेमांन्यस्त्री माग्य स्नेयेमयायेसातेखक्षगये साव्येगगायेरेवाआवेअंतनीयोग ल्यारे पुर्षपडेनेसंनीपातातीसारेन्टमा हेनोपायनापीपेणीसुण गव्याज रात्रेसुंगेलीले नागरमोथ्य छिाली मही अरपीनेन्पनियने प्रायलनीयो||
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असंतीपातात्तीसारपरगारगं । उडाखाल्यनुनीर शरांडामपनद्यमायं, उत्तेपपयाडो परेवानिनियाय नरेनरेशेदुप्पीसनीपातातीसारेर | अयशोडातीसारनांलक्षण पीयपुनमीत्रसुणयाम्युमरीस्त्रीयवा च्यतेनशिपांम्युन्पन्घएगप्पेयीभूतरो तेतलायत्तेएये पायापेरनोंभहयायन्स पस्युमार अंगमांगने पडेपेटनापाव बत्तिहन्छन्वीश्यय लिहीनेलेनगाडे भगीस्तमगरायतेलापाडेन्टन्थयारक्त न्नुष्टुपडेयोगचोधारमांडेअतीसारते चोन्पन्राटवसागरोगीमाहोयलारे रेखा सिंणवेसर्वशोखतीसारेन्एन्नो
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१४) सुधासंपीत वैयशास्त्रग्रंप लेन्लयातीसारना सहोरोप
लारीलयीणनेन्तेन्लयातीसारजेनां लसागयेऽछेलगलीशशीधर पन्चेयाताप तीसारनाओरापनातीपणार तेत्रापरण लरोन्नापत्तीरसभारन्र--- ॥ अथाश्रमातीसारनाललग
त्रुलगा एप्रयमलोल्पमता गरअनरण्ययुंन्यस्तुलापेलत्तेमाननाये। शेरावाताशीपोटरेयुक्रधातुरही या यायेन्षन्तपीतेभेगवेवायभगडोशमेl गर्नुभुगमनमांद्यन्नमे घोररंगपनेऐरमांना
जीप्रभारीपनेपणेमुणमेन्रन्पअग एतन्यलेहलासेमही तेगुधवारथैसलये जगपटांत्रांमनानासतानीसरे अभिगमाहा तपालरायेन्उन्नीरमांमगतरे प्रामपुरेस|| स्वेितदुरगंवगीगरनरेलान्मारामाती
रेवारसी उसपरेनगनेर वैद्योउरेलान्टना परेनोपायांगासुंग गरलषीसीहरीने वागो छीलोनागरीन मोरयसीन्यपाएंगञ्यायलेटाउपाये तो
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॥ सुधासंगीतवैद्यशास्त्रीय (१३५ |मातीसारनेगुगलये १० पायली नेगा यहींगरोधीनांनीअतीवीला सीने सीपयसंगणसमलांगेयुरएशनेन्रेया राऽखीलयमुनानगमांपाये ताँप्रामातीवार नागसंघरन्नये राप्नोत्नेमांम पिण्ड्याफोयतेपत्यातीसारमाग रमजीलीनांखोहर यावडीखलीने माय्यद याम्रगोटलीअरपीने पन्युराउने लेशतापीछारोपाये तोपड्यातीसार रेवा सरवनयेन्सन्स पायधीने खेचरमोयनेयायीनांसमोयरसेन नगया रखीवुनीलनेसुंधग्रसेनतकगायनीसलप गेपुरगश्वु राशीलयीने कारावीरोय रघुरन्सघुगंगायरयुरगये रेयायायेतोपन ज्यातीसारतपीपीवनयेन्ड पाया बीलेना रो पडीझरीमाह्यश्रीन गनेरोरेपीयतमाये तोसरवेअतीसारनी पारपणायन्न
अयप्रतीसारप्रसा सातपायसुरश्चाप्यमाम्सोरान्नुखामवायन्ना
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235) सुबासंगीतवैद्यशास्त्रायः प्रतीसारतवन्नागवोन्तेनोकूतीपाय पीपायतेनोन राउंडगीरत
एसोपारीने चावडीन्येषनांमुल लेन्महीअमोद्यने डान्सीधनुर्मान सीएनुमनिघागोमारीजलानेन्युरण पिशालारन्गायनाघीमाहीनेन्रेसर्वती सारन्सघराणीसरवेयोन्ग्रंथरगुएन यांनन् नीम्नगानूनगरोडेन्मन्यप
पायबीन्नेन्ना मोय्य-मोदरसा -लोरन्यायडी-बीलुसार-प्रामागोरस्तीन बिब्यून्सरवेमलेसमारन्सरवेषवेसमा रगोगमांगोनीमायेन्योरनेवीतेस्त हुमधुरपणायेरेवारसीड्पर पीरन्धरीलेओ राहणाये प्रतीसारआन्नर पखामांश्ले यायेन्पा रानागनीहरतन्य घमासो- अतीवीराने-सुन-सीने-पीतुन लोहर-मायने-पूटिहीनेपालसएन्थ्य वहीपुष्पनेन्यागोन्बैयेन्मागोरखीच
वन्गंधयेन्रन्मयन्मोयरस्सर्वसम्म मिडिीलेन्नतीसारपरयेऽत्तोलोनशाना
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सुशासंगीतवैद्यशास्त्रग्रुप. (१३७|| प्रतीसारने प्रामने-वातरोगाशाजरा नबरन्तगोहियोगन्न्रेवामापीये? सर्यतीसारन्नयन्झेनेग्यगंगाधरपुर्णगाय|| पन्य शिपायबीन्ने गमना मोयन्तीगगोन्युरएपयमांपायनी श्रामवातग्रहणीतीन्सारसर्वयान्नयन गरीपायणीन्ने रापोतोलो रागसेन्धी रिमांपायन्तीसारसाग समोषणसागरजधायन्पन्ग पर पायमीन्नेन्सोरेन्श्रावग्यन्पाया चीन्गायतरोघीणायन्रेवाप्रारीपायपीन्न रियततधायन्सीपायलीने रिरंगीनेन्येगीयोन्जोगीणायन्येगोगी| प्यालनी-पाडोबारायायपना ग्रहगीपारनीगोतीप्रतीसारपरछन् गा - अरेणीमन्मोती-धरीनेत्रप सुगंयन्पारोन्सौसुध्यलीनेन्परसहीन यिनेयेडटीन्जल्लारीनणनीलजीन्नेरस मांजलीलेन्सन्तेमांखोस्रने अतीची पिने-गगोनियन्शयडीपुष्प-सीनेउन
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वारांमगायन्दुरु
१३८) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथमोरय सर्वनारसचीशेजारी ये गोळी नातेवडुमापधरीये . ४. कुरासाउरमां गोळीयेऽमायसधार्गीअतीसारजेजंघायन्य आमवायुनेऽपनोज़ेपन्नयन्ग्रहणीउपाररे
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अथभीत्रांञर्रसवतीसार परछे. पारो-गंध-अम्रम-मृत्यलीने जली नीर
मांतेनी गोणीडीने - १. लोहोपात्रमांधील रीतापजणीये गोणी पुरेर सुधीयेगामाहीत जीये शन्तराज्यायमांतरणायेन्स घर्णिवायुच्द्यांमनोनाशयायेन्नरेवान्त्रय हीनजायव्याधीचीद्वारी-रसरानयीत्रांभर सत्यधारी४. र्धतीन्प्रतीसारसमाप्त
अतीसारयाणानेतन्यानां नपुंयन्त्रनेगरमयेंस्तलोल्यनलांचे श्रीगु रेयारे लोन्यनतनयांप्रतीसारे १-सीता मैय न मे स्नान आठे ऐवां रेवायेन्प्रतीसारथ्येम् हेयां ऋपागुइनीने परते एयेसमनाया आ लक्षएगसौवैद्यवीनोदवीरोगायां यूथलस्मडुरोगनीपीतपत्तीलए.
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man
सुधासंचीतवैद्यशास्त्रग्रंय. (१३|| पस्तुतीनीधएीणायजुमुन्भेतेयोघटीया यणाये प्रगटपावरे अंगदुरष्मणपने यातने पीत्तनुंन्नेरवाघेन्यून् यहीवायुतपापेश्यात यीयय लसनानुपतेपुथाये रोगपेडी हजाघोकेरीपराडीपरीधनमायेन्२|| इमुर्खासाहतेनेरहेसातधातुम्ही हा गे रोगलस्मरेवारांरेयेरट्यान् पीज्यने|| प्रगतीसाय्यरागोल
अथलरोगनीतीत्पत्तीघागपीयेनगपारीमासनलीवनरांऐन्रोजे चिमणमुत्रहीयेऽरेमरंगेलपन्हीनेसुवेनी येनगेनाअंनपये रेवालरएरोगययेन नितुपयेन्२०
अयधारखानेश्रेरोगायनोनननाए, ग णुपयन् पुर्णअरीश्यावंत कोयना लयलोल वधारे मारोगा मणमलारे उरीमाई इनैलोन्य सणंयोग|| बुना नहीउद्यमनोगन्नप्यांपरयेच रतना ममतीनेमायायनोअनेाजेनेभापत चन्रेगवानारने नालोब्ल्यनलापेरणी
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||2४०) सुशासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ. ॥ अथरीसंबीयरोगनालसएन
लोल्यन युनपये ग्यमांमागोन्धाती मारहेशल्यसबडारीलागोन्पन्बीलंषी-|| शतेरोगपुरएपीवाहेछ पेटवधेश्यायका रीतसरणारेछेन्शन्तमानपनेहरत शणापाये महीयांतीनोवेगसागसंज्ञानयो उन्डीजीप्राण्योन्नयनींनस्चरतेपांमे रेवा नमयेप्रांगपणेम्रत्युसमेन्टन
अयअलरगमस्थानालस्य मनोरखा सारसारातेमावेन्पपनसा सो गात्रषघुन्लोनलायेरेहेमगमुत्र खासोत्तमनींशसारीनगनायेारेमा लागअधीतरीर रेयारसी परतापपीय नपुरगयुन्तयन्नएांअलगअंतरथीना यियुंजन * अप उमनानारोगनाललए
पंररोगनियाय योगगरमपस्तमावालये तेथीपी ओपीतवीरीयायेन्पन्लोहीमासने घारीनाणेषगमारपीगुअंगमनायेनमा
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रं. ११४१ मुषनेमणमा २ मुत्रपीतत्वतेमलघुशो एीतसर मीटम्समतावादी नीरषण परपुन् हा अउसी हेहेहुरमण त्र्यो लागा रेषायेलक्षोन्नएयपुरष भणावा कोन्पुन
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अथ हलीमङ्गरोगनांससुग पांडुरोगीने चायुपीत्तवधीन्नये प्राणी पी गीलीली त्वञ्जनीयाये. १ तेनेजण बीरछोहमरी तौबाधे शौरेगी ज्वर महाज्ञीला नइमेस्त्रीनांसंग पीज्याचंगेलमेयायमैतीमांंम नरेऐती गंमेरेवालक्षएा जारतागोन्तं योगल ह्यो लागेपरमयतुरलीमरोगथयो अथम्भगानोपांडुरोगनोहली मानो उपाय सोरोडीनुं मुग नसोत्तर मैरीलीने पीपर वा यवीरंग माही राज्य छीने पुरुयत्रोने डीपैलेट हुई त्रीईना हरवां हाइगहर सुंग्य रसटीले कुरवां कुहर पीपजीज डा सींग हरे नागरमोथ्यँने शयैले संयुक्त ||रेन्डश्निवयेवीशवस्तुसंलाग हरी
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||१४२.) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथः
मांडीप्पलीयत्यारयरुपमांगागरीन्टन्त यीध्वीगुएोभालतेतेमांहीले आउघाएंगी। मुत्रतावडे पञ्चीनेन्पन्पछीराउलारस रीतेनीयायेत्तकगायनीतेमायुक्त पुरीपाये न्दरेवासालसवारीवसपंराले पानी रोगसाध्यसञ्णप्रसेशनेन्डमगो। हलीमाशशुमने गोरे घरे पीयोआरो। क्रमीसघरगीतावभटेन्ट न्वातरक्तनेछ। रेयासरचेन्नये पुनर्नवास पांगह नेप्पाये अपयेपांडु-उभगोन्हुलीम पीपरनमायानीचस्तुन्या घेश पय घ्रतशेगुवासमा- ये पायेऽवगंध-रोध रीमानरीतगोरेयाराग्यसमंपन्पन्ना ग पायपीब्नेना गालोकर ऽवीतुनीगरत्ननुनीरजहाडेन्तेनो देवो
नेनासघले फुलीममनोनारसे दिएघेरी रेवानासे पीऽरसोपांडुडेरीत.
अयस्तपीत्तरोगोत्पत्तीजे पत्य छेते |ए छंह नुपरन्ना घणाघांमरेत्यागी घाजेहनाअंगमां घपापालपानेरीन्घन
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्र ( १४३ ला सुंदरीसंगमांजनेरमनोशेपये सुगमसंगलवाथडी गरेमजोर उडवु नम ए मेरे मुजमावायही २. जगाउँरैपी रहेछुनुं शौरायोचीरोतेरे- बीलयमारणे तेश्री प्रवरती पछीतेरेउ - डीयर पीतरे येने अपर ये नीयेपणे बहुतेवीधीवीस्त री डीया अंगे पेलणे ४ हौसेनोङनेने मां बहन होई करें इमांयामां वधेये व्ययै हुलेर क्तायमानयेत रक्तते गुध योनी लौंगेपले- जगाडे घाउले जन्युं जधावाणमांपरनन्दुरुरेवारक्तपी ततगा पुरामर्म जावी ह्यासलक्षणेते श्री डीयारोगतेनारह्यान्छन्
व्यथरक्तपीत्तनांपुर्वपथवानुंसगन पीडेय अंगच्याजावीरौ वहन तेमयांतीयमे मोठी येस्यवापेवपुरुधुमौडोमुनीपुणे- १. आवे रक्ततेमोहोंबीरी पुरांणीयेऽह्यां रेवा रोग येवापचा प्रथमपयाथयात्र अनारक्तपीत्तनुलक्षण. मणे गीगाने पीत्तरंगे दर्हितैनाथाय छे
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१४४) सुंघासंगीतवैद्यशास्त्रयः रीणीयांसासरघुवीर शेपयी रसाय|| छन् रेयात्रीलक्षागतारवी रक्तपीत्तता ब्रह्मांन्यरत्तीनेओपयाप्यतुंसोऽएतेनर नांगयां१० 1. अपवायनास्तपीतनालसाग । शिणोजाने भएडनीतेन्लुप् लोही पायुनारक्तपीतेन्श यलक्षागोग प्निीयरीत्रेयायणती स्थने रोगरोन्म । अथ पीसनारक्तपीतनांलक्षागछानरायपना समगीतजेरेर शेसरी
शांमयायमगन्गोमुत्रतुल्यपीएा गयेगा थायनाराषणपन्भनेन्स्क्तश्शीनास राणातनयीतर्नुन्रेवात्रीलक्षणेतपास पीच रक्तपीत्तनुंन्रन्त्रीवर्गवक्षारोपीयेरानीपात गायछे चीहारीसोहीनांशनष्यमोटेन्ट यछेन्डन्तौसाध्य रोगन्नंगल्योगुधनेलीग|| योनीमायने रक्तन्नयतोछष्टसाध्य होनी|| मांन्टन्मुगुरेध्वीमारगेपगेन्नेरक्तशेपमान रिवाअसाध्यरक्तपीत्तयायोक्खोपमांन्प॥ स्तपीत्तनापीपल्पवाअसाध्यः ।
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंप- (१४५
महारोगेथी सीएरा हुर्जणेरारीरे वृद्धावयनेसं घनेन्नेर धीरे ग्यारेने रोगरेपात्रप्रसायीभ
ट्वीमातीरक्तपीत्तेरीपाधी
थिरक्तपीत्तनात्रायिवो
वणी स्वोशने शमां ज्वर यांती मुछवजेन् या हा रेहे गार्डनो अईयीने है अन्यन्त्र तीसारैने धैर्यना रेवा भीङ्गजारेही पछीस्प्र ष्टयत्नस्तुनेरक्तपीत्तथरी-र
न्यूथरक्तपीत असाध्यन्नंएगवानुं पुरषारोगन्लंम्यापछी पज्योस्टनापाशमान ही सेलासरंगेश्री हरी हरीशारामांन पन्हेचा रोगीनेन्नागवोन्पुरगतान्प्रसाध्येश्री रेवा
रोगतारेमरे घरेनन्मजारेश्रीनरातोप हे जेर्वज्ये शरीरे इधीरधारीये अतीरक्त यक्ष रहे पडेलोलीओमरीयेन्यू न्यु सोही प्राहयी हीसेछे हशायोलरी रेवारोगऐबोमरोजयेपुर्वपुन्ये
अयनापीपायरक्तपीतना. जेनेरक्तनारेयडे यवामुष्यही लयछेन्न्नुला
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|१४) सुंघासंगीतवैराशास्त्रग्रंथ .
श्रीतानी महारोगमुशयछेन्लीनेत्री मानेनसोतरनरागागमा तेमांसी। गरमागनीलीनेसर्वसनागमन्दिन्प्रतीय स्ततीलासमीन् वसुन्यायिमानयछेन्मय ||मीश्रीतपायतो सुरक्तसुशायछेन्२न्नीये उत्तस्युरक्तते पडेयोनौरीगुधवमना|| पितांयेमरे पसेन्नईननर्मुघउन्पीज्यास्त | पीतोतगी० रनोसक्षयानीरे रेयानाद्यनी/ त्येनाग्निशमेश्वरेन्ट । अयरक्तपीतपरड्याथन रासलानामगनांगरमोथ्यगंगोलीने अशी सोमशालीमनिरपीशरतांनी या एासंलागेज्यायिरी पंटर शिवसपाय वसुमिपमांद्यथरीमन्यारतनपीनमगीन म्पोव्याधी तेगध्यारोनारी मगरीसीतीपायी उन्हे न्योपोयतुरययाऽरलेघरनुं और यतेमांयेऽस्टएरापावरनुन्छ । | अपनालोदीपडेतेपनीषीपायजयमालरोडेनोरसलीने नानीमान हानीयोग्य पछीतेशोन्मन्नीलाम
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंय. (१४७ - का होतागोजसारको तेनोमुस्तेलेप इङ्गारसनां श्रवोन्पश्यसीमरोडां द्रापरेवा मधमांजाये रक्तपीत्तनोरोगरगेरगयीन्नयेन
o
उन्
छंदसोरोना एडुंगेगीर सनोनास नाडेनरलेसेउन नाउमुनोत्रा सवांमेसघणीवेहना १ अथवा धूतसवार नगमां धोर्ध मांयेगसे रेवारधीरपारन्ना
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इथडीपेतुरामेश मन्यथयेग्याही गुरीरक्तपीत्तपरत्तेहुछु लीने येगीयो येणेडी पीयस्य दाष तने सोलनी शिरेयस्तुपरीयर्ध चीधेयंशसोपनमणी- प्रतीय स्त यशासभी मर्परांस्तेमांडीसवालारले शरा जाधीशजसनाघडी २. घुटीगोगीयो इसपछी यतुर्थांशतोलानागी सवारेशीतक तोयमां पीधेन्नयपीज्राघाणी उमरेश्वारप नेशिसो पीयापीत्तन्वरनेत्रशा महमुर्छ ना लूंमते रणेनेवणे शान्त्र स्वरलंगने शोषक्षैीनी श्रद्येधा मराठेरेवा इष्टसौ समेराजयाशातयुं-प-नयी पारग एतांशी गयोरोगनावेरी रेवारोगसरवे
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|१४८) सुधासंपीतयेशिस्त्रग्रंथः पिणे गागुरीयेऽरीन्द
अयशनरोगनीपीत्पत्तीन्ने छेतेशरेऽरीपंपधारीतीरारोगेलरीअनीत || पीतयेपछी हीयेयोयलागेऽरीन्सषणसं नीपातेडी प्रगटरोगपेयपान्तेमाशोराव्या धाराट्रीत्नेहतेनेलाएर घगागोयनान्ने रपी घऐगीलोगव्येसुंधरी घणायालयानेमने घणाघावयाग्येउरीन्न्य गायीघालरो। शरीरेयोराझीगये रेवारागरोगेमगीरेशेप त्तिरवयेन्द्र
अयाबरोगनारीपच्या मग मुत्रयायुप्रयो गतीतेयवाहीएयीनचीपरंतश्रे ययावीर्यनाक्षीगयीमन्त्रा शिशेपेडी प्रयानेऽध्यायछे शीरायातु विश्वातपीचीडारे नयछेन्न्प छीसम्म धातुसपी इरेक्षीण्याइरीन्यारानरोगेपत जो मुंशष्टमानोडरी.
अयशनरोगनुपुर्वपन . केरलगनेश्वासपढेरान्तोन्नये नोकरे| पिवयुज्येऽशीतपायेन्न्यायनमुनएय||
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सुवासंगीतवैास्त्रग्रंय. (१४ अंगतागुवेशोषघगोपीनसपाय:महवेग रेवमनतागोत्रस्त्रीसंगमअनीसाशीस्से तयेशुलासे तमनींशनुन्बेरसुपायनहीनासे उन्रेयालक्षातेरललेनांर्तनमान्यवर गनुंमुगलमथुन्नगोमनमा | अथ शनरोगनांसाधारएलगः । मियोपसयाडामांसंतापघागीन् अश्वीरे
न हासेरवांगेतायतगोन्पन्हायपगे मंगता स्चरलंगोस्वासयूडे युध्येनीमां| यमुमेथीरक्तपडेन्ररेयालक्षागसातस सन्हमायाये राजग्रेगरपाएगीयगाये
अथवायुनाराबरोगलक्षार.. रेस्वरलंगो गुनेश्वासतेप्तीन्संगाये संपनेपासगांसौन्ग्यारेलक्षणअंगमांधाय नारेन् रेयाप्रगटोवायुपीरोगतारेन्यून
अयपीतनारानरोगनालसागर चहरीरेतावनांगलारी रक्तैमुनेने || भाडेवीशरीन् लक्षापय्यारेन्लेगसाथ्येसहेलो चारोगीपीत्तयीयेययेलोपन ॥ अथरमनारानशेगनासागर
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mam
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१५०) सुवासंगीतपेयशास्त्रग्रंयः अतीरीरालास्येपानीलोगनेन्नयछेन्न मोलायची पीनातेयायछे रेवारा
रोगेपयी सुनीशेनन्नागेगी मगेलक्षण रियारतोन्ययोतेथीपीन्सन्मलक्षागोन भारसौनपुर्षउमेटहीन्हीसाह्मतो गरे || पयोसनीपायरीर अथ हैयामायोरयागवायीशनरोगना
. उसएग (पीज्याशीशमारेघगी यमनरक्तनूंतेरेलु जुगलागेसी प्रमेशमाहोरेपन्नड पीरेहेनमा प्रलापीशामेघपोस्यायेन सांपगे अतीासयेतेतएोन्र पाप सापोभाग्येलणेानामाणमा असाध्येनये गरेन् एज्योशगनीलनमान्न
अथाएसाध्यालरोगनालदिएक न्यानाहीयेगिरीरगती पुएलएलोजन लावेजहरानणमान्नेरधन्पोरापमाये| पिथ्यपाणयेपुएलिटी रामारोगवीरेयातेग्नमा क्तियरोन्य ॥ अथरालरोगनीप्ररधीर
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सुवासंगीतपैराशास्त्रपः (१५१ पैशेपुर्णतइगतासम्सापनपाणी परमारयत मांप्रेमनहेर्षियगोन्बन्धशिीर्वस्यनारेलोने। सिक्तीशीये हमरीयसपछीयेशीनरल केन्श्रान येरोगपरवाश्रावे रेयार सीध्यागअंन्यतानामगशवेन्- 1
प्रथशोराशेगन्यापारनोते. अपघणामैयुनीथयेसोरोगरोगतेनालसा छिरीगीतना पसीगेशये पीयाउरेन
नावीशयमारातीरहे-अस्थीगणेतेमांवणी सिरानरोगवीपीयरेन्यन्हेअंगपीयुगस्तगी ताशीयीणसर्पशरीरमांन्येसातलक्षाएवीरा यसोशीन्परतेयीमुधोवीरमा२न्तमसोपनों सोशतेनायेनसमाएगायछे येऽशिमा तीरहेतेपीनासरयेयायछेउन्रेपारसीस्नी न्यांपा तांपुष्टस्पेनारटेन्मेसोरान्सोयची रायतगाते-बीमुपशेवरतीसरेन्तन्य निय पीरायता-गोयनासोगलक्षगर
अपनरासोरनापरएक करागवाये पीर्यलये पुंडीमणनासतारे अनाइसीने अंगापे थाययुगमापापना
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सागसादान
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|१५२) सुथासंगीतयेगुशास्त्राग्रंथः ॥ बुर्जुगरीरपडेसनलाग्युपर्यनमोलेरही पीन स्पीवानेअंगलास्ये पीज्ययेशाहीरना येबरासोशीनंएवोन्मेपीहूयेशीउह्मान वाश्रमनारोपथीन् नेपागवयेपेपियांत ॥ | अपमासिीनां लक्षगन || सोरगेसशसोशीनालेह ला लिएग्रंपेयान्मार्गसोशीनांतेही गईपेनही अयनीरानपायीपरपल्यासोशनांसदए। घणेवागवेलारपीपाडेपीरहुनेमैयुनहरये। लीपेलीनसुने पन्हसुशये गेपासेगा सरपीवानगरीर पेरी पटीतली
न्यायापर्ने यो उसी पेनासे मण मुत्रे होयस्तधुनील्वरनेत्रासेन्ज रो पिचतीसार पीससोगेन्नगेन्गरीपसरणो चोरडुपेयाहालोलागेन्टन्रेयापरमपतुरनी राछेतेपलान् एसोशीनांसोणीसह गंदेशहेन्या रायपीपायरेन्य In एअपीतोरणाप्रयोहरू पासपुरखेप्राठतोलातन्येऽलएीमेयेगा
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सुशसंगीतपैशास्त्रग्रंय. (१५७ सिने पीपपतोलायागगीन्दन् पंरतोलाये बसणसांमानथयो तेरलीतेमाणांड घरीरमल मुष्णह्योन्रममयमांनएनीसाथ्य प्रमातस मेपासे श्रेऽपैयामार पुराणमासेन्जरा गरोगने सोशअपीरिघटे रक्तपीत्तन्वर पीन प्रमेनीपीज्यमटेन्ट पिपगीनां शहरी णपशिन्अ जीमंने आमछुरेमगनोमेश पन्शीतोपणावगेहगहनगहन्यशीन रेवाग्रंयमांगुंथीनाशायलीना सरपायमीन्नेनारोशेना मयमाभागमांमेगपी सत्वगगोनुजाय ने वारसीनाररायी रारोगसोन्नयन . अथामुद्देश्वररसरानशेगपर येलागनो पारस्तेसोधीलीनेन्तममोती अपवीय तेलमापेटीरेन्दगंधश्नामेला गसरवसामानहरी पानगीगंबडपारो जिलमुनी रन्मोतीमरीमाद्यपछेशल नीरे रमल्यापोहोर रहीधीरे धीरेन उन्पछीगोगोऽरीये घरेसेपुरसारे भीटर पिटुश्रीतेरू सुशवतेयारेन्ट लवएलायत
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१५४) सुघासंगीतवैद्यशास्त्रायः
समय अरबमरीसंपुरहे पीपरपीनुनाण्या सियारामुमसुधीरेन्एन्तापरेडीनये स्वांग शीतगाये तारपछीलपात्रगुहन्महरसा येन्दुसमुंडेश्वरयेपरतीमेननषायेन्न रोऽयुक्तीनगर पीऽयासरचेन्नयेन्छन्वारसीमनुस्टगारेटुननेसीधेन्शनरोगनेरोश र सेवनयेन्र
अयापईश्वररसराबरोगपरन पारोगामेसमापलीशनगीशिलये इडापी तापीरीतेनेमेनरीदीलायेन्मलादीने टिंगपछी जानेमुमेतेनरेतेने संपटतेरी
हमारीतेनेरेर पछीगण्युरेतेपरी शीन तिगतेययेसाद्यछेन्रतीमयपीपरमारमेन
प्रत्लातेगोनयछेउन्मरेशनरोगोसविसन |घरणीनेशोघोघपान्हरेस्यासनेशस्तेिअर तीसारनेन्दरतपान्तअश्पीयागो ने समेंगीतयानेवसे रेयारोगनासेसडीपश्य येरसेप अपरागरोगनेपथ्यपहारयणासुन
पहारीन
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्राय (१५५|| शैसाठीयोमायने घीरीन्जायममीद जारीपयन्संगहरीनु पय्यांनगांयेनया नेमुनमांधारेन्वाश्ये शेपटरीनसडेतारेन रामअयमधुपेश्वधरोनीक्रीयाराबरोगपरन्। छन् लगाना पडारीगने जयरेगा। पीपण पहारेने धागहरीले छाल्यमेटांतन
एगी मुगसारोडीनुंहब्वगोपएलीनेन्या ||सीगरमागनीगोगतेनोडरी माहागीत्रोनेल वीगलेदांतारपुर रानामरामुगना की। सोधीनेमाद्ययां२. अरगी पीलीनेलोरी गडीरीगगी टीटुडीपारगशागीपरापी पीसी परपीप्रतीयस्तुअघोगले-मांडीनेणोपीयुस्य रणी पात्रमारेश्वगणसोगरीरेऽरीनाण्या सामाननगमायुपेलो भाउअधोरमहीएजी मोरीहरेन्लाऽमानांनीऽस्तापछेलोन्हन्ता पस्यमपुरयुलातणेतेयोन्पोरणेसुदीनुज्ञांन्न आपी पुरेशीतगायिये दसर्युगीरतेमुज्यमनी बेडुपतीसरयतापीपपांगहीनतेमपेराम्या प्रीतीऽरीतेपछीअयरमयमांद्यहीने पक्षीन|| ||तेपीरीराणीनेतेपछी अंवरमपात्रमातेलरी
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१५५) सुधासंगीतवेयशास्त्रमेय
न्मासबीनमरेमोनीराण्यापछी नाण्यवस्तु|| लागुतेकवावीन्येगीपीपस्यो नागडेसरनवून पत्रतमाल-तपसौवरावीन्न्प्र त्यतोलारुती वस्तुप्रत्येडले-नीत्यतेहगन्नेयेऽमायेन्तरण रोगोभटे सोशनेशरासौवमनन्दरीना शिथायेन्रन्टपांडुमृगीस्वासनेमुत्रछसंन ग्रणी धरूनेरक्तवातन्धोरगरमऽवीशुपीता एगीयाना नासेसरचत्रनेसनीपातन्फरसीप उिरेयारटेयोग्य औषयी प्रत्तीनाराणयीयो शीतामां-श्रामयुपश्यहरडेतागीरीत्यन्य पियनवंतरीसंहीतामांन्पून अयमशनीधनलेने पर छत्तेरोग
हेनउित्पतीन घुम पुज्य इसान उपय्य यानन्नतांडेभेगम विनेछीत्ररोगथातांन्यन्तैलादीनुल | सारीागपीवाये शराजीपश्याइयडीपेघा यारेन्यन्ते यानीमाय प्रांपवायुरेदेछन यीशरीयतेऽनपपनसेहेछेन्उन्मेनो योगमगीनेरामययोयोलाग्युशंसापात्रता ||होगाशेनेवोन्हत्पवनमुषेयीयेगारीगाये
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सुधासंपीतवैद्यरायगंद. १५७| उसे घनरांमएमांगाल से युटुमेन्एन्पय न्नतीनांरोगरपिंडरेरहेछन् रेवाशरातेनाम घिरीठीयीहेछन्द . प्रयाशना एंगलेना , यात पीतगोट्यतगेवाग्येन्स नोहोयशरापरमपीऽरानग्ये पन्अनुक्रमे पटतामणयंतनरेहेषीया परीनालेहरे वेप्रागटीयार
, अय हारानुपुरी पर पायजन्नुगी उंग्मांशंटपातालय प्रयायैना| लोगनश्यु शरीप्रगटतांयाय १० ___अथवायुनाजारानुपसियन उरणाघेशी शरीर पटार पसोऽ मांगावे गतरेवाननेषणपरीक्रमन नरक्षीगयाये मुमेनशैवेन्यून्परमा पायेव्ययासरखनोननपे टुटस्वरन्नए पोशरशयोन्पीकरोंपासयीयेमरेवाम ग्ये वायुपीवीस्तयोमान्यसायोश ...अपपीतना उशिनावरण ये छत्रशान्वर पीतवरायायेन्मुष्प
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||१५८०) सुधासंगीत वैद्यशास्त्रग्रंथ૧૫૮૩ पोदीयुरे हे सुडे टुन्नोहाये रेवालक्षण सातयी संयोग रह्यो तवलंएगोयेपीत्त प्रो पैारार्थयोरू
अथनाशिनांलक्षएान्
येण्यमांशरीरला अश्यारेन्सी मुम मेरे स्वाशैवीशमयैयेहेन्वरेवाये शरीरये सुपने तांगे थी शरीप्रग यो लुरीलीशो
प्रथक्षताशप्रेगर थमानुंगरग छंदलुनंगीता राघोभालचेडे घाणे लारसीधे यवासुंद्यरीनो घणो संगहीये-न सल वाहने वेगमान्तां घटे युद्धमांडे शुक्षमातांरोपद्रवेवायुं हैयेलरा
सुरीतेथतीकाशनोंडोपयायन्नयतांश शसुप्पो पछीरक्तेन्नये हुमैने संघीमापा अधायेन् ४० त्रशास्यासने ज्वर हुप्पेहेडी ले तर्समोघोघरोजीले परेवा क्षयष्टयीयेनागाय क्षतः शरानो म्हामुं नीतेमगाय
अपक्षशिंगथीदाराधयेलोलेना सलव
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सुरासंगीतवैयशास्त्रग्य. १५८
लक्षण उपथ्यठेवीशमानतएरनोल्यनलीयेन्सी रगरले प्रातसमेमैयुनी पेनमणे | मुत्रतगारोपावामधेत्रीधेशोपीस नोसरारेमोशन्सेमाम्बरधामो गोपेशायायेन्झीएयपुपामेनेषणसन घणुनयेन्न्इ पीरमांसनोनारामही स्वासभे राष्टशरीप्णीयालेनिपाए। लमेन्टपाथुत्ताधीरतपोमांडाय लिह्यो तपन्नगोसंयमनीलपात्यार था योन्पन अपनायसाध्यत्तयाअसायन्लेशानन्य यात पीत्तोपपहीलेशपियोन्साध्य मस्यासरप्पोमुनीवरमणीसर्वत्यो एक क्षितने क्षऽनीशशिअसाध्यपऐहेमांन्रे| वारपणामांगएयत्रीन्नेतेमांन्र | परीश रापगनांशिक्षतने सनानेयो असाध्यछेन्या
अयशपीपरतेनोउपायअथलरीगादीगुरीन्य रासपींग || पुरीनाम
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-amay
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www.kobatirth.org Acharya Shri Kalassag ||१५०) सुयासंगीतपैशास्त्रग्रंप अठांघरल मरीशगांलीजेन्मेरसारयेसलागे मराहनीपुन्वयिरेभावगनीअंतरा त्यही तेमांगाव्यगुरीभेरतीनोभापारी योरपूरिपत्ये गोगी पाशनयाये सातीयसमा शिशीपरेवालयेपन्गुटीलपीगाही घाण
रानीथैछन् लोष्यभराचीये ग्रंथचीरोगो।। राधीपायरप्पीन्टेनाप पारोगय पीपर होगवीरेन्टागना मशीगीतमीले पन्येऽयीयेच्या ढतोलागअनुक्रमले शरवस्तुनांजेपश्रीमला मनरन्मावगअंतरछाल्यतागोगुन यापिटरी प्यार मी परमीभाडेपटप्रेमवरीन उन्सवाटांनीगोणी शिपीपरमायेन्ज्याय सुध्रनोश्रीनेतेपीपरपायेन्लन् शिस्वास नानाराश्रेयेसमझायो रेयायोगीतामा पीमांडचीयेगायोन्पीपायत्रीले मरीपीपस्वगौणनेब्यपारम्पारेहरे प्रयन स्तितोलाक्षीमगीरोरपातेश्रेपन्सीले छोप उदरमतगी गीपारामापेघडी अनारसेमा निगुरीसपागानेवहीररेवापोर पोरेप्रती||
- a wmanoaranam
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-as-pamom
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सुधा-संगीतवैद्यरास्त्रापः ११ गोणीये.येऽनायछन् उहीराने पपया एका शगनीनयछेन्न्त रियाययोयो । मएसाधारसमेसमां पारेउघालार उरम टेसौरानुं यांमेश्वासपीट पन्य सिपायपायमोना रामवीगपीपपन्ना यशएयअघोगांसाह्यन्पायबसुशगांना मरी सोमांडीपरतायन्मन्सुंरतोलाअर लेपारोवस्तुने पारीरामाऽमाययुरन एएसौयेऽन्रन्सीप्रातरसमे पुरा लगमापाय- पारस्यासन्यरने प्रमे गुण सघरग्रीन्नयन्उन् अइसी अग्नीमंडनूंसपे एतमाम रेवारसीउत्तेमानपे. पामेपरमयी|| रामन्न्य पायष्टी गुण|| | नेवछनाग अधीए मरीलीले नागरमो. टयमणीदार सल्लागेडीले पुन्मसोमल मांद्य पुरपामगनासमां मगमा उत्तेमान ध्यगुरीश्राघरसमांरगोणीसांसपार इराननमांणारे शरीस्चासल्यर गोरे वासरवनयेन्न् उपायमो । | रवैऽसीनां लगींगसमातेरेपी ||
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h९२) सुपासंगीतपैयशास्त्रायः एमागसेश्राममोर पसेप्पुष्पर्मानारेपरणे मानतेगुरी रतीनीत्यनेमायछे रेवाएगा गनुंबईलमीयुन्नयछेन्र. न्यूयहीयानेहडीयोरायगीयोतेननीशंना खुप्पीशीतलौरीगरमचीवस्तुप्पाचायना प्रतीमेवाप्ये जीरे पनीरत्नवायहीन्यूम गमुत्रनेशेश्वेरेवाअंगाहे हिउँमायया किती पवनरापेशयन् २ ___अपहीकारेहेडडीनुंस्त्र पर पायुपेरमपीसरे पसंचारामांन्यांतरांहप्ने| निधनरेहेलारामांन्यन्पयनशगोपारचनो
मधुगाये घोरत्नरामारीमुनमांधाये रांगनगिनेशन्यप्रगटीयोशेपारी रे वाहेहीपवीप्यारोससबरीन् पन्तेवायुछन श्योगारीलंम्योनारे पंगत्लेयीनांमपऽयं तेनांतारेर ॥ अथहीकापंगनांनांमना छह अनुष्टुपनापन्नन्नयमगा सिपागलीरामहेतीगगीन्छेडडीउएनी ता प्रकारे पंपधालागीमा
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सुधासंगीतवैद्यात्रग्रंथ ११६३ अथङ्गेऽडीनुपुर्बप सैयुलाचे इंग्समु मुत्रालावेन्यहनशासु तेमने मोन्यमुजेावे. १. दुमआशेव मनेरछा थायेचारे रेवाडी प्रगर यसल बतारेश
अथन्नन्नहेडडीनुं लक्षएग अनधारांमायेने पाणीपुएपीये- स्वभाववे ठीसीयोछे से पुष्ठीये- १. रेवावीतरी ध गांमीवायुवेहे छे. नांमन्यंनल हेऽप्रीयेडोवी द्वेछे-२
अथयमणाऽडीनुं लक्षएार
मुमेमेवमेवडीलयश्यन्त्रायती हुस् नेजांवडां येणेशीरापावती रेवायाममा येऊही पीडेपर्मये हुड्डी रामेसाहालेनाथनी होनाजीलश्रेय
अथ क्षुद्रातीनां लक्षएाउ मोराम्रोराराब्दवाचे धीमे भाले हेयुडवीना जीन्नुनिवहाले रेवास्एनहेान्नुबधीये वेहेछेन्नानामेऽडीतेोपीछे अथ गंभीराऽडीनांलसागन्ध
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|१९४० सुशासंगीतवैद्यारूपया उरेन्नेरनालीयहीलयंपरपीड्याडेघपी अन्न तोडीपश्व्यनीक्रीयापुरठितगी मन्जुटे पेट छातीपरांष्येमुग्नेय पोन्रेवागंलीरायो गएी पुशंपायपापमोन्न ॥ अयमहती हेडलीनालसएन्ए सडणमर्मनास्थानने पीडे परमयेप्रावती दिलशियोयाप हे एणेगात्रपावतीपन यहीपाएनेताएती रेवानासुरायीसमेन्या वअंतनेटरांडगे मरीमोडलेलीलमेन्र. .. अथ अराव्यहीनांलसए .. बिहेडडीयीशरीरसघगुरपाये अलांनयनि वापसरटीनयेन्पन्शरीरक्षीरायनेअं|| धारांबावेन्छीऽधएगीनेलीन्यनन्यारेनकमा पेन्शन्तेमनीराने महतीनेयेनेनुन् रेयान योनीरम्युन्यमांओरधनुन्छन् असाध्य जीनांवरपायरण्यालाये रमेडोपांतर नारायवेन्हत ..
अयडीनोडीपासएसो. प्रियायामरेडेहरे रयीन्सुंभाविडीव नडेचातनयंपीपपरनोरागांनी गरी||
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सुवासंगीतपैराग्रंथः (१७५|| नेगणमापायेरेपारसीरीव्येहीमार्नुहुनये परिपारणीने मारीपन नेसुंये पिष्ासोऽपाय रेवारसीतेमा ररे हीलापंरपणायल्पना पाय भीन्नेना रानीलेरानारसदारोगारेस घणापार डीनाय्याचीरामेन्पतालग घधारन्पना पाययोयो डीपीपपमेणसीन्मयमांगीलायन्मास येयेरोयताहीकाततपनायना रिपायपायमोना राडेसरीसीययन मिली जीन्नेरारसमाह्यन्याटेतोहीकासमेन एरऐनहील्यांद्यन्ना पायछटो सुंगीपरतीतेपछी वास्यरसमांपायन रेवा रायापरनऐ हक्कापगपगायन्पराग
पायसालमोना एपीपेोपीतपाप डोज्यापरीनेते अधोणगोगे पायतोन्यां मिव्यापीये आसौपैचीनोमेन्वर, एयापीपपारन्तेवाशराप्पीओडरे पामेमा नापारना-पायाममोप पग्रतमीप्रतिपागपुन्नेमसरोऽपाय सुश्शु|
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|१७५० सुपासपीतवैद्यशास्त्रग्रंथः तमांडीपयारछे पीहीकानयन्दन अपस्वासरोगनीशित्पत्तीलक्षएगोराघ
सीप्यते यस्तुपायेऽहेऽहीपेशयाय स्वासरोग तेनायडी पंडीतपुश्योगाय पन्नेपएपयन चिरनोवरमुतेनानांमन्यातीलसागपारप्पुन
श्पालतमाम । अर्ययस्वासरोगनानांम चिसोरशना यमकुमहास्यासन
खासणीलाएंन्त्रीनेछीन्नरयासन्यो योतमउत्तपाशवोन्दन् सुटपापमोरेयासन्यो। |पंगेन्नतीहीबनोगने त्रास तेरेवारांड रटेन्र . अयस्वासशेगनूंपुर्यइपल पेटोशे पारणेनेयुगावेहेमणमुंत्र इनबनेलोननरलायेन्डानपराउँपेने रस मुजनहीनेनेन्स्यासतणाव्याधीनांसनपछे । प्रथस्वासरोगस्वाइपन
नराम्परागसमयभाशरीरमांच
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तिने
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ (१९७ मंडवायुनेश्रे मणीनसोतएां तेध्यारने मनहरे रेनवायुतेवपु प्रप्तशेस्वासतांथ डी. रेवास्वपश्वासनं तपाशग्रंथमांरडी ?
.
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प्रथमहारचासनुसाएग महारवास लक्षए। हुमीपुए हेयायछे जीवर्यमस्तांनवत्वन्डीर्घवासाह्यछे य निष्टसंज्ञासठी मज्ञाजञेनुंगयुं तरसनेत्र शैस्यांरÈ पीआइयपुश्येयुन्णीस्वासने ताराता पहनझरीनेन्नयेछे-पडेलोयनोंनी सरी पीयातेत्हरेयायछेउ-हीसे दुर्बणना समो वायेनवयाम सुएोश्वाससीचे गणोपीयागर्तमांतेपडे ४ नवेयींनी यितां दशाहुजनीशी समंधीतशसेसफुन्य पज्योनापेशिमां वधुरेनवेगेरी महाश्चासरेवाररे पज्योतेन वीरेन्द
डीयामपीष्टमा
अथ तीर्थश्चासनुंलक्षण कुसीरियासतगां सम्णलक्षागतेनरी डी गोस्वाससेवैसे नीयोनामुडायेरी १.३ ||ज्ञेथीर हेम्होलस्यं डीयाष्टीयर्धलयछे तस्यां ।
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१५८) सुधासंगीत्वैद्यशास्त्रग्रंथ नेत्रझट्यांरहे वद्येव्याकोयायछे उन्हेवा स्वासशेपेपुरी यमी अशुद्धीतेरे-मोहोदाय ग्लानीपगुं रेवाये हशातेभरेन्ड - अयछीनस्वासनुलक्षण-उ
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सर्वशरीरनापेगपवनेपीडीतऐवो श्वासटु रतोसेछे हुजहमनालेबो १० दुमीत थयेलो स्वासनले सिमेारेन्टुरेमर्मस्थानसागते नांताद्वारे पेटमा से परवो छुरीलये सोपनशुस्यासालन स्वासमुपेमाये उन् येतायेत्र्ांगशरीरनुवाए स्वासथयोडेतर्तम
२०
रेषा छीनः
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अथैतमर्रबासनांलसएन्
छंद ललीत रा
पवनपश्यना डीलराम
तेरे सोनसरी-१- शीश संधमां बेहनावरे श्वीश्शश्नांप्रगर येथे तेन तेनायछे शब्दघोघरोतेयी यायछेन्शन्ये गश्वासनो ग्लानीतायरे अज्ञीमंध्यर्धमोह नेरे-भुजेथरीन्नयछुरतोन्तयीस देशम्योहतोन्मन्एसीत्योशीस्वास डीप उत सुवाय नैवेदनावे पन्जेसतालगी
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ ११५८ यंत येनमां- शोयक्षुवेपुधिनमान्दु गर भवस्तथी प्रीय रेहेती स्वेहलाणमा हारे नीवती शुष्करे वहनमंहयेएानांचा सव्हे मुन्यमधमेानांन्टन्तेरशांसमेशी तालमा अष्टदेधणं स्वासन्नगमान् ननरेवारसीतेमालह्यां नमःस्वास नांलक्षगोऽह्यां १
अथ सुरस्वासनांलक्ष छंदलगाना यलुक्तलुखुडस्येने हरवायही तेयडी पंचनोपवनोपे प्रगरते सुत्रनारचासपोत्ये जनुमांजीन रोपे माननेपाननीतेहरंगती जण पनीर्धनीयतेऽरेछे औरायेअसरतेनेो यायछे तेरेवारसी ग्रंथेलरेछे-२० अथ साध्यतपाचासाध्यस्यासन्नएात्रानु सुरश्वासजणवांनने साध्यहुरीतुंधास्यन्तम हे श्वास जीन्नेरह्यो एसाध्यस्यास्य १ ये छीनने स्वासमा असाध्य त्रैएयेलंएयन ये मरवानाधारीने हीन रवीतांएयन् अयस्वासशेगनोउपाय
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पड़ी
छो
१७०) सुपासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ आहारसमघमेणवी गारेपरभयतुर स्वासा शिनीवेदना हरशीनासेहुरन्छना पायजीलेन्शना रस आदानोरीर सुपारीरहुरीने पारीर जेठांछास्य वस्त्रगाणीमहीहीने अलमुत्र मेरोर सर्वयन्त्राणे, लडुरीते मांह्यरी राधोमधढाले अघापैशालार ते प्रातस मेप्रासन श्रे रेवाश्वासने शनुं तोसंट सघकुंहरेन्१ना शिपाय स्वासनो भीलेना गछंदहरीगीतना लो टीगडीलेशेरतेनो स्वाथपुरीने रे. गुडशेर साठासातनीते यासीरसनीघरे१ये रहडेहणतएगो युरोश्री मेगव्यमही ते सागीश्वातडे युडीशमांच्णगोरही राठीययापुरेहुतेनांजने धीरन घरी वस्तु कुआसाततेनुंमेणवोयुरारी
9
भरीसुं
पीपर नागडेसर तनतमाल पेराहरे नवभार वस्तुहीर तोलोपासीमीश्री तारे नवराऽमय मेणव्यमहीसीवस्त नेलेगीरी तेसरवपात्रयवीत्रमांत्र्यवणेयैराजोलरी. प
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सुशसंगीतवैवशास्त्रयः (१७१/ जीनीत्यपैशालारपातेप्रीतीयुर्वजारछेन्दी स्थास शरीरगोगोगादासरवनयछन| परेवारसीउनेस्तवेतेन्नरेतनत्रारामांन लोरीगीअवगेश्रावरगोछलाचप्रशरािमी र रारीपायीयोश्वासमाररस पिारोगय सोपेलोयछनागहरे मनरागमरी-|| निस्करपीपरपसोयेउरेन्दरंगसापेलो| सोवस्तुहरची संलागेसोवस्तवीधैमरनर वीरन्याहानोपरहेरितीगोगीडीगेन्स्चार सघशनोनाराऽरेपातेलीबेउरेयस्चिास रसयेनीबसहरमाये स्थिरतिछायोगस गव्याधीनयेन्ट अथ छरोिगनेश्रोसरीतेनीतीत्पत्तीनां
. सक्षपौराएन । छहलुघरन् राघगीपातणीयस्त गणीवस्तमायेऽरी घीरेननक्षमा सग लिपिपासुहरीपन्ऋमीपेरपड्यावरीलु|| लुलांगता सीतावग्यथीलोयनास्ये ना रोपतानागतांन्ररायेल लक्षागे यमन पिस्तमायछेन्शोपवयीवी प्रार
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||११२) सुपासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथयेयायछेउ अनीसपीत्तम्मुगमां रेड पत्रैएये मगी-सीछाको स्रेअंतरे वहनवारपा पेवणीन्यतेने छर्हिलीशमेलो घएगां चिपएागायछे-रेवापेयलेहेरी प्रगर रोगये
यायछेन्न
रामय छर्दिनापयले तेनांनांम सोरोना वायुपीत्ते ने गोथीसं स्त्रीपातनी दुरछीतवस्तु तेषु जाधेडे ही गतएगी अथ छर्दिनुं पूर्व उपन
मनवाये मोग्याचे मुजेयी मारमाटुनी मे ग्राहमेथी- उडारैनावे लागवहने वधारे जा मुमन रेगीनतारे-रेवासक्षागसात ये जसरी तवलंगोने छर्दिनांडोपयारोप
अथवायुनीनुलक्षएान
वीरपांसगांमापीच्या मुसुहायेन्दुमेनाली तराशेप स्वरण हैजाये१रेीयो स्वाह शायल मोग्यालाएं यांतीणी वमनेवापेस वृंधासुंशन्नुभन्नेरन्यमुच्यतैरैांनाषेतो डीपेधागोनैवमनवीरो वैस्तु थोडी रे वापसी लक्षागमौजांहारे हुछ पीलुघोते
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४
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सुपारीतयेरिराप्रपः (293 नेपायुनीजिछेन्टन
गअर्थपीन्तनीनालक्षण सनिधिमेने मुनमायदे तमरम्पसहेजा रहीन्यायगतीरतांमुरछा मुजोराने पीने वमेअरीतागव॑नेत्रतप्याबरलीलुवाल निर्मायनयीसरी गोरेवानपने स्मगेल पिंडीतपीचताएीरीपन 1. अयनीनालसएन् । लोयनतंशमुपपीणु सनमायेन्नीशमाये अश्यीतनलास्यायेन्न डगीयोमी होकरंगलस्योन्तेनागेनेरोमापीतरेही पुर्षस्योरेयायीरायमालतहरेवापीमरी नपलक्षागयीशेवीलेनी
अयसनीपातनी हिनाबदएर अंगअपी पहचानेश्वासलेमेन्तेताज नीपीयामांव्यापड होयमेन्शन घाट
रक्तयवासीलुतेन्योरपाटुवमनरेर पिहेचुरश्वाससागमारययानरेनरपेनी
सिनेपाततागीपंडीतपरप्मेन्छ | अयाचस्तमायाठियायतेनालसएप
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9)
७४) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथपहेपन और ठीशंटोरोमांसैरेहे वांतीतेगी।
वार उरवालागेपलो
. अथवांती छरीपारीतेना दीपाय सींधववारीनेग्रतेतेनोपरोधाय रेवान्प्रा
सीपसारथी- पायुछरहीन्नयन्ना शिपायजीलेना वारेमगनेामलां तेनोरसनेयाय सीधवगृतनांजीपीये तोछ रही हुजलयन्त्रन्य भगमसुर नवपीष्टनी राजमधमनीयाय-रे वावांतीपीत्तनी लेरममेसीन्नयन्ना डीपाययोयोन्नाजरीनेरसप्रभ
पायत्रीले
जांमधसुषमाहे रेपाछपीत्तनी वणतीरात्यनरेन्४ला उपाय पाये मोरा ॥स्यापीतपापडोमयमीश्री
तत्रेपाय-रेवावांतीपीत्तनी वान्नंमेसीन्लय
न्युन्स
उपाय छोपलेलीज छायत्री रेणा सुगको परोगी स्यश्वादिमां ह्यमंययुक्ती पायघोगी- तोँपीत्तोपछरथी वियोगयोछे-रेवाडीपायसाहारीतमांउद्यो छेन्दुन्दा दीपायसातमोन्छ राम
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रं. १७५ ज्यतामण जांऽमर्थ सुजयसाध्येपाय रेवा छापीत्तनी येज्ञपारन्तयन्नाजा
सपोरपणनांछां
एए
शिपाय ग्रामोंनाया गंजाणी होसचीनणमां तेनातेने पायल दीपांतीजगमां रेवारसीनुरराउने म गनेजाये छर्हिपंयप्रहारती नयीन्तयेन्य शपायनवमो राडीवस्तस लीवमन ययुहीसेनेने सुगंधरपीसहलो ल्यन हेयुतेने रेवाडीपायसष्याछे ग्रंथीषु एर्गमयी धर्मोपीयुतेनोयेऽठीयायनीन्पन अथ सीनमाहरोगनेनेगांछेतेनी सीत्पत्ती लक्षएगडीपायन चीरेड्लोन्यनडे अपवीत्र्याएउंधारे सुर गुर ध्वीन तपैसीडे लुपतीरस्सारे १ घतुरगा ही व्यसनयी प्रयीम्मलेन हे प्रीयनों होयेंना रा होयी हांमधैणे- २ रेवासवयीततांह्य रहेननसीसीयां- येाहरी सीन्माहतागांडान रागडीयांना सोरहो- राखी तिलयातुरथाय मनवायुवेगेलणे होशोप हरसाय - छडीन्माप्रेरारे
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||१७५) सुधासंगीतपेशियः
॥ अथ शन्मानानाम छिपीना यातुनमा उह्योच|| राणी पछीपीत्तुनमाइप्रजाशिलान्तारप|| छीपनोदरीश पीसन्नीपाततपोमध्या ||भडिनमा तयावीशेनो नमानता चीरालझागेसाईन्रेवारसीचीनानमरेरा। छीनमाहेमनगछार्ग-१ । अथ गिन्माइनुं स्वपन, पीडारील्मएयीमती शीनाशतिन्नयन |पिडीशोपेरी पीड्याशगनेयायछेन्पना तण्येवायुवाहीनसोरसेहीनोरोलमे पीततेरोऽथी सवेन्नययक्षुझीन्रन्नर यातायंतेरे वरतेयावानुरेवारा रेअप रस्युयितुपरिन्मान्त
अयडीन्माइनु पुर्वपन मितीस्थीरतेनारहेरेपचौपासमानिये वीर्यतेनेशी योनेभपासमां परहेजून गर्नुमगन्तुं नमोस्यानुषोलेधन्दी यधिनासनमानेपुरतायंन्ररेवागीच येआय वधेशमौवाप्नोन्तेवापुनिया
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aniameri
॥ सुपासंगीतवैद्यशस्यियः (१७७|| एयो पोरोगन्मिाप्नोउन । श्रूयगायनान्माएनालग
लुप्पीपस्तनेलोग्नेशीतणलक्षणावाय शिन्नुदामोएगायेरीमानक्षी थापा थिरीमन्वयेनेश्वायुताएरंडेशुन्यबुद्दी घटे उरेनास्मरणअंतरे पछेसोसज्जामये रन्चीनाशरऐतेही येईलोवारता घुनालोलेनाऽस्यानपीअंतरेधीरतान उगमेतेमुग्नेगार्यछे एवानापपोत्यारे पानास्तपागाणारे मुयम रहनेन हिश्येमुष्पांसुलरी शोरनेशेऽनुग उन्नपनेनागरा पयागरगोन्पन्न उगतालमेशयमा शरीरे अरेशामती ज्या पीत्सालयन्नयछे ऽरेलोयोलापता
पालक्षपुश्रेय वीणतापएंपाइभान रियापीरक्षपणे बंध्योपायुतीमा । समय पीत्तनानिमाप्नालसपा- 1
अकराडीपरअसनअसमझेपावा पशुप्राम्सीयाई यधुपस्तमावा यसमन्वये प्रोटतापीत्तनीरणेपीत्तया
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2७८0 सुपासंगीतवैद्यशास्त्रय लांननुन्धरेगीननीयतुरीन्मोलेसर्पमेलान || रहीयाततेोऽनीन्नभानेरीतेपरीन मयेपलमाडोलयान्डम्योतांनषोलेना चिोलोग्नेमाश्या महमस्तनागोटेन्तपेलु| रहेसोतनुं सदासीनरिछाइरेन्टबडेवा नारोग्यी रेसनेसानूंन्यारांपरेसस उत्युपीत्तन्मानुरूप
अय उन्मानांलक्षण लुप्रमानेतेनीमाह्यमयुष्मायेन्तोसौपाने |मारेश्रागसयाये पन्नेवीपानी पीने दिमाह्यलोकभोमर्मस्थानहरे ओपनगेन
न्यायमतीनांवंश स्मरएरातीबग सीत्तनरेहेसगायाँन्डी मत्तयन्डिन्न
सुधार्नुलांन गमेयेशत्यपए पनीतामंडण मोद्यन्यायेकालघन्टन्मतीलाशए। मांद्य नतुरेजगतेनेन्होयनमोऽस्ये तन्नयोनी शाळेनेन्एन्छरहरेहेछत्यमान स्य नरेहेनिशेणीयांन्रेयेन्माप्त लक्षगरीयान्यन्त्रैएयरानान्नेलसाग परीनेयायेन्सनीपाततएगानमारतयांगा
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__ सुधासंपीतवैद्यशास्त्रग्रंप- (१७८|| येछन्तेनीपेटासीलहीणगारेशलन्ते रामवानेरेवारसी नेरजालन्टना तीसंनीपातसन्मानालसागपुराए. अर्थमनोजनोशीमारतेनुसरणरणेगरनालयीप्रमणरीत्रुनीघाउमा म यंरोऽन्थयात्लुएनीही मानन्धए। मिक्रीवोन्ययापुत्रनाशेऽरी होना जीनेघरमालीधुव्यशरीर हेवासा तसंघानमांजनेमनवीरीघार अडेयीत्त मांगोपनै भनेतापीश्णतापाएंउगम तिमणोल्याउरे रणीनयसंतासी घडीमाही गावामरीन्सेषगरीनेमान्छन् उरेगीस तेशरमी समायेसगनाइने रेयापर्णवेशा योध्ये महर्षिमनोन्माप्ने यन
अथवीशोन्मानालगन। रहेरक्ततालोयनेमणलीगयेन्नयन्ती योसप्रियोसौर परमीनारसायछन् रेपसोधेगर्नुपानांमतातेयेतोरेया पीआयेगट्यये पोशोन्माहवाणोहोरन प्रयोन्मरहमानतुंअसायलगन्नएकी
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१८०) यासंगीतवैद्यशाश्वमेयः अपनीभानगमेनेताटीराने शेनासन मिनयलागे अपनीलामेरारीरमण
श्रामीनाअंगताएंब्लयेरुंगनारायण पिससरपीथायेर घलशंमायायेगा लेनेधयेयेमययोतेजानीयसनयलयेनार
अथलतीजन्माइनांससरगन मनुशन्नतीकरतान्नुछुतेषोले वीरीत्रषणयेश श्रतव्यताअागतोलेपन्यापीत्रज्ञानमतीन सयुसरवेन्याइ लुतोन्माप्तांसरयेलक्षण शर प्रयोपोन्माहनांससएगान्मनुरोमांजरो
परेराहोयतेनाललगनेहरोन्मएछे। प्रिवराहवतापोडोयोरीरोल्यारेन्सुरस्यनेस्पे नुपाएंधारेताहारेनन् अत्तरपुष्पसुपंधीयी पिरीपुर्णरहे पवीत्रतापानेनेगअनंतन रिअलएयोगीर्यापाघडलाएगवान रेन्ते |
नयतनमारानामेगयरेइन्वरदेवासंम्रा थिनेनभएपाथाये योन्माइरेवारीरलर एगायेन्द्रन
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सुयासंगीतपैशास्त्राय (१६ श्रय असुरोन्मानालसागरामो
उतिपुरमांवेरपरेते। लयनयरेशेनोनेअंगेस्वेटेबहे गुश्वाह्मण नेपपीरोतेहोरसन्नरहेनत्रतीये पाता चीरोमनमान्डुरीलेष्टीनेरिकानुशालीन मारअयोग्यमौरंगमारिकायरने प्रारेन्रेपर असुरतपोन्माामनेतारेन्ड
अयसायीमानालसएन. भाग्योझरीलेय नी घायधारोन्लोनमुनेको चार्यमुहमरोन्न्पे शयायेमखामोडी धी येडोन्मादृन्नएवी असाथी अन्माइलुनाइनोरिमाप्रसासोतेनी
- रीत्यन प्रितीनीमकमर्पग-प्ररोगरामागतान्ने पीररीत तीन प्रयेोरतुरासतांपन्या बहीनाडायमांन्डीरएसुर्यनातेबसे उपाय ग्यपमेगनतारेनानसेन्रन्तेया|| पित्याहीशेनदेनायटेरी रेपासक्षारोप
गणे घरी नेप्सरीमातरीन्न || अथहीन्माइमरवानारीपायन
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|१८२) सुधासंपीतवैवशास्त्रग्रंपः। परो गयायुनारिन्माइनेशिनी घीपायन्तोरेवाव्याधीवीऽठान्नेरऽस्यायन
-
गन्नयन
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। अपपीतनागिन्मानाशपायर नुषापयेशतरे नेशीतगणपाय रेवा पीत्तुनमानी पीज्यापूलेयायपूर
अयन्माइनोपायन आपेवमनयेशंतरे तमनसुंगाना स्क पिणेराम्येशमे श्रेनापन्माइन्ना पी लिशाययोथोर रातेखाटुर्मानहरे त उठेरापेतन-तोगन्माउसमेसी पतान्नु गलपनन्या पारपारमोन्य अलुतरसापर्बुरेसुरसंमएयायन्तो न्माइसणशमेल् पुन्येपातीनुयन्पना सिपायटीन्य गतयातैलयवारी शिष्यघारतयायन्तेनोस्पर्शज्रावतांश पीडनूंन्नयन्परा पायसातमोली पिंपनीने शेरन्ताऽनतामांयायन्रेवास शिनमानीप्रारीपीकानयन्जना रोपायधारमोन रस्सर्पहरीर
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L
is
सुशासंगीतपैयशास्त्राये. १९८७ पीयेऽरपायेडेनिारेबारीशक्षियी मेसगरीनमारना पायनवमीन सोशरगयीगीतपण्यु तेताहांभिरपाया मणयेपीजमाएंउरे तीतेततळमाया । परपाय शमोना लेखीपखेटतयात्रा सनसीधपसीनेमेलरांअनमोयमरी पी पिसीन् सुशीपारसमस्तरेसीसंग नागेन्युशगरीतेलामीरसप्रखपालागे। वन्दरापटरेनाइपिछीसुस्वेछटोन्प्रासे प्राधालार घरी घीमयमाोउन्रामेसन ॥णीनमाःमतीनीरमणयायेन्यांमेयायो पीशरघणीलऽतानयेन्टन्चराष्ट्रनुज्ञा नमोहरीमांत्मक्ती पसरोवतायाय प्राय चौतारीक्तीन्यन्स्परस्पतयेयुर्ण रेवारी गायेन्नीरभ्युअानगमाह्य प्रपमयेत्री यायेन्नाशयायशीयारमोन्। अथल्यांएगग्रतहीन्मापराय | रीगीता रात्रीपा तगरी लिपापडोहणार लरांजेलीलये पध्मा नया सानियतेमानसोतरीलयेपन्स
.
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a
१८४० सुषासंगीतयैरशिस्त्रग्रंथत्रतत्व तमासनां महीर्धद्रवरणीमुगलेन्तम देवहारे रक्तघ्नमांहाचायवीडंग हेन्सा हाणीपणी पीष्टीयेरागी मकउनेशंराराणीन लेहारुजहर दुमणारडीयेणडीसल्लवणी उभाउले पुष्पयमेलीनां तेमां डेसरना गनूं पश्शीसवांनापर्तिने गुरारेसलाग नुन्छ नजत्रारोरवीरौ धरीगृतरीयतेमां हेइरी युलेग्हढाचीनेमधुरो तापत्स्यतेनेव रीन्पन्गृतगायनुंनायुरुतो पीशव्यग्गज गतासगी सीतास्यग्रतरेहेयेज्सु लायात्र नालयेऽगी- दु. पैशापुरा लोननसमेप्रा शेपीड्यासरवेशमे मरगी महा जीन्माध्यांडु इष्टतेनुनीरगमेन् रीतीपुरपरीत्येरपीसी धीमेपवीधी घाणी पीस्तारीरेवाशंकरे उन ल्याएाग्रतस्रवातणीन्टना पाय जारमोना गलामीरस पीपणीमु सीने राजावलीनो भाह्यतेरसहीने भैय शापुर प्रातमांनीत्यपाय- सौपीन्मादों सर्वया नारीयाय पन्ना सीपायतेरमोन लीनेपुष्पन्सररीचतागां मलसुनहरा
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सुपासंगीताशास्त्रग्रंथ. ९१८५ यून पीपर सर्शियु गुरीपर्तिनेते लेषुषगोमुत्रमां ने प्राप्यमांजगी शमेसर्वीन्मादते वीणतारना योगोप्रमांगीछे हरेखोराधी जगणी रेवे अंतनयार सही योगरत्नावणी ।। दीपाय सोहमो. रोडी हींग सं यण मरी पीपस्य यसवेरे प्रतीव स्तनवरांड से मांडी जोपरांत तगायनुंतेद्यमांनांषेय्यारशेरीनरीन्प जीमूत्रसंगायनुं पुरएासोगशरेऽरीन् श्रीशने मधुरतापथी मधुमुत्र जमतासगीन पछीगाळीने घीलरेन्यतुरीयोगी ३- प्रतीहीन पैशासमु नमएानेसमेषाय छे-पीड्यापुए जन्माहनी महावेगनील यछेन्नरेवाशंडरे यारख्या दीपायो पीला राणवान तानाशेपने नवीनतम जावा पन्ना ती जीन्माहरोग समाप्त अथ मृगी रोशनी पीत्पत्तीनंारणः प्रथमशगीतावाचे यवेक्रोधी ||शरेलणीहोरात्री प्रवेशेनसोमे
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१८५) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथरेस्मनोनाशते मृगीरोगवायछेन्द्र शरेऽरीयोवीधे रेवाग्रंथमांगायछेन्शन अथभृगीशेगनायारले हत्तेनानामछंह- सोरठीनावोत-पीत्त-नेहभोथीसंन्नीपतनी मृगीरोगच्छेते हरसासक्षामवायेन प्रथमृगीरोगनुपुर्वउपन्य हेयुप शुन्यऋहेने स्वध्व कुंग वे पीरयारनौल ज्ञानरणे १. जाग्येध्याँ न तमोगुएंगरे हे मुर्छाद्यावे. रोगमृगीय शेनवलक्षाएारसायेन् राश्रयमृगीरोगनुस्वर पणजवानूं अंतरप्राप्येएमपीत्यथैन्नयेन याय अवारेया स्मरागघटे तमपाये हाथ पगीतरऽवाअवैनीयुजाशेरेवापंयमृ गीनांलक्षएगगएयलावे. अथवायुनामृगीरोगनां लक्षाग
येऽपलङ्गमा तायायत
माया लाएरेडीऍमुजेने स्वासवहे शक्तीलोगे यकीत यक्ष पंतगार्यबानेसागे
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९१८७
सुपासंगीतवैद्यशास्त्र रुद्रायुपीयु ते हरसे मनमुत्रीये रेवाह शलक्षएाथी पातमगीयायें उन
अथ पीन्तनाभुगीनांजक्षण. सोरापीकामुषमां तेरसायन क्षेत् पत्रार्जुन भैएयैपीणायायेन्त्रार्य स्ने रामेवपु हुनीगरी हुमसमेते साल पीलु हरसे हरैहीन्नरेपाललए गये नयनेनी पासबड़े पेरतागोपावऽपाएगीपीर्तेष्टर हुन् रोगनवरतेत्तांसुधीश घषाको पीन्तभृगीनांनवलक्षागननरे लो
प्रथनांमृगीरोगनांलक्षाग मुजेस्वेतवतडीएएनारीसोराधगानी
त्वयानेत्र म्हों स्वेतरेहे इयारां जिलांछ जेन्पुरुप्रतीशीतलागेयंपुन्पडेस्वेतनष्टीस
रेवासी सातेयवांथी मृगीनांशु रान्प्रथसंनीपातनामृगीनांसा त्रीतेश मृगीनांवरएयांलक्षणाव्यान्येउपुरषमतेशीनेलक्षघरी १-रेवाष्ट हरीने पेराणो संन्त्रीपातमृगीनों
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१८८) सुधासंपीतयशास्त्रायः । येलक्षागयागोरन | अयप्रसाध्यमगीनांलक्षण इअंगप्रतीक्षीगव यायेनेत्रलयांना उल्नुघलभपढीन्नयेन्परेवामृगीनां साध्ययेसक्षागयातांन्नवीनस पीरिराष्टु ललरीपातांन्र | अथभूगीरोगनोखीलरज्ञान नियोनीमवेगाताएंन्क्षागेसांनसबारमेतेने| वायुनाधारवोन्मादीपस्कारमेन्पप गोपसतोपीत्तनोन्येऽमासेयोन्सनी पिातनांगेमृगी नयीनीमतेनोरह्योन्र । येराती एयेसर्वसम्लीसडेन्रीगेलो गयीघनयी नीतीनेतेरजेन्उपयो
गाभाटिनेसतेरामांन्यनेयेगी नास तेवीरीत्ययेइमान्य प्रगटयायवे गासहीन्परेशरशेपेशी रेवारोगत्वारेमरेन सकेकापनेश्रीहरील्पना शिपाय मगीरोगनाऐलोपना परो यापारी तल साय्येलसए एयटाउन्नेमायरेवळ वायुनामगी तर्तनीवारएयायन्दना
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सुषासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथिः ११८ रीतावरीपयसा
शिपाय मीलेना थ्यन्ने हरही हरशीयाय पांमेपीत्ततएगोमृगी सरसधगुन्नयन्यन्ना अथ दीपायत्री लेना लामीरसमधमेणवी सारे उधाय्यार तोनोमरगीमरे लागे हुन नाला उपयरीपाययोथो ॥ सररीवरर्धसंलागन्यारीसेपवपुरे ऐलक्षेब्लेसिंागनरोगमृगीनासौमरेन् शिपाय यांगमोना एमरी पीपरासी धवनेशेडी गहरे-मारेसमलागेनुंवारी सुपर डीग्रतनी साध्ये प्राशनयाये रेवामृगीनारोग मरीसरवेलयेन्ना दीपाय छोटा गलीनेशुद्धलामीरस वनदुष्टये बहुरे - रसेसाह्य रामावसी लुनो गोण घोणीश्रे१गरीगाजीवस्त्रेपीये वसुयेस्पीज्याघंटे रेवामासरीवनपुरे मृगी रोगलंम्यो भरेर जो राशांनी वनरांस्त्रीपी येहुघभांतेसहान्येवानारसीनीक्रया मरेतो
मृगौयापाउन अययसाघातरोगनी रीत्पत्ती
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|१४०) सुंघासंपीतवैद्यास्त्रग्रंथ. | ओपथीतेनुंशरएन
पियीयायुवेगवीशमयायेतेएये| घागतगीनखमंगायेन्न्स र्वशीरायो गिरीयीलरीयुतीलेछन्गुन्यररीरभरघनेये पाडीहेछेन्रन्यांअंगपणेतेनीयिया येन्पायापरसेपीवालेरानसमजायेउन मेप्रशरनायेव्यापीपी घोपरगेन्पीत्तत अनापरवन्दीमापरणेन्टलीतरपाया रघावनीमुछयाये पक्षाघातयेपीत तएोपंडीतगायेन्यन्माबरलीतरगीत घन पीसोनेरीमान्मनोपक्षघातगमोतेवार तेमांन्दुन्गतीपोलवामांयीलयअश्या एयायेन् पक्षाघातप्रोपरेवारांरगायेन । अयप्रसाध्यपक्षाघातनांसह ।
योनानास्पसारलानेछयेया मायालुटो सीयापुरष क्षतअंगग येखुरलेलघुटो अथवागंन्यगरीर ह्या येसातवीयारीन्येरीतीनांगमेतेवा नरनारी पक्षाघातगरथयो असाध्य हेनेचारोन्रेयोऽयरानैमरेन्यत्तीहोया
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सुधासंगीनपैरवस्त्रग्रंथ (१८१ |तोपारने पल
अपपसाघातानोपायन प्रायनांगीनही मुणीयेसानी महीन्यायधरीनेनाणीहेमांना हींगनेसींघवतेमांन्ररेयामासही
पक्षाघातनीवारण्यायेनन पायनीने अयथाशतेलगोगवानुन पापणीमुगा यात्रा पीपरनेसुगहरे अारास नासीघयहेनोग्यायरेन्पन्चायतन गमांमहीतेसंघरी साइपश्येमघरोतापजी रीनपहेछाइरन्नीरपणे तेतेलंगणीला रघुमापे तेरीनेतेलमसमपानेमापे || उन्रेपारसीप्रीतीपुरयहरपारे । लाघात पीयाग्रंयाहीतेलहरेन्ट दिपायत्रीब्नेनारामजानोरस पियवामापेसीलेन्तेमांवरयंतेवस्ता सणाधिनेन्पन्मुहरीमंग शरारोगीयाग गगयोन्मादगार रंजएमोलेमही योगपीनेशन्डपसासनोपारसी सरवेपशालारपतीयुरगीबेन्जनी
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१९२) सुधासंगीतयैद्यशास्त्रग्रंथ यमह्योरसतेनांजीतनजेपीने ४ जाडो भरपुरवायांथीलरवी तेजाजीनेलासतपा वीनेश्श्योन्यन् रामवंडीतीने पत्रचरडे रां पतराणांच्या पामेतेनान्दणे नदृशीते मापपत्राधारे लेप रेसाहर हीनेभ हीमेसारेछन् स्वेध्वमे पुरागने जपशीराछु टेन्पक्षाघातनाएगी पीड्यतनयी टेन्ट रेवाधा टीरारयेरीत्ये साधन याये ये दौवसमां पक्षा घातमरीन्नयेन्ना अयवातरक्त
रोगनी गत्यन्ती लक्षाग रीपायना
छह जुलाना राजावा मच्छामीश हेही डीनलीनेन घशांम सीधे लक्ष रागवीरो तीतमुगानमेन्य स्तुवै वीउघडे मद्यपीधे १ ससुवायो कॉपरवाही होनी वाहने वेगथाये उपीयाथडीनेडावे पक्षतीपद्रवोग्रंथ
१४
गायेन्शन
अथैवातरक्तनुंस्वप छह सोरगेन्स राइधीरहनुंनेह ध थर्धतेब्नयछे· युवेफोयैर्धतेह् पारवनीपीडापटेन
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रगंय- (१८३
अययातरक्कनुपुर्वपन . वणेस्वेटअंगेअंतीथवानाअंगनेन्म टेलांनतेस्पर्गनुंणगाडे यारंगनेम्पन्न शयोट्याचागतांपीधापूर्णतेथायछेन यसेआगेसअंगमापीरसंघीमांधायछे। २-छुटेार्गसतेमांसनांन पहायला घाडीलासेअंगमालारजीन्दीसेशुन्या ताराहाणगे उन्रेरंगयातपोन्च पुरक्त गाडापडेन्वागीहयोडेयतांन्तु वातस्तेअडेन्ट अथपायुअधीडचातरक्तनांवक्षिाम गुगाटी गमांावे महारानी चोरेपन
सुषुटुमनेरगेडागोन्पन्शोगाची सिनामोनेांगगीयो तेसंधीसोपी वांशिवगीयोरा बमंघरहेनगुन्य पेशयान्नववक्षागनायोगमगेरेहेरा घवाया-उन्रेवापीज्यनुपुरययुतेनर सेहेछेन्यातापीयेवातरक्तसेवी देखें
अधारकाधीयानस्कनुबदिग- । मासाने पीनघेपी पुडानाडोयमन्ः
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निन्
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|१४) सुशासगीतपैयस्त्रियः। माट गुथमन्नगी महीनो परेयायेरवहा एपीसोनेरतापी येरातरक्तडेनेते ॥ अयपीताधीचातरक्तनालसागर |
बाममोहन रे मुरयायेन्पाले सो मन्लि पोरस्परशनावडोये पन्पटयर गरेमस रिपुष्पगेरेहेछन्पीत्ताधीयेपातरक्त पंडीत||
अपराधीचातरक्तनांलक्षागन. शरीरे गोनेरीगो यलुरुषअंगमाघी योग रहेपपुरीरोन्ने यातामु उत्तगीन्सया रीतअंगरे रोपेश्व्यापायछे रेवाराची वातरक्तयेगीबागायचेन्न
अपसनीपातनारातरक्तनालसणअपांगणान्या सह्यांपातरक्तन नांसमग्रवसपोहोरोन्हापीसीतेतुयेज पुर्घनावीरोन्पन्रेवारामेनीओरायोघणागुणी मियाउरेन्डह्योयेवातरक्तसनीपातना मुंनी स्थिरेन्स । अपवातरक्तकायमाहोयछेतेनालहरू
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सुवासंगीतपैरसास्वयंप. (१८५ योराणसांगणेमांमयायन्तेगहरेनां पिमांतेन्पायन्यन्तारपछीयीअंगमांपूर्वी रिछन् लक्षगतेनांपुर्यनांतेरछे पन । अथवातरक्तअसाध्यनांससएन ए चंडीगीत ॥ पायीगुरासमा मांसनांगसायसुखेनीगेन् संशेपपामेअंना गुणी पगशीस्तपछीगोल्पमणमांसपात वनाशपांमे पापेगंधीमुमे रेवाअसाध्य येन्नागयो मरवानसमझेम्हाष्टुमेन
अथवातस्तनीमर्याएन ए छहसोर सरे । [येऽवरसनारोग साध्यपणेथे गएयो एसाम्यत्रीयोगन्म टयोमुस्फबतेपछीलन
.यातरकनारीपर नीशनाचेन्नयरंगीनेन्श्यासपटेन्श न मोही मांसगणेवर अंगरने पल्या पडे वागतांडुरे पाणीयोन्टुडीयायगणे
पानीप्रांगण योन्रन्याय मंत गीरगनायेलमरीश्रादेपापीयो मही सहायायेन्उन्हरगयीयेप्रशारीपश्च्या
Haeme
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%3
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१४५) सुवासंगीतवैद्यायरह्या रेयामरेज्नेलावेयेऽवस्या हिनी शिपायमुन्यारणो इमटीरो
गांउरीनेस्तञ्चायतोव्याधीरेहेमापोन रघचालेशनयायन्ना गरेरोशीने || तनवानी रस्तुरोगाम्हनराग्यप पिनेनसुपुडोपोन्सासुंधरीतागो
आम्ल लारीबस्तुगललपागलेलएरेन्दन नवेनीरोघश्रेयने ततपातीलतने रेवा लतोडामवेन्यधारेवातरक्तनेरना । प्रश्रयदातरक्तागानेभारलांपांनांसारांछे ए राघोज्यनेअंगरयेगेन्नापाय लिया मगमसुरयेसातेछेसुमायन घीमारीनुतेनखुपारीनुपयपायन्ये विरेनतां वातरक्तमन्यन्यनाम दियायपेलीप रायेगा मुणगो मनेलीले ज्यापारीहीयगुगणतेमांधने पम्पसपायरीत्याची संतत्पाये वावरत मुंडएरेवासरयेन्नयेपन्य दीपायनी नना चनस्यायिकगणोनों पाययसा शनीवेलअयालारततेमांहीनेन्द||
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सुशासंगीतवैद्यायग्रंप- (१०|| पारसीऽर्नुस्टपाइरेस्तुर्भपायेन्यातरक्तनुष्ट डामुगयोन्नये सिपायत्रीले र छंदहीगीतन्य गलेमलन नेत्रीमा शुचा राहणार लीलयेन्तम लीमछासी गगोसंलागेसरीलरोगन
ध्याययेनपराइनोयेरंडमुडीपीसघन्ग वातरक्तनेछुट शेल्वात्तैमरे सौम्प्रापधरन छन्त्यापलघुमलटयेयामेसज्गव्याधीयिया रेवरामी समरीनेपी मेमासमांडलीच्या पीपाययोथो रामय प्रसार गुगगरपानी प्रशारण छयो पाया।
लेसागुगगन्नेहांगनेटांच्या लीनेन्गगोयामा परिनन्यायन रहरीलेपन्तेनोलुशेश्वरीपुरीवापिसरी पोरवोल्गोसटोर पछीपांगीमा तेलुगन्ने लरयोगन्तेीणतांअऽधुपाएरीत्यापित एरेहेल्यारेन्लोहटायामांतगागीलर तिपकोताहारेन्तापतोषालयमा बगलोयसरघुयाये तेमांतेनाण्यपकी यी श्रीराधीयोसुपायेपारोगंररुणे
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१८) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ वर्धतोलो समले मलमांमरहे उरीशनणीमने घुटे हीरानरेहेन महरहेन्यन्यणतीजांडो यमनसोतर वायवीऽंगनीसाथै मुलांश नुंसेतेमां तोलपुरीनेहाघा ऋघालारसठीले त्रैएयेयस्तुसरमी चत्र गाणारीने हेमलमां जस्यानमीमांहरमीन - उतारपछीगुगगनोलोगी मेणव्यये हेलो डीघो येलवघुरीयेऽस्तु रोगरे हे सौजी घोन्ट मासारयारथवाशर सेनेन्नीत्यपीती हरहाको लघुमंलष्टाट्टीम्नाज्याये हेपीतां हुए राणोन्यातरक्तने एासां झेल्ला गोगोश शनीवारे सोन्ने दुष्टडीहरनाव्याची प्रमेहां डुारे १०० महाप्रगनी मुष्यमरेछेन्डीशोर गुगण जातां रेवारसीडे औशधनीरम्युष्टम रेडरसाहातांन्शआराधमानाशेतेने मेहनश्रवोज्याहारे जाटुसुमुतेसने चामी रा नानमवुझेर्धवारे १२न्यावपासन फीतेने तापैलेश नरेहेषु दधीनामायुं मैथुन तब्बुगतीये एनसेहेषु - १३ देवाप्रमाण उद्याशयछे उर्धनुंसंस्टलाग्युन्नमरेली
λ
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सुघासंगीतपैरास्ययः (१४ लगोपइपे पापपुरप-ब्लन्युनटना गिपायपांयमोना अमतलल्लातर वणेहना राखंडएरीगीतना ला रीलीलामारीरभेषणमाधुमेहेपाहरेन्तेने गरीयुरीऽरीन्सनसोगरोररीरोदरेप नाणेगणोरोरतेशलाएगानुगतेऽरी जी शिगवुयेसर्वनेरेहेलागोयानुग्रीनरन्तेमा कुतेन्नगीनेनामोप्रयासपासमु जाडीमा खीनेतेपणेजीगgमनगमुन्उन्लेलीम खाली मापी गरगयोहरहनेत |मोयनागरयेगपीने आभगांतेमांतेमालणे||
महीराऽऽयोरोगोश्तेमाद्यनाण्यस्ता रणी नगरोरय्यारोशनीयुत्तेमानणार गणी पशिबानी झालीन्यासमुंगरणी रितारपुंन्लीलामसुधांणलारीसोयेताय धारयुन्न्ते पदासागेलयंपलेस मुंडरीन्नणसाश्यतोलोनीत्यले नाणेसाहन व्याधीछीन्छन्तेवातरक्तनेष्टराने पीर|| गिशयातणी चायुजरची सर्परागे थी रनीपीराघएीर अवलेहवामानारने ||
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२००) सुपासंगीतवैद्यनारायः नामोअंतरवारयो साईनरेप्चु मेरै आमी पत्यागयी मोहीमोरवीन्दगनीनेन्न युनही नौतैलमरहनतेऽरे गासीनन्नयुषारया पियाउरीपरहरेपन्यारसीला स्वातनम्रतऔराधी भुत्तमरीन्प्रापीरा न्लेरतो मरयानाश रोजी पाग द्वितीयातस्तलक्षए पायसमाप्सना ।
अथवायुनाशुगरोगनीरीत्यत्तीलक्षणपपय पात: पीतामतपीताछ यातपीतयेगुणसा तमुवीभुरपोछेन्संन्नीपात-तमह्माये लेतपानी पीयानांनहीपारायनही
पराशी संग्रहोयगरीरमांन्पीनटुमान रिसेनही तेरेवारांशेरपी श्रुगरोगसण्या रहीन
अथवायुनाशुगरोगरवानांन गाडीपपिरी घएगोप्रस्यावताप पामैयुनेतेऽरी सुहामासनेशवतांपन्न
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असारए
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथः (२०१ नीरपीवावरे घएांरात्रीयेलगता. घरं हासाश्वाथडी घएगीयोट्यनेवागतांन्य घ एगोशोपश्वायडी घएपीसंघनोनेस्को प्रगर मन्मयशेश्वे अधोवायुन्नतोहरचेटुल सागको इशायेलनमवायडी - धीरद्धानने प्रासतां मनमुत्रराष्येरडी लयान्त्रशु लक्षणे- पीड्यांणीनेयायछे रेवासप्रहरी शरागे प्रगरगुणये थाय छेन्यन् ..अथवायुनाशुणनीनगातयासमयतेः नेपापासां हैयुरोमसमस्तन्पलमां प्रागरथायछे पलमांपास्त १शील हागडे वाहणां त्रीन्लेसंध्यााण-शुगगर वानांसमोन्तेवेगायेण २ वारवारयन लीरहे पालेवारंवार जंयनरेहेभणमुत्र नेपीयान्परमपार उन्येवायुनाशुजनी वरागीरीत्यतमांम- रेवानगये हरीयोन्मुं ज्ययुगांमन्त्र
अथपीत्तनाशुक्रनीपरीत्यत्तीसग जारी तीजी गरमयस्तदेतसमाये हे महीरारीवनथायेपरु जरारीजाये कोहरे
पीये
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२०२) सुपासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ. घोघांमवरीतऽहोरोव्ये स्त्रीसंगल जारशरगोपीत्तप्रशेपवेन्नयेरे
एशो
वायेयडीपीत्तगुणागरयायेन्
यूथ पीन्तनाशुगनां लक्ष शाह मुर्छा लगनौलीये स्वेयायेघ वैयेकोय पीड्य प्रती नाशमेवेगऽष्टीतगो १. प्रगरयायमध्यांनड़े मध्यरात्रीसमे हमे रेवाहुमहेछेरतुग्रीरमहागेथवाशमेिन्शन्तेने पीत्तनुंयुगप्रागरथ्यु माहामुनीगायच्छे-रेवा नारसीनीकपाऔराधेये सुनीयायछेन्न अयमुनाश्रुमनीीत्पत्तीलग
हुर हेरानाचं मधुररस्पयत्राने शैली में हो मस्त घालसागाने
येशरवस्तुप
श्री उद्दायीतशेषाये उोपीने रेवाशुकपूग
रयायेन्शन
छंदलुनंगीया
अयमुनागुणनां लक्षाग हुमेागलु ाराने हे
हलारी अइसी पीड्या परमाथायनरी वमन्वेदना संघभवगनोनत्यागेरु नमीठीया पन्नगे-पूलातसमे शुकतेद्दुःखहेछेन
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सुंघासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथः ९२०७/ वसंतरतुवेनातेवरेछेन्छन्रेवाअष्टमी पतिपय येप्रमागो उपस्थीययुगगन्नागोन्ह । अथसंन्नीपातनारगुगनांतरगलरण
बेश्योरानांतरराषसागसर्पह्या योन घिमायेरमायेसर्वरह्यान्पुरएपीजप्रगटेने नानयरयुरेवातवसन्नीपातनुंगुयियुन । अथांमागर्नुलसागर मनाइशेखागपडे हेयुजाले पठारौपेट चीरोपीऽयायालेन्पन्शरीरलायेरेहेतेरज्यस्य तोतेमा इङ्नाशुगतगांवसरासरवेहेमान
धारानंतरयेपीहायातारेहेछ अषताएंगे शुगरेवार रहेछन् 1. अपातहरगनालसएन पेदुहैयुनेमेपसवारेमाद्यन्वायु गुण तेरेवांगाखेताह्यमन ॥ अथ पीत्तरगतुंरएक मनाली हेयाचीरोयुगप्रवरतीयायन् रेया नेपीत्तर्नुन्जरोपीध्ययगायन
- अपगुगनारीपन . पीलारोगालागी
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२०४० सुगसंगीतवैद्यशास्यगंधः ने शाश्यासन्नरी एर्षणीयसेडर्मनोशेष पाय अष्ठोपेश्वगुगमांसघयप । अपगुगरोगनोलेतेपरीणाम
गुणछे. गरेलोन्यननापछी परीगामतेगुण रस येले समानछेन्न्नागमतीअनुहुण-१० | । भूयनंन्नरयुगनांलक्षण छिनरायन्ना सन्म्युपयेरेनापये। साययुगरेहेपारगेनपथ्यपागतां-पडे|| नहद्दपापिइन्स्यु रेनश्व्ययुगमन पियायचेन्रेयामरेनीगुणाएसंगत्येपणा यछेन्यू
भूयारपीतरागानांखसान बिलोलनपयतातरेन्गुणतोतापायगुणा तहकर पीत्तछे-परसेशेयीरसायन्न ___ अयंगरोगनाशपाया लंघनयमनवीरेयन पापिनीरायपायरोज स्वेचणवायही गुगनीवारगयाय-१० शिपायपेलोय मीढ़गपाएीमांगी लेपनालीयेयायन्समेगुगयायुत पीयता
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सुधासंगीतपेयशास्त्रायः (२.५ रितपणायपना पायत्रीने गये शामुगनी वापतीनेपायन्तीरायुमासुगनये पीज्यासर्वपगायन्पना पीपाययोथी सुधीरेलान्यायमांनाणेसंपगमारीगरी शिनाणीपीये गुगरामेतेयार पानी पायांसमो-गोगरागीतामा || नांमेल्यमारन् रेवारगुणसमेसही लागेमा नानायक १ पाय हो | इंगयुरगपीरो गुज्यतनेगामार पीत्त। असराने अलछेडीपाय- १ ॥ अग्निारगनो जीपायन पुराणसीनेमणान्मयमांमेणवीणायन अनुदासमेसरी-भालीलेपनन्नयता। रोपायनीने शालीमकायनास्वपि ने महीरामीप्रीतपाय उङ्नागुगर्नुउष्टयेत तिनीवारपयायपना रियायतीने ग्यापार संगसरीधयो बेलुएसागरनुनरी गीनीने यव्यङ्गसुंए पीपपहीगरोसेमरी परूपीपलीमुग यस्तुनवसमलागतुषु। रएमगे अऽपाइपयालारपीश्राश्यीनर
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नगे
२०५) सुपासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथशुगनासेतेत्रे शुणच्यांमनुंना सेसी रेवापीड्याप्रानेहरे जगवंतये और धमन्ना दीपायसोथो परी श्रीरेणायुराहरी घीनेंमयमांमाय रेवाचा दीपायथी आहेसुमपलाय-१-या दीपा यांसमोर मांडना लावी हुड्डा श्री तापमांडवी शुष्डीने पात्र पीतकताऐ घालीलेघरी यसामाणीस्पर्थसीनेन न्युएतिनुंडरीसुंकामासा रीलय मेनची पां एगीनीसाय्यपाये क्षारसुरमाऽयेरीत्यसेवन उस्ये गुणनारोगसरप चन्नयेन्शन्ना बी. पाय छडोना रोडीहींगहीवेसमे सुंग्य ज्यायिमांपायन व्ष्ट प्रेशरेशुकते पीतांतर्तप गायन्ना दीपाय सातमो मीत्रो रोड़ी हींग मरी पीपरचसीने एंगलवाएगने पीप जीभुगतेमहीने अनमोल पाठ्य पछी यांदा लीने- समलागे सांमांनसीपुरएाडी नेत्र हेपरपंराजीलेरानारसनाहरिये ते लेप्रयालार हुंनागनीसारये उन्नासेस रवेशु आममरे अज्ञीमंध्नुस्ट अ
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सुरासंगीतशास्त्रयः (२०७ नरलनारोगघटे रेवाशुटीमारीवरहीले नमायेन्वायुहशीप्रशस्तगासरवेन्नयेपन िितीयीत्रशीगुरीगा
__अयगुनगनारीरीनीगुटी रेराछाल्यभर पीपर ऐछीमरीन्ली
सहगी सीधयनगंवरीपन्समस्त || पुरतेयाप्रमाएएगोगीपायचे हुँनालणे पीचायतीसमस्तशुगन्नयछेन्२ सघरपणीने अलार्गअजीमहरयभारीनी रेपागुरीमुंनी डेसहायेगुगनाशीनीन्३० ॥ अथगुल्मरोगगोगोतेनीरीत्यत्तीलानवानपीनरीण्योरोमंगेरेहेछन् मीय्या माहारवीहारवज्रेतेपलरेछन् पेटयडरचेपे पीरोपणरथाये पारशरीयेगुल्मगोगा येन्रगोगगांभरपेटुमांयरटेली-पीकर पांमेपुरागतेनर नारीन्छन् वात पीत इस न्नीपातलोहीतागो पायन्नत्यपीगरीने | हिमघपोन्टन्मेपपाडांनालीपेटुहैयेन गुल्मरोगनेफ्सपायेस्थान येन्यमलोपपये परायाभोगणवामाश्येक रेवाप्रेगरतापीया,
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rrr-ms
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||२०८) सुवासंगीतशास्त्रग्रंथ चिसमीवास्येन्.. 1. अपगुल्मरोगसामान्यजगत स्या पैदरग्यमांगारयन्तिरेन्लम गरे स्थानमांगीनानवरेन्गोणघारने यो नुषणछेमांन्रे अश्पी डीरेनोलेमत्ते मार पर रो रगतीवायुयायेनोप उबहेमगमन्त्ररथीवायुनयेन्मारपींना सामान्यगुल्मरोगेरहेछन् समन्यासरमांत रेवारेस्रोछेन्द्रन . अयशुल्मरोगनुंघरपथयार्नु इसेन्नारामासनशीयारेलारीन्पीडा रोष्टादीऐमणे संपनेवारीपरोटरयाग विशेषणीयापुर्युरो तेमनहीतीशेऽसम|| मणमुत्रपुरेरउर्मोपतांमएसमाना रुपवाये रेयायेनरमांधीगुरुमगरयायेन । श्रयायुनागुल्मरोगनालसाप ॥ गुल्मस्थानमापीहरायव्यवसारसायेन्अधोवा युनीपुरगप्रपर्तिनपयायेन्पन्रीरशंन्ती| सिमपरीतन्वररेहेन्मगनापीतरेमुण्डा नहारपसगाडयुपुष्पपीज्या
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PALI
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ (२०७ याये तेलोन्यनस्वाथी उष्टरामीलये-उन्सुडे इंग्शरीरतएगीशक्तीलागेलननपय्यापछी है। येपीयान्नगेन्द्र ने शायसुलोन्यून ध्यायेतेयीपीयातर्तवधीपसमान्येन्यौ लक्षागयतुरपुरुषयी समजायां रेषेवायुनागुरुमता गांवरगीगायां दुरु अधपीत्तनोगुल्मयवानांगरगो रा उडवा मारा तीक्तींनारसे
लोकना
थी कोषहस्येडे वह्निपासेचरौथी १-तरे हे तांडे घरगोमद्यपीपैचसमुवाग्ये अंजनायोग | लीये. २. लोहीमगडतांतरण
गाये-रेवा
येथीपीत्तनो गुल्मयायेन्
+
अथपीतनागुल्मनांलक्ष
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छंदनराय रात्रशाने घड़ताव
शुगचेहनाचपुस्थणे पयावत्लुक्तनांयनांतेस्वेह अंगमांवणे-१नराज्येन गुज्मनेनन्नय उष्टयेसह्यां-रेवारसीट्टेलक्षणो ये पीत्तगुल्म
नांह्यांन
अथमुनागुष्मनुंथानुसार टादुलारी पींडणी येवस्तुप्पातां- जेरेदेषे
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|२१०) सुरासंगीतशास्त्रग्रंपः
हीयसेनीयातांन्दपायेससारख्य शिरसन्नगाह्येन्रेयायेगीनांशुष्मप्रगट यायेर
अपगुल्मनांलसाना|| शरीरलाशीतल्पर अश्वीरेहेछ समये पिने पुरणपोवाडेसन्पन्बुमार यमनवानमांयीन्यारेन् रेवाइनोगुस्मथन योन्नएोतारेर । अयसन्नीपातनागुस्मनांलक्षणवातपीत्तनांशरणसरयेपेहेलान् तेत्रएये|| नागीट्समगेगनमायेलापरेवापत रेरितेपेसर्वनगान्तेलसएसोसन्नीपत नागुल्मतणांन्र
अपरक्तगुस्मनांजरगनगन पछंधीगीतना पारामारतुसंलव यियेयीगुल्मनुशरणअन्नपमासनापेन हिलोपवात्तेगर्लगोरीनोपोन्पन्नयोग लगायापछी तेरतपातरतुपीनान्यायग्रते तेइपीनेन्श्तांनयेगुल्मीमीनार पैदा वीरीतेप्रारयाये गुल्मपीकानीलस्योन्म
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सुशासपीतयात्रायः (२११|| हाइकोयेलयछेतेपेटनीमध्येश्योन्जन सोपीत्तगुल्मतणांनजसएतेद्यनामध्ये मन्महीगुगयाये पीशलाजीएनायी लंपुरन्देलासगरनसरीमतोमा ग्यारेन्यमअंगमान्दीषतायेनेलसो पिपरक्तगुल्मप्रसंगमांन्परामासतेवी त्यापीना पयारनाश्वीश्स्योरेवारी शिष्ट्येतेयतुरन् रक्तगुल्मीर्वस्योन्दुन्न | भूषअसाध्यगुल्मनालाए ।
मान्यरने शुण हरीले दुरगतयोगार ||गुस्मतेहगशय्यमानानेयोन्पायु ||मायमेनारे दुममांन्नरीमण्येतंच
पीनसनेअपीलारीकन्हैयुनानी पर |गसौनेनेतरेय घएीलगतीपीपाते|| मां अतीसारतापीन्उत्रेपालसागष्णा रतपास्यांसरवसयी असाध्यगुल्ममा स्यानूंऔरोपयनयान्न
अथवायुनाशोगानोपायन कपुरणश्राधापुरगतेलीले वेलतेनास रितेतेमाधिजेन्योरायसुपयडीनपी गेलेली
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२१२) सुयासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथे.
पाये पातगुल्मनुष्ष्टरेवासरवेलयेन् रारी ॥ येथीलुलामयर्धनेगोगोमटेम सन् येांतरेपानीत्यम्खुंना जीले ना रासालने नवजारले मांह्य ऐतडीमारमारेयुएटीबेलमां नासेगुल्म
पाय
वीशर
यूपीत्तनागोमानोरीपाय ।। छोरो- ।। भीरेजा इंपीसोहरे मानसो तरसाह्य गुरणयेमधशसतांगुल्मपीत्तनो
नयन्दन्
अथ गुल्मनो डीपासून चायुगुल्मनांशियो गुल्मेत्र्वरपाय-रेवा जनपुरास्रेन्जालीनेपनन्नयन्प रियाययोयो हींगाही सु
शेती हींगल बनने पीत्रालीने पीपणीमुग धाएातेमांहीने - १. पाढयुरायैच टररमनुंवारीये तेमांसमण सीधयनें साल धरीये. सागर सुंए। पछी नवजार हुरहुरीये पुस्करमुण डाढ्यमांगा सोमल श्रीयेन्उ-हेपरसात जीन्नेरानारसमां प्रीते
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सुशासंपीत पैरास्यय. ९२.१७ तारपीनाघनावायेरीत्येन्द्र औराप श्रयालार पछीशतेमायेन्गुल्मनाइशेरो|| इ.सघरगीसोन्नयेन्पपीहावर्तीवस्येला सहगीमामटे शुगरवीरतापीसीपी ज्यघरेन्दु रेवारसीऽनुररगडची वीस्थास घरेन्डेरणीसपदीनाशेनोर्यसरेन्छन
डीपाय साराष्टसा . प उंछयो पापरतलेने थोर ने धानसीईयेन्अंजीरीरोराधीयोनामारण सैयेसाँगनेन्मारन् अष्टनुगुराशयेन प्रयापुरगनीत्यर्शनालगातेपायेन्गोणपे गुगपीयोरामेन्सरपीज्यासरचेहरेरेपार सीउसमरीसशक्षाराष्ट्रीयनउरेन्या परीपायगोगानो सालगोगस मानले पातेरोवनयायन्रेयापीगुस्मनी|| तोगडमाथीनयन्पन । अर्थगोणारीपरचजमारना सीएचसाडसंगणशयसवागलीने रंगने ज्यमारलपागतेमाहीनेन्येसातेसमतुल्यतः पिसीलेटरहेन्योरतागापरामाशिनत्रैण्यसु
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२१४) सुवासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ धीमरहे सोयासरपुरी पछीतादेवैरीये अपित्रयीतेहलपेराश्रयेन्मारीलां मां मुद्रास्रीयुक्तीने तारपछीतेगनपुरमांडीही ४. शीतयेयेतेसाह्यपछीवस्तु वराणी मांडीतेमांनाज्यमरे हुमनीश्रग्रीन्पन सुंर मरी पीपरपत्रीणान्नमोटीनेन्सी बोलसाते क्षारसमांलीने युएमिरीये मंत्रवसुऽयो साह्येन्तेगौमुत्रचीरौलेणी नननेपायेंन्छन् गुल्मगुणनेशोरा तेनासे डीघावर्तनेपेरत एसीपीयानासेन्ट रेवारसीनुपङ्गेनीमांह्यधरे वज्रमारये सर्वरोगनांनाशरेखा पाय
गोणानी- रासुरोरंहसवाहुरे आधु तेसमसाह्य रेवानीत्यप्राशताऽष्टगुल्म नुनयन्पन्य दीपायगोगानी छीपलस्मसेरांम्सम गोगरांउलेस्यार वामास मेशेवतां रणेगुस्माररूप डीपायगोमानो- पीपर सुंर मरीतागो स्वायतेवार रक्तगुल्मनेरावचा पीनां जीनवजार पुष्पा तीगुल्मररोगसमाप्त।।
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सुवासंगीतवैवशास्यप (२१५|
अयमुनयरोगनीपोत्स्ती प लुपर घगोमेरपावरेसुमु| तीक्तमापपिरी-नही-तुपोपासतांअपमा अश्वेशापायीन्पन्नाम्यापरल्भ्यायी अलाशनापये प्रमणमयपानेही नये शरणोंसलरन्पीयान्नुस्मछेन्यमान्छे || चारउरगायछेयुपीमुत्रछूतो प्रगटरो|| गरेयायछेन्दु ॥ अपमुत्रस्यछूनालेदतेनांनाम । || छंडनराग्यो भनेयेमुत्रग्छूयात|| पीत्ती -पछीछेसन्नीपात गोदरयाग तापरेपरीन्पन्मगेपीरोऽयातागोन्डेवीर्य वेगमागतान्प्रशरीपेदुपटपरी पीयारेछन नाणतांरन्पडाची मायमीनेमुत्रवेश रह्योन्रेयायेमुत्र म्यूप्रष्टया प्रारनांउह्यो।
भूषिमुनस्यानांसामान्यलक्षण होथतेराताड़ियेपुर पापनायोगयो दुमडुंगरंभए नित्योभावीरीरापडेन्पुरुबाह्यरथीनाली | लिये मप्रणाये पीघाइपेपेटुमेप्रागस्याये रन्यायुवेरोदेखघुमारगमांनाऽन्तीसपना
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|२१५) सुशासंगीतवेरास्वयंपः गची टीपांघारपछीपाडेन्उन्ध नरेऐ पेरे मतगोमारगवगतीन्हीयेचडीयेरेचसने|| गिगतीन्हन्लीपडेनानीनीयेदुमपीज्य घपीन्सातेलसाऐवरणीशन्नीरोगतगीपन रेवारसीनीलक्षागनीसंज्ञासाहान् हीनेमुत्रशेहेन्योलान्कुि । अर्थरायुनामुत्रनालसएन। सांघो पेटुनीनीसंघीश्रागेन्पर्धनीतो वीरोपीयन्नगेन्पन्थोडीयोडरवारयमित्र वहेछेतेनेमुत्रछ्यानोपरेछेन्रन । अयपीत्तनामुत्र रघुनाररागन पीगोलालपीरामलघुपाट्येचेहेछे छीषगम तीरी पीयापुरेपछीदेछन्पन्वारानमा वीराखघुग्रंशयायेन्पीत्तपही प्रगट्योरेवारंग गायेर
अयायी मुनयनालसएन । पितुलीगगद्देपुष्टयायछे-पीयतालमहीनो धायछेन्गलघुनीतेपीयाघपीन्वेना वीणुयनासहेलपीन्नारेवावसनऐशेस्व रेछनान्तसगोयेमुत्र मुम्रपरछनारना
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सुपासंगीतपैद्यरास्नग्यः (२१७|| अयसन्नीपातनामुत्रम्छना
लक्षएगा. वातशाहीनयहोरालेगना लक्षणोपरयो यिरोगना- हुमतयनगगायतेसान्ये युर्घतनयेत यारागेइंटरपीयोयेचा तनों मुछ्पद्यसंन्नीपातनोअपयोत्सवाग्रेयीमुत्रस्यध्ययोतेनां
लक्षएन्ध नसोमुत्रयेहेवातशी तरेतेयमापागतांन्वये रमपीवारेन् लपटोनपेलागतात्पन्न्तु | मुत्रभरपडे वयेछपरमवेना मगेसीह वायुतगाचीरामरोगनालेनार अग्यो
अप्पंडीतरेहेन्चरोशोऽअंतरघएो रेपोमुः। निरछ्यहे ययोगोस्वाग्यातागो-उ. । यमगरोज्यानोमुत्ररतेनांत
. लक्षगन ५ शेऽर्मयोगमगीनेमणरोधयायन्यायुप्रकोप रियायीरावेगवायन पन् पेटुअनेडमांग्या राशनोन्मुनष्यनमघायरेछरानोन शिन्पनेन्गाप्रेगरौउपसेछन्भगमन
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|२१८० सुवासंगीतशास्त्रग्रंथ उपगट्योमुनीयोय छे. १० अथरीथ्रोस्वायीमुत्ररख्यये
लानालसरगना पीडूनायीय्यारन्नेब्रागायछेअनुलये पी याप्रशारामांनथायवेगवीर्यरोडवेन्पपी शाप्रपास्ये पाघाईनेतेलायछे कम्युझे मुत्रपाएमयतेयीतर्तीयायछन् पछीते पद्रिीमाप्रशारीशुगनेरे दीवानोंपारना रन्डीनेलोपनोलरेन्डन्रेवारसी नागा नोपीनेसोध्यघएपीन्ह्योछेचीर्यमुत्रम् येलसगेलएीन्द्र | अयपपरीनामुत्ररछ्नांलक्षपोन्र ।
शर्डशनामरेतनांप्रेशनरी चीयरी गटतातेपामेपथरीन्न्ये मेशनापोता वसमांरेहेछेन्गुबली पैसधुनीवात्यही|| छिन्न्पीत्तपपीनेवाधीशुष्कयन्मियेन
नाभाडेतेपयरीपोत्येयायेन्न्वीर्यग मीनेनांमरारायघिीमुत्ररोऽवासींग यापपरयमांपेडीलरेडीपश्चपारयनी |पीरानीन्पीरामरतांयायघगीषुमरो
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सुशासंगीतास्वयः (२१८ तेनीन्एन्रारी पेहेयेपीएनरेन्पष्ट इणमां पायमंडोमुर्छयरेन्पन्अपनस्त रीनेयेरवोरागो रेवानलयेमुत्रऽग्छ पियरीवागोन्नाजीपायम्मुन्न|
छनोगराउंडरीगीतन्यगर मागीगीगोणपागलेपछीहरेन्स डाल शरीवासनीडांमणांहरोघरेन पन्सममालवायडीसीमपमुंीने येसघ रेवाभराडेमुत्रायछ्नरेअसाध्यनी आपदारनाशपायरन्मुन्नारछना नोना सेयेगी पीयपमरी पारीन पहनेंगीणइ.सीयवीगाळत्नागस मन्मुक्तीयेयुरपश्यपन्योमातपायो वए पीरोगीयाएपुरपीपायी रेवापणे सोमुत्ररछनरेश जायसीना सपाय-उन्मुत्रहरछनोना रो
पयनेनोगोगये शमीनेपाय मुत्ररछनीवेदनातर्तनीपारगयायनी पायन्टन्अयोपचाग्यातएगोमुन्या रनोनगा रामघत्नेनीरसभाभन
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॥२.३०) सुथासंगीतवेद्यास्वयंप. गां पापसातीनपायन्मुत्ररछवाग्या|| तएगोण्डामुगयीनयन्पना पाय पन्मुत्रार नोनगा रासेलडीरसम घिमेगयी पान रेबनशेयन्मुत्रग्छच्या धीमरेन्रामेरमातुतोयना | पायन्ए अयमगरोधनामुत्राधान्ये
सोरायगोपनीते| वारज्यायिरोप्रीतीयरीन्महीनापील्य पिार पीतांमुत्रपीड्यामरेन्पन्गाडी पायान्मुत्ररछनोन्ग गांड तयाग्यमारोढवणनेरेनाम:|| रीनेतेवार पापीयासरयेमेन्य। जीपायन्टन्मुत्रन्छनोना पुष्प इपैयायेलार पर यमसीले मांऽइपैया पापमारतेमांदीनेन्साराहीमांपीतयज्यो। गणीने पायेन्मुत्र पछुनुमुगरेवासरवनयेना बना पायान्मुन्नछुनो। समुणगोमवायचीमहोणाऽपरे भयमुना सिनेतेरागोपांनरेन्सेवनम्रतांसंयो सरवत्रघरे रेवानीरंतरपीचेरोऽगततम्या
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सुशसंगीतानगंथः (२२१ टेकना पायपुमोर पञ्च लीपुरसगायबनेगुलेन्गीपुत्तेमु
छवागोपीनेन्सन्योनीरोगडीपलेला घरप्रमेरघरेन्रेयासेवतांमुत्रज्यानुंडष्ट मटेन्षेनीपायाभी पैशापे लोहीपातुंहीयतेनो गाडामा रात्रीलमोन्सर रोलडीमुगज्याय श्रीमयगुपीये रामेरक्तनेगुगन्पनाशिपायन्१रमुत्रश्छनोना राजेपणा कुश्मांडरसन्मांडमेगवीपायन्मुत्ररथ नीनासर्वनीवारण्यायन्ना पायापीर्यमुत्रनोगामा मधमीश्रीलालतानरेन्गुमसुंधरी|| संगमतेनुसरेन्अरशवसुवीर्ययी घरगे। पीज्यमुत्रबछतागीमीli भयमुत्रधातरोगनीतीती. उपय्यरवेत्रएयघराशेपीमयेन्तेएयेज गिरीने मुत्रघातपायायेम्पन्मुत्रश्यममा पीरापरताऽष्टघासंघलयोरोशरए नियुत्तेहतागुरमुत्रघातमांमुत्ररोपापा
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२२२) सुग्रणसंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ. लेप्रेछे- पीड्याथोडी छुट्पयतांसुः मेवेहेछ उनले त्रयोदशमुत्रघातमध्येयायेन्ते वीस्तारश्री रेवाशंरगायेन्द्रअथमुत्रघातनाले उन्तेनां नांभ वातरुंगीठान्परथमव्याधी लंगो पछी अष्टीला. यातेष्मस्ती-सीतमांगो मुत्रातीत्-ने मुत्रनगर नांमे॒थायेन्मु॑त्रो त्संग ने मुत्रक्षय-मुनीयोगायेन् मुत्र ग्रंथी ने मुत्रशुक्र समञासरमो-विष्ण वात-ने मुसाह-सीले परपोन्पीडवी घात-ने-जस्ती कुंडकी- तेरययानरेवा रेमुत्रघातनालेत्यान्• अथवातकुंडगीरोगनांकारएासा - ॥ छंह ललीत ना लक्षवेनरी मुत्रशुक्रने वायुपेतुमांते घुमायछे मुत्रनीनसोमां रायमुपीतवायुवेगको रे श्लेष्ममुत्रनाछे हमारे उपवनतपशी टीनामुदुडणाती
सुजीवस्तने
ू
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ (२२३ पडे नगास्ट जोस्रेर स्वल्प स्वल्पयैमुत्रीित रेत्यरोग येरेवान्नयनासह्यो वातकुंडगी एबीह्यन्दन्येअसाध्यछेहर्थसोघरे
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मथायनारोगयेमरे
अथाष्टीलानांस क्षएान्यरोग-२. रेहेपदुमांची गुहावायुरो यछेनमे गांगावायुतणी- गुहामुगमाथायछेन्न्पी तांधणी मगमुनरोऽएाश्रे-रेवा
अष्टीलारोगये पीपत्तीयधेवीस्तरेन्शन
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अथवातषस्तीरोगनांलक्ष०३
मुत्रवेगरोऽयेथी पवनषेदुमांयेणे मुत्रनी न सोनोपंथरोडष्टनेणे पन्नासघुनवाय
पेदुदुमापीड्याउरे चानमस्तीमुत्रघातम्हा महर्षिणीयरेश
अथमुत्रातीतनांलक्ष पीशाजन्यतांवारधा गीरोडीरामेन वेगनया सेमहमुतरेषणाणे १. ज्युनलयेस्ट पी ज्या हरती से छे मुत्रातीतये रोगरेवार हेछन्र -
यमुत्रन्पश्रोगनांलसा रोगप
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२२४) सुशासंगीतवैद्यरास्त्रयः । मुत्रवेगनेरोजगश्श्यालेगाअपानवायुते नोटरयीरोनये पन्पलायेमाईछे पवन नेपेरनरीन्नालीनीयरेचायोगेपारीर घगीयातना घलरायोटीसेहेछन्रेयातेना हेनेमुत्रमरमुनीयोडेछन्
अयमुनोत्संगरोगनांलक्षारोगा। पटुअथवावींगनसोमाहेश्राव्योमुत्रवेगते शिरगयीघटाव्योन्परक्तधातुनेपण पिडीखेताहारेयोऽयोऽखोहीमुतरेतेपारेन्यपी कायायीयेश्यीर योन्मुत्रोत्संगयियोगामा मुनीसलेन्दु
अयमुत्रसयरोगनालक्षगरोगमो छपना रामेश्वीरेस्कियेयेलो लुप्पोहेहमनीनगयेलोन्त्रण्यहोरापेटुमारेहेछ। शेपारीतेमुत्ररेछेन्यून् पापीयानुपुरपया रिन्संरदेवघुसांजसपारेर रेयायेलसपा पीतनागेन्भुनक्षयगहतेग्नन्नंगे... । । अयमुत्रग्रंथीरोगनांलक्षगन्रोगः || पिटुमायेगोगनेस्थीरहेवीन्नांनीग्रंथीम ||गामापनेचीन्तेपायुनीसेन्यमातेगमेछन्।
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सुशासपीतवैद्यारघय (२२५|| वयीतेमुंनी शेयरोन्शन
अयम्बशुकरोगनालसागशेरू गसुंधरी वीप्यारतेवरीगयोन्मन्छुपीतवायुपी नेतेस्यानलष्टरेन्तेनायीलगुरुमुन्ना माअत्यनीसरेरायारामनासुमुते एक्रयेमन्नयन करणेमोतीरामनासमानते || गगायछेन्उन्मेवारसीइनेलल्येतीपायथीमसे पिरोन्भटेनीमुत्रशुक्ररोगोपेथीआश्चरोन्न अथतीष्णवातलेनेपनवाडेतेरोगका
तेनालसग । तापनेतागीसमागमे यातपीत्तनीजस्थान पीलमेन् पेटीगुध्वारमारे यशरप्रती| घहते रेन्रन्मुत्रगालसमानन्नयछेरेपछी धीररंगयारछे अशुधारतबन्नयन गयी। विनायीनलययेएपीन्टन्येरेयासरणासस गोमागेन्डीएएवातमुनीमंडतोलगेन्ए। अयमुनसाइरोगर्नुसएलदरगाए ।
पथ्यहरवेपेदुमारेहेतोवायुन्ते पीतमगाऽप निपगगेस्नायुन्मन्बघुलनेगीगुलालसु||
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२२७) सुघासंगीतवैद्यशास्त्रायः अरेन्गरमगोइयनरामसमुनीसरेरन रेयावर्णसुभायखघुश्ष्टेन्नये अटललगेम त्रसामुनीयोगारेन्उ .. अयची घातरोगकरनेनारगने
साग नरइसल्यमीतर्नुऽर्शययोन्अनीले पीमुत्र प्रवाहसद्योगन्नती ष्टयपशिरामना मगयीमनीमुत्रप्रवाहलरेन्रन्नगन्नेरपी मारेनसन्खघुमामगतुल्ययासक्सेन नरेवानीसरे टुमेसासुघोन्चीचानयीय्यारी रहेगीषुयोन्टन श्रयमस्तीगरोगन मेनान्तेनांडरग
लखगोन गोमेजेएसीखंघनतेश्ये मगयीय
शणपछीलरयेन्पन्नानीनीयेभएया रीयोगोणगांपतेथीपेढ़नीमांद्यपडे ||
त्परेवेगपीपपलालेनैतेहग्रीनगर गणीगोठीरेहेत्रेशत्यारील्पीयापरमनरी
सेतयगुगध्रेन्डेघावोसघुरनारा भरेष्टन्जामेश्यीगाहरणगेरीनैनारेन्टीना
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सुवासंगीतवैद्यशास्त्रयंप. (२२७ पितरसपाय धुवेदेतीताफारेन्पपगेपेरनी|| माह्यपीडाजानेवीन्दीरामनाथाया डीडेवीन्द्रन्रेवारसीडेटरसाव्योगहरीलचीन असाध्यवस्तीमुरगारहीनयमरीन्छ. ___ अथमुत्रशतनाडीपायम.. पुरग्गवारीतैरणे येडीयेत्ययसननीयागेपनी माघपलागीरमात्राले शिनामुष्पमातेघाव्य
रेवाथायीतगताताईन्मुनपातनारोगा मराउन्न्य पायपीन्नेर सो गागोणसमलागेयेयपारेपपिनयंतेनीय गनीयतमाहेमेसन्नीरतपायतनोरीमागोते। चीननगेगतनेगगीनेघरपात्रलरीरन रेवालोजनेतेयतनुप्रासनथाये मुत्रघातन डिएशमीसरवेन्नयेन्पायन्स मुत्रछ्नापायबेग्रंथोछे मुत्रघातते मण्यामांपुष्टीदेछेनरेगारसीऽनुपसर्प |सरमांधारी-डीपायरब्योपएनसेदेशोनर नारीराधनसोध्यश्रीशदीनांप्युन
यभरलेलावप्रकाराचीरोलाग्युन्छन्। ||शपायल्स पारगरसतगोपाएगी।
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२२८) सुधासंगीत वैद्यशास्त्रग्रंथ मारश्रे संयगतेयीनीमेलागेनीत्य हरेन्पन्सु रामारनानगमांप्रांणीनेपाये मुत्रघातनो रोगरामीसरवेन्नयेन्ना बीयायन्य
यात्रीह
मो. राजारााट्यमनांरसयेणडरीमेसां एगी-मेजयीनेमहीरामांपांनरे प्राणी रे वाघरे ते पुर्व श्रीसंरजोल्यो खाडीपारस मेसोदवीरोन्लेल्यो इन्ना रीपायुद्ध हो । सोरहो सीमा तनोले नेराजीवनरे-मुत्रघातनारोगन्ते नरनांनासेसीपन्ना दीपायल न्यूथ पीत्राहीग्रतन्य नगोइनेमफुडसीले त्रीणा कार्जेनेचरोगे हिरमुणहीले १ वस्तु प्रत्येही नवराम्रै अधोग पीपातैश्यस्यामांयुक्त डरे जरीरसीलांशी प्रांगांमा घरे शोणरीरपांगीमांसतीनां श्वथिरे उन्मंस्ता पनुंब्लेरतणेतेनीवुन सतुर्थांशरेनगता रेगणीने धरष्ठ रेयानीरगुतमात्तेत्यपि श्रीशव्यरी डेवणग्रतरेहे मुख्यगणी त्य पांरपारीनवरा धरोलेमांन
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सुशसंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ. (२२८॥ उवाद्देवोयिनमीलनोंहेमांन्दन्नीत्यमाये निपटांइशारीरे पन्नगेन्सर्पवीर्यनारापती तायीलागेन्न्मुत्रपातनेश्योनीनां मटेन्मुत्रछनीपीसमेगासघटेरन सीत्रीयतरेयारोगसरवननग्रंयना अापारीपारमा रोपायर ए राज्यायीत्रीगातागोन्पयगुडले नागीपायन्मुत्रधातनीवेनामुत्ररछसोनयन
नारपायक रामशेर पेपणा लोयननीयतुरालागी एंसागवनीनवयौवन नतमइपागीपन्यवानएशिशोलीतमंह मथुरागीन्महनातुरनेमानलीधरसीमाती र वैलयतेसाय्यपीयासरयेयामेन्मु
घातनेमुनयनेसेग्मेन्न्याश्रय पियारे घरतीयगीन्शात्रेयवीशे मासर्वचीयीवरगीन्टल अप मुत्ररोएना सिपायरा बीगासी यवतेयमांन्शीनीनपरतायन्युरगड घालारतेजष्णामांपायन्पन्मुत्ररोयसरचे ||मटेन्मुत्रग्छतेन्नयन्मुत्रधातनीऔराधीन्यो।
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२३०) सुधासंगीत वैद्यशास्त्रग्रंथः
मेगात्र
परसागुधायन्त ॥ ीपाय-११शगातसनोणारच शड्डीजीननोंमार-म व्यमुरी दहीमांपीये रोधमरेतेवारपन्ना उपाय-१३- ॥ मगहनेवारीने गाय मुत्रमांपायमुत्ररोधनीवेदना पीतांसर्वपलाय अथअस्मरीरोगत्रेने नगत पथरीहेछन होरो अरमरीरोगीहेयतां उपलघु पात्र सौदीमा देहेतेाने पथरीप्राणीमात्र अय पथरीशेगनालेयतेनानांम वातपीत्तवीर्योधनी ग्यारलेहमी सुनप नीर अस्मरीगदययोजतायीयो रोगइपयमरा नवीयोपुर टीशन भारब्जत्यनी मध्ये पथरीशेगमां श्मणेसो होय. अथ पथरीनी उत्पन्तीना पवनपेदुनों चीर्य मंत्र स्पीलसही येग्यारेने शुष्क स्रेनीत स्थानरही मेरी पथरी प्र दायी हेपणमांन्यायगायमांन्यमगोरेशन कमांन्शन्येष्टांतयोपेदुमांश्रयेो ||राधीनस्तरयाणुतेनानीसरे उन प्रथम परी
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ. (२३१/ सारोगथवाशरानां रेवारसी हरसाबेसी सक्षागतेनांन्ठ
अथ पथरी रोगनुपुर्वपलंएवानुंन्य संन्त्रीपातयी येण्याधी प्रागरयायेन तेनाजक्षण
C
महामुनीयोहावांगायेपरुनीयेच्या इरोमहीतान् पीशामश्रतांपारवनी पीडयापाडे पीशामतेनांप्यालामांलेवोपरमी हुरगंधी तेमां होयमस्तन्प्रन्नसरणीन् ज्वरजीएगी हेहे मांरही उष्ट पुरराग हेर्छ- पूर्वउपपथरीनुरेवारसीह छन
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अथपथरीनुं सामान्यपलेवानुं छह भुलाएगा. नालीने मुत्रनीतेनसोना घीशे पेठुनेशीरामांपीज्ययीते धारन्त्ररावीहे। उष्टपांडेयेऽपावानहेोरिते-१मुत्रमा रायती अगगीयतां सुमशाहातानराया। यताहारे न्याछीगंमेरेस्ट प्रागरस्रे दुःख है। हशिंगवारे न्याय पेशाजपीनोपडीवेहना पछीलोहीयेवास्पये हे छे उपसामान्यरेपारसी कुपीयरे पीपथरीतीग्रंथहेछेन्ड - 11 ) अधिषायुनी पथरीनांलक्षण
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२३२) सुवासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथः पीशामकरताऽष्टतेसोयाये. हातामायेनंग उपवाहरसायेनीिपेदुरुणीपणे पाराडोखुरीन्नयोजनमुतरतांञाडी-टीपेरीपॅपी
1
शाम आयेऽराणी राहे पथरी शंरावाणीने पाणी उरेवारसीयागस्टीनसडे जागो पीलु वोवरतेयेवानीपयरी पाणीपु
अथ पीत्तनी पथैीनांलक्षएग पायस्सरी पेमां जनता लगे- पात्यानेयुरुष्ट रेनें भगलागे १ लघुमांसाहारुरेरोमा पी ज्यांतेची पथरी होयेजांमना छोडालेवीन्धन्यं गेपीगीसाखसमेतै घरसायेरेवासीशीरछम्पी ततगी पथरी गायेन्न
अथरुनी पथरीनारोगनांल येडुशीतगमहीपीज्याने रेहेलारी-स्टलघुमा शेतांमनराजेवारी १ तेमांपथरीसीएल जलतीपराजी रेवानी मुर्मुरनागिसरांनी-
→
अथबीर्यरोहणीपथरीनांल
रा छंह लुधरन !! शोमोह नै मन्मयै नयीपासमां पेमान्गरसंगमांची रे वीर्यपात पवन पेदुमांनेवस्योन्म
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ (233 स्युवीर्यतेनेयरी सुनावेसपारावरे-हरेयुक नामस्मरी - रेपैदुमांटते सधुन्धश्रुवेी तरे वसेवर्धद्रीचीनताचीर्यनेते एरेन् वायुचीर्याहरी घटेसरासौल-रेवाशं रेवार्गव्यां समयज्ञातागो अथ पथरीना रीपइव्य शरीर हुरजण पीड्या पुरेएा महीसाले नालीपु तुम सोने शुकमुपेयासे- शरीरपी अन इसी जगलये पीशाजिर मुत्रघाततेमांया येन्शन् रेवाप्राएाहस्वासरपीपीड्याछे-हश डीपदव पंडीत पथरीनादेछेन्न
अथ पथरी रोगनारपाय- १ छंद हरीगीता रालेसुंर अरगी गोजर डीपलेटने वरएयो हरे- गरमागशींग येरांछाली ज्वायसंलागेरे-१- पाशागुलेध्येयानो ज्याय शुद्धमनेरी नयमार सींधव हींगरोडी नांग्यमारे घरी येरी त्यपी मरतालगी तमर्पयेरुनथरी रेवार सीनीलेऋपायेरोगन्समांथी नरोन्उन्ना डीपायना ॥येगहीने पाशागलेह पी
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२३४) सुधासंगीत वैद्यशास्त्रग्रंथपस्तुलीने गोधर मकुडां नाहीयेसानी हीनेन् पीत्तपापडी शुसीला गहरे आईवस्तु रीतेनों स्वाथस्रे २ रेवाशीमातनांजीह नेपाये मुत्रश्रछूने पथरीनीपीयालये राडीपाय. ३. ॥रावरगानी छालीले वेहेन लोगोमसोघीपेहेलो- लेहमहीपाशांए। घरीने येग्यारेनोंश्वयिश्रीने रेवापीयेनवजार घरीने-नारेहेपरीपीयङ्गरीने- उपरान पायनावरामाछाली स्वाथस्रीने पायेतेमांगोगधरीने-जुंमेषाधुगांमनगान्ते पथरीनीपीज्य मराडे-१न्दरा पायन्यन मलजीनतमशीतएगां आमगांलीलयेन मलेमोरनीमही हरे-मनः शीतेहीलये- सारो गंधतेह्यमांमणीयुर्गसौतेस्रे मधेशं प्रासेस वा पीड्यान्प्रस्मरीनी हरेन्ना डीपाय·छु । हणरथी नमो गुडसीने नीत्यलमांमासो पीने १ मासठीलय येरीत्येयाये तोपीया पथरीनीलयेन्ना अपायडोडांनीराम पेयेमीश्रीतक्रीये संगवामयते मांहारीपुरएगधरीये- सौमहीरानीमांह्य घरारत
रातस
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सुवासंपीतवैद्यशास्त्रयः (२७५ नेऽपायेन्नएयीयसमांतोपरी पानेयायेन रिवारसीड्नीसाह्यवीनासौलोछेन्एकत्तन मांशपयारसमेलोछेना रातिीअस्म रीरोगने पयरीतेनारोगीपायसमाप्त | अथ प्रमेहरोगनुंनीघनखक्षपन्न
तीशानछे. राप्रथा प्रमेनाथवानांसरगना भय नुघर छंहनग यांनीत्यसुतापडीया एरोमेसेंपानेणणे धीमुममाधायरीन्न पुन एपीतांबं एगोश्रमीयापरी गम्युमुम मिावेऽशन्धगोमयपीयरायरे घएगातामध्ये इन्सारतेलोजनेचीरोयछवाध्यान गिडी वीदेउरीलोगने अतीशष्ण मतांस
अन्नमासनेपासवेन्मोपं वीमायो। रिवारोध्यक्रेरी प्रमेरुपीनेयायछेन्द्रन
श्य प्रमेहनांमुणगा सोर पर मायी यिाय पीत्ततपावरन्नएवान्य्याय रायुनागायन्तेराव्यारगतानशीन भूयप्रमेययानीरीत्या पेटुमणे तिधारणलीयेशेपेन्मेहमांसनेसरीरमुंग्यपी
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|२७९) सुथासंगीतवैद्यशास्त्र ||रोपेनन्ष्टीतहरीतेपमेहनासीपनवेन्तेम|| पित्तनागाश्व्ययी गरायेर पीत्तपैदुनु मेहमांसनेनगदेख्नुपीतीने पापन्ना रेछेनु-उन्नमवायुतेपुर्ण अपेक्षाश्राप गरी उन्ने पीत्तरेखाराजान्नुन्नेरघरीन्टन्य इमांसनोस्नेहपेटुमा पाप्मयो अंगतएशन गरीरावीरीनेयोगरह्योन्पन्चारपांमीश मिठ्वायुना गररेन्येहीलामरवानेनाम नघरेन्देलपरमभयारोएरेनाऽमन्नागेन शिरीरनीएनीरधातुसघणीतांएगेन्न्यापी ज्यापरमप्रमेहतागाधान्यानरोया। नामरयामारपेन्टन्य घेरो यनात पसायछन् अष्टसाध्यपत्तिन्नएयन्सान ध्यवायुनामटेयातादेहेनीहएयप. श्रयमेनानांमना हरी गीत गएयरोमसि.
सांसुरा पाएं सुक्तपी उरह्यारीत्ताने.सीत. रानै प्रमेहमाली. येराउन्नाइह्यानब्बे सारनीलेपमेहन खेतमशन हारीगणेभलरने पहीर क्ले येशरपीत्तनापंडीतलागेनन्छे वसा
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२३७
सुधासंगीत वैद्यशास्त्र नीलने रोग हस्ती ग्यारवायुनायया सुश्रु तलावप्रेारीभरः पाइलट्टवीरोऽह्यान् त्रीतगामतमांच्यी छ प्रमेयतेप्रागर लेपुरा तंत्रने पीडीत शश, पंयम धन्तीमुत्र गएयये षष्टमो परवीरा श्रीनामते रेवारसीदेवीस्तारीयान् धरता व्यन्यमसरवेवतेय तीप्रमेहनांम
रायप्रमेहनुपूर्वपन्येरलेयेरोगयवानांरक्षएगांततागये जीलपणे छेमेलघाणो हाथोहाहा अंगे योगीशरीतगोत्रशाघाणीने रहे। मधुरमुतेारे परथमप्रगरे प्रमेयावानो ताहारे नेपालसागप्रथमयेतावेछेन
लेपाछत्राप्रमेहशेप्योावेछेन्
व्यप्रमेहनु॑सामान्यलक्ष 1" होश. ॥ ॥धागोघाटतमपातको पीशाञनारेथायन्प्रमेह प्रगट्योपयमांपर जेपंडीतराय
प्रथीठ प्रमेहनांसक्षएान्याय सीतंग. स्वेता ने नीर्मगोपीशाम घागण
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||२३८) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ
नयोगरत्नेमाशी पटेऽतुल्यारसायछेन्पन यगीघाँढनेगीणोयमुनलेगोवहेन्रेयाच समगलही प्रमेहसीनांछेकर
अथाऽसुश्मेहनाललएरोगारन्य एंट-मीष्ट पाशामवीरोगत रससेखडीनास रिजोनासाअतीमीएसीधेरेसनाधिनी महाराहायपीपीलीनीन्गुंगलसागयेलघु यास्पये हेगलप्रमेहमुनीश्वरना
अथांप्रमेहनांलक्षगरोगन्। वारीपाएगीवासघाढयाय तेवीरीतेतेपी रामेगगायन्तेशीनेएवेशीतहीन्रेवा तेरेपुर्षसांप्रमेहीमा । असुराप्रमेहनांलक्षएर, परिमलासनीर्मगोन्ततेपाढयायछे ने नामांचासमयनासरीपालगायछेन्यन्ता सितामांरक्षगोयेएयनेह्यनांबद्यान हरीते स्पिष्टग्रंयमांसुराप्रमेहनामान्य
अयपीए प्रमेहापा पीश्यायनी घाटांपर्ययायछन् यो
खुत्तीरपीएमा तेनासमुलगायछमाहीसे
."
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सुवासंगीनधास्त्रग्रंथ. (२७८|| स्वेतलासमैन्सघुवीरोमणीरह्यो रेयाये| रियारपक्षपो प्रमेपीटनांस्योरन । अयसुतप्रमेहरोगन्द, नमुत्रनीसंगतेचीर्यनयन्नीनेदुमणारे यायरेवेश्यालक्षगगीत्तांगोन्मुक्त प्रिमहीन्नतेहनगो १.
अथसीताप्रमेहनांसदागरो वीर्यसरीमोतेवहे थायरमन ईन्रेचाप
तपारने सीतातेप्रमेहक | अयसीताप्रमेहनालसएन्रोगशीतंग यारमेवार, पीमिरेघयोजना गलेशनपाया रह्योनगन्लेगतपोन्येतीय लागय्यारलीरापरतेछन् प्रमेहसीतगा तेहपयोशेवीडेछन्. . । अथशनैः प्रमेहनांससागरोग धीमे धीमेचेलधुरीऐरीपेन्नयन पीरान योपारपीरानै प्रमेहगायन्त.
अयसालाप्रमेहनांलक्षगरोगलागतात्यनातारसमीशीशनरन्तर छोडीनापंडीतयायेयेनीन् प्रमेहसाबारे
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२४०) सुपासपीतवेधशारत्रग्रंथः लक्षएजारेसे छेन्नाये गरोगन्रेया सिंडरहेछन् । अय पीत्तनापुमेहशारंल | अपसार प्रमेहनांसक्षगरोगन पीरावरपक्षानुन्स्परगणारसरणोउरे निचुंसारमणतेसमोयणेधारीतेमुंतरेन्यतु|| रतक्षापय्यारयेपीशावीरह्योन्रेचा शेयीयेमुली प्रमेहारतेनेह्योल | अयनीलप्रमेहनांरक्षगरोगन्न नीलरंगसममुंतरेन्दशीर माह तेरे रारांरटे प्रायोनीलपमेन्तन | अपरागप्रमेहनांसगरोगन्तु उष्णैरंगसरीण पोशाषणोपायल्पीत विशागर ययो रागप्रमेहराएगायब | अथहरी प्रमेहनांवक्षगन्रोगरा ए सोरो रामदायरे पेशानन्ग हररंगसरीमोन्टेछेहुमनाडामहरीम्सी तेनेलागेन
अयमंलरप्रमेहनांलक्षएनरोग-प|पीशानमांधुगंधीयायन्रंगमलासमोना
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सुपासंगीतवैशास्त्रग्रंथ (२४१ रसाय-रेवार्जेस झापायेछे- प्रमेहतेमंनष्टक
हेछेहरू
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अथरक्तप्रमेहनांलक्षण-रोग
लोहीवर पैशाम अतीशेजीएगपए महीपुर गंधी घोर रसेन्यमलुएघाउं रेवापीत्तथी प्रगट ययोपंडीतचरणे. रक्तनेानुंनांमरीरेपीत्तागर एगेन्ना ईतीपीत्तना प्रेमेन्दुसमा प्रथवायुनामेन्ट
य
अथ वसाप्रमेहनांसक्षएान्यरोगन • यय होोन शुद्धमासनेनेघरे तेसरपुलघुयायन्मांससरीजारंगनोन्याप्रमेह चरण
रोग.
7
अथनीज प्रमेह मज्जानोतेनांलक्षाग-२ हामाहीला सत्यसंम रेतलघुमेन्नयन मज्जा नेोहनउरेनीलनांममेवायन् प्रयाणनेक्षुरप्रमेहतेनांलक्षण-उ
रोग.
मीगे खुषो मघसमो दुशायलोलघुपायपी शाम पेलोडीतरे तेलेरेनवन्नयन्न
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अथ हस्ती प्रमेहनांससाग-रोग-४ गनमापततेगंधमां सीपमरामही होय
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||२४२.) सुवासंगीतवैरास्त्रियः मिलगीनयेनही तंतझरेऽरेताप अप ग्यारेचायुतएा गरेनाइयायन्मयुपमेहता प्पनेसण तलवन्नोनयन्रन्येअसाध्य 1. अयश्शनाप्रमहनापिटव्यः मनपरेनै अपीयाये कुंएघगीन्यांतीपी नसतेमांगीता शरतगी परेपारसीसी रसापेमारगसीधारीरष्ठिीपश्यनामेहत गारीयामा टीश रामेहतेप्रमेहन नामयायछेन 1. अयपीत्तनाप्रमेहनाडीपच्या पेटुंग्रिीमेशुगवण पहातावरी पोतुझेर रवान्नय उभरभरारीलोपन्मु नेशन तीसार असावाये योगपम्पपीत्त] प्रमेस्तगागायेन्न ॥ अपवायुनाप्रमहनापीयमची . हुने आणलष्टमा पिपर्तगमरमरेन्बसे पिनेसयमांन्नारगुणतेनीसरेबन्तम लेशनी धनपुरीयायामरसतगी प्रगट स्वासनेश पन्भेहनेतेधएगीरन्सु लिन्नपसरवेरपन्ध्योपचोयेम्यान्वसेना
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सुधासंगीतशास्त्रग्रंथ (२४३ चायुनामेहमांन्नन्नएयाडीपायेगयाउन्न नीतर्मोपेड्या क्षमाराणीने मोरेवो नीलयेश्री लसेनक्तमायुलमोन् अथअसाध्य प्रमेहनाल त्रैएय घेशनाप्रमेह वीरावीषुधगाये ह्या पद्रवसाथ्ये ये प्रागस्याये शतेमांनीहीयमही असाध्ययेभरवाने ये पीपाय नही रेवाश्मोप्येनाओ
प्रमेपीडीश
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रायसाह्य व्यापीडया प्रगलो तेहसा रियमरेन्उरु
अर्थमन्त्रीनेमतेछ प्रमेह ठेवधारो-तेमा
नेह
अथपुयप्रमेहनांसक्षागंगा
मुत्रमाराधील व पडेल तेवीपासना न्नसुपतगार्ध प्रगरथर्धतैपावना हुन नेटेछे पुयप्रमेहुरेपाचात्री मतमांरेछेन अपतत्र प्रमेहनांससागनाशा छारीसरीमोरंगपीशामतागोलागे छारी सरीणीपासघरी पुललगेर छारीसरी स्वाहरेवाल घुमारेछे प्रमेहतकथयते सुनीत्री छन्
N
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Mणायारापाशमन्दिन्पाये।
|२.४४) सुधासंगीतवैरास्त्रग्रंथ.
अयपीडीहरप्रमेहनालसएनागप जेनामुत्रवीरोपो वीर्यतगोयेणार मिएपीडीसले अनसुयात्नरतार । अयशराप्रमेहनांलक्षएनाशा
सेलमुत्रमाऽनासरीममीडारामांन्ते रोगप्रागटे शाशसहिमां रेपोडेललाया
रोयेराईशप्रमेहमांश | अथघ्रतप्रमेहनाजसागीरोगप्पा घ्रत योरोपाय स्वाहीयतनासमोन्प्रमे
यतचायभावेलापालऐप । । भूयश्तीमुत्रपमेहनालसपनाया नीशीशनपीशानघगोला तर्नुहुर्षणत मणसहरेन्नरतुग्गभातपीतगोन प्रतीमुत्रपमेमुनीप्रत्रीलऐन्र.. अथपमेहरोगमांग-पीडीशयायोत्तेनामा रारापीसनेरछपीजन्नणीनीतेपी पीनत्य अन्ली मसुरीशसमनायी पछीसर्पि सपुत्रीगीतेपागटयायवीधरीजनेचीच यी येरामीगायत्री पीडीशीतया
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सुशासीतात्रय. (२४५|| येतेशेपारेन्रेवाप्रमेमांप्रगरीघराष्टुप्पा परेउ . प्रयपीडीहनूसक्षागल ग्वेलांघनामुगमातेनामर्मस्थानोलही राष्ट्र निउपेपने पीहरानलयेही प्रमेनापिया तेवघेन्पीयाअंगाणावीरोन्रेवेपीजीजनुंगा युपतुलसागश्रामीरोन्य
अथ शरावीश-लक्षागमन शुगसी वायुनीपुर्णताडो पीसीसरीष्मी नमय्यमारोन्प्रशारापोत्येयनिष्ट छन्नीरावी सीमुनीतेवहेछन् कुन
भूय छपीसनांलक्षएन्३० सिंचनगामुगेसमपन्जेची घरेपीश्यछपतेरी साक्रतीशरामने परमागे पीशवशेष
। अथब्दयीनीनां लक्षगन्न
हासीये घरेघगोन्पुर्णमासमावास ततपोन् तेरेवाप्रमेलागीयायचेन्नणीनीरी गंयेगारछेन्ट ॥ अयचीनितानां बक्षागनाथा
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२४५) सुधासंगीत वैशारत्रग्रंथ. नेझुएएसीमांमहीपीज्यानेयलारे पीम्पपछेवीडे पेटेप्रगरेताहारे प्रमेहनाथीपांयद्यागीपीज्या हेछेन तेनेवनीतानांभारीशेवीछेत्र
अथ नलिनां लक्षएानापा नेइएएसी तेसाजनेशांमधाय जहुरे ने पीय जालनापाय- प्रागरयायेतेप्रमेहोयताहारे अनसिहा ते ग्रंथमारोपीयारेन्
अथ मसुरीनां लक्षएगनाइ इलासी पीजराहार होयतेची मापे पै सर्वमसु रवीन्मेषामणीमसुटहेछन्मसुरीम तेर्मुनीरान छन्
अयसर्शपीशनां लक्षएान्छन् नेपूएासीसविसमी-सरोवरंगेयाय सरप शीतेानेन्गीतययेगाय
सूर्य पुत्रीएगीनां लक्षागा नेणसी प्रागरयतां नोरीमापनसायन्ते पुन श्रीणीयारजी बयतांनंनेजणन्त्रय१अथबीहारीशनां लक्षागन्या श्रीहारीनासमी यद्विगोगयायछे स्तेयोन ||रंगचाहीयेपीतीशनरगायछे -पीशेश
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सुवासपीतवैशास्त्रगंय. (२४७|| रिछेप्रमेहमांप्रमागन्योन्पीयरीतयेलसो चोष्णुयसर्वनगन्योन्जन । अथवीधीनांखक्षएम्प.
रासीघगीलगामांइलेन्येऊनीरीमांौँमा गयेलेन्पन्डएपीडीसौनांघेशेन्यीपीमा ह्ययीशरघागरोन्रन्ग घेरो एमेदुष्ट नरनायता प्रमेचीनापगयायप्रमेनपीमा सन्रोगरतुदीन्नयन __अयपीडीडनां पिरचना त्रिशास्रनेमोमांससंयारेन्पाधापीयोमस्तापवीसर्पपीरानघरेन्गरोहे मर्मना स्थाननवेपीसोथाये परमपीडीउराउरीपन पयेगायेन्शन 1. सूर्य पीडशनुसारयलसएगा रिपसाराचीरोधयाकंघमायायछे परम पीडीसन्नरमालहीमर्ममांधायचेन्न्पु इदा यमंधतीनो यरस्थानमातेरेन्असाध्येश्री नएवीरेवाप्रांगगुनीसरेर । अयप्रमेहमरीगयानांलक्षा पानराणनीरमगडसेनेतीणोतेयोन्योन्यपान
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२४८) सुधासंगीतवैरेशास्त्रग्रंथ. सोन्नेयामांनणनामेवोपांपेक्षापीशाजमा परतेजारे - रेवा पीयाप्रेमेहनीधुरीताहारेर अर्थरक्तपीत्तप्रमेहनो. १ लेह तेनालीए पीशाजपीको हुणहरना सरमोयाये लघुनीवासे लोहीसरी पुनणलये १३धीर प्रमेहनही तेयं नवीन रक्तपीत्तनोशेपययोभ्यंतरचांएगो च्अय प्रमेहुनेआरलांयांनांसुमहारछे. चौहरी नवने भगा मग मह सीधधजार - साठीयोमाच्या येसो जुनसु
अथ प्रमेहनेस्टार आरतांना तीशास्नेमांस तेल घृत पेय हाइ छारी सेल डीग्राम्ल गप्युलोन्यनलइन येवस्तजार हरही जाये रेवाप्रमेनीमांहापीड्या पुरागयाये
अथ प्रमेहनाशपाय
नागरमोथ्याने हायण जोहर हरडे छाल्यस्वा यारीमयमेणची तेहरपीने आल्यन्प्रमेह पीत्तताणामरे पीयाप्रानेयाय-रेवारसी नेलेलने सागेसाठीपाय अवरक्त प्रमेहनोडीपाय- १
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सुधासंगीतपैद्यशास्त्रग्रंथ- (२४८ पाशीगणमांशपरंपारीकोन्गोयनमा हितेमाघरीलेन्समधारे अतीरेहेगुरुन रवानासेरक्तनीलेप्रमेह पर । अयक्षारप्रमेहनाडीपायर. प्रमेहक्षारतागोमागरटेनेसान्त्तेनंऔर। पश्चानेअंतरपाइन्तेनुंओरावयवीशे सुनीयोगायन्सुडोमगास्त्रीसंगऽश्येसुमी यायायातीपाया सोना मुष्पीसोलीहान् पागलेपछीहरोनी सोध्योररिजालत यांसारपुर पीपरपोतेभा घरोन्मन्खेगोइयनवस्तरारसल्लागर्नु रएरीन्हीराशसंभयपागरगनापमा मायरीन्र प्रानेप्रमेहरोमयुअपरोधमुत्र तपोमरेन्चारसीउनीसायले सीमेहनी शक्तीघरेल्छन्-डीपायन्४. एस त्यगणोद्त्रीणायुगाडीकोन्मयसा य्य मेगवीनेोपरहीरेनरेवापसीना यन्नयवीरोन्याधीन् प्रमेहपीड़ासर्वरगेसो|| डिपाधीपना पायप- रामा शीघोरासोटरेवंपीगुलीनेटांउहडीयेमया
mandarmatswee
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२५०) सुधासपीतवैद्यशास्त्राथ. सायेगमपी पंरपरागीराशिनद्यारीत्ये ना याये रेयापेमेनानीननोऽथील्लये रिपायक एयदमियांनीत्यरूदीतो लालीले पातोलासीयवमातेप्राशनले रे वारसीनूरसराश्यतेमायाषेप्रमेअसाध्य ययेलोपएापीन्नरोगीपायन - अयगोपडपणाप्रमेहतीपर गुस्कगीमाधोरोरसरसखीनोन्तेश्यरीने वस्त्रगागसाइडीरेन्दरोगायनुघ्रतनिसां तणतेमांपलीकुतेहेवाटीोधिहमारमा वोऽरीनेपछी त्यांओरायीलेन्सोवारीवगागतेनोंडीनेन्मरीन्नरागसमुद्र शिरोषपनीनहरेन्गरलनीसीनोमासयेन समाराधरेनहगारन्नवीत्रीजीपलेरा शिएको अध्याश्रयालाररश्मसरयेसी बन्यन्शुद्धयोऽलीलाग्यमहीनवराश्यरेन्ये परतीनेवरुनगाणसांमानहरेपन्तेसोमावेमी श्रीरासएपरीयेन्मांडोरलेय्यारपतीयास एपीडीयेन्मायोगसागीमांद्यनाणीनेये शिगोनीपैशालार मुप्पेजगारियघरेन्ट प्रेमी
mi
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___ सुवासंपीतपैशास्त्राय (२.५१|| रूपामेनाराचीर्यस्थलनयाये मेहेगापामेमोऽष्टा सरवेनरोन्टयागोपाध्यमेवरीपरपुरोगा विश्वाघुलीरसमोपरदेसुरी नागो पीपायन्ट गभरासर पुरजेइत्तेमालो लीने माहीस्तुरीमासोये सरसरीयन्त्र शलभासाय्यारसुद्धतेमाचरीये नवीनीलेया रसतीनोमलरीयेन्नागरयेसीपानरसेगो गोरीने ये रतीनुमापप्रमेडीएरहीले एमाउनी सायपरेवाप्रीतेपाये स्यंत्तनपायेवीर्य प्रमेसघा णान्नयेन्ना रिपायरू रानरगनीं। रतना रामाजरनेशेहललीले तीभगान्तेतगोयपिडीतोपन्सीमगा। पन्सुमलनसार मोश्य-मोगली स्या रखेसमारन्२. पीयेज्यायिवीरः प्रमेहालय मरेमुत्रअगन्सीसभायन्न्ने रवा पोदीनारामयन् रेवाञ्चायनासर्वयाश्रेष्ठ सायन्ना उपाय गीगाछतसुख-सलोपन्मएपीपस्य-पायांन| गलेनो-पसुपीष्टपन् सोनामुनीमारे| ली-आयुएलायरेवापपीतां प्रमेवर
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२५२) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ
नियन्त्रन्ना दीपाय पीपरचश्रीजा मोरेय मीढण लयींग- हाइहुन्छन् - देवहरिनीसंग मेरसार हुन्छसामुदेये- पृष्ठ- युएतिमयवीशेाजवे ये पुरवपथ्यपाणी रेवायुजायेन्वी इण्वीश प्रलेप्रमेहादीन्नलये उन्ा उपा यु.१३ ॥एसुम्डू-गोजर श्रीणा-दाम हेवी-मल्लुर- हीमन्न्य-नैगमय लाग्यले ची- १. हाइहकहर - शीमका पुष्पसारन उडेवडा - हुमार सोसमारश्वा खाङमययुक्तपाये- प्रमेहुशाग्यने येन्उन्मरेमुत्रनाशेधनेपीशव्यापी रेवानाशपांमेप्रमेही डीपाधीन्ना
शिपाय-१३. पां- जगजीन गोष इ· जयींग-पत्रनलव्य-शीमजानुल्ला गनुं सुरगरीनेसाव्यन्तन्मधनी साय्यै मेजयी-परशापुरागमाय प्राहीनूर्धस्व रपश्धरे- प्रमेह पीड्यान्नयन्ता डी पायु-१४० ॥ मारीनेसोनाभुजी गोमी हरीनेमारायणानेपीच्यांमण-रेरेरेसन
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॥ सुपासंगीतवेद्यशास्त्राय (२५३|| मंघायम्पसातपायरीवन-रे प्रमेहपामे नागरवाराधावलल्येन्त्यागेतननोत्रा सन्न रा पाय-पप-ए पारो लोग हमन्यमारीयस्ततीरेन्शीकालत-सोनए मुप्पी मनरामहरीनेन्पसुशंगारनेत्री न्त्रिीकाले माअतीचीश-रिमा उन्धीशलांगरानीपुनर्लावद्ध भधसा प्यपायोगीलारपीउन्प्रमेचीरापा सत्तांनारीपांमेन्रेवामेहमध्यरसेप्मयां न्हा डीपायल रात्रीषु सो उल्ली-पारो-मृत्यवीरेन्सीनामुलीने
पतहरीरेन्पन्मनरीणनेगवान्भी रतुत्य उनष्मीम-शीकालत् साधु त्यन्रन्सुमार-पीनी-रसरेयसी गणीन्श्रामगांनेलीलांमुबहीबेन्गा लारुमगर-औपग्मीनेन्जर। लिश गन्त्री गारीरेन्द्रन्समुद्री
रामाने वीरगोला मलेसर्पसलागे तेनीरमोलान्यन्मरीभारती और धोयमा येयमेरुपीज्यापीराधापणपणायेन्दगी
RAMAN
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२५४) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ -
बासर्व सीद्धांतनोसारलीधो रसस्वर्यत्र सीवीनयुवीस्वहीघोन्ना बीपाय-१७ रा रा छंहमनहरु । एयर पलांडु रस छारातोलादेशीमांहो जानरीनोरोरलोते कुनोमाह्यहीलये भैएयेयोगी आरोगेतेनीय सारेपीयेछारी आठहीन ऐवीरीत्ये प्रीतीघ
पीलयेन पावप्रमेहुलयातुयायतंनस सी असन अवरहेणी अंतरेजरीजीये-रटे रेपारांउनमा छारानो छेस्यो पीपायन्त्रप्रायीन
मरेतीलंएयशेपस्स्योश्री
पायु-मोप्रमेहनी एश्लोकार पारोरलीडामुणनेपलाणी नांषेपतासांन
वडगाणी-रेवाडीवस्सा नहायपायन्यमे हपीनासर्वन्नयन्ना रीश राय जीसीलाल तेवीना जीनुबंध-हीन कन्सु घी- रेती प्रमेह मरे
अथमन्त्रीऋशीनामते पीडीझनालसाएग ए होराने । पीजी रात्री पीत्तनीतेमां ह अपार - पीड्याशरीपीडीश अत्रीमतानु
सादर
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ (२५५ अथवायुनी पीडीशनल एग शामरंगनीहीयपीरशतनये परिए मरतां शुगरक्षानानंपेन्चीश्णरेनरनेयेपुर्व तागीरी अत्रीमुनीयेनायुनीतेनेवरी व्स्थनी पीडीशनालक्षएग घोणी न्सीशीत पाडेमोडीग येही उनी पीडीश महीसोन्ने अनु
अयसंनिपातनीपीडीशनांलक्ष. त्रैए ये हमेशतान्नहां लक्षागरोणेयाय-सनी पातनीमांन्यतेरेवा मर्षिगाय
अथ पीडीसनी दीपाय इषछाली रोहीडीपीपस्यपांज मरहीयोपयष्ट पररने पीडीडास्यांन
अथ सात प्रमेहनो दीपाय उपाशीयामीन्नेजणी महीशी तक्रे पायन्याना वस सेवनले प्रमे साजनोन्नयना छत्ती प्रमेरोग समाप्त
अथ मेहरोगनी रीत्पत्तीतथाला. उपयाग मेहरोगतेशरीयलऽथैन्नयतेशेग ||चलीयेराडरीयाथी रहेजेशीये स्थणे पणी
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२५) सुयासंगीतपैद्यगासाथसाताबारे प्रताभिएगग्येन्सन्कोप वीलक्षागे मेव्योगीएंन्ह्यांसार एयही प्रगरमेस्वयवापान
अयमेनालक्षागमनुष्यमान मेवघ्योडेस्वासतेमांयाये शंभरानंतेजा रतांपलरैन्नयेन्पन्धातु पीनयेशेवतमान गेन्याल्यस्वासपटेनेतर्राघणीलागेन्रन्छी स्वेनेचीरायवीरोगतीयोडीन्यायनशमोगा। यनारेपासुमोडीन्छन्गं धीपश्रोवामांध्रस नहेछे मारेलक्षाएमेस्वथ्योतमारेछेन्ट । अयमेनस्थान मेहरच्योन्नपेटमांत पापापागरायजीननरनापीगते लोनन नममएएंजाय पन्पायुपीपरेतेह्यमा प्रगर रेनोरोग नेपामात्रपछीरह्यो पनीतानो
लोगर.. ॥ अपस्युगनेभेप्तेनुअंगना मेमां सनीलागयचीवपुमान्नये स्तनपानेपीहरपा शालीनयेपन्यलयलारयायेनेनगरीय रामेन्तोश्रमसहनयायेनारंतनमेन्ट |स्युणपुषनेरोगलयंऽरतेयापेन्चीसवीर
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सुधासंपीतवैद्यरास्त्रग्रंय. (२५७|| मल्बरअतीसारपीयाआऐन्जन्यालगरी गपीरोइलरयायेरेवास्युगर्नुभंगत्युन्ने परतायेन्ना पिपायमेनोन्सारमा
नारयांहेने योग्यछेन्स यनुनायो मान्यनेमघमंगलोजनमा हगडीवेखाए प्रतपीलालअनानमा परगीतामध्यगीन गिएस्तीरयीन् मारगपगयुगसमारे मनसा परपीर मारेपस्तुस्युगपुराने गुएरहेछन्। वाघाणेरामुनीयोग्यरीरोहेछन्ना म शिपाया राज्यापिडरेत्रीणाग गोमयमुरीने पाय रेयामेयधीशयोमासेमाप्प यायपना रीपाय गमययारी पाणीवीरोन्मीरीनेपाय-एयरतुये सेय तां शेड्भेनोन्नयना पीपायमानी ng सानपत्रतपोरसनीसरेन्चरीरे सापवीतेमरहनउरे अतीपराक्रममेमटेस घरीरसुरमरहेलपसर्वधन् । सिपा याप गायव्यसुभमरी पीपपसंयणन लीनेन्हीगरोहीमहीसलागेपुरणारीपन विनासायुसायक्सुअाधोपायेन्यामे
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२५८) स्थासंगीतपैयारयनोशेपरीभीसरयेन्नयेन्राीपायमे नोन्दुः अयनमृतागुगणनामा गंगोयेणेरी डाछोल्यतेमांहीने पछीआमणां अनुक्रमेयीशलीलेपन्येऽयडीये एढतोलप गझमनोन्सोसरमोगुगणलेघुटश्रेश्रमनो करीयेऊनरपातोखोमयमाणाये मेलगत दररोगमरीसरयेनगन्य रेपारसीनीकपात पिरीगुंगसोहेछन् अम्तादीगुगगाऽयवीरो
छेन्टका पाय ॥ छरी| गीता रात्रीमानसोतरनेअतीवीरा खींपनीछासीहरे मुरयागीअनुसोरीत्र गगोने पीपरयरेषगरमाणशीघने पीएनीमा गामहणारखीलयेऽश्चरणांसुरज गरस्यायिसमतेशलयेन्श्योगणीतेने वीरीतुगीतगोरसदागीरी महीतेखातोला दरी तैयायिनगीशगीरीजागेमतेखरह पिछीमानहरेप्रातेसहा मस्तीरमनीतोरेतेते] समरयाशापद्यन्टन्मेहनम्योन्नयसौ पापी रहेरगमारमीन्रेयारसीरमरीजरोन्सायाय उनसमीप
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सुशासंगीतरराय- (२५ला अथरगंधापरीयोनीशियमराऽपानोरोणपुरणनेमेगये अशुसारसमायन्तेतना माखेपनहरेपासनारेहेताद्यन्पा पिनी पायाश्ने गरीमपुर्णप्पीसीपत्ररस अंगे लेएनयायन्यायेीपाययीरगंधीष्मन्नयया । अयममारगंधीतेमटयानोषोपायलीमोऽपित्रतागोरसमगलेलेएनयाय धुरगयी। नास्वेनी पीडासरयेनयन्त
अपरुतीनारादरीरनीन्तीपंचयानोपा. खीमपानहरछाली लोरखीले रुणरामा छास्यत्वाऽऽपमहीने पापुत्तेलसुरासपडोपाड जीसाह्ये सर्वपसीनतेनेपनअंगेयायेन्तेमासुको मारतेखरेवामहनेलायेतासंतीसशिरीसन रप्पीपायेउन अथर्शरोगलौरउमेतीगरहेछेतेनी उत्पतीपयेपायडीयस्तथी सुषुधेनमायेऽरी अतीसंघ |नांनेषणे घएगानेहमनमायरीन्पन्चारायचंध उलयर सीतारानारामांन्ययाकानी | पिननीयही पोर्शनापारामांन्रन्ह्यांश गोश्रश्ये पीयेनाभरछेन्रेया गालीन
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२०
२५०) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ एानो प्रारप्रांगीनेयायछे अथ दर्शकप्रथपाक्षरीएगरोगनांस एग पीहर नीतंजने स्कंधत्रएयसुन्नये सापांमडी योग नसोसोरसाये माणसरमोरेछे उर्वरोगयेतेरेवाशंकर ऐछे-रन्या घएगो स्रथिन्नियतेने आ रलारोगयायते । पीयो पेटमा द्वारा क्षै।
शरीरजणा
हररोगने आसे गोणोनेसघररागी उद्योग मेतेवीरायेोप-यतांमेहनोलागसी घरी पुरनिलयछे अजोतेमायेते- प्रेणशुक्र नुयायछे एरेसंगस्त्रीनोधागो रहे बंध वीर्यप्रती प्रलयेथडीलये लुवो हैचनीये गती वगी लेहछेक्षी एगमां हीसेस्युष्टीत नुं प्रेषणवीर्यमाहोयनैः सागरान्तीय ४• तेने सीएापुर्षो घणोमेघ्पाप्येरुशन्ते मांशुक्रनीअल्पता रेवोपरी मातरी-५० अथकरानांमक्षीगरोगनीपीराय
पिय धूतपासुलक्षमणीष्टमगमाये तो ऋरीसीएगययेसपीज्यासघणीन्तयेन् पुष्टीना पीपारघएातेसुमारी-रेवामराडे गज्यान
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ - (२६१
पारवनीताहारी
असाधनां लक्षएा. तीक्षा आपस्वलाव थी हीनहीन हुजियाय रेवानथींमांऽमांतेनरनोतीपाय
अथ शहर रोगनीपीत्पत्तील क्षीपाय महाज्ञीबाकोनननेयाय तेनेगहोसौडीहरे लरायन्तेच्चष्टज्नतीीनांमने वात्तोहरा दीवरएग्नयेह
अथ शहररोगनांसरअछराएगनेथचे उषधवेशन्यं तथामणसंययेन्ववेष्टनाडीशन्
अथतीहररोगनेयेवानीरीत्य सुपथ्यसंयययोगवश्येनरनारीन्यातपी तऽङ्गद्दोश प्रमेयश्शेलारी नगवाही शीशनांभुपतेजंघारे, ऋदेवायुनेनारा नणगुहपवनहरे इंधारीनै हररोगे नेपीपलयेरेवारसीनायनयवाशरागगावे
॥अथ श्रीघ्ररोगनूं सामान्यलक्षगं. डीहर आईशेहेहे हरमन पोवनासेन्याल्या नुंसाम्रय्यनही हातनलासेन्१शरीर
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||२.१२) सुधासंगीतचैद्यशास्त्रग्रंथ. हाराणीहुममनमांन्तममणमुत्रेषु लासोन भजतेननभांन्नवलक्षानी योगरेवातनमान्नंभे ठीघररोगसामान्य
| सोन्ने
उद्यांलक्षागृहांमेन्उन अथच्वाऽप्रहारनाडीहररोगतेनांनामलक्ष अथ वातोहरनां लक्षएगन्ते पुर्वने फालाथिनाली तांवसेसोन्नेघएगोरी जयसवाडाने पेटुं तांपीयोपीयातएगो रेहेसंधीसंधीचेनाबुकुरोधमण लास्ये तनुं महाशसुडी नेत्रनामत्वम्शमता पगतेानुं रहे आशेने बीहरजोले परमापीड्याधएगी राजक्षाएोहरसायरे वापीज्यवातोहरती
अथपीत्तोदृश्नांजसागन्शन जी गो ल्वर मुर्छाने हा शालारी उडवुमुमने मेरे वणीतेअतीसारी१-पीतनीलरहे त्वयास्चेरांगेप्रावेशेभणस्पर्शत्वया पाश्रतेरसावेन्धुमेवायएगीथायज नेलसागणारे पीत्तोरनोरोग रेवावह
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सुधासंगीतशास्त्रयः (२६३|| योताहारो । भूयोरनालक्षगकरोग शरीरपीज्यासुपेघएएनेसोपाणोन्लारी देह हुमेहेयुअशीयागोन्पपीरप्पोलतु शरीर शीतगतेरेऐछे पागनमोऽन्नवलक्षपत्तांव गरेछेन्२. रेवारसीनशेप गानासेनरनी प्रगटे पीज्वायेहहीलझेरनी-- ॥ अयिसनीपातोरनालक्षागरोगन्ठ रेलेहछे पीरोशन्ोरात्रैएयशनाने लसागसरवेयायेन्येऽपुझीमांतेसएगान्नेह रसायेन्षन्तेप्राणीने पारवनीपीचाहेछन् रिवारानीपातोहरतेशेवीडेछन्न
अयस्योरनालक्षागनेवागरमा डरीपुश्पटेहरी लगडेलसवीरोरची सितारेउकुतेशेऽहीरोयन्सीहतरेनषच्या घ्रमुख्यडेचीशयागा रोहन्नायरनामगभुत्र पीरागारन्अथवावीर्यग्यदेवीशोथी। दुपयायेन्नेर प्रयोगमनेतेऽपरऽरीपायेउन तिथीइपीरतयायाताशहराया पीतया |माथायरेतेरोगध्यान्हन्सनीतर्नुगर
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२५४ सुधासंगीतपैराशास्त्रायः नयंपने मशगमामुमृत्युपरेन्सन हुपरस्युनान्नयसमधीदेयगोरेवाडे हेयो तेनरहस्योरयागोन्द
अयपीहोरप्रथिवारीरोनालसागप गरमस्स्तमायेपीयेशोएगीतस्तुन्वीवारपांभी धारेछेशरन्यनरतुपन्थी पेटगीयोप्रगटावीपगमापछावधीतेजीरोगअरपेमणमा
रन्नीरमणपावभंपीवालान्वरनीना पिसयामाह्योगणीन्नयसडीनरनी-उन्से पाठपरेहेपेटहासरणनेनेन्प्रीहोरनोरेप गययोडेयोतेहेनेन्टर । अयमगमंधेरी-गुरनालसागरोग | अन्नागपुषअसोध्युअनघणाये वाणगंज रोरेतग्म्यालेगोनयन्पोरोशेपीतररुन संपयमगनोन्मुटवीतारेमोनएरीपणनांना रन्युनानीतेनांतेहपपीन्नरेन्टेवागुहोदय व्यापीतेपंडीतगाये । यसतोरनालसागरोगन्छ. पियरीने परिएअाशिलसंगमांधे अंतर मांद्यनरायपीवारयातांद्येन्मांतराने
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murpose
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सुधासंगीतपैरास्त्रागंय. (२६५| छहनीलणनानेचुन्न्नयगुशनीवार अपर नीरानगतेपुरत्ययेपेदुनैपीरपपीतेमा राखेन्रेयासतोररमशेपेननेलाले उन्ना । अथबगोरनारएनेलसा रोग न्यमेग्रतारी अयवानस्ती स्पेन्ननुवा नजानेवांतीलीधेतोन्पन्लेडीपर शीत गबगपीतांदुपयाये बगावेहेनारीसरपतीरा भीपैलयेर यीशशारीनेसीमनसोव्याधी गरे हरेगोदरपणालसरघुपेरलटेन्न पेजयानानीमरासिरप्पीरेहेछन्रेवाग्योध रतेष्टुमनेशेची छेन्द्र | अयप्रसाध्यामिररोगनालसग । इएसाध्यसरवेयतांन्डीरव्यापीनारोगन्या यनहीनणयांनने प्रधानाकोपरगन्पन्न सोरोन्ग रामशुधरहोय असाध्य सिपछीसा लागुंबगोरतीय मटयुमुगल
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लंययुप
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अपि पुनप्रसायनांसारक |पिसवाणामांशुगपणेऐकिवायाये परसेपोतेखो | रनमान्नमीन्नयेशियारीगणेत्ययासो
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२९९) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ. अंगतागी लोहीमांसमणलयसीहरमांपीडा धागी-२ शरीरसीलेातीसारसीयाये रातुीघ्रनखुलासेसेनवन्नयेन्उन्टुरीन्यप सवाडा येलक्षागारे रेवान्प्रसाधी डोहररोग
देहेषताहर
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अथवातोरनोडीपाय पलो स्वाथस्री हशमुगनी हीवेसनांजीपायमासमे फुसेचनपुरे तोपातोहरलयन्पन्ता पा य.श्रे. ।। श्यायारीत्रीणातएगोगौना भुत्रेपाय मासयेत्सेवनउरे तीपातोरनयन रिपाय उन्ले राछंहहरीगीत पापांसशेरससागमइ डलरजीवी एगीरी सुगहीरीनेनाप्यते नणसोणरीर वीरोधरी तेमांह्यवारीनाम्यते सुं पीपस्यनेमरी जील्लवाएग संगण श्रीजा सारी जीना अनमोलरी सेनसोतरने घंतीमुग गनपीष्यजी सारीही प्रत्येऽवस्तप्रयोगले जिस पर्तिहेनणभांघरी उमेशेरतेस घरेमही डीमाण्य प्रांन्यमधुरथी नणसर्वन्नयत्रणी पछी ||मितास्पधारी तीरथी ४० ले प्रतेयेऽप्रयोग
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सुयासंगीतवैद्यरात्रपः (२९७|| मुखमांडीरव्याधीसलोन्पाराशुणनेअंत्र रद्दीमुत्रछमरीगरोल्प अश्यीने अंग पीयोरगे व्यायीपीरनानेरलान्येऽमाससे व्येन्नयसरये रेणवरणेतेरखान्दु । अधिपीचोरनीडीपायलो. नुसामन्नेरापरयरीयेपत्तोरन्नयसरीर रणवहीश्रापवान् नेपीसौसुपयायप
अथिोरनीशिपाय युरगनसोतरनुतेगीयागोसीने डोरीपेय अरेछेरचीरोतेरपीनेन्पन्मी -पीपस्य-पी पणीमुणने गीत्रतेचा परतीरोग्नयोगमनी ग्यारेबेदारन्अयोणमाहीदेवलीसोपया साये पंतगडीने पाय धरीन्यमएगाहामा योन्उन्रेपासेवेमासीहरपीज्वान्नयेन्ष्ट||
शेषताएंमरीसुप्मीयोयान्ट । अथसंन्नीपातोरनोसीपाय! सुंघ्रनेत्री गातगोडवायचीतेमाघरेमहीनाण्यग्रतोतेखतेडायन्न्यमपारे। किन्तेनीत्यप्रासनबरसोगरनीपोय रिगेन् रेवाराम नारशीनेसंन्त्रीपातोप्रोन
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२७८) सुवासंतवैद्यशास्त्रयः पीपाय-२न्ने एगायसुत्रीयेलपया| रिषगरीनेपाय रेयामापीरनारोगनी पारएयायन्उन्गीपायउन्नेमा पीपपसंपणछायमांमीअरीन्ने पायल्पी ज्यापीरवीरनीरगरगमाथीन्नयन्पत्य पीपायल्थ्यो रिवराणीमुठानो वायरीपीन्नययारोगरीधरतपोन्या उपनयापन
" अथरगोरनी हीपायन मोरतुत्यांभगसारोगपतीने पीपस्य एडेशल्यसीसरमांडीरेन्पन्यस्त्रगान उरीपोरयेटिनपएलगीन्जस्यमवसाये पुनमन्नुरीये वशी-पन्तारपछीगरमागा गोणतपारसमान्पांप शिवसमलपुणज्रे ।। राप्पीसमांन्रत्यारययेमासीयेऽीषा
साथ्येन्ब्नयपीयेसोऽएवरेमुपमाही य्येउन्लातांमलीशरमध्ये डॉपर पाया रेयानगोररोगरगयीनयेन्द्र अपनीयतन्नुलाम-नगोरखा
शिररोगपरन
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ (२५९ दुधचानु नवरांम्लगीरीयेन्तेमयो स्नुतेमापैमहीअनुंसरीयेपाछाये नवरांस्पछी कुतेहीने अघोगप्रत्यवस्तु सठीपुरागडीनेन्न्यीत्र पीपरा जाव लीतेमां घरीये. पीसीने मानसीतर नुसरीये प्रयोग येसरवेवस्तुमापेली नेपलीशेर नगपांगीरीअरपागडले व गायतासंयतरौर मधुरोतापरी नां जीनीरेषीराज्य घरीनेमेपश्री घनयम जीसौनीर रहेग्रततेलारे गणीलावा सागमांह्य मन्युत्प्रशघतारे-दन्तेग्रत नेरलां पहाडीननमाये तेरखाथाय लुसाम ीहरगहसौलये शी लगे हरगुल्मनजोहरतेनासे रेवाणी हुग्रतस्प रयितांमणहुमत्रासेन्टा ईतीहर रोगप्रहारन्ट श्रोशर्घसमाप्तना
·
श्रथ सोय-रोगसोलनुनामतेनी त्यत्ती यग्रेनचीरेयेनयरी पणीन्यरयवालधने-प्रहारे एरीग्यारमा सपरीप्रापी हुर्भगमने पुतेमांच स्वषारी तीमी कुनी जरी लोनी धीजी
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||२७०) सुवासंगीतवैद्यास्त्रगंया यस्तुसमेाटी गालसेरीकलमेरअंना मांमधौलपोपासतां पयगीऽहेयस्तथीए। उरोटय नासताउन्स्थीतीपरमाअंपनीचीरे यनारेनाइधपडेपर्लौगणी प्रागरयायये प्रापधन्डन्ह्यापसुपथ्यथडी पीड्यासोयनी पायछन् पपायसोधीपरी रेवारांरगायन
अयसोन्ननोरोग प्रश्नांछन् गरीश एययुनोन्पपीतनो नोउरा तपीत्तनोन्हन्यातनोन्पपीत्तनोन्दु-संत नीपातनोन्छन्योरयागवानोन्ट-वीरानोन्ल्ये निपारनोसोनेयायन |... अथ सोन्ननुपुर्यइपना रहेअंगमासेपनगवायुनारेहेरीतीघएगीखो पीनसोयायही पीयालगायेतेतगीबन्यो ग्यारलसपतुरबागेन्योगयेमागीरह्योन्रो पारयातेशेपयी सोबतपीसनपरीयोन्र। अयसोचनांसमान्यलसए पुष्टययेषोपायुतेयपुमारे रक्तपीत्तने या नीगतीइंधरेन्यन्तेषेशेपीतयनेमाहासन सोरेहेछेनातागीतेनामुष्पमाागडी छेन्शन
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सुधासंपीतरैयास्त्र. (२७१ रारतरोशत्वियानेमांसतपोल्लागसरणत सादेन्नेरोपघयोगशोध्ययोतेरारीरनेला
राणेलचीनसोनीजीपणासन्य पठेरोमायाय नाघेलरायेमनमानेतेयः। तिथीन्दयेन्पन्रेयाणघययेनेनेअंगरयां आलसएसोन्ननांसामान्य ह्यांदा ___ अथरायुनांसोलनांलक्षण त्वहोरयायछे गायवालरंगमान्ययापले नशामता घोपायसुगनंगमापरामेछेरोऽयी बराडीपाडीवसमाचगोरेयायेगोनगयो || पीशरयायुनातागोर
अयपीननासोलनालसा त्यपासुंयागी पीत्तपरराडेसासपागुरुभंगलमे टुबमाधुरगंधीपासलागुंफन्ल्यरपरसेयोन राधीनमध्याय पालनेत्रत्वशाहीलेना श्राशयेन्रन्रेवालक्षामारपसेअंगेगारेरातपीत्ततागोसोनेवरणेताहरेन्ड
अयनासोलनांससान गोरवतापगगोनीमायनेनेन्पीगीत्यानेघा उनीबतेनेन्न् अपीयन रेहेनीयोने
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२१२) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ रलारी अगेनीमंही भाजतांयहारी लक्षण आहे अंगले ने घरेछे रेपाम्नोशोरेश्वीयोश्रेछेउ अथ मेलेणां होशनां रङ्गितेनेतेरोगची सम्मेलेगां होशनांयींयाय-तेलेगांनोरोग तेनेवहाय-रेवापरपीडा पेली उपाधी येसो जनो घोरछेनीष्टव्याधी
अथसंन्त्रीपातनाशनांलक्षा
सर्वश्रीलसांमरान गायनंननेद्यमान पाछलां उह्यांतेयुक्तप्रावीयाययेद्यमान् लोरे बालह्योयेयोगअग्रघातनो-पंडीतोप्रमाणेशो
अथैगोस्पचागपानोसोन्नेतेनारएालक्ष
इथेनसनीपातनोन्
दुशारीरत्रनाघावश्ये पवनशीतसाग्येश्री श्री
ज्योतेनगाये
लाभाचयुपागचे यवायचंगेरी- १. उशी अपापागे दधीलक्षगेयायछे-शरोपवे शो यिनुं नजरलेरयन्नयछे यि मधान्यंगमांतेरे. इरक्तने घासाघागो-पी यापीत्तनावरे उरुजांगाडे हरे गुप्तपीयाघाएगी-रेवाशंक्रतेररे पीडयामोरच पाण्यासाग्रीन्द.
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सुधासंपीतवैद्याययः (२.७७||
पीसनासोल्ननांलक्षण शिवागालवनांमणमुत्रवीररसोहीतेनो स्पर्शययेडेवस्त्रजरेसोहीपन्नमस्तान मायेस्यक्रियायेन्डेसीराबपिरनन्ने अंगे। उपरायेन्रजेरपायडे अशोऽप्रगर मेन पिलमांप्रगरीशरीरसघणानेपामेन्उन्लन्न यहरेघहापीघरगोनोन्ने लाग्यरेवारी उरा रितेवीसनासोन्नेन्द्र
अथ सोमनातीपचीन सोने रिशारिष्मण हे पर गीलोन्न्यनमा चासेपरगेहेन्पन्रेयातायुग राघयेलहीआयरऐशरीपश्यसोन्ननाची
धोयरगेन्र. । अथाएसाम्यसोचनांलक्षण । को पेढापीस्तनसुचीसोनेरेहेन्रएमाप्यतेको वीनारी छन्दसर्यशरीरेअसाध्ययेयानो नगोन्रेयायेमरवानीनाश्रयामागोर
सोन्ननीगतीलसएन्य पुसने | पिगमाथीरीरालगीयाले वीथुघानीनेमुनमान पीपरयमनाखेन्पन्रेक्षुिगालग्रीवाडीर र
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१२.७४) सुयसंगीतवैद्यानगंय पिछीपेट अंधासायिगाधनहरेसोन्नत्लेढुन्न पालुतगुगलागपडेनुशेगेहेरो नरनारीनारो गपीरोजान्नेपेहेरो उचीलोमनायाय असाम्यसमजतायीन्गटतोमृत्युन्मएयप्रीयाने पिगमापीन्टल । अध,नाअसायनालेगांलक्षण स सोसो गपहेलोपेटुमांशप्रेगरीतनमान यहे असाध्यचीतांद्यन्नरनारीहोयरेन्सन सर्वांगेयायमरयानीअाशानहीन्डोसुज्ञेस मनायमीय्यामांनमुरमधरेन्२० - अयसोन्ननारायऐलान्प.
अथवायुनासोन्ननोशिपायासुंभ परपसारीडीमुगीनालीनेन्पीपणीमुग
यव्यहीखात्वीरेन्फन्रेवाडीपाय प्रमाण ||श्यायी रोगघटेन्वायउवायुनोसोनेसद्या
भरेर ॥ अय पीलनासोन्मनोंतीपाय सप्टो|| गखात्रीगासीनतएरीयालीपणार न्यायपीयेगुगणघालीपारेपारसीनुरट्रय रीने ग्रीधरे पीत्ततरगासोनने पीतांनाराशे
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सुधासरीतयशास्त्रग्रंथः (२७५/अथ नानीपातनासोज्ननोपाय पीपेयोपियाहरोसुघरलावीन्योहोरतएप पियमा हीनत्री डुनावीन्यपछीसुग्रीमानस शोरावराणे गीयाएगानरशीनसोब्लग गाणेरन्तरतव्यताअघरीरोपए घरेन सनीपातउनोसोल्नेयेसयमरेउ । . भूथनीलामानासोन्ननोपायना। तलमारीशगीलेशनुपयमांपएरोमीश्रीतज्रेन सोन्नपिरतेलेपसारो धीर्यराणीने घरेन्करे पारसीउनीपौरामी ज्ञातातयामनमांगमेन्टी निरोग्यसातापयिही सोन्नेलीलामानोसमेन । अयसोन्मनोसामान्यीपायल्स हरने ||जाली रुगररनेगीवासीलेन्सारोडीनेसुंग गोमाशोन्लायरीगणी परणार सो साहायो स्यापिनीसोलनाचीरोपायोरन ये पय्यारीज्वायसोनेन्लयेरेयानपीम व्याप्तयियोतेपसराये. प्रय दीनापोतानोसोन्नेमरपा
नोदिपायरापिञ्चीत्रीगातगो नेगोमुपायन्तौंसपे
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sansar
||२.७६) सुशासंगीतपैयरास्त्रयः ।
नेपोतातगोतर्तनीयारण्याय नाप सिपायसोननोरा गोगसुंरपीपेको ने मालखीनेन्तलपायेरस्तुपरतीयुरगडीने
न्मयमांश्रयालारी रातमारोन्रेया सोल्नेसोगरगायीनरोरा पीपाय सोननीना पशुष्कमुगा तथा मुगसारो, उगनुरासनासुस्रयेसरवली घाणार मगोपापवस्तुतागोयायियेशणलजीनेन्न पन्नीररेऐतेगगीतेघस्यतेरसुतेपदव्यपार केन्शुद्धयाये सीतगोहमनरेन्सुगको नेरेयासर्वनयेन्र । अयसोन्ननीघामटपानीशिपायपहनीमुगीसारोऽपडलेलीबेन्गस्यपाए लपसोलापीपरपरेवासद्यपायरेतो एघटेन्सुयायेनेसीसोभनांसहभटेन्शन अपसोलनोप्रशर मागगीणो सेअंगमा क्षागलरमाडोयाय धर्घहसेन्न्यमा ने सोनेतवायन्यता पाय नागनीश्वतमा एसारोडीने सुर-डुन ||सीपाल्य-प.गर रेज्यने अम्रतागना
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सुवासंगीत वैद्यशास्त्रय. (२७७ | व परोग्ययेला भाउरीचापपाय सोने-प पने स्वासमुंदुमन्नयेन्रन्पुननिवाधिक यो वायवीयेन्रेयोऽसोन्नपीरोरोचाप रियेन्ना यायमीन्ने एलइसी करने मोयनेसुरलीने पीपीगगीपीन्यपीपल्पीयेहगारेश्यायसोने || रामायेन्रेयाशराने त्राण्यहोरोलतायेर सिपायत्रीनेरा गोपाग रायरी यातुनगुसुमरने वाहुरूगगोग-युर गयेसोनेहगेल्यमसुनिसुतमोगपन् । पायहना एलीलेन्तंतणीमीग्नेन्त्री इटुडेन्रोहीनीछालीवणी त्रीयालेन्धन (घमासीरसवंतीन्येवारीपायेगांगेसोल्ने होयतेपुरयायेन्ना एकच्याही रससोनीपर पगरयुत्रांमुतोला हिडोलारसीनोन्तोलापांपेपारोतेनामाहीन
ध्वीगुण्यतोखातेगंधाली अपञ्च जिलीने पत्र निरन्त्रांभापात्रमासुनि | तापमायेन्तारेगुष्कसामानतेसरयायेउन जिलीनीरेगोगोयामाटीरो छाएगा रेडम
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||२७८० सुशासंगीतवैद्यालायन एगपुरेतेपरीनेन्टन्टाट्यायतेमांसाची|| नेसारन्नारंगतेवगुत्राण्यत्वारपन्स वातोलोतेमांमरीमाद्यमेन्श रसनीला पनासातहीनेन्दगीगीसीययेगुलशपुर पायेन्डांगेसोल्नेयीपुरयाये उन्हसा येनहीतेहयोगोऽनयेरेवारल्सक्रव्याछ मासमायेन्टना तीसोलनोरोगसमाप्त ॥ अथरीरोगोनेऽसद्दी छेतेनाडार । पायु.पीत लोहीमेनो-मुत्रेना-येशाइया लेनोभत्रैरंटीवीयेऽगायछन्तेसमीरेगा। मुष्ययायछन्
अथ अंडरडीतएएसामान्यलक्षा वायुप्रयोगांमीपतेपोतातगाशगयडीनशे पीतयेनेअंडलंयोसंधीतारहेछेरहीमन्तो यीवीपरीसोनेनेगुगप्रागटरेवायुवधीन्उरे मारवीशीराशी वनाधरपेयीर अंडे पिपनत्वभानगीलंडारयेस्थानेऽरेन्रेयाररेसा मान्यलसागरप्रेगरयेपीवायरेउ.
अपवायुनाअंडरवीनालसएन. पायुनी धमायलरेसीतेसरमोन्स्पीच
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स्पासंपीतवैद्यशास्त्रायः (२७ रसायनमुन्नत्येनरमोन्पन्खुनोस्पर्शयगरज एपीज्यलारी-रेयायायुनोअंडरही हेवीपण शिर
अपपीतनोऽरवीतेनालसएपारेमयुसेरगतमसोल्नेहरसायन् घरपोये पीत्तनो अंडरही यायन ___ अथइनारहीनालहएअंमृद्धीमारीतगतानेलारघरगोन्बूलुपमा ल तेमन्पीरगोस्पर्शलागोन्पन्डोलायो शिरलसपरेहेछन्तेनेझ्नोरोगरेवाओवी ছে । ___ ग्रंथ सोहीनाअंऽरद्धीनांससागअंग्रहीनोरंगशमशेल्लामान पीत्तरहीनो गीट्सवी शाश्वयेतानन्रेयास्तनांडीपर्ययोनी तरमाशोरक्तअंडरद्धीनांयेखक्षणानपान । अयमेहनाअंडरटीनालक्षर ताऽतगाणपतशेमगरसेनद्ये परवीना सीलसएमगतांमाद्येन्रेवारोगयेरीत्यबनी दिमाईछन्मेऽगद्दीमुनीयोतेने छन् १० । अयमुत्रनोपंडरहीन्तेनालहरु
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||२.८०) सुपासंगीतपैशास्त्रग्यः ।
मुनगरोटीमागमायालेन्अयमअश्वपर नियेसरसाखेन्पन्मरासरीप्नोतुंगना रटेनमे पीरामरतांपाररनी पीरपामेरारे रापारी इपगुणीवरते हेयो मुत्रअंडरद्वीप्रान टोमवान् अयमंत्ररहीरोनेअंतरागडेछेतेरोगनी
उत्पत्तीलसागर वायडीवस्तुगभेडेनीररीतनमांतरेन्छेयुद्ध मांडीसडेन्डेनुरीलारवहनरेन्सन्मरहायचा वणुअंगमारगेगालेघवस्तुलयंर है। रे येसातारगतेलएर संजपेयायुये यही तेएपीवायेयायछे सधुत्रन्ननीय वयोगणीस्यांननीरोन्नएछे उन्तेपेरने पानीसंधी आरोता रेडीयिरीपीडा एएी तेअंडमांबावीरेन्टन्वनतीउमावेश्य यही जालीप्रतुणपाएीऽध तारेभरेस्थाना रीरो सघगीसमेतवापधन्य आयोजन शियितांपाछीप्रारपीशामने वायुतगासंन्य ययी येएनययायेमनेन्दन्येअंत्ररहीरो बनेगयोअसाध्येगायछन् श्यामरेनन्नेरवीन्ने
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ (२८१ रोगप्ररायमायछेन्द्रन
चायुनाऽरडीनोडीपायना
दीवेसनेपय मैगवी भासयेलेपाय- अंडरडी वायुती सरानीवारायायन्यन्ना रीम ॥ महीवेसरापलार- दुधलोला पर लेजीने पायुमासन्तोवायुनीअंडरडीमरे अथ पीतनीरद्धीनो पायना हो रोराहीवेस गुगगगायना मुत्रवीशेलेपा यत्पीत्त अंडवृद्धीताएगी पीड्यासर्व पणाय रीडा. राहीवेल इशालार, गुगल इजालार गौमुत्र तोला १ भरतासुधीपीवुडीपाय सत्य के अयनीअंडरडीनोडीपासना सुंद्धा मरी पीपस्य भी जायेज्याथारे ते पीतां नवजार तेानीमांहाघरे पंहर देवीशदीन रे यानीत्ये पाये
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रद्धीनीनुंटसहगन्नये व्यूथरक्तपुंडरद्धीनी डीपायना जांड पीने मयतएगो शरबहरीने पायर क्तअंडरडीतएगी पीड्यापातनयाया डीपाय-२ रा नमोमुझचेतेनगा चाश्वार ननशेय-रक्तअंडरडीता उष्टनारीसी हो
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||२८२) सुशासंगीतपैराशास्त्रगंध. यशनाणायक रीतगयस्तु । लेपयीयेपीवासोन्नयन्रेपास्तवीरनीरजा डीएएगायन्हा | श्रयमेनीअंडरवीनोपायना । तुगीनापत्रोतलो ज्यापीरोशयन्मेज विधीतएएं उएनीवारण्यायपना रीमा तेज्यापनापापीनीससेजमेरो यो । रिपायअंडरद्धीनोन्य राजेरीगुंषत्तो लात्रीपरयमलीने सुंश्यतेरलीतोलामही वनहीलेपन्नाऽभारतोलासरचे मलप्पुषा उरे गायतपयरातोलातेमाायरेन्सरये पिरतीशिययेतोलोसहीनेन्पशवीतेलो परे धीमेरहीनेरन्येमयेऽची धनरहीची स्वासेन्रीनुश्शरेयासरवेनासे..
अपमुत्रनीडरडीनोडीयायन्याय |अंडोयडामएयशसुत्रवीरोनाघेन्यस्पाली पिसपापानी येण्ययेरेवारसी परधारगधरी युतीयाये मुत्र रद्दीनुंएमटीभयेन्र. । अयमंत्ररद्दीनो गायना रासन गणो परोणगोपाइहरीलये प्रयासो ये
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सुधासंपीतवैद्यरात्रयः (२८३|| मुण तेनीमांशीलयेन्गोणलेगरमाणनोयेच्या यित्नागसमारीन् पाहिलातमाहीयेलत्तेह्यम परीन्पुरो प्रयोगमासनो उह्याप्रमाएगेयायन रिपायेअंत्ररद्दीनूतमामध्एन्नयछे धन्य सिपायजीन्नेनारामीप्रीमयषाऽनो तोलापुरन्नेमार रेयाअंत्ररीतएएंटनीयार एपिायरल्या प्रत्तीअंडरद्दीवा- अंबरस हीसमाप्नना
अयबापसोथरोगनीरीत्पत्ती- नेपारगुमगांरोइए सानी छेरंगमातेरोगा
नामरएसपितेनीस्पिनीलक्षणघावतथागडगुमडाइयगांगांहोनेहन्सोन्ने तेमांसलये पीरानायेछेन्पन्चैराहेब सोयते छप्रशारतेरोग पश्चापश्यनन्नेसह पिगमेपुरगल्लोगरी एनाप्राश्नांनाभ दांत पीत्तसनीपातनोएसोही वनी-|| गोटर घातनो छारेबएसोपयायछे तेरे पारसीऽयंयेगायछेअयपसोयनाडपीयानोसोने
तेनालक्षण
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|२.८४) सुपासंगीतवैशास्त्रय र हरीगीतछंद एएवायुनोपाठ्येयीन|| समन्ततगपीचतगोलापागमोडाउ इतगोन्येरोगनेवरत्यापासून्फन्तमलोफी नोवपरीघ्रपाडे योटयनोगतावो पीयारे पुरणपो रेयागमरमस्थगोरन | अयगलोचना पाहयानुशायरान गरमईयोडीसोन्लेला प्रारंडो अल्पपीर नेत्रपासरीप्रोपएमरोन्न्ये सक्षयीन एशयोपीयोडेछन् मुर्खनन्नणे अगसमा येश्योराधहेछन् । अथमोपचाराया गनोसोधिरायोपारसमजोताहारेन्तेमा पासक्षगतेवरतेझारेन्द्र लाह्यभशाप मांपायसरणीन्नेरे पारसीणोपायटेय्या रिशेरेन्टीडीयत परवालासेटुममालीज्यान होयरीनासरणीमहीसागेपीमान्मार, ष्टिीनाळेयोसोसारंएअरेयी पावनी पीयान्नगेन्हन्महीसोयोघोपायावर कचरलेयोनुधोरंगनाएायप्रणेवरत्यायोप सुतांशनपरेऐयायध्यलारीचीखीसरमीप
nemamagama
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंय. (२८५ रमपीज्यमान्तरीपुन्तरेचाही तायहर शढे हुडीयो-रेवाडीरछी इन्लंएंगे एपाध्ये
सतीयोन्जन
चिएासोधपारीगयोहोय सेनांलक्ष ते सोलमे पीऊनही लाल थोडी घागोनै राणान्नरेहेत्व मोडी] १. मधुरीपीयायेव्यधणीले मायायेन रामेण परवपातेनासो
त्या शरवासागे पंपाोव्याक्षीन
सोलमांह्येतर्तपडीन्नयेराधीन्डनेवालक्षण भारथियां हेन्नरे प्रानो सोधगयोपारी स भजोताहारे
अथरामभैएमोशनाना वायुवापीयानी पीतचीनान दीपाबुन्ड इनापराधीनही रेलै एउ अग्यान्तरन्दा
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अहाना
अरु प्रेतरछे बरगेपीषुधीवात रेवारी प्रा गरी लक्षण संघात प्रार अ. वायुनो. प्रथम व पीत्तनो उनो-उ येहोशनी १ शस्त्रादीश्वागवानो र नेवायु पीत्तना प्रारूपायुनो-पीत्तनो
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||२८५) सुरासंगीतशास्त्रयः उनो-3-सोहीनो-४न्यातपीत्तनो-प-यात नोन्दा पीत्तनो-उन्सनीपातनो-टा। । अथवायुनावगनालक्षागना स्थीर
सपने मालवलारीचीपत्तीवेशीइनारे निरनेनारी रंगेशगोपारवनीपीवाडेछेन्द्रवाते वगवायुनांचीमुोडेछन् पुर।
भूय पीत्तनाबगनालक्षागा बाग मगनेटर पीडशन्वरमोहोन्नगेशरपडेनेन्टे तरीएपीलागेपन्दुरगंधीनेरगतनीरणेछन्य रे रेयापीनतागोवाणपरमायोतारेन्शन .
अयनावएनालक्षागा सुंबान गतागीभगतापधारोथोडीपीयालारघापोवी रियारोल्पाचीसंप्रेमहीरंगपीत नोटो आपसुएयद्देऽपित्तन्न । अयरक्तनागनाललगना लालरंग नेइपीरमपीपमापीनय वीरतगोतेन्नी एगल्यो मायेमनगायन
अयवातपीत्तनाचगनालागरापर न्यांवायुने पीननांमगतांसक्षिगये वातपीता विएनगयो वीपीयेऽरीचीवे
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सुधासंगीतवैद्यारुपये. (२०७ अथवातावगनालक्षएगनरायण वायुझ्नान्नह्यलक्षारोमणेन्तेवगडयो तांद्य पंडीतवातप्रमागरीन् १.
अपपीतवएनालक्षागन्याय इइमालसएपीत्तन्माता हरीशेगमान्तेन रोगधरीतन्नयीतेमांशी
अथसंन्नीपातनावगनांलक्षागनारा सरवेलक्षागयेऽद्धांवएमांडरसायन्रेवासंनी पातनोन्यारतेगायत
अथ शुजएनालक्षगना ललनात्मा गनीयेसमोरोमण यंतीयेतुल्यने पीययोडीगी। योनीर्मणराधीवररह्योन्नीजेपासना पसीन्यन्हुरहुरयासनैयक्रअंगुरपनी नीत्यलसागनवेन्नईसाहायोगीहरेवारसप इनाह्यांगीतयरीन्गुवागजोलरेनेडियो ॥ अथछुएनालसरगन्य रक्तवह पुगंधीपरायीमान्सोलेस्थीरने पीयापार पनीतेमान्तेप्रगपुश्यी एयराणी छेडूयोरी वानीमनयायेतेमरया दोन्न ॥ अपगुइधुपएमेश्रावतानांलक्ष |
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||२८८) सुपासंगीतरास्त्रग्रंथः ।
स एयछंहरू पीगोगामेरंगलुरशेअथा चायायेन्नीसरे अंकुर गुइराधीयाएइपलगाये सोलेगासनलेदर नयीरगंधीजेमांन्प्रोटीते मनपीऽश्यायनीसुष्मतेमांन्व्रएनरवाने रणे आसारन अंगेही तपरेपाराऽरश्ये अंशुरयीसुप्षयरोन् । अथसुनसायवएनालसएगाते एगमरमस्यामाफोरनहील्यारेन्त्यमामांसमां प्रगरे तइएवरोताहारेपनीतरागनेपथ्य यासतोन्नेरहेछन्तेसुमसाध्यरेवारांजरवण नेछेन्यून
अशाचीश्यासवगनासमपन्य पातपीत्तानोपएर छोयेन्मर्ममेनसनेशीरमोखे प्राययाय नमवायनेत्रांसोतेमस्यानोनपडेगल रांसोधन ॥ अपरालानाप्रपस्यानन्दोपाप्यार शरीरबादी नीरोयनोसीयजेनेन्त्रणमा मेहनीमातेनेपअपवारगीरनीमाशीराम
पारो तेमरयानेसर्पयीपर्पसारोरनापुनः मिटसाध्यपूर्षन्य मापी यीशपांनीडेरानो
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सुधासंपीतवैद्यास्त्रायः (२.८८ तेवोन्वयमेवरची सासरशानेयोन्याते मटयाने हेवीबोवाएगी नवनेन्नौराधिनेलय |पानुपाणीप
अथ असाध्यगांवक्षाग। वएमेघरघागोनेशीततारगोन्यासमराथी युक्तअपीमहीलागोन्पन्बामेराधीरक्तश्रये रगंयागुन्व्याधीमर्मस्थानपरेलोल्यनेतागुर वयेरहमेसायअडायनहीसंगे मासबोहीनुन्ने रनपीनेनेअंगेन्दुमरीयेडुब्यानोयेसमजोरी तेनेपेटारे कसबेवासारोन्टन्यासागबार उद्योगीतमाशरोल्लरिश्तेह्यनोअलायोपणप निघुतारोए
अयशागंतुरुनगानालसागर पाण्यामावागणीपोन्तेागंतुरुन्नएयरपरी तीररीतागाधाववीय्यारेलायन्प पाएग पीयिन्श्रिागंतुझ्यएते पीत्पनीतेनी टनेसुएयेसंदेहर
अथवागंतुमपानी स्पित्ती छरीतीरतरचारूर भागछरीगोनी परतीच्या विधायरेश्रोतोणीपअनरस्पीघापन्जा
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२७०) सुधासंगीत वैद्यशास्त्रग्रंथस्योर्मुनीयोलाणीन्द्रागन्धागंतुसंज्ञानीरमीपा मीशन्धानोघारसहीनेनांमधस्यांतेवां प्राकृती गदृदृरसावी हेमतीमांहेबां उछीनलीनने हुएवी स्वपिगीततेादेयतच्तेशरन्नएयसागसमन्त्रा
नेवान्य-रेवावाच्यागंतु शरनीरम्याथापी भा हामुनीयोदरसावेतेषागचापीन्प छीन्त्रत्रानुलक्षएा रीपुरश्रेसुरमोझेघपायो गमेतेन गोमंगमांघाछ वायोन्१न्याद्यावसीधावयेोऽपायो स्रेप्रौढ गीरोपवनञांलरायोन्रन्सुवाडेवसुधावीरोधाव नेह प्रागछीन्नरेहेवो रेवान्नेहि उ अथैलीभवएानुलसाएग
पछी
हरार जरछीतीरछरीतरवारयतागो-पडोलेहीनां पेशीद्यावद्यएगो १लीतर रक्त पणीने पेटलरैन्न ये तेथीन्चरहाहाशेपश्रीप्रागरयाये गुहमुजनाशाघ्वारेयासे रक्तगयेयी ने ग अंगेहाले उन्मुर्छारचासन्रशासने आमा नमणे ब्यङ्गीमणमुत्रशरीरेस्वेध्वजेन्४ सोही तागीमुजवाससासलोपनयाये-शरीरमाहुरगंधसमीपनरेहेवायेन्यन्पेसयााीरमाह्यगुणराम
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॥ सुशासंगीतवैद्यास्त्रग्रंथ (२८१ शब्नगेन्यायेपुर्यप्रणाय सागरगष्मणानागेन्दुन्ते हेरोवएलीनस्तमाघरन्नतु रेलादेनेतर्तरी हिरोशुतुन्छन्नीरनीरमापुर्षपडेशोएगीतप्पुटेन्रो गअनंतोयायछतुझायुराटुरेन्ट रेयापुरगन्नए यि पुरणपाराइसम छेरास्त्रतागाधासीसरमाल्न
अयचीइएनालसएन शस्त्रयागपानेमणे गरीरन्नुयायन्बीइयएन मेऽरीगयेमुनीयोगायत्पन अपरात्रपाणीधंगमारहीगरोहोयते
नखसग पिडेघापागोसोलसंयुक्तसरावारंवारचेहेरेधीर सोयशेमगन्तान्तरणसांडेरेमांद्य मांसपरपो रावागुन्डीयुलासेतेहमाद्यपीरालागुरअप दिलसरायुक्त घावारसोल्यारेन्श स्त्रसमे|| तिरेयारीताफारेन्
अयशेटभेतीराही नाला त्वयासाततोऽरी घरोलोगीराछतोन्नसोनेवी|| घरगञ्चीयोशे तेग्तान्मन्रेापी रमेन्गुपतलेरमसापीने मनमुत्रनेअंनतेषता
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||२८२.) सुपासपीतपेयास्त्रग्रंप तावेगऐसादीनेशन्याधावायडी युलस गतेसयुंन्वीपसरलाध्यतरीन्यपुरस्त्रलागी || अयशेएमेरक्तदशामवासाव्यतेनामणशेश्रतते मी पार्मयन्नएछन्नारपीत्त्व वामने पीहेरगायचेन्न्प गहापमुपतेा नुन्त गरचासतमनाइनोल्पसेरक्ततालोएनेन अमडापयेयाउनोन्र येवसागेथीरेवा पीया तुरपरमाणुवोअसाध्येऽरीपुर्णतेह्याललागेन गयो
सञ्यक्षतामापीरमीनागनाससक छीनतीननुलसएनहीनेहधागोन्लक्षगमेना होयवीरामवएतेहगागो अस्थीमायगयो ए पीयापुरगडेछन् पीपीतवएनुपरेवाशेची
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.. अयगतवएना लक्षाग
पियरत्नीत्यवीरेतेगसारामाशी अए। शिस्त्रयोअंगनीतेगांमहीनये मशीन्मही धरूप्रगटेरेपश्यतो पीरपुरण्याएछेन्रेवावी
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सुवासंगीतवेद्यरास्ययः (२४३ व्यापारीने पागगतनोयेगायछन्
अपसंदीमर्मस्थगनोएतेनांरांमारलक्ष दिसतवमाहोलममोहपतनन्नयन्प्रगापरलानी हिरीयोगअंगेयायेन्दगीपडेनेडीधर्माता रहेछेल्लोहीमांसतेशगमनासर बेहेछन्न मर्मस्थनमांगोपधाववांतोन्नयेन्रेचालीरावर, आतेनालसाएगायेन्स अधमर्मस्थाननशोसंघीहाउयेवगयी
चीयोगयांफोयतेनान्नुलुलिस निधनुरासरीमो प्रायीलोहोन्नय तेसतवण वीjघोपहेल्पतीतीपरमायन्मन
अपनोवेधैतेवगनाललगन शिरीरयायेगाअंगअंगमापीरन्मोडापुरती निगतीलारीसोनोमी १०
अपसंदीलेडीजगनालदाए हरलपालसरपेण्डे जगभूगेदीन्नयन्प्रासंधी देशमरी पंडीतयेगायन । अयस्थीनीवएनालहराएगा रात्यहीनलंपायन दुपारीयेनामाय पीरोइन गतेपड्यो संश्रयीसमजायन्त
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||२९४) सुवासंगीतवैद्यशास्त्रग्यः । ॥ प्रथमर्मनहीप्रपनालक्षगरा वणमास्पर्शशयनही पीतवर्णहयायन्मर्मस्य|| गलेगयुरेवारसीउत्तगायन्तन
अपवागनापारीपरछेत्तेनानाम, पछारीगीतना गीपरे वीसर्प पाप पातन्वर पानाधएीशीरभुनै अपतानने जन्माइने लिपीन्तन्मधोनमेनै घर की जास्वोसनेप्रतीसौर.छतेमांशाने पएंगीण जामेनीपारछेरपीजयापीरोपतीरेयेअंतये
अनुलपो रेयावीच्यग्रेयेय येसोगबागीप श्योन्न | अयिअग्नी पनीरीत्यत्तीन तलाशयी रुपयेड लोहोअग्नीधारी अन्येल्ने इतपरिरीने ब्राप्नीमनी रन्न
समयएनाधारन्यूएश्यनेया भयन्ऽयडन् सम्पयने अतीप्यतेने हेन्नेहमेऊनाय्यारशरय रहेछन् रेयाचीया सिएगीने रायहेछन्न
अयएएनालक्षपद पायो या येभ्यने पौर्णअन्रापर्छन्नयन्प्लुएश्यसंज्ञायरी-||
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सुवासंगीतवैद्यरात्रययः (२४५ गयेऽचीयोगायक ॥ अपारध्यानालसएन्२० रूपयोग वासहीत गेल्लातेमायायन्मरयामांमोडोमटे पुरा एयडेवायन्पन
अथसम्यपनालक्षगन्त्रांमा सरनुपर्ण रडूययनहीजेनी पापीयातेयुक्तना सोलातिनी पाऐगरीन्हे पुररेयानननरेहेछन् सन म्यष्यतापालसएपश्रुतीयोडेरेछन् ।
अयतीश्वनालसएन्डययोपुर्वना| पापनोयोगन्नपीएडेपाचप्रांगनीयुक्तप्रागीन प्रियापुत्रऐरायीपीयशयन्नीमीत्तेरीसंरेतेल रायर अन्नएयेपडेआयीनेरढुंगरेऽर्मनेने उपेमनतेवुन्छन्थयोअजीनोयोगतमाशायन्त्य समांसस्नायुनसोनारीयायन्सन्यरिमन्नी हानाप्रमाय गतीसंघीनेरुपमा हाएम्पायन्पन तिमापीरपुरीत्रातावरन्यमांद्यमुर्शनअंड सोरन्दु भनेपामुन्नुर्लीराड्नीनीयासोन्भूती रचनालसपीयेतपासोन्छन् रेवारोगवरती यत्नप्ररे पडेगष्पी रोगर्नुपश्ष्टेन्टर ॥ अरोरापीययेलासरीरप्रपनासपाय ||
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||२४५) सुधासंगीतवैद्यास्वयंथः ।
लर एरयमपछीओरायीस्नानत्यांमश्रिगुट निस्पैश्यो रक्तछोडाययुषाध्यपोरोपडीप स्वरयातपोरोगपरसोन्मन्त्रीपछीरीयी पैसाढवी सोबएनोऽरीएयर इडीए पारत्व वर्गलेचीरेन्तेरेबावैद्यमान्नागनरपुरा । अपवायुनावगनासोन्ननोरोपायल । मीनेरा-मुग छीलोखेयागोन्सुंध्यासनाच घरभरगीलाणोन्सरवाशीने पसोयीपिरयाये गयीपायोमतर्तहोलेनयेश्रो वापरोसेएलेपन्नश्यायेन् वगव्याधीनुश्राम चुत्याथीनयेउन
अयपीत्तनावगनासोलनोडीपाय । मणनेप्रोमानगांतेलीले रतावीपमा ममहीअरीनेन्मन्दागोचीरएसौमनम गतीपात्रलरेन्तेसोब्नपरलक्ष निलेपारेरना रिवाौरावीन्नेरपीनामापीत्ततगासो||
अयनासोलनोडीपायलेप मावशी मयहाशीरामलग्ने रागानेन्लीतावरी शासनवारीलणेखेपरेन्सन्नमवानीवारीने
Raeum
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निनोनारापरेपणमान्य
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सुघासंगीतवैद्यास्त्रग्रंथ (२८७|| निरोगरीब्नये नारातेमरेयानोसोल्नेयायेत्या
राभूयोराधीनांनरोगने तयारेटोन
शल्यशिणीनेरेरसरोडुनीरन्पायुनासो नताशी पामेपीशरीरम्प । अथ पीत्तनासोन्ननोखीपायल शीतगाराधीलणतयापयतसेखडीनीर
सोपेपरन्नासेगगंलीर-१० । भूप नासोननो पीपायन तेलपारगमुत्रगौन डीएमयाय वारसी|
सीपाययी इनोसोनेन्नयन ___ अथ रक्तनासोलनो डीपायन
पीपरोपीतना तेरक्तपपरायन्यारत्ने गारटेनीव्येरंडरन्नयन्मन । अथवीशमसोन्मनो पीपायर बएगांमहोयेपीयनाजीयेरीतेसोल्नेलह्यो रीगनायरदायी अपवागरसोल्नेयोपन्न तेनेनगोमुंशवरी अपवागमेतेरीत्ययान्नमय कमहीथीनीसरे तेयुतपासोपीतपीरतीय वा रसोनोये ये प्रयापरिसुपसोयरोन्रेयारसीज नोनीमीयोन्रलपेयेन्यम्जातवानी ॥
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२४८) सुघासंगीतपेयास्त्रायः इपिवएस्योते पाइरासन्मुनरयेलानोसपायटीमुगासनरासनायेनोऽनेनोन्नीगुंग साटोडीने पीएनीसुयसीयपसौनगोपन्अगरी नेतनवमीजमुगा भासरसरलीलये गुरु पासनागरनीमपत्रोसर्वत्नेगांशलयेन्रन्माही विनील यावीण- गीरीलेपनहरे रेयापन रीनेहेहरेडीइपयेप्रगनुरेन्लोरसीमणेतेय स्तधारीत्येडरेलेशण्यागीरेयारामेयायुतरगान सोन्नतगीपीज्याघशीन्द्र । अयवएपश्चरानो पीपायनिरागनीक सरसवतषअगरी घफुलरलेली पत्रधारीने सीषणश्रीत्यांपरेवासापान र ह्यारीत्येयाये सवागनाप्रयोगमापारीनय । अयिभारलानावएनेगीरापानहीतेजागाने असहनी लीगपुरषोऽन्त्रीहोरेगा स्त्रीनेमर्मस्यणतेनेनेत प्रयोगपीनेतेस्थान रेयालेवो येरारनेनारस्वतागोगीरोदेबोन्स
अथवरपर डीएयाररानीपरउपग्तगीरीत्र राठीभुगहरे उनेर लीला मानेसोधीसाध्यरेत एवाश्युत्तरनीवीरा ||
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ হেফল वस्तुमगतीतेनोलेपऽरेप्रागमांरेणावगतीन आप पुरीन्नय रणे राधीतारे-रेवाशधीशस्त्र घरे इरमांजारे उन
अथ प्रसोधवानोप्रानाश्लो नेत्ररायोस्पर्शष्टयेसत्यहरे- तेपस्व्यानोप
योगकुतेयीत घरे परोस अथवा सीजपत्र नोयोगघरी तेव्राराघोपोडीह सरोदे स्वाधीन उन्नावारयांमेग्रासुधरेनेशुद्धहरे-बेवारसी स्नोयोगरपेलोसीर धरे 3
अथनानुगनोशेपशमचानोडीयाय घुलेर छाली गरमामानीखाल्यहरे स्वयिश्रीनेत्रएघोपोते नीत्यारे १-रेवारसीत्नांनीरमेलांचो शिर्ययाये. ज्याविरुरेथी हुनोत्रएपुरैन्नयेन्श
अर्थव्रागनासोन्ननोडीपांशनासोघानुं घुसेर पीपनीया जीलीनीछास्यहरी भणेतेानो चोची पीयारी१-रेवारसीनील्यां तिछा मनमांथाये तोव्रएणसोन्नेने पीपतामरीयेन्श
श्रथव्रएापास्वानोतधारांधीनीसरवानी दीपायन्स तस सीधवने पत्रमरेगी हणधरमेन नागरमोथ नसोतर सातेसरघांखे नगवारीद्वा
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||३००) सुशासगीतरैधास्त्रयः लिपउरे पाशनयेरापीनीसरे रेवारोऽरीमनयायो । । रिपारपसारोवानीरालीमपत्र मासिनेतार्णएनयायेन्तोपएणगोसपरेडट समीनये पायष्टीदेवगाहावे नो रालीलपरयतनेमयनेमपुर्णखीने घास गपरसौपारी पियारीनेन्मन् अथियातली गीनेहीपरपरीने तोषागसघरेरेवापरानटीने
अथवएएमांअंसायानरोधीपायल एगेरापीगनिीसरी पीतेलरातोनपी गण पित्रलेलीमनासीगगेन्नेर यी न्युयेतेसली. खेडी पछीतेसमयमेगयी ठगीश्रेयेस्ता घरे लेपमेडेणवीरन्पीगेश्रोतेयारी पुरैन्नयपाए। गर्तनो रेयायायसमसेन्यमान्नीमेशारल्यम्। लरतनोन्ना पीपायजीन्पएलरानोन छवीन्यताप्रासंनलोदरपत्रमा गिनां पापीपुष्पमलासुघारेन्शायणरारयेऽ रीपुरएनीरेणखीयएमालयमारे ब्रेरययोग टवानेलमये हापेव्यानरहरीयाटेन्चरीत्या रोनेरीरेयारा रेतोयएलागलरायसपारेर । अपगमेघाकृतयागुगरपयुः ।
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A
सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्य: (3०१ होयतेमटवानोडीपाय पीष्टदुरे यवनोमयमेलची तेसतथाग्रत लेजांममे खे ग्यारसमान पीतव्यते युक्तीये लेपश्रेवए न्याहमेछेन्सद्यीपायऽद्योसमत्रायतो नटते ष्टनयनमेछेनीत्यरयेनेरटीरेपारे तोयएाहने शुगरामेछे पुन अर्थव्रमांक्रमीथयाहोयतेनारानोडीपायपाटीलसागयोसेपनतेनुयायेन्स्ष्टक्रमीनुंबडलमेलुतेनयेन्१न्येवारसीम्नांयेवगनशानो ल्यो. लाव प्रशितागाडीपयारलस्यानेज्यो नागलवेनानोदीपायनामत्यमर्धानोउजनोमा प्रयोगयुतेलसमोपश्यनालीने
रेशंसायाएासमांहीनयेम्मरहने रागमांही नवरांश्वस्त्रगाणीघरवी फेरसारवसुयेश्वस्त लेणीरपी-२ तोलोलेडीपसेर तुत्याहीयांगो साहान्तेममेरले तुत्य नेरसोगीतमांगहाउ मरहीने हीनये सर्वगुडीने शुस्यायतोतेन तेलयांएगीने ४ हेलरीएामांतेहगर्तपुरग थापी रेवारसी हरसाव्योतेमारगसाहारी प अरीमागंतुम्झएाह्रयीयारचागपाथी
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M
P
||३०३) सुशासपीतयुधास्ययः ।।
एयेतोतेनोसीपायना शेपुषनेतश्यास्याीिपरायीपीरायशिरी त्वयानीभाकतीपरत्यासरणीयैरेन्सिन्टेलाम राहीरनागपाइनेतेसाययीन्यायनास्थमा मांयसेरीतीप्रयमयेरागीरन्मेहोऽढावेशीतन योगतयारीनाणीपात्रमागीहीरोरीतेसरोशेने रोज्यपीरामात्रमाउन्टेलापीपरलस्रतेयारेपीकरारामैसरयेगी-रेवानरारीघावीन्टुरीत्या यासालपरोन्न । अरघारपीशीरप्रांमाशयमापीतस्यु होयतेनोखीपायना शमारायभायीरपणे वागीन्नेरेन्प्रगटेपीहरातेहेनी हेमांगोगेरे- १ तर्तवमनोनमीतनरन्नये रेवारसी नाननतेयपीरोगायेपन । अपयेदुमारीरूपी धीर पीतयानोरन पिायना लोगनुलानेन्नेरतांश्युं स्क्त सौन्नयनीसरी पीयानापेठुमायाये पातोष्ण रेपरीपन । अयउरेडामापीरलरायेलानोपायना येलातपीपाल्यनेयांसनीछास्यपनेरेन्ते
AWANIA- KA - HimapadawergammamarpawaamTamam
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ (33 मांलेहपाशांगनेगोषइंयुक्तरोग्येश्रे१श्वा राने हींगमहीरोडीने नांजवीन्नणपी-पेसीमार सींधवतगो भ्रमलयेषुतलमाणची पीये ज्या पिपीड्यामरे इंधीरनीकीन्न यछे रेवानामुनींन देय्यारीपायोश्रुतीगायछे
अथन्नत्याही धूतघावाग्यापश्छेपांन यमेली सीमपत्र हुमरजीने गोहननें हाउ हुन्छ र हीने. १. हरडे छाली परोणवेला मी एाहुरे मोरतुत्यनेमकउने मंययुक्तमरे शन्नए नमीनयेजारेसमलागेसाहो- सर्वजीनेते स मगौनुंगतगाये उ तेथीच्या घाणुंनणसौये त्रीन्मधुरेतापैतेपश्येमहीगीत्तपरीन्वन्न्य जमीनगनेग्रतमात्र रहेचारे लाडचीरोलरपराय यरीगणीने तारे पहीयेस्वरीग्रतमांषोणी घा मालश्री रेवान्त्रएाघंलीरतएपीपीड्याहरन्दुन
3
अथैअज्ञीरुग्धन्यन्प्रहारनोतेनाशपा अन्तरा टरीडा. एशेर्धमनुंराग्नीथी गमेतेरी त्येत्यथैगयो होयतेपाछन मांत्राती नीरीपरथीनामनीरमेलांछेतेना रिपायरिपाय पुरुघनोन
।। छोरो नेपा
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३०४) सुधासंगीत वैद्यशास्त्रग्रंथ. चम्थीद्दाञीयो ते पावडेशेशय-पुष्टयनीवेदनान सीघ्ररामीने लय-१ ॥ उरपायजीन्ते. रागर मवस्तुनोलेपःस्य औशधी चाहीने पुष्टहार्ष पीड्यानरौः मांयस्यमनसं
अथवागूतच्या
अयहुरावनोडीपायना ग्रतऔशधीनं डीषगनेशीत येयापछी सान तहले परेवा हुजस्थानयेशे हुरहग्यतीतमीपी
अयनरी
अथसम्यग्धनोडीपायना वडमुणी सोनागेर सोधीजीनेन्नरक्तगणोरसग्रतले गुड़ीतेन्तेनोंसेपरेवा दाहाळा पीपरयायेन् सम्य
ताणीपीड्या सरवेन्नये अयच्प्रतीधज्जो दीपाय-या मांसवीश रययेषु ते शदीनां तारपछीतेाजानुं स्थानम मेसारीयोपापीष्टश्रीगृतमांहीने मेहु डालपीलेपपीडया पर डीजे पछीगगोनांपत्र पीपरबंधन याये अतीधनुंष्ट मरीसरवेन्नये । १. पायमीले राप्रथशीऽथाहीत हा आाशीपर रा मीएातयामकुडांसोहरने राणहरे ||मन्लग्मुर्याशीवाीमहीयुक्तस्रे
तांहणीये
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% 3D
सुपासपीतवैद्यस्यगंय. (७०५ सातेसमलागेसाह्येन्मरहीगायताएयतामांगा येरन्तेयतनोन्नेलेपरेघाहानोरी घर मरेअंगुरावेजगमाघीउन्रेवारसीनो श्योगमरवारोछेन्सीम्याग्रितमहामुनीय गयेडेछेन्टना पायत्रीने यापटोगन पियांगहीने चायन्तेगागीनेतेमांजवुत्तेला घरेषन्तेषीशगेनगमगतांतरेहेत्रान्त गोपाधदाजेसुध्रसोताहारेन्टन्यूजीघा नेअपवुशरुपमरीन्नयेन्वारसीड्समरीन्नेआराधयाये. _ अयतेलतपायतनोरालेटोतेनोउपाय युनोपलागेलोगन्नुनोतेधीगणमानणेन्द नातीपरतेोपडेतो पहनीपीयरगेपन्यस ततेलअययाणासएीतेनीपीराअंगेयनि वारसीनुनांमतिलेपपीयागन्टिन दीपायनीनेन्स रासोरो ॥ ग्य मानीनेते तवतेवेसेएनरेन्यामनी छिरू तेथीभावेसेन्न्यमान्यता दीपायत्री लेना रोड्युलराणमीए गीतमाये | याय-अतीध्यपरगोपडे पास पलायन
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Manawwam
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meime
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||३०९) सुयासंगीतपैराशास्त्रायः
अथलीहाटीचातुरेसनतासणीचा डोप्रिडार योधनानीसउपायामारीतलतेलतोलाराहरे तेमांकुतेलीलये गुंनो पिसानेसोगबुनो त्रैम्पतीलारीलयेनन्य पोहोरघुटेश्यले सातणीयालीपीरोइन नोपलागीपुमायोरामध्यतापीधरोन्न यततेलअपियापासपी सीहोभायधातुधा टिकाइयोधनातागी पीयायऽसिरयेमटेन्न वाअनंतोग्रंथमांगपगारहेनागायछेन्सर प्रशरेयनोसीद्धांतापायछन् अयाजानोपारन्या पाणी पाया तेली यातु,येयल्यायाआधी पन्नो रेयोरगे| पाया पायतेना- शीतगरक्षा तागोरस पत्रतपोवाय ते शनापश्योपडेना गतानुमगन्नयन छारा पीरणमायाया स्त्रपूसाणेयेश्योरेशनापीपरे पीनयेऽरीचीये
खगेमांमएरोली वारीनारेलेपन्समा शेऽर्मरेनाडेपारोपपरागमीएने सीधुर हीरालगतेलमायुनेस्मीतागृहे | रिपेतोसमारपारपाएीयोरोगीपुंना
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ (309 नेघोय तेनाह्वेऽननेरहे नांप्यमल्यममांलेयते। घळापरपोपडे तानेतागणान्नय रेवान्प्राडीपा यथी छायहोरा हुरयायन उन्ताऽपत्रनीलस्मनो रोये पीपाय- घुपेलहालेगोपडे तेनापरलल रायकत्वयापुनरपीच्यावरी ममशाहानोघा य अज्माशातीपायछे यहोश हुश्यायनश
अथ प्रागग्रंथीरोगनीतीत्यत्तीसग ब्राइष्टयै देहमाथी श्यीर नीसरीन्नय छेत्येवनशी निधी हुए तेलोहीनीगूंथी जंघायछे तेमााहते थे व्ययायेधणी पीत्रालग्रंथीतेग्रंथमां देरेवाशंहरणीयरे. १न्ना अयत्रएाग्रंथीनो बिशपायना इंग्रीसो तन पायवीडंग सीजीने ८३ हजार संलागेलेगांडीले १ नकमापारीसौ सरषुतल तेलघरे पश्वेतेने नीरसमेनीश्री तारे
तेन तेजवागग्रंथी परसेपनथाये तोरेवारी इरडेएाग्रंथीन्नये-3. घतीव्रएरोग यी अज्ञीयीत्पत्ती पक्षातीपाय समाप्त
लागेशे
अवस्थीलंगने प्रातेनीीत्पत्ती अपथीलंगना ने प्रारग्रंथोगायेन्येऽनेअन्य
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|३०८) सुपासंगीतवैद्यरात्ययः संधीमुंडेवायेन्द्रन्ऽतेहनगड्यागनेपोहोगा प्राधिसंधीतेहेनारीरप्रशस्वरागेवाडीरसारण उपसणीसावेएपश्येन्रेवालसएतेपरणेवी स्तारवरेन्
अयसंपीटुवानान्पहारनांनांम पीपीएने चीलपुत्रीन्ने विवर्तितलावेलामुनी तीर्यगतने सीऔर रेनामनुनीइपएतए भूयशरीरनीसंघीयहोयहा नीतेनां
सामान्यलसएगटुट्रासंधीस्थानपीरोपीजयायेलायुदुडुंरतांजा रनवेशयेन्स्पर्शसानयायेनैतेस्थानाबारे सा
संघीनोरथयोसमझोतारेन्ट । अयमात्पीएसंधीटुयानालसएन् मेहरजानीन्नेसंघीटुटेपगमांन्तेनेयोपाप्मेसीने नेवाघेमनभान्पीय पारवनीतामोरीपुरीन हेरेवापीपीएगईसंघीटुरीर
अथवीश्लीएसंघीटुटगानालसग २. लांसोल्नेनेरात्रीयेपीरघगीतेपायन्टुरीसंगी नामतेनेवीश्लीएपश्यप ॥ नएचीवर्तिसंघीदुरपानांलक्षण
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सुधासंपीतवस्त्रयंय. (३०४ पिसाडामांपीएपीसोन्नेवारेन्संततशीच हिनतेपेग्युन्नयेपन्रेगन्नएयवीयर्तितसंगी डरी-पापत गयी रमेनाण्योऽरीन्२.. | अथितीर्यगतीसंघीयानालक्षाग-४तांसोब्लेने पीज्यएएीरसोन्यारेन्तीर्यगतीसन चीटीसमजोतारेन्न | अपक्षीतसंघीयानांलसएन्एन वीरामशुगातेगोनेसायिणेपीयाघपी अल्पने अघीये नावणाएगीतेतागीरीट्सआरेवार सीजनांऽह्याधरोमने सीतसंघीटुटवानालक्षपणे उद्यांतनेन्२. । यधपीटुरयानांलक्षाएन्दु ।
संघीनीथोटुरीनेन्मयेन्तेनीपोशातेसंयोग यिाये रेवाबालसागवायेअंतरागोन्यसन चोटुटेलीतेरीतमानागोर । यऽलसएका दुरूपनगऽपाग नेयणयलाग छी छीझनेसुयानगगन
गेल्प छाउटुपनानारत्नेग्रंथेरहेछन्नांमनी ||उपाएहरीरेया रहेछन् र ॥ श्रूयाटुटरना-पुरन्धारछेतेनाम-||
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||३१०) सुपारंपीतयशस्त्रग्रंथ
नेवांजसपनंगयांग र अश्वश्रणयीमुर्णितनामलगुरू शंडलगने अस्थीतीतयेगांपन्यीत अतीपातन मजागनतेलगोन्प्रास्ट्रीतनेक्क्रछींनअंतरा
गोरध्वीयापारमुनामतुल्यलसागपारी रियाऽह्यायेलेरोन्नेपियारोन्___ अथ स्पीटुसहोयतेनांक्षएक लागेअंगणीपीणनैपनितांयायेगरीर पर पाश्चनीपीयाधायेन्तन्तेमाशुनप्रगरयायेनाये निपडेरात्ययसपीशरामस्नानालेरामोन्र रेपास्य दियासातलागी मांछुटीरतुस्सीसमन्ने
अचलग्नरोगनाइएसायलक्षएन अजीमहनेय्यरसस्तस्नायुषणरतुने प्रया नपेयीरोवायुन्तेमाल्यरतीस्वारगेयामपुखी मन्येलग्नरोगीयज्यसाध्ययीजोमयेपन | अपलानरोगनेहराउटुटेलुतेनांअसाध्याय सिएगा उपानमुटेजारमेसेसमीछुरी जयाये मुस्ताटेलयडरीटुटीपललारपुरएपडोश्य टिपेरतागो निएरीगुरे यायेमोहपापोरन
साऽगयुरी
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सुधासंगीत वैद्यशास्त्रग्रंथ (३११ अंधाशसर्धन्नय वधेवैऽप्ययासन्लग्नरोगनांच साध्ययलक्षएालाको
अथ पुनः श्रसाध्यनांलक्षागना शीथीस जघनांव्यापछी डागांय पाछोरे गोवाग्यानगी द्यतेवीशयनीउरे जायेमंय जोरापणे वसेतेनगोचाधागो असाध्येलांग योन्दुखाला संधीत
अथस्थांनप्रत्येगोर हाउमाचाग्यानाची न्हन्स टुटेइंडडेलागवु जेफुसंधीरानमांगुण लागयक्षुवीरो परीक्एयिस्थानमा टुटेऽसंधी ता नमीस्थांनतेलय प्रांयापीडीसुधांस्थीयोन टुटेचकतेयायछे - १- स्पाणारीगोनाउछे गीरो रीतेनोपडे लघुतनी पंक्तीयो जशीन्नयतेनानन् करमोपनालेरपी शाहीनयैलयछे रेवाहादुरखा स्थणे. ह्यांसह तेयायछेन्
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असलग्न रोगहरुहुरेलेना पीपाय प्रथमगोत्यलाग्येदुरप्रस्थीनंगी- तर्तरेऽयुतेना परशीतलपांशी १·सराच्यस्थीमांथीपावा का स्पर्ध-हाडमांस पश्वी हेमेनमणेनतन्त्रिण तीशांएगोवैद्य नेतेनीसावे प्रेमांगरीत्ये घरतो
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www.kobatirch ore |३१२) सुंधासंपीतवैद्यरात्रय पारोशंगावे पारपरयमरोइओराधीनोश्यो शीतगओराधीनारपसारतांहाएरवोन्ह परम यतुरतापारामंपनमायाये गीयीलरेहेतोअस्थी मिमगीनयेन्एन्ए माघेतोसोन्नेतर्तय उन्पीकरपयेनेत्वयाचीशमौवहनन५० हजे डरनुस्पानडालपत्येशीलोन्समधारणपाटोनैत गतयाटीलोन्लीलांप्रौशररेपायेशीपरयाये हाइटुट्यनांसोधोतर्तमगरीन्नरेन्द
“ीपाय हा टुस्पानोसाइपियानो मामलायेसोपीतेपगमाखेप रेपारीने तेरीतगणमान् रेयानासंघायन्नहांश्रायुरापुर खुन्तर्तमटेहाऽगमेतेषुटुट्युन्धरा पीपर यजीने एसाठीयोमा परयमपीसीपीएपये साबणयोयागतमामेणपीलेपरेप प्रयोग रापक्षधपसरवायाये एउटुपसंदीनुष्टमी नये. पायत्रीन्ने एनपीष्यणा लाभलेनीहीनेन्वारीवसुतेपनीमांद्यारीलेपन परतापीऽवासद्ययेगीरगेछ रेपाटुट्यांप संघीम गेछन्२.न्य पायगोयो रा धौमागेसा ||सायटीतेलीनेन्मेपतोलोअधोगमएमा
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सुणसंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ 1323
आरपीने
तैयारेयेमसातहीयस रेवायाये- उ
.
दुराने संधी तर्तमणीन्तये-जा डीपाय पां यमो । मेहालाडी श्रांमणां तस्सलीने शीत जननमांभर्हितांसेपीने
रेवारीयेष्टसौनां
नीवारो दुस्पांसांधे हाडसंधी रो उपाय छठ्ठीन ।। होरो ॥ मीम्भैमांधामुल नी वासलारमयेजाय टुट्यांसांधेहाने-पी ज्यापरमपणाय
अययोस्त्रपारीजानेारसांवांनांसारां घेतेना पय घृतने पुष्ठार्धनी सरवेवस्तुजायन्तो फ्रारीपीक्याताएं सधनुसंरन्नयन्न
अथ गोस्वागेलाने पाटलांनश्यांतेन दुनलुमुष्टर्ध-वीशय सुंग तडमेनुवेश रेडरोशरछे उस्येयोट्यधारांचे त जामनेयोसानी पीतेपुरनियछे रेवाब्रद्धरे रोगीने घपाहीनते थायछेन्
अमुष्य हानांस्थांनन्ना शीश कृषि फापेछीपसणांतेस्यगमां वासरमांदाड | नयांसंपीजनमानस परजीमेनांमंधननीयं तेने मांसवीरीने धर्मनांधीयुछेहेने २न्योट्य-||
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||३१४) सुवासंगीतपैराशास्त्रग्रंथः । वागतांदुरेडेतीतरीलयेरेवालापीपगारतोसुपी योपायेउना शिपायसातमोगपीणी शेडनोयुनो थालनीत्यपये पाये रेवाटुसाहरानीपी
सपगायन । अयांगमतारानीगोत्ययाण्यानोपाय मेयीमेशलाडीनेसुलीनेन्पीश्रामगांय्यारे नुगुरएशोन्ममापीगोमुत्रवीरोलेपनयायेन रिखामताराांगतागीपीयान्नये तीन ग्नरोगलसगरीपायसमाप्त । अथनाडीबागरोगनीपीत्पत्तीलक्षा रोपायला गडगुमनारोगतेनाडीवराजेहेछन | भूधनारीप्रपनीसीत्पतीरधवानी प्रएअपड्यन्नएीनेनाओरथयारे पश्चीतरी नेपामांगीलयेपन्नारोलेदेनगानगाह प्रियायेन्मारनाहीवागतेनेमुनीयोगायेर
अपनाडीवएनापन्जारछेतेनामपातपतिएयये सन्नीपातबएन्नागन्गोटर यागपानीपछी पांगेनंतरआएयन्त
अथवायुनानाडीवगनालसागर ||सएयाननेराणमही मुममारापीब्रन्गत्ये
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सुधासंगीतयैद्यशास्त्रग्रंपैः १५ जयार्थधातुं न्यायुव्रणश्चंशेर अथ पीत्तनानाडीनानांसक्षएा. अशा तावनेाहमही डीग पर होयपीत-पीत
नाडीव्रएापार-येतुरतपशिीयीत -१
व्वथस्नानाडीप्रएानां लक्षगन
वागनामुषमांसोहीसाथै रेसुं घाटपइने स्वेत रंगेलरेसुतेमांपीयायेल्यरात्येघोरी-ना ब्रएानीरीत्यले वडेरी १
अथसंन्नीपातनानाडीपूएानांलक्षए.
A
ती पहने स्वासमै भुजगुष्पमुछविले वर लेरमानेथडी नगाएनीतेणे १ पपारावे नही रेपारोगश्पेश्रे - सनेपातनांनाडीव्रएा प्रारी प्रांगनेतेहरे
अथगोट्यागवानानाडीव्रगनांलक्षागन गोणीतीरने अंगमां गीतेनथीनीसरी उठावेकी यापांनथी रेपेहनाते जरी१पपीयावाये। ये हुसायेनहील्याह्यरे-रेवायोधनांवातेन्द्र क्यो सेवी हेताह्यरे
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अर्थसाध्यनाडीबूएगनांलक्षएा. सनी पातनांनाडीव्रएण ते सारोनवयाय जीन्नया ||
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||3१६) सुपासंगीतपैरास्त्रग्रंय. रसमिरे मोटामुनीवरगायन । अधिनाडीवएना पायरासुक्ष्मयह नतेमापीयापश्येहेनत्परौरायतेगने मरयासाइ एकरुणारयोहोरतएगापयमालेगी
येत्यारीनेबपनेमुनमुशेडेलीन्रेवारसीनोप योगौरायनोसाह्ये तेनापिएरोगऐगीपुरन्नि येरा पायमीन्ने मलाहगत रगरमागानीबासीने परतीमयमांमेगची सच स्यारोन्तेवगनामुममा मुरेसाईयायेन्तोनाडीयन रायमरीसरयेनयेन्रन्या रायत्रीने युगगसीरगी लानाडीग्रगमाह्य पीप मीसरषेबरोएरऐनास्यायन्पा शिपाययो योगातलमलग्नेयतमपिीनोहणारखेन्तेवा रीने पीत्ततगानाजीवगहेन्डेनसवारीमयमेणवी ब्लेखेएरेन्तोनारीवएश्टरेयासरवेनीसरेरण उपायपापमो रामघरवालयगतपीसवेरे नगपीनेनीप्रपनामुरमांवरेन्सन फुटरोयपतेपासावरान्निरोरेपारसीमशीन रतपीपायेसुषयारोन्नता पायो सालणारज्यमारपीलोरंगले प्रेरसारले
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सुधासशीतवैद्यरास्त्रियः ८3१७| स्वेतलागसणसरसन्न्य स्त्रगाणारीगोय तमामरानऽरीयेन्नाीवएनाइएपीपरन्नणयी|| धरीयेउन्लनाडीयएमुमक्रमीसोनारा। सोनेपामेनारिसपाटेपलरेन्टरेशागरीप पारश्रेतोऽगयु सर्जिशधिगतपकतनीमांसा उयुन्ए तीसर्जिग्रता । अरयागचीधरगमस्मछेनातोला लमीए सतोयेडोतोलोमीरागसीएणो घरपरोसन्तोलोतेपण्येरू मीणपएसपीमरन बहुपच्यानीरीत्यरेशन्तीय वस्त्रगाणारी तेहगुम्याएरगम्य-छत्तोलामनगायविषयक तेपेहेसुन्न्ते मांनाणीमीएपुरणपीगगापीगगा पाहे वरुणगाणसांमानपछीतेमायेलेल्टरी येलसर्प यागासेरीये रेशीलणअनुमान रेमरनारीयेन्एन्पारये सोधाग्युरेरणथील्यारेन्बएपीहारगमल्मययोसमजोतारेन्दन रेवायोपोयूएएसरयेयेगीभये महतामहर्षिपची | रोगरलगाये । सीपाएन्टअपसुतराग्लेपनगरोग पिरल्यापारोगेर सोध्यालेसरपालीलेन्मे
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३१८) सुशासंगीतपैद्यरात्रग्रंथ. सरप्पीसीहोशरतपीहीनेन्सन्यत्रैएयेसरको पीलोतेहरो तेग्यारेनीघटनरोपलमांश्रयोग रन्तेय्यारेयीरयारघरगुतगायतऍन्योऽयाडेप्ना समानांणी(पघाएं पछेसीमनापत्रतपोर सतेलीगेन्नाम्यघरेतमजुममलेमशनरिगेन्ना यतौशधीरसमेटियसनलवरयारी लेपरेवासु। तरानागसरवेन्नरोप | अयमहामन्यमन सिनेमुस्ती मरेटगा नीबसाल,मरी पीलोसीघषोधारतालपन्न गगसीटुरटंए इनडोरगुंघरयेगी रन्नेतुन टियाइन्सपेतोपछीहीगलीहरीनेन्सोध्यो। गियासोसमातुल्यहीने लीनेसर्वगाएमापे प्रिटन्पछीमीएलेस्वेतगद्यागभ्रष्टन्डन्तली एतेसोरेपस्त्रगागन्गीयतपाशेरीगणरागी पपीऔराधीतेवीरोनाण्यत्नाई हसावीन रिसर्यनीयेऽतान्दिन्मलेनल्चीरो हीनजेनेर
आगीन्पछीशपपात्रेलरेतेहएन्जन्समग रास्वनीयोयनोप्रएचीशरीरेलेपपट्टीमटेडन टिलारीन्टन्रीरोगपोटपमाहास्यसकाउन्भ रूमल्मरेमावाणीनेमराडेन्ट
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सुशासंगीतपैद्यरायगंध. (३१५ । अपितुत्य्यारीमल्पमन्पएरोगीएरन मोस्तुत्थयारी पश्यमन्याइपरीयेन्पछी कुत्तेसा ||मलागेसरवेरुरीयेनन्लोघरसीघस्पेतोने
सीपुरखीरे हगणोज्ने मेरसारतेमाहीर रिपीलोपागाणायसोनेगा औनीयसौसम। मीगतपासतेयेगांउगायनुशतपावर शिजी यस्यपणतीन्तुत्पपस्तुनेनांज्यतप्यादीनामग तीन्तन्वगतीनांनीमीएगश्रेऽरसलान्यारेन |नान्यसरीसांमांनपछीयेडीवारेन्एन्रीयेत लपयागशंसनामांघीयेशीतगनणयीपुर हियेणीनांजरीयेन्युल्योश्रेसोअप्ठयारमयी साइन्हेपुरीपटीमणधीयगमाइन्यांतीया धिरोगरेवाप्लेहेनायियो पैद्यतुगमेयवीरो जित पियारह्योन्ट | भूयारएगीरेपानाहायतेसा श्पानोपायरागतयायोशणांभरी येलीने तोलातोलापुरपयाधुरीनेन्न्यायन एयतय्यारतोलातान्नुखेपुतेलय्यमेसीय्यारा तोलातेमांचुर-लोहपात्रमासरतेयेऽग |शहीनये घुरीपावल्लरीमुरीहीनेन्गुन्हा
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||३२०) सुधासंपीतपैयरात्रग्रंथ यएगेमसगेतोपेहेरमरीनयेन्रेवासमेसोई मुंनी|| गंगायेन्द्र । अयनीमातीमल्यमराएरोगपिपगा शिवापरना लीमपत्रसोरेगारघ्रतपान लीले लोहमांतेयतनेतातुहीनेन्तेमांतो लाय्यारराणवारीघरवीन्गायतगागृतमाह्यये रस्तेऽरवीरन्सींमपत्ररसपछीनाम्यग्रता मात्नान्सिीमागीये नायकुतेसाहाण उन्मोस्तुत्यषोपारशीघशयोसारोन्तीला तोलापुरनाम्यसमलीधारोन्टन्रीयेऽछय सिद्धपात्रेलरयुतेने पट्टीरीनेमास्पपीरमगनी लेनेन्पन्पीनरामययोवएतेहरेरासोनाशोछेन सीमादीश्रामल्यमासअल्भारोछेन्दु ॥ अथवणेजरीत्यांत्वयारंगारीगयोको यतेसरणीश्यानी शिपाययमबम्न मनरागलामीलयरूणरजीने पंप्रमाणे गायत्तग्यतमहीीलेपन परपसुमयमांच्या घुस्पटीनमेपलमेन्पछीत्वयानेलेप्यत्रीमान मिल्यमेन्शन्यारसी नीरसाव्योमारगसन
शेन्शरीरसरमुतेत्रएस्यांनभ्यारो उचा
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सुधासंगीतवेयशस्वयंय. (३२१||
अयनगंडररोगनीपोत्पत्तीलगगुयीपालयअंगुगे सरेराशियोरेरमोन्हीसेलए गलगमध्यनो गयेणसीतेन्लेरमांन्तेनातुल एएसुरपिछीरीतेन्नयछन्अयेतायीपस्तसप रोमनमुञायछन्रन्सहीनाक्रतीतेगुनीलगंत हरयनोमन्ने प्रशारे परीपंगवायुलसगांभन्ने उन् प्रथमयात.पीत्त इ.सनीपातने गेटैग्नु लगंधरतागुंलांडयेलरेखुमरीोस्रनुन्हन्सर येशस्यमों समेतेपीयीश्नेन्रवारोगलेगी
न्यनो च्यल्लोपेनेपन । अपरायुनारीतयोगनालगंधरनाललए। गवानलगहरातेपायीनेयायेन्जायसुनेलुनु जालोग्नमण्येन्यन्तेनोवायुशेपीतपण्डुप्पनेच साडेन्मस्तीगुमय्येवगनूंगसुशहान्यन्तेय गसमायनपुरोपिीनवगाये जमावरेतेपारने पीराधमायेन्तेनापतीने पीरपणीयायेन परमुत्रमणवीर्यत्यांकानेन्नयेन्टन्सारणीसर माछीपोनागापाटये समजाव्युसम नैयेमर रामाररेन्परेवाअनीलयीप्रगलायेसमनीखी गितयोग्नालगंध्रनुससिएगीषुन्दन ॥
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||३२२) सुशसंगीतवेद्यास्त्रग्रंथ
अपपीतन-धीष्टीपलगरनांसहएन | गरमरस्तपापेयीपीनपरोपएरेन्प्रेशण
गुस्थीतेपासुखालश्रेपन्ततीपारितेमहीपीगर |मपश्येछन्नीरमगनरश्रीपारयनीपीवाडेछन् रेवागरनतपीपीरहेछ- उष्ट्यीयनगर|| तेवी छन्
अपनापरीपापीलगरनालक्षणय छंयोग्य अंगमेमुगपुरयडी यूपी सुगरे मनोये यगोन्गेल्यपधारेनेटभीतम|| स्वेतस्वस्पटीशनांगोन्नीत्यश्रयेनहायता
येठेययुष्ठुमरंडेरांगोन्मष्टरेवापतीपीएन्युयेनन तेपरीयारीलगरलंगोपन । अपसंन्त्रीपातनुंन्संपर्तलगरनांपा सिएगहन्यगुधयिषगणनेछेटेलाणुन् एप सुपायेगारयनीपीवापाणुसन्एगाप्रपरेप्रगत्तेच्या माणसायेन्श्रव्यारेतेरामनालीसरभुयायेन्स नीपातथीगस्युरेयासर्वगएरोन्सप्नुपर्तलगंहरतो
अपराकाथीदागीने प्रगटेलुन्मपा संतीलारनासलागाए अगुगणे
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रयः (३२३ गुद्द्यीनीश्टडै ईरशट्टीङ्गयागतां देशमध्ये देवसु कोदैश्नमतांलागतांनासुधर्धपाडेपछीतेनु पनेनीसरे जीलनगायेतेी एएएसांपूगरजा लंडरेशन्सरवेश्रवेनेलयने रेवासतेलिययन यां सीन्मार्गसंज्ञी लगंहरनासक्षएगेतुना प्रथसंन्त्रेपातनुंतधारास्त्रनुरगंहरसाध्य होरालागांइटेमरे उश्तांकुरीपयार संत्रीपा तनेरास्त्रनुं तेनोनावेपारना डोगध्येर्मनां प्रौ ढपुराने यायावेतत्वत्तपाशीने ऐनारसुतीपान
युशुरु
व्यथलगंहररोगनां औरायजीप्यते पीज्यातरतलगंहरनीन्नगीची तर्तनीमुवी तेस्थांनरदेवी सोही उरावेतोते पीड्यानवन्नमेन वातेपात्यानोमारगनययांमे-१॥ दीपाय लगंहरनो सारोडीनड गमो सुंयत्रएयेवांनां -तेमांवानांनांप्यसहीशेमणपानांवरेवा महिना महमदावीलेपनथाये येतुलगंहरतर्वरामी सरयेल येरवा दीपायर लगंहरनो-महुडीतल ने सीजताएगी छालीसीने शीतमनगमांयेत्रैएये मरहनडीने रेवारसीमनुस्मरणश्रीलेपनथायेन
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||३२४) सुरासंगीतवैद्यरात्रायः पएगीवनगरपीत्तताऍन्नयेन्शया रिपाय उन्लगहरनोरापानग्यमेलीनेपानां पिरपमहान्गणोसुंपसीपयांऐनेणांऽश्यां
छारापीरोपरतीनेत्यांसेपनयारीगरेवापीय लगहरनीसरयेन्नरोरा पायन्सन्लग रनो एयनेगरसीयपगुगणलेज नरपानांवारीनेजमध्यान्पन्पछीघरारतमा उत्तेलमहीनेणनोलागमणेतारेतेनेलीलेन परन्तेतेलतुंश्टवीरोमरास्नगायेरेवानगर मरीसरवनयेन्डमा दीपायन्पन्लगहरनोन या युगगत्री नापीपरयेयुरगारी पातोलोरेरित तणरणनीसारियेपीले रेवामासीयसयेरीत्या
यारोल्सयलंगहरपीज्यमरीसरवेन्नरी२० स शिपायान्लगरनो सुजनस्तरीपासे नेमगीरावेवणनामल्यमह्यातेपट्टीपरलायेन पन्तेसोपडताभएरेयासरवेलरोन्परमलगानी पीज्यापातनयारोरा दीपायलगार नोतसोपीलापरंतर्तमख्याडीनालीनेन्त्री गानारसमांवारीलेपनीको वृन्मटेलगंरउरे वाडीपपारचे परमप्राश्वीतीरोगशिपाय अनंत
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__ सुवासंपीतवैद्यास्त्रग्रंथ. (३२५/ हरेरा दीपायरन्लगहरनोन्यपुर
उजल्याहीनांरवाडीने लोहपात्रमागायग्रते |घुटीसीप रेलगहरेलेपमरीव्याधीयसमोन्ये पारसीरामेन्नेलगनश्रीरसमोर प्रथा उपरागरस पीपायलशंध्रनोरा पारो तोलाजेनसुहसोध्योलीन् तामशरतेतीलाग्यो रमहीहीनेन्मन् कारनारसत्तेशीपसमापर योन्येऽपससुबीतेनामलरयोरन्पछीतां नसंपुरमालरीनेतेपदी मध्यलाऽभांमुझेयेणुये। चीरीन्उन्अपोहोरनातापतगेसारोगाये शीलणस्वांगययेवगतीोरायसाहायेन्यन्तेमा यतमयरंगनाप्पीनेबारे अग्नीपरपीरागेरका रेलारेन्पत्यारययुओरायतेराप्तीद्धमती मयनालेगोलाप्यतपगिरीएयरती. एपीपर त्रीयाध्यायपीयेपथ्ये पाणेन्डएलगतेसय सीरागेछन् परमसीपीपायसुझसमजीरोही छपराकारसयेह रेवारीरिजेदेछेन्टना प अपरीसुंररसलगंररोगीपर प पारोतोलोये ध्वीगुपगंधहसीनेमलमांपरन तीमुमशगणीतेहीलेपन्डुपारपारामाह्यपी
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|३२५) सुयासंगीतशास्त्रग्रंथः तिमलश्रयो परीगोगोतेताम्रपडीमात्रयो
पडमारीतेऽरीराम-लाइनरी मय्यमुंडी निरामयीरीतेपात्रहरीमन्परेतापयेइडीक्सस्य, गरीतनयायेसातलावनाग्मीरनारसनीपायेन्टन्रतीतेहरसमययतनालेगोजाये मुंग गोससाएतगोरसगीयांगोपायेन्पन्गणी चस्तनापायेीयसेनाछोरेन्अडेनहीशीतगा लोगन वीरेन्दुतोपीराययेरीत्यमास शायणाये रेवालगंधरश्वीसुंदररसयीनयेन्न
अथलगहरवाजानेवारलांयांनानारयां गलडैमेस्तेयोपशियनयुभनणानहीन्गमेते (पाशुल्यमा पदीअश्यनवुनही पन्नगरमा स्यातेपछीवर राहीनपामेश्यअसाध्येशरीरोग येन्पुरगपापयोगेयेयुरन्स्यालेरसीनीऋपप तेनेझुणयन्नयछेन्मरेअविनाश्यपछी गोरायछेना तिीनगररोगतसएरिप गारसमाना ॥ अयरीपचारोगोनेशिन्गत छेते नीरत्पत्तीना चीशयहस्तीयापही नम नेवागवेलघुछीनासंगपी स्वगारक्तनेलागा
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__ सुशासीतवैद्यास्त्रग्रंथ (३२.७ येनन्धोतरोऽमीयो स्त्रीनाडेशपायपिही परयघगाभागस्पेन्स्त्रीनेलूएलाग्याथीरपण मैनेतेश्री नवेचारमांगीगढी पीपुलीगीये परेरोगमुंशहटीन्प्रशारेश्रीपंपान्त्रयोगिना तेगगोन्सनीपातनेोयनो उद्योपारपीज्यात लप्रतीपीछेरोदामांनजंपायमांगरीन्यारो गपिशना यापेरत्नेश्वल्पल । अपवायुनारिपरीनालसएका लीगेटीमांगरमनीपीयाशयेन्तेशीनेतांगा
सांयायेन्पपीज्यापारवनीनेनरमगहराया। योरेपासक्षगवानोडीपहरायोन्र । । अयपीत्तनापीपरानांलक्षागना२, समापायपीगांगसांमोहीरोपनोलागीदार एगाव्योन्यमयेधहपीज्याऽरीनेअती शहरलागी| पणापेराव्योन्साससुरंगीसेसांनसंरेश्रो तरीनेमसताव्योन्येरवलिागेयोरेयारोगमापी ततागोरीपरीषताच्योपन - अपनाविपरीना सक्षएन्जन
मामांगा होयघएगांसोल्नेलारी सणसान || घाटपळेभान्नरीन्ग्यारेसमाटीगानीमातेरे
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|| ३२८) सुशासंगीतवैद्यरात्रयः हेछन्वाये नोडीपटाचीहेछन् । अयसन्नीपातनातीपीनांखलए । वीगाग्रिीमाययुरष्टेलागोन्ये पुषारसायेस सक्षगवाणोन्न्त्रीएयरानाप्रयङ्ग्यवराया साहीन्नेहोयये पुश्वमोसोलेगात्माईन्रवास सीनीरीत्यरहेमध्येबापो सन्नीपातनोरेशर शियियोलगोन्ड । अयतीपशप्रसाध्यनांलक्षण लीगेशिनुमांसपोछुयायेक्रमीपडेनेशीस गणीनरेन्पन्नवराए अवरोगनसोलासेन्या रीन्तेनपललाजमणेन्नेरीपयारीन्न्रेचारोप नाशेग्नहरेआपरणेन्असाव्यये पीपराधरी नीरोदरऐ उना पुनः असाध्यतीपा नांखसागा पनेरेशपर पीपायरीन महेन्ररुपीरीयमांमजक्रमीतेमाद्यपरेपन्गगी शिसोनय मोडल्यमहीयेन्रेयायेरीपशिथिये खोनवलरेन्शन
अय.सीपमालीगअर्शरोगनालस) सन्नीशियेशपरीपिटे यांना रसमा पांडुरेसान्तेनाइपानेाटेन्लेल्योनरणी-||
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्री (३२८| लासेनेतांकुरकुरनीम्लगीसरी-२ लींगेजीयअथवा संधी नसमात्ननिपीड्यापारवनीलयेजन घलरार्ध उीिरजोयेरीत्ये हुमने देछे-लींग शिशेवीहरेवातेनेदेखेन्द्र
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अथरीपदंशनेयांहीनोरोगतेनाडीपाय शन्दगिपरायियोडेतर्तनगोमुडे सोडावेतो व्याधीनुंजरे १ नापश्चाहे तोव्याधीनाशील येरेवायेीपशमरेनेसुजयाये- २० ॥ रीपा यजीले २ रासारोडीनांमुण गणो सुंगी जीने पांनमरेडीने वडनांडुणांने १. ते सीम्रणीने डीप रायुधेशलाडी रेपापीयानाश रेगरी घाडीन
प्रथीिपदंशनोरिये सोन्नेयढ्यो होय ते नोडीपायना घानां प्रेमणपत्र छाल्यहरडे जीन नेलंमुडोमकुडानीछाल्य पेछीपीने १-लोहर हणहर संलागेनणमांमरही लेपश्रेछेत्री डीपहंरात एगोदरही २-रेवारसीमनुंस्मरणश्रीवस्वासघरे
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तीपत्रातपोसोन्नेसीनाश अथैलीगेनीयपाडीशर्धहीयते मरवानो उपाय- ॥ श्रीमासाय्यैलांगरोग्यलाई प त्रस्मणनांतेपणेार्ध तेएये घोडेवारीने जेपया
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andmaree
mararee
||33०) सुशसंगीतवैयारुपय रोन्तोपाग्यानीपीए सरपेपणारोमा पानी यीपरानोन्प- जयमोवाटीनेलेप जनन् अययात्रीयामागीनेरामलीगन्मय मांमरदीईपरसेपयायेन्लोडीपाशी पीऽवसरखे पायेगा पायरीपरानोन्पु यकी नायेऽरंतरे नुसामनेननलेन्तोपीज्यापिटपोरी नीतेग्नमांनारे पन्या पीपायन्सीपरीन नो पहीमलहरडेतोलाप्राऽप्रयमस्वीरेन्यो गोऽयोतीलोयेऽतेमाहीचे पन्मोस्तुत्य तोलो येऽतेमायुक्तरेन्यागागपरतीनेतेपलमाह्य धिरेन्सौलीषुनीरसतेनेनुगतेणयो सुम्यने | रडे घुटेयेमताहाचोकगोगीश्रापरतीमा छ । तोखेरची-पुरगसुश्त्यापाछगतेयापरवीन्द्र सीमांगोगीयेऽप्रतीहीनन्नेमायेन्पलिये सेव्येत परमटीनयेन्एन्पय्यपागेसुमुलोननदीमा रोन्तोरीपरीतपीपीज्यासरवेन्नरोन्५न्य / पायन्टीपरनोवामोरतुत्यतोलोयेऽमेश्य योसीनेन्सोपारीनीरामतोलामेअरपीगेपन्स महीनोधारतोलानेतेहरवी ग्यारेवस्तुपस्त्रागार गधुरीरवीन्तीपशवीरो मेतोऽएहरेन्रेया
ramanian
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सुधासंपीतपैरािख्ययः (३३१ सुमयारानांसायनसासरे उन्या शिपायन एशनो पारोगपडसीपुरमनीगनेहरा ताणन्त्रांम्रपात्रत्रामाधुटे प्रतभांघुस्यरसागली प्रतमाघुरपरसाग धनपरत्येन्नरे गोपज्यया हीपीपी पीयसरपत्रपगारोन्यासासीद्धा तमराडेरघरोइन्यासेनातेस्थानामपि डेरेन्द्रअयगांवीनारोगनोपशानी शपुष्पापरपडे यत्तीयोगीहशीथायी चाउरे गीगीतवीतेहप केनोपीपाय॥ प नागनीरत्न पतोलाआते हीमलसैग सीनेन्रसपुरग्यारत्तोलाहीको मोधरनी सीघतोलोमाहीनेन्मरीन्नयोग येणडीए लीनेन्रन्सदीगत्तोलोयेतेमाहीयरीयेन्रीत लीनुनारसपीोपुपरीयेन्डन्सुरेनेमलेयेन रीत्येपल्सर्योन्गोगीयासमेनीतागोनेऽर्यो। टन्सां नेसूपारेरोगोगीकोन्तलांग निपीतएएंपेयरी परेवाप्रारीत्येसाती नसणसमायन्यांधीप्यारपतएगीसग्रन्न एन्एप पायजीन्तोलोलेमो घशीएममएीऽध्यमखाल्यन्तेयीषमएरोग्ये
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||३३२) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथणसे गोणीप्रान्वास गोणीप्रानवास सवारेसांभेजाये. गोकीजैपाशेरन्गायनुं से तांपायेरेवायौहमेदीन सय्यीयांहीयाले मा मारुणायतों मृत्युमारगजासे पी पायत्रीन् ॥ साउर मोरयुयुलावेलुलीने - हीमल्यमेसमीसोंसीपुरस्सीनेमली नेपणानेचडीगोणीङ्गरीयेादातीयमांप्रातमां मुज्जधरीये गोणीपर पूलानीयगाहाज जायेरेवायांहीनेनरियाये-उ-॥ रीडा. रा दीन-१-पाय-रीत्येतीव्याधीमरे - मीना
सरवेयश्श्यां घीर्घजीराडी जावी तीठीपांश रोगसक्षएगीपायसमाप्तः अष्टरोग-१८ तीनाछेना अष्टा ! शिछे दुष्टते पियारेनान्नय मात्रेतेलपत्तोन | श्री सक्षाएगडे रायपु अथमारलाशेगरीरीनेमीलनेमाहाले छेतेरोगनांनांमना परस्परमणे गात्रयवा वस्यतेनांघरे रायनये राज्यावीशेन्थवालेकुलो बनारे१गरीयोपडे इरमशेपथेन्नयछे डीशेगते अन्यनेन तो पलमेसाह्यछेन्शन
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्र (333 ज्वर दुष्ट. नेशीतमा. आंम्योहुमती. शोशनोंपकी रानशेगलाएगीन्तेयोगरमीनाहोशनी-उन्नेयुपाप सांसर्गनुं समीपेग्ह्यायीनडे-रेवारोगतमसातयेन अन्य नेतेयन्त्र
-प्रथसीतपीत्तरोगनांसक्षएान्ता सीत पवननास्पर्शवये पीत्तमणी त्वयावीरोगग रश्रेथ पुर्वजणी १ सीतपीत्तनुं पुर्ववरासुंहावे- शासी पंयपीयवांतीप्रायेन्नरीरला सेनेत्रसासन्यानेयाये सीतपीत्तनुंइपरेवाशंकर गाये उन्
अथसीतपीत्तरोगनांलक्षागना घाएगी डीडीयोअंगमनेने घाधरोऽते शरीरभायाये तेषु त्वपाराङ्गासरणीतेनीहरसावे. पीका मागांताव यैच्यतेमांच्यावे राहधोयेचायुधी प्रायोलागोयीनंमेरी
अंतरांगो
3- शीतपीतयेशीमयातनगमांगाये. रेवाशी स्तुमांयेगहपहायायेन
अथसीतपीत्तनोले-मेढतथा रीमोट तेनांलक्षएाना चमनन्त्रप्रावतानेरोगे हेहेरौल्य घागी लालवसुरयेथाय पौड्याघांवर तीन
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३३४) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंयथोडीवान रही हरस्ययुनमरीन्नये भेटरोगइरीने शेवरी छतेने गाये तेन रोगभाल वेगापासे घराणे तेपीलो उरीरेवामुंनीथोवरागेन्दा येनाशपायव रायमनश्रावेशयेतोहरहेमुहारा रेवीरे मनपछी सीतपीत्तसौलय-१- दीयायन्त्र । परोणवेलासीमछास्यन्शुसोले श्रीजा गुग पीपरपज्वारीने हे रेवाशांमशंभुलहोरीनेशन यनीती-तनुंष्टययेसुंसराहना पाय-उ- ॥ऽयुतेलशरीरेमसकी हेलंगी नव रावेयोगीने कुंनुषांगीन्त्रीकाममा पैदा चेमुजवायेारसनेलुंनो गुडमेगास्चेन्उन्य पाश्रमणां गोजयुक्तलक्षएास्तां-सीतपीतसंग रेवायांमेहरतां.४ ॥ ीपायट लेप्रयोग अनमोगुडसीने गोगीरांनवनीशरीने १. टंड जेहीवसपंपजवाय सीतपीत्तसपीसंरन्यन्न रा दीपायल्या सरसव हरमुवाडीयानांजी नहरे तमयेभरही चालेलेलेपश्रे१रेवाले एगीयतहरशी डीपयारययो- सीतपीत्तराभवानेस छतीपायरह्योना शिपाय१॥ चनन मां नेदसांगलीपनापत्रले तेशढने
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सुधासंगीत वैद्यशास्त्र ग्रंथ (३३५ तणी पछीघुर जलमांसीदे रतीयेची प्रात्तमां न्युरुषपसोजायछे कमी पीत्तवीस्पेरोपी गर्मिनीलयछेर मसनवाली घीउङ्गरोग शपेही शमेसीन पीत्तरेवा गुएरेन्द्रशपीठेघ एटी-३
अमावणे हसीतपीत्ताहीशे गोरया प्राहुछोलीशेर पुराएगपाहुरीयेन ते नातेवायी नानापुरीये१गायतसंगत वीसवसुपरथमलीने - धेनुंपय जेरीरतवाडीपर दीने तमेतापपयनीयतेऽश्वाभावो घ जघ्रतेजोगी पयपधरावोन्-श्चमावोतेपथ नोहांएगेसरसलगी रौरजांनी भासणीस्थी तारती ४ मीनराजीरागवाएगीहरतां ते मां जीशियनांप्यजताते हे मान्य पीप जीमुगमरी पीत्रम् सुंडी टीने हेसरनागनें नागर मोय्यमीसीने दु तन तमासनांपत्र पीडंग हरेझेध राज्योरने येणडीले तालंर्ध-७ प्रय ज्वारीने पासणीमांतेयुक्तः सवासवाते रांग जताचीवस्तहरेटरीयेऽतेराश्वासंध्या जाये. सीतपीत्तनेरानरोगसरयेन्नये नसीह
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||३७९) सुपासंगीतवैधशास्त्रमेय हिमोढतयापीठोटमटेरेवा स्वासअग्रीवायुगुल्म रामवा या १० रक्तपीत्तनेजीरावर्तनेशरामये कमीशीइनेवलुपयांतीपीज्यघटेम्परेवाप रनारोगमरेसोरपायी आश्रममंडपणेहरेस) घणाव्याधी-१२ पायशीणयानो
नागरवेल्यतए पानांनोरसती माहीरन डरपरतीतनमनिहीने अपवाराणाया नीलेपनयाये शीणयातनुंटीमीरेवान्नये पीपायरीणयानो लसएपत्रीणा यारीनेमरमांधीचे पान्येयस्तसमानतएीअपणे शिनेन्पानोरायीअडयायानपरे सीतपीत्तनी-|| पीवासरयेनारामुरेन्सन
अथ धाम्बपीलरोगनीरीत्यत्तीना भरै लुएगणाचायती मोरीपस्तनालक्षागे गरमपस्त्या समयापारेन्चपीत्तमणलगे परेअम्व पीनगर तेनालेत्रीनगन्ने पायुश्लेष्म उद्याप तये त्यांलक्षएगेनांगल्योन्पारोगपीज्या लियो ह्यायोगपीयायचेन्रेहेये नातेह्यने में
पीगंयमांगायछेन्द्र |अयिभम्लपीसनालक्षगणाधनपरोने
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सुधासंगीतवैद्यशारधग्रंथ (330 याश्रमवायायघएगो चमनावेहा हैये नलगो. १. इडवानारागारमहीतेमावेश शरलाखे लोननमुमढुंडुनावे-श्रेवालस शारीरीश्वीभेने ग्राम्सपीत्तगह ढोलवन
लेने
·
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अयाम्लपीत्तनाभेप्रारछतेकुर राीर्थगामीमुनशीपणे रोगसम्णदेवाय धी गांधीमुणस्वारथीवैद्यपडीवरताय
^
अय परीर्वगामीच्प्रास्मीन्तनांसाएग ने डीलरीलीली पीणी राणी चेहेनण मांसताएगा जसरी पुरानीरममन्येव्याधी मां जीयोनर्धनेन्यारे. सीमगीयांती तीखीने दरडी
तारे मी गेलागवणी यांतीलेकोन्नये दीर्घ गामी ते प्राम्सपीत्तशेवी गायेन्द्र रेवाग नीगतीयो सार्गेशरमी पुग्ण्यस्य रिपयार प्रय मलसाएापश्मी
अथप्रयोगांमीप्राभ्लपीत्तनांसक्षाएग ऋशा चमननेाहमुर्छनामोहराढे इंग्भुखने ये वीशेरालदे अंगराही उतर जान्न तेथाये. जेनामनमां प्रेशरजान्न हरसाये हुए
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||33) सुशासीतारास्त्रायः थिएगोमेलाह्यभपीलोपनमान् कैयुटुप्पेतापी||
ज्या भाजीतनमान्न्रेवाललगतेरसेअंगेजा रिअयोगामीयाम्लपीत्तन्नगोतारेन्हा । ॥ श्याम्लपीत्तमानीन्नोरामणेलाना लेतेनालसएना माईपाणीपगापमु ने जाली यमपमेगुण पीरत्नमरीलागीपन मोहर्षश्रेयारांव्यवीरोभायेन् अनीसमग तोप्राम्सपीतयेष्टसायेन्रन्रेयाऋषीस्वरयेन ||शलसागडेछन्नीशनपरतीनेहीपगारपीछे | प्रथनाप्राम्लपीत्तनाललगना शरी रत्नाको ड्युडे अपीयारेन्राटवायनेयमनअजीमण सोन्नयेपन्यखुमारेइंगघएगी| नेमारहेछे आम्लपीतन रेयागंरछे-२०
अयप्रसाध्याम्पत्तनांसक्षागन्य आम्लपीत्तनोरोगप्रथमजेनेयायेन्औरयं साध्य शिश्वीयोतेनेगायेप श्रेलरोगामीपख नमेन्यारेन्ब्नप्यसाध्यन्नएीखेयोगानेतारेन्स घएगाीयसनांसमजेनाराभवायो असाध्य च्यायेअंतरसमजीवोन् || श्यामलपीन्तरोगना पाया।
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ (३३
योगामी
दीर्घगांमी आम्लपीत्तयांतीयेमटीत तेन्दुलामापतां सुपीयन्त्वर्तवाने व्याधी सुक्ष्मदृष्टीवैद्यनेमणे तोरेवावपुवरीजीवेदनास सीटी-२० ॥ उरपायर्धगांमीप्रात्मपीत्त नो- १॥ पटरोगलींमछाल्य असोयेज्वाय हेलरी वमन्यर्धनेत्राम्लपीत्त वेदनायशेपरीन ।। दीपायजीले-२ ॥ मीढगमीत ने सींधव अतोजोवारी मधमुडीपाडीयाहामध्येयापी तर्तयांतीयै अभ्सपीतपीयान्नरी-रेवारसीनों वारीपयारयतुरयान्
अयअयोगामी प्राम्लपीन्तनोपान य-शरा प्रथम नसोतरांमगांवारी भयमा गहियांएगालरनीत्यपी तोंव्यायी नवरेहरू ।। उपाय-२ ।। नवद्वेधनो अयवाता जनोतेवो दुरीसायुवो मांडपाएगी ये पीलेवो रेवा प्रयोगप्रेमांगरेलोने साहारी आम्लपीतनोरोगमरीयेयीन्नरोरा दिपाय नय असो तेन तमलपत्रो दुरीये चायां जैणां येगडी येशरनोरीये१रेवापीतां होरा वध्यामेसेपांमेामजपीत्तनोरोगरी मनसर |
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||३४०) सुयासंगीतवैद्यास्त्रमेये
पामेरा उपायन्ठ रागगोलीमनीपाल्या परोणपछीहरीयेयायवस्तुये।एयतागोसमते रीयेन्रेयामयमुरीतेपातसमेपाये महात्मयंर आम्लपीतव्याधीमयेन्रए पीपायन्एप आशीअवगेहतेश्राम्लपीतीलनमायेन्रेया रसीनेन्नेस्तन्नमव्याधीमन्नयन्पत्तिय अम्लपीतरोगत्पत्तीलसागरीपगारसमाप्त
अपपीसप्रोगनीपोत्पत्तीना सुगम रैनेगरमवस्तबेलनमायेन्तेनेव्याचीचीसर्पयेणे एयायेन्यन्तेयापीसातप्रकारे रसायेन्नांमनी, उपए तेरेवारांरगायेर. .
अथवीसप्रोगनांनांमन्यात पत्ति है। सनीतिनो वातपीत्तऽपीसन्नतनो यात रीवीमुध्यगायछन् गावीसर्पऋषीये गएारणे । अयवीरऐरोगनांसामान्यलक्षगन उह्याएथ्येचातपीत्तोपरी हबगाडे स्प निशातुनेम्वेशयरी पन्मांसलोहीनेगुकरीरीरा तएएडेन्नानीमोरीणसानेझेल्लीपाडेन्रन्ते एएगानुमंगगोगरीत्युपाये लौटुअंग वीरीतेरसाये उन्रेवापीछीऽयतुश्लग
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सुधासंगीतयशस्वग्रंप (३४१|| गिट्रियान्ससाघीसर्परोगतापांसामान्यांशी । अयवायुनावीसप्रोगनाजसएगना उपयरवेरायुशययीशेपेन्माघमारगीगीत पिलरोषोपेन्पगमेतेनगोहेमेशेल्सीयोनाहान ||नी प्रगरीमाणसाप्रेधांनीर इलयार्ग||
नगाडेयेनारीनरनांन्स गतेमांसमगेयातल्या रनाउन्सोल्ने पीरघपीने गेल्यमहीनाक्रम गाऽपाहायेदृहतगीपालन्टन्सशिरीप्रगना रेयेथीएघागांन्रेपायेलसागसोवानपीसर्पतन एगांप
अथ पीतनावीसपैरोगनालसएर पीत्तपथ्याशयीशेपेशेपमाडे,नांनांमोरागस स्वीरोहाडेन्पुरते सातापीयापुरणपुषणेनं पीत्तन्वरनांप्रागरलक्षएगसर्वमणेरन्तेशुगसमे येअरोनोमहीयायेन्योऽाधिनमाघएलिगोला चन्नये उन्तेरेसा होयलाखन्रेयालीनिष्ठरोन्नग गन्पीत्तपीसर्पतागोव्यायीयरतीन्नरोन्ह
अपनाची सर्प रोगनांखलए. उपय्येपी ओपीयोल्पीयापारयागतेपरेन्सी |एसाय गमेतेनगोयरेन्पन्अतीरोग्यपी
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(३४२) सुपासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथगांनमेयेऽलगेघएगां मनेसक्षागतेह्यमांसमग्रेड
इन्वरतांमुध्धीनमेोगमेरेवासुरम नष्टीसहे. वीसर्पयेोगने घगाग्रंथसरोहेन् अथसंनिपातनापीसपैरोगनांलक्षण
संनिपातना हीराकुपथ्यचयेोपी देखेमीनवीरा मगहनुहेहेमांरोपी १. शरीरमां एसांनांनां मोरांचा नरावारमाजान्नस्थगमा लान् एयरोशनांगीन्कुमहीनेतांवासे संनीपातनांलक्ष हालांसरवेलासेन्ड नेवारसी हरसाव्यांसक्षएा रिक्षा-संनीपातनांची सर्पतेपरतीनागेन्द्र
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अथवातपीत्तयीसर्परोगनांलक्षएा. नेपाल पीत्तमुपथ्ययी जेपीशरीरवीरो मेरे झणसां सरीरवीरोधागां पीड्याशिवायैारे पन्ड्रेलायते सोंगमां श्राग्नाण्यवानांमधीन अनीसरी जुइपतेनुं नामरेतेांमधीश ज्वरवातपीन्सत मानसो लक्षएगतपाशांतेन मुर्छाशानें मन्त्री धन्यमदुरीपडे-उलेमांमतीसा रछर्दि अंगमांपीड्याल स्टीमर्मस्थानमान अंगसौत्राधारांन्यावेश्रोप्यमाने लयसंज्ञासोरणी तेस्थान नगुसालसीसुन्धाय
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ (३४३ ज्यांच्याशी मणीन्पन्नापेऐनरेऐसीतनेश्शुमन हेहजगीलयछे मही स्वासही ज्यानी नावे ज्ञानसर्वपकायछे दुयेवातपीत्तयी सर्पनेस सागतपाशीनेलह्यो रेवाङगेनाहेवयी ग्रंथेच्वसा व्यायो
अधिवातदेवीसर्पनांलक्षागना वायुने इङ्गमुपय्ययी शेपीत यायेन शरीरमासांतेगांड समाधाये१ते लाये पारवनी पीछे नांमन श्रीग्रंथाभ्यमुनीतेनेरेछे घाणातेपाछे त्वयामांसनेनसनुंधीरजगाडे
पवन उमंगीले
समजायेने ते मरेते गहाणान्प्रागदारीहेरे गागुमानीमामान्यपीडयघणीने रंगेलालगा येछेन स्वासाने ज्वरच्यतीसारमहीरेछेप हीड्या चमनवणी मुर्छाने मोहघोलमशरीर नोरेलासतोरंगतागोन्द गोल्लीयो ग्नीमायान्निये वायुम्नापीसर्पयेरेवागाथेन । अथम्पीत्तनापीसर्वरोगनांलक्षएा. नेपीत्त प्रशेपीतद्देहवीशेयर्धने एसां प्रगट रेहेहेमां छांमारने पन्तेईसाताम यायाये- ज्वरनीद्रानोनारी पीयाअंगेघायेन्शन |
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||३४४) सुरासंगीतपैरास्यग्रंथ ॥ प्रणापतंशरायपुत्लारेलागेअंगेशासालुन अर्यायीमागे लेहाइटुरेनेअंमपगेजने पारेनीयो पीज्यापारवनीपाईन्टअंगअंगपी| ज्यानेणासाहेमोन्लासगीयांशगायाने || स्पर्शयन्पन्भाग्यपइरपारोनेसोनेलारीन चिलीरपायघागी माँडीपीयाभरीन्दन्नसोनी, सरेजेमारामयतरगंशी प्ररेगीरीणशयाना नुक्तावासंदी-उन्रेयाप्रावक्षागरोगवीरे रहेछन्ऽमनामयीसर्परीतेगडेछन्द
अयशस्त्रयागनेशायीकोचीसर्प रोगया| यतेनांक्षएन्य शस्त्रयोस्पटीवायुतेरेपी मणमे इपीरसमेतमगाडे पीत्तग्रहीपणमेन्पन्श गणसांमांसतागांतेततरेन्तेशेल्लारपीय पिइमैयीनीसरेन्रन्सोनेल्परतेमानेलोपनमा तागुरु आप्पाअंगतगुंतेचीरहरेशगुन्उन्रेया लिसगयेसरवेप्रगटेलारेन्रीस्यपीसप्ताएोगले पीयोतारेन्ट
अपरीसर्परोगनातीपश्यना न्यर तीसारवमननेतरीघएर लागेन्मांसवीप्पर अपीनेलोग्नलागेपन्स्थीरशुद्दीनै रेयायेगा
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सुधासंगीत वैद्यशास्त्रग्रंथ. (३४५|| आरेयाये. आठ दीपेश्वरोगवीसर्पतागागायेन्शन मृथवीसर्परोगनां साध्यच्प्रसाध्यलक्षएग होशतागाने भैएय पेलाउलान् मर्मस्थानेचावी नेनेरहेला मरवामागणीयते पुछे असाध्य तेगंयशरोवहेछे.१.
अथ वीसर्परोगनाडीपायन्ना चमन वीरेगनओशपीलेपनतेपरयाय रक्तस्रावे हेहनु रोगवीसर्पपगायन् अयवायुनाचीसर्परोगनोडीपायन्ना प्रथमरासना देवहारमकुडांसीने१ययमांवारी गतलेणीलेपनयाये वातवीसर्परेवालेभ्यो पलन मान्येन्य
अथ पीत्तनाची सर्परोगनाश्रीपायन्ना शीघोडांने नगरीयानसीलयसाहो-मणडी रतांही मनियायेनणवारीयोया प्र मांतेसेपघरे-रेवापीत्तावीसर्पनो परीतापमरे अथऽङ्गनावीसर्परोगनापीपायउ श्रीरेणासन्नगुने नेरनीबडले मनडाडीसंगन्यासातेमां रेवतेवारीनणमांसेप नपाये अनारोगवीसर्पतां सौहुजनयेन्शन
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||३४९) सुशासंगीतवैद्यरास्त्रायः । । यसरयेचीसपरोगनोरीपाय
नगर रागीयासरसतएर खेसारीम्रतांची नगरतेमाचारीपन्छीलोयागोयेगहीये मानिरीक्षणमापारीयतलेगीलेपनीलेपन सातेयस्तसमान रेवाओरीरपसारीन्सातेरोग वीसर्पतगासरवेनरोउ. । पायसरयेपीसर्प रोगनार खेअर सोनेपिय ज्यरीयातुनेत्रीणाहरेनी तमलीपछालीनेपरोगी रक्तगटनेधरेन्सन्येस्र खेसलागनांन्वन्यायसंगतीहरीन्सरपी सर्पनेघाल्चरहेहेरोल्यतेयारोपरीन्रन्सेसा नेशासांसोरामे पीज्यहरेशयातएीरीतीन युरेखेराने रेपारसीऽमुग्मेनागीन् तिीची पैरोगसमाना | अथस्नायुरोगनी त्यत्तीन्लोडीमा
नेयागानोरोगछेतेन्रा पीरी पीया पणकारीज्युअंनष्पापापतीप्रमणपायुनोचे पियैपीशालेतरीन् पगहायडेअंग | पीयासोयनीतेयर शेखोरीमगतरा पता सासमोनीसरेन्रन्थयोधारीखोगोणते सा
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|| सुशासंगीतवैद्यशास्त्रय. (3४७|| मीनरोषीलरोन्नसपीत्तपीशुष्ट्रय प्रारतेस्र पीयरीतुन्हीसेरोगोतात्यवत् क्रमेतेरीनी सरेन्टीनीसंगतेवींटोन्नपाछोरारीरेइरेन्टना यथ्योगीरवोयेतरेन्यतायेमसौनीसरेन्च यो गेसमोरोपुर्षनेतेउरेन्एपछीशेपपुरोगी पार टेरीन्नयछेन्यवालोपत्यांयीय प्रगर निगोया। यछन्दन्नसनीसरेयेहरे वव्यापीस्नायुतागो पीवापारयागयेद्यनी-रेवायेण्यागोत्नपोल्छन् ॥ अथवागानारोगनोसीपायल्पना शीगइप गयेमागेतेसाहापीशीतगणमापीयाणा|| नरनेपाची परेयात्रैएयीनयेममुजरनेन्न न्मलगीयागोनवपीतेनरनेएनयरिएरायणी ब्नेयागानो एगायतासंतनपरानीत्या पायेन्टेश्वरीनेण्यीयसवागटयाये पन्यास सीमनुब्नेतेमांसमरगयारेन्तौवागानुपएगी। दिलुन्नयेरा रिपायत्रीन्नेबागानोरण
यताएंध्रतरसयेरंगमुगतपोन्नीत्यपीयेनप|| राहीयसतेभानगो घोरईनुन्नरमी रेटिएगो रेवायेोरायतेनाराऽरेवाको परिणाय रोयोबागानो । शगासप्ताशीशंगनीज
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३४८) सुधासंगीत वैद्यशास्त्रग्रंथः शिवालहरेन्तेमरहीने तोलांगोणेयुक्तस्रे पुनरी अष्टश्रीनीत्यजेरंगणीलये- दीवसय्यारमारे वानरसुमीयोयारा डीपायपायमोचा जानो । तेलयंतुरापेत्रवीशेलेपनथाये. डीए हरीनेतेवाणापरमंयाये. १ नेवारोगतेनाशरेनें सुजयाये तोपानानुंष्टशमीसरखेजयेन्शना अपायछठ्ठी रामायणमीनारीर्मानते पात्रलरेललेणी पीषगरी त्यांले परेवा जुत्तरनामण मधलेगी गोणी भमेयासतालीगण्यगौ गतभांजोगीन्रन्येरीत्ये हीनसातरेवाशेनरणायेन तोयाणानुदुमडीमर धरनपयाये-उन्ना दीपाय सातमो. रावारीसालजार ने मधमांलेपन था यतोव्यायीवाणातएगो नत्नःशेषोन्नय-१-५ र्वपापनोरोगछे घास्योनमरेलेश-रेवारसीनाहा यमांन्वोमीश्याश्लेशा वाकानो प्रार नाडीयायेतेनगा-सागेअंतरलाय. होरासरोहेह श्री वागोव्याधीयाय १. युनोमुर्मुरनाभल लसएडुंगणीसार जलहरीवाकेयोपडे लस्मयायनीर चाररूरवा ईतिस्नायुनेयाणानोरोगले समय सय्योन
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सुणसंगीतयैद्यशास्त्रग्रंथः ३४७ अथपीस्ट्रोट्यङरोगनीपीत्पत्ती या उडवी जारी तीजी पस्तगरमषाये सुजेन मागेअनुर हलवयाये- १- लोननीपरलोननशीतघ्रा सेहेवे- पीष्ारतु यैमेरे यवातऽङ्गेरे हेचेन्शन्ही की पश्वययेथी यैोपीतवायु नेपीत्तजगा वह आमीशस्नायुनाऽसुधीधीघरोसरवेअंगघरे शयामाह्यलयहर शेल्या प्रेगर श्रे४- प्रथमयर्ध न्यरनेसोले पीलवयांमेन्यस्यापवीर | उनीनऽलंमेन्यन्देवानऽथीन्नयनहीयेप्रहसयुं
सरग यीस्ट्रोट्यश्यावानूं लाग्य अथसामान्यवीस्प्रेस्पनांलक्षण
नाव घरेडीने न्यावे महाडीपयरे पायम्पीयसरी माशेस्ता प्रेगररे १ रक्तपीत्तमेयोगतागापंच न्यायेन्तेसरवत्रशरीरेऽमे स्थणसाह्येन्शन्देवाहोरा नाप्तेपयर्धने हुमहेछे. आरशीने पीलुधोपीस्ट्रोस्स उडेछन् पुरु
अथवायुनाचीस्ट्रोस्परुनालक्षएा नवरनुलेरत्राने शेल्या अंगघाएगा हीनबहनने जयवधुरे देहुतागान्पशेल्सामांत्रायायलघु ||पीड्यान्नग्रे झाडलगी घीशरोन्नेरलस्योसागेर
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||३५०) सुरासंगीत्वैशिस्त्रयः रिवालसागपाम्ह्यांवरतीलेल्ने तेयायुपीय स्नोरोगीडेनेन्न । अयपीतनाचीरस्पटनांलक्षण । नंमेल्वरने राहगीतेमायाये पावश्परियाणा मुष्णुपेडायारे पापाछुटेरीघ्रश्रयेरेहेतप्तनरूप लालपीनापरपीराइहमालारान्त्वयापीञ्च निहरुप्मेसीमेनान्ये टालसएगपीत्ततागाची स्कोररुनाउ । अयटनाचीस्टटनांसक्षागाअंना अशीनेत्यश्माषुषुयायेन्छरदीयनेमोरीपास्य रसाह्येन्रेवालसागय्यारयतुररीतीलीपा ने |इनायीसोरग्नाचीयेऽीयोर । अयपातपतिनापीओरग्नालगघपीपीरनेघानणसरसएन्यातपीत्तनांचे हिमातेमालसग परेवारीछीतुरडीरेसस गारोन्चातपीत्तनोपीनेटवरतीमगोरन | अपवायुश्नाचीोटनाललगशरीरलागल्यधपीतेमांसागेन्वायुनेश्नां लगतेमानगेन्रेवागणायेगरमैनातेथी| शिरीन्तवायुनावी टहनांरदिन्र.
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रगंय. (३५१ अथ पीत्तङ्गना चीरोरनालाएग-९ वसुरागन्यावेघएगी तेमांधछ्यैन्नयछेवर ब्नेरडशेपे श्री वीरोरोवमन यायछेन्मणेोरा मेलसएगो जनीन्नयोपैळवी-रेवापीत्तोप यी ययोलंएयवीस्लेरी
૧
૧૩.
अथसंन्त्रीपातनाचीस्युरेटानांलक्ष वरनुलेर वशीने प्रयमांतोडी, शेल्सा दर्शनाला शिया वग्यमांजाडो होय एगने मोडीपास्य. ने | लालघएालासेलरीयारेन्क्त पश्मयहुमतान तेमापाती मुर्छा मोहयन्निये प्रणापत्रले ट यही पाये उ-रेवासक्षागपेक्षरह्यांनी रतेसंनीपातनाचीस्मेर नेतेवरते४पीज्धानंमीता थीप्रांगन हरवानी आशिनारशी ये हरही डीग रवानी
अर्थर जगाउनाचीस्फोरस्नांस इधीर लगाता येरोगवीरोलरतां पीत्तता वीरशेरस्नांसक्षागमगतां १ स्टएगोठीना सरणाअंगेराता घलरेसाइधीरश्रवेहुजनाघ
तान्त्रन्प्रांगुरुरागरेवामेोगपएप्पाडी लागे लेशनतांऔधिषणनीटांडी-उन्नारीश
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||३५२) सुरासंगीतवेधशास्त्रगंय.
असाध्यछ. | अयि वीसीटनापश्यना गाये हने पायपीयोन्दरमैयायेन्मांसतागोसंगरेप रीरपीरोगायेन्स्वासतरोलीपोट अंग्पे लमे ते सायेमर्मस्या पोरापामेररेपारसी उनानीमयाअंतरागोन्प्राप्तीपश्रयेबीप छोटउनान्नगो । अथसाध्यअसाध्योटानालसागये धोरानोसाध्यधरीसश्चत्रलान् मेहोशोते: ष्टिसाध्यसोयगगेन्न्त्रीएयरोगरेअतीशप श्यन्नयायेरेपाअसाव्यमटेनेगहीराधन जायेर । अथ चीसोटऊरोगना पाय पन्तमा गवीरोटयागानरने परपमहान्श्श्यानुसा धनतेसघणुप्रसावुन्पन्लंघनयमनवीरेयन नपथ्यधरानरागी ऐमगमसुर तथाल्यो ब्दुनीयागीरहरीरेपानागेषुमऽरने येसुपरप्राचीसोटयागानरनेन्उन्ना ये पायवीरानो राज्यायमेगयीयन | मुगनो पारीरवस्तुन्तेपीपीपीयरोसरचे
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सुधासंगीतशास्त्रग्रंथ. (७५३| |जस्तुन् १० प्रपमरासनानेघाइहणरलीजेन्ना|| गरमोय गणो पाएगातेमाहीरराराणीया तेश्यायेरेपीसगी वावीरोटउन्नय रेयारिता जीउ ॥ अयपीतनाचीफोरग्नोपाय राम परोगतयारिनवलेमासान्लीपछास्या अरसो मेगव्यासापपछील्यासा रांगे| सनीलीनेछाली ज्यायिडरीपारीनेमयमघा सीररेवाधरामरोरगरोन्मणनीज्यापीत्त तगायीहोरनीमररोपीयान्त
अयनारीस्टोरमनोजीपाया गरीयातुन असोयेसरचे छायपुडानी वीगाने ईपयले पल्परोगयेला वायरी मधमापारी-रेवाडोपेसोयीस्कोटडन्नर ॥ अयसपशरनाचीस्टानोठिीपायस त्यछेना पारोगंपासरणामापेलीगेन्ते || शनगीरीनीमेमहीमनरणीनेन्षन्त्रैएये रस्तपुरीपरतीनेले समान्ममेपोहोर गरज कुत्तेय्यारेरसमांरन्तुरनागरवेल्यरमेसी | वरतीखेय्यारेरसपत्रतणावारातीरना
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३५४) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंय.
पछी सरसीया तेलबीरोमनधुं प्रयतयाएं सानालाऽचीरोलवुन ३ रेवाऔशधीलेपनं हार्मोनियायेन प्राचौर घोररामीसरवेन्नयेन ४. आडीपयार असाध्यमराज्यामासुरान्पेची नंमयाये परवतनायुश अथचीस्ट्रोरङरोगनोरिपाय सर्वेनो. उरीयातु हिरनयने त्रीणाहुरीयेन पीत्तपापडी लीजछाल्यतेमांघरीये १-परोगवेला नागरमो रिय उडाछाली. सुजय ज्यायश्रीने पामहीमघ प्रासी- रेवा परीने पक्षहीवसपारी तोची स्ट्रोरस्नामधस्यांसरपेन्नरी-उ-॥ र्धतीचीस्त्रो रख रोग लक्षाग दीपाय समाप्तना
अथरीरंगरोगनी रीत्पत्ती डीपदंशनो लेहयेऽलत्यनीयांही ॥ ये डिशपहंशतएगी। येम्लेहडरीगाये गरमगिवाणीस्त्रीसंगव ज्येयायेन्यवाते स्त्रीसंगीलघुघुतेमां धार जघुनीमारे छात्र सीमांन्य अथवालो बनलेयुतेनरनेसाने तो वाघीपीडीनेमीलने जाने देवा परयमत्रोपीचायुवेगघोन प्रारीरोगश्रेयेतर्तीरंगतागोन्
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सुशासंगीतपेयास्यगंय. (3५५// - अपागंतुरंगरोगनाशरएए. सीएगपुरानेवारंवार पीरीयरितो भयवधुरी| पायुडोपरे रत्तोन्पन्बीएये शेरपछीरोपीनेयी यहरेन्त्रीयारिंगतागोगहपहातर्त श्रन्ये रंगशरीरनसेपेरीनये भीनेते त्वानीपीपर परायाये उन्धीरंगतीनेमहीनेबाह्यरतेरेहेछ। त्रैएऐलसागतेरेपारांइरहेछेन्टर । अथित्यपारीपल्या रिंगनां लक्षएलीगेशमा मांसइएसांगगायन्तेरेनेगीन्हा जान्नंग्यायन्१- पीवायोरोगीनेतांद्यरेछेन साध्ययोगोरायेरेमरेछेन्शन
अधिशरीरनीसंघीमेअथवानसमांशी गयेलाहीरंगनालसगना शरीरमाहीती लोऽरवानानेयां शाशंसरवपीन्नयेटुमनांते यांप अंघासंधीपीवतांहासोनेवायेउ साध्ययेरंगरेवावरणायेर | अयत्रपामहीनेमाघरीरंगनाललए रामयालसागोपासाययेऽहानयछे ययु
पोतेघरोपीयपर्ममहीयाएछेमन्पन्न यनिसपी पाहलयेइरीनरेवापुर्य पुन्यता
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३५५) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंयमटेश्ष्टसाध्येश्री
A
अथीरंगनारीपस्वन्ना शरीरक्षीएए थायछे बतुरेहेजणतमांमले जनेछेर्शनाशीम रेहछे अस्थीयांमते१- इंपीर मांसतेपणे वीना शनीनोंहवो रेवारटेमुनीश्वरोन्डीरंगनाडी पदयोरन्ये असाध्यछे
अथीरंगरोगनोडीपायनाथ रसम्पुर गीयांगोयेऽप्रथमसीने तेन भरोषस्य सपींगते मनहरीले वासवासलरते गोणीबाणीदेवी-स श्यापाछव्यस्यागगवाञेचीन्य-धौनोलोर गणीनगमांने सत्यग्रेन्तेऽऽहानेले परीनेयेमरे उन्चासमेकुलरतननहीतमगमवान्नगसा ध्येयेमनीत्यारेहुजनेरणवान्टगोनीगणीनें न्यश्शेनदीशेयांनांन्ग्यारेज्यायेनागरवेष्यतां पानान्यन्यागाथैोनोजावांना रुपडे सुंएर मरैगोणीपायीले साथ्यमन्दन्तऽशेतनयो मे नवोटघरे सातदीयसमातायेमसद्यीरं गमरे-उ-रेवारसीनोन्प्रातीपपारउद्योसाद्येगुलामीया मुमावीर्धगमीलयेन्ट ए रीश नागरवैल्यनांपांनगोगीना रागणीने
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सुशसंगीतवैद्यरात्रय. (3५७ प्यार ये लायापीब्यांगयोगुंनोनमुश्योन्मुंएष टिभयरीयान्हीन-औराउपछी मोटुगलवारे बुन्पछीपागयुन्यागनाशेगगायेन्येमरेतोस सिंगमरेन् । रायमीन्नेन्श्य उपयर पारो गए युद्धशीसोधनतेलीलेन मोरतुत्यहींगुगामलेमरहनतेशने हीराशीमा धपुनमलतेनोश्श्योन्तेहेललराव्यक्षेपतेनहीं नोपरयोन्रेयाउरेशतरे तोनीश्वेसरलरोन्पर शोरापयेतां रंगनुहमीररोल्पा गायत्रीनेउना युतेसायसवापरपमरी,
न्मीएरासेऽपिपतेद्यमांप्ररपीरेन्पषोए रसीघसुरोसीपुरत्रीएयेहरयाणप्लेटार परापरती तेने घरवार हरे पीलोपछी रन्ने तेजावीलेग धियागोये लीलयशेटेघालीन्सरवेवारीतेनो। मल्यमपछीऽरीये मंहग्रहीये पीतापानवीरोस्नरी येन्द्रलरपी घुरीसियागमातेमरी मायभागली
रंगनीशीही पन्नाशीपरी घापाएप। || नेवारे रेवामगहरभख्यमह्योऽशगेधारे १० ॥ ॥ अयपीएवीरंगपरयुगीनोशपयार ||प हींगगोऽमासाछ शरीरंगलीले अश्सरोजा
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|| ३५८) सुघासंगीतात्रय शरांतियमांअरपीलेपन्सरवेपरतीमी गराउरि तेगागीयेऽरीसौगोगीतेनीवागीश्न्यालम रोवानगोगीनुराण्यन्धुएगीतेसातीपसलही अजीरे उन्तेयुगीनीरीत्यपहीअत्यनगापा रीनाअंगार यमायेयेऽपणान्टन्मौरीपरमेसाय यरीपापडणाडे मुष्परानीनेष्यापरूनटांडीशन पसातगोणीनोयुम्राहीपरटोन्येऽटीवसनी रीत्ययेमीनारोन्दन्तोशरंगपशगुमा गडन्नयेप्रगव्याधीनोनाराऽरेसुष्पीयोयायेन्छन रिवारास पगारठहोनेग्नरोगगरम नासर्पसपारामाहररोन्टना पायभीन्ने युएीनो राहगलोऽमासाय्यारने मनरेरील तिसमलीलये परतीनेनेमासातपी पुषी रचा पररीलये पट्टीतपालेशेयखामासापीलय रापयरी हीनयारयेरीत्येऽरे चीरीनेग्नपीज रीर त्यांशीरंगपापणी येरीत्यमापरतान रोरेयागनीगसौनरोन्नसमीशयायोटन
अयरसपुरे मोटुझाव्युहोयत्तेनोपायएपीएयडीएमयोपउनांनोनतर मोरोपायेएय || नीअंतरछालीहरपारेरोगमाञ्चायतरीन्ने ||
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सुयासंगीतास्वयः (७५८|| एभिगेरम्हपुरनामुष्पनोसोन्नेतर्तरगेर अथवा करप्रेरसारणनेमरी पंततागांपेढापरतेाषेश चिन्त्य पायमासोशिशणीमुनमहीयोरोन्रेयामु पाव्यानीतेपीयानोरोन्टन्य रीस गये यमासोपीराणीनेडीगगारेशीन-पन्तोसरवेपी जामुणश्राव्यानीमुमपानीमरेपर । अयोगबेनानीशेल्लीयोवपाशीपर तेरोगनांससपना अपरासीमोलेते शेल्सीसमन्लवीराराअपिअनादलीय एसीनांखसएगाय चायुनेश्यी प्रग रिपसीतेवी होयगीणीचशरीरतणावी सन्मोटीमगरतपीरानवडेयेलल्लीरेयागानो मनीप्युअागल्लीप
श्रय ययपदारोगनीटेल्सीनांवक्षगर, यपाशरे उरीगंजयलीलासे पायी प्रगरी|| येमांसपीरीयासेमन्तेहरीमायेरेवारसीड हरीन निरक्षान्येलक्षएपीगरीइएसीयवपसार ॥ अयअंत्रलगगसीनाक्षगन्तु। इगसीलासुरीपोशीअल्पपइन् मंगनाश रिशिसेइपमन्यन्यायुभेडरेपश्रीनेहरूलना
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||३९०) खुरासंगीतपेशरारूपयप. रिपाचीयोयेवरोछेअंत्रसलर | अयचीयताएसीनालक्षागन्त इणघुलेरसमतेलगायछन् पस्यज्ञरमुघयाय छिन्गोणघाटयुगसमग पीवतायेगहरासौलस
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अपरछपीनानांसक्षगन्पना चिस्यगेल्यभावीनेपयेपछीमरेपरी पोपडेयं थीयोप्रारीतालयंभरीपन्डुमनासमीरेयतेवा उडेपीपीस्तरेन्श्यछपीत्तीतेपार्गवीमुंनीश्वये
अयमीरोगपसिनालक्षागा | सयरामहपिनेपगेडेगगावीरोयाययेरगेल्पन परस्थानमांथायन्यांगमी योगगपडेनीमना समीरन्तेऽपथ्यपीयेगमापोन्मुमअनंत येनानपेन्डन्तेरेपछीपीगीयायछेन्पइपीज्य मैपरमयारछेन्ट लागेलोमीनेरोगलत गग यीसर्पनीपेन्योलतोन्एन्येडेओरायेनारेवामा रेन्यल्मीगोपाएदएरेन्द | अपवहनांमपरीरोग गोमगामेशपरीयोयने पररेहेमी-पायमा यायियोमणाडीसमीन्पन्पायुयीत्तशेपपी
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___ सुवासंगीतवैद्यशास्त्रायः ३६१|| वायचापीयु विद्धयेानुशीनेनामस्था पीयुर । अयगईली एसीनांलक्षागन संगनाप्राप्तरेगोगप्रयमयाये गीरंगेलार सरीमी रसाये पन्चातपीत्तपीरोगरेवापी परागेन्गलीसनांगेलक्षएगवीमुयोपरगेशन | अथपाशाएगगलपसीनांसक्षगल ते घटीनीसंबीरीरोन्सोनसयुत्तीयायछेन्तेस्पी रत्तेमामंडपीज्यापीणीलसायचेन्नन्येय्यार विक्षगगीतवरेगहत्तेरेयावरतीगयोन्पारागग दिलसुहव्याधीस्पष्टसायीह्यो | अथपुनसीआइएसीनांलक्षण पाये प्रगरयेशपमा पीयाघपीछेमालरी या व्येयरितेपीस्तरे स्थीरश्रासनीनपरेपरीपन डीए पारो चीललीतपायनामयात्वरीगरो पायेपरागीपुनसीवायुश्यीपीस्तरीय. । अयनलाईनरोगगसीन्या
प्रयमयीसोल्नेयनेपीनेपेराउरेन्यगतीवी सर्पतगीरे पोस्तारनेवीरीरेन्पत्यानहीन नेपाल्चर प्रगटेसपीत्तनभनीन्रेयायेणसी/
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३५२) सुर्यासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंी वीळुपवरतेललगरहलनांमनी अथ रिवल्लिइएएसीनांलक्षएापर ने मायामां प्रगरपीडयछे - गोगधारनी ते न्वरनामणतीरेछे-१ सन्नीपाती गरीने रघामुळेनुं रिवल्लिशनामवहेपीलुयो हेनुर श्रथाशालादनांसक्षा-१३
लुलताएगायेऽहेराचीरी हलवयायेन द्वेपसवाज नालागेशेस्यमसाद्येन्१यवास्तुंधनायेऽदेशमा
तेहलगो शलोझेल्लोपीड्यालरीयो तरंगोन्न रेचापरमपीयारेवामांतेपुरो-अशासार्ध संग्य
अरकुमांसुरी-उन
अयअजीरोहाएगीएरसीनांखसागर
समतागाये देशवीरो प्रगटेधारी-स्ट्रीटलयंश्रमां सवीतरागारनाशे१तेमां द्यहुतयावर उष्टतणा लारा हीसे मांग्यादर्द्दवीशेनमअंगारान् देवासनीपातयदीयर्धदुमदेछेन्च्यग्नी रोहुए रोगारीची हेछ उन
अमीष्यनामङ्गगसीनांलाप.
वातपीत्तनजमांसमोरही राहुपाश्यपगरेस्थीतीस ही गरमी घोरन्यमवासथैरह्यो यीष्मरोगम्रीलक्ष
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___सुथासंगीतवैयस्त्रिये (७९७||
ह्योन्पर । अपानमरगसीनेनपनेणगाडेछनां लक्षएापा पातपत्तिअल्पोपनेतेपन मीन्नपनोलारामगाडेतांगरमन्नमीप रेया गीशिरेयुगीपथयानयोन्जुनामीते पसीनेस शेवीदानडेर..
अयअनुसणसीनालसाग अल्पारंवारीनेते एलीरयायेगरीरनातेपर्णसरीन प्पीरसाये परेपाटेपगपरोपमहीनगोन श्रेअनुसपिसीपरतेननरेशपोरन
अपवीधरीसनाखरएन्टन्य पीथरी सरीणीघाटेगोगहरीरामनाघनीसंपीतेनी मांइयरीन्सनीपातयोगरीलक्षयीरो हेल्योन यीघरीलायेखक्षायिीवरतीडेन्योर
अपराशनामपसीनांपक्षए. अमेग्नेयायुतेनसोमांसमध्येमवीरेगांख्य तेमारीतमयनेसरसीयगीपन्यपीरक्तमत हीछेमांसनेसुपीतेनेरा रासौलऐना
रेवाव्यापीनानुलयीन ॥ अपरारिषुप्नांखलपातेनी
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||३५४) सुपासंगीतशास्त्रयः ॥ ग्यारीपनेमहीपनांनापीयतागोन्तेनीनसोपी इसीरवेने पारयागपीवात्नागीन्हाइयरीच सेरेरेपानीशायेतेनमेन्गारामुच्चार्गव्योन सीद्धांतापयारेशमेन्शन । अरव्यानरोगनालक्षगजेनेरेशरी उछन्शनराजेनापगलुभाने श्वानुयाये पगत गीयामा बेहेरपडीतेनेनयेन्रेयातेवायुयीशियन नागीन् वीरेतेव्यानरोगपरगेमोर। अथररोगनालसएसना पगलायमे शहरोडमायोघाएगाकोरमांन्यवाहत्मागीयोरेश तिघोरमारेगारतेभोरसमन्हीपी नीतेलरी रिपातेवीमुथवर्णवेश्रोगतेनेभीर । अयमारवारोगर्नुलझापा पुष्ट ना:परपिऽरी ल्यअंगुणीरोग्यरेलरी पन्त जयपुर्णमायायछेन्जारवारीरोगमायछे-३,०॥ ।। अयसलुशारोगजेनेलीरीतोही मेरेछेने
रहा रोमरोममा पीत्तरहलु अंगवयेतेवायुयोरे पीतयेनेआपयधेपलर नोनारीनगीमुगामा
इरहेमणीपागनतेनीएकायारेन्रन्यारी यानारामाहोरेहेछन्शु पयरोगमहामुनी
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॥ सुपारंपीतवैद्यशास्त्रग्रंप. (३९५|| ॥ अथ अशीशरोगतेनाले सहीतलक्षन गपगारालोमीमांरेज्यघगीभायान्सु मुगीरपोजगसेनयीसाईपन्नेसोहीसम्म गोपीशीरमान्नमेन्अगिरेवायेमसीहर-|| पामेन ॥ अथ एगीरोगोपनीयांतेनालसएर एअतीक्रोपडेश्यीन्तप्युपीत्तरीरामांन्मनी पापम्नासमुन्रामेतेन्तुरीरामान्पन्सनन नीगरमीने ग्रहीशीरामातेपरे रेयायागपडव्यात यो पतीरोगपेपारेन्ट
अपलसागरोगनेनेलापुछेतेनालस |एजना एणुभयपालालढुंभरारंगतारी रोहेलेनीसाय्यबरानहीपीपरपन्होयगी गोस्पर्श खसागरांयेगारेन्रेपारक्तनेश्यीये पेशयायेन्र. । अयमस्सरोगनांवक्षगन्टना
पोवाअपीओरंगेशणो हीरोदयीलेरीमणे निघालोपन्यायपगरयायुपीयेमसनोन्यायी रिपाकमुष्यस्तो मुल्यपीयेमाची
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www.kobaith.org Acharya Sha kais |३९५) सुरासंगीनवैधास्त्रग्रंथ. - अयतलनारोगनालदरपन्नाकर नामसरीमडोस्त्वयामरोजरहन्एयरोरापी मिनेतसमक्षगतेहप - अथररोगसएगानाहानो श्रीपामोफोरोपीयावरहोयेगोअपराचे तगोणधारेतो पन्त्यही गयोडेरेमनीनेतेरे हिछेन्यरोगतेनांमरीजवीडेछन्र ।
अपलीगपतिरोगनाललाए-उपलीगेशनेमसगेडेपातेपीरेन्योपागवेवायु जैतोलीयेन्लीगेंशनीरेत्वावगीज रणीन्गांरीप्तेमासोपारीसर जीन्खांनीघाटे पायुपीपरत्नपयायेन्लींगपर्तिशतेरेपारोमा येन्शन
अथ अपपारीगरोगनालसएन्धर युरतीतपीयोनीत;मुन्नेहोयसाउडुन्धन गेअणुयऽरवावीराय नमवाडानेमांपन्त योगयीयामणोलीगेशने पीऽशापही अपनी रेडेडीतरीन्नये यापतेगंमतीरमारंहलेपाल |गमनपीयरे चीरायनीपारीशरेयालणेयेरोगने लुसुरसतीश्रयपारीस
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सुर्यासंगीतवैद्यशास्त्रग्रं. ३५७ अथ नीडप्रेसरी रोगनांसक्षाग्रन्. श्रछुमणने अधीश्पीहारउरेनन शेर्घ चायुझेप लरायनरी नीरमणताले सींगेंीनोयर्मलाग मध्येनांयारी-घारीग्रंथीङरेमापळेवीसोपारीपी शामने रोएगरे योगश्रेषान्राशनों तेरेपाशिवर रटे रोगनीरद्धप्राशनो
प्रथमाएगीनांमरोगनांजसाॐ४. पेलोनीद्ध प्राशय हुषउंड हीघोन नेते हसह्या ये मुत्रनीधारवीनामढ़ीपीज्य लावीने मोल गोस्थीररह्योये- शीष्णुनुंमोटुप्रमुख लेनमोघपांयेंसह्यो ये• लक्षएात्रैएयसही रे चार महामुनीयेमएपीरोगह्योयेन्
अथशनीडुगुरुरोगनांलक्षएान्उपयतोवेगमणरोज्यो लीडायेनेसोांडो गुहान वाराहर्षिने- उरे मार्गनेसांगोन्पुतेोशेट पं श्रीमन्येनताननुरे भीरायेगुहायोवरापी
ज्यापर्मपुरेधरेन्दरेयीन्संयुक्तयेनावेक्रीया लेगये- रेवाश्रेपी होतेरते रानीइद्धगुहरोगयेउन अथएछ रोगनांलक्षएग-उद
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३५८) सुपारीतवैद्यरास्त्रायः रमाननापुर्षनेन्तेनामीपोतावीशे वयस्हयी पेल्यमीयसुरेघjीरोपन्तएरेततशेल्यापन पश्छेपीराध्घागान् रेपेगीनहररणी ह्यांप्रन यएगपुग्छव्यापीतगार | अपांगीरोगनालक्षागा उन्मोद्धले अित्तीसारजेनीशयेशगयीसीएपुरीय निलये खुषीशयागिरीरटुरमगरसावे मग मणरतांमुगवार माह्यरावेन्परेवासमने सुखहीपीन्हा परागेशंगीरोगतएगालसए शिवीहवरोर । अयसुपर इंट्रश्रोगनालक्षएगाउद त्वयापरीनेतापुरीपीज्यगाये अतीशानेन्नेरल्या
लराये पगालासनेयेग्यनोवेगवाये पी जायेग्यनीतेसमेन्गसायेर रेवेरीच्यांची होगीताऐन्सुद्देष्ट्ररोगतेपुर्षन्नरोउन्न
घेरो सुझरोगमोणीह्या आउनीसभा वार-रेवारसीतेनालौशयनातीपारन्न
अयसुरोगनोरोपायपना सीएस नारोगने गोधरेतेगर प्रथमश्ह्यायएनारे | तेमल्यमोपीपगारन्प पडल्यानां परापारी ||
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सुयासंगीतयेद्यास्वयंप (३९८ रेएनोनारा पीरोदेरास्वनोन्टणरागनोबाही
अयशाएगलनांपायन्यो परापीनेभरेगनपनपएनागिपरतोगईल पाएनोरोगमरेतेपारन्तर । अथवस्मीपसीनो पीपायना क्षु रोगनांप्रयमह्यो ठीपगाररेन्गीबोजुगवारी| बणमांतांसेपयरे पटायेवगनाशपयार रोयायेतोयल्मीर-उएरेयासरयेनरेन्ट | अपणोखानिअजीरोगनोसीपाय शरणोमुंशयीपीत्तनावीसर्पनोएयारण्येने गप्नेरागया ओरीयमगलंडारपाटेवधरने | हिन्यमनरीगवारीतेरु मापायीनेलेपश्य टगरोणेषुपयेहनत । अयअपपारीशरोगनोडीपायना सोपीणीयस्तरीबाहेनेरेसरोगेसुणोऽत्ते नि प्रयोगापेक्षतगोळ्याय अपपारीरो गसमग्रन्नयन् १ । अयरानीउद्धगुप्नोपायना ससेडर|| गरमतेवपी रेरोगुनेस्योन्ययापायुहरते |लयीन्रेरोष्टीरगेन्मुगध्वार संन्यसौन्मटी||
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||३७०) सुथासंगीतपैररास्त्रग्रंथ
पीरयछेन्शनीगुप्लोगयेन्मरीमनसुष्पीयर यछे । अय वापरछरोगनोशपायना रागा भिनवसीयप सरसवाणेजलायनारी | नरोरेन्शगज्यगन्नयन । अयरंगीरोगनो डीपायन्य गोग्रतारी गीरोऽसरोशेयायन्शंगीरोगरेपामरेन्काइयो पीरालयमारा सिपायजीन्ने पलुएगीनो रसजोशीनी नीरसलेसुदीनेयमार पीते नामाहीन्पन्धीतेमांपपीतेततोलोजाये। यीरोगगुप्लंशजव्योगीन्नयेन्शन । अययुस्ष्ट्ररोगनीपस्यय हणार निग्गलांगरोवारीलेपनयाय सुझरष्ट्रनीयेना बडयीन मीन्नयन
अयव्यान्दरोगपगेवरीटेछेतेनो जित पाया मरमीगगेगोग गुगगरागमीण सगिहरे येलपारीनेतेससेडुचेरशाट्यामाल रे अपवाससेजुत्तेलगोपश्चन्तीावीपी शेरेवाह्याएमारथी संघरभरीसाइयो
अथरोगनो घरपाय रागोगन
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॥ सुरासंगीतवैद्यरास्वयंय. (३७१|| नुहुण्यमेगवीतेनुखेपनयारोन्मएररोगतेतेलसन सेव्येपीरपणारीपन ॥ अपतलनारोगनो पायता सरसय
सालणार सरन्न्नमामहनवायेरेयाते ||अंगेमरदेतो तलनीपीऽयपगाये
अथरीष्यरोगनोरोपायता परयममुख्या येतांगोतेपछी हुतेरे ओडीपीगीने पुंगी णयेमेनीरदाहरेन्पन्लेमोरयुयुपीलो गयो नेसीपोरनी पसेपरीष्यगरेया पीराम टेतेपारनीय पीपायजीब्ने मध्य सोनोरस लोहपात्रेनसाय रेपारो रोपांगीण रोगसौन्नयन्त
अयानणरोगनो डीपायनयुमीएएत तोलापागो प्रतलीने डीएनीपीतारी रेमर
नीनेन्डरीरोपीतेन्नेनणभंगुणीमांशलेन्रेया ||नयानयायालेन्स रीना मास-र-नमेपालेतोनपानणसापाय। अयमसानोतयालसगरोगनोडीपाय
पापीमारीनेयुनोभेमलीने नगमांमरदीघा परसेपटीने येतरेये ग्यारेन्यारो रेया
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रीन्नयन
||३७२) सुशारंगीतवैद्यरास्त्रारंप ॥
सामस मुगपीरोगनरोप रीमा पील गायनायोपऽधएएगोयायपाएसयरोगम||
श्यअंगेयलुरापतीहीयतेनोपण यरामगसारोगपड़नेपारोलीमेमोस्तुत्यये अनुक्रमेररताहीलेपन्लोहपात्रमालोधुरेम| नयायेगायतगाग्रतमामरीयोपज्यशयेन्शन येण्यगीरमुयेसर्वमरीमरीन्रेयाशेयीस्नयः तशयायरी __ अयपनीरोगपगीयांतेमस्यानोपीपर या लोहयुरनेमांत्रामाशोटवीतेहरेन मोटीहरउनीपुरते मेटाछास्यनेगोरेपन्तीले रयतोसासमी प्रतीयस्तगोणीमी पछीलगरा रसपीरीधुरीनेपलागेहरीरीनगयातेपर जीरेखेपतेशने एडीप्याररानीपुरे डीऐयौरन नपेशनेन्उन्रेपानोपये पनीरोगाने रीलेलागीनेलांमनी रानीतेरेन्टना अपायजीनेल्पडेशनो युनीसुध्यमाचार नागोनीतोरामरएयतागीन् प्रहरयेऽरीसाघुटने मलेमेनत्यसैघाणीपन्तेमाशीघमोघरनीली
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सुशसंगीतवैवशास्त्रग्रंय. (333 गोपीगनहरी रोप्नवरेनीस्माघरीप्यारपी तीघरीरन्नयेऽरमश्रे गोरामाधीनराज पछी नेोपडेअरीनेणरीतेत्यराउन्तीपरत्र येऽनुरीनेरीयनतेरेन्प्रहरयेमा रेवायुवा | अंगमा मरेन्ट । अथ शिरीनो डीपायन्य कापीतनीराम नेणारीपयलेपार गरीनोगासौशमेन्याग नयातायायपारीपायनीने पश्मण तपीनारामधीयतेलयेऽायन्तेरेपारीर योपो वागनपानीरमायन्र तिीनुरोगला सिगरीपगारसमाना ॥ अपरेटिनाममस्तरोगनीरित्यत्तीय दृष्ट लक्षणे होगदपीतयायेन्तेनोरसौपीती| तमुस्तहमान्नये पणषयेगानाहानाला तीनाडेहेरेया घरयेशन्नतीनाप ॥ अपीरनारोगनानांमान्नेवान पीता ||ने तमोरणी रक्त सन्नीपतनोस्क्रमी सीरंग
अनंगपात,ऐरोगनानालातनोपन्तएजी सुर्यायर्तने अर्धापैलेनेययापारसी रोगरी रनाइटनेरीह्यापन
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3७४) सुगसंगीतपेयास्त्रग्रंयः ।।
अपवायुनारीररोगनासागप। गरायोजेनारीरमापीरघएरिन्नीरीयेयोऽस नगेसाजरीत्यलागीपोराघरोलेपरेतो सुमयायेन्रेयाची परीरमांपानीपीजयगायेगन ॥ अयपीचनारीररोगनांजसएगर
नाशीरमांपापग्रहसमालशलासेपीवान मपायीरनाश पन्नेोपहरणेनेमनपी लगेरीतपणेरीनेनीररीयेषुमनौलागेर रेया मांगरेजालीतेरेहेछ पीत्ततागोरीररोगयोग लक्षपडेछेउ | अपनाशीररोगनालक्षग-. जेनुरविरमयीवीसुघिसे घामान्स्वरलेला मुस्तालागे फन्पन्नामुनेश्राण्येसोनेनेरेरी रामनेरेरानोडओपीरेश्यीशेगेन्र । | अयसंजीपातनाशीररोगनालसमन्स
एयप्रेगनाखसएपाणगायेन्येपुवामा तेसपगारोगेयायेन् परेवापतापेशव्याने
लगयेन्सन्नीपातनागीश्व्याधीनालसगये । अयोहरलगाउनाशीररोगनालसगी पराजेमापीततणांसहएएसरपत्रररेरणा
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__ सुपासंगीतानगंय. (३७५|| स्थगिरानायेगीरस परेवारसी सीन्हा
ह्यांतेशीतआगोरक्ततपोशीररोगपियोतेन नेन्नागोर । अपनीएगपरगानोरीररोगतेनालस एन्५ । न्तुमगरहेअंगन्सशिनालय शहीसेमुस्तारक्तनेतेमायनासम्म गतरामस्तो तन्नयेषपालोगयेरेयापीन्हये सौर मण्ये पयोक्षिीगशीररोगयेपन । अयक्रमीशीररोगनाललगन्छनए शीरामांवेनायेगयाये चीरनेपइनानीवास्या नये. मगमगतरानेवणीशी राजेन्डसोबाची नेयासतेनेमअरोर रेवायेगपापीयामाहा नरो ऋमीशीरानोरोगतेनेवीप्यारोउन । - अयसूर्यावर्तरोगीरानोन्टना
यीमंध्मंपीयनंमेल्बमनमीयसपटेतमा तेपद्वीपमेन्मापनेपोरसुधीषणतेरपतुन्नये आयोनेलभरमापीरघएीयारेर मपोरपा णमौतमरामपालागेश्रारीतीनुभएनीर |तरतेनगेन्जरेवारीतीरछीऽस्तुरखरेवसाए ||सायी-सुर्यावर्त होयेशीरीतागोव्यापीन्ह ।
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||३७५) सुवासंगीनपैशास्त्रग्रंय. । अयअनंतपातीररोगनालसागन्दा रायनेयरात्रीपातेस्यमांरेन्लम नेनेत्रपिटीएतांघायरेन्सन्नतेपाटी|| हाला पायबोगनाइन् रेऽपागेयतेचीडा रनेत्रमाराइन्न् अपार एरीरामारेरोऽभूतरे घरोअनंतपातीरारोगवर्णवेमुनीश्वरोउनी
अपरांणनामतीररोगनासक्षगन्ध पातपीत्तनेरक्तमचीत्रीश्य उगपट्टीमांउट रेतोपासनपिन्सालारीधारीरीरेमहीगर आएगीरनारोरेपाणेरडारडारे घरीटेन्मन्ननापीये येपीसगरेलोत्रीय
पसलपेन्उत्रेयानासुयानरेग्मरेसायो रामनामयेशीरनांगभुनीयेगायोन्ह- अपअर्धारलेशीररोगनालसगन्ध
मुग्भागपोतेग्मेवगीलारनुं लोग्नीपर || लोगनरेशेऽचारनुपन्मगमुत्ररोडेनेवी यजान्ने रे संसार संरपेअंतरमापरेरना येपरमोथीडितेशरणयियेन्पपीताशेपीचा, युनेश्नले सहे उन्तवायुलभरपोयीशाज्य पिमरे परिवारपामने एपिटीमांरेन्टन्तेन
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सुधासंगीतवैरास्ययः (39 स्वअरपीअरबमापीऽाघाणी उष्टीफरेग्मजूनेवाच्या नाएगी एन्तेऽत्यसमापयेपी हतप्राणते नीश्येहेऽनापधन्दरेयाश्रमशेपेयकीननेययोअर्यारत्नेश्रोगयेशीरनामह्योन्छ। । अयवायुनारीररोगनोखीपायपन यातचीरागतेखारेमरहनपोते मारपस्तुयो गर्मपायुवानेते पारेरोरखोअाइपीटनां लणनाची गरमशीरीपरराण्यास्नेितेमांधीरन शामयेऽयेमसातरीनीवनयारो रेवापायुनीय |रपीरासरवेनरोप । अयशीशेजस्तीवायुनानीरशेगारीपर- ॥ बाहरीरनो पीएमांध्यागमघाली डीपीश्रांगणा सोगारेशीरपरपालीनन्यवाांगगाउन रोपीयततेऽरीये गोमगलीपीकर तेसतातुलरीये
पोहोरयेऽशीरमाटरहेनीश्वगनरेन्दीरया युनोरोगसद्ययामेताहरेन्ट रनेऽरिये रिगहसौनये पापसातहीनयेमनीत्यसेवनाये। हिन्येवासरपुतेखरेवातेमाालरेन्शीोमस्तीप
येसोगरोनारान्पन ॥ अयपीतनारीररोगनोशिपायाप ।
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||३०८) सुरासंगीतवैद्यशास्त्रशेय. उमणराठी सुय गणमाखेपनयायन्पीत्ततपारी रवेनायेजपारेन्नयन रिपायणीन्नेन
परीतौतग्रतेशीरसेपरे अपयागुडसुंगीनो निसिपरेन्णयक्तप्रयोगायोग्यरीशीरपीसा मस्तयर मिररोपन्य पायत्रीने पापुर सिरसुपारपांऽह्यांतीनेन्तेवारीमारीपयरी रिसेपनीने पापापसातीनप्रयोगओरायनो यायेरेवापीत्तप्रकोपीतरीरपीयान्मयेर. । अपिसोहीनीरीरपीज्यानोरीपायनापीत तागातीपपारतेआईवीरोग्रेन्यामेलोडीवीतरन्न रिसीरपीज्यासरयेमरेन् - । अपनीशीरपीवानाठीपायनालंघन वर्तराची उणीपपारऽह्यान्तेसरापरयायो येरेहगया अथपातेश्रीराय(टीने तीखगरेपण नाणीमहीवगतीशिलरेन्यापीपपारउहेली पिंपरीवसमाये तोरेपानीशीरपीरमरीनये
श्रयरांन्नीपातनीीरपीयानोपाय शाओगयध्ययानुंजरगनगु सन्नीपाततन गारोपपायरोलागुन्तेवारीपरीष्णाऽरीमुस्ता डलररोन्रेयापियारीरसंन्नीपातनुमाहरोन्ना
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सुधासंपीतपैशास्त्रार्ययः (33|| ॥ अयसीएण्ययेखानारीररोगनोशवन्य धातुपुरीनाने रिपसारत्नपारंय तेलागुरल्या इतिगाएं पन्तेवारीनेसेपश्शारेपयिारोन्म नापीतोसीगरिरीरानुजन्नरोरा । अयक्रमीशरीररोगीनो पारम्परागुन मरी पीपस्सने गरमागानीन्वारीयेभरोसा
रागानी पारीमुत्रेपछीमेगनीनसिघरे रेवान ||मीरीरोगतएपीपीध्यागहरेपन । अयसुर्यावर्तनरोगश्रायशिशिरी छत्तेबहेनोडीपायाधीनेपयनोनासिरीयेऽन्ने गिये मालपुषाधीगोगतएगाअययामायेपन्अमु ल्यमेसीपार स्पेशीनमरीन् सुर्यावर्तनरोगरे। शीरनोरामरीन्र । पायमीनेनामी निपछनागाश्यतुरलेसुरलसपनेहीगा महीपणेरगोपन्मरीगोनेमुत्रलेपारीरीष, घरेन्सुर्यावर्तनीपीऽपरेपासरपत्राहरेरा सोपायत्रीन्ने योऽधनेशपारीलानुपाएगी तिउपरायेनारपीशमुस्तन्नपी परेवाराणा हार (एमपंग्रतणीरनीसुर्यायनिरोगरामेश्रा चीिरनोरन
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३८०) सुधासंगीत वैद्यशास्त्रग्रंथ. अपव्अनंतवातशीररोगनोरीपायट ह्या शिपायार्यशीरानातपाशीबेरसा श्रोतेखा रिपश्वेतपाशीयोगतेरला रेवारसीनीमीया ५योगनेियरी अनंतवातरीशिरोगयेयडरीमरीज शे.२ ॥ रीपाय भीने अथवाशीरनी नसोडावे मासपुडामधनाजवडावे १रेवारसी हमारे हेमनपणी अनंत वातपीयारेगी।
नागपायत्रीले ॥ गणोश्री रेणा लेने माहातुन लीज छाल्य कुमार स्रीयातुन ज्याधिगो गमीश्रीतये पाये अथवानासजीये जल ये नेत्रलमरने नीष्टी व्नयपीयापांमेसु श्रष्टीन उरेवारसीनोमारगसाधे प्रतीपयारेशीरहुम
नये.४.
अथ संनपट्टी हुजतीनीतीपायन्यासेनव सारतथायुनोतालेन्नगीतेमांमेगव्य पछीच्द्यांम मानुषीलाथ्येमसगीनासहरेनादेप्रांएगी रेवाशीरानेार्गणीज्य नारीणीन्
अयपाणमांलवस्यता होय तेनोडीपा याम्पुर उडवीडीनांनासहरे संतुपीया प्रगरीशीरमां नारीस्रे रेगभरेवायुनासीसंदर
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|| सुपासंगीतवेयशास्त्रयः (३८१|| नयेरेपानोरा येसर्पलपमेन्स्येन्शन
अपीयरयानो शीपायराण्डीलोपा गोनेशीपणेटहरेमागागोरेयानमणजीतलणान्सरवेगारीमघातपयस्योपषधेश्या रेपियार होतोऽशवोशन | अपनेचनामंऽणनुमापप्रषगल्याएमी| पुणेशीष्यऽरीगुइनीसेवा अल्परसुनोलागरोगे महीगाडेचा तान्नमायामनश्रत्तीभातुरम्झाइन रिवारसी समझायोनिश्रयमेधारन्पना पिलर
रासानग्यरीष्यगुइइहे तेवरएश्रापारम्मान गनेत्रतरगोकुन्तेतुग्नेयीस्तारपालो नानांमोरासुरसायनां मेहतीगुगमारत तागांमंडगतेनां अंगुशनारसमोमैव्यास रोपसमंऽगमापतपासोतेमपरोन्पन्ध्रल्प |वीश्रापारन्ने रोगयोमहीनेन्सुश्रुतमासोपी
ह्या रसुगछांतेरर । अय रसुरोगनास्थांनन्टीमांग मारनेमाघेरेहेछन् मागास्थानमाह्यरयार चीयोडेछन् स्वेतलागेश्रीयार संघीमेंना वगाया नेबपनीमायोगगी रसायाला
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३८२) सुयासंगीतवैस्त्रयंपपांपैएमां सूर्पनेसत्तरछेयारेपायेगासो छ त्येस्गएपीलेवा । अपयक्षुरोगमांशलेनारोगावायु तगारापत्तनाशतेरगानाध्यान्पपीत्या संन्नीपातनामहीसोगरक्ततपारयान्मन्छेने बनारोगयेछांत्येरगतिवीरोरेवारसीमन वर्णये डीलर्पयवानानेमीरीर
अयनेत्ररोगनीरीत्यत्तीनरातडशेवेचे गरम अंगीरोयायेन्नीतखावरेवाव्या धनगमायोयेनपुरमदे दीयससुवेधुम्रय से परेसेयोअपवारग्तेमापसेन्न्प्र ती|| रांती यमनरोऽचेतेश्रावे अशंलगरमसा स्ततेनेमांवे आसुरीचे यी यघाण्डेले शहरकतवीपरीतयोयौंयुमैगमुनहरे र सुहमरस्तन्नेडेरतुपीपरीत सोन्यसुगछातेती रियताचीपुयोलागेन्एन्रेयारत्नपतनयनवसेतो निसंमे अपाराशरपदीये पहलपमेन्द
अयशीनुलक्षगणनेने छेते. नेत्रगोगमांगामलागमध्येडेछ घग्यमसुरनीष माएपुतगीमहीरेछन्न-पपलुतपीगरपाई
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VOI
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॥ सुपासंगीतयेरास्त्रयः (३८७ | तेहेवी समयसमाभागीयानानेवी रणे अचीनागीतेबपरमगतनलासेन्प्यारपडगारी |नेतेनीमध्येवासेन्छन् पुरणप्याचनायेऽशेतरानी|| ||मापेन्श्राण्याशीनरी खगोगेस्यापेन्टन्सघर शीतगागलोहीनूतत्वरहेन्रेबाघटीतेहेने शेयी
सर्वश्रेपन । अथीनांरपऽगनाथाश्रय प्रियमपागनगन्तगाआधारेछन् मीनुमांस तपोधाश्रयीने रेहेछन् पन्त्रीन्नुभप्तागोयान धाररीयासेन्तेगमांसपणमेहास्पीनरागपासे रन्येपारोबाधारहरीगोयुन्नएरोन्रेयापिपामही हरदेवीमुऐशगोउ
अयप्रथमपाणमांरोगीयोहोयतेनालस एन्य प्रपमएडनमांसलरैनेतेजुनन्यारे सांगोपांगनतेनरनेस्नेन्नीरत्नासेरेवायेसा पीयेलोन्येमपयेन्नपोलेद्योपडपेहेलोन्पु । || अपनीन्नपाणमांगरियोहोयतेनाला सिगरापीले पडगे होरीलरोजेनेरमेन्सोयरी पिरोचीतेनसडेमाह्यरघरमेन्पन्माण्यमगत ||रसमुरुघणान्नयेन्मीरीतीयेतेएयेनयस
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|३८४) सुधासंगीतपैशास्त्रयः सायेर वस्तुगगीतेरसेनयना मेरेन्तमा पासेनीयस्तुतेरसेरेन्उन्मशीलमतीनेची हणसमशागोरेवारोगमीनपातेनेनो र
अयित्रीनपऽगमारोगरयानालसागन जगतपुइषने युतेनगरेआवेन्नीयेनी ||स्तुतेरयनरसापेन्पन्समुरुपतगानोथाय|| निमारोन्ये लासेवातागोपऽरोधारोन भन्ने त्रनेनाऽप्रारजीनोटीसेन्नेन्नेहोरे अधीरलरेलीतेवीरोन्न्तोशीपरनीयस्ततो तेनेलासेन्नेरुडच्यनीतेपीपररसेवासेन्टन्ने उतएगापसघाउमान्नेगनेन्तेने एउमानीर |स्तुतेनपसुने पन्होनेवनारोपडप्रेजेनेला ये तारन्युयानमतमाशामांभारेन्टीमध्ये
गतएशरएछानुन्तेनेसुनेमोटुत्तेसरवेनाम नुजन्सीमध्येस्थीरोरापागोजेने येत्ताग मेसुनेपउनानांतेनेन्ट जेनासुन्नेत्रीएयघणानोपारनही स्थान शिरवानीरीतीसर्वहीली रियागीरीत्यीयतुरश्रेधीरक्षएन्त्री पाने
रामरायानांलक्षएन्प । अपोयापाणमांशेराहोयतेनालक्षा
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सुधासंगीतरारिराख्ययः (३८५ गन्ना गोपऽरोगतीमारनांतरेहेछेन्सी गनारापुरीधागारग्ते छन् पन्तेनीतेन्नेमा यडीहावीयाये सीखायसरणीसोनेरस येन्रन्तेमाघरोघगोयीस्तारपणेयाये सोमा सुर्यनसत्रपुरांनारसायेछन्वीतत्रादी नीरमणसरवेमुझेन्तेसोलमतायुद्धपरोसस्य नपसुन्नेन्टी डिमोतीयानीधुरोगरेपारेछन्न योगापडणवीरोयेरोगामीरेछन्पन ॥ अयि अंन्यानामतेयेमोतीयानी नालेछेतेनाप्रकारका यात पत्ता संन्मापातनोन्रक्तने परभणायन्नतनोन्छ रगरीयशरडेन्लींगनारगयामांरहे पन्न रीश परीम्लायनसोहीयीमुर्छितययेसु| बिपीत्ततेनुनाम
अश्वायुनालींगनाशरोगनांलक्षण नानपायुनोलींगनागिरायासेनेनेसंपुरगक स्तुलमतीलासेन्सन्मलीनताप्रसायेनेनेसोनगेन ये पस्तमालाललागये लागेरमाऐयस्त|| थरीनसडेतेपए प्रतिशत पुर्णलागनीसमवस्तु सिपाशउपांगेललगपुर रेवानेमागोन्तेवर
|
बार
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||३८५) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ युनासींगनारीव्याधीयामोन् अथ पीत्तनाजींगनारीरोगनांलक्षण- पीत्ततगोयेलींगनशिजेनेयाये श्रासक्षतेनी द्रष्टीमांहरसाये१द्रसूर्यनक्षत्र धनुश तन्वीद्युतश्रीलमगलासतांतीमीरघा रन्सरयेवस्तुसीजीयर्धलासेतेनेरेयापीत्तनो लींगनाश गरेमेने उन्
अथगुनालींगनाशरोगनांलसएगन्
छोपी नोहोरास्ष्टी मां हुजयायेन्तेनां श्राससाग आयुरवेदीगाये. सर्वयींमुहरश्युतेतेने लागे लासेघानेही आगे देवानयनमांनी रघुरेक्षेप्रमांगोन्सींगनाशनोलक्षएाथी लंगो
अथसंन्त्रीपातनालींगनाशरोगनांलक्षाग ॥ संन्त्रीपातनोशेपयेर्धामांचासेन्सास्वस्तुमोअनंतत्रातरोलासेन्परलागओछोने वधीशेसे मेन्सरवेवस्तुतेनलरेलीले हेपेन्शन्देवा घेरात्रैएयेनांमही लक्षएारेछे सन्नीपातनोंलींग नाश तेने
अथैलोहीनासींगनशिरोगनांससागन्य थयोशे परक्तनोंयसोतेलीमांनन्नियाय
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॥ सुथासंगीतपैरास्त्रमेय. (३८७ श्राहरेत्यांहांषतायुतेमधुश्मिन्स मस्तला लनीलपीतांमस्येतनेन्मन्युछेतेमतेमुन्सुले निसियेतनेन्शन्गासमस्तीन्हयेरयेलयम्मा नेह्यांतेलोहीलींगनाशनांमेलसगोतने-उ॥ श्रय परीम्लायनसींगनारानांसक्षगन्छ । परीम्सायनोटीमाहोरानेने हिस्से पीत्तवरगीली
रातेने पगमेतेस्थणेतेानी ध्यासन्धीत तेलएीतेानेसुर्यमासेन्रन्लतारसपुष्पेरवां ओलितांन्दीसेरोगीने श्राग्यमांतहमगतांना रेवापारलालसागोमांप्रमागी परीम्लायतेलीप गनोनारानगोन्द्र । अयलींगनारानाअंन्यनगनारंगपत रित्वे एलीगनारा रोगवायुनीसेरातोन्मान हरपीत्ततायोगयोतेनीलगातोन्पीत्ततएण्ये रोगलासपीगीतेतीसेन्मनोहीयेस्वेत रहेलोम रुतमुनीरोन्यीयीप्रसन्नीपातनो परीयोपुरए ठिीयेन्रेयापरमारोसी तेरीनीशीयेपन परो सोहीपरागहोयसोहीनोपरीम्ला |यनोतेमरिक्तमापीत्ततापीमुधोयरीयेम ॥ अपवायुप्राहीलींगनाशनानेत्रमंडगनु|
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||३८८) सुशासंगीतवैद्यरात्रय खलए नुपएा यायुधारीको लीगनारानगोतेद्यनानेत्रमंऽगषतायुगाएपं पगपपीतेसमजासमांन्सीडयौशीष्यन्नेला दिवसापन्चायुनुनेत्रमंडगसालालहोय पीत्व नुशंसनारंगन्नेव॒न्पीत्ततालासेसरयाने ऐरतांना लीसरंगेटरीपुर्णतेपुरन्तेमाइनुगमगाएर गीतरामवत्धुनापुष्पसरपुल्लासपीनारायन यगपागेपुर्णरे महीस्तन्मेन्यागीनरपुन्छन् पातसंन्नीतापमपत्रीसमु माहीमगपासास
शो सोहीनूसालमंगवसेनेत्रमान्तमपरीम्बई सीपीत्तरोन्टन्लागरोरीत्यरेवारसीनीरगी नेवीत्वनुज्ञानश्राव्युरोगरंगेथीलसागराए। च्यांसतीगीबेगमसुमंगलताव्युएन । । अपएपीत्तत्रीलपाणनेप्राप्ययानाला
एप रात्रीनपडणमापुरयैरयुपीत्ताने मनीरसमाप्राधगोन्नीरायेसुनेतेयनेनन् तीरंदगीतगपासूनीरामानरीमयछे तेएयेपीत नीअल्पता प्रमगतामरीयायछेत्रहीपायापरगा येयषलायु उरीलसएन्रेयारश्तेररेन्गुंए गंधमारेलागेउन
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ (३८८ यिनक्तांधनेरातेनहेमेतेरतांधणानांल सिएना मुहुष्टत्रीने पाणरह्यानांपुंसक्षएगी नीशामांनहेजेऽसुघेयसमाह्यसुत्रेसषीन् तेने नक्तअंधश्रीगागेग्रयमांञेाने रेवासोडीडीनन
लोरतांधणम्हीतेत्यनेन्
अथैञेनीटटीमायीहारी भैरह्यो होय तेनांसक्षागनानी टुपीतरीयैनेवासेन तेने वीरचगरासरतेोगुलासे १ येलक्षागलही रेवाऐवीहुन नदेखे - जीन्न प्रथमपाणमांरोगमयी रेछेन्शन
अथयुमहर्षिशीररोगनांलक्षण क्षुरोगमां ॥शोरतापने जेहयरीगरमध्याये तेनाता पमणी सौ मुस्तस्मालये १- तेनो धुम्रपणीसु रौतनवा सेन्तेने धुम्रसरीजीवस्तु सोलासे श्रे यासीडीरछीत्तेसमले प्रगायरो- सुमहर्षिनांये
लक्षणचीनुयोवर-उ
अथरुस्वरोगनांलक्षागनानुमापघ एपुरुषोमोदुङाल े तेयस्तुनाहांनी घर से घोणे महा-१ नेमनयारयतेनीगीये हे प्राणी-रेवो श्रेये ह्रस्वरोगनीयँघाएगी
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||३४०) सुरासंगीतपैरास्य
अयनपुणांघरोगनांससएगानीशी नीरमणनेसंदणुसुने तेमांधेरीनरस्तांतेपीवाणु चेन्नेलाणेतायीत्रवीरीत्रपएएलेहेछन्रेयातेन्ना गायीचीयोरेछन्३... । म्यगंलीररोगनासक्षागास्सयल एउरतांबेष्टीमांद्यपये तेनीसाथ्ये गरेपीज्याने विमरेन्येलक्षगरेवानेग्नमांरेहेछन्गंलीरन रोगगरीयोतेनरने छेन्शन
अथवीनासरगोगनाशरोगनांवक्षन एजेनीशीनीरमणीनेन्शनीयनयन्या परगनारोगतेन्लींगनाराऽवाय-
पत्ती टीरोगसमामा । अपांभमंडगरीशगामाणमायाय तिनानामतयालसएन्नाऋषामंडगेच्या रगानाभरापार, सवारियुक्र परमह्यो शारीमनारमन्मीन्ने अवरेगयुक्र छेपोटा पीज्याऽरनार असीपांशत्यायन अमानत ग्यारन्य __ अयसपर्णशुक्रनांसहगना मधयम नागीणमांगाशांमधेरोलगी वसेरटीयेमुंजी
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सुथासंगीतबद्यरात्रपः (३१/ ये. उन्नयसौपुतणी पन्धसेनेसमातेपनी गेसाँयलसातूरेन्तेनानयनयीगरमयै घणंनी रितेनीसरेन्शन्लहीलसागय्यारयेरेनामनामे गनेन्रेयाशंडरतेरे सवागणुक्रनारोगनेनु । श्रयसवपक्रनुसाध्यप्रसाध्यससार होयनीसमीपमुतोरालरीस्तेमापन तेनेनगोसाध्यापरीन्तेपीवीपरीतइपरेपानासे ल्यारे असायरीयेसवपरशुक्रगपोतारेखा | अयअवगशुक्रनालसएननाममा
नरेनरोन्शुरुमुतेपुत्तनीनारीपर यासेपन्तहालेगालेन्मेन्योनारेनरमी राष्प सोमवाशरथयापागसरणीलरन्रेयाधुंध्येही परननरेनांगोन्अवगायिकतायेसोनिया गन्नगोउ परी परेअवापसुका स्थ्यछेपानीप्रपस्यात्नेश्रीअसाध्यया यतेनालसएन
अयअधएगगुरुनांप्रराध्यखसएगन्न नेत्रनुमासमहीवीपरऽन्निये एसेपीतेभुः इनसोमारसायेपन्तमतेघाटीपीन्नपाणी | रोपासेन्हरसायेमहीलालवणीवामहलासेना
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||३४२) सुशसंगीतशास्त्रयः
खालक्षपसाततपाशीगलरघुन्असाध्ययेछ| भारोनारपरघुउ ॥ अथणीन्नवसाध्यएएएंना जेहनेत्रमा |विगेमहीनासाशंन्यासयक्षमापीगरमन पांत्रांसुमन्तेहपुतगीपीपरसुंध सेहेवीन लगतेतरपपतएपी शेतीभेचीरन्पारोग मय्योनाौगयीफुरेन्एमटेनैपल्पसगीमा युरेन्ड
अपिसीपाठात्ययनेत्ररोगनालसए सनीअाज्येस लागलस्सोहीयेन्तेसुला सोन्नयपीटुमनेरीयेन्षन्पाइसीयनपुरण पीयांसातांपाश्वनांपोरनमायीत्रांसुपड ताररेवाखलाग्यारवडेव्यापीतरेछे सीपाशत्यययेसौरोपी छन्नारी रोगप्रसाध्यछेमटेनहीना
अयअनशन्नतनेत्ररोगनासागर अशन्नतययागलीपीवाची प्राण्यनीया येणारीमीगीनेची पाण्यसालने पीज्येपाय पनीसानेन्इपीरसरमा रक्तपरएमासुगालेन रन्जेलांनएरी रेवासुपसर्वहरेन्अरमा
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ लतारीने येगहग्रंथलो-- ॥ इतिीशाम मं उणरोग-४ समाना
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21
अयनेत्रनाशुम्लमंऽजरोग-नेयोगाला गमांमुना-पप-रोगछे तेनांमना प्रस्तार्यमा शुद्धतार्यम रक्तार्यम अंतरधरो धीमांसार्यम लीने स्नाद्ययैमा लेणाश्रुतीने लुन, पछी, पीष्टङ्ग, सीरीलमनवेहरी-शीरपीडीने जाग्रंथीत भैये नारोले स्वेतनेत्र पीलागमांयेोगनीमीनेऽह्यान्देवा थीगुंथीयाये स्वेतलागवीशेराउ अय प्रस्तयमनेत्रनाघोणालागमेशे गतेनांलक्षगु१॥ स्वेतनेत्रनालागवी रोगध्येहुगडे तेथीशोअथवायतोडाघपडे रेवाशीन्द्र समोपोतेय त्रिछे प्रस्तार्यमनायेल क्षिपंडीत छेन्न
a
श्रथशुलार्यमनेत्रनाधीकालागमांरोग तेनांलक्षनेत्रतयाते स्वेतलागमये न्नगे धोणुतेमणर्धम्यविधवासागेपरेवा अधीवधीने सोलहोपाडेयुम्वार्यमसुतपुर वयतीन्दि
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||३८४) सुधासंगीतधररास्त्रयः । अयरतार्थमनारोगनांलक्षगन्नापेक्षा नास्चेतलागेगरेछे एमसरीणमासमगप|| छन्पन्रेयापरणेसालगीतांगोन्रलार्यमयेरो गर्नुपनंगीर । अयअपीठमांसार्यभरोगनालक्षगन्न रासुस्वेतवीलागीरोफाचुनरषुम्भोटुशेमगपुर रणन्ननासरपुपन्रेयायीनेसहोत्तरयोग अधीमांसामगानोपापीहेयोन्य
अपस्नाययर्मरोगनांखक्षगम्परास्त लागनीमांद्य उसुनेस्थीरयायस्नायवर्मनोगे गते पंडीतयीपरमारपन । अयरक्रीरोगनांसहएन्फातेहनेत्रन नास्रेतलागमयुगाये राणीमांससरीणीषुपडी नयेन्घएीएएडेय्याररेयापरणोजेनेन्युन्नीनो व्याधीज्योसंलपरीतेनेन्शन | अपअरन्नुनरोगनांलक्षगन्नास्वेतने
नालागवीरोष्णीषुहेची सुसागधीरतएपरी पिाजेपीन्तेपंडीतपुखोलक्षानेपरप्पेछेनरेपान रुनुनरीगरीतेनेडेछन्न i अयपीएइरोगनांससएन्दा स्वेतनेत्र
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___ सुशासंगीतवैद्यशास्त्रयंप (३८५|| नालागीरीतेशेयारेन्ट्यायनोशेपलरेन्मयतान रेपीयुमांसपीछे पीएएगा बुन्रेयापीष्टरोग ||गतएंलक्षगर
अयसरीरोन्नगरोगनासक्षगरूप गाज नयननागोगमांसास्रेतलागेमरेन्नसोनासमुहे। भएपीगाइपनोनीसरे पीपवतीनेयेरे सभी मांसजेभारयां रेवारांपरेलदागोरीरोलगना येयार
प्रयसीरोपीडीगरोगनांउसिएगा नया नस्चेतनालागमाप्रपमस्रेतासायन्निसोये वीरतिरसेन्रीरोपीडीशयेस-पीनयसक्षएगे येडयां नारक्षमाथायछे-रेवाडीतोतेह्यनेसी रोपीडीशगायछेन्यू । अयमनासग्रंथीरोगारा स्पेनने नालागवीरोगरे यो उमगाशंसनीरस हो| योपयोगरेफडोरशीन्हपुछोएमनेषणासगं यीतरोगमताव्योतेतमनेरमायेनेबनास लागनागा-रोगह्याना | अयनेत्रनामर्मल्यानमांन्श व्यापीछे निनांस्यांनतरानांमन्य घेरो पिरतणे
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||३८५) सुर्यासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ इमाममांन्यसुमर्मस्थान तेमां छेमध्ये विपर
नांमनीांन
श्रथतेरोगनांस्प्रटनांमन्यराजत्संगपीडीन अन्पन्दुलीश-२ पोथी-उ-वर्त्मशरात्र
शोरवत्र्मान्य-सुज्लान्दुग्ननामीश-उमहुणवर्त्मान्ट वर्त्मसंयम-ए-जीष्टवर्मा-प वर्त्यम-११ शांभवर्मा - १२- प्रसन्नवर्त्मा-13अश्लीन्नवर्त्मा - १४ वातहर्षवर्मा-रप-पर्मार्बु -१५- प्राश्रस्तनीमेश - १७ - शोएगीतारी १८- सग ए-१-चीसवर्मा २०-मुंगन-२१- येरोग हावेल सान्य
अथ पीत्संगपीडीशनेत्रनां पीपयांमेनोशे गतेनांलक्षागन्या रोग-१ ॥ रह्यांने नेत्रगोग लागटांइनार जेभणी- यहेतेवीस्वपोपयांत पारीयन पानीपतेमह्यासी ये गुप्तचरनलाल मायछे वयेछे यी येनेमोरी येण्यमांहीघाय छे। श्रेयोश्रेयेरक्तनीजनीनेपीय हेमडी पीत्संग पीडीशताएगांज्ह्यांयेलक्षएगोसीन् अथलीशरोगनांसक्षएान्त्ररोगर नये ते शासी पक्षुतलागमांनतीपडी तपास
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__ सुयासंगीतवैधास्वयंप (३४७॥ तांतेडुलीनागीन्नासरीणीपन्टेश्येनेसोग पियुक्तपीकर हेपछीरह्योन्रेयावीपक्षणेयेरोगडुली ||शतगोऽह्योन्र. ॥ अयोयरोगनांलक्षगरोगउपमा सिडेरापोपरामेलालणसीनीसरेसरसपसरणी पीरजालनमतांबणमौजरेन्पन्महीपेन्यनेप। जाधएीयेरोगनेनीयस्योरेवापीपलगतेपो ||गहपोयीपीयालयोर ॥ अपवर्मराशरोगनांसक्षगहरापोए
वीरोगसीयोनरी प्रगट्यायछेतेपीरालरी सन्मएरीथनेलारीयायछे यमराईरातेहगाना यछेन्र. । अयप्राविमारोगनांलक्षएगापना असीडेरापयामांद्यतेवीएसीप्रगटेराडीन नीग्वीडोरन्नत्येगीगीतेहलागेर पीर ज्यायोडीतेह्यनामाह्यलागेन्रन्याचांलक्षणे युक्तरेछेन्श यारोगहेनेवरेछन्। अपयुम्लारीरोगनेत्रनोन्नापसुना पोपामागनंतर अंगुरशरेपरानेलयंना रेपाहेपायोगपीयुक्तरेछन्तेपुल्सासरोगनु उनी
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||३८८) सुशासंगीतवैद्यशास्त्रग्य ।
छन्। । अएअंग्ननामीशरोगांनाएगी ते नांखसगन्ने त्रपोपपानेमुपासीयेऊन पन्सिीऽरसरमोरंगपीयामहीमपिरेवा तेशेमलनाहानीमही घरह्योन् अंगननामी रीनेये.रोगह्योन्र । अयमणयमारोगनेत्रनोन्टानयन पोपनायोपडमानेगमेन्येऽपरगनांपारपना एसान्नमेन्पन्रेवायेपीज्यानोपरानीपरथारो नफुगवारगययोतेने धारोन्रन । अपवनजंघरोगनाशपायोडी पहुंचनेमंहपीयामहीमरे तेपोपयांनापेरमासो ब्रे पन्दंडायरेवानयनतेसोनम येवर्मन मिएरोगनेवीषुशेयर | अयम्लीएचारोगनालसएन् यसुदंरएपोपयांपेयेनेह लालध्यानध्यायो सद्यतेमन्महीपीकालागतेमांरद्योछे रेयाग्य प्येतीवाह्योछेन्शन ॥ अथवर्म मरोगनेत्रनोतेनालक्षागना शास्तपीत्तयुतम्ययायचेन्लीलीगमन
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मयेरोगलएवापर
सुशासंगीतशास्ापः (३८४|| ||यनेलगायछे थायरोगमणलक्षणेमरोग्यम् || मिरमुनीश्वरोपन ॥ अपरामवमरोगनासक्षगर । जिनीआयनापोपयापरेन्गांभगोयभारम || रेपीतेत्यमांयेग्यरेहेचाएील्गाषणानेता येनातागीरीत्याहीरेयेपत्तांगवामय | अयपत्रीन्नवारोगनांससदमा
पोपामाहरतांन्डामेन्सोनेरीशेपपीरो शिन्नमेन्पीयानहीनेगरहारयारोन्मलीनयमी, रीतेगगारोन्पन
यशस्वीन्नपारोगनाललगन्पर । सुतापछीटीगीरावायम्भे पापागोसल्लाये पायनयीघुयेपुरमीतासन्लासेपछीसुर्य तगोपरान्रेयानीतोपीय वानपांमे अन्दी नपामरीरोगनमैन्पून । अययातस्तव रोगनासताएर जेनीपसासारीतरेमीगायनहीन्त्यांग्या येतेमपीयाथायमहीन् अयियामापीरेहेयेरेया पीन्होलान्यातहतपाताणांबसपाह्यांगा।
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||४००) सुरासंगीतवैद्यरास्त्रयंक । अथवाघुरोगनालसागपायलों पोपयालागमाहो बानीग्रंथीयायछेयेस्तांद्येन रिंगरातीपीयनेमानरेछेन्येपार्षुयशरोध
छिन्
| अप अस्तनीमेरारोगनांसक्षागानेत्र पोपगंधासोनेडेवायेन्ताम्योनामारामांपे रीनरेन्सन्यांपएएनेरवीनांगेपानवायु स्तनीभेरानुंयेरेवेषुषारसायुप । अथरोगीताशेयरोगनावसगन्धर रोगोपगोप्यसंलये इरासीमांसनांरोजये सुस्मस्पर्शनान्नमेतेमधेन्पीरस्यस्पनेपायुपीपये रन्तेरेयान्यामंधनेघरेन्शोरगीताईनो रोगये| हरेपन | अपषगएरोगनांसक्षपपल्सजेनापोप सापपपीरी पीयापायछेडेपी पोपी उसीए नुवेपोरनारेयडीनागाशीतेयारे पछी रेस आवेघएगीन्गरागरारे पीयागलगाते लिएीपन
अपचशियारोगनासलगरुपान पोपरांतागाणामुणयागन्नेिमांरोगमणेजीना
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___सुघासंगीतवैशास्त्रग्रंथ. (४०१|| गामहीडीहपन्चाऐसोनेयेयजरातेपीशंसुरात्य यसरोहेगगतांबाययीनांसुन्रेषेवालहाए लाग्यायायरागेन् वीरावांयरोगश्रीवीमुपो वरागेदन ॥ अययनरोगनांलक्षगन्शात्रीयो यशेपीनयनस्यगमायरेन्यहीपोपयांपेयपरम संपरेनन्पोहोगांतेनययाऽनेनपनेयायेन गनरोगीरेवाशेरीगायेर येनेत्रना पोपांनान्स-रोगद्यान्य | अपनेरगानेपापल्यतेनारोगन्शन परोपांपएयमांगहरेपसेपरणेमामा नीग्न पदमझोप.पेहेलोउह्यो पदमेशांताये न्यन्न
अयपक्ष्मीपशंपएएनारोगनांसहागन
पापांपएययागनतारेहेछेत्रारिरीन्डे पाप एयमापीनएनरेवापीपयेण्यघणीमाये हिमायरेमामो रोगलयंपुरयाउन्नीनेशन
येप्रगसुसघनुवायुनुहुमलेहेने असाय्या सोनेरसोनोहेनेझेन्नेरेयाससएलसी हेगापेहेलो पदमशेपये पांऐएयनोव्यांचीपेठेखो
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४०२) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथअथ परमशांतरोगषांपेएयनांतेनांलक्षण-२ ॥ जरे पोपयांपांपाएयो बीनावागतेयायछेन वसेयेग्यतेनेपीरो महीजगतराधायछेन पीडयपी त्तनायीयर्ध रेयाप्रौढ पुरुषोसले-तेने परमशांती रीपुरापंडीतोते हु-१ ।। येमेरोगपांपेएगनाना
अथनेत्रसंधीनारोग-रु-तेनांनांमना
पुयालस वाहने नेत्रसंधीनयरोग-तेरेवाशंडर रटे लेडीलसएन्नेग
अथसंधीरोगनांमस्तुर । पुयालस डीपनाहु-२- पैत्तीश्श्राव-उप-संत्री पातश्रावन्य-रक्तश्राव-द-पर्वणीश-उ-प्रणल
ट-नंतुग्रंथी-
अयपुयालसनेत्रसंघीनारोगनांलक्षए
१॥ नेत्रमां हीली पुतणीनीपासेमांनी तेथीहोश लोमननांसंधीस्थांनी बनते हुजवात्राचे पारीसो मेधाये-घाढ परसरमालोयातेमांयाये पीड्या पारवनीतेमां हुमायरो रोग पुयालस तेरेवाची जुधोवरागे
अथ सरीपनाहुनेत्रसंधीना रोगना लक्षरा नेत्र संघीमां मोरीगांडयैनवपाडे-पी
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सुधासंगीतवैयशास्त्रग्रंथ (४०३ ज्यलेशन पएाग्ययोगी थारे भैएयेगीन्हो रेवेतारवीरसायांन्ग्रंथेसक्षएाये सीपनाहतगांगायांन अथ पैतीस्थापनेत्रसंधीरोगनांसक्षण उ ॥ श्रप्येयांसुहोयतीसे हणाररंगसरीषां पीसे-रेये ये गहनेसमनायो पैत्ती श्रावस्ते गायो । अथऽङ्गश्रापनेत्रनीसंघीनारोगनां स सा-४ ॥ नैत्रसंधीमांदीनगनांसुलये. स्वेतसीगांलांतेरसाये-१-रेवापीज्याद विसिपी परमांएंगे ये मुश्रावययोगत्तेश्वीशेलं एटेन्शन
अथसन्नीपातश्राषनेत्रनीसंघीनो रो गन्नेत्रसंधीमांनासुर छीटपडीलये हुए यीनीसारयपश्तेमांत्र्यावे. १ रेवापीड्यास्वल्प सुघडतासुमवाम्योन्संन्नीपातनोश्रावनयनसंवी
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लम्योन्न
अयरक्तश्रावनेत्रसंधीना रोशनांसह
एन्फा नेत्रसंधीना लागवीरोतेषुतान्नु बेहेछ धीर धर्धनेगरमपणेआलु १. दीष्णनेत्ररेवा रेहे लयनतापसह्यो रक्तश्रापनयनसंघीनोंरो गह्योन्
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|४.४) सुशासंगीतवैद्यशास्त्रय | पिपगीरोगनेत्रनासंधीनोन्मत्तेन लसागगाजायराणीनेत्रसंघीनपायेन्मही|| पिपत्तेयीपास्तीतेनपायेरेयापीज्यागुष्यतेन हेछन्येसंधीनोपर्यगीरोगडेछन् पन ॥ अथ अगणीनांमेनेत्रनासंधीनोरोगते|| नांलक्षगन्दरानेत्रसंघीमांरोगयो तामन वर्णरेषणतरालयोमहीनेणारगेनारेलमा पाशतेषनेउन नासमारपसंदीमांयेरेयान रद्योन्गणीनांमनोरोगयेह्योन्जन
अयन्तुथीनांमेनेत्रनासंघीनोरोग तेनासलगानेत्रसंघीमापीरे गांकर
नयेन्मी नेहमांजपारीलयथाये पम्ते पी.पांगमवैलये पोपएंपरामेरू पोरापोरवनी निरोग्यमहरनमेरनाराययानोन्नएयेलोपन नोरान्न नेत्रसंघीमामारंगपैलयेजान्नन्न्प खसोयुक्तरीयेरसायोन्तुयीनोरोगये पारउरेगायोन्ट तिीनेत्रसंगी स्रोगसमाम । अपनेत्रनाप्नीनशेशतेनांनामा अलीष्याशिनामना व्यापीरशुराम रेपारसी उत्तेनाररे सत्तरसायनांमन्प
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंय. (४०५ अथस्पष्टनांमा पायुनोचलीष्य-१पीत्तनोअलीष्यंह- २- स्नोलीष्यंह-उ-रत्त नोअलीष्यंह-४ वायुनीन्प्रधीमंध-य-पीन्तनोच धीमंरी-दु-इनोन्यषीमंय-उ-रक्तनोप्रधीमंय ट-संशोधपार अधियाम् १०हतायीमंद ११- वातपर्याय- १२- शुम्लाक्षीपात 13-अन्यती पान-१४ अम्लाघुशीत १५ - शीरीत्याती राहुरी - १७ -
अथनेत्रनीसमताप तथा नेत्रनीरीश मता-२ ॥ अथवायुनोपलीष्यंहरोगनां लक्षाग-१ जेनेसीडी मेध्योहुछेतेन रोग-१ ॥ नेनीयांष्य पीयाधीरो घणीयेोना घायछे-गसेक्षुयोव्यथी पाउंडीलांचायछे१. नमेशीशमाजगतरा हीसेनेत्रस्रणांघणां पडे सुतेशीतगां लक्ष्यांपुपीतगां रहे नागीचातमे अनेयेत्यलक्षागो-रेवाग्रंथा शेरअलीष्यत्यायुतयोन्
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अथपीत्तनाअलीष्यंहरोगनांलक्षा पीपीच्यो हुमेतेरोग या दुषेपीन पीत्र्यांष्यतो घएरोधहरेहेनेत्रमा अष्टषु
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||४०६) सुधासंथीतवैद्यशास्त्र ग्रंथ. पाडोश्रये पीयाद्रष्टीनाक्षेत्रमां मताघएगी प्रांसुरीकाने पातगां पीगांनेत्रते
सुहावेशीत
सुगंधीशी
पाश्यमां घायायडीतायां तणारी इपेपीयरीत्तनो-रेवारोगतेलंगन वोलीष्यंछे पीत्तनोन्
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श्रश्वस्ना अलीष्यंहनांलक्षएउ शीतण यक्षुरेहेतेाने उगरमवस्तु अरे घाट मौसुयो नयीअन्य पीयान्मने यीन्हते त्रैएयये सुंएयेसद्यसंवेगयो रेवान्टीना हुपमां अलीष्यहरुनोयेयोन्
व्यय रक्तालीव्यंहने सोहीभगज्यानी प्राप्यो। दुमेतेरोग-४-तेनांलक्षणता रहे सुवोला सतेवर ताम्रसुरमेनीसेज्यमाहौ शीलताञ्प्रतीरोगमे१पसुतेषीष्ठायै. जने धारयाव्यक्तनो रेवान्लंएाचोनेययो अली ष्यंहयेरकनोन्शन
अथवायुनाश्रधीमंयरोगनांलक्षएग ने घएगीयांप्योहुमवाच्येछेतेशेगपरा श्रप्यहुमवात्र्श्राव्यामाह्यमुपय्यारे. वायेपीज्या परम होरीनांशस्त्र पूरे १ महीलसतद्योगाय
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सुधासंपीतवैद्यशास्त्रगंये (४०० न्मएयेचुरीयाली-मरशरामपायमल्मची पालीरपणजाय अपरिप्रापुरेहेनन शीरामणतरायाय जोशीतगणवेहेन्रेया लसागयेरुजांगोगरयो तवभागोव्यायुनोअन पीभयययोल्ट ॥ श्रय पीत्तनाश्रयीमयरोगनालसएन्ना गोण्यमयाभावी माह्यापय्याउरे गरमण टैयावागीयस्तुपानपरे पत्तेनीमाण्यमांची पिघणातीहासीन्गरउन्नएयेभायरी सीन् पाईये हेसीशहधागोलेमान्नगेन्तेयान || शीतगतासारीसागेरासुसोयनपीतहरी
परमागेन् पीत्ततएोअधीमयरेवाडीतन्मयो । | अयनाप्रयीमयरोगनांलक्षएन्जर हुनी प्राण्यपावरा घगामाहीगरऽपिरीमति निरपेक्षुग्रही नएयेडेमेरीकारी समायोग
नगरोन्तेमांश्रांष्यसोचेलरीन्तेमायेग्यमान येघपी अरेणुंन्डेजरीरोगरमवस्तुगेन
योन्नेगनमीरह्योरेवागीन्छयेसीसही अधी मियनोऽयोन्उ. ॥ अथरकनाअधीमयरोगनालसगन्दा
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||४०८) सुशासंगीतवैद्यशास्त्रगए
आफ्यहुपवाअापीते पीयानमा लोहरममा कुरप्यरेतेमांगन्गापालेघोर ओम्यनेन्ने एयेन्ताम्रपराएनातुल्यसरेआसुनाएयेरन्या लोरनपालवाराहुनेस्यापी रक्ततपायीम यिनीयेपीज्यापापी | अपअधीमयरोगनानेत्रीघऽपानीमा पीयसनीना नोनप्रयीमययोपुरमण एजेन्सातीयसयीत्यागणपशिशारा क्ततगोटीनपांपलगीपीबाहेछन् छीनयाय पीपीपलयतेनाछेरपीत्ततगोअपीमय तरतरतमोसेन्रेयापरंपुरषोयेमग्रंयवीरोजोले २ । अपससोयपाउरोगनालसगरू प्रयाहांसुओष्यमा अपाररोएगायछन् लिरपवनसमातेयसुयोगगायछेपलाएप यस्तलोपनो सोल्नेशोपीयामरीन्ससोपपात इतरेरे मतान्योलसणेशीर | अयसोयपाडरोगनांलक्षएगा घुखेरणनीतुल्यनयनपानियेन्सोपनहोये-ना सालरोग्यतेमाथायेपन्सोल्नेनमगेलेशरेयात समाएर असोयपाऽश्यानांयेसक्षए
DIAS
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सुवासंगीतवैरास्ययः (४०८|| एन् २० || अपनाधीमंयरोगनालसागर । सुलब्यानेसंलवेसमायशेपरययो पहेचपीरज
ली पीशरमहीमगीगोन्पन्सरोनोमष्णपान य पीऽयतेद्यमांचएीन्से छेतेहरे-भगो दुल्लान मिलनमागीरवीशरीयसुबोयमिगेयेसरन्ने गनेन्रेवावीपसागोवढे हताधीमंयरोगनेन्ड । प्रययातपर्यायरोगनांलक्षाग-परमिनीनेत्रतपालमपीसंपुगतेगोन्येस्तुरोग वीरीतेने पातपर्यायतेलागोपन । अपसुरक्षीपास्रोगनांखसएन्छु मीपाईन्नयनेत्रने परेछेमणतराघाणी सुमारे नयनतेसुरंगलालरीमगीन्पन्सुनेनीस्वर तापञ्चेरेदातेतापपीउरे सुपीपाश्रीगोपीमारी योमुनीश्यरेर । अयअन्यतोपातरोगनांलक्षणमा संयघटीलमनयने तांपीयारीरमांचएी पायु चियेनासर्वेन्यतीपातनीलएीपन ॥ अयअम्मायुरिनरोगनालक्षएप जेनांसोयनपीडदायी शारीनयेन्मासांभमेगा
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||१०) स्पांसंगीतपैरास्यायः ॥ गमणेतेयांशयेपलरीयोसोनेघहरेयापीया पपेन्श्रम्साध्युरीतयोगमतान्योतेपेन्रांये लक्षगन्नेरीनेएरमागी-तेनेष्मीतयायनपान पएयपीपाएगी । श्रयीयेत्यानरोगनांवक्षागोपए
शेने पीऽरतेरोगेसोयेनहोयम्नमेरोग पत्तेमाय तोोषघुपापणीस्थानतेखालयाय नसो निरनीस्ततालोगएपयररेगसीधुरीरंगनमत रह्योछेन्रीरोत्यातयेलसऐपीयोछेन्र. - अपीरोहरीरोगनासक्षगन्ध नरोत्यातमुंब्रयनेयाय मनीनासागसेन्ने
पायपन्सुञयक्षुपेनापीघापुर्णमगतांन्स चमणरेलोपनानेगगनांन्रन्पाइएमम्युन छीने घटेनानीरोहर्षनीरोगयाप्योमटेना.
अथरोगनाभस्सोकोयतेप्राण्यनाललगा गवीरामयसनांपासालोख्यतया ज्यारेनयनरहे समेशागमीत्युप्राचीरशुगरहे रेयापीत्तनयोटेमन्मयमोपनमांन्तोसमन्नोगह
लपटेलोसोपनमार अयनेत्ररोगमरीगयानाललगन्समा
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सुषांसंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ मसुनां ॥ पीड्यत्राप्यमांनाशी नीये पै.सोन्नेनरी लरेयसुर्वेनीरनारगोतेनैनीरे हेलरी - नयारसुत्रे सर्वने शमीम्स वेगयां रेवेलक्षणोपयये नीरोगीनयननां ह्यां
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व्अयनेत्ररोगबागाये प्रारलीयस्तुवन वीमरतांसुधीन् लासेसोयनम्ष्टलयाना वासुरोग, चीगरेते मान्यहेन्द गोयलु माटुडे लाखेनवमावुतांजुगयीगरेगरम नमेने नवनाहावु जानुगतमायुनैनेन दुपय्याने तांगीर्नवने आनेऽनरेन् चायेाहरीतनयांतेनीश्रीषी मसुरोगययेलोखो मरतासुषी ४ लीयक्षुरोगलक्षागसमा अधयक्षुरोगना शिपायारन्त्र लंघनलेपने स्ववीय-नशीर नसछे हनयान्नयन नरोगमरवानागा येग्यारेन्ाधीश अयनेत्रहुणवान्प्राव्यांतेपायानी मर्या या एयहीवसन्नतालगी पोदेनडीपाय पाणपाम्येयापरे तर्तययमलयपनपोष दीवसथयापछी श्रारोरवोपरीपभारती
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||४१२) सुंघासंगीतवैद्यरात्यग्रंपः
लागुपडे लागेधुमनोलारकर । सूयरतुपरत्वेअंजनसमन्नेवानुन भापरब्यापनसमझीनेसर्वतमे हेमनगरीतु। येणेमामध्यानसमे परिमाररतुमांमध्यान प्रियमरगुंवारतुमायणपारणतयार। रपसंतरतुनोप्रवेशतेयायेनारे तपअंगना रघुतेमनगीसतारेन्उन्रेयारतुनोसमयचीयारे| नयागेल तौतारीओरायनीराशनयसागेन्सन
अयसारीपक्षोराणवानीरीत्या पुरमाधि- अंग्नम्नाननीशीनगाहायन तेनेसोलरतरसगी रखुरोगनायन्न.
अयअंग्नरीत्यापन पेलेसुंयाम्प पासेघराय गतीमगारक्षुयेतेस्रायन्प्रान पीनरीतीयतातेगायेन्रेपानीमियेद्यहीसा प्रायेन्शन । अपाण्योजागेश्रावीतेनोलेपभराना जवानोरा पुरोगाजी सीपर गेहीमहरेक रसवंतीगरीलगायेसेपरेन् पसुमीमीटर लय पोपयांलेपायेन्तोरेवापतीप्रोप्न्योनुहुष्मा नरेन्प
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सुधासमीतपैधास्त्रमुगः (13 अपि पायलेपनीन्नेरना सो पात्रमालीषुनीरसतेलरीये लोहतगेघरी घु| टेन्मोऽरीयेप नराहीराशी नाणीदेपन थियेन्तोरेवाअांध्योपाव्यानुएमन्नयेत. ॥ अयशपायत्रीनेन्तरतमरपानो इसी लातीने श्रीगयेश्मासोरेन्सीको लोरतेयमालीपुरसमनिरेपन्समांत रफरेलागसोलोकोपात्रमातेलरीपछीणहमय | वनरान्तणेतापीमोऽरीरामरेखेपनेनोउरीप रसरीरेघटेतेहरेन्रेसाततपस्तगीपीयायेs पोरेहरे . | यदुनतीधाग्योनीपोटलीगलवानी तेश्यानीनगरपांगीलोस्रतेामांसावी उसीरेन्यूल्यागीसमलागसौन्त्रीपीपस्तरे ग्येउरेन्पाशलेगवारोतए पपापोस्तनाग चीरोउरेमानेपोरसीदेव्यपसुपरसोधीरों रपीप्राण्यश्नाव्यातएगीसम्णयनाये रीरेयाटसरपेरामे प्रतीज्ञाप्रयोगेटरीन् । __ अयोण्यमांशुमावतुलीयतेनोखी पायययुद्धपहागीलोरतेसोपोलीला
जापा
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||४१४) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रगूंपैः मांपरतीयस्त्रगाणतेनेडीले १ घीमांशीराम पतननमांयायेरेपायोपज्यपक्षुराणरामी नये अथवारो रेतेनगनांलोपनमांच्या धीमृगनासेरायपुरीसहीवनमांना शिपाय आप्यद्दुमती नीना येरेंगनांपांन छोल्यमुगांसीने तेनोज्यायश्रीभारीपयमांदीनेते राणी येसुपयतेरे हेन्नरे हरे हरेडीस्वल्य सरीमुरेहेतारे बेञीलेयेमशशत लेथाये रेवान्प्रांण्यनीपीउयरीमीयानीलये. उन मेरा रोपाय जीने. ।। मेहुणहर सींधवजारी पयमांदीने डीगरीते प्रथम हरेावतीनेन्स हासशेरीनेरीत्यहीपी-रेपारसी समरी
झानीपीज्याहरवी
अयगरमर्धनी हुजती होयतेनोडीपायन् सोहरसाय्य भरेतीबारे गृतमाहेतेिरीभ्यसपारे नगमांगिरी तेलेपो तेनोप्यारेडो हे वो रेवा सोरायेमधायन पीतपीयनुंब्लेर पे
गाय
अथलो ही थी दुमती होयतेनोपीपायचीरेणा सोहर मांउने नागरमोथ्यहरे तेलनमा
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॥ सुरासंरीतपैगास्नग्य. (४१५|| परीनेतिणमारेगारीतणतणना वारी-रेवापीरमाउरेहेत्राप्यो सारीरक ॥ अथान्योतनीधीप्यमतीनोना ||सीपायन यातनयापीयेह नीरीयेनान रपीमधन्तेयाधराणीतहतेरीत्येप्रारोपना छितापाटीनेसुपरायेणेन्पोगीप्राप्ये श्राप नीरसनांपाउन्ग्रीतरणमांगरमसरोशंते परवान्डीपाडगमातिणतेनयनेलरयारन चायनीपीआर घोगेशान्तीपीओराधीनता पाण्येपाडेन्जमनीपीतीमीनेसुनी वान्तवस्तुनेगरमारीटीपेडेवीन्हन्सर्वरक्षुनी पोऽयमरेपाडीबाहिररेवाभाथ्योतनपीपीग्रंथवी रोगापन | अयगरम नीतयालोहीनीआयला तीतेनोपायन्यनारीस्तननापनांरीपांना पाडेमांद्य तोपीज्यासरपेरामे परहेनही त्या । अयोण्यमांशुगणालतुयतेनो रोना पायना नेटोपियीनामरे तोऽरघुबारामती रगछेघवेरसिनी रेयगतीमपन्थी पायास्यापरी सएशनेगुगन्नयरतरटाये
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४१) सुधासंगीत वैद्यशास्त्रगूंथ नगयठी-रेवाग्रंयोगाय दन्ता डीपायर आप्येपीडीजांधवानो पीडीतेयपोसीनुनां मना श्रीङ्गासीहर मंनानजमांमरही घीमां तणीतेसोयेन परणांधेदरही १-येमनवीपीडी लेपांयतीवसयाये रेवानासामगुणस मीलयेन्शन
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अथप्रांप्यमारोग्यतेभरवानो शिपाया सुमालीभनापत्र नेसीयवनो जसयायन्तेपीडी नयनेश्से येग्यमीसहेलिय
अयनेत्ररोगपेरतरपएगचीवीरुरपानं
टीपुष्टास्पनन्नयचीधी
पीठआनोनणथी मारोपेली-रीत्यसुगो यशुद्दुममरवानीसेली-पवननगालेलेवस्था नप्रथमलागो उतोसुपेतांनरपेक्षुना घुमवाणोन २. महाहनी पणतीतेऽरमांसेपी मसुगोम गतेनीयाज्यश्री हेवी तेश्राहरवी श्रांगणरुदीनामापसंगी डीपीस्रवी-४घीतेअपवादुपपछी कुनुरुपुन्सरीस्तरपणीमांचणतील येणामापनतावुतेश्रीनेत्री घी राष्जीरे शोनीगागतीश्रतांसुधी- दुनयेमनी रंतरपयिधीयसतरपाणपायन्प्राप्यहुमतीसए
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रगंध (४६०
शशुजरीमीलय ७ न्यामद्यव्याधीनेत्रनसोपांपागपीड्या तीमीररतांयगन्नय मरेमहीमणलीज्यान्ट-सीताचाहाडीषुगण होयेन्यारे ना तरपानीरीत्याश्रयीतारे-रेवात्तरपएंग त्यहीष्टारगे महामर्षिग्रंथवीरो चीधीयरणे.१०. र्घतीतरपएारीत्यसमाप्ती अयोध्यनयनांननना शेषनाली हेग हरनीमीन हुने - मरी मनराज पीपरवनने डीपसेर घरे १-संलागेसांमांनरह्योतोगीघरपो आर पोहोरपुराभ्यंनननोजसो मारींना हु घवीरोमसवत्पर्यरची लांबीर्घजारगुरीगडरवीन्तेने तो तीमीरपुष्यने तरारणे मांस ग्रीने पाणरतायणपंथपणे उरेपारसीनेस मरीनयनवीरोधेछे संशेध्यगुरीशयेगंय बीरो हेछन्
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अर्थतवर्तिशांना सुर गायनें। गरवतेनाहंतहरे शेजनालीने समुह डीएम हीयुक्तस्रे अवध्यमोती समलागे सौतेमरहेन गोमुत्रेगुरीशस्रीहेननहरहे रोगसमस्त प्रहार तणां पुष्पोन्नरी तीमीररतांयण सेक्यराण
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||४१८) सुवासंगीतपैयरायरंपर।
मएवारोरेपाटणेसोरटस्पष्टरपानेन स्तिपतिशनेवांगनवरएयुतेयुन्हा | अयस्नेगुरीगन्ननगात्रीगाना जीबनेगरसरमांसीने पोरयेसुधीलम मनितीनपारेगुटीसमेतेनुशंगनवायेन्तो पशुनारोगरामीसरयेन्नयेन्रन्रेपास्नेहनया नांनतेरेहेनीरपांगीन्नारापांपेएयरी पिस्तुगीर । अपचन्नयनांननन्य मोरतुत्यसोना सुप्पीनेसीयरलीनेम्पाउरीपनाली मनराण तेमांशलेपन्समुशगमरीगेश्नययेरपी घोडानापेशापपीरोमनियारन्नीगासमे|| वारिसेतेअंजनयाये तीमीरजापनेपुष्पपीज्य सरपेलयेन्जरेपारसी समरीने अंग्नयेहंया रिन्नयनरोगसरवेसोयीनेनाराहरेन्द्र । अय भूबनथीनींशनारामपानोपीय यसमरीमरीमपनापीरी श्रोष्ये अंगनया यारेपानीघाटतेयेप्रयोगयीनयन्त | अधचाम्येतंसबेलारखागेतेमरानो सपाय-मममरीनेएसेरले यनसीपया
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सुधासंगीतपैदरालगंथः (४ समल्यगाछीनाऐयरममांकमरोमसोय शान्ताज्ये अंगनारे परमेशनाशरेया
मतीमीररगे याताश्रीप्रकरार । अथनेत्रनीरमगरपानोपायरानीरन मगीनाञ्जनेगी मपमांअंग्नपायम् नयनरहे| नीरमगसायातीपीयपणाएर
श्योण्यमा मोतीयाधीशपचीगरे। मटयानो पीपायन शासरपतारामीरा नुगत शहाडेन्रीमनालीनीरमणीनुंगघुरेश पिस्तेमांगततेसरपतामुल्नेगीभांगोप्य तएसीटसमेनासेगांजेरियमोतीयान नीनारासीयाये रेयापारमहरभुनीयो येथे गायेउन ॥ अपनेवनासर्वरोगनोसीपाया! मरी पीपरसीयररमोस्रोटीबेन्सी एये पायेनुमानिसलेन्पन्गोमुत्रेगुरीशारीत अंगनारया यसमतायुसनेमनमावरदान
लहीपीवानसत्रसमेअंग्नयायेन्नयना रोगसरपत्रणव्यात्यांपीलयेन्न्रेयाश्योगी रित्यतीमीरवी महरेक पापांप्रेनारायसुनने
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४२०) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रयः दिव्यारेन्हा । अपरिवाशासरीनेत्ररोगपरगुएशक यीसुयेऊतोलोतपादीनेतांद्युन्जयोगेश बोरेगानीरमाह्य पपरेसाँइराशपथैनाप रेते पयापारगगनांगरानारसेतेर पदीया रतमसुम्पनुनीरटी प्यावारदेघीचीरोतुस्न पाडीन्न्ावीसने पायगोमुत्रमाही परपीर। मतगारेमताहीन्श णारीनापमापी रापंप तपाव्याऽस्यामानरेनुट्यरंयन्परीनी लेगुनी अंगुगाडीको पछीनेत्रमाणेयेणारेसी पीनेन्छन्तीमीरनेरतांहगएरमपीयन्नयन्रगे लवाअनुरातीनशयन् हरेरोग्यनेमता लल्लपाशमरीयेरातत्रीगुंगीप्राशीगासन्दन तीनेत्रांननगुरीशसमाप्तता
अपर्णरोगत्पत्तीलसएओरापा ऐरोगनीसंण्यासलेछेरा परोगसुन श्रुतमां परएयायापीरसंप्यासरपेनांमनी
चीरोपरगीरापना हरीगीत प सुएयररिष्यसमगायुतुने गानाछेरखान्न रायीसुश्रुतनेमते रसायुनामेतेरलापन्न्ने||
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एसो
सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ (४२१ वर्ग, गुण ने एनाह जैधीर, देखें मताचीयोन्डेन एश्रापने और्णम्य मार्गगुयनगायीयोन् भागने होरायागने सर्गप्रतीनाह तेम्यो पाउ पुतीमैत्राक्रमीरैर्गताद्वारह्यो छेएसो येतेययुनो, तमसोयन पत्तनो वजनाचीयो गएयसोगयेर्धरामयीन्तनो एडीएँर्गसोयछेलोहीनोन्तम पातर्हेगारी नऊह्योगएायीन्तर्गर्शज्ञयणी उजुहर्षवीर त्योन्य सुधीर राजसतावरी चौतर्णार्बुहल व्युत्पीत्ततुर्गार्बुह पछीपी गर्गमुह नोगाउँन्द रक्तशर्गार्बुध्ञतावी, मांससँग उद्यो- मेहग बुगगीतमनसोर्गानुद्योन्यग्रंथैया
रत्रयीतेमतावुत्र्यास्थ मन्मयनेषुवर्य - नस्टारपणेपणेन्टडीत्यात परतहीनये. जतरीसगछरगेलएयान रेवारसी परतापेथी ते लागुरनरीमांगल्या प्रथाएरिंशुमनुंसक्षागन्पायु पेशीयन्तेपणती शेपामुयाय १-सवेराग पछीपीये एणिनखक्षएायेह अनारोगनांलक्षएएस नेना
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४२२) सुधासंगीतवैद्यशास्यग्रंथ. रागेवायुनैइंधन पायेरांजलेरीमररंगतएगाहरीसालने रेवानेडाहायाग
शब्दोगाये
ह्यो अर्गनाइयेजक्षएापी स्वीये गायो
अथ अधीरनुं लक्षएगा आज्या अथ या बुद्धधारा निनोतेने शब्दतागोनसमासनपी पोनेने रेवानपीर्ये रोगमरेनीनन्मलगीन साहेव ही पाग गयानेनानगी अथार्गक्ष्येऽरोगनुं लक्षएान्४ ॥ नेना छोपी घेशार्गमात्रैएयरेयांस हुवासरमाप्र दाराव्हरे१धिरेतोध पर पुरानोगे
क्ष्यग्नांये सक्षाते परमांन अथार्गश्रावनांलक्षागन्य राजेनामुस्त स्मांपायुपेशीये अथवा एपीरोनमपेायाय।। ये पशुर्गनीनाव्ययीतेने बेहुछेन एश्श्रिाव एरीरेपातेोवीछे
अथ नागवानीसा खोधी उमगेपेशीन्नय- घणीयेण्य
एड्डुदेवाय पुरु
अथार्गगुंथरोगनांसक्षा-७ ॥ नेना रोपीत्तनी गरमर्धपेशीय मेल
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॥ सुशासपीतपैराशाखाप(a| सीनेन्र्णगुपये गायन । अपहपतीनानांखसरगन्दर्य गुरौपातगो नाचीरोरेहेतेए नाइनारये| पिणेनाप्लएप्रितीयह | एकमिनाक्षगन्नाऊ रगमगपतंगधातुम्मन्नुराग्रीनयमन हभपरंतु सरकारनेपीर परेव्यागाये लोगनवामिलायरगीतेनोनयेरपरसपाना वीरामच्यापुणताननाएगोन्कभीर तेरेपारी | रत्नगोउन
अयपूर्णबगतेगोटयागयापीचारथिी प्रगतेरोगण उपयोरयान्येठे धेर उपीतयाये उफनागमांपइस्तथैनन्नयेपन लियारोपीयपुरपतेनेडेरेदाउर्णयपये प्रत गस्योपसाएछन्न्होयमहीएघारहेको योगमगे पलियरोगनांमीप्रसंसरगोडोहणेला ॥ अथपूर्णपाउरोगनालक्षागारयाएं पित्तपीपाया परकासमनयपाइतेन्ना
योग्यमहरननगायल्पन ॥ अयपुतीही रोगनांखलए
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|४२४) सुगसंगीतपैशास्त्रयः ॥ यएनेनातेयोरोपीनेनयेन्याउरेरण वगीपस्तेमागायेपन्यारंवारपनारमनेरे पायो पुतीयियोगयेसमजीलेयोन्रन । अयपातपीत्तलोहीतेप्रलापयीययो लानीरीत्यर्शनामख्नमांमसाधयाया तेनाललगा पातपत्तिश्लोकहीमांसनेमे नसोरू येसातेनीयायग्रंथीयोधरसोप श्रे अरशुरोगेयीलसएल्योनागीयद्यापर्डमांच्या
तेश्रेयागीर न्यातपातलोहीतगाऐ पाये कृपाणीमातेरेपारंडरगायेन्दु । अयपरीपोरस्नुलसागरोगनुंगा पर्ण लागीमामेखएपोप्राणरयाये स्त्रीयोपचारेबाल्नु पराएरयाशये पन्तेमानिसुनीलयेपीराम गन्तेपरोपरमरोगयडेसोपोशरीर । अयरीत्पातरोगहनोतेनालक्षगल्या एकतपीलागीतेनुपएलारपस्ये अपपारी उत्तगाये-पीज्याइपयेपन्सोनेपलियेनेप्पा शेलारी पाहायपोत्यातलोपावर
एरीन्मयरोगनांलक्षणाएं | लागीनेयधारवाजेस्त्रीया न्यायु पश्रीश्नो
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सुपासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथः ९४२५|| सेर्घत्यांधाये - सोन्नेप्रगटहरेने येव्यधएकी ना रेषारोगसीन्मथनांयेसझाए|छे २
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अथ हुजवर्धन रोगनांलक्षण-४ ॥ ऐ पीयतालोगीमांपीयानंमे पाहीलये देहरादुन जतेठांभे १ रेवापासतांनवन्नएयोञयोछे हुन पर्वयेलक्षाएाथीहरसा योछेन्द्र अथ परीलोहीनरोगनांलक्षणपरा लोणीपर ने लोहीमेडोएरी- सरणांजे येण्याने पाज्य
पासेएासांहे कोपरी रेवातेमांथाये. परीसोनियेलक्षएाथी पुरषोगा।
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येरू
मंध सीयव नेततेसह
अर्थ उर्गरोगना पीपाय- आप्तरस डायीयेश राज्यनेश्वर जयीरपपीज्य
यीशेनयरे
घएगी रेपारणे सौस्ट हयाने दुर्गती ना पायजीने ससा चाटुने परएयानाड
शिध्यथीतमगंमे..
हमीरे ये प्यारेनीज्यरीपुरीरह पुरीटे उरागवीरोपीयायांमेरेपायायज्यमन्त्र
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अथ युगनोरियायन्ना सीपवजह
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||४२९) सुशसंगीतवैद्यायग्रंप
रामुत्रमानवीषगरीबहरापन्शु णनीरोनास दिनीयारण्यायन्... ॥ अथर्शननीलीगीपारीकोयतेनोरीपायन सरतापरीआसनपयतस-तेलहरेन्डीरेसतेमा युक्रमपुरेतापयरेन्पल्सरमणतारेहेत्तेसपछी तिलेपारे रेवाएलिोगीपाड्यानीपीपहरेन्ट । अयननाएनीपीवानो डीपाय
आमगारोगंयानेमनरागसीलेनणरत्रैएये रायशिरतेधित तेलटुनवराऽन्सरपमा रहीपरमोचतुरपानतागोरससमहीसौसरमोन्न रन्तापमधुरोपरीनेतेपश्च्युन्नयेन्सीमणतो रेऐतेवएजीतेनेसाह्ये उन्घरेशनमांवएपीज्या | नेपायरमेन्रेयासरणपीयायामेनेडीवगणभेत || अपशनमाक्रमीपवाफयतेमाऽयानोन
पायनारसरीगएनोरेसिडेपछीसा संयुतानीमांद्यपानगीनेन्मेनीघुमणेन व्यऋमीटपारीसपीनारयाये पछीरोपर मरनोश्रापपान्रेवाएंपारीपीऽयातेमराउन । यीनेशनतेनारीपायना उष्टी पाचनमान्सएडानेमथायर पाप्यानीपी
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सुशासंगीतयेगारगंपः (४२७॥ सायन्तेनोरयुटीपायन्य गोपै पहाडी यार्षए समएननामपित्रनेसीलेशमन्न
मुत्रपोरसन्नेनन्नासेणेहेराइटनीन निरन् उंडगीयो सीपय-सुरवसा एपनपीपरने-डीपखेरन्मोत्यभाडापत्र, रसवारीसर्वसमेर-बारीसर्वसमेटतेलमांते डिलक्षणेन्रादुरीनेतेलशुननीमुरेनागेन्मरेमा अनुरोपीर पर पाश्यानेलएशरेयारणेयेतत गसोनेनेसगापना घेरो मारीमा त्रपसगरसमयगेमुझेशेयर मेहेरोनेसएशमा रिपोरपनहोयर घोडायर नरभुनमांग सीनेमुझेशनन्योनारोधमटेसघनलेसाहीलगयों नन् फुनुररीनेसर्सियुन्यरेशर्यनेपोसन्युगह रेसष्ठीसननुन्व्हेरोसमजेनोसल्डन्डीमाणी सीपुरसम्परेशसंन्योग शुगरोसरयेरामे मरेग्ननारोगापखसएलपेटेअर्डपत्न्दो शिरसनन्ल्पपणेपास्यातणीराने यत्नांना पुन्सीपमधीमरमुत्रमार्गतर लेपन्अनेऽव्यायापली घरे नहीयेपन पतीपरोगीपायसम्बना
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४२८) सुधासंगीत पैरित्रग्रंथ अथ नानारोगनी उत्पत्तीत पालक्षण संध्यानांभतेनांघरतोअनुक्रमन्ना रोगना सीझनालाएं थावापेर सीपार तारवीयाग्रंथीयि तेनत्रीसने ग्यार-१ अथ नाश्ना रोग उठ छे । तेनांनांम॥पीनसरोग-प-पुतीनारा -श-नाशाग्राङ-उ-पुयशोगीत-४- घीछी-पछीनायेते दु-नारजनेते ७ प्रतीना-टप्रतीश्रावन्दन्नाशसीय १०- प्रतीश्याय-११- तेनालेहरयार श्य-नाशाहसातप्राश्ना २२- नाशरिया रप्रेशरना- २५- नाइसोथलेहय्यार - ३० - नारक्त पीत्तग्यार प्रहार ३४
प्रथम अथ पीनसरोगनांलक्षएा.प. भेनेनाऐ पीडीत मुमेोहाली तेनोरिवासना सेनसरेयाली. पन्नादेयागयाय-शुषतामही रेछे श्रवेघुयाडोनाश्यहीश्रुतीयोछेन्शन्ने वासनारे पुरामाणी रेवोपायलक्षा ये पीनसवाणी-उ
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अथ पुतीनारारोगनांलक्षणान्॥ गणा तालयानामुनोवायुज्यारे पीन्तलोही उत्रेएये ||हुभीतरेतरेन्तेौपीनेपारवनी पीड्यापा
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__ सुवासंपीतपेयपास्वयंपः (४२४|| पेटतागीरगंधीनामुष्मेशोर रेयास्थासा
गंधीनीतेनोपेहेछ पुतीनारातेरोगी रेपी | अपनाया पाउरोगनांसहगन्ना पीत्तरोपीनेमहीशुगसांसफारेन्तेनेपऽपेपारपनी|| पीड्यापाडेपरेवालसागग्यारपरपुरगयेहेछन तेगानाशापारीमुनीयोरेछन्द ॥ अथ पुयशोएतिनालसएन्द्रय उपाणे इन शीयोस्पयेणापणेयागतांन्नस्यारीतेशेपमा उसोन्नेष्यमोन्नगतापपइनेसटेरतनारेमार] |गेनारानेरेयेपुराएीतना ह्यासतागोतने र ॥ प्रयघएगीधीहोलाएतेरसयुरोगनांस सिगन्य राजेनानामावायुतेपासेऽपरीने पिछीनाश्मर्मस्यगोपीश्रांतरी नेरेपल्मनील नयनेमणे रेसगवणाटोघगा नभायेगन एयेपारतेपछीछीनाछेरुतगारवाललए। प्यारयेसुएयरोगनीध्येययो-पीज्याचरतेप्राएीन || एसयुनानीन्नेत्नेन्पशनायतप योशेलीमगारोन्मरीश्राधिोराधीयोनेनी
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नवीयसयुयेऽह्योन्जन
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||४३०) सुवासंगीत पैराशारत्रग्रंथ
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नामेतांएंगे
ले कैसे छीशे छेवनी भालेन्शन्येवातपारी रीतेनोलेामरोरोगयसयुनांये शेपीमुधोवस
अथवात्रालुचेरेत्रगोरो
सटेन्डन
चसयुल्रशरोगनांलक्षागन्दा उपयान यस्नारमा छीर संययैन्नयोगपक्षयुलीयेग्रंथशरसौगायन्न
अथीतीरोग जेनास्ञजेछेतेना नारे पीत्तमुपीत्तथैनेमही घरे सुषेपवनेथायमण तराघुमरे १स्परसिहेनैरेवावनगजीन पायां
घीमीरोगनांपांग्रेक्षागुराव्यां अथप्रतीनाहरोगनांसक्षएगन्दा पायु संयुक्तवर्धने स्वररो- स्वासइयता लेरस्रेन थोडेथोडेन्पन्मुमपोहोणुरेवेगवश्येवायुन्नयेन्द्र नीनाहनांयेागपुरषोगाये..
अयप्रतीश्राव रोगनांलागुन्नापीको
मग्योसमांलागनाथैीन्नय-रेवापीषुधोते ह गहू प्रतीश्रावलीगायन्
अयनाशासंसोषरोगनांस पात्रीहोरा शेपेनास्मां उष्टे स्वासतायन्तेनाशासंशोष
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सुधासंगीतपैद्यशास्त्रग्रंथ (४७१
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महाननग्रंयेगायन्न
अय प्रतीरयायनाजक्षा- श॥ पयोपींन सरोगने रहेन्द्राणसेतेा जने औराधनाभ्युप धीतेरेखापहा जील स्थानमांतेन रेष्ट शेपीघरगां पनीर्नगाहस्ते पछीनांमसौयेतामा नमानेयेमर्याहने मण्यालोगलवनालगो रेवाशंकरचार्यचे. प्रतीश्यायनांसो
अथ पीनसरोगनुं पुर्वपतेनांलना छ आपती तेमांीशरहेलारी- नरुड जंपरेहे हेह रोमहर्षितगरी १-रेवाडीपस्वयेह लवीशचरणे लावे- पीनसरोगनुपुर्वश्पयेरसावेन्शन
अथैवायुनापीनसरोगनांलक्षएारा पी नाम्यदीपांगी दीष्णगताथन्नियछे पायुपीनस तेवसणे हेहऋशषीषण थाय छे-प
अथ पीत्तनापीनसरोमनांल. ॥ डीकम् बनारे यणीयमन हुजेलस्त्रो. पीत्तपीनसनी पीन ड्या रोगयेनीर एगेहस्यो
अथ अनापीनसनांलक्षागना शरीर मेनुंधनहीनतेधीनुयायेनास्यही ब्लोन्ली मौलये- 1. सोनेमन्येाप्यशीशलाचेरेछे
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|४१२) सुरासंपीतवैद्यस्त्रियः समलासरणीयेऽपीज्यतेमारेछन्र पारेलसए। पीऽवतगांश्रुगंपलपीन्गणातागपारशिहोग मायेग्यघागी उन्रेपारसीडेसोयीतेरसायो नापीनसनालसागवायेगारान्त
अपसंन्नीपातनापीनसरोगनालक्षाएकी पस्यांपाछल्यांसौलसगयेश्मांधावेन्ोरीय] योनयलय प्रगरमगरसादे पानहीनेपाल रंवारयणान्नये असाध्यीये मनीयोग्रंथवीरो गायेन्ररेपारसी पसाए शधापीतमालेल्नेन सन्नीपातनोपीनसपीरागोन्नेउन - भूय एपीनसनाखसागमा छाछपेय
सवारंवारवीरोरारीनेनामनरेशेल्पलमासु निय स्यासनेईयरेछन् छुरेको यो यारन्या सयेनपावेन्सुणयीयहेनस्यासन्अतीमनने |मुंबापेसालेखसागरोगनां शरपरागीह्यान्न रेयापीनसटमेन्येसहगाहोयेपयांप
अथलोसनापीनसनाललगानी छत्तीमांगोपसमेहवाग्यावरेन्यारोिगपीनन सतगोपीरनारमाथीपोल्पनरहेसोपनाबाब जे पीज्यापीतनीसोमोरेवाररूपीनसतगांनी
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सुधासंगीतवैद्यायचे. (४३३ || यालक्षपोरेऽगेर ॥ अप असाध्य पानसनालसागरानेओ रायनपिाय तोयेसर्वसाध्यछेन्मोरामनीवर गाय पीनसनीपीशासन्पि
अपपीनसवागानेनामांकमीपीन्नयछेतेनालक्षागन्याययेलीपीऽवपीनसेयेणे व्यायीयोतहीन्सईतीएगालघुक्रमीपडेघगान महीन्ग गायनानरायते परेछेरोगरीरानो सोनेने अजीमहारान्येवीनाअतीरानोन्र न्याय पसेपीनसेपी पारेघागीघापीन्सपीसमायन नाचे पीशायेपीनसोतएी-3.
अपअर्जुनामरोगनीगाहरोनाइमेपाय छत्ते प्रारराअधुरोगस्यमया तेना वक्षगहन्तेप्रमाणेनगवान्तेमांनाहीसंदेह । अयसोन्न--प्रारनानासोपाजण्या गयेत्या सोयरोगयेग्गार अररियारतमस्ती तयारत्नेनीरवार पर आस्थगनालक्षएासीमा परोपाप्यते एरोगेचीस्वारीयांन्लेरानी संदेहरा रीज एशेअर्घपपिरो गानालसागपाछपसणेलांछेसर्पनायेमारीया
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४३४) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंीरोगसमञवानामन
अयपीनसागानुलक्षणन्ना रेहेलारी मुस्तम्ने अमीलोननमांन्यहेगुंगाएयुंक्षीरपाएं तेनातनमांजरेनासीअयुधांपनेनये. रेवापीनसान्यैशरलक्षएायायेन्
अथ पाशपीनसनांलक्षएग गाजेनानाउ पडीलोस्स्मन्नये डीपीएगा वर्षासरीसा उयाये१रेवालुष्मन्प्रयीम्नेस्वरसारोरेखेन्पांये सक्षाएायेपीनस पाज्युद्धेछेन्र
अथ नास्नारोगनाशपाय प्रथम- १ अथ पीनसरोगनो बीपाय-पसीने हाय इणसाशींगने पुष्षरमुजलीने पछी सुंम्पपीपर मरीसरयनुंमहिने युएसीले १ गीरांच्याहारसे लेचाज्यथियेनीत्यपाये तो पीनसारीने स्वास स्वरर्लंगसर्वेपणायेन्मरेशंन्त्रीपाताशी ने नामां रोगनांइपलंमे रेवापीनसाठीपीयाने नमीतेसाठी नाशपांमे उन्ना उपाय र व्योशा हीगुरीडा
हुरेसुंयपीपर मरीलহव्यशीत्रसे तन येजीन्प्राम्सवेत्तमालतगांपेत्र हे १-समांतर सठीमर्पिने ब्लुंनागोणेगोणीपुरे हडीरांनीजा
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सुरासंगीतपैयरास्त्रपः (४३५|| यते पीरारीनशमाहरेन्सन्मरेजारीनेस्यासमे वीरीयायछेन्गुरीयेच्योराधीरेवापीनस लयछेउमा पीपायर अव्याघ्रीतैस पीनसरीपरनास लायगंगागीनेहीली लनेसाये छाल्यसर्पया पन्यासाणीतेग्राह्येन पन्तुगसीपानासुंश्वभरीपीपरलेपी अाहेपस्तु मरीतैलपीरोईवीर ने एपीनेतेलपात्रमाही लीलेपछीतेखनोनासित्तेष्टीनेहीनेन्उन्रेराम्र रीनेपावसानेयाये व्याधीतैलेपीनसनीपी ज्वान्नयेन्ठता अयशीघ्रतरपीनसरीपर पछाव्यसघुपारीगएपीपेत्रीहरुरीयेन्सीघर पीसीपांनतागोरसमहीयरीये पन्तेऽपरीसौ विपीरीपश्येने पछीतेखनीनासपरेशन्ने ।
२ रेवानाऽनारोगरगेसरघाइन्शीघुतैया रयुयेपीनसनेसाई
अयघपीछीतेमरयानोहरपाय| छंछपी सुम्प पीपीपणेट समतेमायरीको घरलालीखीनोगुष्ठज्यापयेसर्वज रीनेन्तेपाएगीनीमाह्यतेखनेसरमुढाणीन्तेयष्य राणीते त्यारपतेखणी सेनोनारपछीत
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|४३९) सुधासंपीतवैद्यरूपग्रंप हरे वस्त्रहोटीचीधीयेऽरीन्याची सोरगेमण
नहीपाजीमीना रो एलरीनेणे इमान्येपीपीनसनयन्सुतीयेगापिण्युन् अऽधु| पाएगीपाय
अपमुभनारोगनी उत्पत्तीलसरप पायाभयमुनरोग अंगछेतेनानांमन रूप-प-पेढारत-उछल-सन्ताग-पग उन्नेमुमनुंसर्गगतेमांमांढानासरोगनी सण्यादा रोगछेतेनाना होगनारोगन्दन पेढाना-
पतनान्दजीलना पत्तागवानारा ना-पटन्सर्वमुष्पमालतान्येसपे-दइन् अपमुणरोगनी रत्पनी अनुपरानु श्रामीरालक्षएमालयेषुघएएपीपेडेहीजन अनुपायेगारामसागयेय्यारउरेल्यारे शेपेयुक्तमने पायुमुलमांतारेरन्तेपीत्तमन गीने रोगराउरे रेपारसीनुपरणेतेमुष्प रोगहरे 3.
प्रयोजनारोगनांनाममा वायुनोरन पीत्तनोरनी संन्नीपातनो-लोही नो-प-मांसनो एन्मेनोऽन्योरयागवानोन्टना
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सुर्यासंगीतवैद्यशास्त्रगंध. (४३७ अपायुनाहोरोगनांसक्षएान उठोर हो शामता उठाने जर्वरापगु- पडेसी स्वतेमही पीयानुपुरछे घसीप चोरीरे तागोपीशरलंभीनैरह्यो रेवातपारीहोतां प्रेो वायुनोययोन्
अथ पीत्तनीपीआोग्यायतेनांसक्ष एन्शाने होते इएएसांतेयुरयोलये प्रोटी योगमायायेन्तीन्नयपीपीगीते
होउनाएगी न्यायेधरूपणी पाज्यानीपीज्चंचलीन्शन रेवायेशरसक्षाएान्नंमेयेऽपीशे पीत्तप्रत्शेपतंगीपीड्यायैोऽपीरो-उ
अनाशेपनी पीया होठे तेनास
जेना होगशरीरपरासरणाहोये- तेमाइएासां प्रगरेलांपुसेतो१पीयसेशनही पाएगतेमा येव्यमरी ब्लोनेराढोम हीथीन्यजन् लक्षगशररेवाअंतरमांत्रांएगोनापतीन
पीज्याडोहेलागोन्ड
अथसन्निपातनीपीउयाहोऽयाय तैनां सक्षागन्त्र ॥ तुरेवारते होग्मां इरेरंगते कुकुन घडीमापःशामतान् घडीमांपीणातेसहु १ घडी
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||४३८) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंवमांसतेपरी पणीहोयशुासांघागान्मनेपाछ सांगीन्दुसी रह्यात्रैएयरोगोतागांन्त्र जनेयेरी तेसोमीना पलेन्यपीड्यारी-रेवा होउमांरोग ने ययोसंन्त्रीपातेरीन्
अथ लोहीनीपीया होग्यैहोयतेनां सक्षएगा रही एसांघायां परक्त पीड्याघएगी अपरनीश्रेोलता-इसीरेनला क्यातएगी हीसेरंगधेरोघएगो नहीसेयर ओपथी रेवारोगतेलंएरायोन्ययोरक्तनारोपैथी अथगस्य चागवाथीहोरोगधायतेना लक्षाग-५॥अर्यरयोस्पाग्यायडी सीरैन्नयतेमासतां तेमायेण्यावेधणी जेवीनंतुवो हासतांन्पन्दूसीन्नयञेषोडोपीयोरे अधरते गोरेयेरोगतेोग्नां उद्योगोस्यवाग्यातागो अथमांसमेध्नांसक्षएगन्उन्टर मांस मेघ्नांसक्षागो प्राणपीड्यमांनेह तेप्रास्यांन ब्लागवां लेशनयीसंहे अर्य होग्नारोगना पाय हो पीड्याने हरसायनकोमुशव्येतेषुमन्नय पीपायर ॥ कुंनाधीथोरोऽनपुर पीड्या होन
STA
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सुपासंगीतपैरवस्त्रयः (४३८|| उतपीतेहरे पन्ना शिपायापीकापुरए नमीनयन्तोषगनाउरीपायला पाय गरीरामुलायेोऽन्तपीन्तोनाणेपीज्यासेहरी टीपायापारीतणोरायीलेपनाहो स्तगागश्तेसोहरेपा उपाय दारणा पीनेलोररोऽसरोयाएन्रेवारसी नास्मरण पीपीज्वायरपगायरीपायलागीता युरगमेणपीछेमरानपायन्तोपीरासोअपर नीसग्रहांसर्पपगायर तीहोमनारोगत पायसमाप्त | अपयतनापेटांप्रयाणांतेरोगनी एन तीतेरोगन्दा शरनाछेन्गततागांपेढा वीरोसीताधिशासोगनांमनीपातेऽइन्युयोग नारेगोगपत ॥ अशंतनांपैदानारोगनानांमनासीतारी -ए-इत्तप्युपुररतपेशन्सोरेष्टि सन्महास शरीरम्प-परीघर-ए-जीपपुराउन्ल न्ट-पाररो गवायुआरीनसोनीनयानाते- वायुयोपेटामांना नसनीश्रोते-रू-पीत्तपीनसनी गेममयीन सनीश्गे-१-सनीपातयीनसनीसरे-पर-गोवा
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४४०) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथगयायीनसनीस्ते - १3- जमीवर्धन-१४- अधी मांसन्तप- पंतवीधी-द
अयसीताहांतनांपेटांमेरोग यायतेनां सक्षएानी ।। चएाराची पेठांमांहीचीरभरे रंगेशगुने हुरगंधीते हम्रे मांही परस्परतेपा वीरेनये. ते पेरांसौपीनहीनमांडोमणयायेन्सी ताहीनांयेलझाएगंगायेरेवारधीरने शेपे
येगध्यायेन्
अयनप्युपुर-पेठांनारोगनांसरु रायेव्यायी प्राकारे हायोगीन्मनेछेतारे एयघतनांपेठांसाहो- तेमांसोन्नेतर्तलाये। सोही पीयेयाय तप्युपुररेषामुनीगाय अयांनवेष्टीरोगपेढांनांतेनांसा
पेटामा रक्त पर प्रारीन्नये घतहासवालागेने पीयायाये-१त्रएयेलक्षागतंतरीतेमाछेन् तवेष्टी गहते रेवाशेवीदेछेन अथसोशीररोगरोदामांयायतेनांल०४ रापेदामे सोन्नेनेष्टी पीज्यतएगी पोलाणनेदंतमु गमांयेग्यघाणी-रेवालक्षएाग्यार पीयातेसावे सौशीररोगतागांयेग्रंथजतायेछेन
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सुधासंपीतयेगुस्ययः (४४१|| | अपमहासरीरऐटांनारोगतेनालय रापेटापरंतहासौरमगडेन्नमेतागयुशयः वातेमांडीरपडेन्सनीपातथीयायरेयासमोल्योग महासौगीरमांत्राससगमगरीन्नेन्नेर ।
अयपरीधरपेटानोरोगतेनालासोही वरुनहीएमाल्यमपीऽयायायेतितरगांपेटते| सौपीपरेनयेन्पीत्तसोहीत्रीएयरोपदीयेन्मेन रोगरेवापरीधरनायेप्रागरपामेर । अयरीपरा ऐटानोरोगतेनालसन्छ ।
तमुगमाघअनेपालयेकाहालीपीठेमही पीसाधाये पन्पेटोपेश्रपियागसवामांयीन्दो नीसरे वेगलपुरातुतापी-र-पीशानहीनेगी पीवीरेआयेल्पीत्तसोहीपीपीराप्रगटीरसाये उन्येवसपरेपासुनोसमनीलेछन् उपमुरारोग वियोरोपीतेने छन् ॥ अथ रेलरोग-पेटानांतेनालसएन्टा पिटांवीरोगोट्यहरेश्यागेसोल्नेनरागसतान लगेनन् हातहालेमहीपीऽयनारी पैलते रोगोपीप्यारी
अएणसीपर्धन ऐटानोरोगतेनाल
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||४४२) सुपासंगीतवैद्याश्यपः ॥ नेपेटायीतध्याश्यह्वीपमेन्छयघएीपीयने|| महीषणतान्नमेमन्त्रएएलसऐतेरेयागासम्म कायो भवीपर्यनयेनामरी पीयेगायोर. | अपश्रयीमांसनारोग-पेढानांतेनासन लगपणानेलोप्रयागांनुहुम छेतेन बिनी खीडाटनेरेऐअंत्यसोब्नेघगोल्पडेसाणने| मानडेगएयपारपीऽयातागोन्१ अयाणांगत |गायछ रेपारोगन्नमीरह्योल्मोपदीयायते धीमांसनामेह्योन्र.
अयपायरोगनसोपीपीछेतेन्पा सनीपातने रात्री गोपीनेयाय पांयेनसपी पिपेदांमारसाय | अपयीश्वीपैटानारोगनालसएन लोहीनीसरेचंततएगापेटामाही परपीकरनेरक्त पहलासेताहीयन्सोन्नेपेटामांराचीरोरारीरेछे। रियावीश्यीतेगनेोगीरहेछन्रन । अपसीताहीपेटानारोगनोशिपाया धीरउटापेपरपमहायोनेतारपछीओ राघौतायीतपोताडेपन्सुंगसरायत्रीला राज्यपियरे पोगणाष्यज्ययिनपत्तेहरे पी
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स्थासंगीतवेधास्त्रमेय(४४७|| पसातीनगलियरेचयिायेन्टुमपेठानुरेशिन तारीमीन्नये ना पायशाराऽपि खोरपणी माहीपीपेसोयरेन् मापानेमनरोग युर्गमपी पिरमनिउरेपन्संध्यापियापान समेयेरीत्यमनयायछे रेयासीताइटतेपे टांचीरोनुनपर्छन्। | अपातप्युपुरनोखीपारारतपरयम उटरारी त्हरे तेपणये पीपयारउरोखपण पिंपलयमारमयनाम्यन्याययेसर्वनोतर्तपरयो
रोगगातेह्यनारेऽपुर पारेन्टपेटातायुसन चिन्नरोन्रीत्यरेपारसीउनीस्पीपीनघरे रोगव्युत पुरतपोतेपणारीर
प्रयतपेटीरोगनोरिपायययुमोल्यनगीन्नेखोगगायायतवेटीहते लेगमगेयेन्नयन्त
अथातहालताहीयतेनोपराया नागरमोथ्यमरी एरोशालीफुरीयेन्लीमपत्र संख्य चोग पीपरपरीयेमन्मनहरी गोमुत्रयो गरीशऽश्ची छांद्येसुचीरायनसमेमुममांवर पीरन्रेपारन्नीसगरहीमुष्पमालये वन
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चन
४४४) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ. हासतासर्पमरीने पायेन्न अथसोशीर रोगनोदीपाय नागदेवी रप्रथम नेत्रातीपथारडरे नागरमोथ्यने सोहर मै रसवंती घरे १ ते परतीमधमांपेढेलेपनथायेन पछीहुधनास्रे रोग जागघ्न्नयेरेवारसी श्रा गमलनेरी सोशीर रोगमस्यानुच्चासावन सिंधु.
अथ परीहररोगनोपायन्या धीराठीनेत्री रेणा सर्शय सुमर हरे- ज्वाय डी की पछी शेगणातेहरे परेवारसीनोनीमायो लेखयवाये परीहरने शिपमुरायेरोगमरीजयेन् अथपैढांनेाएगक्रमिनीपीयायैहोयतेनोपायस प्रयमशस्त्रयी धीरस्टावी ज्यो वरे तेमांयरगीवस्तु सर्वसमारघरे सुंम्भरी पीपरने पत्रठीहंजरना-मययेपगमणीने स्वायारे घरनांन्य स्रेोगणाते हेनारही घृतातामेन्य छीलवाएगनेणारमहिराने उरेपास्रेमरता सुवीधारीत्ययरो- पेमांप्रापीऊपक्रमीसरव
अथैमलीवर्धनरोग पेटानीतेनोडीपाय
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ ९४४५ प्रथममांसनोलागस्पावेतेन्नागीरेोगणातार पछीमंचनाप्रांणी १ तारपछीवन मारसाल जार हरे पीपर पाठनेते परतीने पीएडरे. २. तेभरहे पेटांपरपीड्यासर्वनशे रेयाजलीवर्धनरगरी सुम तर्जयशेठन
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1
अथपांयप्रशरनानसोनापेठांमेरोगतेनो शिपायरा सेपेदानुमांसरास्त्रयीसारे तार पछीपरातेत्यांशपयारघरे- १. श्रीणाजींज प रोज पानमेनांदुरीये त्वयि सशेोयियेोगणातेज रीयेश्वएापेरांनी पीज्चनसोगासौनासे रेया तिराइएपीनेमतीमीरत्रासेन् ॥ पाय मीने पान यमेसीनेषंतुरमेनां हरीयेरीग एसीगोपनांपयांगमहीधरीयेन्मन्कुर सोहर मेरसारतेयुक्तस्रे ज्वाय उणयामारीयासागमां ह्य घरे. वायगाणीने तेखध्वीगुएातेमांढाणेमथुरेतापेतेनेयणतीपीठाणे-उ-तेन तेसनारे से गणतेही नारीयायछे पेढांनी पांगेर४ रेयायतां पियारनरोगतागोयाये तो असाध्य येरोगसरपपैनयन्नयेन्यार्धतीपेदानाएं
पायसमाप्त ॥
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Nam
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- - mansamaya.commusaRa
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॥४४५) सुधासंगीतयेगुणस्त्रयः । श्रयस्तरोगनांनांमार-रयेरोगना रस घालीनगन्क्रमीतर लंग्नातहरी
तराई-प-शपाणीन्दशावतार अयालीननांमेहतनारोगनांससा ना तबरखा तेमांपीज्यायिायन्यायुपीपीऽया वितेशलीनचायन्पन
अयऋमीतानांपक्षागरगनाते शगाछीश्पडीनयेन्तेहरसेनेचीरायतेमाया येम्परेचायुपीसोपीयीनापिरोन्कमी स्तस्येरोगरेवाचीमुरोवरणेर
अपलग्नारोगयतनोतेनालसाउन वक्रयंशधागातहोयानान्रतान्नयमहीन मेरो पोयतेनरेयाररे लंगन रोग येस्तरोप || अयस्तहर्षरोगनासक्षगन्हाशीतग लणीतपवनप्राशीन्नतांन्सुणीवस्तुउपरण तिवस्तुमातांपप्रैलयेतरतस्तमारापाये पोपीवस्तीपानापावीन्नयेन्ररेवापीत्त ||पायुपीयेडीएनवेछेन्दतीनेयेलसपस्यायो
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सुशासंपीतयरास्त्रग्रंथ. (४४७|| । अरस्तरारोगनालक्षएपोनप
तेमेसघणोरणगीरहेछेन्श्यायुनोशेपत्यको चीरोरेछेन्तमपरायायमरेरेतीसरणार यहरनयनदेशरएपरमार रेयासक्षगण्या रहरीयेगीतहेन्ने तराईयतेशीररीनेन्यो । । अथापागीरोगतनोन्फ्रासाच्या पानांगीन्हलहीयेफरमान्तरहेछेमारीमाया सएसरमा पन्तेमांछीपतीनेतेपरसान्नयेन्ते मांमेसगमेतांपैनेयायेर रेवाससागरयारन मीळेमारेछेपागी येरोग:वीय छेउन ॥ अयगरस्तरोगनांसक्षागाब्याची जिनामुष्पमालपवायेल्लोहीपीत्तयीत यैनेन्नये नातेपुररिरामताप्रोपपती एगपयलाहिरीनातेनरपडीर-रेवावक्षरापी लयलारपरगन्शापस्तनोरोगही श्रुती योपरणे ॥ अथरागरोगतनोतेनालक्षगन्या
रीने शेपपायुमुणस्तनापीरोरेन्शनीरानी। स्तिघारनेछुपता-पुन्हीमायमालयंरोजी || शरणागनां रेयायेलसएरोमान्तपारी
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Umerranea
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४४९) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ
तेश्राणनांन
अथ ग्रंथांतरेहुनु मोक्षरोगनांसल पान वायुरोपेलरीलेनाहंतमांनरे नहेाठीने हासवासनात पंक्तीने राजधांतेययो रेवाग्रयेारेमणी हनुमोक्ष तेनेो
पलाशमंहता
अथ दंतरोगना रिपायनाप्रथाक्षान तेज सरयेदंतरोगपर-१ सेरीरखवा सामनोरस श्रयमश्वाशयनुन्तलतेसले पाशैरने -पाशेरले पयगायनुप तेमां तेनांप्यसी प्रत्ये सवारी सोहर मलय तेमां मन जीडेसरी मेगव्यमरेकीरक्तपान मैमनगरुन डीहरे मुरीपसाणीसोणगुएानण स्वायतेसपीनो करे उनमतेगणीमही तेल घरतापे धीमे पहवेरही ननसौमने सीतार यो सीपधारयेडीघोअहीन्सन्स वनमांतेलरी पणसाम्यतेवरतासगी पीऊरा हरे सोहंतनी घरथायनालयेऽगीन्पन्गचा हे नत्थीमरे पीज्यापरमप्राने
साक्षाहीतैसती
पीधीपरगी येरेवारे अक्रमीतनो पाय
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सुधारांगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ (४४९|| हींगने पगडीने पीड्यातुरते तनीमांह्य धनेरेवात्रीहीनरेमधीनीत्ययाये- पीडाक्रमीनी सर्वयातेपणाये-२ ॥ डीपायमीले ॥3। यीतुंमडीमुस्कारतागीठी-मरहीमसमेत तपीयानाही रेवा प्रयोगह्यो तेस्थीरथीन्तेयाये क्रमीतनुष्टामुनयीन्नयेर
अतिमाया होयतेनोपाय ना सेलुएासालय राज्योरी सुनेसम्रोन्यु पीते हतमरहे मेपलेभिरेवेन्यू प्रातर्नेस ध्यामगरतां उष्टमीननूंघरे रेवाहरू उपय रछे सौतनोणारे न
श्रवहंतनारोगनोडीपायन्ता एपलग नेतुत्य सुख्य पीपर सीने मायां मरी हीराशी या यपीडंगहीने पीपली सुरी पुरागर्हतेमरहे सोन्ले सागान्नय मीलासेहेन्सेने सुम्पीयोथा यतपेलोनेगथी-रेवाहंतनारोगरामे आयेश
विधीन्छन
अयनसारार्थाने मस्सी सर्वरोगहंतना मराडेले- १॥ हीराडशी मायां मलवून सोनामुप्नीलोफोयुरेतेन्त्रीमा सावीरडी समला
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||४५०) सुवासंगीतवैद्यशास्त्रायः ॥ गसोमसमाधोपन्मखमाणसेनमेमराज नेपछीमनरेन्पीशपरीयायेसरी राणडेशनहीं राहरेन्शन्रेयाभरेसौहायतारेणापुरैन्नयेपडी मिमी तयारी सीनेपाह्यरमेघीउ |
यहांतहातामोयतेमापीयागसती-|| होयत्तेनोपायल्य पीपर सीएपलइनेहरहेन आलीन्यारी मोयरसतेमरहेमसमाधासी पन्मरे हासनानेतेमराटनयायेन्रेयापीवापारयनीराम तीनये पायबीने गानागरमोथ्य नेहरोछासीसुषहरे वीमपानने मीपीपरमही करेल्वायपाउंगपरीसरयेनोपनिनेन्न रयत्नावनागौनामुत्रतगीहीरेन्रन्सुश्चेछाोपण डीगोगीयोश्यायालयासनीरायनसमेमणा मापरपी-उन्मलातसमयेमुष्पीगोगीत्याग २ || पणीशेगणागीतगनातेनुसरेन्ट तरलताधुरा |गंधीपीवायांमेन्रेयायेग्मनारातीमारना पामेल्प
अरनेसोहीनीरतुलेयतेनोशिपायन सत्यवांगासुरकोन्युहरीयेन्मेरसारने रयतेमापरीयेगमलमापरतीषुषऽरेम
needaalawwalmemaimameraniantow
Madindibidiomamerna HINing
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सुघासंगीतपद्यरवस्त्रग्रंप. (४५१ रमते पीरपातुपयायेरेहेनीयंतेमन्वय रसीऽएारतामसहारे येमपतारे एश्मी शेपेतारेन्उ. तीतनारोगीपपारसमाला
अपनीलनारोगनी सित्तीलक्षाएगानामा यात छह पीत्तलखनेउरीनएप प्रया सने पीपलख्येन्पायरोगप्रमाएयतन । श्ययातल्यहरोगनासक्षगन्नानी नीलरतरीन्नयन्नीलवर्ण महांगीर घायले सोयगीपरेपीड्यावस्वादानसघगुरुतुरो योगहगरारेतगोषह्योन्पातलगयेरे या पियोपन । भरपीतलहरोगनांखक्षरगन्शाह जलमांपर्गधायचेन्याललनसालपायचेन्न टोपडे तेत्यमापनाबमीसडेतेरीवालना गहियेरेयानांरवारहरी-पुर्षनएयतेपीत्तलहर
श्रयउलझरोगनाललगन्ना लागि गगायेठलते नारीमहीमात्यमपरे योगा गेमहीरो मतानरातेमांनोन्रेयापतुरेशी न्धैिरसनायीरोयापीरयांन्नरोग्यस्वाशेमुनी
लखनालक्षाह्यान्न
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४५२) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्यअर्थसासललनारोगनांलझएगन्द कलतणेत्राले सोन्नेमध्यताले श्रीलगढीने पु एस्रेनमनवहासेनपीयायायापार गर्धपाडलं एपी असासरोगतां येलक्षागपद्यरांगेन्श्रे वारसीङनांडीपयडीयेगग्राह्ये सोहीपीएग टपएंउ हेर्नुयायेन
अथ पीपल रोगनांलक्षागन्या जेनी श्रीलमणी पीपरसोलेधाये-मील रसनानेम प्रगरमहीथीयाये.प. लागघएगी भासेनेयेग्य यशीतेमाछुतसुंमहीनेर प्रारलासे हेमांन
पायेलक्षागुपुएरियात्रेमारेछे ते पीपलङ्घ रीने सोमुनीयोछे. उन अथकुलरोगनोपाय ॥ छ् तागोगनेर्धने धीरस्ढावे मुगतारपछीतेनेपडे सौश्रशधन्प्रनुदुणा उपाय. २.गो पीपणी सीमनी छात्यसीने घरी हिनवते तो स्वायरीले परेवारोगगातेतागारोल्ययाय नम्योल लनोरोगले सर्वन्नयन्न ॥ अथ दीपा यत्रीले होउतागांरापह्यां परथम ग्रंथैनेहरू कुलनागगतेहुरे तेमांनहीसंदेह
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सुथासंगीतवैशास्त्रग्रंय. (४५७ ॥ अयरीपलाइरोगनांवक्षागतेनिनौर धीन पीपरसुंगनेमरी लेगोयोग्यतार-हरने छालीयेसरीध्यायरेतेवार यायिहरेतेपारगगी लेनेवासागमान्तेमारेउलेखपीपश्येतेसपमानी पिछी गगातेवतणारेयान्नेयायेपीज्याये डीपन्या ख्तिाशी सरचत्रपणाये तिीलनरोगनांनी राघिसमाप्त ॥ अयतागवानारोगनोप्रारातामुनाए नवरोगछे गणसुंरात्रेपारसीउत्तेपण|| चेन्नोमनीवेशीप
प्रय तागवानारोगनांनामा गगन सुमन्तुसरी रन्ग्रुप-उन्डरछपरन्ताल्या Mपन्मासघात-पन्नात्यप्युपुर--तागुरणे रारन्तापा ॥ भए गंगसुंगरोगनांलक्षगगरानी तागवानीकाऽमांसीन्नेमारी सेनेग्यरेसीमा लसमोरारीन्पन्पपनलरेडीपमाखनासरणीला गन्धरस्वासनुलेरत्रातेमान्नगेन्रन्लो रिपीपायरेयादृपयेछाह्य-गणसुंगनारोगत गोलक्षाएगायांगन
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४५४) सुवासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथअयतुंग्रे सरीरोगनांससएशनेसोले तागुरुज्थी होशलं मे हारूपायनीपीज्यमही त्र द्वीपांमे पलोहीयैहुष्टरेचाप्रागरथायेन्तुं सरीरोगउरीते मुंनी गायेन्
अवरोगनांसक्षागुरावर हंसो नेतामुचे लालनगातेयायन्रेयाताणुरोगते ध्रुव इही शेवीहगायन्न
अथ स्रछ परोगनां लक्षाग-४॥पसेलाकु येसोले धैनेन्दुर्मतागाच्यासरेयैने परेवास्था प्र गयोसेन्योपरोगमरीते ऐब्योन्
वयतात्वर्मुहरोगनांसक्षएान्याने हता जयेसोन्नेयाये रमणसरीपोतेरसाये परेवा दुरमही लेहेवाये तास्यर्बुहरीने हवीगाये श्रथमांसघात रोगनांलागु-दाघशु ताजयामेष्ट मांसतेयेषिये पीयारेनहीशीन गायत्रांमेलुनये- पीशरलागवावी लागा यतेरो रेवातेमांसधातरोगवर्गचे मुंनी
श्वरोन्न
प्रथितास्वप्युपुररोगनांलक्षएान्छ ताणयामांसोत्पारयैन्पीयनाते मे
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सुशासंग्पीतयेगुणास्थ्ययः (४५५ अपरअरन्यान पूरेणुकीत पडे खास प्यापूनमनोरलरहेन्पन्श्रेबलसागवरितीय अपीरीयोन्तानुनारोगनेतेनरेछन्तेगरेपण रसीऽग्रंयनीऐचीन्तास्यप्युपुटतागोरोगरेछन । ॥ अयतागुशोरारोगनाललागन्दामने
शुष्पत्तागपुयगीतेशरीनयछेन्तेमांपरी ये ना तिस्थासनीगगायछेपपीसशयनापयुक्ती मीनेन्नेगरह्योरेयायेलसागोतहीनेतागुरो सत्तेश्योर ॥ अपनानुपा रोगनांसक्षगोला गरमीनागपीन्तागवुपारीन्नयन्ताणुपाउनो रोगते मोरामुनीवरगायन ॥ अयंतागुरोगनाशपायात
वसीययभरी पाढमोत्यसोसारन्मुरागतेमर मिरे गणसुंगनीरवारमान्य यायमीनेन पापीपरनेत्रतीचीरा रिन्यपनसीने मन रीसीपय परतीमयमा मनिडीओपन्येरीत्ये नीत्ययाय पीपासरयेन्नयेरेपारसीगणसूप नीरायगायेपन्य रिपायसतागुपे ||गनी एपीपरतीची पाटलीपाखी
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NA
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(२५५) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्र सीधे डुरासनापन नियमहीने १ स्वायरी पीतांसंस्रसरवेल्लयेरेवारोगग
सुज्याहीम्प्रानेयायेन्शन श्रथनानुपानोरीपायन्यावैद्यज्ञेचीशाणबुद्धीनेतेसीताववुराणीतेस्नेयीमुम यानुसाय पन्ज्ञांनग्यहीन राहाय शेष भांथी तेअनंत नेगारी-२ पारंपारसीगचीतेश्ट्यांमशे- ताजुपाड पीड्यतेतमामनशिपमउरार्धतीताकु रोगन्द्रीय समाप्तना
अथगगनाशेगवर प्रेसरनातेनानाम् । [ए हुरीगीत, छंद ॥रावाऐगजामांरोगतेसं ब्यारीतेनुलाएं-हरसाधु उपरगी छनीलसाग जताचीतेत १ चायुतणीनेपीत्तनी जीने संनेपातनी गएय परमीतेलोहीनीन्ये हगीरतनी साही कम्वा नेपलीचणयाला येती गीजयुभांसतानपछीगयुं उगणपीनधी नगएपणास गणोध स्वरघनङह्यापछी पीहारीयेगा गणाना रेवान्वराशि ययान्य
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सुवासंगीतवैद्यशास्त्रग्रयः (४५७) पीड्या रेसीप्रांगीने ओछप्यारेनैनानये मुरती उरीतेरोगनी हरसाबुसोलक्षागचयेन्य अयगणानाशेगमे वायुनीरोहाएगीनां मेरोगनांलक्षाग- १ ।। पीआरेहेसम्मक लमांनीगेमांसनाशेन नयछे नासरेतेसुरो १ पधेवायुनापश्वो रेवेरीत्यसरचे लाषीन्मतुर्खेतरोनेथर्धन्गणेवायुनीरोह्याएरीन्य
श्रथ पीत्तनी रोह्यएगीनांसक्षा ॥ गगुण पाहील्यछे- तेबीनायल्वर हाहुयायछे तेरेवामुपननेजीना रोहीणी प्रगरपीत्तनी
वर्ध
श्रथ उनी रोएगीनांसक्षाग-उपय गणानो रोपेइंधन पाये - मोडोपाडेलाोलागे हरसाये- १-रेवाजनजोल्यानुसौलये लामी तपन्नागोनी रोह्यागीशेपीन्नगीन्र
2
अथसनीपातनी रोह्यागीनांलक्षण ४ ॥ मेनीयास् घागोरिडोनेजण छेरे नत्नारेप एासौ पीपल्यांलक्षागलेरे- १-रेवावीशमा दुशणरागोहेन्यो सनीपातनीधगीलक्षण सहीडेल्योर
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५८) सुवासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंय. अयसोहीनीरोह्यागीनालसागपण स्वागगावीरोपडे-पीत्तसंक्षागेलेगरेवाची मुंघतेवार्णवेन्स्त रोद्यापीरोग
अथ सागुरोगनांलक्षगन्दा गगामामोरनाउतीयासमीन्गांभ्यतेगानीरहे। येनेग्मी डेडलक्षागतेडरेपश्यमनरेन्नेगा |गाभांजरवराप्रापडेन्र पीऽयपुरणतारेपायु तीयोगागेमसागुरोगयेञ्चीयोलागेउ । | अयधीलदारोगनांलक्षगरी भायेरोगनालक्षपानीजीलनीअग्रपर सोन्नरहेपन्पुरेरेहेन्नम्युअतीपीयातएंगलोर होनेयुक्तरेयुपएरन्जीलाइनेलोहीयी वीशीरहेन्येरेयोधीजीसनावसएउहेलन ॥ अयान्वायरोगनालक्षागडा ती भांड्ययोगगामासोनेगोन्गगडीतरे नागन्तुंअंनअरहरीपडेन्पन्रेग्नीरोचतर असाध्यययोमेनान्रेयायहरोयरे चायनी यचिनार ।। अथ अगासरोगनांवक्षएन्स्यगणा मांद्यायले पीसयसोन्नेवरेन्पेयीमर्म
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सुपासंदरीतषेधात्रययः (४५८ स्यानोसरीतीपीऽयहेयेरे पन्पछीपीऽरतेस्था सनीप्रगरनेयमांगायछे रेयात्रीएयगीन्हे श्री श्र| गासययोगायछेन्२०
अययेश्नांसक्षगन् गणेसोही उपुष्टयग्नेिरेछेन्गोगनेश सोन्नेतरी छेपाग्ने रोग्यपपीतेमायालेन्लारीनेमग सपीशरसालेर रेवासर्यवनायमगीनन्याय रिरस्येवगनायेसौलक्षाएछेउ । | अयरोगगणानांतेनासक्षिण-पानी
पीत्तने रक्तरोपीगगामाहातेपीशपांगार सोनेरेछन् प्राविपन्नवीनेतीवल्यरत हनीधीर्यतातेहरेछेन्मन्ययारलक्षागडह्यांगीत मांधारतेरोगनुउपन्यमयायनयरोन्तेहरेवार सीनिमिष्यप्रत्येहन एनांगीन्क्रयेरीषुपयरगेनी | अयशतघ्नीरोगनांससागरा रोयश्रयानेयेगअंशांमे शाखामांसता गाअंडुरनमेन्मन्प्राएनाराधारानीमलिपी जायायेन्त्रीरोराशेपेप्रगतो औरायेनवन्नये २.असाध्ययेव्याधीवक्षागयीपरमागीन्रेया रातधीरोगययोतेनेन्नागोन्ड
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aam
||४९०) सुशासपीतपेशीयस्यप | अयगमायुरोगनांवक्षगन्धरासिया थोडीगांगणामयेनमेन्मीनामगानासस नीलिवपामे पन्नेलोडीयममीसंध्य नगेन्मानीयेत्येतेडीगीतमोरीलागेर रेया। येश्रागगरेहेडगगावास्येन्रोगगगायुतेग गीयोमुनीयेमाट्ये-उ० | अयगणवीधीरोगनांवक्षणपष्ट सोन्नेसरगनाचीरो धासरीनेचायन्तेरेवाग्ग गयीधी पंडीतपुरषोगाय-प। ऋयगगोएरोगनासक्षएपपराजेनए
समासण्डपुर सोन्नरलेल्येमतेचे नापपनपेरीननासडेन्मने एत्तेरक्तपी यसो
गन्नाथपो रेयारोऽरतेरटेन्गगोघनाशाखा सिगोन्पा | अपस्वरप्ररोगनासक्षगन्१राजेना गगामेछुएन्नमेन्यैमासममाएं स्वरनाराष मिन्नतेपपनस्तोमगाडेन्गुंोपराएगी। व्हापाडेररेचारानयायनरेशपातीस्था रजूतेरोगयोतपाणी अयमांसतांनरोगगगानोतेनाल
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सुरासंगीतास्वयंप. (४६१|| सोनेक्रमपी मापये यापीरेहेसरणतेगणे. नयन्तेत्रीरोसीपीरयायछे मांसतांनहरी|| ग्यगायछेन्र ॥ अयचीदारीरोगगणानतेनांसपटा
गगामेताम्बरण्यनेन्नये बहसयुत्तो सोब्नेतर्तपछीयायेपलटरीन्नयगगामपानी
पायपपीत्तप्रोपेन्नमेसघनेटमरनी लानीगाउने पसपायरेछेन्रेवामहर्षिरी गवीधारीते छेउ
अयगणानारोगरोद्यएगीनातेनोड पाय- रोएरीरोगगयोलहीन्तर्तागोमुश्य पाइपीरटायता पारोष्णपणायल्प गये। गगाना छीपयाररोगपर यमनश्रय येन्फसामांयोषधीपायेन्यवागणाओषयी शियायेन्मन् अथवानस्तर सुंगरोऽयेपेयी द्यान्गगातागागहरयानेयेप्रारंपयार रिवारसी नोपयमनाच्योबेसहारोन्तेनाश्रयी प्रिएपीनीपीज्वानरोन्न
अपवायुतयापीत्तनागणानारोगा नो पायगावगडुलनेमाऽमय जाप
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नियन्
४५२) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रं शेगणायाय-पीत्तवायुनारोगले सर्वगवाना
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अनोरोगगणामेतेनो डीपाय- १ रनवने सुम्पमरी पीपरीने सींधव वायवी जंगसीसरणांहीने. १ ज्यायस्तेतेमांतेल परव्यसान्तेनोनारीपछीलेनेने गहल नरेपारसीनोसाडीपेयाररह्योयारी तीनग
जानाउडीद्दलवीगह्सौन्दरी-उ
उसागुङलुङडेसरीनोडीपायना
शंणायलीने वेवन तेघुरीनेपाय- कुंडेसरीन रोगते इंग्सागुयेन्नय. १रू पीपलड्ने येऊरंहने धगीजयुये सरपेमटे, समरेगोकुल हन्येजीये औषयीपीयेसरवेरोग मरेछेना रिपायनस्तर नीहान राइधीरस्टाचेऽनु पोड्याप्रापायचीद्रधीच्याहीवीशमते रोगग
गानालय
अथ रंगरोगनोडीपाया धीरस्टावे नास हे रंगरोगसीन्नय तारवीनाम्यायते मधमुडीने पाय १ ॥ यते स्वारू हारहुणहर जीषास्यछाली द्रिरनवये
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सुपासंगीतवैद्यशास्त्रयः (४९५// उरडीवारीने वस्यालापरत्रामलाणपतीषुरी|| गरी अनुष्टतमामपन । अयसनीपातनामुनरोगनोरीपायय
टीने श्रोणप्पीमुननौरगमोसायरक्तादा व्येमुष्प्रतायंसनीपातमन्नयन । अरबीशनारोगमुग्नमांतेनोधीप वीगानन्यमेसीनांनेामहरेक घगर| गणोण्यासायुक्तरे परेडोगगाध्यायेमघमुडी ब्यारेन्रेवामपनांत्रीोशरोगरामेतारेन्पना
पायलीन्ने परागीलरीघरे दिनवतेद्यमामलेपर्तिगुरागरेपछीन्नेवगीत येरामा पन्गसेतनेश्रोगसापछीको गायन स्यगेन्रेयावरनमावेनानीहोरीतागीयैरगेन र । अयसरखमुनरोगीपरप्रसारगुरी
मेरसारत्तन्नेन्नयंत्रीतेखीनेन्मराससगीसो पारीतेमांडीजेपन्नागडेसरन्नयनतेरपुरी येगीसाथ्येघरूरतेनामांद्यमस्तुरीरन्सवर सलागरोपिलमानांघेन्जेरसारनेवायवारेगा सामाघेउन्गगावीतेगुरीशमुनमारा। सर्पयाप्ननारोगमटेनेसुपामेन्टजीमहोड
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४९९) सुरासीतवैद्यास्त्रायः नेपंतगगातारा पेटाबारीरोगतगादामे येरा एन्रेवासर्वाखामुषनापरतावामेन्स्वान हरपतीयेशीतरामननेचीपामेन्द..
अयमुपछाह्यानारोगनालक्षागतीन पायरायेग्यपरावनेवरीमपानयैनन यन्मुमछाह्यातेरोगछे तेनोरपुडीपायम | यमुनछाह्यारोगनो डीपाय- लोय योगाने यासीलेन्महीगोइन्हनमरी शिरोपमला सीधयमुरीयेमान्यानाअंडुरमहीतेमा रन्तणमादेपनमुमपायेतोरेयामुणछाद्यान्नये: ॥ शिपायनीने गरीन्नयङ्गनीरमान्म जिपरखेपनथायरेवाभानीत्यायरे तोभुम छायालयमा शिपायत्रीनेतान्य रणवीये तेमुपयायेलेएन्तोमुमछाद्यान्नय सौरमरोउरेनेएन्पा शिपाययोयोन्य मसुरने गौग्रतपये लेपनीनेहन्तोमुमछा खापामरी गनरसंहारकरारीपायसरयेमुपनोसर भगतगीबानेरन रातुन एणरतीरनेगोनिसाहातुन अप मागारखानमनाङ्गुटीनेन्पुष्पलांगरानेन
aar
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Maiwuman
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___ सुशसंगीतशास्त्रग्रंथ (४५७ | पानाअंकुरीले२.न्सरसवपग्नेमीएनाग सरलीयेपानसमेलीनाये यायसगरीयेन्ज स्वायतागाननमामहीतेसपछीवरघुन्धीमेतापे तेपरीपत्वपइरघुन्ड डेवगतेलचीलागरह्यो लासेनारेखीलोरनीशीशीमातेलघुतारेन्पन्न तिहतैलमुमशाह्यापेरभनयायेन्सर्पगुडीत तेमव्याधीमयेन्नीलतयामसतलपीजासश्ये नरोन्रवारसीनोाशिपयारह्योसाहारी उन्ससीहातीपायलहीरांशमोन्यो लायन पारावीशीपारलण्यानेन्योर इतिीमुष्प छायारोगसमालय
अथवीशीत्पत्तीस्यांनावीराये लय प्रशारजुंन्स्पापरब्रंगमनेन्स्पायरनांच शस्थानते वीस्तइपींघीयेतेहप
अथ स्थायरचीरानां स्थान पन्तेषता चुना अष्टवक्षमापीशणतातेवराणी प्रसन्न तापामेहशीचीयापरणीपन्रक्षमुंगने पत्र खग पासी बसाधनेसत्व रह्योगुंदरलाली रियातुमानहरतागाधनमायेरेहेछेन्यछना गारी वासवीरानोडेछरेषामहर्षियेही
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४५८) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ
श्रमापथीरानेन्यासांलगवानोडीपानयीअथांगमयीरानांस्थानले जता मनुष्यापरीनी इटीये, अहील्यादीनास्वांसमांन् गाजादीनामेमांगरमलक्षी गुद्द्यासमा बसे व्याघ्रीस्नानमेवीरामराहीनामवीशे
घरो
..
ज्याहरीनामुत्रमांची तयांनराहीहीशेश-जेने हडस्वाहालीयो हेवास्यांननीसागमा प्रतीती कास्त्रीनालेंगे-लमररैाणमांन्नोजभरख नापीत्तमा वसेसर्पनाहाडमा रघुसीहनारोम तेपीहर पंतनाचाऽमां.४ ग्याहीनास्पर्शमान वस्सुवीरासोणस्थणे- रेवातेवपुवासीयुमणःतेजन्नवीराणे पुरु
૧૫
अयस्थापरवीराजायानांजक्षागना ल्वरनुलेरने तन्त्र्यं जी आये. उमघथैल य-ड्रीएामुषमालावे.पन्यांतीवापेवहन
श्रीतेमली. मुर्छाने होयस्वास भनेनेहालपन एंगे ये हशलक्षएापुर रेवानेमांवाप्युन स्थाव रवीशमा सुमहापुरुषेमाय्यु.उ.
प्रयत्रक्षाहीनीगनुचीरीधाधु होय तेनांलक्ष २ ॥ भर्मनलपारोयायनी
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मोहमहीयैन्नयन आहुमाय
सुर्यासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंय. (४ cargado यीघ्रक्षाहीन्तनाये
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अथवृक्षनापत्रनुंबीरामाधानांसक्षएन्ना अधी जगासां स्वासनुन्नेरवेन हमरोडे अंगमां पापेान्येहुमहर्शिसर्वन तनत्रास्यु पीषुधोयते पत्रनुचीरापाश्युन्स्
प्रथ वृक्षनानुं वीराणाधानालदीएन्४ ॥ तेवीराजनयी वहनवीरोसोले लगेन अपरयेवीनाराांग हेहेमांधासागे १ सोलो न्यनमां ध्वेरारेवारेहेअलावां प्रक्षतामा रे णनापीरानांलक्षागृहाच
अयची शक्षनापुष्यनुं वीरामाधाना लक्षएान्य राजने छौने आरोन से मां यमुघणी-रेवायायछेप्रात्रे पीयपुष्य
नाचीराती
अथैवृक्षनीछाल्यनोरसमाधानांस साग-दा आवेमुमहुरगंधी हरेन मांढामांचीहंत जीडीनेम्मूनीसरे १ रेवालक्षण त्रैएयरस्यां धारएानेएये - छाल्यइसवीरातेह ज्युप्राशनतेये
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||४१०) सुपासपीतवैद्यशास्त्रायः
श्रयसनाधर्नुपीरजाघुपोयतेन समागासोरालपरगनाअधरमां ह्याची अशीथीगगाथायेसही गुशांत एछुट्टापोन्म नेनीलनडीघगी लमेनेत्रा तिरोडीशेश्यावक्षनापयताएं-वरयुपीरीता ।। अथहरतागामधातुमाधानाची-|| नांखसागरायुधमुरछात्रापेमणन लागेघाहतागोरेहनायीहोरोखागेन्द्रन येचीरामायेततमरेडेशगेन्रेवागरेपीर इहीतेस्तागेर
प्रय उत्पीशरछनागाणाधने लहसागुयायतेशीन्या पुषेयुमुद्यावे रुघागो मोतागवुनाराष्ठरेतेरेहतागोर आलसागमाशयत्तिोडेजाभान् रेवाची नेपछनागापापन । अयस्थावरवीरामात्रशुद्धयलुतेना गुरगन् । स्थावरवीरामात्रतेसुपुरेखे तीतष्पनेसुक्ष्मगुरुगतेमाडेछेन्मन्त्रीसन गमाप्पणवान तर्त लेशयेन्शीघ्रीगपारित
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सुशासीतवैद्यास्त्रग्रंप. (४७१|| नरन्परब्लयेरन्यायतर्तपरीपञ्चईघे रीनासोन्येस्थापरचीरामांछे गुगनीवासो उन्रेचारसीनानतेशरगन्नागेन् भन मतीअगसममीथ्यामतताएगेन्द्र ॥ अयस्याररचीरजापानापीशरन्य चीरानोलुमोनागमतीणगडीन्नये गुप्तयात होयत्तेस्वारामाथायेपन्सुहमपायीचंग अंगमापापेन्पराक्रमेवीशयातीमागण्या स्थापेर धातुदोरामगोहतगाणगडेयीये शीघ्रपगायीप्रवेश गरयायेतेये उन्माटो चीरा पीपगारपरमाणेयायेरेवाप्रपधी पुषेयेमगीन्नयेन्ट | अयरीस्वनेवीरानुपांगीणयुको यतेवाग्यानांसक्षगन्यातेरास्वनी ने।। गोट्यागीततीपाशमयछेन्दुगंधीचानुस्ता शगु घायसीमन्मयछे-पन्तैमासबीमारी नयधानुनेत्रशालागेघागी तनतापहाडी रियायमुरछा शामताशयातपीराला सिपोहनेययेन् बरतेचीणुमतीयेऽरीया अन्नएगुनारहे वीराशिस्त्रनीधाराइरी ।
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૭૨
||४१२ ) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ. अथोर्धनेचीराहेनारतेनांलक्षण नेवीशनोंहेनार अपमनगमांप्रांएगी. रेखाक तीसारयतर्ततेनीयांएगी. १न्युछेतेनेमे अलं एयो मौयाये सीन्तरमामोयेश्नते एये हेवायेन २. नेहाजीयैन्य मोहमनमांन्नंमेन्वरेभुर्णनीपेा जागेवनीमामे-उपगदेघरथीमा हारपलुवेोहरालाणी भीतरऐवीपरीत रणे मुप्पाणी रेवारसीनोसोर धर्मस ताडेतेवीशनोनार पीलुधवरती प
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अथनंगमवीशवाण्यानांसपाहीना चरनाजेर पढ्यानांलक्षाग सामान्यन्ना जेने+वनापरतेऽनुपायेन तेनेनीवेने तंद्रावापे. १. आवेअंधारांनेघवपुयायेन्स लेल्यायो तेस्थानम्हरसायेतीसार रोमांययायवारेचारे सर्वर्धीनुज्ञानन्तुरेहे छेतारे उन रेवालक्षणआयुक्त र सुजेनेन्न रामवीशनांन्गययोन्योतेने ४
स्वयस्थावरवीरातयानंगमवीरामा त्रनो शिपायान्ना लेतोलोमुगवेचनुं पीशी नणमापाय- वीरानंगमस्थावरसपी सचहां
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंय. (४७३ प्रानेयाय-सीद्धपीतीपयारछे यांमेचीरा तमांम-रेवारसीहेडामजस्यो- सही परमारये
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हामन्त्र
अथ वीरावागाने प्रथम सीपयारन्ना श्रांती तर्त दाववी तारपछीडीपयार नीमेज णयेऽष्टनुं नारीश्रेनीरधारन्या तारचीरानो मुनगसेयोगातगी घुरेतां
गतोय. स्थावरचीरायांमेसाठी उष्टनपामे
शेयर
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अथनगमवीरानो तार मृत्युधा शछे होघृतना हऐछाली गोहन हरीया तुम्मुगनेरुमणतएगीनले १नेतरनी तुगसीमुण हिरण्यले रातावरीने मलह नवासा तेमाहेर- हस्तशीघोडगंगा वेवन स्वाथस्री गायतएवंसेपश्वी एडमीत री.उन सर्वजणेनगत्यारययुपात्रेलषु तेनो नासत्यार्मानिलोननपुर-४ नेपारसीहर सावे नीसह पाएंगे मृत्युपाराछेीघृत भावप्रेश शिलान्यन्त्यारतन्नेोयन्नुयोगाहेनांगी आगलागी एरडेलो तेजयैशंगी
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(४७४) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथअथ प्रहररोगनीत्पत्तीथवानांशराय पीरेनमहातेज्ये थवामद्यनालोगथी. नभाग डीएर हैन्यमे अनुरागतगायोगयीन् प्रवासे पगेयासतां वणीसोयनाडरतांरडी -
स्वलावेअतीतीक्षागन्ययालारवेहेवायडी
रायन पिसमांहीस्येशीयोट्याश्या वरेङ्गपीतवाहोरात्री सनीपातप्रेपेय - हुशगोमांयी शुश्रययेधायछे न्य तुरवीर्य प्रहारेकरी प्रगटयेप्रहरणायछेन्द्र
अथ प्रहररोगना प्रसन्ना वायु नोहररूप-पीत्तनोन्मनो-संनीयातनोप्रहर
अयप्रहररोगजांसामान्यलक्षागना || प्रहरती प्रागरता तेलंगोताहारे परतुवे पागुर बहे योनीद्वारे परेवारतेरंगन गायामांच्यावे. ३धीरश्रवतांगसीयो तनी पन्नये पलुवांगेयारेगीन्कुमगेल्यारे-रे
सुषु
यात्रेदरसामान्यस्ह्योसुज्ञेताहारे-उअथवायुना प्रश्नांससा इधीरचçने एनरातेमा थोडथोडुलय पीजा परागमान्पन्पायुनाप्रहरतायुक्षागृहेषु
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सुवासंरीत्तरैद्यशास्त्रग्रंपः (४७५|| रेराचीरनुंवर्गमांसनानणनेन्र
अयपीतनापहररोगनालसागर धीरामयागरंगसौ अतीरिषगनीसरे नयारंगनुंपणनीअवेयोनीयेरझारेपनी घरीनरछेअंगसीन्तनेतापपापीरगोन्से वाशेचीतेररे प्रारपीतनोतेययोर
अयस्पूनाप्रहररोगनांवक्षगुना चीरपीउएंगुरयतरसेडेन्पीत्तरंगमहीपुरा लामनगजेन्न्यारीहतरसाचीरेयेषा नापरतएगांमहीसोखसागरीयांन्र । भूयसनीपातनापरनालसरात्रीयो शनाये तेना मघघृतपतीशरी लेगर नोन्मएयेन्धुगंधारामतुल्य परीक्षापरमाएयेन
रेयात्रीहीशीशे पन्नेररीनेन्नम्योन्संनी तनोपरगरतानेपाम्पोन्र ॥ अथ अरशवनेरुतीनेस्तुतेशगयीय नयतेनाडीपश्योन्य अधीकधीरन्नता घराष्टुरपणयारोन्ममुर्शनेवासेण्यारिन्न येल्मन्प्रणापपीगुअंगनातेमालागेतंशत पायुरोगपरमीनलगेर हरीपश्यपत्र
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४७५) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ
तापाहुरलावे रेपारसीननते प्रागणथीहर
सावेड
अथ प्रहरनांअसाध्यलक्षगुना सहा योनीद्वारे श्री धीरतेयह्यांन्नयछे नान्य रहेहमा वहुर्षणयारछेधीरजंययायेनही ननोसर्पयाडीरह्यां असाध्यप्रहरनांगरे-रेवेल क्षणाये
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अथशुद्धस्त्रीधर्मनेतुतेनांलक्ष पुरणमासमासेनीन्तु धर्मले थाय छे-धीरतेन लक्ष्मी पपुयोग्यतेलयछे- १. सुसारक्त सरषु रीसे मांसेशनही पीयास्पर्शनाडावे. वहेयरात्रीतही प्रमांणीसोप्राणीने य नीपीउयपरमांएंगवी- रेवायेरलेलसो खुशुद्ध स्त्रीलिंगची उ
अथ प्रहररोगनो शिपाया॥ तोला भैएय घरामधनेलापेशली भोजानामुगनोर सोमगियांएगी. प्रातसानेपानस्रे हीन सातसगी नीत्यायुतेमाप नन्नयेलेशगी रेवारसीनुप सीरवीनेनामे- सर्वप्रहरनीपी का घएगा हीननीयांमे-२ ॥ डीपायजीले
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सुधासंगीतपेयास्त्रग्रंय. १४७७॥ र एआरोपाखपनी पगनोग्यायश्रीपन यलेनीनेपाय पसुमयमांद्यधरीनन्य याउन लताएंमुगगीतादुगतोयेन्तेरीने पाया। तमरीशेयेर लियद्यारीपयरगमेतेनस रसाटेरेवापरनीपीभवनडेन्मीन्नयेउ यसीयउपरुणर पुष्पअनाज रीयातुन्नागरमोथ्यने असोगनरातुन रिवाज्यायधीमयमुशन्नेयेन्राप्तीधोगोपीयो सर्वपमेन्नयेरा पायन्साघुरेरना
सुश्चीपारीपीएरेन्मेणपीमयनेमागुरी गद्यांगधरे विससानोरंऽरेवाबनीमाये| सश्णप्ररनी पीनामुगायीन्नयेत. ॥ अथ प्ररोगनोये लेन्सोमरोगछे ए घएगाचीरायनेसोयी ययाशिसंन्नेगा अतीसारवतशिये सोमनामनोरोगपत ।
अयसोभरोगनांसामान्यलक्षएना पारंवारपीरामजी थायनेषुरप्षणभंगरीयी| गशीपत्तेनुए मेहेगारेमनलंगरम्सुमुना नेतागवुनपणापमुयायन्त्रप्तीनलोगनवीन शिक्षित्वायैलय-उन्यायमासेमाघन
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|४७८) सुपासंगीतवैद्यास्त्रग्रंय. ॥ |रिवारसीध्येगायलक्षगसामान्ययेन्सोमा || रोगनाथायन्हा तिीसोमरोगनांस्यमा न्यलक्षागना । अथ सोमरोगनोरिपाया पाउंडे ||गांणांडमारोडभरीनेमायन्यूपियामपने मणांनोरसपीतांब्लयपन । अथधोगोपटरनेधातयोगीतीहीय तेनोसीपायय पीलधामगांनांतोलीतेयु। एरेन्वारीलगमावस्त्रगागरीपात्रलरेमा धिनेणांडपीलेणीमपरपायेन् पक्षियरोयन रतांसंघरन्नयेन्रखोरीनेशयोपर तीतेनी पोरतीयोनीघायरगेपीज्यनीया रिवारसी पीपगारह्योनेलनारी धोनीया तिनीपीपरव्यापीरोन्न । अयमुबातीसाररोगधातुलेहनासो मरोगजानीरस हेमांन्नमेन्तोमुत्रातीसारधारतानेयांमे परिराणायपप शिमगसीरयेस्तेमुन्यातीसारकरीमुंनीयोगा येर ॥ श्रयमुत्रातीसारनी पायन
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www.kobatirth.org सुवासंपीतपैरास्त्रगंय. (४७ला ईराठीया भुगष्टीने गोयनानणांमररीने पापीयसरीने पायेन्तोमुवातीसारपगाये । अयप्रटरनो दीपायन्य मगहीरनाम राहरूडीसोपीलीनेमांऽयतुरतोलातेमाभर उनीने पापयमायुक्तीस्त्रीने पायत्रै एयवसमासर्व प्रहरपीज्यानयेप गिया यहरनो राधावकीनांसमोलीनी गिरगहरेक मांडलेगवीरांडीतेपानझरेपन नगनीसाय्येन्नेगरीस्त्रीनेपारी-रेवापर नीपीसगरंगीन्नीर
अयस्त्रीनीयोनीरोगनांनामन्या नांगरगना मीय्याश्राफरवीकारयी शेरपी छुटयैन्नयन्रेयायेचीन्नतीना गयोनीना यायल्प | अययोनीलेहरोगनांनांमन्शन्न तीनान गएययोनीलेहेरोगतेसण्यामा तातेप्रीन्पीरखावीयसागशेवरेनगेना
हेमाबरीमन्न्ने उपवर्तने वंध्य पीप्लेन त.यामीनी नेपीतगा.अस्तेनी.नेअनागर |एगा. लाग्यश्रतानीगारपरीतने यात
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४८०) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ
१२
णाने पनवीनीडाजवीन्प्रतीयैरेषा उर्णिम नेवीयता मेलामवतीनंदा डैनीनेोर्गनी शैडोलागी अनारतैवायोहीर्तेक्षरी मी पुत्रवी गाणीन्तन्येश्वीमीसुगीचा योनी गृहगानाधरी रेवाहुमहैप्राप्याये पुर्वनापापे हरीन्यूरा
अथ योनीन्नतीलसागन्प्रय रहाव वर्तयोनीनांलक्षागतेनाश्एपीरोगलं एवोपन्ना रतुधर्मस्त्रीनेयतांन्धीष्टका नेवई - नराऽऽमैलागतेन्मन्योरीएानों पर हेपीज्या प्रेमानेइरे मटेयत्नश्रतां धाए रेवेलक्षागोयेऽह्यांगावर्तयोनीतगां
अथ चंष्ययोनीनांलक्षागो• ॥ नन्मी त्यांथी अंत्यनोलागसाह्य पागस्त्रीधर्मेताइली तेनयायन्तापऋहेमांतेद्यने पुएरेछे-रेवाची जुयोवंष्ययोनीयेछेन अथवीपृतायोनीनांसा मग्नरऐनै मन्मैथैमन्हुरेसी नीत्यरेपीच्यायोनीमांह्येलरेसी पंडीतपीयापारमेला वीर ऐलक्षएायीचीपुतानेजताचीन
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सुशासंगीतवैद्यास्त्रग्रंय. (४८१ | अयपरीप्तायोनीनांखसएगाणे स्त्रीधर्मपागेयतापीयश्रपरमीतयायन्परीप्तान योनीतएं येलक्षागमुनीगायल्प "
अथवातगायोनीनांलक्षागम्परा संत गमेपरमारतान्लासेनस्लमहीसुगनाय नासंगीतसमणाीगणे पातगावीमुंपते रानेलागेप
अयलोहीतक्षरायोनीनालागण योनीमांसवाहतेघगोरह्याउरे स्वामीनए समागमेसोपसोहीनीसरेनन्मनरेअपुरमा न्मयेऽधारेत्वरान्योनीयेयधारतेसोहीत सिरान्त । अयमन्नवीनीयोनीनांसमागणी उपीतयोनीनेसंगेनाइरेकमेवीपनने श्रव्याने पन्त्रैष्यवक्षारोने नीलावीनीन्यर्णियोनी ते पन्नवीनीकर
अपवामीनीयोनीनांवक्षरएन्ट बेहयोनीमाअाशाइरेन्पयनयुक्तयैवीर्यनी सरपन्थीरलागमैतेकेलामौनी ची शेव वीणेनीवामीनीरन
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||४८२) सुपासीतपेशशास्त्रयः ।। | प्रथपुरधीयोनीनांलक्षागारे योनीमांगलतागोसलपयाये पतीतपाडी पार छोतेहीमीरयेपन्रेयानीरारोपणेनारी नरतेरेहेछे पुत्रधीयोनीभीतेपंडीत छ।
अयपीतगायोनीनाक्षागागा ने योनीमांघरूयासेसघय तेपाउँनेतायतनमान रायरेवाईवाससगोत्रीएयन्नसीन्तेयोनीने पीनणाडेपुरणीपन | अथ अत्यानंशयोनीनाक्षागन्याप संशरएताशुद्धछेगनेनुत्रप्तनयायेमन्मयो मन-रेहेअलीसाशासंगी नेतेसाये त्यानंहायोनीय ग्रंथगाये । अयर्णिजयोनीनांलसागरराया विस्तयेसागतेवीन्पोलासतांइडिानी पुष्प वीपमरेसंगनरपरांगेपरावीन्मही शिवसायीषतावीर | अथ अनयशगायोनीनांखसएस वीर्यरटेनेनेह योनीमांगनेनीअनपरगा छतेहन्यवरांपारेपन । यस्तनीयोनीनांसक्षगान
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंय. (४८३ योनीमांसंगेशांतीनयाय स्तन शर्मणीयाना वर्धतेपाय अल्पपयोधर होयते महशांएगी रेवाचीसुर्य अस्तनीयेवषांएगी
प्रथमंडीयोनीनांसक्षा-१५ लाग दुरलोयोनीयेसंगेसरशीलयन्तेषंडीयोनीरी
वैद्यवीशारहगायन्पुरु
अथनीयोनीनांलसएन्पदा क्ष्मी होययोनीनी खघुनांलागसधायन्ये नत्र्यंडनीवर्गवी स्वपनेसंगनयाय
अथचीव्रतायोनीनांलक्षगाने योनीनंमुःणमोरधागे. नावेनरनेसुपतेसंग रेइन् मोहमरेछेनैननेयातनांएगीन्महायोनीये पीव्रतानेवमांगी
अथसुग्रीवक्रायोनीनांलगा नरेग्मेनारायगृहेषुमाट्यनमुन्योनीनुमुमो
यसोयना अग्रस- परेशलोगी सौपाने युक्तीरेखे- सुगीवानांयेलसागश्रुतीयोहेछे । अययोनी उंहरोगनी अत्पत्तीना दीवसे सुतां क्रोधघरगोजेछस्येन्तीमैथुन योनी परपोट्यनमस्तस्युयाग्येमहीपीडय
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(४८४) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथहरे त्रीशोपीयोनीध्ये प्रगन्नामनी इषरोगनां हरसावे शेवारसीस्वरएगी तेलक्षएा हवे उन
अथयोनीरोगनांलक्षागना गांम्य येऽयोनीमांतेतीलवयायेन घुलेर रेगवतरक्त पश्मयहरसाये-पन्थीनीध्येरोगतएगांलक्षण गायां रेवान्यवीधयतुरपुर्वेतेहरसायांन अययोनी नाह-४- तेनांमनाचात पीत्तनाम गोयोसनीपातनान्येग्यारेनीगां मन्योनीमांप्राद्यांतते
अथवायुनायोनीरंध्रोगनांलक्षएान् गांठ्य योनीनीसुनी होयवीनानाइते नुवा द्यपी होयनहीसा वयोनीनायनमुपरेहे तेनुंशस्युरुगांज्यतागुंतेहरसाचे हुमने डान् रिपागीडी स्वीम्यतुरसहे प्रगायरान्योनी वायुनींवरवीषुयोवरा
प्रयपात्तनायोनी रोगनांजक्षागन् गांडा योनीमांहारी रंगेराती-तेथीन्वरते नेररे होडी छाती रेपासक्षागत्रैएयतपासों न्नरेहुछे योनीध्ये पीत्ततागोपंडीत छेउ
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सुधासंगीतवैद्यरात्रयंय. (४८५|| अयनायोनीदनांलसागरात गांपयोनीमांप्रगरीतेमांसेपोहोगीन्दी पी नुपरलागययोगीपापसाऽसरन मीही लक्षवीरोनाएगोन्योनीव्याची नोगस्योनगीर
अपसंन्नीपांतनोयोनीदतेनालन एयेवसागामां घासयुतकोयन्नत्य रियासनीपातनोयोनीतांयन्न्
अथ योनीमनोरोधतेना योनी स्त्रीतहानेन्रतुरोधयन्नयन्वयनये, गावंडतेखीयरमैनायायप
अयस्त्रीने स्तुधर्मशागवानो शपाय ए अाइतेवहीगोगये मनमानेतमणायन मालपुएरानिपीपरसुडीपायपीपर शिपायगीणमांघोगील्यारेन्येरीतीना रेननसांजसवारेन्श्यारसीनुंग्याउको यंत्रामन्नयेन्रतुवंतीतेनापरवीमेअंतरे यायेन उपायपीन्नेर। छवीनयारा पीपीपीगुगरे। मीढण तुंनी टुगलगोगमगावेन्सेलयापार
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४८५) सुधासंग्रीतवैद्यशास्त्रग्रंथ नेथोरतागुंपय हार्नोआमोनेसुंधरावे मांडी नेजुमघुरीजलमा ततमीश्मतावुतेतर्तस्रावेरिचारीवेरप घरेलगमां हीनत्रैएयेरतुनोसमो हरसान्या रपायत्रीले ३ ॥ मन्य तल पीपर ने सुंम्यमरीहरीये लांयीगणगो राज्याय हेनोश्रीयेन्नीत्यवस्तु नवरा दीवस पहरणाये रेवारामासयरतुवंतीयाये
अथ गरल रेवानी रियायन्था जी लेरानांजीन ने पारीगरीघ्रतमांनांपावे गौपये- मंहतापयीता मंहतापथीतां ना गडेसरसमतेमां नांणेमांडनीसाध्य हुमऔष धनुंजे मां-रेवाहीयससातरतुनेसमयेपाये गो पिरीयारेगर्लयंत्र मेएएसौन्नयेन्
अथगरलनारे हेवानोपायनापी येस्योचायवीडगनेरा मोरनीलाजसमोव वसंती- नीत्यतीसानो स्वायरीस्तुनेसमे तेहीयेतेनली. प्रीतेप्रयोगश्रे हीनपयनोवाधेयपुवगतीन महंतीन्पापमांपायलरेनीरे बारी पूरी गर्लधरेनीयछीगुंगवंतीस पायजीले-२ ॥ चुनोगोण, सीताजी स
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सुपासंगीत वैद्यशास्त्रग्रं (४८७ दीवस पाय अघोगनीत्येनीमये गर्लताएंभुग लय-१- ॥ दीपायत्रीले ॥ सीलोणीनातेसनुंपोजलरीनेतेहुन्योनीभांरतुनेसमे राजेन्लुवतीने राजेन्नुपतीनेह गर्लधारग नाथाय येरीत्ये हीनपयाशयमुमायरे चापेछीनही पीड्यलीकालपनीसौवांमेन्रणेपा पसंतापगर्लरेहेवानवपांमेन्
अथयोनीनो हमरवानो सीपायना मांडयांमकांनारसे सहीनस्त्रीने पाय तोयो। नीमधहुनु तर्तनीयात्रायाय
अथ योनीमाथी पनतु होयतेनोडी पायरा लेनडडुडर लांगरी गशीतां हुगनवे पाय लांग्यताएगीलेपोरसी पीऊपेइनीजयन श्रीमपत्रगरमाणापेत्रोवनसीने सोनेरोगनांयांनांहीने - १. स्वार्थपुरीयोनीनुपेक्षाल नथायेन्दुरगंधीनुदुममरीलाधीन्नये सी योनीना हुरगंधीनोपायन्य
अथयोनी सोमननोरीपायना मा नामुलने मेरसार मायांहीये. हरो छाली 'घा||वीनां घुसतेघरीयेन् सोपारीङ्गुलमांहीसे सो
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|४४८) सुवासंपीतवैद्यालाय. । सोरोन्यारीगोगीपोरयन्नमापेष्टरीहन्या
योनीम्यापीरसरवत्रनरोन्रेयापोहो गरिरहेग्यारन्सरासंगियरोगा रीपाय-|| नीलेन्एलग्य-मोगरस-डीमायांधाय-|| जीवपरतीरामेोरलीधारीतंगअमुल॥ अथयोनीरोगनोडीपायल्प रायग नहगारसीनेन्गेश्यायपीगवरीनेन्त्रीदना वायवीरीतेपारीमयमुशयोनीयस्यारी-रेवा मासीयसयेमयारो योनी हनम्युमनरी ॥ अथार्नवीनरानांशरगोन्य एए मियुनेतेरी यामारगेयासतां पीपरमाती रहर पीरेयनयमनासतांन्स न्वरगोर || याताअलरामेलोबनान्चीरामासन नसतांन्वीरयाएनेपगधरेन्रन्गरमती तडवीसुमीयारोपस्तुयेलसएगेन्लयो पिपासपी उरीभारानेतेहणे उन्धारोह्यागप येप्रयमयुगगरीपगारेपेशरगांयेऽह्यांग श्रवीगर्लन्नपातपान्हा ॥ अथगर्लप्रावनुपुर्वउपन्यारमात्र मांगलंगगतेश्रावगए तोपरांतपढेलोतेने पर
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arewayariEPieweranemamaewearnewaamanardaare murta
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www.kobaithong c haya Shi Kalasag __सुधासंगीतपैराशास्त्रययः (४८ तिलगन्तांष्टांतमताहीपरागतेवान्या व्याधीगोएयरपरतानेयांन्तरगरणचना जागरसायेछेन्रेातेरेगर्लगोशनोनयन
अयगलथापनेवरसयानोशिपायन उमगलने मगनागनेमणपारीहुंघमा तिरुणीसगेयैनीर्मगनन्मासेमासेयेमपीये निपारसगीन्रेवातेछनोस्यलेगर्लनन्नयन पन्त्रशाशी नेिमु राजेन्सीपस्या रोगनपातनेसलागेर ॥ अथगर्लपातनापीपीन्य आणि मिरगर्लरद्योपातनयायेन्शुगप्रगरतेनेए वारसायेन्मयडेपीकरययुधहालयवीरबपी नुन्नीशयियेगमे विसयीहुमतान्नुपी शामप्ररहेरीरसक्षगणनान्नमेन्गन याचे पगार होगामेन्उन्रामुग्धमेगामनयेची सरीन्नयेन्समतोऽस्पखगोलेगीयायेन्ट । ॥ अर्थगर्नश्रापमरयानोजीपायन्सल्य मरानाघरनीमारीसोपीनेसेहेमलाल आणुनमगनोखेपन्य्यारेगाएतगापरभाषी तिडीएगहरी बगीनेपायपराधिनपथरी
Sarora
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||४८०) सुधासंगीतपैयशास्त्रग्रंथरेवा चालानीत्यरुह्यायुरवस्थायेगी श्रावनो योगवितोमरसीलयेउ
अथ गर्लिएणी स्त्रीनेत्रारोपयो होय तेनोरीपायन्या जलरोमुनयन संगणने हींगहरे ते पयभांडीराणी पनीतापांनस्रेन्जे चापाने पासचासरः रयेसाह्ये सर्वत्रारोपी तां तर्तरामीलयेपन
अथगर्लिएगी नेजंय पेशाजथयेलानों सीपाय ॥ जलहरीनेशीनुंतेमुजलीनेतेपरतीने पयलेजुङ्कुनुंडीने रेवापीयेपेशाब ग लिएगीनां धुरेन्खामाहारोयोगसपारामांटुरेन
अथ वायुथी गर्ल सुर्धने छोऽयैगयेला नोपाय ॥ जेनीगर्ल श्री पायेसोसैन्यये। मासीपैरपचासरमुते हरसाये पतेने शीत गसोसीपारस्येन्नयेत्पुष्टीजरम्सीयस्तुपय मांपायेन्शन छोऽयेयुपाहासोरेते पुष्टीपांमेरेवा रसीडीपारस्पीड्यावामेन्ड
अथ स्त्रीने सुपथी गर्ल प्रसवथवानो पाय-या मोसापनी अंगणी धुएटील गमांलय यन पीपरभणेवारीने योनीलेपन
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सुवासंगीत वैद्यशास्त्रग्रंथ. (४७८-१
वायन्पन्वगतीतेर्धयेरंडीयु नालीलेपनपायरेवाप्रसपस प्यशेसो अराम एयन्नयन्य अथैसंज्ञाज्ञांन अयत्रीजातेशुतेनुज्ञान या हुरडांडांत्रांमणां रामीरहे मनमाात्रीणामीले तं नगा भैएयेसेवां
तां
रात्रीनुज्ञांनन्त्री सुंर पीपर मरी येत्रएयेनुनामलंषोलतांना पांये संज्ञाने गंभ
अथ गंध सोधवानीचीधी ॥ श्रभग सारोगंधस्ते सारोसीने तीरती समसु डीथी उडाडीने १. लरेतपेलीमांपयनमतजीयुसांधे गरगरीयुपरते वासाने मुम जांघ प्रांगण शियोडीनो मोहरे पी टधरेच्यादीनाम्ारएानसरे-श्रुडोरमध्य गाड़ी सतीपायरची पछीलरीपावडुजोरी| तेपरघरवीन् वायुवीजएगे महमदयमतोन्न येन्त्र्यधरतापधीगणी पयेसुद्धीयायेन्४. रे वाघरीने तापशेयलानोथायेगंधाशुद्धो पयेपडीयोपपरायेप
घेतीगंसोधन
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||४९२) सुधासंपीतवैद्यास्त्रग्रंथः नितेरेसोनोरायमापावरयोग ॥ अथांमार्नुसोधनतेनीचीयोनारसी इतामनांपनांतेपरयमशिन्तेतपपीनेते खवीरोमोसीनेपन्येमसाताराश्या देखनएी-पछीछाशनेत्रीणानुस्टी पान एीरप्रयऽपस्तमांसातसातरान्नयेत रेचातांमयेगुड्पछीमारण्यायेत.
अयशीशानुगोयनातेखाराग्ये मुत्रनेत्रीमणारसैनीरधारीणीनेवून सातसाततेपारमन्तेरीथुसोधनश्यप छोड्युतममारग्रंथवीशेवरपीपीपीते अंतरअनुसारूप पर । अथलेसोधनन्। सीसासोधन औरावीतेसैसोयायन्येमडीशगीसस गाये ये मांथायन्पन ॥ अपरांशीनुसोपनन्यगीत यडेयुरसयनस्पैपीमातेरू पीष्एरीयस्य तेलमांन्टेशपर परीनेहरापरधरीनेहन पिछीत्रीगानारसमान्पछीधारामांतेम चारशीलेऽसमां रेयायीगुइयानि
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Acharya thi Kalos paraurt Gyanmandi सुधारांचीत्तवैरास्त्रग्रंथः (४४४ मारणपहेन्दगुणभएरमपार इयुसरया मतेनुमन
अथसातीपपातुसोधनतयामारण प्रशारजीले
यसोनामुनीसोधनवीधी-रात्रीय नागसोनामुष्मीनापरपमलीन्येश्लागसीया वनोखेतिमाशेने पन्तेवारीलोटानापागामा ह्यपरीमीलेयरसतेहीरोऽयुक्तरीयन हिसाव्याछे तोतापायायुखेन्समा गोपेगोलासगोगामानुसेन्उन्रेवारसी नीरीत्याहीतमपुर्णसही तरन्नएोजेसोनण मुप्पीयेशुध्यक
अयसोनाभीभारगीधीनतेच्या ययामहरीपये अश्वाछाररानीमा घुरीसंघ रमालरी घरगनपुटीलांबरपूडमरे सोनामुष्पीकरतीपानमाभादरेवापाशीगानी होते भयपीयरेन्नयन्त्र । अथ अलपसोधनवीपीय राम अनुसापमांतेतपावी-पथडेछाशे फोलपेसक्ष्या लापीन् अथवाणगानारसेयेमयाय पपपीरा
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||४५४) सुरासंगीतवैद्यरात्रयः ।
टेशुद्धयैसालय | अयं अलमारगीधीना तोला लगहरीनेन्तेनापत्रपछीतेन्मेनोला गुग्नुंगरपाणी मारगडसरपुन्नएीरन तोलोसुरोमारहरायेन्तेवारीनेयुएरायन पन्नेगुनगाने पररावे सुरानोलुललगपेन्द्र येज्येऽपरमुंडेन्नयन्तेवाग्यारवीलागोयायन एन्युजयरोछांगांमांड्यररोतोअनुरेन पायेमरीन्पुन्मात्रामापरतीपुरमायेन्तो सपगाहेरुनागन्नयेन्छन ॥ अयिहरतागसीधनचीधीय शुद्ध रतागपीगीतएापत्रस्य पोरसीमाध्यवरुप यंत्रोलेन्तक्रतोयेश्रीहांडीलरतेस्तुताप यतेतगेनाधीनोलेनन्पोहोरयेऽत्तापये मनणण्यनेयेरखोतापसिंमतीनेन्नीरयु नाइजीतेवीरीतमय पोहोरतेय्यारनोता पीनेन्मतापेरी मरझुंझुन्तोलहरता गयेशुध्यायेन्वगतीमारगीधीरसीध्ये चाररेरोगसरपत्ररोगीकब्जयेन्न I अयस्तागमारपरीधीना येसो
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सुयासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ. (४७५ धीरताण कुंवारवतागारसमांन्त्रएयीवसपेर तेपुरएराजी इसमांन१ उपरीडीतेनीसुरु व्यछाहोसावी पणती फुतममुश्यमुलेचीधी हरसावी. २. हांडीला समडीछांडांनीराम य ये पुरएाडाजी मध्यटीडी मुंत्र्य घये उ-पोर स्यारनीतापतन्नग्रत्याये पछीस्वांगशीतगपांभ्येतेने साह्ये ४-रतीयांनमांसे हुरगुएाग हसौलये दुष्टरोगथीमुक्तायतेनीयायेन्यन जायगामातेसुगागुएारी-रेवाची घीहरताणमरे सुधरेसारीन्दु
अथ सेलीरीतेपारो सोधवानीरीत्यन पारोशुद्धश्वाचीधी जतावुर्मुनीने लगे. रही सातनेशंपणीचपुसुतनुनेला नी रिययुरोएकी हुमहरमहीधरी रसली जुनोरेडीने मलेगोहरगोपीश्री रमे गनीसाततेपछीघोर्धजलमां धरे-शतलीबुन रसवीशे एरीयुक्त मैतेहुरे उमरीग्यपी परपरर्धलीने हो गयीत्रो यवी सालसुस पर्तिने घुरे हीनतेयेऽवी. ४. दीवसभोवीनोमेपला शगल हेर्धधाणी रेवाताहारे याय
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||४९५) सुवासंगीतास्वयंप
छ तनुशुद्धपारातागीपक | अथपारोमारगीधीनाएसमयगर्नुतेमापरतेपारी अपोलोरणसणुमाये गीयोसारोन्पपीतेह्यनीगोणीउरीने रात जीरे ही गमियायनीयासतीयोगेन्रन गोगीतामांमुरमेनीयेउरेन्री:पऽमारी सहवाांत्यपरे उन्गोरीछाएगांनी राज्य रिमाययरीन्यातीघटेमारतेशीतपस्वी गरी टन्रेवारसीमनीरीत्यरेचीधीयेवारी,
आपार नीलस्मयरोसडीपीसारीए. | । अपरछनागरीयुद्धश्श्यानीचीधीन्य ||शरीपछनागनातेगोमयमाघाख्ययेऽपि || सराणीमही यगतीघोरञाल्यपीठाग्य तपयमोपीप्रीत्यवोपायांमन्रेगरिएपछी ययो तेवछनागतमामर ॥ अरक्रमीरोगनाशर अली अतीसारने रस्त्याशिवमी-गुण- न्वारने
रोयार पारेवाभाटलायरीन्हयीयो गलीयो तारन्नएबुंक्रमेरेपीधोरण || हनोपाय य मेरसारने म
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ (४७१) नव सुंरसार मरी पीएस श्रीगा सीमहार नसोतर व्यरावणी युएईडीने वस्सातगो त्रमां प्रातपीने श्रेयायातपीत्तष्टन्य शेरीकंमना प्रांगनोनारीयाय उना रिपा यमीले । है पीसो मारनयू सीधवया यवीरंग छारीयुगयेपीये न्यायक्रमी हेहेलंगन १. स दीपायलीले । कुरीयातु उडुपीले द्रिनवसीले भैय्या उस्तुरी नांणीने पयमांपी चाहे स्यारहीनयुरागपीये. प्रेरीत्येाल्यासरेवा पुनर्पिनापरे क्रेमीशेरीनोनारा ॥ रपायनीले ।। हैजा मोथ्याने हेपहार सीम सघुवाछास्य-हिरनचयेत्वाययी मीपडे सौयात्यन्ता डीपायजीनेभैय्यमन्नुरी मेरवीन् पयमालेणी पाय रेवात्र एयहीनयेपीयेन्स्ष्टक्रमीनुंब्लयपन अथैमुत्रारणतयास्मरीरोगना प्रेश
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स्मरी लक्षाए
पलपलमां पेशाजयाय् मुत्रश्रछघांगुन्नान्नीने नीरव लंग ॥ दीपाय पेहेलो भारने सुख्य गोषइनें परायानीछाल्य-स्या
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४८) सुधासंगीतवेद्यास्त्रग्य. यिष्ठरीनापीगुरुन् प्रेमेपीवाभाल्यान्मुत्रन
नेप्रस्मरी पीतारपणाय स्वपनामांपे। सापनी लयलीतीनाथायरना पीपानी यभीन्न येणारी पीपराधीमधगोमन इरशामुंगप्रयाशीपारीगनेवगी सम्। तुजन्यायशीगालत्साइरनाणीनरने पाय-मुत्र यछने अश्मरी पीयासर्पपगाया रन पायत्रीने सो घाएगा जिउ-गरमागोखेसार अयशीपाशांगर्स
ज्यायउरेनीरधारन्मधीपातेपीयेन मुत्ररछतेन्नयन्रेयापीय प्रौदपाय पणमा पिल्वेयायर रीिपायगौंथो राशि गालतनेयेगडी पीपपने पाएग नेता रिशगपीयेन्ताजग्गेनीगन्न्मुत्रार निअस्मरी पीरापामेनारी रेयान्यमयी गतां तीमीरनोनत्रिशन्न ॥ अषयातरक्तनोपूरा नाग नीरत्र रायपुपमने मांसले बीमारी सोन्यायमगन्नयने ऐल्यनारीप गगने होल्साप्रतीअंशयारेन्रेयाची न्हयेवा
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ. (४७८|| तरक्तगणाये-२ ॥ डीपाय पेलों न्यसो येरंडभुण गणो, छैन येण्यार, ज्वान थपीयेयेरंडीयु नांजीनेवसुलारपुरात रक्तव्याधीमरे शुणने सोलैन्नयन परतणी पीड्यासठी पीतांप्रथाय १॥ दीपाय जीलै ।। डु जावसी त्रायमाने घमास हरयारागी सेमेरसार मास श्री यातु भैयां सीनेरीगागीनें- मोरवांगशीनें गणो हैमेले २० रेवाश्चानयु क्तपाये वीराभवातरक्ततगीपीज नये
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अयशुगनीदांना भरछीसरजुषांएग नम्-यागे अंतर पाश-साए एसएएमे सान समांगोशुगनीराश. १ श्रीमंगलवा सम-शेमलस्मने हींग वस्त्रगाण सुरगरेप रती गंधलवीगन्प- डीष्न सीमांतेपीये शुग असीलय- डेहेरागतरवमी-प्रावा गरथाय २. संगण-मरीने सुंयसे हींग-स राग स्वसुर हूंनानणमातेपीये शुरुवात इङ्कुर गोग-रर्ध-गोणीपुरी- पीयेछारीमा शेय-रेवाच्या शिपाययी
रघुनाय
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|५.) सुशासंगीतवैद्यरात्रयः ॥ हजरनेसंयगानगोयनेयेन्या नि-शांमतख रामसुमीन्ऽम्पन्रेमयऽर्जुन रायगेलेपनयाय परिवाशुगने पेरनुंघइन एटुजपनायन्द
अथगीतामापीरसागपरन् नागनीपरत एणयन्त्रीत्रांभूरी बन्नेपरणासाडीवस्तुनीतुल्यलीनेपअगायीरणी रसेपलरेयस्यगाणेरमायगुलगुणनेताय सणेन्रन्तीदेवगनाशनातागे रेप
नयीतामणीरस्यमांगेन्न ॥ श्रयणंगनसरीरसन्। तरेलोगुना डारीन्गंधीबेन्त्रागलागत्रामातगोने दीनेभन्मशीननेसपुरेसद्यमी मार बीमालरीअर्पनेन्मीमांपेलोसपुरमध्यपश्योरपामारीतेमाडीने मुमारयोला तेनेतापतेगनपुरे पोरहेयोन्टादुपायशदीपन नपानेयोन्टन्रतीनेछरान्सुलमानना
महानुनघाएतेषुश्मयैन्पॉनानीरम्प नापीनप्रातपायेन्असाध्यगुणसयानाया यायेन्दुपातेत सुम्मसंलोगतेनुं रस
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सुधासंगीतपैरास्त्रग्रंय. (५०१/ गगडेसरीनांमळेनुन्छ
अयत्रीनेत्राक्षिरसत्तेशुगपरछेना या नागनीहरत सोनामाही रंगण पाये पीनेमलीताम्र सीहरगोपीनेनन्सुर येरणीयेरीतेसेपर्यो ऐखासीहने संपुरमाही घिश्योरगपुरेशंएएमएतापनेन्गायै पिञ्चमयमारतीलारहीनेन्उन्धीस परमयघीतागोगारथयन्त्रीनेत्ररसेयीरेवागुणन्नयन
अयगोगानारोगनां पाया गुंडन भावेन्यम्जगने पेरऽपनिन्नयम्खोय्ययपी ज्यापारे गोगीतप ठेवायसन्नागनीर मोया शांनीचर युष्ठरमुग- हांगलरहर गएर सुखपीगरपीलसण पारीनेगपसारा
न्युराएलीषुरांय्यार.पपायउन्गोगो नेअनरएन्वणीऽन्नयन्रेयापेरनारोगप्रध्ये नयाय पीपायनीन्ने रा या सीपपत्री गीत्र गनपीपल्यव्यग्नेस पारवतगाएत्रयेयुर्णमायालरी मारलीभांसीसयपायजन्तेनीषाणतेरी उलारणायेन्यानापांगीमारीमीपायेन्टी
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www.kobatirth org ||५०२) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रय गोगो पंज्यनेमिनेशोनासेरेगारीत्या लस्मयुएपिशरीन्परा पायत्रीन्ने सीपवसर्युवाचात्यनेरीगणी जीरी उच्च मछाल्यने श्रेऽशीच्पन्पुरुरमुगने- पाटनेन यीत्राछात्यलयमामराल्यनेप्पीली झाल्यरमलीमीपाल्यनेयोरपत्र-ली लामा रंजतपत्रतत्रउन्पाराभाठाप
आयुर्णधीने मरीमारसीमांसाठीण्यतीने सन्मरीमानतेनेगोयेलागहींगनांमीसरे खेपरलेगीसवीगपरेपायेऽपैगापुरपुर्णन जायेगोगाअष्टन्नतीतगातर्तन्नरेन्पना शिपायगोयौता पारोली-त्रांनुमाया गुगधनेन्नांणी गया अपयमानसीनन्दन गोणी येणुशयंत्रमातेपटावेतूनेपोरणनीत गेतापलावेरन्मश्रीराधगुलराजमाये सिपरगाय-मुत्रपारोरपाये उन्गोणोने रोगतरतनारोपांमेन्रेवारांमयंगेश्वरचनामे न्य सीपायपाएमा पारीगंधा मनागन्तुष्यसीनेन्द्ररीताग-सोनामुनीन्ताम्रा लिपपीएपनीरमां-बोरनारमाही ।
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सुधासंगीतपेपराव्यपंथ. (५०३ || नजेणखीमोरगोनीसयाहीरवाजोगीनेगा यतुंमुत्रपीनेन्नरोगोणोतानोनारीजा रसनांभवीद्यावरसुध्याीपी डीररोगाने रोग्यटीपोन्ह
अयचीद्यावर रसना रो मोरतुत्यनेपाल गोहरीले गर्मागानोगोण-पीपरमाही नेल्पन
रंजामीने सर्वसंमागखीनेन्पछेरंतुर अन ईपयाणवीरेन्द्रन्गुरीगुंला श्रामलीन) रपीनेडीट्रोगनासेहवोस्तीने लातहितेनीत्यनायेन्हीनसारमामग्रता रोपन्नयेन्द्रल्अतीयुग्नेश्वजीमध्मयडे-राध्या नाहगाहीघगारोगताउन्ए.
प्रपिअजीमहनाडीपाया इंज गीरत सीधअसमो-सुंबने पीपयु पायपीउंगन्यवानने अल्मोले पारगेपर यींग पारगंप-सवीग कैमसोसरणीहीये सागरणयापोरसमगरीशरीस्था राशराने शोरे अजीमावरमये परवतरण सनयायरेवापवानगवाखेप तिीय ध्यानण्युप
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||५०४) सुशासगीतररारुपयः ॥ । अधयीस्वानणयुकस तन-पीपरन अखारौंन्सीयपाल सींगन्यागा-मरीन वछनागने के सुझरने लीगमतीसीमूर सडीजेन्सीहरुखानीमाहीन्युसापरपञ्चमी रिवाअज्ञीरगन्यालपीरालेबनणायेन्ची वानग्येयुएन्यत्रुलुन्नीराधनाया - ___ ये एरानगरगरा त्रीनेमीना तंतपीन्तन्नेयाययोगलग्ने अनमोद्य रेगया हैजन्सयीगगंया ज्य-जयींगला पीत्वपगारसी-यगा नागरवैल्यपवन गुरक्षामली पीनेन्व्याअलीप्रनेडीटना रोगीनेन्झोयशेरशारी मुशासगनगाले | अयत्रीनुबनवीलयप्रतापपुर ग पारोगयपीएपन्तनसीधययनागरी गन्सींगपीगनासरमोसेमरीलागल्सरको विमरीनागन्सीपुरसगुरीहरएीअलपत्री रमजीव्याधीसडिएरपी-रेवारांमा माएरस्पयनगुरीमायेन्त्रीलुवनपीन्य प्रतापप्रवरानगरीयेपन ॥ श्रयानम्सुंगरीरस्युना मरीन
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ (२०५ पीपस्य-रंग-लींगणो-वछनागने-धंतुरनी नरोड़ १ प्रहर्लांगशरस्पीशेजल्सडीने यानेवडीतेतल्येगोगी हीनें-२ प्रलाले डीडी नीत्यनेनाये प्रतीसारज्ञी मंहनेतापलये। उन्नसुंदरीच्चारेपापय्ययासे अगनेरी ग्येन्यम्तरततीत्रासेन्
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अथैन्च्अज्ञीकुमाररसअज्ञीमंदपरछे
पारो. गंधाने शीशुमारसीने मलीनोरतेनी गुरीगुंनडीने १- शीशीमांलरीने उपभारीङ वि-शीशीवेगुडामारनीमध्यधर्पिन्न्प्रहर्जे तएगो तेह्यनेतापहीने मारीन्प्रयमतेानातुस्य सीने. उन्लेकुसौरी पानमांजलीने तुम सीमेवासमेपुरीने ४- वायुसर्वने हो स्त्रिराशि अज्ञीमंत्रीचीनारी-प मरेपेरपटतुरेचा वीर- गीरीधरस्वास सजीकुमाररु दु
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अथ शंभरस ॥ पारो-गंध-श्रीजासुमसार-साल मार-सीधवने संयज- प्रशा रन्पन्यछनाग-सीत्री पीपानेमरी - मी सलग नवपार-सीधुलवएाजेश मसी
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(५०.५) सुधासंपीतवैद्यरास्त्रियः । थार्गसंमागर्नुनोरमायेगणेशजीतेपए प्रमा रसायायेन्रेवाअजीमंहलेनेघेशो अहर्निराधारामरसमुपयोल्हन ॥ अथपांपुरोगपरनीधनन्य नागनीसरत. एपीगुभंगनेतिने पायपी गान्अनी-शाने घारदीवान्पन्न गिसीएनेन्नालीयेशलारीन्पीमगरियो नेत्रपीणांपीशरीर ल्वर-यांतीने गडे| हीसेन्लोहामंडरेहेनाऽशुन्नेही उन्हें ये दिनुपनेश्वास डेन्ही हातांतेनीसासानमुन्न्मायपगत्येनेशीपरत्तामाधीन ऐनैनयोगीन्हे पांडुअसाधी पन्धोषागीन्छन वागातगोयोगरीनेन्पोगेष्टीतीऔरोधी हस्ता धिनेन्फ्रेवेलंगतेनोन्हीहलोवीन्फावेल्या सारोपीछयोपंधरोगीन्पा तेनोतिरीपाय
सोहोन्त्री टुन्तलन्त्रएयेतुल्यसीनेत्र ख्येतुल्यसोनामुनीमारीपिपछेसोलेगा जिल्वीरोयुरोन्मयेभयगोगीयगापुरीको रम्पीयेछारामांप्रातमापनासेन्पाएगीला ग्याउरीपुरगपीऽत्रासेन्जकरणेस्थगिने मुरि
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सुरासंगीतवैशास्त्रायः (५०७ नेगोड्योगीरेयामासमांतेमरेर रोगीन्द्रन रा शिपायप्पीन्ने एबीनेत्री-बीरामोय्यसारन्यांग-मरी-पीत्रछायन्समार।
सयतुल्यवेवोसोहोन्पुरमास्योन्मलीने मयेगीगीनोने धारोन्रत्मायेमध्वीरीतेश्रो नीबालाररणेपारपांडुप्रमेहीलर उन्मन रेपेरमैप अशक्तीबश्वासेन्रेवापायीय रिटयुर्णपासेन्ट पायत्रीब्जैन्प
गरनेहेवदारपीने पीएनीमुगन्त्री नन्गीबोहरीरेन्टसोनामुप्पीमारीनेन्या व्यासारो-कमोथ्यनेत्रीजा-सुयायो २. अडीवस्तुपसुमारसीनेन्मयानेखो मिलजेहरीनेन्रीपुर्णतेगायनेमुत्रस्प रपूलागीमुडेमोहोशीविनय्यारन्टन्गरत्रा एयतैगायनुमुत्रसीनेन्पोरगीसशिष्यतल्या जिनेन्यन्गोगीछाशमामोरनातुल्यणायन सपंरनीश्वाशनेउरान्नयन्दन्ऋमीहर्षगी गो-सीरव्याधीनासेकही -अउरीअनीमध वासेन्सघर्णितयाणा स्लन्नयन्रे, यापैगपांडुप्रथमश्ययायन्टन
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||५०८) सुयासंगीतवैद्यास्य । । अपि अपनीनराययोतेीननो श्रा
रोगजीतपेनन्मुगध्यारभारागागाभा व्यायीतपसनपन्य दीपायपहेलो र सारनाशनसरपुरगमेनुपाय पुनी हिनीवेना नामुगयोनयन्तनता पाया जीने मांगारामघनेडेसर पातेपासना यन्नीग्रेनरनारीतपांमअर्धनांन्नयन्मन
पायत्रीने मरी-लइने परीपण मुगीने पीपर-पुस्करमुगने कैलीनेन्ध लीलामालापणारने सुर-पीत्रोन्यव्यग्नेन सुशेणार-सोल्योसुमीनोरन्जीपीएगोगीगा उग्रतेपाय पसुलारणायेषुनीअभियन्उन लहीणापाडोमटेन्नेर नुरेवामागीयन्गु रीनामनुनाहा शिपायगोयौं रा सोमन्सुरोमारले मृगनयमार पञ्च लीगीरीलरीपीएशनीरचारमन्पीटा
नीरवारम्भूईपिरतेमांधे मसाडीपरसांमा नन्रेहेयेरीत्येनाप-रेयाये रीनमांद्यन्अनुला पनन्नयेन्नामुगनोल्योगयुनर्पिगरनवाये || शिपायपारमा अर्षरेहामनीमात्रामा
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सुशासंगीतवैशारुपये. (५०८ त्रामुखोहमास्यांतोखात्राएयसीनेन्तेनेत्रीनारसेपल्लीरेन्पनामुहीने पांअंती गीर्यान् प्रथाबस्तुनीयेन्नित्यागे रायमार रंगगसीपयसार पीपायगुं| नगुटीग्यारलारउन्टेवामासयेरीत्येहोऊन मायरसअर्पोगरयीसुयायन्स में र पीपायटीग पारोसोहाप्नुपीनेन एयभान्यछनाग-गंवानीनामांसधार मिलीगोगोशेरीसुराएमाहीन्सुरा नापारीगामरितांगडीनेन्रन्छांयारोपयाम् सुराए परयायन्शटीअन्यसुरगुरसेपल्लया। ये उन्गोगीअड्पीरशलारेमाये रेया रस्सनीत्योहीतेधर्षन्नरोन्हा
अथ यांतीय चीनीपारना मरीन पीएनेमनरागसरसेपुर्याय पैशापुरा प्रासनहीन्यांतीनुसन्मयपरापार भीन्नेसमोरपीरछनीलमखेन्मयमांश चीमायन्यान्वमन्नीयाना एखमापनेयाये
न्य पायत्रीने रानीन्नेगरसम्म पीरीन्गारेशातु हन् पारेहेतालगीमा
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||५१०) सुधासंगीतवैद्यरास्त्रयः रिचमनबतेहान्याएायेगीचमनुन्मापन मायुरएणायन्मृतमक्षीप्रासन्ययेन्तपी|| यांतीनयायन्ना पायगायों पर छमछोडामागयां उसशोगीमाय मधमेगयी। मुममा एरेन्यांतीयाशगयायान्डीपा यपांगमा रामेयीलस्मलसएसमसाज रगोणीमायापुर्ववान्तीयेना पासेपल्सेपाया। पीरनीराभीन्नेह्यानोठिीपायना तारडे गिरवीरोमणे न्यमन्तरमालारुढ
दीडेयरयडी हुनीयां तेघापता || पायपेहेलो राऐगरीरमसारने-भरी|| तिम्सारन्मएपीपस्मुरगन्यमेघन मरेनीरचारबार सपायनीन्ने व्याज यीबी सुपने यापा-पीपगीमुगन्सारे युन रगपासता भरेघदनुंशुग-पग पाय श्री पगारोगीनेशणसेन्ममयेगी|
यन्मयमा मेणवीयुर्णयेन्मातांसार यल्प पायीयो पसीनीमा लान्येसडीमघ मामएमांपायरेयाश्री पापी घाघरपायन्पर।
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सुंघासंगीतशास्त्रगेय. (५११ अपमाधीशीनीप्रशारना उपाय अर्धनीपडे त्रीरीनेतक-रेयीयेभान इन्भाहारीीयहनना पायरेनोग पीपरपनमन्सुंशये पाणीमापसायन्ना रीपांनाडेतांगतांन्याधीशीलयापुर
पायपीन्ने गलायरींगागीणगीन नाडेतांऐतीयन्दुमाधीशीताएमा पसमांन्नयन्पनाशपायत्रीने शन तापरीनातेसनेन्योपहिशीरीन्धुपाधी
शीताएंन्नासेतेपेशिपन्य सिपा ययोपों पसरसापरसुंबनेमलीने जारीयायन्नामुळेधीपीशेप्राधान्य यन्न्या पायस्य ससाणुसुंबनणेगां सी.आयेअन्नपायरेयायेम्पलम्ची आधारशीनयन्त । थन्नुलाम भापचानो पीपायन्स मांडन्नसोतर-पतव॒न्वीनरीमापाया खोपयालारते पीतांनुसारयायन
यपि गवारचुपयालारन्डी मनमोऽमान् पीतांस्तप्रकारच्या
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५१२) सुधासंगीतयशास्त्रायः य पीपायत्री-गर्मागो-सोनामुप्पी चपस्येलार न्यायपीयेीनपातमांन्रेय प्रवर्तेसारन्या पाययोयों पयोही रमुगनीछाल्यनेन्यारीपानमांणायन्नाहा जयायेन्नेरमांन्मगरोधीटुणब्लयन्सनापी पायपायमा प्राधारसनेसाठयोन्अयो णांपीपरीवेलरामनाणीपी स्त लेरीपरम्परा पायोगाने रापनेलोरनी इरेथपोस्टीरोयन्सुस्ती मानीपीयेन्पपुरनुलामन्यान्यना निघोनेयाग्नीपीज्यप्रस्थायरेयापरम्प गीतना अलास्यापीपायर । यरिछानेरसन्नुखापार्यानो सपायापोरोन्गंधात्री सर्वन लीने रंडामीनेन्रंएन्मांहीहीलेपन सरपयोधपोत्रीने पाणीबहरीयेन्मवीरा लनेमेगुटीतहरीरगोगीयासार वीरोनणान्पुरणपैरनारोगप्रस्नया येन्डन्रेयाजापगरतगन्नेशिकोरय सबरिछाविलेतीलहीनेन्टना पीपी
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ (423 यजीलें । पीपेस्त्र- मोश्तुत्य भारतांमुली नेपाणीले संलागीनूमल्सीने पन्युए नेयीतेगोणीयेऽप्रासे- नयनमनस्ततेत र्तत्रासेन्रन्येपाजारीन्ये प्रसनपाये ररोगपीयानामुगलये ॥ ीपायत्रीन् ।। नेपाली-नसोतर- हीमन्न्य् गुंल्य-डीने-पीन वेली-हिरवारागीभुमसीने सोनाभाक्षी पत्र संलागर्यो तोलासातयेसौतएगो ज्वथि हवन्तोलोसंगणनांणीनेतर्तपाये डारे स्यनेयेपीधेरेययायेन्नरेवात्ये येणेपछी नोप्रयोग मरेनैतेनायुर्वनापुएलोगन्सअथ लुलाम येरजेरेगांवचनोपपा ।। सोहर - श्रावण्य छाल्यने वारीघीमांणायन रेवान्प्राडीपायथी-रेयतर्तमंधायन्पन्ना री पायलीलें । रेवंगीने येगीयो-इ-जोगी जाय-येगोणीमेवालनी-बाडोबारायायन १- पायत्रीनें ॥ यांमासामागार पर्-रीएगनीलीयोयाय- पीष्टवीरोगोगीस्पे मातांरंगतलय प
अथवांतीश्राचानोप्रहार-ना तोलो
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Hinनाबीयो
५१४) स्यासंगीतधरास्वयंय. मीटनेन्सीघय अधोतोलोमायन्रेवासी,
पीयेन्यांतीयनेयायपारीपाय समोरतुत्य पलारले पारीवारीपायरेया पिरीयापीतनी-चांतीयानिन्नयनमा पर या रासाडेराजरनेलसारयेपायरे पाशातीपाययी-यमन्त्रीरोशन्याय
अपमशीवायुनीकरण नागन नीरत्- नरेलाननेचीणतानदायो पोनरावेहनानानागान्तीपने आयनोरयायेन्रेयोमनियायुतगाशीन्हन गायेरगारीपायरेनो गारो । लायरीगणीनुंगन्तेनोरसन्यायम्पायरीप नाउँघरे भरगीपायुनयना पायाशी पारोगंधारंएर एसोयोरछनागने रीनीगड्नेमरीअजहरोसनागमन्सुखरमालागीनीयेन्मल्सले माऽन्तेमारस्य खेलांगरा गोलीगुन्नमाउन्रन्छमारनापुरम्य यन्ने पलातसायंगणारेपारसीऽसेव्येमरे म्य निघुमलनाउन | अथरंतनताकोयतेनी प्रवर प
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंयः १५१५ सवा मुस्तही- हींगये धंनेयारेशेयन्दुमेतांडा जेही दंत नाहीय१लांयरीगएरीनुरेण पावस्मांहेसार - हांतेधुंएगीलागतां पीयमरेनी रधाररू
अथ मुमनारोगनी प्रहार न यांहीतामुवै गुप्तगहनतेयाय वीमरवाधेश्या समांगादुमुषगंधायन्परा दीपायतेनों रामव्यङ्-डाढमसारनुं पुरएरारामेमुज- पाम्या नीपी आमटे - हुरगंधीनुहुम-प-॥ शिपाय जीलें। अगर्-लवींगने उस्तुरी सुरगां तसाय-रेपामुषव्याधीचीरी-हुरगंधी हुन्न यस्ता शिपाय ती ॥ मालुङ्गा-पीस गीने प्रातेपांगीपाय. थुम्नवीतरेऽऽमाते व्याधीहुर्यायउन
यत्पुरु
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होउस्यानोडीपायना पारीराणनेन तेलमा सीमाणेनीरधार शस्याकोपोपडे रणे राढवीअर१हीवेस-सानु मेणवी नीषीये मोयन्मुष्षतांरीपुनहांसुत्रे मरेप्राते मुषयो
अभागनी प्रागांयोधाय
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||५१९) सुंघासंगीतशास्त्रग्रंथः । गणातणे झीरहनम्नयन्रेयापापी नही, समान घायपरा रियायनान्गणी सायानुरन्सीयवसाय्यिगसायन्य्या रभासतेयोपोन्माणतयनयाना पायमीरापाराही रसायन-धीमांश चीलेपन्रेवारसीड्सेव्येमरेन्सापयेतो-|| रोपपुर
अर घालागरानोपायनापीपरा सीयवयायचीग-पीव-मरीहर मीने नमोपवीत्रपन्नवणारने-सुंझरने हींगसीन बम्मनाशीगनेगंधर पुरिगोगी| बोरनारेयी प्रातमायेन्घाणाशगनीते या धिप्यायेन्उन्रेयामासरोव्येवरेसमोईन
रेपीश्रजीमांश्रान्यनीश्राडूतील. | यमुगछीनोप्रशर नीरीयेनरन शिल्यमान् श्रगेडीखरीयाय अपत्यमुपद -रीसरेन्मुणछीते वायपरा पायो नाग सेरगन्सुसनेरीपोरानुगुरगया मपञ्चदीषुनीशाज्यपायिवत्येललराय पली-मुश्बुन्सीरीजीप गर्मीय
poransar
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सुशासंगीतशास्त्रायः (५.१७॥ तेहिनामुममायुरोधीघरमाणभुणधी हुनीन्नरापारमान्नयन्रेपारसीने सेवता संदहारण्याय उन्मोत्यम्-सुंझर पीपस्या मरीन्मयमांगोगीयायामाचा पाया मुगछीपलमांपगायन
अय जगधरनी प्रारम्य ऐरवर्षपोटु चान्गोगावयायन्नीत्यनवीन्पध्यमों पन्नंन्यअंगरागीन्नयन्अशक्तीडीरमा थाये रेतरोडेलायन्टोलसमराष्ट्रगाये रेवारसीनाओपन्धी ऐनेछुपान्यो
परीरेयाय गंधरतवन्नुगन्नागेन हनीपीपायना गोपरित्न परी||
दुधीरसेन्रतालारहीपेल एयभासते रोवता नयबघरमेस पुन्। शिपाया नीन्ग राई-लसएन्यारीयसुन्य्याय मारनीत्यपायगोमुत्रेपीधेघगानेनन गयरन्नयनपन्य पायत्रीन्ने भर साएरीने योरीयोरयडीने नुयते पार
रोरहरीलेपन्तेमांधोतपीमेडोपारोरनी मेलापीमुडीने पत्नुमुण्मलांपेकर
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||५१८) सुशासंगीनपैरास्त्रग्रंथः ॥ यपीएयैनेपारीरसीबेन्जावानरोरतो, तरुटीनरेन्आ पयेरीत्येपुषणावाने पीने वीराधीनमारोगनीनारान्तरेवामा यितीरोगनी येनासेन्नपीनमा तर्तवासेन्पापीनामरेलारेयेरोगन्न वान्नथीचीश्वमावैद्यतेनेमरायान्द । अधिमांपथरीयायछेतेनो प्रहारन या मीमांतेतीपने पासपीवायायमुत्र रोधने येग्यमोन्तेपथरीपीज्यायप रोपायतेनो परंएगटाटानीरमांन्प शापुरनीत्यपायरेपापातपीरोपीयेन्तो पथरीहपन्नयन्पन्गा पीपायजीन्ने चीया-धाएगीप-मगाशीणीनन्ग र्मागोनेलेगगोचायचमासेरना लातमांतेपायती पयरीपानेयायरेवारा छापेशाषनीरोग्यानुं मन्नयर प्यालना भीलवसुपायलेन्टासुमुगाणी गालतपसुमेलीयेनीपइसोनेशिनन्दन पायरोरपागीवीरो-पीसगेसोसार योथे| लागेराम चायनीरनीरधार हन्नीत्या
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सुशासीतवैरास्यप (५१५ प्रत्येनवरात्तेन्पलातेपाणीपायरेयार सीनीम्हेश्यीपयरीपानेयायन्पन्ध मीहासिशन्लास्पस्तनभायन्मासा येऊमांसेपत्ता पाइण्टुमधुरयायन्दु
अथपातपरीनो पाया रोमीन मस्ती-गोममारपीलेन्णेमुरागी साइरन्मोयरसडेन्पन्डरीयांमगमी नन्यमरीमानधनान्गागुंघ्ने-पीपरा पूरन्गणीसत्वन्गीनीमालाषामा अश्लनोडशे-अंलरन्ए यमन्डन्सी, यस्तथीमेघगी मांडलीनीवरूगाणा सपीत्यारहीनेहन्प्रलातेपसुपायन पायेन्तेपरसीहग्युपत्यसुरीपयेपन याये घातुपुशेषगषुध्यभावेन्ययेसोहीने हर्मगीरनवेन्फ्रे वाप्राशपायेमरे रोग पिरमोन्लतेस्त्रीशनगंन्तीमागंमसोन्
अथ पेशामधययेलोतेथुरवानी प्रसारमा विरिक्षतुंन्मुंगीली पायन्तेपायेपेशामनी पलमांखुट्टीयायन पन्ना पायभीन्न उपाशीया
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||५२०) सुपसंगीतवैद्यर स्त्रयनिशातीगोमशृंगगीजीवय्यारयसुयेवस्त नेलाशीणोपरीन-पन्पापरीरपांगीवीरोन
लगीनेपायवीरायसुरेहे यायियी पीशान छुरीयायपना पायधुन्नै परीतगया एीमारसुसुरामारनेपायरेयापाउिपाययीन पीरामछुट्टियायनाना जीपायटयो रा रिपारीऽत्ये घामाह्यन्ये घरीमांमुत्रनो मारगछुटेताह्यमन्हलरतपयरीगरीपाणीस ये पायरेवाभापाययी परामशुद्धियाय । टीछोलायानो शीपायन उंगीलो
एगीणखीन्लेपसलियेयायपसी भी निरनीचीशमपेनालयपन्मेकी पारीसर्शिये. खेपई-रियेयायन्यात
छोल्यनीन्पसमापल्लेयायरन्यांमा सामांनी गेल्अपनीमांयीप्रापन्धोगी छतरीघश्यहीन्शनीयायेतापपन्तेज सुयांसायचुन्यारीनेललरायन्येीपायेगी मीनीचाग्यानीपीयनयर
पुनीअर्षनी डीपायल्य मापी यां उरोजनेन्सुरीनेशनीसोधीनने
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सुवासंगीतशास्त्रग्रंथः (५२१|| लायलीपन्नीसोमल-भायमाल्यसुरीन शेनोपरांतेद्यनीणांडीगुडीरकुंडुमारीनुसाची|| नेषुध्यन्नेरेन्द्ररेआगगांततेवुहोरेन्उन्न गटपायान्नगतोन्ने लामेन्मुधोरायता मांश्रेग्नामेन्टमुडेवताहीपरटांशसेन्जन गामापावीअर्पनेरोगीमेसेन्एन्धीप्यार। धीगुटेधुम्रमायेन्रयासर्वया अर्धदुःणनये
अथ अंतानो पाएमा प्रोट तुगयेन्यायछे शिअल्पनाएाय-अंतरगग्य येरोगतेअनेऽवीधीयेयायल्पना पीपाय हिनोन्। पनतमाकुरोपाखारस्नीरयाय
हुनुीने तुगपरन्मायेरीवीप्यारन्पन्न रिछपसावेतुपरन्येमग्रेशनसात रेवाश्री तणतागी प्रगरीपीज्यानतरन्नायायेगा पायते तगणनेम-पगअंगुमनारनी पीपरसुवोडमन्उन्डामेपासेोयतोन्मएरे पासेजमा भरणेपासेहोयतोंगपगा|| रमपन || अयस्त्रीने अपघगोपतोहो यतेनोपशपाया निराहिएन्मोयरसन
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|५२२.) सुधारीतवैद्यशास्त्रगंध.
मायांचारेसारन्मोगामिांनाणीनेन्नारीमा यिनीरधारन्पन्मासयेयेरीत्यमांन्पातांस बघायरेवाभारीपायपीरतुरोगसोन्न
| भूधरतुभएयगयुकोयतेनेलाचयानो सीपायल्या सुंडीरीरशाशलेन्गीणमीरी जायन्रेरासमीपसरस्पेन्गतरतुगर यायन दिना सिपायभीन्नैपरपीएचतगोर साभारदमुनीत्यपायरेवारे शिवसस्येन्तो रितुगरपायर । भूयगनंगलतानगंधानोशारा पुस्तुरी-येगीमेशी-मोबहरतांडली निशी मलमारीतेहपम्प्लेटीनमलीने वागवीन्गुरीयागालपुर-मासत्राएयतेशेवर तांगनगगतहमधुरररेवाभाठिीपायी अधुरोगर्लनन्नयन्अहसोशर छेतयापीठ रीवासुथाय ॥ योनीनोसोन्नेमटयानो रीयायाग एगीने धीचीरोन्योनीलेपनयायरेवा डीपायीलानोसोनेन्नयन पर
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www.Kobaliruh org Acharya Shí Kalassagarsın सुशासंगीतपेयास्त्रगये. ( ५२३) अथयोनीसंयननी डीपायामोप्य मलाग्नेमान्नु अस्रो अन्मोद्य-त्री जातोयेइडीमत्वोसौनोलोपन्मल्यो सौनीनोमोरसम्गुरीशलान्सुची द्येतहन्यज्योनीमारालेन्रेवापलातेवरेन्नी शीयेाटेचन्यान्चीनताचीरायातुरन्पनेमुग वतीन्यन्नन्या पायरन हैन जेंटोन्मगा पायंडादमछाल्याप्रमापति नानुन्योगीनीरनीराख्ययोगीनीरनीशल्य वस्त्रपूलागेनेमान्सुश्चेलीलचेयेमन्वारचीन सि मान्येरसमान्पात्रत्रामानेसा ह्येन्यदेवरुवनेरंगन्ययुतवनायगायेन्स वाभांगगाइन्वस्चयोनीमान्नये वीराये योगीलासन्सत्संरेगनगायेपना न पायत्रीनेचीला-मायां धावडी डाटा मछास्य-सीग-सुंप-सीलोप्रीमन विसौनेसंगप्पलपासोनेसंगन्नयन
शालीन्परतीपोरलीरी-योनीमाराचा लीब्रेयातलसंन्योग मोगमामनलरमायेना सत्सुंगरीन्ने नायपनीतावरपिरोल्पना
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||५२४) सूधासंपीनपैराशास्त्रयः । भूयमरयियाहोयतेनोहीपायनासन शारोगरोही रे पायापरस्चेत उणीयुनोले तेरसोन्मन्येलागसमेतत्पन्मन्येलागसमेत इंगगीतोलोलीको नागमणलीनेसेपन्मशानां पिरतीबेरेवारसीपतपित्रएरीनसेपन यायेन्मसोमेइसमतुष्यन्लयामायीन्नयन्य पीपायभीन्न । मीन्छुपारनेरम सीनेखेपनयायन्यामसानीपीतेगडामुग्य यीनयर शिपायत्रीय पापडीमा रोपर्तयोमणीयुनोमहीदत्तरेयामसोलेपेमटे, बगमांमुगसमेतपन __ अयि पेगास्यानारीपायरा राम मीएसलागलेन्डोहोलेरोयेलागन्यथा स्पीतघीगायनुन्मल्यम्तागोटरसागमन ल्यमतागोडासामन्तीरगीलेगांजरीयेन्या दुसरीनेण्यन्य स्यातांदरीयेरेवाम || मित्म-प्रनुभूतरमापरीन्दापसातीनेयायन जयननासरीपना पायप्नीलेना पचारीशगनेन्तेखमान्ममसीजागीयायन्स यामरणोपायपरट्यानुमन्तयन् प० ।
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सुषासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ ( ५२५ स्वथैरीराचाग्यानाधानो रपायन्ना थिम्ास्त्रपाज्युं तेपमीने श्रीमय्डाना मुजनुंधायेपयुलरीने १ हायीत पातेनोतीसरीने मुख्यमुलेसने भी एगनोतर्तहीने २. प्रानेपीज्ययावातेने पट्टीमारे मरेत्यांसु घीपट्टीनीनेऽघारे उ- डीह गायीतर्तमेवा रघोयो लुम्लेर मातांरेलीतर्तहेवोन्ट रे वंशीनारक्षितगरी छास्यपारी-घायेलर्लरायेम रेपीयारीपन जीहारतएपीसींधनांपल्स डीने रहाणेलोहोपात्रमांचीलरीने दु. सावेशीतेाणीरंगयाये तारे घीययुतेजीता रेनीशाये. ७- देनेयोपडे घाडीपर प्रेमत्रांएगी रेषाञधावेनरेघायेंघाणीन्ट. जरीन ने. गोजीने तीर - घोये- घागारीस्त्रनाघाती पीडालये रून्ना रियायनी रानी जीपुलामीयो धायेलेपनयाय-रेपासत्यरिपा छे-सुज्ञेसमभायप
अथ पाठानारोगनो प्रहारानी पीथीचंगनुं नेदुषनवलेपाय-पीजी परनी पीज्यते पाहुहुषडेहेचाय १-पानुपास्युहीयते।
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५२५) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ. नमोमुकापीलेय मीनांजीनीरमांन्स्यायरे वनशेयन्त्रकुंनानीरयडी धुवे स्रेमल्मनो लेप- पानी पीयारे नगवेगिडतोयेपन -उन्मीएाशिशणीतेामां राज्यं न्वारीबे तेलागेसे तेलमही-रसयेत्यावाहेन्याशडीप पट्टीते भरतासुधी मारय-रेपााशिपाय श्री.हुई मसीहुमहारयन्प अथ पात्रानो प्रहार ॥ पांएगी - पाच तेल- धी- धातुवेऽग्धन्याय प्रहरी घन नारेवोरडीयायन्१. ॥ रियायतेनोन राशीतमवक्षतएगोरस पत्रतागोनेयायन्ते ाळापरथोपडे जगतानुजालय-१-छा राधीन गांवडुन वस्त्रपुसाये वीरेघा जाडीपरे वीनयेश्रीचीबेरे-२ इष्णै मांष एग येणडी चारीने रेसेप-पत्राशेडरमरेन नीडेपारोरोपन्उन्राज-मीएाने-सीहुर -हीराहक्षाएान्तेल-भायुने-डुल्लीत लोग हेसपेतोमेस ४. जाश्चार पीएगी वी जीसुनानेघोय तेनाहेऽग्नेर- नांष्य मल्यममांलेय तेहाञापरपोपडे ताडीत
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सुशासंगीतपैशापयः (५२७|| जान्नयन्रेयासाठी पायपीयोराहरयाय, उन्ताऽपत्रनीलस्मनो उरयोयेशपायन धुपेसघनेगी पडेन्तेनापरललरायपरत्वा गापुनरपीभापरीन्मनरीघहानोचायन्य न्मागणीपायछेन्योरारयायर | | अथ सापना रनोडीतारासमो
डेनेनेन्तेनोपायन्तेभोराऽथी। गिरेन्नेथीनगसुपयायनरमीनेशन मीनोन्मांडीयायलपायरेयापारीपाय थीन्व्यागताएंवीरालयमसागरसींचाने गरी भीमापायजसएगायधीन पारीनेरोलेपनेयायउन्मगारोगं यान्मुत्रश्यांननेनेपन्हीतएपीराहीतरे पिरोऽरेन्मेणेफहन्मु गबरसीयन पिगीमांगरीपायव्यागताएंवीराशीतरे जेरतामुष्टुपन्नयन्पन्वरमनागमारयोग शी पाएीसाय्ये पायन्डोजरगोतर्ततेन्छेया तेह्यनुन्नयन | अथपीछीनालेरनीडीपायनामा णानीरसमाप्पएन्वेपससगमाथायरी
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||५२८) सुशासगीलपैरास्यरंथा । पाधापीपायपीन् एश्योप्नुयोरान्नयापन लायरीगएपीनेवाअईताएंमुगहन्ये पातेगरीयोपोन्चीलीवीरानीरहेहरन । अथ सोमलनाजेरनी पीतारना सोमलनाधोनोन्तेतंनएगाय रोबरीतेनेापवीकोथीलपमपायल्पन मियअंलर राणीने वायरीन्ने पायरे|| गाडीवरीओराधेन्रतएरंडुप्मन्नयन मर्घाडेरापीछनेन्गगामेघाशेयन्कोमा तेमस्रीयांतीयेन्येऽपयारगसीय. | अर्थ प्रदरगना रनोडीतारा रगमाघुप्रोगणी सीसरीध्वीसारन्या तीशरपयोगयीरमरेनीरयारन्पन्मी|| उन्मुगामीबमयसयान्डीरागीपायन रिवाइवाज्यायियीन्नेरीगर्नुन्नयापन शयो-घी-आगीनेन्तेपांएगीनेपायी गरेरीयातनान् पीतांपल्सेथायरन्हींग तापापीऽरीगोपांगीनेपायरेरामा सीपाययीन्प्रधिगर्नुपरिन्नयल ॥ भूपलायगांन्ननोरीतारामती
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सुशसंगीतवैद्यरास्त्रयः (५२ला हालांउपासम्वयिये पीएपनाप्नीयायन्याय हुनुभरीने पीयेत्यांग्य-शीघुन्दुमन्नया ॥ । अयतुशनाजेश्नीपीतारन्या पयन निरापाशीयाधीशणीनेपायरेया,तुराताग- पीतांजेरपणायन
प्रयजेरजपोलांनी सीतारना उमगमा गवाथने घीउँनुश्रीयाय लेगोलानोमान ||शवारमान्नयन
अश्लीलामानोरातारा रायुश्यडेडो पितैलरोपरापायधीशयोरोपनारेली लाभांचीशन्नयन्प । अयजेरमात्रनो शतार यांन्तीपेहेली राजघीन्सर्यरपरपायन्सैलसुताप तीऽधन्तेवीरावारएयायपाल्यसमो | रोपायनैलोमंडगमायेऽन्नरनारायागनाम्|| यीन्रल्लीरानोरेन्रक . । प्रथा पाल्यनारोगनी प्रसरा ||जेबुखसलागघुन्सालीलमांसुशयन एय माणतेपीएधामुदुमयायल्प पनि गरेपयतम्लाकोयस्तनपाय-मामीमा
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|५३०) सुबासंगीतशास्त्रयः । सन् रेन्तेसुतनेछुपयायनीलमपन्लेगु करीमागणारेयन्नुखापयायेजउपरांना मयशेरानाहीयररेयसी-मप-येगीयोन्म
शेरीपरपायीमतीमारीयतां संसोध नसुयाय उन्होयप्रसुतापयपनीन्गोम जरीपयपरायपतासुपापीरेशीनेन्तेपायेसुन मियायन्मारीपयनेमयरेन्गीयेणनी
पायम्पयनारेतेनापडेन्वागनेसुमया यन्यन्यरीयातुनेहीमन छडीलोवाणी साह्यन्नीत्यगीतेपायतोमागसरीवर नयन्पन्मयपाएउरीन्डीप्यारानेपाय कारास्वारातेमागनी-पीज्याप्रल्यायन पाययोऽगने पीसोन्गाधुरीनेपायन्क्रमोमा गरेटीमरेन्युस्सीससाठीन्नयन्मयारिरी नेवाटवीरानपीएललराया पाप्यारी पीय ते पूर्णतपीसौन्लयन्अतीवीराने मोय्यवे न्मघमांगतीनेपाय-यारा सरावगीतगी रेपापीरपणायन्पन्सोनागेइनागीन्न तीपत्ररसायन्मुपगंधीपरयोपोन्रतवादी नयायन
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्र - १५३१ अथ ममारमीनो प्रहार ॥ पीलुअंग परेसी गात्रलंगतंनयाय धीथम्मुमने बेरे-भजारीडेवायन्परा ऐनो रीया यसरीयातुनेत्रायमान पीपरपनोभल याय-संभागेगोणी वसुलार पायन्य वसुलार वायगोगमांगोजीने पांयही नयेरीत्यु-प्रलातेप्रासनहीने रेवारसीनु नाम-स्मरीने धीरन्यधायेन्ममारणीमाहा घोरलेरनमांथीलये- हुम-मरीने मारखुर्-सीषुरसमांपायन्मणारणीमुनी मरे सामने सुपथाय अंगगण-हुष्षणोहीनहीनहेमजारणीये मानवी तेमानसिंधे हुन् उन अथ पाणशलार्वानी उत्पन्ना सुचे शगोलांगरो-तेनोलुझेयाय-सुतीवेणासुर लरी हुयैणीमाय- १. लरीहुथैणीमाय वश्री सुधीन्नरेमंडीमरतेश शांभरे हे सघना तारे-रेवारसीनोयोग- सीमेवर्षनाये
१
तापसी
सौवर्षेपांमस्चेतशीरडेशनयायेान्य शिपाय जीलें ॥ सालमेीरसयोप- पंक्ष
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|५३२) सुशासंगीतात्रयः ॥ सिनरीरशेयरोगीमतीनीरसपुनहांपन्या यमन्येरीत्येाशनेरसर्नुलेपनयायन्से वास्येतण्डेशतेन्शामयायसमुघयपी पायनीन्ने एमाणस्यमुग्नीछाल्यने लस्मरेराउन्छीपोलीयुनोरेन्जएयरा उनीप्रांन्जिएयरांनोप्रां लोहवासान माघुरेन्वंगरसेपलपायन्धुरीशीशानेपुरे शानणसीनेलंगरसेशीरमाही शिरेया स्वेतडेशन्पुनरपीमीप सिया यत्रीन्ने नागनारा पोतडीडेन्प्रहरपाय उत्तमतायडेन्सलीसमयसुशतोलस्परमोन्ते पोलस्मखेलागअरमोन्मीप्रतेजरीसेप्यडेसनेन पित्र पुस्तरेषाध्यपेरानेयाममेपछीधोनगेऽरीन लिहायतेपरबरीन्यापरीयुवाडेपीउने रीत्यारेवारांरेतनेन्रीपाययोयो । र छंदारीगीत मोहारपापडीगारसम त्रीपरसुपातेथीहरेन्सौमीरीबनयुक्ती पीलीयेवेपनरेन्डे नगेरंपयेनीनोत्य गानुपडेन्घीयेऽपुरेर घौतमउरतेखनोपुगे। अडेन्श्रेयारसीनीसायलेन्गापासूसाय
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| 9the divi५-९५०i.
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सुधासंगीतपैयास्त्र (५३३| होआइस्परेशतागोम्योन्यंगणपुषनायीय रोउ तिीस्पडेशसमाप्त | अथरोमातनो प्रकारका तान्ने युनोष्णे वसुन्पापीनीहडताण-रेवानीरेयोपडेन्रगेरी शमन्याग-
परीवागनेतेगारयोले पिसीपायन्तेसासुंषीयोपोन्पुनहरंडेशन याय ॥ अयपारीमारगक्रीयान्य नागनी परत यतगेयीपोगोने समीडोडीनेन्द्रषि शोसहियोनेऽपामारीतीनेन्पन्नवसार-पार रोने-गया-घेरन्सवात्राएययनितोट्येडोट रन्रन्शीरामानसशगगमुणगानेन्मी राणवारीनेमुंशनीहालेमारीपी गी बरएमाहीलावतीरोमायतेवुमारीम्य रखावेन्टकलीरेतीतेमारनामांहीसुरेन्टी सोरेतीमांडारीने अर्धमुझेन्पन्मुखापराची|| तोतापहीने पुरात्रएयपोरसुधीतापडीबन्द चोराग्यरेन्यरेतापरन्तेयोतेरेप्रेमी पीनेपेरन्छन् तपेत्रण्यपूरपछेषधाचीयेन्या दुश्रेनिथायपुरेबहरीयन्टम्नरास्तपणे मरेसुतहेवोन्रतीपानमा हिनेतेहपोन्न
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५३४ ) सुधासंगीत वैद्यशास्त्रग्रंथयेरीत्येद्यगाशंमपगुएान्त्राचे रेवोपारोमास्त्र ती पेरगावे. पू. या प्रारजी राज राजकासाचे हांल्जीयोमुज्जयेऽगसेमुष्णते
●
नांररीनेवीवेयारोने-डी- मणीशेर लीने जराजस्य्मसीमारसीमाहीनेन्शन मीडुराजवारी उपमारीतीने मेनांमुण्म नोमेणवीमापहीने 3 नराश्वासनानीगे नेम पेरेर मुसापाचीरेतापद्येरन्पुरा पोरग्यारसुधीतापडीने डीप्लीहांडीतेपर् लीनुवस्त्रहीने पन लिनुचरत्र पायासुधी तेहीने धीमेतापेनेथीरांमशीनेन्दुन्य तुरपूर पुरे अगनजंघारीयेलीनुवस्त्रराहु यितासुधी धरीयेन्सीपलीहांडीये पञ्चपारो नयाय होयस्वेतयुनासमीस द्याय तीपानमा रेवानंनपाये. स्फुझेरीधापागध एगारोगब्लयेन्ट.
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अयरसम्पुरमारएगपीधी-॥ लींबु सगरीबीश साराहुरीने तोलोरसम्पुर्तेरसे सुप्रयेवणीन्यारी मलीनेन
मल्सीने
गोनों
A
प्रेरीत्येसपीरस्वीशेजल्सीने
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सुयासंगीत वैद्यशास्त्रगंध. (४३५ सुम्यापछी शंभरीने सीरीने तुण्शीनांगसीने उत्पारीतेानी सोयरीहाध्यञाखे गोगोरसपुरनीतेनामांहीघाखेष्ठ स्पडमा पुरीरेचएययार-पछे धर्षातागो सरूपछांगांचीरामध्ये मुग्धाये यायतारेतेमांथीन हरीयेन्दु-योमाभारले
गैयसीपांनेमायेान्यांहीचीस्रम्हुरथा येन्उघडी दुघणे हाने पय्यहीनेरेयारसू पुरमारा स्वेतडीनेन्ट
अथ सोमन मारगवीधी सोमल् तोलोयेनू से साहावरीसीघवृत्तोसान्न मनेमली मुखडीमांलरोपमारीतेनेमुपश्रो
पामा छांगांनां हेताप- पृथ्वीमोहगौर समापन् प्रषां छाएगालोमीमा मधे सडीमुतान्यरेवालगाडेशीतेसाह्य सो मल्लरमसपेतन्यायन्य- रपायजीले ।। । कुंडणीयो ॥ तोसीसीनेरामीयों ग्धनीमांह्यन्तीचस्यांयपूलामीने मुडेसंपुर ह्यन्मुडेसंपुरलंह्यस्पडमाटीलेडीने छान एपेगीसमा यसोमस्नेहीले रेवार
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५१५) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ. सीपतपिलस्मसोमलनीयाये- ज्वरसघा मानोनशि- रेगुलर माये
अथ दुल्ली भाररएग्- ।। गोषर्ध रा ल्सीछापांकुरम्योरे तेनीरीत्यहुतमघरे-न अनमोलांग्यमरोजचहरे समछाडतेरे पाय रे. २. उररेयोब्लुपीन्नुहीघरी-मुडे छाएगामोमोत उन्नमालांग्यतोबेलागरस्योपर मुंडेने लाग-४ छांगेतेाछ्याघ्नरे मो दमास्यगनमांघरे-पन्रीत्यरेवारनीसा हा दुस्सी लमहीतमयायन
अथ सोनुंभारएावधी ! मनशील ने गंध - दींगसारे सीने त्राएयथैनेयसुत्राए शेतीला हीमनांततपत्रांरावे पैली
N
एयवस्तु मलेनीरलावे. रहीमपत्रने गो पशुषुयायेन्जपोलेपतेयेरीत्ये पीङराये उन घरे संपुरे तेऽपरभारी डीने छांगाडये ढमएागन पुरेतापहीने -४ रेवालेश्सीनी पुरीतेरुपायैन्यथास्थीततेहीमनीलस्मया येन्य- शेपाय जीलै ॥ सोमवालसो नुगग्युहेलांतेमांपासशीशुरेजाते
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सुवासंगीतवैद्यरात्रयः ( ५३७|| निनामेन्पन्पाडीटागाडीने श्रेय॑तेनीम्मले वीषुरसमाघरीश्रागनीरन्पछेतेमराणा खगघडलीनेन्टीसंपुरेमध्यपबांधरीले उन्न उपरुमारीरीत्रीशशंगरुरीकोन्तेनोगन्न पुरेतापमेपोरीचेन्नीने तीनतेसाठीये शित्यहीनेराहीमागणेशुमाहीहीनेन्प प्रेरीत्येरेवारोशधरायेन्तारेहीमपाया। समुसरयायेन्दु । अथांधीमारगवीधीय यांशिये| तोलोतगांपनीने रीतागतेयीगौपेलग लीग-मीन्नेशरसेतेमलीलेपमेन्सुर येवणीयरीत्येपत्रीरेन्रन्सपातोलोगे उतेशुलीमेन्मुसंपुटेमध्यपनाघरीले मीराणयागीऽपडमारीहीनेन्छांगावरची शतपोतापहीलेन्डन्येरीत्येरेयात्रएयराय रायेन्तारेतारलरमप्रमाणी यायेन्पना
पायनीने राप्रतीचीरा-पारो-हरीता ग-लीले हरेगघडली माणस्वरीपन ग्यारेयस्तयनेितीलामेनझीयेस्तोलोअर्ध पितागांपत्रारीयेन्ररेखेएएनांचीरोवारचा
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५३८) सुशासंगीतवैद्यास्त्रायः रन् घरेसंपुरंगन्पुटेनीरवारन्तुन्छाएगांपांत शनीतेनेतापीने कुत्तेरीत्ये त्रएयझेशरी
रेवारापोऽनायडेरीकपायेपुराना वीरीत्ययीलस्मयायेन्पन | अयपरवाणांमारगपीयीला पर पानांपारीररहेअदृश्येरीनपांग छीन संपुर घरेन्पामएणगांनाएन्पामगाए। आपन्य सपटनेनेन्अगनीरेहेतरीनयेही सीनेहीनलस्मन्लीनेन्रेपारसीरमरान्य झायेनारेनरमीन्प्रयाणलस्मपमा गये तमोतीनासरप्पीन्पन ॥ अयभीतीमारगचीधीय मोतीमा साभारखेन्यालोरीचीवेज वायरसमा तेह्यनेडुमाये नये डुलावेरीनरे पछीसंग पुरमालीये छाएगचीसमांद्यायचा जीनीरीयेरेवारसी नीरीत्यन्गर्वीडो गोतीअलगोरीपाये मरेमनगमतामोती | अथरोनमारगवीधीना नरहे। शिवेलमा पछीधमेएनयन्रेयात्रीराधरीता पियोलस्मरमनीयायान
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ला
सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ. ५३८ अथ सोनामुखीमारवानीवीधीन्रासा रीशुद्धसोनाजीरलीने तेथी गौघागु भुगौरीने हीनपांगतेांपसामेन लालमुत्रपुररेयारावे जेतेमां हीनतेपरीत्येन्तमेतमा मायेमुत्र समीतेन्उजव्यामुत्रपुणतारीने धुवे-पूछी मांयएीमांरीलोरन्लुवे ४ तेनेलाचामेत पावेनसारन्धीशवेतगेलगता अंगारप रससीमुनोत्रएयतेशैरसीने हुलावी तेमायो गणेरस्सहीने ५ तमेथे हसावीरसमांहीली नेन्धीप्रामांयेरीत्ये धरीने७पछे जा रीश्वस्त्रगागनसारे. नांमेनीरपरते घडीस रातारे-र-रेवाखारीत्येन्येस्थेकमनांमीन नारेसद्य सोनामुपी भएपांमीन्स
अधिसालरसीघुमाएगवीधी सा लस्सीघारीरनार्यावीरान्पमा
जता राजेशतेही राजेशतेहरीश पछी लोरीमालरीयेन्योर हुग्धमुपलरी उपभारीते एरीये रेवान्त्रायांशैरन्यामीनीमध्यधरायेन सालरशी धाल स्मस्वेतमनवांछीतयायेन्न
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५४५) सुशासंगीतवैद्यास्त्रयः ॥ अयशुमारपीपीपीयर गीपरे रस्तेडामायन्प्रयासानारसता चावातांद्यपानवालांदान्धारश्रय इसेहलाये पीशगेरसछांरीशंमयेरीत्येलय विरेवानीरीत्यन्नागमृत्यसुद्दीन
परीमाणनोम्बाखसत्यशीशानोलीलोपन ॥ प्रथत्रांमारपीधीना मुये तो लोतेनापत्रहीलेन्सतीषुचेपारोत्तोलोमतीने पन्यांमापननेपारानालेपदोन्तोलान्त्रएया निराधासेपोन्रन्टरेसपुरेमध्यपत्रोघरी अन्तलीपरगंवलागलेउ लायटर लीनीतेमारसीजेउपमारीतेसंपुरेसारी न्टन्छागांत्रएयमएगपुरेतापवाय तारे लस्मतानातागीरशुद्धयाय परेवाराधीन नायर्नुहोयगन्यायेतर्तत्रांमातामुमोक्षम एन्दिरा पीपायनीन्तोसोयेची मुतेनांफ्नी पारीयेऽतोखोद्वीगुएरोखी
पन्हुंचारीरसेपोहोरतेजस्लपर्योन्मेहुपार सपनांतेनेलेपरिन्सुरायेपनीभेरीत्येस ||जीये पछेहांल्लीमांतामना पत्रधरीयेउन्ट
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सुशासंगीतवैद्यास्पशेषः (५४१] विशारखाने मारीऽरीयेन्युलापर्यपगत्या यडीतेपरीयेन्टन्तर्गतापतातोप्रहातीबेनिनुपरूनहल्लीमुपेतेपरीओम्पन्रेयापान पन्नातीणेतुपायेन्तारेतामनीलस्मतेन च्ययायेन्दु ॥ अथ सतमारगीयी अन सोनेश्रापिीयोलीनारसायन्त्रएयेर सन्नुहलरीन्:श्रेऽपायपर्योये। परपायानसखेडेगाणे प्रथा प्रथा टुचय पोहोरमेसुपीटागेन्रेवारसीड्नीरीएन्सना नीलस्मग्यारेन्त्रीशिअपनेशीथी। पाणमन्नयेपन ॥ अथ लोहमारगचीधीमापारीरना बांपरेलालघमाचीजयन्त्रीलावायेजमा इन्सोरेगुयायपना नागनीहरतरेवायत्तेत्रीगानोनसारखोहोपत्रसमस शवतेवीशवारपन्गसावीअतरतेनोसो रीन पारीगंधासेतोलामांगीरचा खतगा रस्वीरीपल्सर्यो मसीयेही संपुरेखोहनर्यो कुन्छांगांत्रीशमांगबपुती
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५४२) सुयासपीतवैशास्वयः । रेतापरिषीनधीनतेलोहनेधुरीलीनेही नानीरपरतेतरेलोरुन्यारेन्रेगोरेमोन पुरोलोहतारेन्एन्यायनीने लोहोरीरयेत्तेनापतीन्यभावीतेनेत्री गावायरिनेन्पपयायारजोगेयमेरोधमए चीन्पछेगायनामुत्रमायेन्नाचीरन्पुनर्पि नीगोखोरतेनोनशन्लांयांबलीनारसे मिल्सोरेन्उन्पुनर्पिणसेना यमाहीन पिछीशाय सामानरेलोपत्ताहीन्यमावेयमे|
ऐधिनयेसारीत्यायमस्मरेनीरयान रिपन्तरेनीरपर मतांततन्यारेन्रेवालो हिमापासमोथायतारेन्५
श्रयीमारगयीधीया क्षिरसले जुनीभन्छाली-युलीयापत्रोतेतनीरनालीषऽरेएगोमंत्रणलीपनीरे गमीलेरा नीरसेरोर धीरेन्पनगरीअतरपीएरीनेऽष्ण दि-पपरसामांयाह्यतेमांत्यपाउन् रेयागासेषा रहिनन्नेपरीने भरेगरीसुर्यताऐडरीनेन्रम्प ||डीमंडुसमारगचीधील । यमंडुलमारएपीपीला रीतवर्ष
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सुपासीतरास्त्रियः (५४७|| अर्थसौनुपाययमेरोमोसोधीरनाशल्यया यत्पन्नांडीमांयएीमेवसनगागरीनेन्धमा येतेनेयमेएयेएरीनेर खोलेगायनुमुरते रोरय्यार धमाचीतेनेछरोरेजगारीरा रोरनेयेरीत्येमुपायन्पुनर्पिरसरामध्येमा लायन्न्प टायेतेनेगरपुरेसरसार लरीलो रीमाते पइमारीधारपन्मलेशटीतेनेतरेन। रझारेन्ययोसोयीमंऽसशुद्धतारेन्परेचर मिपीपस्पनीवारीमहमायोरील्पनापंज्य नोनारपिाया जीपायभीन्ने राज लीलोहटुरेयरूगाग-नरेतायडरमेतणेतेरसागअन्नमुत्ररेडीतयेसान्तन गेतापश्योघरीघालावेरीरमुत्ररस्-|| जीमुनोरीरसीलेन्डीरारोरमांमुत्ररसपने उम्पछेदारीनेनीरपरतेतरायेन्तारेमंडुलो रुनोमीलनारेन्टरेयापाउापांडुनोरोगीमायेन्डामुगमाथीनभ्योरोगनरेन्ए । । अयअषणमारणवीपीय असल् अनमोरनीपुरीनेञीनातागोरस्यस रीरालीले पन्युलापटायीलमेयेलाये
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५४४) सुधासंपीतपेयास्त्रयः ॥ रसयातांनोमीपर्यशरेर परनिय पुग्घरामारीनेन्लोरामालरीने स्पभाटी डीने छाएगानीमांगनपुरेतेपटापेन धीमातापमांधारगयीधीसवेन्टरेया आत रीत्येयेमस्सयनगन्क्रीयाअनप्पमनी/ रामनाएम्प ॥ अयि हींगलोउभारगाहगलोड | तोलाहडी-घेलीरसमान्पलयो पढोगे उते नुगतेमसमांतांान्नुगतेप्पसमांतर
न्यूपियममीनेन्मुलीमाधरीते ||गोगोमुणमुशीनेन्छरोरछाएगांमांयन्ना मनीपानगारोन्हीगगोऽरसरारेरा प्रबेयारोप
अयउतागमारगयीधीन्य तोलो लेहडतागतेन्सीमुरसपायअघुिम्पनी लाचनान्देवीत्रएयसुशयन् चीत्रएयसुजय पिछेसंपुरमालरीयेन्सरगराणमानिन्ज पभारीमुमऽरीयेपामगणगामांद्यन्न गगनपुरी हीरेरेपारसी पर्तापरलमन तागनीलेपन
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सुर्यासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंपैः ( ५४५|| अथ मोर थुथुमारगना अगनी डीएसी उरीपाटीमुडेमा मोरतुत्यतारे भरे नम
A
1
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संतां
अथ रेड्डीमारए 1 लेडीडोरीमां घरे-नीये पाचश्याय-रैवाशेगडी-डुली नेमरीजयपु
अथ मांएयड़ कीरामारएए ॥ तजस जीनारसूची एयहीनडुजायनरंडएन्सु शे-गंध-तेनाशेपट्याय- तेनाािपट्या व्यन्ध पारो घरीये संपुरमांघरीमध्यप उमारीतेरीये-घमेएामांनेहीन रेवानीशद्दीन नयभावेन्मांएयर- हीरामणीग्धयेजन्थेयायेन्न
अथ जोहारसींधमारएा- तोला एयजोहार नीसीघसीनेन्हुधेसीरसेतेानोम स्त्रीने पटधतामात्रैएयहीने घरीसंपुरेतेऽपड्मारी डौने छांगांची शेतेने तापधायन रेवासींघजोहारनीलीम यायउन
अथ भनशस्मारगुणासीसं
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५४५) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथपुरमांघरे भनशल्तोलाग्यार शछांगांनीच यमांन्यस्मयायनीरधार- १-गंध- पारो मे
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मली. नेनेदृशपद्याय-रेवावज्राहीस बमेोयाय
इथ शयभारग मांडी शयने पर्तवो वस्त्रगाण मोथेलागगंधाने हतार रोपारतेमांषरअंशहीने मलीसं पुरेतेऽपमारी नेत्र-धभावेयमेोरेगनपुरमुरेवायेरी
येोरीयात्राय मुद्दे उ
अथ राज्य मारग । जीने शल्य यीगं या तेथीअर्धपारोले मुलगा पीतेशल्यने तेहाना सेपसात उपमारीतेनेहरे इश्वरुपात तेनेत्रएय्हीनतेघमेएंगे धमायें
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रेवा पर्वतनीप्रार्लस्मयाय उ
धातुनी गुरगांधी वस्तपोषो सांघी पासमा ३-सार-मांड सबैमांजवायन राजारऐसातने पीश त्रीशन्मायेलसमधीयु क्ततेयेनहीशनर रमेपेरना रोगने पंड्यस्वास। गीतलंमयांहीने वीराश उन्ऋमीनेसी | वायुनेच्अर्शराजेन्प्रमेह्सोल्लेनेवीशुपीयन्नगे
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गरेश्वशि
सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंय. (५४७) ४. सीएाघातुरणेअज्ञीमंद सघर्षित सारने शेप अशक्तीप्रतीघनेसुन नासे-रेषाधातुयेोरीघारोगत्रासेन् अथ सूर्घनारोगनो प्रहार तेगा सतां हुमको हेहे हरसायन मंमारे थपिर जरी-एंऽयमीलय- १ शीशरामांधातुसमोन शशिनीशानलय-रेवारसीनाशेपथी श्री एावीत्त अध्याय-2 ।। हेनोरियाय पारोरास्त्राएय सोनुलीने पुराऽसडी मूल्य होने पर हरीताग-गंध-मनशीणसा यांसीनेऽखयेमगीत्राएयायांसी कारनेरसलग्तेल अन्नपयचीरीरंग एगमर्दृर्वोन्उमल्योरंडीयेलेपार्योन्य लोसर्वसामांनतेमालार्पो४- मुझे मारसीमां छतुझेडीयु में अवमारलीने सुभेदांगुहे पन्युले ते याची पोतडीने राहुयाय तेने पुढे हरियलीनेन्दु होने हरिने मय पौपखमी ह्यसार बनौरायच्याएयु॑र्गुन्यभ्याः, शिशिरानेस्वाराने ससूराने रेवानमृगांड नोरसूपा
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||५४८) सुधासंपीतयेास्यग्रंप | अयत्रीगुगसिरसा मुसरीपरछेन || नागनीरता एपारोरांऽश्रामगंय राजीनेनेनेपन्ययंत्याऽरसमाजसीएन फुतुल्यपुर हरीपस्वीरेन्गुरिसातगुन्ना समीधिलेर साउयलाततेनेनसाडी अधीनगोसुयीतेनेनीत्यीले उल्नेस तर्ततेनारीयायेरेवाराचीरस्त्रीगुपसिग्ण येन्टर
अयमहोघीरसमपरछन्। पारो गड-हो-योगीलेन्त्रांनुरती अत्रमसलागलीनेल्पपीपर-सुर्चमोयन्मरीन येनीयोवेन्नाईसरायवीडंगन्तेरपी पिनीमुगाचीगुएराएलीनेन्यगात्रेयूडी तमलोगोणीहीबेरमायेनीत्ययेऽस्मरोगा नयन्वीरस्महोतेरेवारांभगायेन्ट । अय प्यानलेश्वरीपरछेच्या पारीगंडन्सीचन्तामलीले पुस्ड गहिलोऽन्त्री-पुरी पहरीतागसलागा |सीयस्तरपी-सौरोडी-मनोरन्नगोडे प्रताप रन्तानेदले पाडावेली-रसमाग्मलीने
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www.kobalten.org Acharya Sha Kalassag सुबासंगीतवैद्यस्वयंए. (५४ पिड्वस्तमायेऊीन्मल्लूडीने उन्हीमोरी अड्पुरगोगीयेऊरोऽन्तगाशेरीधातेचीवे|| उन्हम्पीयेगोगीपीमछाटीपीसगीरेया पीयपंथानलेरपन्नती पर ॥ अथवायुनारोगनोरीएशीपायन होमस्येने सालेसघनोहेहन्दुरमुरत्तन
सहामुणमामोगन्मेपन् प्रशस्त अजी| मरेरालुत्तनन्यम्तोयचायएगीयोयमी-चीन
तो स्वासस्रल्पमुमन्नेयर न्यूज्यन्व्या वीपीएनये मुल्युनप्रेयेन्नएरेपारसीड्नी ऐसी यी वायुहुमगायत । अथ यातनाशनरसन सोनुन्ताम् || इपुन्लोहोन्मृत्यलीनेन्सोनामासीउमारीपाये हरीने पन्हरीतागशर्मोनेगरगरोन्मोरना तुत्य पैरालयएमाहीलैयेन्रन्योर यमाये इनमल्लारीयेप पीपगारापनुमारली येउन्मांतेगोगोरापनीमध्यशिबन्धी लापर्धरीतापनेन्टन्यादानेरसेगुलमात्रएय मायेन्गीपगीमुगनेवायपाये एन्येरी |त्येटिनोपनमायेन्योराशीवायुनेसऽडिन
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||५५० सुपासंगीतवैदागास्त्रायो । पायेरेगावातनाशन्स्टाग्तेनुंन्त्रीलुरन् पीकपाकम्पुनिनु.. । चातगन्नीरस्यायुनारोगपरछेन्य पारोन्त्रांषु-सोनामुमी मृत्यती अलीपीश
ताणगंयाहरीपीएस जारी पनवम्लेवीन्मन्गीसरंजएसलागरेची रोकीयोल्लारनिगोडेपलीरप्पली नभेगुंठपुरगोणीहीनेजन्तेनेगुंगरालय महामायेन्यायुपीत्तलमाटियाधीपणायेन
गन्नपुरवातेरनेसर्वरोगरेपारधन मागीदप्रयोगपर । यसलरगनोप्रशरा परयन्त्य पिएनयएरेन्ऐस्पटीगडयायपपनरनीधीर जीप्रकरणीलपयायो नागन नीहरत. पारोन्गंध-रोएनेन्मोथ्य-सी
रछनागनेन्यायवीन नेपालीभी उन्त्रीला मोरतुत्य-मलेगीवनारसमाधीन सुत्यरन्मान्यताप्रातमांगोणीपासेन्स मिड-गोगो राराने-स्वासन्त्रासेन्ज र सघरफिरेयापुरयाये पीलेलैरपधारस्तं
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JumARTANT
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सुशासंगीतशास्त्रायः (५५१ रानणारेन्ट तिीपीन्यनलपरसप्पी पारोगंवसीधवन्दी मीत्रीन गाली नीरेपसीपीनेगुलराला सौनाशपामेन्त्रीधरामटेनेपअनहरंमेलन रन् रेयाराग्यल्सनस्पाएघातार पीता ग्लेष्माउरोगवान तिराहलय ॥ अयणाश्रोरसारमोशाय-ril हो पारानीलरमलेनदीन -सार ASE पुरगोगीगणेवासेनीएडजारपन्तनपीपन रुपनीन्नमरीन्मएमाल्नेगीगायत्रासेततश्र लियान्हुएऽतारीन्नयर | ‘श्रय एरोगनीप्रसरण प्राश्वीत| पुर्वनायगरेपशेषोऽअशारामतीत गावीयेवरएयारेन्टन्युनासरमारण उत्तांप्रगरेगाअंगशणांयागंपोन्ग्रेज एनारंगरम्मरयोमुलीगपएभरएउ। औरामायन्क्रपाकलनीयतौंन्शंनी यारण्यायना सरेश्वररसष्टपर सोनुन्थम-प्रेतीसाएंगलीनेन्तेनुअर्थतेही गलोरीन्सोना-अप्पाजेतील
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५५२) सुयासंगीतपैधास्वयंप. स्मलिनेन्तेनेग्मीरानारसेलाव्यनिरन्पा
तुरो लागरोन्पोरयेन्सरेएयरसे नघुपयेउन्तेनेय श्रेणीनमल्सीकोन गोगातेरीवेगुजयनेशिलेन्टहीनतागोते घनेतापरीने तारीयोगवछनागलीने पन्पीपस्पोऽनतेमलीगोगीरीनेन्मयमे गचीगुंलासपुर धिनेन्दन्येमवर्षसुयोध्यानीत्य मायेन्क्रपाकमयीशनीपीयन्नयेन्छन्स नामसर्वेश्वरपुटपारी-रेवारामशास्त्रासोयी चीरगारीन्दगअयतागडेश्वररसपुर पिरमरीतागतेपारोस्पासीन्तनी गिरखीलमत्तीपोन्नु राणानो पा-मएरसारीयेमुष्पसुधीतेमारसामांय लरीरेन्द्रकुरीतागनीपोरसीमुष्पनांघेन्स रस्तीतेनेमारलामाह्यांचेन्न्युखापर्य टापीतगेतापन्मिनेनीरपुइतारेतेनेलीने हन्तोसोनामांश्रेपारोहीनेन्डीय स्तसुधीतेनीमल्सडीओपन्योरगौने श्रन्न पुग्यरुरीयेन्श्रान्नेशनेयतुराशांमे पिरीये एन्ट्रलारवाडीयोनेनन्सारोडी||
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सुरासंगीनपैरालयं. (५५७|| लीलामानुनीीमनीशल्य-डोडी-मोरा शांनीचरन्त्रीकानीरहरीको प्रपञ्चस्तनीला यनासातीनेन्टमरीयेपषीसुर्रतापेशवेन उसीयुनोरोररीमारखायेमतेचेऐपतीमु चीमारेरार-एएतोऽन्यारसेम्पटलरघु मुप्रेमुवीय अधीनतापे धनेन्टाटुपायदाना टीहाय्यतीने पायोपालारमध्मानेऽमास मारेराअष्टानतीधुरीलूएन्नयेपरन्रेया, लातनेमगतेनेलोज्यानरसतासोश्वर|| वशीनेपाल | यमरखजरेढपरछा पारोगंध निधान्नेशन्ने भारलागपीत्रातपाली लास्टीनेन्गोगनीसल्लागणखीत्यारहीनेनी गोगीमपीरीतेगीपुरीरपणीनमा तांमटेडुरक्रमन्रेयालमहत्यारेरस्सामना
अपरौश्वसमुपपरन्यापारी गया-लोहमारयोरीने उपाययी-अप नमलस्मसीने पराणातन्नसोतरी|| नखेवीन्गुंग्याययीउंगनेलाग्रतेची होंने रीतायण शागीयापीलीनेन्टीरनी
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||५५४) सुधारगीतपैगास्यय एयरहोपात्रमाणस्सीकोन्जन्मधेवागचीवर्ष || शेपुर्घमायेन्रेयापुएरोदेवरेसनयेन्ट
प्रय संमेभ्यरस्म रंध्यारापर हीरा मोती-पारोने गयेऽसीले सौर्नु। त्रांषु-सोहोने एरीनोन्मन्गाधतुरानारपी मिल्लीनेसामेलरीनेमुमुचनेन्रन मीमारनरीनेरीशीमध्यरेन्यढावीयुखे धिनतापरीनेन्टाटुयायमंलएस्यायेम दीबेन्गुरीगुंलशसायमध्यधिोन्मन्च मयुरी रेसुरनारीरीतस्त्रीतयापीअनसी चीहारीएन्रेयाशंमऽश्चरसहमायेचा अणधाकतीइपर्नुध्यांनयायेन्यून - महनीप्यरसरांमपरछेरा मृत अना माशयमेवीपीले डीपलेटासनने राणा
सन्मयेमेगपीतेगुरीमहणायेरेगारंग मिनीऽल्पनाभंगायेर ॥ अथलीगेलेपनोसंलोगसाइप पुररंगए-अपीयारसेप्नलीलेपनयाय घोरबाररानी घुरेन्तोन्नुरतीछताथप ॥ श्रयस्तनार्यानुं । मगर
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स्यासंगीतवेद्यास्वयंय. (५५५// पीननेन्साइरसाय्यायन्मासत्रएयतेरीपत स्तनटीलाऽयायन्यन्तेब-मल्लारसमोडि यान्तीगीरेलेपन्स्तनासुंधरीनामने त्रैएयमासपेपर
अथ वायवानन्य दीमन्यायीबी नि लगयुवेनेपायन्त्रैएयभासतेरोयतां चीन तामायायन
अथगनगलतानोरीपायरातसनए पत्रतागोरसन्सारसाथ्ये पायगगतोगी मरेसान्पुत्रप्रसुतीयायएल. ॥ अथ गर्नसुनेप्रसपथवानी दिपायय प्पीन्नेरामुग-नीतीमय्यारेने घीमायनश्रीनाच्या यएनेस्मरेन्सुष्मे प्रसवन्याय | अयपीयशेधनीगुरीशरा अीएन सर येगीयोन्यनुरषीपछनागरगोलो नयम्सनांग्यतएगाभेलागान्लांग्यतएपणे
गन्ताऽनांमुणहरीले मुदीपढिनीर-दीनोम || निरीले घान्देमाल्यवायशुटीरामाये जिन शपयशेरन्पुर्षनेतेपलपायेरे पाएछेसंलोग रेपरीयन्टुरेन्यापीरीयातुरीची
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||५५५) स्पासपीतयेयास्त्रपः । निधुरेपन्यरखनाग-पीपश्य-मरी सस्य
एन्सार अगसोसरपुरुरेन्गुरीगुन्नन्ना गिलारन्गुरीगुन्नन्नुगलारन्प्रअस्तेनर मायेन्न्नतीन-सारा पीसगीपयमांपायेरे रात्रएयघडीतलप्रेमहापासेन्नयेन्यनुराहोये रियारपुष्पगनतीनपायेन्पीगगये
येगीयो-धंतुरमीरयप्पारन्मनरीगरी गिने भरीपारीपयेषसंधारणाची पयेषस्य
सत्पाललरगुरीशमाये अइएअस्तेरीमा लीसपेयपायेरेवारतीपतीप्रगर सायनी तपहारेन्सुररेसलरोगतापीबाह्यपुररेन्उना | अयरीमो मायामेयायतेनोशिपाया ||राअीएसीपुरसणलीशीरमाखेपनयाया| ब्नुमोडीने घरीराण्येपीयान्नयनान्युनोउन जी-लीमोगीयोभारानीरेमलायमुमोग
घरी-नुनाइमांगीलयरन्पारोटंएने मारतेनयोरोपायन्तेरेपासीरगोपडेनुगोरे रियायत । अयमायामेगुमायायछेतेनो जीपायन गाउंपीजाने शखये युपेलमांतेीरागागुमऽपिया
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सुधासहीतरैगरगरत्रगंय. (५५७|| योपोन्मकोयनेनेशी साना पारोन्गयमन शीग्रेंगगने ताणनमारतेयीमीएन तेनुश्रर्यारागन्तेनुंअर्थरागन्मीरापरपमा राणे अगरी रेतसतेख रागभांवाटीटागेन्रेचा सर्वसामान-तीसगीसीपुर- छाये पायापर येमस्मन्नेयीगडगुमानयेपन रातीमा यमपन्यापर. ___ अथॉमरनी शिपाय सुंनोने नये सारनन्यालासुजोयायानाडेरीपापांगरेन शीरसुधीगायतीरसुयीगायन्न्नया मरनीपीलियनेषुमनार मरेग्मीराने राज्यारेपारसीवनराल्यापायेगीरदुम नयेन्मरपरभासमेतमानयीशपाये # अथ तेगसधानीमीनोपाय पण ख्या मेढांडी-मायांनरसाहाराहरी सीपरनयी गोथे अंशहरायगयेअंशरायप नमेलपरजीवेन्युगीनारामाउन्धुरीनेणत्र लीनेन्रेशरसीड्नेस्मरी पुलातेस्तेगगीयेन्ब उमांगडेन्नेर उमीनमुनमानीयेपर | न भर गुंडजो पाया अम्ल सना
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||५५८) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रायः
गने रोगडी-सीपय पुरएयायपरापुरनी त्यपासतांन्युज्यापन्नियन्पणी युनो || नगाँवलेपलीने गोलीमाय-पापैरापुरपान सतांन्युज्यतुर्निन्नयन्रन्ससए-उंगगी-हीं गनेन्योयोलेग्यपार घोरसमीगोगीगगेन्न युनीयारपसारन्जीलीनागनुगगान पैगापुरनीत्यपायय्यारस्पनीयुक्तेन्हमत एपणायन्टम्मरसांगीनीतीरीयोन्नरसाडे रिसारन्नीरपायनीयोचीनेच्यायीसुपारनाय
पन्न्माराधनेन्सीघबनेगीपायन्युज कोयन्मुश्यारनीन्पषमाप्रसंथायन्एम्सालर ||सीपालस्मने-लस्महरेहरतागन्गुन्नगुरीते | पिलयेन्युनीरसपागन्स तसुस्सनापीया यछेन्पाययुग्नीसोपन्नमरेरेयालंगचोन्या योगनो पन्दन | श्रय लोकशायनीरीत्यश्चानीनगीय यंत्रमान्छ हरी गीत सुरोइन डी-समापन्रीरोटहरीलयेन्मांडीनेते || डीपीरो-लायेनरीनेशलारेपन्धीगीसही सभटांगणी तैमध्यशेरीलासीयेन् नगीयागीता
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स्यासंगीतयेयास्त्रायः (५५८ना रहीतरीरी तेनुमुपमहीपालीयेन्रन्सीपीय रीनेटांगीमुध्ययीणंघनसरे वस्त्रेऽपऽमप टीऽरीजम्यागणाननीसरेन्सन्टीनये सुजन यापीतेमंडीयुफुसापरयरे खेशुिद्धीसोमुन जिनगीनुमा हीरेहेतेहेबुरेन्टन्वंद्वीपगरपणन तीरोऽरएमेयीहालनोभेपूोरसुधीराणयोन तणेतापये मगासनोपल्टीपापडेनैत्रायनाता सारे सीतारीखीलरेन्जीरीत्यरेवारांजरेन्ग्रेम शपलोहोनालयेन्दु बजायातुस्यतसोम होनांप्पतांलीगगे तमगुरुमपीपरनी पीना विनापीतारेंगे उन्रेवामरेनै परनीगंगीपर टेमपीसीद्धांतातीपायसमवंमाऽमानान्योन्य यीन्द तीसोचनीक्रीयासमरा हेने|| पाचानीरीत्य गरी पेटमांगमेतेवीगांव विधीहीयतेनेसााीपायछे गणामा नगी पोतेतेचीनगपरप्यालीयुमोदुहेपीलुगगी| उशपीने सारशीलोट, एयसरमालागनोंगी हीरोत्याश्ययापीअाधापीयालारलोहन्ध्य निगाइपीयानारपांगीश्रापोपीयेंछीयेतेमेले गांडीरोगीनेसुपाडीगगामांलुगगीमुरीपछि
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||५५०) सुशासंगीतवैद्यासाग्रंय. लरीहीराना ग्यारशेलीयामपरावी यान सुतांसुता-येरीत्येीन-प-म-पायतोगमेतेची गांश्यनारापाय-मारपार्षय-शीरोमायोप। लीगमेतेपायीन-एपछी
श्रयीची गामाधीनोमयपरिषुहेरी तए सदानीरीत्या उगीयो एमा योमारपाणपती अपरहांडीयेरीत्यन्तकतो यपारीरहे-मुन्याची पीत प्रथमनीपेपर रोन्तेययीताप शवयीपात्रलरारो-रेया|| रसीमनीरीत्य पतुरोपीतमापराह्येन्सीमारती सत्वाधारीत्येयायेन्ना रीसन शारीनाशामांरेहेनही रो रायुज पउनेशोऽर्नुभएमटीसौलए रेयायी शरनी पीतांपत्यायप । अययनस्पतीमाथीमारबीन्न शटरानी, रीत्या प्रथमपरसापीनामारनीरीत्य ॥ छंजुलगा पाहपरसाएीनीडोरीयोमरी यारीरामहरीर रवीन्नीरोटरी रोनोमीनेजरेगुवी-नीतरेनीरयेत्यपरवीन शरसमान्यतेनीतसुनीरसेन्लोहोना
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सुरसंगीतपैद्यास्यग्रंथ (५९१|| रोने जीणे पयमणसोयतामारनीयरह्योन्युज नेगुल्मयेसघराणेन्ररूपमनव्यापीरामे यातपी जापुरे प्रारपायउरे उटवारी येनरीत्येऽरीमा रमीनपरी नामदुराप्यध्यानेनयारीउन्प मलीनरपरशंगेअंघेशीनु योरेंनाएपने श्रेया ने ऑपरयर तमातागोपत्रले आऽनयने एयानीगनेन्ट मारनपत्राऽह्यायमचान गीनछे-प्रयमनीरीत्यरतापयारो रीत्यरेपार सीऽनीरपीधारीतन्यरोगसरपत्रन्नो परागयंत्रछे प्रयलोहारनमारगिनती
dana अयंत्रतेनुं
HAIRAM
હાંડીમાંપા રથ તેનાથી - ખારજીને
isga)
MAIN નીત
- -
Autीसिttrat
હા
ફોનીકાડમારી
(નેહાંડી છે તેમાં ખાપમાનનું સત્વકા
તો નોછે.
શામાં નીમુખપાતીસુવાપરધવીતને રે
अयपुरनुतेषशाटयानोपीपायनाने अगरीतलताएं-चीरावसुत्नरतेखमपुस्तोला ग्यारनामसमापतेषन्मलमापरतेनेलते लतोलामेनागेन्शीयेतोलोयेन्नांमधुरेला मेरेवाहीनयेऽनसीपुरपशिामालरघुम्मनो
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|५९२) सुयासंगीतास्वयंय. हरमनशल्यन्तेखपुरनचुप । श्रयिमोगरेखतेखर्चानुन्। मीतेला मोरागीरामाालरीये खायीमोगरापुष्यनेग मरीयेन्पन्डीरादृष्टीनेतेशीसामाद्यन्त सुतेरपीनुन्यासालरीलेरडारोमुयनोहे मुमेमुरीयेसोगागीरीन्सुर्यनेनाएर येउन्पछेपुष्यरटेनीयोचीनेनारन्ययुमो गरेस्तेखतेनीरधारटन्रोपीश्रेष्टश्श्वभागी पुष्पमरीये पुनर्पितइएतापमातेहधरीयेन्पन ध्यमेवी-गपोनें गुखान-तेल उद्घोप्रास्या नोशेरीतेसप्रेसन्दरेयाराधीशनायीका पायेतिछेअंतरमातेत्तेलयारेन्छन् । । अर्थ पारीगेश्श्यानुपुस्तानी र इडलीयो राशनगपायपुर- छत्लर जम्नएरंगतोलाचौयने खोलोठमाए लोरोटप्रमागरीरकानुगतेऽरघुजीरानी, नेपछी गायोगाणीयम्बुन्रेयापोरलीउरी घुटी निशागधागे सातपैरीसमतुल्यन्पषनेपुस्ता राखेपाटीभर धोलीयुनीयोचीग प्रतेरपडान्मएपी-तेनेडीरणेनगर पापारीमा
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सुघासंगीतवैद्यशास्त्रश्य (५९३|| पिछीलोहरन्तयारंएर मांडीजीएावस्त्रगामी
गेतमम्पपटीरापरीनाप्पीनेअमतोतरेन्नान रेतारे रातारयोन्तेमाऽरणजीरधुरीने पोरस्ती
रीनेयागीमाप्रगतोनाप्पीनेघुटे परिप्रेतोपाडी इसाई पायन्सीपायतोहुनुपएीरेऽव॒ष्पण जगातु-तीपातणीयाय येरीत्य
अथ इसगार्चानुनील रीतयीना गुर मावगीमनोरोरसीलेन्मलीपांगरीरतेनुनीरी
मन्मवीहीमन्नहरतेरोरवीलेल्पलानी ते नुयारी रसोरन्पोरमे पूलागीपरैयोगी लीनेन्गुंएनीरतेनेगगीगुरीले उन्पाएगी लोहोपात्रमातेलरीनेन्गुलापणेदाचीतणेतापरी लेन्द्रन्सारीरीरहींराठीमाद्यनाप्पे पीउगतीचे गान्जगवीरंगनाप्ने यन्तेनेडीयेपाऽपयल्यम् हिसारे भागनपीगतालमेमनलायेन्देन्ना रेतारेतेपीतारीनेखीने गणीवस्त्रयीपूोरल रोनेन्रेपशिरइष्गीनीऋत्यगायन्मए || शामसरप्पीस्वरपेज्यायेन्ट प्राइसणैयेपुरून उनासप ॥ श्यपारोमाययानोपायना पारी
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|५५४) सुधासंदीतपैद्यरात्रग्रंथः ॥ तोलापायनेस्टीगतोसान्जल्सीनेशीरानीने पा रोतेमा पारोत्तेमान्नीगुरीशाहीयेन्यात सीएपीरयरी-वीधीयेपायरीयेन्रेयाश्सीने स्मरी-सुरसमाशसाह्येन्सेन्ययातमांसत्या प्रगपारोमंधायेपन - अयप्पीलनी शिपाया पन्नेमणु पेगसीपीमती मायायप्पांतेपीलेपोपडेना नजामुनयीनयन्पना पायजीन्ने राय तएमरनउरे-न्नेररीनेहीलरेयापनमन नमीयान्नारयायसोपीजन्य
यांतहीनणार्यानोपकारनामा मछोणाणयांमसमांधीनपायपराधीन संतेतेगरोस्तमुक्तारायाय। अथ नागीरोरपाटन्य नागनीमत । श्रीनराश्नीयस्त औतेनहरपीजरीपरुनगानी ॥ श्रीरामाह्यस्मरचीन्तबन्नयन-गोष-शष्य
लेन्शनीमुराणीशरयुषीकेन्योगीमुरागी, मुस्तहीश्रेलीलें नयीत्री पीपस्सनेमरीन मिरोडे उन्गारोलीने मुंगखीमेधनालाहीयेन्तो लो तीखोसरचीपुर्णजीये हम्पापीभेदां
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सुषासंगीनवैद्यशास्त्रग्रंथैः १५९५|| श्रीमुसे शाहारश्रीये एापस्तवारी श्रीकूणमां हीलरीयेपारीमुषमारी स्पडमाडीने छां राज्यायत्तारे
गोपांगरीरवीशेपचीसीने
पालसमतोलोग
शडीचस्तालीये- छीनी शेपलापडा मांह्यातली ये ७ - सतारी हेतुं मरारामांने मयसा उलार सौ तुल्यसीनेट तशेरलेले रीहीगवासाएंगे सौलेजीनेलरी हे.स घएगा मेरीमांमुष्णनांयीनेडारे हीनसातपुंषा येरा आहे. १० रणे स्वाराने राशने अजीमंहन गोमो-पायुनेपीत्तनेपहपा यमीनेवीशुभी अल्लरए डीपाधी धातुसीएने ढीलताचेमच्या घी-१२- पीज्रा पेटरानुक्रमीरोगेहीले यथाश तिडींयुपय्यापुलीने १३ घएगोगुएामे हममे स्वल्पहीयो रेवारांरेश्राश्रीपूल पाडी १४
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अयशस्यमनीचीधीछेना नागनींह रतु महीषीतांचे मएाहुग्धलांपेन्शाल्य मौरघुरी ग्रतेमोहीनां सुला पडावी त तापरीने हसायीहर्नीशनेमायोडीने न्यून तछांरखुरीश्जेय्यार ज्यारे एतायधानांसमो होयजारे उन्माद्योमागुतागोच्याउनवरोरथाये।
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||५९९) सुपासंगीतवैरास्त्रायः
तारीतेनेपागीयोमासूयेन्ष ममीन्ने रोरमेमाहीले अपर्यस्तनेसर्वसंलागेशन हिन्डेशर उस्तुरी शेनेनागमोन्तनगो जिन्नयणमससीमेन्पन्सयीगणोडापत समीनालीलेन्तगर्मराम यायवीउंगधिनेन्द मरी पीपणीमुगनेशणहरीयेन्मासागीनीन श्रेणीमाहीयरीये पीपपनेयांगानेत मलपनयेन्यारोणीमृगांउमेयनान्सैयेन्द सोनावपर्यासाने श्रेपरोखेन्गीयपषमत स्तीमृत्यलोहोन्कन्नवीनीअऽल्नोऽरो। रहरीयेलायशेगुनेग्राहालणेरसरीयेन्षन्ते मनासपी पीस्तानेतेनणलजेन्पायर्गातीस वयस्ततेसम्मलीयस्वगावऽरीपाडे सीने इतरोरपायनापीलेखीनेन्परन्पछेशार मांडन शरीरलीयेपासएगीश्रेऽनेयागेलरीयेच उपायर्गर्यापछीरोराडेडीतांजतेनाय || लपाडेलापलातेडीसीपारपारमाय प्रथम उनयी मवाताहायेन्पपगाल्यमपानीत शीयानामायायेन्रीशयनारोगतेपुरन्नयन श्री प्रतीसारनेअजीमान् क्रमीशरानेस्वारा
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पात
सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ (५६७ नेशोपचीस्ताचीभुमीश्रीहरेश्संनी धातुसीएन्प्रशस्तिनेपीत्तवात प्र खाप प्रमेषांडुनेपीत्तराणे ज्यरनेनरायुकनेते अन्नले रेवाशंकरसर्वथासद्यगाये शाल्य पाइडर्योऽह्यारीत्यथाये
A
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अथ डेशरीपाड़बीधी-॥ नागनीस्रतन ए मेशनेषसी ग्रतनीमाहीने शिणीन राणेहुनेःप्रेङ्गीने १ जहांममीन्ने घृतनुवर्ष लेवी पीपालयत्रेसीमाही हेवीन्रन्यान रोजीने नाममरी मांह्यलीने सार मांडनी एपी घृतेडीने उलेमांसर्वसामानते ये जीपाउनेयासनीमध्यधरीये-४- डीपरवायझेड एसे घुरमाडे - तथेत्रीनेहीन पक्तांनपाउन् प्रलातेयसुलारले पाए माये-पुराधातुपांमे चपुन पुष्टयायेद घेरीरेनेअमनेतेपधारे नराम त्युने मतांवातवारेनीशामस्तरे मन्निये नमी घोरेपारे डेरारीपारडीघोट.
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अथ महांमपानीबीधीरा जहांमतएसीमीन मेरीरसीने-तेने मांडीने तेरोलोटडीने तनन्नयग्श्रेणठी मुस्तरीसेन्सींगमे
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||४५८) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंचे. हांना पारोलीमरी पालरातोलो सर आप शाररर पीस्तांप्रमोऽमीनैयेउन मनोमलीसोसवारोरसीने-यासागीरीर जेजानीतेही ४ धृतशेरजेसर्वलेगुनमरी न्ययुध्नतेयाणनीमध्यलरीयेन्परपालीप
कीनेनीत्यनवराभये प्रगट्पावधातुना सीधुयायेन्दुमीतीाहने पीत्तराजे-मे सरनासमुलेश्लेयनिहाणे-७- सोलेडाने श्वाराने रन्नये तृषांतेशमेनेप्रमेह पलायेन्ट महतंम्पातेषुध्धिनीपृधयाये-रेवाशंउरगुगनी
धीग्रंथगायेन्
अथ मरीपाउनी पीधी ।। मरीरोरप्रेड हमीसोरठीने घीर्घरोरोमां, घागोरीडीसीनेन १तेमांसारशेरमेपारीहीने रेशहमां
उसोलोरीने नोरो श्रेणी ब्लय इसलें- पीपरपसुंठ तन्नामनेयारोणीसें उन महांमदगीमीन पाशेररुरीये मांडीने पीते मरीयुक्तउरीये. ४.रीहीडावासागमांलरीमुष् पारे हीन बार हांगातेनीमध्यडारेन्यन्प्रलाते वसुत्रएयतेनंनमाये-नामुमथीत्रांमररोगल
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सुधासंगीतवैद्यस्त्रियः (५५ येन्दमटेवायव्यापीयील्तारामावेन्पीत्तषां मगोतेनोनारालावेन्मापारीरीपीशरामरै| सर्वधारी-रेवाधामरीपारछेनहारीन्ट ॥ प्रयभापतीपुर्वानोप्रहारताना गनी परसुरीशतेलांम्पर्नुएतसीबेन्यारी यतुरमीग्नपराउनेलाडेसर्गालचीराणली माहीधारेन्नामेन्नयन श्रेणीटांडपारेरना सारीरप्रायोपारीमाहीनेमांउरीरनीराव सपीसोउन् एतसर्यलेगुडीयावेहरे गसेवाघरीसएीपसिधारेन्टन्तोलोअर्यते पाइनेगनमायेन्यामनेनायितांनीध्यायेपन ब्जेरावरबराडेश्मानक्तबुझेरतीनोपतितेडोपन स्नमुरेन्दरेवा रातिपाइशारे पतुर्ण मतांगुगनीधीगईयारेन्शनापापरा
अयमाहानमपाश्मांपेहेलुलायर्नुपी जवानीरीत्यरा परोलाग्यतेनेयूवेमार पारपसागीमुझेटीनमरनीरयारप पारीची सरोरवीरोतेीशगेन्दसुचीरातेमाघृतनापीमा गेन्रन्समुशिएमी पारीरनारी प्रांतापडामाडीया उन्नडमीनपs]
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५७०) सुपासंगीतवैद्यास्त्रय मांडीने पिस्तोलापापडीमयमाहीलीमेन्ट परित्रएयसुधीपुलेतापरीयेमगेनीरतममैग्मी लतायनरीयेन्पन्पछेतेतारीवीशरीरवारी लीगेनसेशीनीरेयी गितारीन्दपछे शयनेवा: सागएतलरीयेन्तेनीअंतरे रिछीतरीयेन
रेवारांरेत्राहीरीत्यनेन्डोरीडेमांना ग्यमुंएतसीलेन्ट । सूधमाकाळमपानीरीत्या उंज गीतरारोरांउनीपासपील्लांन्यनंघी पारेर नेगुचीनेाणमांगरेपशनगरपान गरेननघेरयापीतेपरघुरेन्त्रीहीनतेमा यन्न सुध्यराणीपुरे मनमयव्यापीध्याय व्ययोहेनीसुधकारीगरेपारसीऽसौतल ध्यानमान रामेधारीकोन ॥ अथमायांनशीनोरन्ग इंडणी रतछे रखोला नदीमय नवीन पछ नागसमुहगीरएनीगने नांग्यतगाभेल्लाग पन्लान्यतापामेलाग अंन्यसोसाहीयेन शरीणोपरांत्रएपीननीरेअनुसरीयेन्नाणीची|| मांहीरोरन्नीरश्रयमऐशागेन्त्रएयपोहोरते
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सुधासंगीतवैरास्ययः (५७१|| नापारीनी येनीहागेनना रोगीयो नीनेहनतेतावडामांयीपीहरीलेंन्पाससान गिरेपन्नमर्यान्अधीरे गनमाये पडेप्रांगनेशोषन्यतुहरालोऽनयां येरेवारसीनीनेघीपुरपाये घोर उनी रिलियनुगमापीनरे
अयोपरापाहनीरीधीय नागनी रतः समगधमैताएंरगुय्यतीनेन्तेमा शेपछीनीअरछेरापीनीतेनोबाजी रोरमापोरीनेन्डेशरन्नयण श्रेषडीमाहीने रन्तरेहय्मएमांडनीयसएीतेन्मायोतहमा नरोमरोसौहएीतेन्उन्हलायीतेनेयांनीनीमध्य गरेन्गसेवाज्यतीतेपरामरसमारेन्डन्यातुपुशनेनेसुरमदेछन् रेवारांररोपरापाछन्पा । अय[रयानीचीची राणीमागुष्ठ ग्यनेभापोशलन्युररीरघीमारोशमांहीकोन न्यारोगीमधुमडेसरमाहीनांपेन्रीरले गीमायोमाहीलांपेन्शरेरासपीसोगरीर मांउडेरी-मायोलेगीसरेतेनेयालरी-उन्जान मीघुटीने पतीपाळीनेष्ारोउरी उसतरउगिनों
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||५७२) सुशासंगीतवैद्यास्त्रयः स्वारीनयेन्टम्प्रेगरपाप यातुनीहीएएनारोन विपश्यायेतीमएवासिम्पन्गंहरपाउरी। गुपीचर्तगायेरेवारी ह्यारीत्यायेन्दुन
अयगंधारणमाएवार्नुपरमामगनारे, पिर नागनीर राघोजावाद्यमोऽरंटी येखीनीमीरेन्अंघ शाखीयासर्सनांपत्रसी
न्मारीघाएगीनानीहस्तीवाद्य-ध्ययो ब्ननोवानीअंत्रछायन्लीनेसर्वसंना लागइखाडामांधनेगप्पांजीपणाची पेरेले पन्निवपारोशपेटपरलारनन्पुिये गोपडीनेपारोघचौरेवाधारगन
रीत्येवण्यायन्मानान्मपर्यतनापुरना यन्एक । भूपनारासेपानी प्रशारना सीमोरी वीजडीअडुनीनेनरेशन्नगोवारीपंयतयां पित्रलेसन्पन्छामालीनीरनेपनघालेन मुमेटाइयंटांडीनेते सरन्मामानेमा विनीपर्षेसाडेपछेडीतेनेगोडांग्रेसीडाउन उन्तातुतीयघटोपगमध्यीलेन्दरागाल पागेलाग्येनासलीन्होराडेगारे पास
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंय. (493 नाधूम्रन्नयेरेवातायपनासमारीत्ययाये पारोमुम्बानीरीत्या ना गनींदवत तावुतीय घोपूएडी नेहीवेला तागांपत्रीने परीपत्र प्रासुट्टीचेसजेपीनेन्योराडी तीर्परतेनेत्तत घनेन्शनमुपैरपरते घडोनीरतातुमुषे उंटांमीनेरे समातु उ. रेवामलतएगो रोध त्रासेनसारो नैनक्तोछे मुझे पेरवारो
भए
अथ कुंगाव्यानी प्रहार बालघीलौग्यनुं सारसाथैमाय रेवान लम्रालागी नीदानेवरीयायरूप
अथनींकानाशर्यानीपुरार्जुन तागोशवोऽरीन् पोहोरद्दीवस्रेहेपायरे वाराहीनद्वीगुएायी-नीडानाशन थाप
अयमस्यमदन्ययणापर॥ नागा
नीहारत ॥ रसालारमीएातेने डीनरीने प्रयोगते मांगायनुं घृतीनेसुमा रत्नाश्वारीराणनांमेरुसावेतेने नाममा मारजांपेरूमल हींगलोड़ हीराहक्षएर सेन्दुमालायीनीसीपी तेहमां
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A
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५०४) सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंय. एयायतो मैं बीलु घृतहीने परियोपडाये हेवोमलमडीने ४. सीतारीनेने शयने पात्र लरीयेन्नीस्रायलीडाखडीमांनुसरीये. रूपन्परीयोपडीगुंमडापरभारे पर पीडयत्रा वगेळ्यनाले पुनरेवापास्तुंडेनपाम्युले नासे मल्यमरक्त हर पट्टीथीपीज्यत्रासेन अथ नीर्व्याची हेहरा जवानी प्रहारन्ना नागनीं ॥३एडीगतांतेजीतीसै यहीनेरीहंतधावन्वीधीस्तान हीने पुरे मनपश्यतेलेनडाये हड्डीनथी देशो जीनेन्हाये दीवस्त्र पेहेरीहरीसेव्य नेमुमेतेरमानाथनुंनांमलीने रेशन तेलपीवेण्यमुंडेनमेतेवेच्यनंगीमांन नमीडीडीते सोऽहमननन्नयेत्पछे तांबुसङ्गलते मायेन्यन् घरीभेसुर्धयांमपासेनसार पूरे शेनशारतागोशरलारन्दन्तीषीतुरीपारीन तेयस्तमाये-झाडीडोरनेामनेतेनधाये७न्त्री कोयलारे दहापीनमोले-नीशीयेनन्नगेहीनेते नोसेन्ट सुधाशोगमोंगोहमोंहारडीने प्र तिपक्षमेवातीनेरेयलीनेन्चीरीएगडें चीरा
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__सुधासंगीतवैद्यशास्त्रायः (५७५|| एनोनतेपरात्पपासेनीयस्तनेतेन
पन्तीअंमष्टमहीनेनीन्सुघरमा दिमसेल्यापरसेंनशिनेमान्यत्येोरलीसाच्या निरमायेन्जोनेगेनागपारेलरायेजरमाया
पुन्यपरतेइरोमत्यनेनीन्साघुम्नतुस्यरेशिया तिनीपरस्त्रीपरच्यनागीतायेमुर्मयीन नाशयेनीयायेन्दहरेपारंपररीत्यनेसार यायेन्तेनेस्वप्नमांज्याधीनार्षापेपर| अथनगरग्यानोपचारन्य रोपयरत पपेरणेनेपांसगांपाशासायाय न्नघरेनेनापन्नगरगीयाडेरायपन्सया उनात्यायनेन्गोगसमोरीपायन्यानिश्रेण पायपीन्नननीनमेशायरन्यांसग्लंड उमुगन्सपायुक्त सीमायगोगनाप्नीपोणी पीयेन्नम्मापीठान्नयन्त ॥ अयि मुहर्यानोपारका नागनीर ||त ॥ आप्पीपणसोधीनेशुष्टीनेन्एलप जीमेसी नेनीरहन्तीलानगरंगूवारी नासारन्होनछपवाटिमुझेनीर पाररपणे ||सुचीनेयीमसीनेन्द्रपारारमकत्या
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|५७९) सुथासंगीतपैरास्ययः
शोन्न ॥ अयस्वरसुध्यऽर्यानुना गोपयरत् य पलामीनेमावगीन्श्राशेवग्यसाय सौनोरसहीनसातपीन्सेलमसमारपन्न प नागनी एमेरसारने दिल्बलांग्या |सीलेन्अनमोवासनीपखेरीजामीन नापामोरनेसैंपवलेल्गोऽरसपीपरून श्रामगारगोएयेतोसोश्रीश्रेयुर्णमायेन मयुरेशीलाएंसनोस्वरसाये उन्अमर अप्स रान्निराम्पायेन्मधुर्मोहनमांनुनीस्वरएप येन्सन्रेवाराचीयेन्नग्रएसद्ययायस्वरी लानीरेऐसायेम्पन
अयघटस्तुसेवनीधीन्यस्तनहर मुख्य रतुहीमेसेवेन्रतुशर्तिीगिलयमासलेवेतन पपिपपपता शेररित्यारेन्संतेवनहर नेमध्यवीरगोगहनो में पीयला गेल्सहनसैंधवहीममागेजन्य पया राराणयेन्रतुसेवनायीसुप्पीरेऐसधये डन्डीलयमासनीतैरतुश्रेष्ठयायेन्रेयारारिराष्ट्र रितुसेव्यगायेन्पन
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सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंय. (499) अथणारे दर्यानी प्रहारना ना गनीं ॥ डेसर्-लगली नेलपींग तनसोमलीने घरेमनीमंगमारेश्तएगी। सीरीयोयारडीने मल्योसर्वसामानतेमाल रीने रुपछलांग्यनामृतमांभोजीसीने
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डावासागमेलरीतर्तीने उन्मुष्मआंधीने शरहीन्गुप्तरापे-पछेपांगमेहींन्योयेन्शन जेठघरीभारहीनरे हे मारे शर्धमायेन्मा तुरमन्मांनुनी तथाये-प-रेवाशं रेघारेश पारीघोन्नेोमन्मयहर्षमांहाय सीधोन्द.
अवगणामांशेयलीयायछेतेनो प्रहार रा गोपयरत् ॥ इंडनडीतरे श्रेणीयो हु मेघग्रीव-रोगतेोयली मैतन्गीताल बन्पन्साएर मांणाने अमेजची दरी दीनमायगरोगतेोयली थी इश्मायन्दन मासासीनीयेन्मंयमांजरामांजायन्यौ हहीन सुरगपीये नयी प्रेयसी नयन्उ -
अथ पांगरीसाग्यानो प्रशर ॥ परजेपंजा सरीमोन्क्रानीमंहन गाय- स्वाशप्रशस्ति प्रोममी नजलाभ्युदेवाय १-मंडुसमुतरलें
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||40 <)
५७८) सुधासंगीत वैद्यशास्त्रग्रंथ
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-पांतरीहीनलेपाय मुसामजलमप्रासतां गीनीपी अन्य पुरु
अथ मकानो महारता योपयरतशरीरमुपने स्वाशयोपणीयायन रियाधायी सलोन्वर देवाय मा रेमोनेलेसनुन्नीशीन शेवन्यायन्यहरपैथी दीन भानुदुमलय
अगरानी प्रहार ॥ घाघरसरा दीमणां गपीएर तेयाय पोयामांतेत्वया लक्षागथीसेवा यन्पन्मुकाडेरापानमा पाश नेपलीमायन्धगोगयरशरोगते मुगामात्यं
य
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लय-रू
गाथ शीणचानो प्रकार- ।। सोन्ासमो हेहेजने धीगाठीमाएाथाय वधेयेत्यसघणे य पु-शील वातडेवायन्परा नागनींदरत ईराकीने रक्षा हीलेले पीने मीठुनेमरी छा नीमध्ययाने पोजकोतेहोई है मा येरेवाशीणपापडी सद्यन्नये
.
अथ लुङसाग्यानोप्रान्ता नागन भरत ॥ अर्शीने पीसरी स्वरजीहनथाये
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Par
e nesiamanna
सुघासीतर स्वयंय. (५७) रिपालोयीसुखागीलगाये पन्ना रोगी डेरीआमोणीयुन्नीरोयीनीरपाय लाल्य
नीतेरेयान्प्रसेपलमायायसन्मयमा पनि एीसाउर-रानारते पायन्मारीमुस्तस्योपडे तपीपीडब्लयर । अयनानारोगनीप्रशर गोग सुरनानीरनां नारीपाताएयन्तीरानाऽनय रोगते. छोऽमरेनीरयाएयान्सैपय पीएम मेगसीन्सेयोनानारा छोऽपेल्यनेछेहरे शिशुगनेडायरल
अयाजण्यानोडीयाया। हींगला राएनांवरीगोगीराज्येहेन्रेयाश्रेणिपाययी ||उज्यपतीरेन्टर । अयअलरागनी गारन्य लसए श्रेगडीनेपली गोणीयास्रीमाय अलरए पटपहातापी पीडापलेशयपत | अथ मिशनुसार पीपीछा एय पाएपीनेगुऽरीन्सयवनांणीपायीनुलाप पिसागतान्पीज्वासपखायप॥ अथललनारोगनो प्रशारक अना
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५८०) सुधासंगीतयैद्यशास्त्रग्रंथ नमोने जीपसेर म मांसयाली परनीत्येगसेशांमयसंमालय अथैलीलांमांनुघीराचानो प्रहारून नागनींश्वत लीलामांवसुवीशनीयु रीडीने - दुघरोर हशमांडीणीनहीको १ शेर सातपपहे जरैछाराहीने. नांजीपयपीशेने दधीतेनुंडीने वलोएगुंतेनुसारहीनयानरुरी ये मांगने बीतारीतावीयात्रेलरीयेन्युन ली - सांमांतरीत्येद्युतयायेन्वायुव्याधीपर्वा
लतेयार माये-४-रेवाचायुव्यापी पीपरप्रेतीने लीलांमांताएं चारीत्येघतडीनेन्य
नाग
अयन्मीएांमुञ्जवानी प्रकार नींदर वछनागभेरस्योसां हरीने हीन् येतेने गायनेमुत्रहीने १ तोलाचायैष लेवस्तसार प्रेसर-न्नयणप्रेमीयोसेसमार
तामुणनारसवी शेमल्सीने ज्यरमासी अन्मोतोलाजे हरीने जली हीनमेजोरस भूगोलीीनेन्अीएगीनेभावानुरागप्रेमहीने ४ एगमाथडीपंद्रमोभ्रंशन्नये अङ्गीए मान्यरेहेतेणुशीथैनेप्रायेन्पन्तल्योअंश ते
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પ
सुधासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ. (५८१ थीद्वीगुएागोणीहीने जीनेहीन गौहरायीली नेन्द्र एारीत्येीतरेसुमहायेन्तेनापर सेवन्धीताएं नीत्ययायेन्७- रेवाच्याडीपाये उष्टटुरे-कतीच्याउस्यैखह्महत्यावछूटेन्ट अये फोड झट्यानो डीपाय मीएाने पीवेसनो-लेपनीशीयेयाय-रेवाषट् हीनयोपडे हो ग्रयहुजनयन्पराज डीडामी मांषागे. फोडेतेलगसाय-सातहीनते सेवतां
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A
प्रवालसरणायायन्य
अवाणानोरोग र डायमुणमा वर्ष श्रीयुतसर्पुयायचीपत्यवदनेतेपडे नक्तत्रवालुगाय १ मकर सैंधवने सवएान्गुरीम मुनद्याय- घसेन्प्रयागाडीपरे-गणीने मुषहुष्प लियन
मध
न्यूयसलेममनारोगनो प्रहारानीय पोनाऐयी जीघ्नशीरासोयाय राष्टसुध्यना नी श्लेष्मरोगडेचायपत्रीए डीलयगसीन्नारे लासलगाय समेसलेम मसोयनान्पलमांपीऽान्नयन कुंनुंधीरंसा रजे जगतां हरियेजाय रेवानएयटीवरावी
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||५८२) सुशासंगीतपैरास्त्रायः शन्समापधुरयाय. । अयजमरीनो प्रशर नरवडीने रमां अगनीसरणीसाहायन्ताडीतातीनेरुसीएन्नाभरीतेऽहेयायन्पन्अपने तीन तान्योपडेबांमरीशंभ पारेपारोगीनेन्नी
योभन्रन्सीलोलावीलांगरोन्पारीधी येतमायनगीषांधेगारहीनन्पीडापाया। यन्उन्नीयरातीवारीनेन्जांघेसुगीसार
रीनयनांमरीन्नी येतेनीरचारन्ट । ॥ अथणयनारोगनो प्रकार आंघ तपीडमांन्वेन्मएमोशिशीयभगवं तु ममद्यताएंन्नाप्पीनवन्नेवायसन्य
गीरत्नपरोलाररीपारीमनीस् गंधातागन्मोरतुत्यणोपरनीसीभीए नरागसीहमीगनेराग जरमनीयईने] युनोन्मृगब्यापारम्हरेसोमल्मनन रियापीगोपीन्तमरलासुचीमारे मामी मद्यनोनारान्मल्यममनसागरवारे पाप
तीमनसागरमल्यमछेन || मयनांमसीनोरोगना पावसपणे
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॥ सुधारीतशास्त्रग्रंय. (५४ टी यडीतातीरळ्यायमणपंतीतेपाल मांन्नामलीगुएरीजनगायन्मन्नबीनने |अगरीन् राजीनोख्यायामालेमांमस्ती|| प्लांघतांन्व्याधीवारपसायरन्मनसागर नेमल्यमनोन्पारोपट्टीयाय रेयाश्रेणीपाय यीसगुहासंउरन्नयन्उन्य पेरी पडा रिजीपयसेन्सरसमापार रेवाषांमसीमा यभरे सेपरेशनय्यारन्टन । भयपीनारोगनीप्रकाराम नेऽन्मग्येशीलपेरक्तरोगनीय श्रेपोत यानासमीन्याटिगोणलगायमांसमेह इलेग्रान्तातोताओयाय अपीणीयुग तिगोरोनरसीतेगायेरपरीधुरी सनी सुगीरीशंघायन्मनसागरमामयीन पीरापायायप
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हरजीऐरले पयोथोरीयानुए.
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||५८४) स्थासपीतपैदरास्त्रग्रंथ ॥ राश्रीगणेशायनमः । अयशारीप्रवर्गखीन ज्यते प्रभ । यीसहयनेष्या परेशेपार स्वामीसमंधनानोमुग्नेवीला रिन्पन्प्रगटयायन्यमरमांन्शरीरसंलवहन रसतीषुहोययेऽनेन्लीनलीनसो हेरयम तत्वोटोगेययां पांभेरध्यिायेमन् स्वामीतेसुंए पातागोन्पुराणमुन्नेप्रेमन्न्त नतनयानेली मयेन्योयीक्रुर पन्नयन्युग्ममागनीयुक्तीये श्ये मीरमाथायन्टन्संगासर्वशरीरनान्गणना पुर्यत्वेहन्तेरेपाराश्ररेन्शीध्यसमीपेतेह-पन पत्तरोन्यवीपीत्रयस्तुदीधीनीलरेटीप शरीगरीऽश्यवीरोरेखीन्तेन्नागवाहोपरीयार लोन्तोशीघ्रशारीरतपारासोपा होरो, पापनरस्तुपीत्तयीन्नरनारीमाय- पुर्षवीर्यने स्त्रीरतुन्यमासमाथायरन्रामारतुसंलय येन्ग नीरागतरांग शोएीतरराक्रसमागम गलयपामेभंग-उस्मानयरीनपारलगन मगप्रसीतयायन्हीनत्रयोरानेसमेन्पेंडन्ग मुनसशायरीष्याहस्वामीसुरगोन् सती सिंगलायाया वीस्तारोतेलसगोन्तोसीपीस
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ww.kobaithong Acharya Sami Kalasa
शरीररि (५.५/ मनाया एनायगलगीससागर सुपय पस्तनमुपयायेशांमएना
समान्मेन्छनेिमुपपीत्तन्योनीसंरोगन मिन्यायप्रसीतयोन्यन्रोमर्षितसमलागेन सिंहोगयेनयनन्नमरकाशनणबगेन्नयस लिएपनांनाएमांगयोगगटशापीरह्योन्तपरे चारांजरेन्गलतगोसलपपयोग प्रमा व शेरी संशपाएगीसर्पनेन्ग नीपारेशी पन्यापीआयेडेसमेनुपतिनगरेलयर रित्तर सोन्यपुऐयेलेगीप्रति रमायर मसौ ज्ञानीजानसाथ्ये प्रीतीनीतीप्रपंयो सध्गुरप्रसन्लालनेहएयहाय्येन्यातुम गोरा रा रमपुरवनांन्तत्ववीरेलगमें रेवाप्राणीप्रवेरी पुश्शवीरनथुन्योगीतानाही मउन्य छंहलगी पॉगर्लनीलीन तामयायन्सुतासुतने लीमनेरगायन घएंगुकनेरतनीअन्यतायन्सेरक्षीपुत्र मुंअंगयायन्रन्यसेवामपासेरनुपुर्णजारेम निमाणीनसयभंगतारेन्रतशकसंलागा ||मध्ये प्रबकीमतेघारयातांछडेन्टन
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||५८५) शारीर प्रेम जनेयुग्मतेयायुपीनीनन्नएपे प्रमकुरते स्वप्न संगेप्रमाएगोन्पन्पारांरपूर्य सीध्यानसाह्यन महर्षिएगायमायेमगायन्द मनोरोन विपीरो पलपयता रवीशासनह पर मक्रपाणुतेररोरगेसासंघहन्छ- छतोटा उन्सुण्यसायड सत्यपनायुम्नेन्गुइनीगमा गिरधुज्ञानमूनेमा नरनारीनोसंगाप्रसंगे| यियोगदैरऊर्मनायोगयोगनरह्योर अती सिंगन्तुतगाएरनुन्यपुराणांह्यरमापर नुन् ललंयेराचीयरेन्घटे पर रोते रीने प्रगटेन्टन्दु धरोपीनमायरोन्न जितेनीशी पेरीमाएगायरोन्यन्येश्मासमान डिप्राशरलएरंपरस्तीराी प्रापएँ।
एन्जीनमासमां परवीरोगटेम्प्रतीश्री |अंगतपालेएटेम्पनीयेनपलोमनेमर्मन गोअंगअस्थीने लींगनांची स्थनोन्रन्या तसमतेमासयतअतीन्यायपये पीपास पानीगतीकामासागरापरीपर्गनमेन्ये वरीयतोसीएमलमेन्पायोगेउमीन रहेछुपमांन्यसेगांजी घाटेअधोमुणमान्सपना
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૫૭
शारीर प्रार्ग पोयातनाम्श्वेतांअनंतभरी मणमुत्रमापासे
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जीवासस्रीनवद्वारनारीष्देनलासपडेन नयनीसरवाशेर्घद्वारन डे पर क्रमहीरनी श्रीस्थी मागड़ने परमाने प्रांणी पोशरहरे १४. हीनमंयुध्याश्रीहाकारे-नवसल नेपणतीयीसरे १५ ननीपरजाल ध्यान। हल प्रांगरीमती मनप्रापेश्श्रन्धा रघारमान्नतत्वलस्तु येमचीश्वरेवानार सीईहस्युं. १७. प्रछन हीरो- स्वांमीयेन शरी रमोन समजालायसार - समञाची संक्षेपमां वर्गवीने विस्तार वित्तर. छंहमनहर ।। मासात आशयछे सातघांतु साततेमन् सात पीपधातुखात त्यासातछे भैएयते रानाडी नवरीने साधाणसे. अस्थी अंगमां धेरैऐयंसेगुंएगेन्द्रघात छे-सातशेंशीरायो स्या नमर्मरोहसीने सात रसवाहीधमनीयो गोबी नगण्यातछे रटेरेवाहरछे तत्यनीतीकरीत
७
वीजुघोनेामरी पीय्यारवानीवातछेप पुरामांपायरों छेश्रामीरानी पेशीयोने व नीतामां पीरानों पधारे लाग पड्योछे डायामां
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५८८) शारीरप्रवर्गः होडरायो सोगसांगीनेरीगडनेतना निरोजेमांयोगबीच सारंपपुइनाने ता
एपीनेत्रीएययधुन् रागनायेगीयाने योग रिंगयोछे रटेरेवारांरपडे एखडेतोयत्न हेरीयांनायेऽरीने घारघड्योछेगा। नाही. मी प्रयोगनीरीशन्यस्तुत्ने रोगी र प्रमरोणारीरासस पिंयनुत- पनागेन्बीउमेतनमांसातरेगार तनमात्रा: एनसीधींमारहीन्समनायोसो शियो-लायातमतिर मनहा अंतात. नर-मांसस्कमेवरे ते पराणा पर्ति - नुनामरुप्लीहानेयकामध्येच पैतन्य - पनाघरारीछन्श्रांतांपरेतेपुरी शपरागाहीन्यायाधरेतेऽगापीत्तपरामरीछन शुक्रधारेतेलगुवराणालणीमण्येवाडी ||श्यानीचीष्ागपापीस्तरीछेन्रटेरेपारारिरी
रनांसमंघपार गरीगरीरीनेऽणायोसातरी छन् प्रजन्सोरमे भारायअंगेसातरी
साइनेड्यारशाम्तेसमगायोयातन्त्रीयधीश |नीताचीरो०१० पीत्तर- छंहीशीतन्या
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(૫ પટલ
शारीर हुए. तीरमाहाश्लेष्मारायवसे-तेत आमाशयल एयुं तेतमेपामेनालीपीर्घेस्थान छे पाडतान १- तलयेऽछेतेनीत पवनारायोपंडीतल
हो. नीगेमनारायतेयहीन हुरपासनेहुनीयांग मुत्राशयोतेथीत पीस्तारमेशरनों! रह्यो रक्ताशयेल यसरीरमां जह्यांतरेवापीर ह्यो उपाभाचीरोछेत्रीय मेस्तनाशयला वेलएंगे नवनीमीया रामोऽकुन्गएयघारघ लायतएन्वये मापतत्वातीतपुर्वेन्डामा व्युपश्यम्मुनेश्वारसीचीस्तस्तु समत्रास रीपुछेहुने तीच्याशय समाप्तेना प्रश्न छोरो धातु सप्तप्रशरनी वगीच्या ऐनेह देविस्तने नांमशु समत्राची सौते पीत्तर सोरगे रसधातुने रक्ते- माँसमैं अस्थी रही मला शुक्र सुलम्त लक्ष्य धातु लावेरही. १. नेननलोन्यनभाय-पानी तेयायते येश्यैजील याय. मासेशुक्रमणीय हे. ३. पूछा- स्वामी शुक्रशरीरमां डेस्थानह मांचासन् स्यमथैनेगर्लेगने आतुरसुंएवाहास 3. शित्तर. छंदलुनंगी- सुगोशीष्यरांश
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५४०) शरीराः मरीमन्मयपीयापुर्षनीस्नेयीसंगयायन महामोएमालोनीलालीपेन्मराशन पीमिडशेपेरम्परयुगुक्रनेअंगमांद्येलाएते अतीयजअस्सीय साँपतेगन्तपीय मानलेलेरयुगणीनेमनेतेलणनेन्डन्स मनप्रीमयीपूर्णतमन्तप्येलातसोमारा तेखमपन्मयुरारानीरे पयेान्यतेमुन्च रियुपीर्यतेश्रंगनीमायहेबुपन्प्रीयाप्रेमयी रोनेतगायन्मन्मोररोपीरनीपेरघायन्जन मगोमोनामारपासुरलयम्मतोगंतुनीन्नमा मातेलायन्टन्पुरैनयछेप्पोयनांसर्यमतान्य वारसूरमानायगातार प्रबन्धीरोग सातयातुनासातोन्मेलयसेमगहन्भायी। नीयोमनेन्सोसमनायोतेहप गित्तरना
हरीशीत सुंस्पसुतपातयातुनेन्मन सातमापीययान्हीसातयातपयमतेनान्स्ये होगगतारह्मान नेत्रीन गोगोलन्तेना नीरनेमानीसरे रसपातुनतेमेलहेंबुन्देश्य यासारोपीसपारावीनारीनुपमना पानीसरे तेरक्तधातुतागोमनछन् नागने
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___ शारीरीः (५vali नीरमणरेषकलेगीमगनीसरेतेन्मांस नीघातुनरेन्नेरानलहारपीसगुन्मेहम गतेनीसरेन्डन्नमस्यीनीयातुनरेन्मगऍग मोतेन्नएजेन्यहने पीशरावीरही मन्मन मणमननांगोपन्श्रेभंगयोवन पीरीशन्स नसतीलहरीलगन् मगासातमोरेगुमयातुनी जांनीयोग्रंयेगागेन्द-रसायहीव्यमतीमन गमलानगंगातीरमारेपारसीडेवीस्तस्यान्म गसातसशरीरमांऊन पनरोप गिपधातुबेअंगमास्यांची पगरयाय प्यास्त्र रापरयोन्तोश्रीध्येसमजायन्मन् पित्त रातोटऊ पदीयातुयही डीपयातुमने समजास्वपतेशीष्यतने पस्तनमाया तेरसधातुत्तएन्रखरकतेरपरीकलगुन्न बनेगेनेशगेचीशंमरेवीनासमीभाग न्यामांद्यारेन्तुस्नेहस्निग्धता अंगवीरोमगीन है पीपपातुतेमांसनांम्हामुनीलेन्मे लिपोपीपपातुह्योन्तअस्थीतएडीपथातु यियो पजेसमन्नतपोभुनीयोपरणेगा | भोग्नेयुकपीरियेन्दन्येमधातुपकी रापना
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||५.४२) शारीरप्पीः । धातु -रेयारपुरेतेवराणीनेही प्रम मेरो सरीर परसातवान्त्वसारीमागचे
गणयनेस्युगतान्लागोस धनोलेन्टिन रित्तर उंहरीशीत अरलासीनी पिली त्वरान्छेपारपर्शहतेलामुन्गापमरणि पोनेन्स्थानयेसीमातएंपन्नछत्रगना
सोहीतान्तीलअषगहन्यांरिपोन्त्रील बस्तारमरगनसम्परोगरहीसनेन्रन्छ तामोपीपीएसमनुप्रागरपएंन्तमवे. विनीछेपमीसौस्यांनये शेतन्नेरोही ताछेषश्मी गागुंभांयायेती येऊमागत|| एीगारन्नगेनवल्वाम्हरमतीहरू स्युनान गएीत्यसप्तमीगयीमधीपत्यगायछे तम अरशीवरेयही गोयुलांच्यायछेन्यन्त्य सातनी नौकुन् चीहीध्वीमात्रभुनीगएन्ये वारसीडेन्नेरगी यीधीलमनापुत्रीलगन्द प्रभ रागसोरसीन् पात पीत्तरी एएशरीरवीरोरह्यान्यायएनाश होगी ध्यवीरोह्यान्पन्लेस्वलापसमेत स्यांत पासेनेसुरेन्परऐयारी हेतान्यांनुसार
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शारीर प्रवर्ण. (५३) एउरेर अथवायुमुंखसएगा ।
झुलगा चायुनगयानचीत्नागज वापाएं पन्तकुनीमध्यवासेन्गुएर नेगुस्मीतगस्वलापेअतीन् इक्षागवानों पंपगवीरोनीयेनानीमगारायनीमध्ये पहेन्अनीलअपानयेसर्वउँछन् ताणछेत्रै एयखमानिांमाएयेन्नीगेयेऊष्मांद्यरेखे रहीनास्पानमांपासणेपरोन्यायुसा मानदेयागीन्यक्रमालसनालागहोमेग्रही न्मुन्यांतेहरेअन्नपांगी ऋष्यमांपाएग वायुज्योतेरह्योन्श्याराणीश्यारानीयोगयायेन पियरमापछेडाअनीलनान्गुइनेमाह्यर यीतर्तसाह्येन्द्रमांचातरानशेपील्न एरेन्जोगीयोनालीनेमाह्यताएगेन्अंन्त्रणा ||श्वाशनात्रैएयपाशलहेन्नयत्रीमन्नेये उधरोपन ब्यानवायुलमेअंगामापीरोना न्यांपसेटेकतेने अनील-इपरेपारसी इसीयरेन्ये लाग्युषयुज्ञानवरके न्दु राय पीतनासलग गुणस्वाहा स्पानांमएएतेपर्णधु पीतज
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५.७४) शारीर प्रेर्ग. श्रीमने पातगुपीत्तनील सत्यगुंगतीत प्रवारगाये पीतायोगयी व्याप्तवीर मैन् रिडीहुवसमेवाम्लथाये. १ अतीस्थान बीपीत्ततसलार तेलक्षपायनउरे शंभ नाघरेनावधेनीत्यइपेरहे- पीत्त पसिना मतेनुं पीत्तदानत्वयैतीरहिरे प तैसाही पयचे दूरीने पीत्तनंनरह्युग्रंथीप्लीहा पीरो - रक्तरसनुंस्रे श्रमधरीने उन्नयनम ध्येयरेयुनांभालोमा उपर्शाचवाराम्युवेधा यीत्त साधऋध्यनीमांह्यते नीत्यरद्धीरेमुणमेधान्४ नांमपांगेरीपंडामध्ये वरेषु चीनाअंगनान्ार्यप्राये पीन्त पयतगीरी त्यरेवेरथी- शीष्यनेमांह्यत्राजीमतावे.प. ।। अथनां लक्षए। स्वाहगुएास्थान लेहपयनांम ॥ धारयसीएगो श्वेतला स्वेप्रती पीरछणसीतगगनघाटरो स्वाहम घुरारने गुंएप्तमोतेह्यमां वीक्रतीपांमतांया यजारो-१न्येन आमाशयेनांमक्लेन उधुंन अन्नलेगोलणीतत्वतांएंगे. शीशमांने ह्य नांमोहनसा तापशांतीपरीस्थीरत्रए
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शारीर प्रार्ग. मानामतेरसननुरभ्युक्षलक्षेनयी शरीघाले नांमप्रवलंजन ऋध्यमध्येरह्योन मुणमापेश्रीस्वारीयाले उ सर्वसंधीचीशे ष्मनांमेन यंत्रमांनेमहीयेलहेछे-तेवरे अवयवोचंगनाभालता उपरेयोयेऽनुन छे·४· घेतीसक्षएासंपूर्ण प्रेम रीरनासांमांनमां नाडीग्राहीनांम-शरल्या तेशातर परागोवाततमांम१. रीन २. अथनाडी शरएण- छेड्रो मांस अस्थीनेमेनुं बंधनरवाशन्यनरेपानीर
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(૫૫
मीनाडीयोसमञ्जुनराज्य-१० अथ संधीराग सांघासघणारेहना हस्तपाध नाने लंडनारनत्नेश्री संघीसरल्यानेह अथप्रस्थीहाररग अंगतांत्र धारभूत् धारेवाने तेम अस्थीसरन्यां स्वरे. लगीनन पर प्रेम अथ शीराश एग बंद हरीगीत- शरन्तु शीरा संघीत एगांसंधानरेहेपाधारी पाता ही होरी रसादी धान तु चेहेचरापाडा - अथ धमनी हान - धमनीये सवाशरीरमां रसवाहीनीने
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॥५८५) शारीर प्रतः नाडीयो यायुधमनरनारमाटो अर्थ त्छिीमी योरन्शनानी शअघोनमेनुनला पिलेरसरोमरोमवीरोनई सघनारीरीरवीरोम गन्छन् अयमांसपेशी उरए छमांस
सपेरीयो रत्नेशरीरचीशेगडी आधार प्योश्रस्थीने मगजरगेमेरेरीघडीट अय
शशराग नेउरामुमहस्तपापी पश्वरलान्संगनेअवसरामन्येयायश्रया तेरखान्पअथरंशराग नागानयन निर्णजमेर प्रहारशरीरनां शीस्नुगुधमुपता
तागुन्मगपहननरचीरनांन्द स्तनमेगा| रायपछी चामाचीशेबीछेयधुन् प्रगटतथापन शिएगपएन्संसारनुसाधनघुन्छन् रेवारसीडे। युक्तिधरी श्रीनीयेऽशरीरमान् घडीयाअनंतो पारन्यारान्नीमिमी नीरमान्दा अयान सार्नुस्वपने पराग सोरी पामा त्यनोलागोसारमारहेन्तेप्नीहानीन्म गन्देशातीत ह्यान्स एलागेनेहन
झानेपीन्नुलाएंन्यक्रतस्येतेहन्लीहाननांपाधारतेर भ्यागपणेमुषमारस्पन्ची||
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शारीर . (५८७|| शरातेपामेसम्भावएनेस्य संशेगाये| यारपी-नेवासरगोल्योगज्ञानीपूर्वनि|| घरगोन्बरमतीनालोगये गसम नहीन्न पोझरो परतवाहीनीनेशीरापीहातेन मुगन्यकत्पीत्तरंबा तागुंस्थानसशसमतुग परततारांपएस्थानछेन्मोरानीवर गायन पीहारक्तपीनेन्सनरनाथायरान यनाडीयेस्पन्नगचीमुयोचात रेवारसी उगोऽव्यांन्संजनासंघात तिीन्सस्य उपन् अथतीलमुंबसप गएतडीरा पीमनेन्यकतडेरी पारीन्यामनारामातेरसेन तीलनीोतलास गवाहीशीशत एन्सुज्ञोसमरोह आख्यानत्रषगारे लसपतीखनुतेहप- अथरनुलक्षणून या उसीगोगनपरतणान्पुरीनाइरनार रक्त मेहसारांशयी प्रगटेरङ्वीस्तारन्द प्रय शएशरण्यसागरीन्परागभास उमेऽनेन्रक्तवहीतेपायवीर्यवाहीनीलेरी रान्तेनांमुगमवायसम्पुसार यहेमारधुन मन्मयनुएरमुगन्ययरम्धिसाथ्येरयेश्वरः
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५४८) शारीर प्रवर्ण नेअनुगर अथलीगर्नुखसागशरण
लोड नेपीर्यगर्लचारी यरेछेन्सोस ततीप्रागरतेरेछेन्छेमुत्रनेचीर्यनीवासासारी, अलीगर्नुलक्षायेगीय्यारीत अथऋत यनुलक्षाग छंहलसीत- ऋयलक्षन गीतुनेवणी मनपुष्पनीणीलतीगीपन वीमतीनराछेघएगासुग्नेज्ञानयैतनीअयो| मुमेन्रन्चीवीघवासनाभेलरायछेन्अगमा ग्यायितीतेमुन्नायछेन्उन्यपणछेरेगामापही नास्थीरनडी म्होमस्यापीनान्ट होरो ए सातुनातेगनां श्राशय.येनेहन्ऋष्य तेहनन् एतत्वज्ञान-तेहा धरान रीरंपराएअर्यलक्षगन्लोडन् नाली गिराधमनीहरेछन्शरीरमांव्याप्तमयेरेछन वालरीपातयेथेचनेछन् सौगातुमारसमेग वेळेपूर प्रमको प्रागवायुतीरमांबसेछे ज्येस्थानतेनुंस्यमतेमसेछेन्सुलक्षीने तुष्ट ||मेरेछन्तेसोघ्यागुमुक्तेपरेछन्र पान
त्तरप्रयप्रांगवायु शरणर्मन्छ || हरीशीत एरपागवायुनालीयेते तीन
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शरीरप्र . (५|| पंपएगायछेन्शूल्यंतरेतेसप्यस्परिन्ब्रह्मरंग पन्नएतन्वीभुपामृत्पांनारीनेडमा घरनीनेन्पाछोरगीतेमागेस्वस्थानमांनी |नेमणेर संतुएरीगरोहनेन्वारनपण पिनपारेवारसीनापिमायेन्प्रांगने पन लाताएं प्रमोड स्वामीशेर येइतेनायटेकलांतीलारेशेऽधीतेनारे एमीमास्येसाघाशेसर्वपूछेन्योनायुराने मृत्यु नरपरांछन् रीत्तरगरीरने पसनर घिरेछे-पीपश्चीतोश्रायुगतेरहेछन्दैवाधीने तेहचीयोगायन्मुंनी मृत्युश्रीतेहगायन तीअायुराना मृत्युसमाए पोरोन पाएपज्याने रामगन्तेवरतननीयायन्तो मृत्युनामटेन्शोषयनेडीपाय शतरन रानीधिसुसर्यनीमीत्तीरेन्बन्म्योचते बनशेनलरेन्व्याधीहरे श्रीषधीयोऽधपीन्द्र विश्यमृत्युनमटेतथापि , अथडेहगुएग चीशे छंदपया धर्मअर्थनेसममोस मारगनोपायोसाधनइपत्तमांमन्सपगपुरी | समझायो नमोमयेरामयायनाप्रपया
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||५००) शारीर पूर्ण हेचो पारगमोसमन्होशरीगर योन्ते हुललछेदान्मरन्योरक्षएसोहरेन्रेचान रसीएगायतो शित्तरगतीघरेसमा अथसुमनेरमोहने ययानांशरगोन उंहनरायन रसायातुनेमगोत्रीयग्रंथ गायछन्माएपल्वायडीशरीरनरियाय छन् पन्समानयेसहरहेनयायशयमांग रेवारसीनेलल्येन्पीयानांपर्शयायमारन प्रमन् धेनपानश्रामीशवीराबरीडर मान्नयन्योरीटेगर्लते ज्यम्पापन्नाथ या पीत्तर- श्लोड- अयोमुतेरे पसेछन् नाशपणेपुसौवरेछे प्रवेश नेप बनेनयायन्तेजारऐगर्न एपीनन्नयल्प न छंहललीता परमप्रनश्रेपूछवुरानी पीवियपीश्वश्रायमरीययन्मन्बनणपीरा क्रुिरागयीयमतरीराडेमोहन्नणपीरये रएरमुग्नेगपोन्तत्वगोचीनालसगोल्न पोउ रोत्तरन्सोर पीस्पतागोपीना रन्सालयतेतुग्नेहुन्पा पाएगीपार छूट। ||मायानगयी। अयनगतनी त्यनि-||
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शारीरप्रा . (५.१ तयातत्वनालक्षगीना राणमायापुषप्रति श्रादीनांते कुसानग्या छपया आधी|| अरणअनंत पुरागच्यापलेलोनेन्त्रीगुरुगता त्यातीतन्नीगमनतीइतेनेन्मनचाएगीपरयेत अनुपम अएघरघास्येन्घरेअरुनिराध्यानन मुंनीश्वरमगामास्येन्येअवीनाशी येउछेन्टी व्यपअसरयुन्तेरेवारांरटे कोयीनगपाग रययुपछंदृयोपअक्षरयामवीरोरहे| तिहमायापर मुरतीछेनेह पन्तेअक्षरमारना शीरेन्प्रात्यंती प्रदेन्यारेर पुर्ष प्ररतीपर गरियायनीयोगपछीयरपायउन्गलप्रड तिधारएरेन्चीश्वतगीरपनावीस्तरेन्ट प्रया नपुर्घधनंतोनेछ प्रगटेमायामांयीते-पन्ये प्रधान पुराणगवान परेरीचीश्वनासरस्थान नन् अनंतब्रह्मांडोनापार प्राटेसपमान हीजगार उन्हेगाधनंतरीतांद्यन्त एमगवराएंश्राद्यन्र होरो प्रयमयेऊ ब्रह्माउनीसित्यतिन्मन्प्रेरीत्येसरचेतणी मनमांसमनोमन्नन् प्रधान पुर्षीययुन्म रतत्वतेवार तेथीत्रीवीपअरनोशरययो
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|९०२.) शारीरप्रङ्गए. चिस्तारन्यन्तामसरांन्सन्सात्वीन्अहंकाय जीनामन्तेपीने प्रारययुचरएएतेहतमाम प उंछपयातेतामसअहंजरी अपार ह्योछेन्सयरायरनेशीश-वीशीव्याप्त रह्योछेन येथीवायुन्नएयन्वायुयीन्हियायेचन्दियाकये मन्चीएवीस्तारीगाये नयीपृथ्वीफारौ ते सरगुतुग्नेह्यान्येमरेवारीयरटेन्पपलुतप्राय रपयांपन्ने पलुतनांप्रारनामामाराव्यात चन्ही गयी होरोन्मस्परीने येन सिनेगवगएण्य पंगलुतपीपययेन्पाराययया वरणायमन्टी रामपपरसगंवेन्ये पिपलुतीपंगवीरायप्रगाछोरो पी रामधारयी राशीयनिहन्दीस्तारीतेपर्ण चुन्द्रीयापारेतेह अयज्ञानद्रिीयोपंग तेनाम शेरोन्शोन्नत्वापसएछी रसनान अपगगायरायीलुतअनुक्रमेन्मानचिराया पाश-पन्थीयोगिनांमन्यापारी दीन्युजर्मशियेपंपरायीनुतनुच्च मेन्सरन्योसएगोसंपरन्दीपाशियोलवीजानऽर्मनीनेहन्येनुतनीयेत्तिान्वरतेनीराधीन
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शारीर प्रा. (६.७ तेह-उन्चाएगीवायररेललेशनशिशऐसासन पापीत्वपनी पीजरने हरेनाडांगेन्नयन्प सुगी तवेस्थानतान्यपिगतेपासरसनारसगाप्रेग्ने विषण्यायप्रकारापन् पाएगुनीयेऽतानगंपताष्य रोजानन्रेवायेअनुक्रमनुब्रह्मवेतनेलानन्द अथ पंगलुत ऐयपीशयरलानेश
एंरउर्मेद्रीतेशेएक तमोगुएण्यीययेला आयपायुविन्हि बनाएथ्वीनुत-पीसत्वगुएरोया तमोगुएपीयोलारामाराई सरसागंपन्दीराय पसरलयोन
गुगयीथोवा शोबात्यायच नाघाणाशानेर-पाचतारा रन्मेगुएरीययेषांना पाणी पायाशीष्ट्येयधनीपानरयारन्मय निघुद्धि-गीततेपछी-अहंपरब्योत्यारपल्यौ देवशारययान्सत्ययहीसोन्मएयन्येसरयेसमय यीन्छूटेमेगाताएयरन्पुष-प्रति-भागनेमा तत्वारीस्थीतीशलयलययेशीसमन सूत्योतेन्श रीष्यसमझायनैन्यरगोलस पाययीतवीरोचीरातत्वनामुष्यप्रतापीना मापन्ट रा रायपुश्पनांस सग एउंछपयन्ना' पुइगप्रशस्तीनी यंत चीन्नतीअनंऽश्राप स्पर्यन्नेतीने सत्य
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gene
||९०४) शारीर प्रत अन्तश्रमापे छेोत्रज्ञसघयन्हीव्यवी यहसपीधारण सोधाशरतापी पति रगन्येलसएछेपुर्शनां नीगमनीरंतर गाय छन्रेपारसीअनुलपयडी हवीरोरसायछेन, अयपर्तिलक्षण छहश्रीगीत छ इतिचीगुगात्मने ब्डपीघत्मालारेनमुन्ने नीविरोगनेशप हेवीन्मुगमहतत्वोतएन्पन छेवंतुसोनुक्षेत्रयेन्रीतिसरानगवंतनीरे पारसीऽलग्यायन्तेयायसाह्यसंतनीय लसएन्र अयगर्नुलक्षाग गोप गुंगसाम्यनेनीरवीरोरान्महा| मायानी मोरोशन्पन्क्षगसएतेनासीलग करेन्गतिपणपाछीनाझरेर रेयारसीडेसर देखह्यांसगतएलक्षागयेऽह्यान्सर यिमहत्तत्वनासरगम्यवापीतनाला साग छहछपय पीत्त अनेमहतत्व लेपएछे हेमान्सूक्ष्मइपे सोचीश्वपरयुछेस पणुतेमा पोत्ये नीरवीकारीनीरंतरनीरमगरह|| छन्गुइसत्वमयांतपशरीपलानोहेछेचा सुध्यसुरतेह्यनी पीत्यनसीमायेरेकरेवारन
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बारीर प्रवर्ग सीसमापिडी साध्यययेस्वार परारेपन्न लक्षगन्छन् अथ अगरनुलक्षगन्ज हरीगीत- अहंकारयेत्रीगुएरात्मछे सो लुतऽग्रिीगणलएं अंतःपुराणनेयतासोपा एीनुसागरपएनन्छेांतघोरपएंघीमुठा रोलसागोजीरधारोन्लारे रेपाश्रमाउधी किारयेतीपारनेर लक्षएप अयममा ननुलक्षए धारिचीग्य सुंरीपारी समयपधारयामनाये रितपत्तीनुसरण संकपयुक्तनीरंतरवासनायंतनेरेगनुधारत गनशियोसर्यनयेपनीयंतछेन्तेवपराम्मे तोचीश्वनंतारगयेमनसक्षगरेरेवाशंकरन्न साध्यययेसोधेरापीघरगन्पन्क्षगन्दी अथणधिलक्षगरीन्सर्वपधारये |शियो पीरीपरयुब्रह्मानन्रीयनीय निस्मृतीनीशलानपन्येलसगष्णुन यीतरगांन्नीशमनीरंतरगायन्रेवापस येत्यनान्मारमापनथायलसएन्छन् यशोशिनुलक्षण तथाज्ञानहेरनी त्रीपुरी होरो शत्री पाणसुरना
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||५.६) शारीर प्रत लांनीष्मनुयायन्त्रीमगीतत्वातारानुरेयानी| गमगुंएगायललएर अथा त्वासक्षागहरनेझाना त्यपाध्यमाइत मणे ज्ञानस्पर्षमुंह रेयाभूनीली गिपर नीन्त्रीपुरीन्नतांतेहा लक्षगरू अ यसुखक्षगरनेज्ञांनन् ओष्योनासुर अपनगरेपनुज्ञान भीषुहोयरे तीन मन्ये गुंन्यसमानापाससएप भूय रसनाखतागदेवनेज्ञान रसनानोसुर परगन्मरेनमुपपीनेहपररसज्ये श्रीगन्नगतत्वेथीतेबपन्संसग पाश व घागलक्षागज्ञानदेय रोधाएग जानगंपनुअश्वनीकुमार हेयन्यसुधामांयीची स्तरी हरयासोहरोपन्लसएपर श्री यर्मीयतर्महवन होरो पानी पाप पतीपायमसहायरेयानलयोनीपनीन्येडीयन नीराध्यायपन्लसएन्डर अवहस्ती उप. एस्तीपीनायसुरन्दरप पक्रमहरेवाअनीलयी पनीन्त्रीपुरी ||मगपातेहपखसएन् १ अर्थ राख
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शारीर प्रेडर्ग हर्मेंन्द्रीय हेवनेर्म भएनीनाचीसुर
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गती येर्भगाएगाय तेन तत्वयी रिपनीन्त्री पुरीनी रयनाय १. लक्षए-१५ प्रथ शीषलक्षएा हेवनेर्मन शीहसुसुराल पती वीर्यमुत्रगतर्म-नगतत्वेशीनमीयेन पीआरस पर्म- १ लक्षएा-१५ अथगुद्य पैनी हेवने कुर्म गुहाहेचयमयेनान्दर्म त्यागवीरन्नएय- प्रथ्वीतत्वे प्रगरीयांवेष हेछेचांएय १. सक्षम १७ अथ शब्दल साएग. छहयोरसो, शब्द अर्थसर्वेनो श्रय-व्यवहारीषुमारगनुंझरा खोलनारनी लत्यागावे. दुसाने लास्पेनीधारा ठीहल वयेप्राशथतीछे व्योमवीरोवशानुंवाए रेवारसीनुररएरेती नरनारीने ननीबा रा. साग. १८. उपयस्पर्षनुलक्ष एक छोरो प्रेमजने पी तगरीसहाय समीरथी ये सर्जियो स्पर्श त्वयायेथाय १लक्षएग अनु
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सर्वपहारथनान्प्रहारन्दशवी
लक्षएानहेवाभांत्यार. १. गौएायो वासे सौ गंम
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९-५०७
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५.८ शारीर प्राः शिरेतमपामेपरीगांभर तेक्तत्वनीमात्रा रिन् यसरेनेग्ररुगनारेउ रेवारसीना हिरीर मलद्युबसपश्पताामेऽमुन्टन्लक्ष प्रयरसनुवराग मधुरतीक्त पादुने मारा उसायलुशेवारपन्गनीतन्मण बायेरे रसनाईटीग्रहणनगरेर लसएग १. अर्थगंधर्नुलक्षणा सुगंधने य] उघांपग्रेज्ञान-तनभात्राप्रथ्वीतएण परएंवेनुमानन्पन्लसएन्स अथ प्रथ्वीलसाग छहरी गीत धारापा उसोलरनुनेस्थानलो चीरोनएमुन्ननअाहीय्यारेनुतनुंछेनेचीलाराऽस्यापरगुंम्पनी सोप्रांगीयोनापरतेन्नायडीन्नेपिनेन्न शमीग्नुंयेस्थानधातीलाग्यलु खसएर ||श्रान्सएर थनगर्नुलक्ष एग होयड पार पीव्यारीनागन होन्पीडीजीपीथायेपरेपारपरेम गहमेशानीपतिपलमांपामेन्शन्तापरव्ये जप्तीगुंगनेते बनशंपी-लयनपोरेशन
तन मन्येनुरलागरेवारस्यनगनुयेब
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शारीर प्रार्ण (५०५ लगन्टन्ससाग-२४ श्यतेनुलक्षण
छहयोपरि नाहीउनुगापनपाएंगी तनीपारएतेमगलागारागारयामा नगरांनन्सुपात्रानुरेगीलांनन् पसल गतेकोमारान्तेनताएंगेलक्षणयुन्छन्ला लिएर अपरायुनुलक्षण रमण शिअनुरेपनरन्त्रएलेगालेनिलमापन रामाशिवीगयोनेरेशोभाशमाघरे रसोईनुप्रात्मापन्येलसएगायुन लाउन्ससागरण भय शाशरान। लक्षएर छरुरीगीतअपरासी पाएगीनेसोलुतनेएगीनाएंन्तनंतेमनेणाही तरे व्यवहारनुशरएपऐनअंतः उरएने गलची शिगएजेमापसेरेवारपनलन बरेन्सुएवायतरांसमीरलक्षगन्न श्रय लक्षागर छंहहरीशीत येरीत्या पुर्षपूर्तिनेशगाधनांलक्षणह्यांन्यैतन्य रमणेरी तेतत्वसौरोगेययान्यन्तेपोत पोन तानेग्मी तेवरेाएगीत्यरादेपलरमांक गररे मामीनरहेमानरारन्तेलरनेश्वर
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|५१०) शारीर लगा हन्नंगपान्नुगतीऽरी त्रीपर्णनीसंजाय। रीम्सुरस्यइपेयीस्तरी-उन्छेस्युगयुसमन रगन्त्रीलयना हेलगवान्तमौराहेहेऽश्विन रतागारू पीस्तारसाथ्यवसांगवान्हवरोरसुत्रात्मापछीन् अव्याऋतित्रीन्नेलएश्रायुत
ध्वीपरार्थनेतान्देहश्विरनातएंए पैराटन नाहीनयेऽमातेगौहमन्वंतरपोन्हीनतेपडीतेनी नीरा नेपारन्नेतांनयन्डेन्मन्त्रीलोनीीन मास्थीतीन्नीरीयेनीपातनयायछेन्तेनीभीत पिल्लेम्डामुनी ग्रंथांतरेगुएगायछेन्छन् श्रायुष्य पूर्णरह्योयतांन्सत्याहीसोऽपडेसी महीन तत्वयनमांन्मगीरतीपेसेपीरन्ते पा ऋतिपल्ले योन्प्रतीपुइरोलगेन्तेपुर मायनेतनन्अक्षरचीरोआचीमगेन्द प्रल्सेते श्रात्यंतीइछन् नीरपासनीनरयारल्यन्तेजन पल्लेन्नएन्योन्नडताननमनील्लयल्यान्पन्न रशुरपयुपपीतएगाहेहेन्दसरोक्षगमान्नयन्ते. नीत्यप्रल्सेनीमीयोरेवारसी गुगगायछेन्पा
रोयलक्षगसत्तापीशप्रान्समरान ||प्पीसक्षन्तेलपमालरहनहींन्सोपसमक्ष
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शरीर प्रति (६१] पन्तत्वातीतपयारीनाम्पारंगतनयाय अची नारीरीयेमन्तोनमहाय्यनन्नयतीन्प्रभा गरीशरयुगगरीरनीनायनीवारोभावनेमन मतायेयोमटेश्यगुसघरेशान्पत्तिरन्येऊ लुतनांपेये येमएं ये एपीरान्तरेष्टरद्वारे सुन्न रसादीशायरन्यस्युगोहनांतत्वोनुरोटर
शिना
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चिनीमाता-1
मारुधारना या युक्र लिए प्रसार आणसगाएत जरी) जापन नारावाण.Xमांस
वनांमांसाएगीत दिलना पायुना नाडी-शुक्र मानवायुना)
त्वरा सघ Xगंता सपना रोमः स्पायसन
ध्यनोमा
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रोल्पालुतनालागषेत्रणेचेहपुरयाएका गश्रेधारियो न्याय्यारमांनएयरूप ऽतीस्यु चापलीकतन् । अषपंपलुतपीलागलक्षण वर्णन छलीगीत अपनीछे अधीअस्थीमान्नेहपापसुशनासमी-ऐनीमलूतीच्या रमांन्गुंगसायहीसोनेगमीपस्थीथीसुय सपारीमान्डोनामनीमाश्रिापरोन्तेतत्वीपटया
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||९१२) शारीरप्रति मालव्युन्गुगलसगटाचरीरशोएीत रिंगेवालतेन्छेलोमीनुमारेलाएंबणतत्वमा
नेभग्युन्हीसेश्चीतलारेपांग ने अपनी आगरामारही भातापसेनेहेमांन्तेतेलना तत्वेलग्युन्न्नेखीनताछेहमानन्संग गवसुरातगोनेगोगधारेयायछेन्तेपायुना तत्परयोन्तेथीयरगरसारछेन्पन्नुश्री ख्याजारातेमगरौलनेधारएरेन्भाशनाश्री गिलघुलेग्तुपोतेमानेन्दुमणमुग्यायो लागतेब्नेगुक्रौदहेमांरघुगरीन्दण) रक्षपोनेन्गलनुशरणद्युन्छन्गतत्याने नेपरयुगपीछेरचापाएीसजन्टग्यासमुनगयो गमाटरेन्शुक्रतुंमीनेन्ट बननीमश्ररशाला रितेशैय्यारतत्वोमामव्यारब्नेमासमाटीगेडगेम गालागनेनगनालण्यानरमंतीबभीनगन्नीथः
तेतेग्नातत्वेमगीन्मारमनोपरीपतीन्णे मोहनीमंतीपागलागछेशंतीवीरोन्ते रिशरण्यायछेन्चरमाणयौवनयध्यतेन्याने
तरतुन्नराछेन्पान्डेयलनगनायीययुक्तो पारीनीपेरेबहेन्तेसमीरलुत्वीशेलव्युतम
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शारीर पर (९० शेऽनुनीयांउछपरागअंशमशिदेना गपनेरेयापामुन्नाशिनाचंगेलयुगा उशिरोमारोमान्मन्नतेनीमालागनीन्दा निमायापागारयन्धिानीलगायापलेला रवीरतुरन्नुतेसहीटनेतेग्नीनाडीया सर्व रतापनेतोवीराडे लुमीतगातत्वेनगीनाशायी रोपीरउपपलब्नेमत्रतेवयीमन्युन्छेमता हिमापरीकागतत्वनानेगुलग्युन्माधारयेसी मोऽरीन्पान्छेएसनगायोतेनु गतीहीता। महीयायछेन्चायुनातत्वेपरयुन्तेरीमीर घर नुगायचेन्न्छे तेन्ऋत्यारामांन्रे हेलिता तायेगीसान्थाडाशनातत्वे सोभेराजेन यसपटत्यायुतागोचीलागनीसेन्तेतए शायनययुम्छेवेगवायुनासमोन्तेयी सभीर घा स्नुह्युगमछेनीमलागसमीरनों सैलूतय्या) रिमारियोन्तेसर्पलक्षणसानगो मैत्रेनाल्या माउनयोरुन्नेत्वायैवायुतणीन्सौरपथ नगीलयछन्तेलूभीनातत्रेलगीन् पूरेणी पियरायछेन्शन्नेस्रेश्वारोवादीन्टेना गरपामेहेहमाननातत्वनालूतेन्मल्यो
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११४) शारीररुः यणवत्तेहमांशन्सोसायछेन्चसमीरथीप्रागटयोपरीगामतान्यांयीययोनेयांगयो शिरीष्यराजपामतान्२3 ब्लेवायुनाशोधएयित
छेत्रगानुप्रागरपाएंन्पगतेबनातत्वेल गीतेशहनासरणीलाएंन्टन्छेग्मनीलग उरामा वायुपहननुस्थांनतेन्तेव्योमनातत्वे चरयुन्धाराष्ट्रमतीयांनतेरपन्धाऽरिअर धात्मागर्नुन्नीरव्योमतेपेयियु-पोलाएपोयुग गनवाणुन्थ्योभनाररमारान्रफन् अघुरा अाधारतेन्योलुतमालागेलग्यु-पीस्तारतेनोचन एगेन्मेशव्यांरा मेऽच्युरोरोमनेछेगाय
पीजुनतनत्रास लागेअनुलवयोगयीये सहलव्युादारानुटपए प्रवीनातत्वेपन आहारतेयीयेशनोन्चीस्तारपामेच्योमयी छे। लारत्नुमीतानो पालागअंगावर डरीनेोपमायछन् प्राशयारण्येशन पर उपासपक्षतगायछेउ० गतत्वनानेगेमन
पुन्हीसेवीलततेयहीन्येलागर्नुखसएयुन स्तित्वनापेटी उपन्छेशुन्यनीं सर्वथामा ||उरानीतेशरणे गैतेबनातत्वेलणी-घेराय
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शारीर प्रेसर्ग
सोननघारगे उरतम् प्रसारणआमशनुं पीस्तारव्यापम्नेानों चायुताएगातत्वेवरेयुले योतमासोतेह्यनों-33 पयवीशतत्वेयेपंयनांन पंपीग पंडीतला सतनऽनेहुजनों वे स्थुगमायानांगणे ३४ स्टासरवनीतेन तुन्तुंयेनतेल्हारांनी तुच्छ्रसंगीचीकारीयेतन सोनाहीसर्वथी उपन सोनांमनीय
चारनां नांमीनमैतांबडे नम्रीहट्नुहु
उतां तेनैमांडे 35 छे अनमयते राधी प्रास्युन हेहे प्रागरयेयोन पीस्तार रेवारी रेगुएा लक्षागोसोतोऽह्यो- ३७- ।। होरोन अनथडी डीलवपए-शोएगीत शुक्रन याय - तेथी स्युगतनुंषने-नीगमनीरंतरगायन लगतयस्थातेानी तत्वन मेहेतागीराछ
वीरान्प्रमरसमीतेशेष्टअरपीरा
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(૬૧૫
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प्रागयजस्यामुघमिणत्यायम |
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अश्याज्ञानहीन पयामचना गिनाये स्मानिन्धर पियाम गोवार नेपाली चारोभातागायतत्वमा आधुहोथे ये तीनतरण शिष्योग वा स्याचीरोजडीतगायपाये -नागुनेहमुगत पाणि होनेना डोरीरयेस्यममाथी-वीस्ती परीवार | पाय गमनायीगरोह अबस्यालरनेस्पान-लोगने रायगुएन्मा यो मानपानपात्रायेअरपर रेपास्वपतेसापर तीस्युज
- अयस्युनोहरप-पर्तिनोतेनांअष्टांग अंतःविनारीश्यानेतेनाका नानांमः नानाभः फ अपस्या रुप स्थान लोगः | पाया गुदा मान
स्युण नियतयाचारायशु स्युगगरी रन्ने संसः संघमाः सुपि. निमयः छहार
जीतनः नारायएर अथोड्युएन्न्मे पासनेचेन्नुपान ध्यान | महंग्य मानिमानः सरेयः यायअंत्येनारपारंब्येन्स्युगएचरणायम स्युम हस्पचीरानेसुरमरिनिहन्तःक्रएशियो प्रगटोयेथीतेहपन्न तीरुगुएसपुगन्
शारीर प्रता
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लोमानी
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शारीरः (१७ पसुस्मोहनापीरासुस्मपतिनप्ताननुरोटा
एएमहापारानांपायुनांना तेवनाजाने उगनांप्रथ्वीनालुत्त तमगपंपरागपंपरीपंपापी पापी-पराया
लोत्ता पीपाएन द्वारा रोष पालो श्रंतारण मान-सगोत्रदेवी वायाध्यताम
शमस्फुरए मारेछेन्ऽर्म तेएगेराष्टसालाजीतेएयेऽरीने ||आप चताचीन सर्पहनीसणेतेचीनाडेगे राष्षणोसेछे शष्ट
घीयोपानेछेत्रएशीपू पीनामुगो.
यल्पनासमनाय
समाननाली मन-संल्पची स्यानरेछे-धमत्वयाद्देवता या पाएगीयताच उल्कपात्मरदेव धनरसनेरोम युतऐरीस्री पोरीनेपथ्य
मातेएयरोमप्रत्येनाडी शीतभाडोमनपसेपुतेडमी पर्व संपारेछ परेप्रवेराय गतेण्याची परेछेन्तेवानान
घनस्या जुधि-नीश्यया नमारेछेऽर्मशपिशुपतासु पगरेयताप | तेन्ब मापणह्माते नगनोदीलार्यतेोऽशय इतरीन्नरों
एोतरीनीश्यय गस्वपऽख्तेिपीना पारेछन्तेपीत उप पायछे. मातीहीनाजामपयायक्षेपांगणोपाय
पीत्तचीतना पणऋध्यमजीहानदेवता शीध्नुन्हेवताप Im-महेपनाशयरिछर्भ २१४)पगतेऐन्नपतीन्तेन
गतेएरीमाश्यायोश्चरिशसस्थानापरीपोरायमुवाच रगारेछे. रेछे. पछेन्तेचीनगोपाथायरस
नगएराय- दीनानपुंसह अधर अश्रपान युध घाएगवतागुपदेवतायम प्रथ्वी पर वश्ते स्यानमारछे पनीडमारते तिगेरीमणत्या । गिरीमुर्ममगेतीत्यागीसुगंपाप गयायतेवीना[ उफ़्रयाय गरेछ. गायती नायः
नानेसुघाय
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स्थगनेसुक्षमतरोधीस्ताप
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||५१८) शारीर प्रवर्ग रमेंतुलनेयोनीरसेपतुंरतानपीन्तेमालयी माहररह्योन्पपीशीपुरगतीपथाऽर्भ जिगछेन्समीरातमतेलगोन्सतसंगर्नु येलागले. २.न्शुएयशीष्यराजसोरगे युत न्यतुंगाशरह्योन्सालीअसंगीअगरअनशन न्ममर्यरहीतज्योउन्नंतःएगधाशनुंजी नेलोक्तायाएछन्तेव्यानवाहनपरपटीनेन्शो ब्रह्वारेयायछेन्हाछेरापीरीयीरोइपीन्याया अनुगश्तेग्रही जाणलडरेतेधशा योन्तुअलग येथीसही पर अनुगडे प्रतिगरीष्टोन्लोगची सुमदुमयरेन्तुसासीयेसरयेतगोन्नहर्मयेत्हार ग्रन्दन्मनवायुपीजीलपपयुत्परतानेलोक्ता पायछेन्राइनसमानपीरोयटीनेन्त्स्यारेन्न यछेन्छन्ते स्पर्ष वीरायनेलोग पापीरह्यो। रोपान्हांन्लेशिीतसमयेयस्कटांडे यांमेलेप प्पोताहान्टन्रोमणगणनेशीतीमेन्भनय रसुप्पटुमसरा शतुसरारीश्नोन्ग्यु तने
भापास्न्युष्यप्रगरौतेनयी-डीवाना इनपरयूतीतेपसुनहारेबाने इपपीरीयवीरो | परम्सायररगरीयापारीमान् पन्नेवान्न
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__शारीर प्रश्र्ण. (५१८ राजेन्तेपीयडेअपीयकैन्सुप्पमनोगी या एछन् पन्तुंअपीअवीनारी धातमन्तगत ब्योगतमामनीन्अद्वैतत्रनातीततुन शेवीराया तुशमनोपरगीतलन्मीयुगगनायजीन्तेपण एपाहुनपरपन्छाप्पेलापीने रसलोन गवेडासहीपरन्तारीनुरोपासाह्यमान्स रोगव्यान्याराधरेतीक्त अाम्दतपातीने गीतरोऽनेशीतारे पहन्तुं प्राशिये पेपनों रसनोगत्कारानथीन्तुपुरगने परमेती धुन श्रानंतायेसर्वयीपपन्अहंकारनेअपनीत गोपियरपोत्येश्योन्याइनअपानवीरो यिटीने घ्रागनाहारेगयोपान्तांगुधारोपाप नई मणत्यागपुरमयी रेपछीपुष्पअत्तर अन्निनान्गंधनेपोतेरेन्तांसुगंधीरगंग गीसुप्पमछे हारनेन्तुन्नगतेसरवेलएरोन्पा मेनहरीतुनपारनेरन्येगुस्मपम्पीतत्वनीसय विक्रीयातुननेहीन्यारसीले मोल्यमान्यजन गन्ने शारदीप शोपै मोल्योनाग्य नांभीररीरापरण्यांमेतत्वोपपपीरापन् अपा ||शाही पायेगमगीयांध्येमारीनप्रसंगना
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७२०) शरीर पूर्ण २.ल्याप्रगटेन्मालययान्तेनाघरनुबगएन यमन् प्रेरीत्येपाओगमानन्तोसौसरीयां|| महारांशलन्टन्गुङ्गेसालण्यराणीप्रेमन्यजन थीरीत्यमतावुतेमपन्छुय्गाअंतापर्णगण यऋष्यापिीतेयायन्यन्त्यांची प्रग त्यालयलाएंन्माट्रेश्रेश्राहारीमतान्छन्व्यपा नयायुसर्वांगे पन्नलनीपेन्यसानीलेपन टोत्रमनेरीष्टननेहन्यागात्रैएयेनलना तहमन्तेपायेनान्नएयोपारन्येश्रापाशतएगणे चीस्तारपन्मनयायुतपरंपगधायन्तेयीया युनुवराणायपन्समानपोत्येवायुछेरुत्वा अनीसनीशियेइपरस्पर्षगुंगपायुनाइयोन पाएगीरीयस्यामेरह्योल्पान्येसोवायुनोपरीया रन्तुगतनतेनांआधार पहन्मुध्यिप्रसाराचा गीयेन्तेायरीगरीछेतेनन्पएन्धनअन्न तपालगसनशनगमाहोमेनापिन्य गिरगहीयेमन्तेस्तत्वयीपगरीतेमा उपतेननोगुंगडेचायन्तेभारागेतेपरन्नयन्यूट यीत्तयीनुतन्गवतगायन्मास्नायुनगन याएनन् पाएनरेहेन्नयागारम्तेयीये
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शरीरप्रवर्गः (९२१ बणनोपरीयाररसन्जीबाईशीलणनीरे नीत्यपाएंबेदीनणारेन्रान्स एइपयेग गर्नुभहेन्मुत्रइपोपीलगपहेशकागोगुं| पिनेरसध्यायन्तेयीगीतनीरंतररहायसन अहंसर बालारीह्योन्येप्रवीयाऐघाययोन रहन्ऋपानयेअवनीनालागन्तत रेछेमण नोत्यागरपन्गुघरलुमीनुलएरंगयांगत त्वतेनुमीलगुन्रफुगंगप्रथ्वीनोपायन तेरेचारोउरगुएगायर शेरोतुपरी सर्वयी अाहअंगछेहन्प्रागमनोमया शेरपिी चीरक्तवरगोन्पन्प्रागरसीप पांगरीर मणीपाएमयशेशन्तुष्टाछुतेहना स्यइपपीरातोशर पछीरीष्यशिरीन लहुलीपाएपरेकीयारीहमारताना शयन् शित्तर नांगमनेरगये चित्तयेग्यारन्मएंधनयरमोन्येशीएम एगीरन्टन्होप नागडीभावेोरखा सरपंरयेपेटयदानालारामधीओग्यो मीरायअपलमा घाडीवायरम्ऋण पिछीरोषणणयन्वात्तगासुम्पयन्उन्ह||
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५२२.) शरीर प्रती
धनंजय देशमन्जएवेयैतनसरणीहामना र पाएपगेनवअंतसमेन्तोाधनंजय हिमालमेन्पन्शमलाउन्नेसलायत्त्व तोडी चीनीनब्रयन्एन्प्रापपरीपाएगयेहन्दी
आत्यमधननेतेहन्छन्तेहारानैतुनतेनन्या त्यीयणगएछेयेन्टस्युगशुदमनोह्योप संगन्तेजन्येनैतारांशरूपयनुतनाये पान माशीपासरीपाडेमान्सौपीपरनेसौन नोलूएन्रेयायनसत्यस्यइपमा ती स्पुिणवर्णनसमाप्त प्रयासुदम
नांभारअंगरोष्टउसष्युछन्। कि भारताला स्थानयोग यायागुणा भागीणोनोराही
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रिरमाव पातिपस्यावासना मध्ययसत्वामीजाशीबवलमघरना विस्थानामानन· लोगवायागंएतमात्रा
अनार चीन
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नाशी प्रामावतन् घइतनुंडेवारपात्रीनसारण हिनोन्तुस्सागुणवंतन्नुहोमत्युनन्मयीअर तअण्णीमधनंतर शीराइमेहना घटापुन
येडेशन्त्रीनेहेहतमेऽह्योन्तेशरएफुहेराउ हुमागुनैएछुन्तेश्रज्ञान अपारगुश्शेतु ज्ञाननै ज्ञानपप्रवीशरन्न्तु जाना
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* ૨૩
शारीर प्रेम. यतोनलहुआयात-नडलंएगेनै अंग हु प्रीछे पंडीतप्यात पाएहेहेन्अज्ञाननोन
1
*
तेरज्ञांनसासमन्त्रीमुख्यतु-कुंराराग येमानन्द प्रशरीसूर्यसरीजडो नलपैअनी रसेपन्सन्तामयच्यापासरण मोग्याने मे ५.१. सोपे. साक्षीसम्मतगोतुयेमन्तु रामारएानोतेम हेतु · 3. करे. सोपक अथारराग हेहनांचष्टांगनुमेष्टर योपै- छंद
1
P
लगत स्वधूनही
हेद- अवस्था लय स्थान लोग वाया गुएा मात्रा
सराग सुसुसी माना
हृध्य णानं परियत्ति तमोगु
पा.
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मजरा
λ
लवलेश सुन्य
घाट नीशनी हे
पात
सौश्रज्ञानपीरोजययाय लग्यापुंचात यानसुने सुतो फुलात जेमाशीनाएं गुडेतुज्ञाताननंत सुसुप्तीनां द्राग तीपंत ४- नवापुतोज्येमपैर नमरीनी रायैधेरूपन्तत्वनोसर एतेन तुत्रप्रचीनारी रुष्टयेन दुसरा आनंहनीश सांगतांवर एऐसंतोश मुणबीद्यासत्यमसीन. तेथीचीची धापत्तिहीनन्दनीय मोने-प्रमोहनुप नातांनस्वपशीष्यम्तेलसाला
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| ६२४)
शारीर ए घुढच्र्ययेत्रेएयेतो १० गुष्टिपहारथ नेहरू तेहश्शीने गरे नेहरू पन्ते रिसीमानं नयायन्ते प्रीयहेवेनांमगागायर लेनोलाल | ययेप्रानं मोहम्हीवरमुनीचंह १३- तेलोग चीनेनेसुनयाय- प्रमोदतेने पंडीतगाय-१४ ची यता संबंध रेहे मेशानंदची नंनरे श्यन्य आत्माछवाहन येथीयाय सस्वइपने नासमआय
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कुरुचेच्छानंदृप्रेमाशऽलांए-तेल्हारायैतननेनंएय १७ शरण आनंहनमेशन तुतेनोसाक्षीनी हेशिष्ट- होरो इष्टपदारथनारीते प्रगर अवीचा साक्षीसर्वोपरी ने हसरीधनंह १. लेयत स्वप्र सुखोपती- लुंत-लवीश जूतेमान तुच्ात्मान त्रीगमां सतुयेमास्पनांन
जगताही वस्थातो लागनारय सीपनोत्तुगोशी-तेमांनहीसं हे उन परम प्रेमास्परपछे-मारेपानंह-रेवारसीत्रीप तसं अर्थअनुक्रमछंह-४॥रारी स तू सीहानंनुं सम्मीधनं ॥ योपै छंद ॥रा सलग्य शीष्य घरीनेरेड- प्रीय चैतन सरमुंनैयेः-१ वीचेः तेनोपपुंमान-सौ
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__ शारीर प्रायः (१२५|| पोतानुग्छेशनरम्परीनेणोणेधमन्ते पितापीयूासीयांमन्यांमयीकालोसूतही या परपुत्रयीकासुतीयान्सगेसूतने देगी माएन्डंबरीहालीयैत्रयम्पन्देहयरिकी शीयहोय प्रश्चरेशेमारेतोयल्प श्रीराम नाउरतोपाएनोहानडेल्हेल्लएयउन्धुनेश्य गरेन् रिमाप पारपीमुशेनपिन्टम्प्राणाये सपीयरैतनश्राप शयाऐश्रेचीलापरून नीभीतेशेगनगाय पाएनयतोसाइयायनी
गैतननामावेनान्नय नापूलनेनेनासुडाय पन्छेधयेनैरास्त्रेऽी प्रलपापमानापरीन रन्परंगनाजेनोस्पोन्सपरापरमासरपोत कोपउन्मन्ममरागनेजरपरमहीन्सुस्मीरीरा
रोछेसडरहन्कम्स्तुरीगमरासन्ध एमडीमाचनागेवासमपन्धनंतलपयेमाटो रे पियनीरामांयेअयतरेन्परेरापडेनैपरमे लघुन्नीर्यासनीतेम्परेरघुना प्रमाण त्यांनी सरपोमान्सुसुप्रीवस्यायायवायाध्य मधीपोन्पैतनछतासराय तर, गनीमतोलनमाययोउरेकीयासौअंगल्या
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Acharya Sami Kalasa | ९२७) शारीर रऊयापीनीपतीन्संगेनगसंगर पेश्वारी चन्हीतरांन्समुहमांसपरायन्नजानेवाण्या योमास्यराष्ट्रनयारउ अयमाहागर एगहनुपागोपै- छंहमागहेहनेते नारीश पंपमायानोनैतोरीपन्सत्यासत्या तपोलचीपेन्नएयोपैतनसघगेयेऊर ये लिपीनेसमनेश्रामन् महावरणरेहेतेनामन उन्अब्रह्मनुकुंपत्साह्यन्तोपएलराना चन्मयन्टन्तेरगवानुवरगन्येसघनेने हिमांस-पन्वीरोराज्ञानमनेनेशाय अस्ति लांती-पीय-सर्वनगायन्दरीष्यमहेयेलागो लेहल्लेवीजानवमांगेवेन्छन्गुइड्रेसानग्य गतेमागधीरेनन्ममरागनीशमन्टन्सुस्तीला तीनेशीयवीयेऽन्धात्मासरणांसपोयेकरून पिंपलुतोगस्यांचएगांन्सपहारयश्रीतएगेपरन्तेमाश्यावरीयांपेपन्समन्नासरणाते मासंपल्यावस्ती लोवी प्रीयन्गोयुनामपऐपमुंसमोरंमपरम्पारेयही प्रतीतीयाय तेश्रांतवारेसमजायजोडेपरछन्अन्तर्ग येहलोती-तेलासेछेतेहपहपीयन्ते प्रीती
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शारीर पर (५२७ || रोटेमहीरनामेये पायेतहीमपन्पेरमोटु नेसांमुपपन्नासमतोसुपएक घर पिरादीवाश्वतमाम पंगेशवरयाशीम अस्ती-लांती-पीयन्येहअनुप वातगायत्रै एयेइप-पटन्नाम-उप-वीस्तारेगेछन् पुल्पीतमा|| यानाछेतेपरू एयअयनांसोमांसहीन मपन्यारांसोमहीन्तेना_न्यवीरोमणे गमाघुब्नेप्रोणीयणेन्सन्घर-पतपानेना मन्तेपरमानाहीयतमाममा रोल्प अस्तीलाती-प्रीय रयेसपैमांगगाय सर्वात्मापरब्रह्मनुंन्तेयीनीयायपन्ना मन्उपमेअंशयीन्लासेवीश्वतमामन्तेही तन्नगीतसुन्तायौपुराणमन्नर सोन शिष्यरेन्यासंतापन्जानपश्योमुबने | धापनपन्सूर्यचीरोअंधाइलमेन्डेशित्ये स्न लयतेसमेन्र घोरो गुइगरगनाहेश्यन नीन्नेमालेनलेश लीलय पछेज्ञाननासा मान्यनेचीरोरापन् गोपै ज्ञानसामान न्यापीन्तेअज्ञानयीरोपीनपीस परिय रिडतोतेनेरेनौप्रांतवारेमनरेन्रन्सूर्ग||
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||९२८) शरीररर्णः पारोएनेघर-रसाचीपेनीरवारजन्सी रगेपन्हिछेसामान्य प्रसेनजरेत्रागशेस्पान्य
पापयशरोलगेन्तोटरपांसरयेपर गलेल्एन्धी रोगरन्हियायाम मानेसरी) स्तम्मन् पुस्तमसामान्यज्ञानेजरीअपुन तासापरीन्छन् मुणीदुणीने फुअज्ञान। पराभरापारेलानन्दम्लताहीनोंडेहाव्या सन्तेरसादेपोतापासम्बन्धज्ञानपीरोधी नोकतन्नामउपस्नुस्य नीरेतपरन्गुइगम्य पीमतीनीर्मयायमच एसोन्नयना ए रो र समान्यअनीशयमांन्ते निरमाणेपरन्पीरोरामएनपी उपेन्नारा उरेनीरधारमन्तेमज्ञानसौगंधीमान्न राणेनहरी प्रज्ञानाचीरो गुइगमयी |
नेराडेमायनर प्रम सामान्यनेपाटोदायेन्यनतगामेले श्रध्दैन। तेज्यमसमवेन्दरगयेऽन्ये रीतर
हनुलगा शानअध्यैत सामान्यतन तएंन्गुइतएतेन्चरीरलासेरात्रीप रापिीलमएताराणीनेन्येऽपायरीप्रमण
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(१२
शारीर श से.१ मसीनरणमा नमराष्परोणीरे नीरनी रमणयशाने मलागे पापापहरीपाठोप णे उपसामान्यको सरबलगेर ज्ञानपीरोनी अज्ञान नीयतं मरी • ज्ञानसामान्यमांतेलगे थे। युष्धयैतन्साइपरेपाररे तेनमांतेन त्रेषुमणेचे महामरागतत्वन्दनो अर्यमाहारगृहेछ्नुरेष्ट
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देह. अवस्था लय स्थान. लोग· पाया. गुएा- मात्रा महाकार, सूर्यान्व प्रत्यगाः मुर्धनी- श्रानंघः यशवान्या सुध्यतः अर्यमा
ए.
घाय
R
- होशे- प्यारे रेहनांतत्वथै ज्यासीमुंनीपर गाय- बीनाशीनाराये स्वांतीनगायन लुफी रस्ताची सर्वलघुनेभाणलत श्रीप मृगनणा सत्यनधीचीतेमलुतलांती
तुध्वैतनोपायघाटन घरमर्तिग होयनलीन उपाय सोरठा छह सा धनपरमार तत्वमोधरपातएां पांणी परमार लयमांदेरी- १. टीड़ा साधन नामन्त्री पैराग्य-संपतीमो छापीवेते श्रात्मासत्यतेबीना | सर्वप्रसत्ययेरन्यैराग्यते प्राजोनातयाय
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५३०) शारीरपणे ||खोऽना लोगनीरिछाननहीं जीरसंपत्ती तेनाऊलेछन्पमशनमतीपरतीच्या तीतीक्षान्पन्हान्समाधानन्तेनाइपम्पन समतेपासनानोत्यागरमतेन्मायेंदीयो नीयहन्तीपरतीतेपनीनीरतीन्टन्ती तीसातेरीतोनारीद्वंद्वधर्मानीसहनराक्तिन एन्प्रहाते ब्रह्मनीएरश्नां तयारसंतरात स्तनांवान्योमात्नक्तित्पन्समाधानहेगीतनी. येहनतान्येचीनुसाधनछेन्टमोक्षेछाने । संसारनामंधनगी मुक्तयाशीऽस्छा छ रसीसी रोष्यासीवातन्वरणीनामा परहेजन्ममीनीयातररेहेपीमायायनै |१. छंह ललीत परमनायी तेहुतने लवननोसमोमान्यनाम्हनेन्पन्ध्रलगसध बक्तन्नापीन्डरनयीमुनेऽर्मशगयीरन्गुंए। गतीघनेनहर्षियोन्नीसमोगगेहर्षियोन उचिरसंटेग्लानीनायरीन्मानमोरयेलन तपानीहन्मनगतीशेन्मतीरनीन्पशीस गतीधर्मधीरनीन्यपुरीखताऽशीनाप्पीनागमेन सुरवीर पीयेवत्तिनालमेन्दन्ररएइपमा दीपसा
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__ शरीरधर्णः (१३१ जामनी पणशीनासडेन्जनोमनीन्सुप मेसघयेस्मतीएटीवनीगतीन्रति नपयाप्रतीयायछेन्पिरमारगेपरियमयछेन रूसमन्नधासमोन्नयनोधनो छोऽवसंगत शिमकोयनोन्पा असहजतनी भारतलाना परमत्मक्तपानमनेललावीरायप्रतीयोग नपीमोपन्मुक्तवान्नरछेसमोर पसार येमा प्राएछूटरोन्यासनापरेशगरीकाउन्त्य मीबयामेपसेमरीन्प्रासमोगयोनैमनेनीपत स्यांपीभावीयो एताह्यइन्तेतपारात्मानीमा इन्पयन्स्प रेरीतुएमांन्यो परमप्रेतनेमनु राष्टेमण्योन्नन्नन्मयेऽखांतेमछेनन्तोऽप्पी पारीनेययुनधनपीयनुसायनैपणेन स्वारथीसंगेपर्यनैसरेपरन्प्रंह्मसत्यनेपीश्चा प्राध्यान्घाल्यगोपचीसगरेध्यापकान्म रघोल्योगयीमनेन्रधारेगारांरेत्नेन्रको
रोक परीष्यसुंगीपायेपज्योन्मान्युपुरन एमन श्रापयनसीपीस्तस्पांन्तेसौदे पान
नमारगमुक्तिनोउद्योन्यारवरुनुज्ञानम्पा रगोव्यापीनामोत्येक्रपानीपानरपानी
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|| ५३२) शरीरको लागीप्रीतीएपीनवणातीपोपपनरुणाधीनीगए। नाउरेन्मोधरीनेमन ना हरीगीता सायरसुंगोसंक्षेपमांन्शारीरमेंसरयेऽत्युंन्ग नीरी गएनातुने रसापुब्नेसमजीसपना मणो नेमुनी रमणराख्योपयग्लानीलगशीतोएडयन्सनागन्तशमन्नीशन्नेगएन रगणगंऽन्धएपी मेसीमीयोयरून सीमा मास्तम-रम्यी माणा-सीनता
आपारेरोगवाराह्यान्ड लीनारूनेस्तमसोगराख्यनेपामरोग्यारी माहारमूनेन्ह भेलेनातुग्नेकुर अनाश्री रसुती -धार-शोरेंडन्छाप्य भगा। नेपाली पन्नपनीमीयातेयापरसेपे गोपीरोग्याणीनसंपरमायनापीपी-तोग्न मिलंगगनातएंन्पुरोगाण्यपहारनाम्
एपीपीथायजेन्सीपान्नेससा याम्लपीत्तरक्तपीत्तनगमायाजाती। स्पतयमाएगीयापीठाएरमसौनेहरेन्सरसस्या नगरपोपीन्येमुनीश्वरपीस्तरेर पीता रियारप्रसारनाध्यापीयपुमांधायचन्मू-म
pan
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शारीर पूर्ण
૨ ૬૩૩/
૧૦
૧૨.
૧૪
सत्यय-प्रवाही ने आमवात -गाएगाय छेन् श्रुतीस्यंह- अस्मरी- हायचंही अपस्मारपीय्यारीयो अधीमंय नरानगयीशरो रक्त पूर- प्रसारीयो पतम-योनीरंहने हुन्छ पक्षमेतुमनेा येऽलक्षयेशीशस्त्रनवरी पाँ तरीपंजरेह्या कुपन्सलेहीरोग पंजी म्हामुं नीवरने लगे-सैगरी पांडुरचाहान् शेर्यङ्- लीडोगो पर संग्रहणीने सो ते ठीपरी - नाडीव्रण उद्यो- स्तनरोगने-नर शिंद-नासुर-ए-पैर रह्यो उनलम समभीहु-शोमयानम्-उह्मापैयप्रकारान्त्री सक्षतेरछन्नरमरशे तेननीतरवारना १४ शिरलेहनासालण्यारहीम्रेनन नेत्र्ती क्षयशोशत्रएगा- वीऽधी मती. १५. स्वरलेहने - सीनमाह का प्रेस हमे उद्यानपसापतेरहुन्नर नपरौंतेतरी कुमारत्ह्या १५ प्रतीसारसात प्रारछेन्ट थि- शहा-मा-छयो नेपालीसग नारीन नेत्रगण नामहीयो १७ प्रत्येउन्न तीसातनान् मेनपतुनेनीरजी का हरीसाम
रमे
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| ९३४) शारीर पर्गः गौरफुन्नर घररी पक्षनेपंडरेरामरगान गुल्मधामप्रतारनान्गंग-मुत्रपात-परवृत्ती सक्षिी-धांतु-गर्लन-ताणु-मुणीतरतुंग्या ती-पन्श्रागंतुस्त्रग लगने अस्थीलंग असनपणी-नेयातरक्त-समग्रपंध्र युत्येचा टनापणी छतरीहन्नरनेसातरी श्रगन न्यारीश्ररश्पर्गनारासमणसंसारना धान नाएरश्रपपर्गनान्सनेयोतेनपत्नत्यना गयी-चीसर्प-उपरांगनान्यसुन्भधारने कुम्भ इन्गानगगन्नन्नागनान्स नेसईयेनच नित्यनान्गीयारयेमागीऊह्या छतामण्याशी हमरमटरों यपुमावणशीरह्यान्यनाराया प्रेमे || निीपीरीज शीरोगत अपरंतगान्तेपोन्। रक्तवीरयेसर-रोगइपमीक्षामगारहन्मेषा मिमारहबरमारास्यप्राणीने पीयाउरेउकुत्तेर लेरालेनापीऽपारेरपरको पिघापर्तने स्तिमुगी मुनघातन्मरीशन्तमसनीपातसु लोगनीपुरशीयन्नागु- एसुरीशरपुटी गोणहरनवरौंन्तेीपरन्नेधारछेन्शन कमेन
राणच्यातयातुनन्गधारस्यीयरछन् सरतामा
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गरीरशोर (९९५|| लेअष्टाध्यतया व्याधीतुनेपरीकुपीए मशुगनेजुएन्नाराम-गुटमाशेलकुद
तेररीनेतेरतेया पुरागपंक्तिपरेन् कुष्याची चीनी प्रशरनान्नरनारनाछेनेनडेन्स मानतो निमाम्प्रमहन्तेषापीरी पीओररह्या-मेलम्य मेहमंसुरी योनीना-रोगोउहाउस कसम जासरीमासातयेन्तेयातुनेसंरपेशकुन् ऐग्यारी रोनेपातरी भणयंतछेनीमान् उपन्यापी राव्यापीमाणनास्तमगुरुनागोपीरटुम्रेव्याली सन्नतीपत्तनान्हेरी समीरपासपेटुन्डरक छ श्रेचीराक्रमीयर्गनायेरील्यासण्यायेसीगत एनाचीगठ्युत्यनीन्सयाचीरोतुमने उन प्याजीरासामरुन्नरयेऽची यारोप्रोगएपमान्छे रोमयी ध्वीशुगापरतलमारमासीनत्वम्पान्छ। सम्परन्नतीयोपपपीराछेन्सम्यापीयेत्यारासस प्रत्येऊसमतापारनापेन् मुटपन्नेकुरेउघाउपन्यर तायनेयीसुयोयीन्तमौषधीगानीगतीन्ध जानीयोपपरीन्सरवनश्रीलक्ष्मीपती-उपा मिपनकरीमगंग-गारीरलारामालखुप तिनीछाह्यापीरीरहीन्प्रीतीयेपुइघुउछन्गुग्म
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१९३९) शरीर रातरी पवीत्रतेमान्रीहेर पलायतलाएंधीय रोगपीपइन्स्यानछेसोह्यामाउन्ज्य जीगतेनावीरीत्प्रण्यातपंजासाधिमान्छे पुत्र ||परितगोन्प्रीतीपुरगश्रीनापमान् उपनमाया गण्डेमुक्तितपोन्समलेसनसायनसरेकरमा शानुषगइपेरग्युन्सवीररेयाउरेहन्ना छिंन्सोरहरी भागारीरतमांमन्संस्कृतनी|| मागरीन्रेपानरारनामचारीममायतापीम रूप श्लोड श्रावरियनुमापसमग्रयायेन शिरीरसण्यापरणीनन्नयेन्मतीनुमानेसरपेपर
माएयुकशरीर येसमग्रन्नएयुतरोन रोगलापुरीमालागीयान्गुइशीवरांडर व्यालाणीमानेलज्येप्रगस्योष्णुप्थिपूरान तिीगारीरप्रवर्गसमाप्तरा संपत लाना मीनहरीर नेरपीपारेसंपूर्ण पीतंगवीद्यार्यालक्ष्मीशंकर चीनगराउरगामा भारणा तालुडे शेखानान्श्रीरस्तुयुललपतुन श्रीलराणीसंनोक्तुन्या गछा अप
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·
सुधासंगीतथैवशास्त्रगंध (१३७ अथ व्याधीनीयनांम. नागनीक उणीशन मांगेरी धारोगसहायेनेनोग्रंथमां ते घ एगेपारनापेरू १ सुधासींधुमारोगतांसलैछु स्वलपयेधने पएच्या सन्यौछुन्न्धा त्येस्फुरोगनांमन्त्रमुसरे वारसाच्याथीगं म्यरंम डोडने डोली रंगमासगौर मेरी मेलो कुल ४. रेगरोग उप गीतये मशः मर्लुषु जीवने सँगये पन पौडी गरमी गोलो गवरोधहीने गर्भगलगंग
૧૧
13
૧૬
૧
૧
३.३
५४ २५.
૩૧
३४.
नेगासीनेषु गई गुमां गर्जरी गर्लपान नसु रनतेसो नासरं नसात नीमीनारोग या यादीयीत्तम- युगोया येथे य मन्द्र छोडने बसपैर ज्वर कुलरोग- लुम्ि जामरे जामरी कानयोग मेड
33
૫
५३
५७
तीमर नेत्रीहोश हाहा हाहम ने हलरोश
પ
૧
ए. धातुक्षीया पत्य पीने पक्षघातप्रमेपा
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नेपीते पाहु असति ॥ पथरी पीत फायने
.७०
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पाणी पीडा दुसरा शेल्ला
तीन
मेरो जोजो जामसी जहाँडीने भरोण लगंधर लूंम मोसीने १७ मुंगीने मुनारो मरीमर्गी
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११५
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||९७८) सुपासंगीतपैदास्यग्रंथः . लन्मुभपाउ मुस्छीमायुमुनघातपरमप्यार मीनेमुत्र सारसोणीराजगरक्तपीत्त रताना
खुरम्नेखील्पपन्रतेराणुसोहीया पायुपाणी पीपी पीरलपीरालोत्पन्ध्रुतीरोइ स्वा
सधर्णिदरगन्सनपात स्पले ल्यास मुणा शोशेलीपासपीनेसीतरोग सानीरहेडीही वयोगटन्हचाने वर्ष हिमशरपयेप्रीश्रलरएअंतर्गनासैये पन्धानपी अजीमहादेशीररी अामन्ती परीश्रीहरी अस्मरी समन्मीरारीयोने नयाभाटीसारन्जयाप्रेतोपांतरीरोगपारण परेपारीरहीहस्तीनुयुत्यनारी चीराम्व्यापी तमवैद्यनेन्नेईनासेन्टर
अपश्रमाच्यब्याधीतण्यानांतेनानांसप शेरो गोराहतेशवसुपडेन्गुनहांऐपाय पाल परायैग्नुन्जेगाधीनवनयन्त पाव्यापीतेएनेकुरुर्मयोगेशायन्सुदासीना तिरुनो कापीरोगनन्नयर नागनी एत पुरयान्मना प्राश्नीतीरोगयायेमामुणगीने रिपीतेनन्नयेन्मु क्षोलना हेरिन
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११
.१२
-
१६
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सुपारीतरप्रयंपः (५३८ला एगीनउरेउष्टमोपायन्यपूणपापीरमगाये। मोघीमारपाद्यपी परियीने रेपापिषी न्निन्न्मलेमान शरीमोरावसयान्नपीच्या पीनेसम्यवान्टन्तपती पुन्यरतधने नरेन्ट अपेप्रस्तुनीपायल्प भैरोन भोपारेर र प्रमरु मगर गेष्टरलगप्रन् || तरूपन्नासुर पक्षपातपा ममर्षन सीएच मिर्गीपायुरसोगीश्रमर्षजन्सघर्णिमुगोमुप नगारपेटेन्शलेन्वोतर्गलो रन्हौरिखने पत्यवामरंजन्लामर नेमा बिधुस्वतमनरूरताने संधीपायुठान रोनाजानोउमइने तायवालन्दा धनी र शारीरोग वारेश्रोसतेखेगानारे च्यापाशीपस्मार्पनेशस्तिनोपालीलेकडून सधेनुनेमनीलोन्यहीबेल्परकमारुघोरण्या धीचीराम्नेमरावान्नधीनीझीपीनमीत्नेसमा मापाउन्रेवारीपरड्लेरधुनाथललयेन्या तपैरातेधारोगतल्यैनहन | भय परीक्षा पनागनीमाबननेछ। नेप्रापपीश्राध्यायेन्द्रीयीतेमाथी तीन
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५४०) सुधासंगीतयैद्यशास्त्र ग्रंथया १ उलती शेंगी पाधेरीने सीपार्धन्नु डोणी पैरो वीरांएगी मुरणार्धन सर्गर्ला पुरीषु आहा मनसीने घ्यातेने घर्तीते नही उन्हुमेवैद्यनेतातनातुल्यत्रो मस्या तेनंमतीनेज्यलो ४ समुहीने सोश यांगमोसे मेव्येमंहगी प्रांएगीने जोसजोसेन रूपन्मुने मुणगुभ्यांययुखेनसाइ अग धमेयायछे रोगब्नइन्दुनीशाचैद्यनैनेनुषे अंगणायु- तिरवैद्यनुंतयन्यानप्पायुन्न परस्परतावे रेरायाय हेवा गमीगांउने नाम लेडोडीलेवान्ट मरेतो ऐसे मारे मेसीगारोन्म रेतयहेहेने पेसेवैद्येमास्योरुपाधीने येणायै धनीश्रौषधीछे वहेतवडे हे ने लवारीवधीछे उहा मुन्यरेहेने अथैतन्जेल्या घ्याथीमुमेथी रीधीनमोल्यापास्नापेइतीनथाये
ह्यापैरानो हेराथीतोसन ये-पर घ्यायी उसे वैद्यधुःष्मतो घरछे रोगीमायामामधीमधु छेले वलय्यती लीमर्छलागो रो गीरेतीरने होरेरखाग्योन्पठन्नयीसेमरेखां घपायैद्यमेसे पीरैनेपरीतापनी पोलेपेसेन
1994
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सुषासंगीतचैद्यशास्त्र (५४१ जरीही प्रमांणेममुल्यलेषु घ्यारांमसेनिप नहेयुरुषु मरेनामरे वैद्ययरनुंत माये था आप्येशोवैद्यनेसालयाये १७ ब्लुठानस्तना तंनलुत्यानलये शेगजसेतो नारीयाह येनपटनीमनग्नयैप्रन्यनेषस्त्रोपान्नपीन्या यनाग्रंथैमांश्चीम्हेवारूपरून्रेपाशंरेरेपीजैते नमुरे पुरीसोरीधामें ग्यतुरतेन ए गोपयचतु ।। गुएासागर गुजरात लम्हपुरीसुलगांम द्वीनीही यज्ञातीपी व्यासशीयशंम्रनांम१पुरकपातेपुर्वनी गंधरपाच्योसार पाये रोहीत्रने सुलडो सलारना नागनीं ॥सुधासंगीत गंध संपूएडीघो घाग्रंथिनालेहनोलापसी
- यवन्तीडीस्ताडीताननेर्घज्यती लेगीनेरोषडा संतश्रेर्धरुडीम् सक्त वीर लीएसडीघो- तेनीतामेारीश्रीसारखीप न्युयथास्थीत लक्षण ध्यासत्यसार परएए। दुखायारधर्मेने
पर्तिनेष्प्रापवुनीरधार
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वैधधाशे तेनार्थीस्टनोनारधारोत्पन्ना सहारीहेर मंलात्यभांचारानी दीनीय
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१९४२.? सुशासंगीतवैद्यरायपः ॥
रोणपरतेनो-एन्जुलापारघ्नात्रीवीएन मितेहरूल्यरांजरनोसूनमध्यकोहरेपारी उरमनीडीयतन्सुरासंगीतरीयो श्रीमंतरन्नयोधपेटुमारोएग्रंपगाघुन कारानापोटीमपाइरन्नयरून्यानव्याची रुन्नेतामालगायेप्रमाएगी परिश्रापतापोष्ट नये संपत श्रीगएीमाप्रशन्दीतीय ग्रापारगुज्यमासमान्प्रयम्पोरमागंपनी पारीयोन्पीरीउरनेलण्याशयीयोन्परन भोरानाडानीपीनीपायेन्सुशासंपीतयो पिसंपूर्णणारे लोधी कायटेमुनेमुष्यही भी ऋती पैचने पीपीपहरेदारीकररान दीराभगायेसुदासपीततेपरीपुर्णयायेन एन्एपापीश्यनेसत्यश्रीनधारीन्लोराधी शऋन्मश्रीनकारीपन्य श्रीराधान्य यनमः गामणलायतनामाह्मगौरीच्या टोणीयापंवारेपारीरकायरी उरनोमनापेखो पिछेन्परमार्थपानार्थ यायलायगोपीगोण श्रीसत्यरा अयवैद्यनेपूण्यानुप्रमाणीरतन
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। सुशसंगीतपैधवारयंषः (९४३ |सुपती रामरेन्प्रगट्योग्यांची प्राणहारेतुमा ज्यांतुन्पीयातए{प्रमाणान्पीयानएन मएन्वायरेकोकोने पापोन्रोडरेशेगरी वन्यनोपरशयोपायरीवशेगा श्रेषेमाश्रतान्मुक्तीमागे”ए पीष्णुधरोहर व्याधीकरता प रीपैयनेन्पटेपेनासो
मन्टेयोऽडीशमारेझेजर मशभा रोन्लाह्यमेधायपोरेन्मरेलयायेमीर
नैसुम्पेरेन्मेहेनत्मीय्यान्नयन्रेपासून लगनेरीन्परीपेनासोन्पैशनेहेमेपेरी-उन्न
यमुनपाएर तथागरमीपरतयामो पाल्यापरवाज्यायिराडोप्रस्तछेना नागनी उमलनेडेल्यनोजेन्या लोथ्रेसहीरामयागाही कामखीयाग इउरखीणायन हीरालगने गहल्याटी, चीवाल्यररमालारोनी सीमायने माना पुरायली तासखीष्मी शरीरापर्टी मी वेपनमुनगतीने रीमाल्यनेजारमन मीग्रीनेता बोयएानीरतापल्यी चेन्नगोज्य वीरगपालाने शेनापीओएन
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९४४) सुशसंगीतपैद्यस्वयंपल । लीको पीपलाणाप्य पुष्पगुलामन्तांकालने नए सो एयरपुष्पभाषामणेत्तेहेनुपुष्पोछास्य मुणप्रलीयन गासडरेतेपसुखरूपजाणी | तेनुपाएीनपरांजपीले रुघएगीनारोगनोना शशीनेन्ट प्रतीधनतेतोयनुपानपायेरणेता पिनेसर्पयाशीतये रेयाशंभरीपूर्णनो || टेइमायोकोपोष्टमारिमनोपाहाडकास्योग
तीरेवारी पूर्ण राज्यउनुछे॥ भूध गरमी उरायानो ज्यायन्य पपीग जसएएमसीपीकोकमुठानी मरीन्नयो/ युपीनेकपाक पीपस्य रायनासर्पुये हेयन रन् श्रुतीपीरीने गणीतासारर जान खाल्यलारीगने मुगल सचामोडीशी उखन्ड नयीत्री श्रस्नोउरोज्वायडीने गानी सन्नमएीमुणखीनेन्टल्समलान गनोश्राह्योज्यायपायेन्घएंगीततेगर्मीनुग विधायेपरेवारांग्रेगर्मचान्यायमीयोपी
तापायानोपायपीएलरीयो०५न्य तिीय || सुधारगीतग्रंयसमामययोगा |
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सुशपरितगंथनु अनुक्रमगिर (७४५||
रोगराए श्य मंगणाय
श्री पनुकरण उसी पलांगधारवायोपीभाग्य
सय प्रशान्यरोद्यान्न पर मध्यप्रधान्यचीद्या
थप एरीयामुष्पमुगल जाप जगरातीपछुतपरीक्षायैराने उरयानी
अशुल एलनी परीक्षा | पपरी परीसा कप स्पर्शपरीक्षा
श्री नापागपरीक्षा अशुनगुनपरीक्षा
श्रय भागयुग्नपरीक्षा पश्रय सारा पैद्यनी परीक्षा पदाधर रामारीचैद्यनांसदरगनमगाना
प्रिय साथिपानांसाधन परीदिहा टोपनातीपरीक्षा
प गुत्रपरीक्षा प्रय संगज्ञान परीक्षा प्रय पंचपरीतासीण्यते राज्य ग्रहपरीक्षा शय व्याधीचागापूर्वनेनी उनाण
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||s४६) अनुक्रमणिका जिपि युए
स अप ग्यारमाएयोरेपानी खप्रिय चनस्पतीनालारनप्रमाण२० प्रिय वस्तुचीरसयवानुमापन स्टाप रोषधीमांसोलीसुरीनोचीग्यारस
श्रय असायनापगउप्रय रीयरोगपरऽयेगारिषभाप
+रोगीनेतेनीरीत्या उसमय ज्यापियननक्रीया | उप्रय गपीय्याररोगनाशरग
33यचयपीय्यार प्रयपाश्चस्या | उहाश्रय र्यवीरयारव्याधीसलपा उप प्रयर्मवीय्यार. ||उ प्रिय अजीमनपीप्यार उपरोगोमालेमारतेनासरगोन्य उप सहनरोगनुपरगन || उप्रय गलबनीतरोगः
प्रयनतन्नतननीतरोगसला नाश्रय पीशाननीतरोग-शरएग यसप मननीतरोगानुशरंग४य प्रलापनरोगापानुशरण स्टाप स्वलायनरोगानुसरण पायरीनरोगन्दानुशरग ४ श्री श्रागंतुहन्नरोगनुसरंए खाअपिहिरोगानुशरगा।
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एर
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__ अनुक्रमएिर इथि अंतररोगीनुशरण रिलप उरमनारोगपरनुसरण पश्रय दोरान रोगपउनुखदरगा | पर अपरेटरोगपठनुसरण परपिरोपेगनाव्याधीनो प्रेशर पर भी युरोपीरोगपायते पर अप मणगरोधीरोगोयायतेर पप प्रिय अयोगतनेअपार्नुतेरेशरोऽव्या
+ पीथायते। पए नीशपेगव्याधी
अयशावेगन्पन्नाच्यावी. पराप्रपछीगरोस्चायीच्यायीयतान्न ४ पल अपि शरीगरोडवेयीच्याधीन
अपस्वासयेगरिन्गेश्येपीच्याची उप प्रिय चांतीचेगहरोऽयेथीव्याची. पर ये भास्येगनेरोयेएप्रिय सुपायेगरोज्येपीरोगदाऽपि सरगरोश्चेव्याची पर उप प्रिय गंमपेग 3 ददश्यलगायानोपेगाह रणप्रय रोगोत्पत्तीयवानुकरण पडाय रोगरानदलप्रपन्चरोत्पत्तीनुसरण पिव पर पायवानालापव्या उन्न
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पिल्बरयपाना सरगम
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रोगौनाया
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|१४८) अनुक्रमगिडा प्रिय न्परपस्वपवानीमोर
श्रयसरीपाणषानो प्रसार
श्रय यातल्वरनाससग. उपाय ज्यायिनुपना
ऐनो ज्यापः श्य पोत्तम्परनाललगातेपर जटा साञ्चायजय उल्परनालसग छैनापरम्प रन-यनारीगाही.
पञ्चायमुपार्नु पनन. दरअप चातपीतल्परनाललग-तेपर
या अम्ताहिरीज्यायिटिप उसपीत्तल्वरनाससएग-तपरस्त स्पयनुनीमारी
प्रय झ्यातल्यरनांससए-गरभाव
-पउनोस्वायर पैद्यनेसमन्ना सेयानी. पिलेप्रकर ल्य प्रेतल्यश्नांवसागर-तानो च्हा स्वीपाय कप्रिपरस्त्रयागवेक्षतन्परतेनालसए। ल्ल तथा रेनोपाय काश्यपीशल्परनांखसागनाभनोडिरपाईपा स्पायक्रोपल्वरनाललागउत्तानोडीपारध्दा स्वप्रिय मानसन्मपश्यचार्नुशरणसखाएगा
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प्रपा
प्रायः
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अनुक्रमण्डिाः (१४॥
तयारेनोपायः ल्टय समन्वरनालसएन्ता हेनोग
अयस्त्रीनाग्मन्परन संसगताइनो K१०रपायापिलयल्वरनालसरगन्तानोतीरायता याप नर्गन्धरनापक्षागताहेनोरोपाया हल
अयअलरएबरनुशरगापन कन्टाप अलरगन्वरनासहएन्ता हेनोपए पारशीन्यरनालसगतानोडीपाया जा कप्रिय रक्तन्दरनालगत्तय नीठीयार पा पन्छ अपि मगल्परनालगन्ता हेनोपाय पर
रश्रय श्रुत्तीशल्पनांसहगन्तानोऽपाय पर १०८यल्वर रंषज्ञान
श्रयसंन्नेपरात प्रजर्ग अपसन्नपातपरीपपारनक्रमप्राठले यह र तेपरलारीगारीज्याय १० पाटपुर्ण षष्ठ प्रथयाध्याय पगारोगपरछे पद पायसंनेयातमाअगेतनोपाय प्रिय मायेगांधवानीचीधीजय गचक्ररससनेपातपर
प्रयशीतलंगीपुर्णः .. पलय धीनमत्तरसत्रीदोगासनेपानपरणे पर
रुप सनपातनानामनेतेनीअवधी पस्न |शाश्रय संधीगसनेपातनाससिएगन्तेपर पन्न
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(५५०१
प
१३८
१८
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अनुक्रमि
'रोगो
बारीनाही स्वाथ.
२४४।
१४५
१४
श्रा
५०
१२३ अतः संन्त्री पातनां सक्षएग १२४ अथ बुडुद्दा हुसने पातनांसक्षरंग. १३ तेपरीरज्याही स्वाद. १२५ श्री पीतलूंमसंन्त्रीपातनांलक्षण दर १२७ तेपर लाम्याश्वायै.
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दुश
पशीलांग संन्त्रीपातनांसक्षाएग. दुर १२ अथ तंद्रीसंन्त्रीपातनांसक्षरग तथा दुर हेनोस्वाय
१३.
दुर
१३१ अथ रंगुन संन्त्रीपातनांजीएग दुउ तेपररीश्वापैः
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१३४
133 श्रथ एडिसन्नीपातनांसाएग- तथा दुर हेनोउपाय १३५ अथ मुगंधी को गांजायेतेना ४ परलैप स्वानो
33
35
३४
१३७ अथ लुझनेत्र संन्त्रीपातनां लक्षएा-ते ९४ परनीजाही स्वाथ.
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रक्तष्टीची संन्नीपातनां लक्षए। ९५ तेपर मंहनादीम्याय.
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૧૦
१४१ अथ प्रसापेन्नेपातनांसक्षएा. हेनो स्वाध
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१४ अये लद्धा संन्त्रीपातनांसक्षणलेपर अमृताही स्वार्थ. श्रलीन्यासन्ने पातनां खतएा
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७१
१२
अनुक्रमणिका (७५ पाईप मागंगाधोय मोहोरी
प्रय स्वायज्रनोवायलमय सुवाचममांसंन्नीपातयायछे तेरा विप पर अंगनापप अप गंमध्यानीयीची पर प्रय चीरामबरनोरन्तेपरम्यायाम पश्यतारीरसतापपरछे। पष्ट तावगयानां लाए, पर अपल्बरपागानेतनवानांन्तारगया
+ छोयतोयपए प्रपत्रीरानो शर पणपत्रीषिनीमर्याधन्तेपरौहल्यास पएट रापुरीपश्रय मंलशाहीज्यपि
अप मुंजाशनाखसएगइप. वा याय मुंभारापर १र रसम्परांपुरतावपरछे।
प्रिययीतामागीरस१४ प्रपनमालबनरस दिपवियवरगसरीरसं. १शिरत्नगीरीराबरसतायपर
जय शीतलंगीरसतावपर दिपिल्बरराबरसदिलश्य परणंगल्परांपुरस.
श्रय पल्लाघरीरस
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६५२)
ओशष
अनुक्रमणिश पर पंपानलैपरसत्तापरछे.
भूप मापानारोगनाशपाय जीपायभून्यमायानो चिप छीरेआगयानोप्रारति पप उर्गजनतेनाशपाय लाल रुदायनेत्रनारोगनोशारीपानो खोटा प्रिए गगसीरस तथा अन्यडिजीपायो
प्रिय मुमणयानारोगनाशार तयाने जल नो पायो
ये सोनारोगनीगत्पत्तीतपासीपायटद पाश्रय नारोगनोडीपायो
श्रय यरसनोठिीपायप्रियसनो डीपायोसय मर्नुपानोपानरानो पीपायला त्याध्य रोगीयानारोगनाप्रभार अने। वटा पायो प्रिय प्रश्नोप्रहार जगतसोहीवाडेका रहेछेते भने नारायो छ
तय माऽमनापपानीपीपीसायी रूप प्रिय गंगपुर क्लयज्थीरमगांनीपीपीगसोनीरज
राय परसपानीपीचीलाय रसपुरनाजुषारपानीपीपीप्रिय उमदपत्रनी श्राकृती दिपाश्रय पांचोमोटापागलीरहरीपरम
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१.3
१०४॥
अनंक्रमणिकर. (७५३ || पण मुख्यम्पदुःसापयानो घरपायोलाया होगायत्र
अपारशेयरसनीमात्राः ल्टाप रससीपुरनीमात्राानीवीपी न्य
अथरापपरौनीयुटी
अपराधनाजेरनापतएक হয় সার্তেীহেলাঙ্গনামায়
अथ एसयातरानांजसएगा
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२०४ रूप मयानुत्तरानाजेरनी पीतारन्ट रूपाध्य भागरोगनीन
अप भाजपनेतागुरसरोगयायछेतेनालर का जय महापाभरोगनेनेबतरताहेछेतेनोपण
अप गरोगनालसग |२२० पदाधिपाउरोगमायग्नोतेनाल साप्रय अहीपुतनारोगनांवलगशरप्रयाअगस्लीरारोगमाग्यस्नेयायछेतेनीर शायरीगर्लिरोगनालसगषाज्यउनेश सप पाण्यानेशतभापतीपेणापयायवेका
या पाण्यानेतावनोपायः अपल्यरातीसारमान्यग्नेलेनोडीपायल छात्रय भाव्यस्नेप्रतीसारनोसीपाय सहरियांमातीसारनोणपायष्यागने शलपरतातीसारणाणनेतेनोपाय
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५५४० प्रहरी· ।
रोगचौरायः
११५
अनुक्रमणिका २० अथ भव्यरने मरणानी डीपाय. २२१ अथ जाणसघरगीनोडीपाय. २२२ अथ नाण्यम्नी परसवापाशीनोडीपा २२३ अथ भाग्यरने श्वासोश २२४ अथ श्रारी जाण्यड़ने तेनो शिपाय २३५ अथ घावेने तरतोडे तेनो शपाय ११५ २५ अथ भाग्यहुना पेरेछारेरोपटे छतेयीशु "गपर्धमाक्याने रडावे तेनोपाय ११५ २७ अथ भाव्य पेशानंधयगियोछोय ११५ तेनो डीपाय.
૧૧૫
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११८
झोपारा 225 २२८ अथ भाव्यम्नेसामधी पडती होयतेनी ११७ २२ अथ मुजशम्नान्यचाणीलोल्सामा नामुषमायायछे तेनो डीपाय. ११७ २३. अथ जाण्याने डुरीयेसोले तेनोडीपाय. ११७ २३१ अथ भाव्यस्नीडुरीपाडी होयतेनो डीपाय- ११ २३२ अर्थ गुहापाडी दीयतेनोडीपाय. 233 प्रथ दाँत भेडा जंगता होयतेनो उपाय ११८ २३४ भूष वसंतस्तुनोन्नुसाष २३प अथ ग्रीष्ारतुनो तुलान २३५ प्रथ रथास्तुनोलुलाम उ २१७ अथ शरहरतुनोब्लुसाष. २३८ प्रथ कीमत रतुनो लुलाम. उल-अथ शंशी रतुनी लुलान ३४० च्प्रथ मनुशनारीरीरैनीगतीथाय छेतेनीरी १२० राज्य वायुनी प्रार्विनामंगलक्षएा. ११
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१२२ .
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अनुक्रमणिका
गोरधोरायः स्वयि पीतप्रर्तिनाससएगा २४ाय उप्ररर्तिनांससगा
प्रय सुपारीगनाससग टए अप सुरारोगनोन्याय ग्रंपारियोछेते । - रोतयान्नुषामसुंभमाहीशापयोनेजानुपर
प्रय सुपारोगनोपाया। टिश्य सुचारिरीतैलपवायुपेलान | राप्रय पातागनीमाकतीछे।
प्रय अगनीमंनोडीपाय ५० वरांतमालतीनीमात्रा का प्रयमरारारपानीचीची. पर प्रयि अलरगनालसा २५ अपि अतीसारनी पीत्पत्ती. पर भी अतीसारनुस्वप पप अप अतीसारनाले तेनांनाम पर
प्रय अतीसारनुपुर रपय वातातीसारनाखसए. तयानवश्र रपट ट्रेनोपायपश्रय पीतातीसारनासलग तयार
हुनो शिपाय
तेपरजटमसारनीगोणीरपानी राप्रप पीतातीसारनाले रक्तातीसारणे
तेनुसरण-नोवापिता डीपाय रिमश्रिय तेमांगुघपाहोयेतेनो पापारा राप्रय एतीसारनांसंसएगा तपास
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'रोगमोग
||६५५) अनूरुमगिर शिर रेनोपायअननोन्यायिः एप
उपाश्रय संनीपात्रातीसारनांसक्षरगतका दुसरेनोखीपाय-बने ऐनुंगुएं 33
अब सनीपातातीसारपरगारएं: 33] राप्रपोगतीसारनांसगतपाईनोले
इलयातीसारलप्रय प्रामातीसारनालक्षागतयानो मण्योताहेनोलेश्रामपाड्याोयते पानी-छाए नतीसारतया तीरायो
प्रय प्रतीसारपूर्णतया पायो पारू गृहपीडपारनीगोगीप्रतीसारपैकी र अयगीत्रामररसतीसारपरछे. कित
प्रिय अतीसारपागानेतनयानां २४ाश्य लस्मरोगनीत्पन्तीसग पायर्गरोगनीरीत्पत्ती
प्रथभारतानेयेरोगपायनोनन कप्रियचीसंबीररोगनाललग जभियअलरगमस्यानालसग या
श्रय उमणानारोगनास्तसगरोगन
प्रय हलीमश्रोगनाखलएतपातपायोक्ता पिस्तीत्तोंगोत्पत्तीनेने त्योछतेवर जप रक्तपीत्तनांपूर्वउपयचास
अयनारक्तपीतर्नुसक्षरग हायचायनारक्तपीन्तनांलक्षण रूपाप्रपपीतैनारक्तपीन्तनांसासागर
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अनुक्रमणिका (९५५ जा रक्तरीत्तनापापासाव्यागार
यूथ स्पीत्तनाग्राहीलीपचो. उदय रक्तपीत असाध्यन्नगवानुं स्य उलअथ ऐनारीपायरक्तपीतना र प्रथ रक्तपीत्तपरम्वायरश्रिय नाउसोहीपतेभयनोडीपा राय येळ्याीगुरीरक्तपीत्तपरतेमाचार २ प रानरोगनी प्रत्पत्ती-जेनेसातै पन्त राप्रय रानरोगनपुर्यइप रस्य अपरानरोगना साधारएमसए बिल २५ प्रप वायुनारानरोगजलगाटर
प्रय पीतनारानरोगनांसगावल रस्सअप नाराबरोगनांलक्षग
अप हैयामागेठायागपाथीरागरोगनासा प्रय रसाय्यरानरोगनासक्षपाएन साथ रातरोगनीअषधी ल्य प्रयोगरोग-प्रशारनोन्ते
श्य घएामैयुनपीय लोगोदारोगतेनाइपा ल्हाप्रय नरांशीरानावलगस्पा अपमार्गीनांसमगराप्रपलीराजपीपीपल्यागोरानांजप जय जीपायनो.. प्रियशीतोपगारीअयोरू रिश्रय मुद्देश्वररसरानरोगपर उप्रय परिवररसरारोगपर
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रोगौराय
रणने
परापन
41५७ १५७
६५८) अनुक्रमणि प्राएं। उनाभूपि रनरोगनेपथ्यपधारयणारे
श्य मधुपज्यहरोनीक्रीयाराबरोग जय हासनीननेनेतीघर छेतेरोग उहाय मशिनापंगले उपाश्रय यायुनाशरानुक्सग उमाश्रय पीत्तनांजरानातक्षणंउभय उनाशनांवक्षएउपट उन्नाश्रयसताशगरपयानंतर उस्लप सरोगयीशयियेसोतनांसं उधारासायतथाभूसाध्यन्नवान उपाधप शशीघरतेनोडीपाय उपरप्रयसीगावगुरीतयारीपायो
यहीशनेरुज्जीनस्प यीशाएंगनां नाम
-
समय डीनुपुर्वपः
-
१६३ ११
१३४|
उपश्रय अनन्ननुजसएन उधर यमगारडीनुसक्षगर
अपि सुसहेडडीनालसग उ उपप गलीराहेडीनांलक्षण३० अथ गहती डीनांखलपापउश अथ असाध्यहीनांसक्षाग उथ हीनोपाय
यशपाता अपि स्वासरोगनी गित्पत्तीलसागोता उहाय पंगस्वासरोगनांनांमा |उपाश्रय स्वासरोगनुपुर्यइप
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प्रदुए
रोगोराए
-
-
-
अनुक्रमणिशः ५ उप मास्चासनुलसगडं दिखा उप स्वारानुलक्षणार न उरटाय छीनस्वासनुलक्षपाउत ल्य सुम्स्यासनालसएन्टचाल
अपि सांध्यतयाअसाध्यस्यासन्नंगवार इन अप्रिय स्यासरोगनो पायो पाल
महीपाययोयोश्वासमाररसा ||प्रिय छरोिगोप्रोसरीतेनीणित्यतीनो।
ससगशिप | उहाय दिनाएंगनेहतेनांनांमश उपप्रिय नुपुर्वप
अपरायुनी छसिक्षण जाप्रप पीत्तनी नालसागर उप उनी नालसा
यसनीपातनीछानाससएका प्रिय पस्तमाधेिवाडेयायतेनालाल उसयरातीोरी तेनारपायो र उसय अप मारोगोनेगांडोईछेतेनी noon त्पत्तीलक्षारीयाय. उप्रय पीन्मानांनांमकसय तीन्मानुंस्वप. न्याय मानपुर: प्रिय वायुना पान्माहनांसग.
अथ पीतना जन्माप्नांमक्ष कस्टअप उपनामोन्मानांलक्षाग.
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प्रिए।
गमाराध
ए-पांने
अनुक्रमणिशः उपाश्रय मनुस्मनीजन्माइतेनुलक्षागन इन्दाय वीशौन्माइनांसक्षगापानल स्टाथलुतो न्मानांजक्षागन उटलप्रप वोन्मानांलक्षण ||उप प्रथा भूसुरोन्मानालसरायण
र ति पुश्षमा प्रवेशारेते. पता
उत्रिय- हीन्माहमात्रनप्रसाध्यक्षगन्नवरुण
-
-
बोलेनी
त्यात उपाश्रय गन्माइमरवाना पाया रच उपहाय पीत्तनाल्मानाणीपायर र उपप अप कोनमाप्नों जीपायउ १८२ उपाअप उल्यांग यतीन्मापर उपअप मृगीरोगनीपीत्यत्तीनुसारएनत्य उपट अप संगीरोगनारयारलेतेनानाभारद उपलअथ मुंगीरोगर्नुयुइपास उ प्रिय मंगीरोगस्वरपओणमयानुवित्त शाश्रय वायुनामीरोगनांलक्षण
प्रय पात्तनामगीना लसपा प्रिय अनामृगीरोगनांलक्षण रामय सनीपातनामृशीनालसग ८
प्रय असाध्यमुनीनां लक्षण पन्त
श्रय मृगीरोगनी पालवयनः स्त उज मृगीरोगनो पायो रास्टाफुटता
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-
-
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ܢܢ
ए।
(૧ एष्टमानु
रोगयोगः
उष्ट अय पक्षघातरोगनी सीत्पत्तीचे पपीतेनुं पटल કાગ १९९० उरुष्य असाध्य पक्षघातनासलिए नपा १४० ३७. अथ पक्षाघातनोडीपायो अथग्रंथाहीतेय १७१ ३७१ अथ वातरक्तरोगनी अत्पत्तीसागडीपाय १७२ ३७२ अथ वातरक्तनुंस्वर्प नेपातरऋनुपुरण १९८२ उज्३ श्रथ वायुश्प्रधी वातरक्तनांलक्षएा. १ १९३ उ७४ श्रथ रक्ताधीश्वातरक्तनुंसक्षएा रुपये पीताधीश्यातरक्तनांजक्षएग. १९ व्याधीयातरक्तनां लक्षएग 33 ये शनीपातनाचातरक्तनांसक्षएा. १९४ उष्टप्रथ वातरक्त हृदिमांहोय छेतेनांलक्षण उस अथ वातरक्तभ्वसाध्यनां सक्षएा. श्रथ वातरक्तनीमयाध
३
१९४
१८४
૧૫
hey
उत्प अय वातरक्तनापिन्हव (નીયો પય उन्हेनोपायमुष्याने रोरोगीनतनच १९९ ३८३ अथ चातरक्तचाजाने वारसांचांनांसाराके ह १. तथा लेना दीपाय.
ल्ड
et
उत्४ ये डीसोरगुगवण हरपानी प्रहार १९७ उत्पलीपाथपांगमो मुतलस्यातावबेह उत्प उपथै चायुना-सुगरोगनीपीत्पत्तीला पाय ३०० उत्छ अथ वायुनाशुमरोगधानांगरण. २०० उत्तर पायुनाशुमनी नगा तथा समयते न उत्त्रये पीतनारीगनी बीत्पत्ती सक्षाएग· उय पीन्तना शुगनांसक्षण. उप श्री. उनाश्रुणनी रीत्पत्ती सक्षाए।
२०१
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२०२
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अनुक्रमणिश
रोगप्रोशध
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(१९२०
प्र
१४-पाल
२०२
२०३
૨૩
२०३
२०३
उल्र अथ नाशुमनां लक्षा रेष्३ स्वयं संनीपातनाशुमनांडारगसलग २०३ उ८४ अथ श्रमशुमनुंसक्षएा उत्प अथ वातउछ शुकना सक्षाएा. उद अथ उद्दपीत्तमनुंसक्षएा उछ श्रथ सुगना डीपस्व उस्ट अथ सुगरोगनोले ते परीएगांमगुणछे - २०४ उल्य अन्भन्स्वगुणनांसक्षएा. ४०. अथ बरपीत्तगुणनांसा ४०१ अथ सुगरोगना शिपायो ? ४०२ अर्थ उकूना सुजनोडीपाय-१ ४०३ श्रथ गुणनाशीनी गुरी ४०४ श्रथ गुस्मरोगने गोगोलेनी अल्पतीसह २..
०४
૨૦૪
२०४
रूप
૨૦૭
પ
૨૦૦૦
४०९
अय गुल्मरोगनुं सामान्यलक्षग अप गुस्मरोगनुं कारण थवानुं ४०७ प्रयै पाथुनागुस्मरोगनां लक्षएा. ४०८ अथ पीन्तनोगुल्मयवानां शरएगी. ४०९ प्रय पीन्तनाशुस्मनांसक्षएा. ४१. श्रय नागुल्मनुधानुंडारा. ४११ अथ शुक्ष्मनां लक्षण. ४१२ अथ संन्त्रीपातना गुल्मनांलक्षएग. ४१३ श्रथ रक्त गुल्मनांगराससग. ४१४ अथ असाध्यशुस्मनांसक्षा. रूप व पायुना गौमानोडीपाय. ४ष पीत्तैनागोणानी बीयाय
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२०८
२०८
२०७
૨૦૧
તિ
૧૦
२१०
૨૧.
२११
૨૧૧
२१
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अनुक्रमसि
रोगोराप
दर्श
१५ अप गुष्मनोपायः ४१७ शिपाययोथो हींगाहीए. ४१८. शिपाय क्षाराष्ट्र. माल अथ गोणा बीपर बृजुसार. दीपायोगोमाना.
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(९९३
शिष्ट
२१२
૨૧૩
२१
૨૧૩
२१५
૨૧૩
૨૧૩
देश थे. मुत्रस्रछ रोगनीपीत्पत्ती ४२२ पूरी मुत्रहरछनाले ८ तेनांनांम २१५ ४२३ प्रथ मुत्रस्च्छ्नासामान्य-सक्षाएा होयते २१५ ४२४ श्रथ वायुनामुत्रम्म्छ्नालक्षएग ४२५ अथ पीन्तनामुत्ररछूना ससाग. ४२५ श्रथ स्कूपी सुभम्रनांसा ४२७ श्रथ सन्नीयातनांमुत्रश्च्छना सक्षम २१७ ८ श्रथ गोस्वाग्येथीमंत्र ज्ययोतेनास ते २१७ रमणरोम्यानोमुत्रस्तेनासागडे २१७ ४३. ऋष वीर्यरोपपाधीमुत्र रम्येयेसानांजा १८ का श्रथ पथरीनामुत्रम्धूनांलक्षागोट तथा ४३२ डीपायो मुत्रहरछूना
૧૬
૨૧૦
४33 अथ भोटा राज्यातएगोमुत्राच्छूनो २१७८ ४३४ श्रथ मनरोधनामुत्राग्धूनाबीपायो १३ ३२० उप श्रयमुत्रघातरोगनीपीत्पत्ती ४३५ प्रथमुत्रघातनालेह - १३- तेनांनांम २२३ ४३७ अथ चातकुंडणीरोगनाशरा सक्षएग. २२ ४३८ य अष्टीलानांलक्षएग-रोगन श्रधचात भरतीरोगनां ससएएउ ४४० अथ सुत्रातीतनां सक्षएा.४
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૬૪
अहए।
४४१ अथ
रहे पान
૪
ર૪
૧૫
તેના લક્ષણ
अनुक्रमणिश मुत्रनगररोगनलक्षण-रोग प २२४ अथ मुन्रोत्संगरोगनांससाग. रोग-५ २२४ ४४३ ऋाथ मुत्रक्षयरोगनांलक्षा ४४४ अथ मुत्रग्रंथीरोगनांलक्षागन्ट ४४ अथ शुक्र रोगनांजसा रोग ४४५ अथ ष्कापातञेने अनवादे खेतेरोग-१ २२५ अथ मूत्रसाहरोगनुंतरगलक्षण. ११ २२५ वौघात रोग-परतेनांगरानें सक्ष २२९ ४य अस्तीकुंडग रोगनांमे उ तेनांडारए॥ २२५ ४५० श्रथ मुत्रघातना पीपायोग ४५१ अथ सीमाही ग्रतः ४पर ये मुत्ररोधना उपाय-प-पर ४५३ प्रथ स्मरी रोगळेने नगत पथरी डे थे. 23. ४५४ श्रथ पथरी रोगनालेउ तेनांनांम.
४४
લક્ષણ
૨૨:૩૭
२.
२२८
| २३०
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२३०
रुपम अथ पथरीनी रीत्पत्ती४५९ अथ पथरीरोगनुपुर्वपलंगबानुं १ ४५७ अथ पथरीनुं सामान्यपलेयानु प्रष्ट रायनी पथरीनां ससाग उपअरी पीत्तैनी पथरीनांलक्षणं. अपनीपथरीनाशेगलांसक्षएग
૨૩૧
२३१
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૩૧/
उर
२३२
ડૉ.
४५०
૩૩
४९१ अये वीर्य रोएगी पथरीनां लक्षएा १९२ अथ पथरीना दीपदव्य ४ अय पथरीरोगना अपायोग (लये 233 ४९४ य प्रमेहरोगनुंनीधनलक्षणन्नती त्रय प्रमेहरानी रीत्य
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अनुक्रमुरिका
૨૩/
२३७
||
૩૯૦
૧૮
रोगओनराध. ४१ अथ प्रमेहनांनांम ક્ષક્ષણ ४ श्रथ प्रमेहनु पुर्वय-शेरलेयेरोगयपान २४७ ४८य प्रमेहनु सामान्य लक्षएा. २.३७ ४ अथ शहरु प्रमेहनां सक्षएग-१ ४७. अथ क्षुिप्रमेहनां ससाग-रोग-र ४७१ अथ सांप्रमेहनां सगरोग-उ ४७२ अय सुराप्रमेहनां लक्षगं-४ ४७३ पूथ पीट प्रमेह प ४७४ श्रथ शुक्त प्रमेह रोग ४७५ अथ सीस्ता प्रमेहनां लक्षएग. रोग४७९ श्रथ सीतमप्रमेहनां लक्षहारोगट ४७७ श्रथ शनैः प्रमेहनांस सगरोशरु ४७८ अथ साला प्रमेहनासक्षाग· रोग.१० अथ पीन्तनाप्रमेह प्रारं ४८० प्रय सार प्रमेहनां लक्षागरोगन नीलप्रमेहनांससाण रोग. २ २४०
उन
१४७७
२४०
२४०
४९२ अथ रामप्रमेहुना सक्षाएग. रोग-३ ४८३ अथ हुरीद प्रमेहनां ससाग. रोग-४ २४. २८४ प्रथमंलष्ट प्रमेहनांलक्षाग रोग-५ २४० उत्प अथ रक्त प्रमेहनांसक्षा रोगन्द अथवायुनाप्रमेह ४
२४
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(33)
ए
રસુલ
२३८
२३८
૩
२३
४०
ड
२४१
दन्छ प्रथ वसा प्रमेहनां लक्षणं रोग-१ २४१ यिनीस प्रमेह मनोतेनासक्षण त्यानेसुन प्रमेह तेनासक्षाग २४१ पण हस्ती प्रमेहनांसक्षएा-रोग-४ २४१
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SSS>
૨૪૨
૨૦
२४उ
२.४३
૧૪૩
अनुक्रमणिका. २५१ अप झुना प्रमोशनोषी पर अथ पीन्तनाप्रमेहुना बीपरव्य ४ श्रथ वायुना प्रमेहना पीपद्रव्यो. २४२ ४४ अथ असाध्य प्रमेहना लक्षाग उपपथ अत्रीनेमतेछ प्रमेह छेव धारोमा २४३ उपाथ पुरा प्रमेहनांसक्षए. प ४५७ यूथ तत्र प्रमेहनां लक्षगर पटप पीडीश प्रमेहनां लक्षग-उ ४पल अथ राशि प्रमेहनांसार ४९० ५ध व्रत प्रमेहनां लक्षाणी-रोग. ५ २४४ ४९१ अथ अती मुत्र प्रमेहनांजन्द ४५२ अथ प्रमेहरोगमा १० पीडीयाय छेतेनाम २४४ ४९३ अथ पीडीउनु सक्षएा. ४९४ अये शराबीहानुं लक्षएान ४९५ अथ उच्छपीनां लक्षगर ४५९ प्रथ लगीनीनांसर-उ ४७७ अथ ची नितानां लक्षणं. ४
४४
२४४
२४४
२४५
ર
૪૫
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२४
**
૪
૨૪
रथ अनसिशनांएग. प ४५ अथ मसुरीनां साद ४१. अथ सरेपिरानां सक्ष ४७१ अथ पुत्रीएगीनां लक्षगंट ४७२ अथ बीहारीानां सक्षएग.रु ४१३ अथ चीऽधीनां लक्षण. १० ४७४ ये पीडीशनां पीपद्रष रुपये पीरमानुं असाध्य लक्षएा २४७
२५
ર
२.४७
२७
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रिक्षया
श्रिय मेहमरीगयानाक्षागा रिन्ज आश्रय रक्तपरीतप्रमेहनीपलेप्तेनासपरस्ट टाप प्रमेरुनेश्रारखांबांनासुपशकुन्द उलय प्रमेहंनेशरभारलीछे २४ हमय प्रमेहंना पायलाप रक्तप्रमेहनो जीपाया
अपार मेहनाजीपायो पारित हल्लायगोपाप्रमेष्ठीपरतयातेनगरपन साप अत्रीऋीनामतेपीडीसनालसएप रत्पश्य पायुनीपीडीसनालसागरप
अथानी पीडीशनांवक्षग लायसनीरातनीपीडीशनासलग हरप्रय पीतीशनोपाय----- हिरप लागप्रमेहनोडीपायरत्नप्रय मेरोगनीतीत्पत्तीतयातक्षगानी हल्लापीपारामेहरोगनेरारीनुफैन्यते रोशन हश्यमेहनांसहगमनुष्यमा -
अपमेनुंस्पांना हलपस्थणनेमेस्तेन भंगतयालेनाडीपायमा ल्याप अमृतागुगगारित प्रिय पुराधोपोरोनरोपायमराऽपानी मि
र रमापुरगंधीतेमरचानो रोपाय । अयस्त्रीनागरी उनीन्तीपश्यानो दिपायरिएल उल्टाश्रय उरीरोगतोहीमेसीएपछेतेनी पिपल हिरणश्रयीयवासीरंगरोगनाखसरगर
गोऽयन्भियतेनेबारमारोगापरक
awa
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रोगमनाचा
||६५४) अनुक्रमणिका शीश ऽर्शनामसागरोगनाशपाया कि राम असायनांसलग
अय पीररोगनी शत्पत्तीलक्षावापत एन्हाप्रयजीरोगनांशरगपाय तीररोगनेयवानोरीत्या फिन्दाथ सीररोगनूंसामान्यरक्षण रिका पजाश्रय धाउप्रारनाररोगतेनानामरस्य पन्टअप चातोरनाक्षी कलत्रय पीतीश्नांसक्षगर पाणभय ओरनांसहएगरोग सिअप सनीपातीधरनालक्षगरोगग. लयले छ हीरोरानो पारनपस्योरनालक्षागनेययानुशरणका पप्रिय पोहोरवपयापीयोरनालासपोर पाठ अर्थ माघेरी गुरिनासनगरोगका एसए यस्तोरन्यवक्षाग-रोगा पर अय नमोरनारगनेससगरोगन्दा पराजयप्रसाध्यठिीररोगनांखसागर पष्टप्रय पुनः असायनातक्षागर कलय वातोरनोडीपायलो. परनोरनो दिपाया. शिष शेरनीयायः पिशवी सन्नीपातीहरनोरोपायोन
प्रथमोरनोरीपाय पाश्रयणीयतनसामानणोरपाटरपेक्ष पिराश्रयसोथरोगोलनांमलेनीशत्पचाराला
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लगाव
ए
२५॥
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अनुक्राएगेशः (१७ पर सोमनोरोग प्रवरनाछे. एर भए सोननुपुर्यइप
श्री सोननाांमान्यजसाए पिटापायनांसोस्ननां संसा पकष पीतेनासोलनांलक्षणं
प्रयासोन्ननांलक्षणभूप मेलेगांडोरानागीनतेनेतरोगारज्य उत्पावरसंन्नीपातनारोनी ও যেতে বলীয়ান হামহাতই प्रिय वीखनासोननां लक्षण
भूपि सोन्ननारीपयोग | पय अष्टसाध्यसीननां लक्षए जा
अपनाप्रसायनालेगांससंग ७४ वटा सोल्ननांना ऐलान जलवायुनासोननोपाय. प्रिय पात्तनासोरुनो शिपाय पला अपि नासनीपालनासोन्ननोडीपायरूप व्हिव अपनीलांभानासोन्ननोपायरूप दिप्रय सोननसामान्यारीपाय... पर शिनायोतानोसोल्नेमरपानोपारुपा पल्याश्य सोमनोरुमरवानोगियाय प्रिय सोन्ननोपरतयारीपायो.
अयक्रव्यापीरससोनीपर पराश्रय स्टीरोगनेनेहरवी छेतेनाराज पिरलपारसीतएएसमान्यखसए रखता
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माराप.
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॥६७०) अनुक्रमणिरा पिपरपायुनायास्ट्रीना लक्षण पापपीतनीअंडरहीतेनांखसंग डल परप्रय नारदिनांसक्षगर प्रिय सोहीनाअंडरडिनाखसंगल पपटाय मेनाअंडरदिनालक्षण पपपपथ मुत्रनोअंडरहीतेनाससंग, पापयत्ररहीजेनेअंतरगगछतेरो
गनी गित्पत्तीसलप पणभर पायुनाअंडरडीनोखीपाय पपाय पीतनीरवीनो पिपायर पिपलपप उनीअंडरहीनो पीपाय. पियरक्तंडरहीनोपाय फराप्रपमेनीनारडिनोपीपाय पीपायरहीनो पप्रय मुत्रनीअंडरवीनोखीपायपिपत्रहीनो पाया। पडप भय वएसोपोगनीशित्पत्ती-जेनेशन
गुमागांमारांनीछेरगमारोप नागनांमरपसायत्तेनीसित्पत्तीसाण २८
श्रर गोगने पीयानोभोल्नेतलोबल प्रिय वसीपनापाज्यानुसार र पधप वगसोयपाध्यामाज्यानांलक्षणार विजय वागसो पानीगयोहोएतेनालय
श्रय एमभीएयरोगनाशरणारख्य
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MOTreemstone
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अनुक्रमणिका प
__ोगओरोप पयाप यायुनाएनालसए
शाय पीत्तनापगनासक्षए. पायनापगना लक्षात
रुपयरक्तं प्रागनाखक्षा जय रातपीतनायूएगनासंलगप रिट प्रियातस्प्रगनांसमग पाय पीतवानांसमगन पलश्यसंन्नीपातनापनांलक्षपद रिज
प्रपसुहबगना लक्षाग डाध्य हुए सपनांखसए पसमय यु वगर्भधारतानाजसपर मिश्रियसुनसांध्यत्रगनालक्षगर पिलप्रयपीश्वासवानांलक्षणं पिल्पश्रयरूपानावपस्यांननोरीग्यारेन्ट पल्याश्य असाध्यबगनासक्षगपाय आगंतुनागनासक्षए. पल्टाय आगंतु पानी पीत्पती पल्लअर मीनगर्नुखसएग
पत्नीनश्पनुखलए वाप्रय वीगना लसएग मारमा दरअप रास्त्रयागीचंगमारहणयोहयतेनुस दापूय रोएमेतीराधीनांखसागरला दुष्टायरोएमेरक्तप्रवामणभूसाय्यतेनरल्स दिपात्रप सतगपीपीतयागनातक्षरस्य
प्रिय ग्रनपणनांलक्षण
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॥६७२) अनुक्रमणिका जिप्रिय संघीमर्मस्यगनोचएतेनांसामान्यरिजा ददाश्रय मर्मस्थान नसोसंबीयपणन र स्यीयाधीगायत्तेनान्नुन्नुलसाएर दुरूप नसोयेरैतेधागनालसागरला
श्रिय संघीनेशगनासरगःउश्यअस्थीनीगनांखसंगरल
दारपमर्मलेटीयागनां लक्षण विश्रय एना-
पणपश्चछेतेनानांमारली दहाश्रयअग्नीएएनीरित्पत्ती दिपाधय श्यनाशरहदक्षाभूपि रायनांलक्षएगा प्रिय एनालगार दिपाश्रय सम्परचनांखसागर दिलिप अतीविनासपा
प्रयोरपिीययेशररीरपएनाजीपायल्प दश परायुनाबगनासोन्मनो सिपायरल ९२ पिपीत्तनापूषनासोन्ननोपाय र दिसायनासोन्ननोपीपायलेपरल्ड दायरावीस्नानरोगनेलया डो.
पाश्रय पीत्तनासोलनो पायदुश्य उनासोननी शिपाया प्रिय रक्तंनासोन्ननो शिपाय
भय रामसोमनोशिपाया, मन रिलाय पोतेपायासन्मुनरयेसानोरिल्या |उप्रय गपश्यरानो पीपॉयरत
-
Pub
aummeremeen
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२८
३.०
+
-
अनुक्रमणिका (१७३ आप अगि भारसानापानी रायपानाहीतरल्या उप्रय एपर पीपयारररचनो प्राररिस्ट
अधिगसोघवानोप्रेशरअपनाप्रागनोपरामपानोरल्न रुपयवांनासोरनोदीपरानासोपुल्ल
प्रय ग्रएपायानोस्याराधीनीसरानोल्न प्रिय पायोचएसारीमानोरीपायरिंग ऊट अपएमांअंकुरजापपानोपाय तपाडान
पायपीन्नेप्रगमरवानो उल्लभप प्राणमेघहतयार गरययुरोपभरतरमा १४ प्रथगमांकमीपणाहीयतेनारानातापायौ
ताप्रय प्रगलरैलपानोपायन उमाश्रयागंतुझ्यागएपीयारयागपापिन्ना
येसो तेनो पायएलप पायीीरांमारायमांडीत
कोयतेनोडीपाय अथ पैदमारास्त्रगीर्धारतियानोपउन्न याप्रयोहामाधीरलायेखानोपाय
प्रयन्नत्याघ्रतधाराग्यापरछेउडा दिलप्रीअजीज्यप्रकारनोतेनारीपाया दारू पायपरायनी प्तिप्रायपुर न्यनी पीपायदिपाश्रय सभ्ययनोखीपाय प्रिय अतीऐचनो रोपाय दुपयोस्याहीग्रत पळाडीपर.
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५७४)
उपाय.
__ अनुक्रमणिका या अप लेखतपायतनोशलोलेनोरीपायल्प नमोऽपारपाचनानीसशिपायोधका उपप्रप लोहारियानुतेसतरासपी पिपलिय जाएगंगीरोगनीपोत्पत्तीलक्षएउज्ज
-
-
-
भएसंधीदुरपाना प्रारनानाभ इस्टायगरीरनीसंघीरीहोयहाउनीतेनामित
सामान्यसलगाउदा दिपलश्रय पत्पीष्टसंघीरपानांवक्षए। उन्दा दुप्रिया पीसीएसंघावानांलसणारी
अपचीचर्तिसंघीयानांलक्षण रिन उशय तीर्थगतीसंघौटुस्यानांखलागला उश्य सीप्तसंघीयानांसक्षागप उल्ल उहाय अयसंघीटुरयानां लक्षगए उन पाय मंडखक्षण याण्डस्याना परप्रसारछेतेनाम उल्ला
जेंचालक्षगन्नंगवाप्रय अस्पी होयतेनारसग कण दाश्रय लग्नरोगनांउटसाध्यसलग किन उदल भय लग्नरोगोष्टुरेलुसेनाथसाध्या
प्रयत्नाप्रसाट्यना नाधिपस्यान प्रत्येपोत्यामापाग्यानांपी प्रियलग्नरोगकाटुरेतेनालीपापड साल रियायोहण्डयानों साइपयानो र
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ए.
अनुक्रमणिला १९७५
छते./एएपानु दिग्गयोस्रयाोषानेवारपायांनासा
रुप प्रपिरोटपागेखानेश्रारखांनउरचाते दिखाप्रपमुष्यहाउनांस्थान
जश्रयागमतारानीपोत्पाग्यान दरअथ नाडीवएरोगनीधीत्पत्तीसराएडिel
लश्रय नाडीवानीरित्यत्तीवरचानी बता इंश्यनाडीप्रपना पारछेतेनानामा उत्सालय वायुनानाविएनालसगफ चाय पीतनानावनांलक्षणलाश्रय नानाडीप्रपनालसरग
तपसन्नीपातनानाडीवानांलक्षए पिता दिपप्रपन्योपागयानानानानांसपी दिप्रयप्रसाध्यनारगनांखलए रुपा विश्रय नाडीवएना पायो दरअप प्रगवीधरएममछली दिलप्रय सुतरालपेपपएरोगपर, प्रिय महामध्यम दलाय तुयारीमस्यमधएरोगीपर उपली दिल्यपहायपगरीचेहेरपानाहीयतेसा करने ननरयानो डीपाय दिलाअपनीमारीमख्यम- यएरोगक्षमता नाम पेगास्वापर.
प्रयागरीत्यांत्वपारंगीगयो पुष्पयनगररोगनी सत्पत्तीलक्षण लाल होगतेस्रप्पीरवानी डोपाय ना
-
-
-
३१८
-we
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phrases
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कर
नाइ
-
||६०९) अनुक्रमणिशः व अपवायुनारातियोमान लगाया
श्रय पीत्तनुपरग्रीवलगंध्रनारसयार दिल्लपिउनापरीश्रापीलगंधरनासक्ष२२ लश्रपि संबीपातनसंघर प्रधरस्त्राणीयागीनेगरेसुधीनगर
संजीउलगंधरनासक्षागा 3 नापसंन्ने पार-तयारस्त्रलुलगाचसाईया उन्नपूर गंधररोगनाशवीप्यतेपाल
परीसुररसलगंरोगीपर काश्यनगरपागाने पारलांयांनांना उपाध्यतीपशरोगीनेांतीलगतरेछेते
नीशत्पत्तीकन्य वायुनावीपशनाखदेवगत जय पीतनारीपरानांवसर २ न्य उपनापशनाखाएर लिप्रय गन्दीरातनागिरानाखक्षाएनसल पश्य पीररावसायनावापरत करू युनामसाध्याडीपराजाला टा उपप्रपीएशमाटीशरोगलाददगांड
प्रय पानेगाधनोरोगनाशपाय हायपरानो प्रियेसोल्नेपलरोहीया
तेनो डीपायएथलीगेडीयपानाहीयतेमटयानोडल
सिपायतया पायपीपशना नि प्रियगांधीनारोगनोपकारतयारीपायो उम
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अनुक्रमणिका ( प्रवर्ण,
पएरोगनारमतीनाछेडपटप भारमारोगशिडीनेभीननेभानेणे। तेरोगनांनांमःपलपप सीतपीचरोगनासताए रुधिरसीतपीतनोलेटतयाशिलोटते श- नालसएगतानाणपायो
उहह || प्रपामाभपनेरुसोत्तपीताशिरोगकाजल व अनेतेनारीपायोगीतवाना
प्रयाम्पपीत्तरोगनीरीत्पत्ती. - विषय आम्रपीत्तनांखसागर
प्रिय भाम्पीत्तनापरछेतेउछु उस १२ अ गामीधारमपीचनालसंग उरु करार प्रयोगांभीश्रादपोत्सनासमाग उठ उरलप भाम्सपीत्तरांबीलोरामणेखानानेकर तेनांससगा
उडर 53 प्रपशनास्त्राम्बपीत्तनासागर
यसाध्याम्पपीत्तनांसमग उर प्रयाभ्सपीत्तरोगनाशपायोर प्रयोगामीत्राम्बपीत्तनो पायाला अपचीसप्रोगनांनामा उपाश्रयीसपैरोगनांसामान्यलक्षण
प्रय चरायुनावीसपेरोगनारक्षग ४ कश्यपीनापीसपैरोगनालक्षगर उन्न उटामायनाचीसर्परोगूनाटताउला लश्यसनीयतनापीसर्परोगांखलए इस
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प्रा
रोगोय.
एश.पण
-
-
-
||५७० अनुक्रमणिका
प्रय वातपीक्षयासर्पगना लक्षण नाश्रय पातपरीसर्पनांलक्षाए
श्रय पत्तनाची सर्प रोगनालसएनउठ प्रयरास्त्रपागने घायीलेवीसर्पशेगतरून
यायतेनापतिएरायपीसगोगनागिपर ध्याप्रय वीसप्रोगनांसाध्यप्रसाध्यससगडए
पिपीसप्रोगनाशपायइन्दप्रय वायुनापीसर्परोगनोगियाय. त्य काय पीतनावीरारोगनाशपाय टप प्रय उनापीसर्परोगनाशीपाय-ड इल्प
यसरयेचीसर्परोगनो पीपाय. रिन्स एपीपायसरवेषीसप्रोगना रापस्नायुरोगनीमत्पत्तीमोरी मांग
नेपागानोरोगहेछेते पराश्रय पानानारोगनोणिपायो खाप पीसोयरोगनीपणत्यन्ती डल पर अपसामान्यपीसोराहनांससग हल उपप/प्रय वायुनायीसोयनांखसग कुल पडाय पीतनापीसोनाक्षणं एक पनपनापीहोटलनाललग उप उपाययतीत्तनायीकोटयनांसक्षए उप० एकपूर पायुमनापीसोयनांससग उप
भय पीत्तनापीसोपउनाखसएगा । जायसनीपातनापीसोरश्नांसपा सश्रपि धीरणगाऽनायीसोपस्नासताउपण
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प्रम।
रए-पान
। अनुक्रमणिका (६७०
श्रप चीसोयना पस्य शाप साध्यप्रसाध्यपीसोनालसरप रुपपश्रय चीसोयरोगनां पापायो पिर भूय पीत्तनापीको स्यानोपाय उस
प्रयत्नापीसोस्यानोडीपाय उपा काय सारनाचीसोपानोरायब कलमपीलोट्रमरोगनोपायसनो पिटा | अपीरंगरोगनीमतीपीपरानोले
येऊन्नत्यनीगांधीउ पधागंतुझेरंगरोगनाधारण उपप इत्यानपत्वयारोपस्याहीरंगनां लक्ष रुपए इलाअपरारीरनीसंधीमे अपपानसमापनका सायरामोनेलाहार रीगनांखलए उपए
रंगना कोपावर त्यप्रियरंगरोगना सीपायो
उप लाभप परीरंगपरपुंगीनोएपार पत्र
परसपुरेभोदुंधायकोयतेनोपान टाधासुधरोगबेनानी रेस्सीयोत्वया
एतेरोगनांसरगनाअपिएस्सी | जोखेतेशेल्सीसभत्रयी उपनगल्लीसमस्रीनालसग उपल
रूपयरप्रसारोगनी रेस्लीनालसएनएल कलाप अंत्रस्न पसीनांखलए एन शिल्पपीताणसीनांससह डापउछपीत्तानासनगए।
परम्पसारवानांसाला .
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sp अनुरुमगिरः
लोअर पल्मीरोगासिनालसएम उपअप हुनांमएसी रोग उल्लाश्रय गलीसंगसीनाक्षर
अप पुनसीसीनखसएप करा स्टाप्रपन्नसराईलरोगगसी पर कल्लयरियसिसइएसीनांखलए उस
पणालाहनांवक्षपाचा टन पनीरोहाएपिसीनाललगाउन प्रिय गीष्यनामसोनाखसएप का टब अपनपाएसी कोनमनेणगाडे खेत रिलायनुसागसीनांससha लिपधिपवीधरनांखसागपर
प्रथशनमासीनो सक्षएप उ
अथ राशिघुनाखसगारू निराधान्यान्दरोगनालगनेनेवारसायकल
प्रयउधररोगनारसगर
श्रय पारधारोगांजसपर तात्रयलसारोगनगिरीजीउमेजर टारप्रय अशरोगतेनालेसहीतलायन
सय पणारीगरीएणीयांतेनासंसारमा लाप ससागरोगनेखापुछेतेनासपने नपाध्यमसरोगनालसगरमा लायतलनारोगनाखसएर राणप्रयन्यरोगनसतगणसभी सींगपर्तिगरोगनासतगडा ||
-
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रस
२
.
dam
muslim
अनुक्रमएिकर (५८१ तप्रय पारीशरोगनां सक्षपातर किस
अपनीद्धारारोगनासलग 3 शअपमएीनामरोगनांखलए शश्रयशनीगुरोगनांदतएउपरा
अपशगारोगनांससएगाउन टिस्ट अपांगीरोगनांखक्षएउ पाअपि सुश्रष्ट्रारोगनांखसएर दर श्रिय स्रोगनी सीपाया रणय पारगलनांशिपाया रिटायपरमीजगसीनोरोपाय लय पोसाऽनेवजीरोहगनोपरल
प्रय अपारीशरोगनोडीपाय: उपरीनीइगुन्नी दीपायः उभय वशगरछरोगनोडीपाय
अपि पीरोगनोडीपाय लिहायर एरोगनोशिपाय उपअपव्यान्दुरोगोपगेवरीझरेछेतेनोपाय लषय उदरगनो जीपाय
श्रयतसनारोगनोपायउपपिपीयरोगनो सिपाय सल्यानणरोगनो पीपाय सध्यमस्सानोतपाससगरोगनोठिीपाय
श्रीमंगेयधावतीलेयतेनालीपायर मध्यपगीरोगलेपणीयांतेमरवानोडियामर टीपायनीने स्परेसनोॐ
--
३७०
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||५३ अनुक्रमणिका
एट-पन पायीरनाममनरोगनीपीत्पत्ती विधिपीरनारोगनांनांम/ रत्रयायनाशीररोगाजलगपs7 राप्रपपीत्तनाशरीररोगनांखलएारागार
तश्रपि नारिरोगनारक्षण टिपप्रप सन्नीपातनारीररोगनालसएकर त्पाअयसोहीलगाऽनागीररोगनालस्पति प्रिय सीएएगानोशीररोगतेनोसन्त लिपयक्रमीशीररोगनासमागम रुप पश्यसुर्यावर्तरोगीरानोर ज्या टिप्पाप अनंतचातरीररोगनांसहगल
लाप्रपरीमनामीररोगनांपसगा जिएअविनेशीररोगनांसंसप रपटाअपि वायुनाशीररोगनोरीपायन टपलायशीरामस्तीरायुनाशीररोगीपर्यन प्रिय पीत्तनाशरीररोगनोपाय स्त्रि रसायनीशीरपीजयनारीपाय टरसाए लोहोनीशीरपीरानोसोरायन प्रियरान्नीपातनीरीरपीज्यानोपाज्य
प्रयसीएययेखानारीरोगतुंचौरज्ला दिपाश्यक्रमीशीररोगनोतीपसार
दरर्तनरोगप्रापाशीशीछेते बिनो पीपायीला टपशनतरातीररोगनोडीपायला
-
अपसुगतनाल
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(५८३ एए-पा
एटी
रोगओशव
३८०
अथ संनपट्टीहुमतीनोरीपाय.रू टदु श्रथ पानमोल पम्धता हीथतेनी पीपा उद २१. अय उस पंधवानोडीपाय. ८७१ श्रय मैत्रना मंगनुमाप प्रष् २२ अयमक्षुरोगनां स्थान८३ अथ यसुरोगमां होरानेनारोग नेत्ररोगनीत्पत्ती. उपप्रय प्रष्टीनुलक्षण
८७४
सक्षम ३८३
छेते ८७५ अयष्टीना-४ पेडणनाश्राश्रय. ८१ अथ प्रथम परणमारोगथयो होयतेना उ ८७८ अर्थ मील पाणमां होरा पयो होय तेनाल छलअय त्रीन्नपाणमांरोगथयानास एग २४ अथ योथापाणमांहोराकोयतेनांसर अथ अन्यशास्त्रनामतेये मोतीयाणी ११ ११ ना. दु-लेच्छेतेनाप्रकार
3=3
| उत्प
दत्य
अथवायुनासीगनारीरोगनांसक्षए उप अथ पीत्तनासीगनारारोगनांससाय उन्ह प्रश्नासींगनारीरोगनासग उ उन् त् य सन्नी पातनाजींगनारीरोगनां उ ५ ग्रंथ सोना लीगनाशरोगनां जाग-4 उप त् य परीम्सायनसींगनाशनांसलग ३८७ टप सींगनाशनां अन्य सक्षगदस्त्रये चायुच्चारीसीगनाशनानेत्रमंडल
360
उच्छ
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૩૧
૩૧
હા
સ
३८२
મંદી
B
ट अथ हुए पीतील पाणने प्राप्तथया नाम, अथ रक्तांको रातेन रेमे तेरताधमानांउटर
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-
Came
९८४) अनुक्रमपिर. धिरजेनीश्टीमापीशरीयैरह्योफोम मक यतेनासलग---
माउद श्रीयुमहर्षिशरीररोगनालसगरमाल हायस्चरोगनासलग रिपत्रथनगायरोगनाखलाग... रश्रपिगंल्लीररोगनाललग
श्रय वीनाशरएलींगनारारोगनांखाल्ल स्टियांममंडणहरलेशणामंडणमाया
यत्तेनानामतयारसग ल्दिप्रयसवाशुक्रनासलग
पसमपरामर्नुसाध्यन्नसाय्यतन लगायअवगएकनासगडिला
भयअवगगुनांप्रसाध्यखसएगाउल नियमानुसाध्यापासून
अपक्षीपाशययनेत्ररोगनासल्मि स्याश्यअनशन्नतनेत्ररोगनांसमग त्य
प्रय नेत्रनारासमंडणरोग प्रयायमनबनायोगालागमेरो
गतेनालसएनराप्रपालार्यमनेत्रनाधोनामागमा ला रोगतेनालसगरउल्ला कल्यस्वार्थमनारोगनांखसएगल्ती
प्रयभूमीमांसारभरोगनाखसएगाह लाधिपस्नायधर्मरोगनामसागपा ल्टि तराप्रपयुक्तीरोगनांखलग रह
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५१
अनुक्रमएिता
रोगमाः
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૬૫
(
।
९१३ अथ· अरत्नुनरोगनासक्षएग.उ ४ श्रथ पीएड रोगनांसक्षस.ट जय अथ
૩૭
५ श्रथ सीरोपीडीडा रोगनांस ९-१७ अथ अनासग्रंथी रोग. ११ लाट यि नेत्रनामर्मस्थांनमां श्व्याधीछ " तेनांस्थान तथानांम जप तेरोगनांस्पृष्टनांम २० अथ बीत्संगपीडीशनेत्रनांपोपगांमेन नीरोगतेनां लक्षण रोग-१ उद अकुलीरोगनांससरंग-रोगन उष् २२ अथ पायठी रोगनांससारोग-उ २३ अप चर्मराईश रोगनांलाग४ ४ श्रर्य अशवर्मारोगनांसक्षएाय स्य गुम्लाश रोगनेत्रनो-दु २९ प्रयमननामीगरोगन्यांनएगी ते १. नां सक्षाग-७ ल् थ बहूणपर्मारोगनेत्रनोट २८ अय चमिंग रोगनांजक्षएग.रु उल्ट यडलीष्ट्रयर्मारोगनांसक्षग-१. उल्ट वर्त्ममरोगनेत्रनो तेनालक्ष०११ ३७८ ३१ श्रथ शाभवर्त्मरोगनांलक्षणगर
३७
૩૭
३८७
ડ
३७८
૩૯ ये प्रज्लीन्त्रवत्र्मारोगनां ससाग-१३ उप ९३४ प्रथम्लीन्त्रवत्र्मारोगनांससाग-१४ उल्ट ४ च्य पालकृतवर्मारोगनासक्षएाप उ रूपन्यच महरोगनांसक्षागनद वय नीमेरी रोगनासक्षा-23 1४००
४००
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एएपाने उदय
३९४/
सीरोलगरोगनांसक्षागरु उत्प
एग.१० उत्प
उत्प
૩/
उज्
ܢܢ
ܢܢ
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ses)
अनुक्रमणिम
चौधयः
(३)
प्रभा । 39
४००
૪૧
यशोगीतार्शयेरोगनांलक्षएा १८ ४.० युट अथ लगएारोगनांसीए प अथ वीरवत्र्मारोगनां ससागर. ६४. अथ इंसन रोगनांससा.स ४१ अथ नैनमुरगाने पांयएयतेनारोग. २ ४०१ ल्टर प्रथ पक्ष्मीपंपांपल्यनारोगनांल०१ ४१ ए४३ श्रथ परमशांतरोगपांपेएयनांतेनाल४०१ ४ अथ नेत्रसंवीनारोगस्तेनांनांम उपप्रध संधी रोगनांमस्कुर
૪૧
४०१
५ अथ पुगाससनेत्रसंधींनारोगनांस०१ ४०१ एक अथ पनाहुनेत्रसंघीनारोगनांसर ४०१ हर प्रययैती श्रापनेत्रनीसंधीरोगनांख० ४०३
त्रयश्रापनेत्रनीसंघीनारोगनांस० ४ ४०३ रूप. अथ संत्रीपात श्रावनेत्रनीसंधीनोरोग प
४०४
अथ रक्तश्रावनेत्रसंवीनारोगनाल०५ ४०३ पर प्रथ पर्वणीरोगनेवनासंधीनो उ प्रथनगीनामेनेत्रनासंधीनोरोगतेनांससएर स्पष्ट अथ तंतुगूंगीनांमेनेत्रनासंपीनोरोग तेनां सलएग.रु
उद
|४०५
पप अप नेत्रना जीन्न रोग तेनांनांम ४४ स्पषु ये स्पष्टनांम स्य श्रथ नेत्रनीसमता १ तयानेत्रनीची .. रामता.. पराश्रयैवायुनोली व्यंहरोगनांसक्षाएग. स्पटयपीत्तनालीव्हरोगनांपक्ष र ४०५ रूप पीन्तथी ज्योमेतेरोग
उप
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रोगबौरायः
अनुक्रमण्डिाः (१ सपनाथलीयाना लसएर किए वापरतालीष्यंहलेसोहीणगड्यनी
अयोधुमेतेरोगलतेनाखत सरबिय रायुनापीमयरोगनासनगर
बेघपीअोण्योष्टुमपात्रारेछेते न
रोगप साय पीतनावीमयरोगनाला हज ल्हाप सनाधीमंयरोगनोसन्छ र स्पयरक्तंनाघीमंयरोगनांखन्ट अपराधीमयरोगनानेबीघापानी
मर्याधीवरानी ल्दश्यससोपपरामरोगनांखक्षगरूच लाश्रयप्रसोयपाइरोगनासक्षगपरन्ट ल्दतश्यहतायीमंपरोगनां रक्षागासल जयपातपर्यायरोगनांससागर
भूपसुदीपायरोगनांखलए- हिन्न मपन्यतोरातरोगनाखतगाल
पत्रम्सागुरीतरोगनालापान प्रपिरोत्पातरोगनांसतिगोन्पार पायीरो रोगनांलक्षण
भूगरोगनामरोकोयतेप्रांष्पनांग || लक्षगरा पीरामरक्षनांकि अप नेत्ररोगमगियानासएसन
पक्षना कटरप्रय नेत्ररोगपागापेमारतीचस्तुति
नीमरतांसुरी
-
१५
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e
વાન
-
Rama
अनुक्रमएिडा उलय यसरोगनाशीपायशपष्ट निका
प्रय नेवाणगामायांतपस्यानी मर्यादा टपिरतुरत्येशननसमालयात एपपप सारीरहीरापरीरात्यः शम्भूयबनरीत्या
अपायोमेगाबीते पमा ल्दयीपायखेपनीले स्पायडीपायत्रीनेन्तरतमरवानीनगर हिदायहुपतीप्राण्योनीपोरनीगणप
नीतेश्यानी पाण्यमांगुणापतकोयलेनोन
दीपायप्राण्यापतानीः स्टाअपिगरमऽनीपतालयतेनो स्तपत्रयिनीहीपीछुपतीमीयतेनोरी स्वप्रपिपाध्योतनपीपीप्राण्यप नराकर दीपायलभूयगरमनिीतयासोहीनीप्राण्या गती होयतेनोपायः दिस्यांप्रथमोप्यमांशुगणालाहीयतेनीषीपायल निकियारसोप्यपीडीपीयवान्ये पीडी कएपोस्तीतुंनामा
प्रयाप्यमान्यतमरपानोडीपालन स्टायनेत्ररोगपरतरपएगचीचीहसिल ल्पाअयोध्यनयनांना टप्रयतवर्तिरभंजन
अपस्नेगरीरभूनना स्यप्रथमन्यनयनांकन स्लिप फ्रानयोनीभनागार्यानोपायलट
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पम्पेितंशोलारजागेतमरवान
नोडीपायट मायनेनीरमगारपानोपायलिन याप्री भागमामोतीयानी साराचीन
गरेमरयानोठिीपायसन अपनेत्रनासर्वरोगनोनीपाय,
प्रयशीलारासर्वनेत्ररोगपराएगा मिथर्णरोगीत्यत्तीसक्षगराय
शेगनीसंप्याटले नाहरू अयाएगुिण-समाए।
प्रय इनाइरोगिनांसंक्षागार या हिन्दाअथमचीरनुलक्षागार जय श्वेऽरोगनुंजक्षगन्तरिय प्रथमश्रावनांसगाप
प्रय हिंड्नांसक्षगनिरामय एगथरोगनाशगन्छ प्रिय उएप्रितीनानांसमगर प्रिय ऋमिनांसक्षगन्द
अप उएयूपतगोखवागवादीचाणका करायीगतेरोगप-प
अयाएपास्रोगनांखक्षरगपूर मिर पुतीरोगनांलक्षाएं पर ख रामय वातपीन्त लोहीते पल्लाचयी करून
-
-
जलभरपरीपोरनुंखलएरोगर्नु बि
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अनुक्रमण्डिा पर्ण
जमय शीत्रातरोगानिीतेनालसा साथ जन्मपरोगनाललगाउ अश प्रिय पपर्यनरगनांसहग रूप
माश्य परीलोहीनोगनालक्षाएपरिणे प्रिय रोिगनाधिपायो पथगुिणनो पीपाय अथांनीखीणीपासीहोयतेन
प्रयननाएनीपीवानोपायहर स्टारयशनमाक्रमीएज्यालोयतैमरवान्येक
सीपाय: लप्रयांनतेनाशीपाय. उद स्थानणनारोगनीत्पत्तीतयालक्षात
गसण्यानामतेनांघरतोअनक्रमात करामय प्रपिमपीनसरोगनांखक्षमाश्ट अयनासापाइरोगनांलक्षण
श्रय पुरीएपीतनालक्षगर . समय गीछोरोप्रापोतेपक्षपुरोगना) मिसागपत
समय रसथुनामीत्नेलेप जयरसयुवरारोगनासपा उक्त्रयाहीप्तीरोगरेनाइपणे छत प्रिय प्रतीनारोशनालसएन्ट
भय प्रतीभाररीगनांखसगरू साथ नागासंतोषरोगनालसएनपल प्रिय प्रतीरसायनाप्नलगमा
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अम्
•४3 अथ
AA
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अथ पीत्तनापीनसरोगनां जक्षणा कुनापीनसनांजसा
य
०४५ प संलीपातनापीनसयोगनाज ४३२ ष दुष्ट पीनसनांजलाग ●४८ प्रय लोहनापीनसनांजक्षाग ज्जभ्थ असाध्य पीनसनांससाग 833 चाय पीनसपानानेनास्माक्रमी पी १. लयछे तेनांसाएग अथ अनांमरोगनी गांयोनार में थाय छेते. ७ प्रहार अप सोलर प्रशरना तथा श अथ पीनसायानुसा ०५४ प्रथ पाहा पीनसनाजक्षण जय नास्ना रोगनाीपाय प्रथम •थ पीनसरोगनाडीपायोग
१०)
ܢܢ
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(६७१||
अनुक्रमणि पीनसरोगनुपुर्वयतेनांलक्ष. १
योगमोराथ.
833
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Tesa
१०५७
उपाय. रज्योशाचशुरीमा ४६४। ० अथ व्याघ्रीतैलपीनस परना उपाय शीघ्रतेज पीनस पीपर दु.प्रय धणी सीसेते मरवानी दीपाय २०११ अथ मुष्णनारोगनीपीत्पत्तीसाग २०१२ ११ हौडना. रोगट १०१३ अथ मुष्टरोगनी २०१४ अय होउनारोगनानाम १५ अथवायुनाहोरेरोगना प्रय पीन्तनी पीउपाधायतना सरदार
प
कर
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रोगमौरीपर
-
P
||६८२) अनुक्रमणिकर
जय नाशेपनी पायाशी तनाव टायसनापानीपीतामोडेयायतेना
लक्षाग४ दुनियरोहीनीपीज्या
सक्षगप.... अययोटरबागवायीहोडेरोगथायी रिकनांसगा जयमांसमेग्नांलक्षगन्छन्ट उद यथोग्नारोगनाशपाया।
प्रयतनापैतांपागांतेरोशनी नमन त्यत्तीते रोग-प्रशारनाछ जयशंतनापेरांनारोगनानांम जिपामर सीताहीतनांपेठामारोगथाय
तेनालक्षाएगाप. जापतिप्यपुस्पानारोनालसहित अपसोरीगण्टामाशयतेनाख
अपमहासोरेरिरपेटोनारोगतेनालन्दा जिअप एरीहरपेढांनोशेगतेनाल र
यसपा-पटानीरोगत्तैनाल रित
प्रय रोग ऐटांनांतेनाललगाम सिश्यषलीवर्धन-पैटानीरोगतेनोबलस रिलाय धीमांसनारोगपेटांनातेनालाल
सगसोनेखोयागांतुंएमके छोते. अयि पागरोगनसोपीपीछेते पाथवीधी-पेदानारोगनाससग तत्व रिश्रय सीतातीपदानारोगनोरिपायापार
अपतप्युपुरतो पीपसारा
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e
manawan
-
---
४४५
पाप तरीगनानामपूतर-टयेरो
अनुक्रमणि टीचप तवेरीरोगनी रोपायः-- रिश्रय तरलताहीयतेनी डीपार लि पिसोरीररोगनारीपाय स्पिअप परीधररोगनोडीपाय ल्पिश्रय पेरांने पुगऋमिनीपोप्रापैहोर
तेनो पीपायलिए पतीपनरोगटांनो तेनोपायहरूप लिरात्री पायप्रारनानसोनापेटाभेरोगा।
तेनोपायोलिय लीननांमेलनारोगनोलताना
अषकमीतानांबसपारना स्टाप लगनारोगाननीतेनासागर
लय तएरोगनाललाख श्रियस्तरारोगनासक्षगन्पा प्रिय सपागीरोगतनो - जी रिपायांतरोगनांजक्षिगन्छ प्रिय राणरोगायतनोतेनासागरात
ययात्तरेहनुमोसरोगनालक्षरूपमा
अपनरोगना पायो विश्वसाक्षिाखिन्सरवंतरोगपरपात
पक्रमीतनो डीपायात टाप जमायाहोयतेनोहीपाय प्रयतनारोगनोरिपायप्रयतसाराश्यानेम्सीन्सर्व
तनामराजेते
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1
१४) अनुक्रमहिए ।
यांतहालताहीयन्तेमापीयानाकर समरसतीहोयतेनोरीपायोपन प्रयतेसोहीनीरतुहोयतेनोपीयरपत
यत्रीमनारोगनी डोत्पत्तीसक्षगाच्या राश्य चातलहरोगनालक्षागत रुपा
श्य पीतलहरोगनांलक्षर पर पायललोगनासतएउ पर
श्रय प्रसासकलनारोगनासक्ष पर टिश्य पीपलहरोगनासतगप यश
यलनरोगनी शिपाय
अयडीपायनीन्नेप्रिय पिलरोगनालगतेनीया
प्रयतागवानारोगनोप्रशर. प्रथ तागवानारोगनांनांमा जापूय गणसूतीरोगनांसक्षएप भावथडेसरीरोगनासक्षागार प्रिय परोगनासलगप्रिय रंछपरोगनांलक्षण
अथ ताल्वर्युरोगनाउसएगप जश्रयमांसघातरोगनासलगाए प्रिय ताल्वप्युपुररोगनांलक्षण आप्रयतायुशीशरोगनांससागर
प्रयतानुपारोगनालसगीरू माश्रयतालरोगनागिपाया
पीपायसर्वसाणुगनी. प्रियताशुपाउनो पाया
प्रय गणानारोगाट प्रशस्नातेन
४५31
Vastan.sarimin
ArAssna
४५०
Hamr
४५
m
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___ अनुक्रमगिरः (१५
योगगोरायः
रोग चायुनीरोह्यपी नित
auonmainamamvamwasnamaAAmwomaamraceae-
प
कि नामेरोगनाखसएगा
प्रय पीत्तनीरीह्यपीनाक्षगर | लियनीरोह्यधीनांखलए हिप
प्रयरोन्नीपातनीरोद्यगीनासाच्या पिसोहीनीरोहगीनाललग-पापा पिसाउरोगनांलक्षगन्हा प्रिययीलहररोगनांसहए इण्टा
साप्रथायगयरोगनालसर रपट स्पधयश्रमासरोगनासतागस्पट लाध्ययेरंना रसग एल
प्रयरंरोगगणानांतेनारसए नापन धियरातघ्नीरोगनाससगपरंपला
प्रयगमायुरोगनाललगाना प्रपगगुचीचीरोगनाखसएगान का प्रयगणोघरोगनांलक्षगएन
श्रयस्यरघ्ररोगनांखक्षागार नियमासतानरोगगनानीतेनालापन लिप्रय वीतरीरोगगनानीतेनासपटक प्रियगणानारोगरोाएगीनातेनोपार Rषयगनानापियाररोगपर.
गायुतत्यापीत्तनागवानारोगनोगका पिटांप्रपनीरोगगनामेन्तेनीडीपारकर पिटासय सागुडतुंडेसरीनो डीपायहर पश्रय सरोगना पाय पषभूयतेश्याय
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र पान
१४. अनुक्रमपिउ कप पायउंगरोगनी
पर सरपेमुषमारोगतेनांनांमा अपवायुनामुमरोगनाखसएप रिस
पपीतनामुमरोगनांखलएर पापनामुमरोगनाससाउद
प्रषअसाध्यमुनरोगनालसंग दर प्रथवायुनामुनरोगनीपाय टाय पीत्नामुपपरोगन पाया दुवंप्रश्नामुनरोगनोरीपाय हद
श्री सनीपोतनामुष्परीणनीपायपि अयत्रीशिनारीमणमांतेनोपावरदप प्रय सरवमुष्परोगारमेरसारशुधन ॐाअयमुपह्यानारोगनासतापाई दिलायबछाह्यारोगनाडीपायो पिया पार पौपायसरयेमुपनी
प्रयस्थापरपीरानांस्न पन्तेयता
अधनंगमयीरानास्पानामुत्तेमवावीन्दन प्रिय स्थापरपीरामायानालसएन
यवसाधीनीबानुपीराणायुहोया
तेनांखसागरयसनापत्रनची राणापानाला दिन यसनापीमाधानाजति हान्दन लायचीरापानापुष्पन्रीरामाधाना रिलायसनीशायनीरसमाधानास दिला
पश्रियसनापनुपीरामापुहरेयनेनादुरून
mamPLAJMyanmar wayers
पर्यवीरीत्यन्तीस्यौनालाइजा
S
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97
अनुक्रमएिस.
रोगमोराव
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प्र
१५
१८६ अयहरतानाही धातुमाधानांपीशनां सखाएगर १८७ अथ इंदवीशपछनागाहीरुपायेनेज सायायतेगीन्ह
फुट अथ स्थावरपीरीमात्रशुद्ध्ययेखुंते
"नागुएा. १०
१८
न्यस्यावरचीरामाधानाचीशर ४७१ ११९० अथ ने शस्त्रानेचीरानुंपांगी पाहो यत्तेवाग्यानां सक्षण. अथ शेर्धनेचीराहेनार तेनांसक्षरग
११
201
२१२ अव संगमपीरामाधानां सर्पाही
बनावरनाळेरपैलवानांलक्षण
(૬
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पान
४५०
१४७०
१०. अथ पीचना प्रहररोगनांसार २०१ अथ कुड़ना हररोगनांसा २०२ अथ सनी पालनाप्रहरनांस क्षत्री नायेते:
अथ अरावने स्त्रीने तुते घएराइधीर १. नयतेना अपद्रवों. अथ प्रश्नांन्साध्यलक्षण.
सामान्य.
ઊપય
बिश्
१९३ पूय स्थापरची त्यातंगमची मात्रने १९४ ये वीरापामानो प्रथम सीपयार विपी नगमूचीशनोीतारना मृत्युपा १९ वय प्रहररोगनीपीत्पत्ती थानांतरण १७७ अथ प्रदर रोगना प्रकार-४छे.
यि
११
४७०४
रोगनां सामान्य वक्षा. ४७४ वायुना प्रश्नांसाएग
४७८
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पर्य।
५०) अनुक्रमगिरा रूपाप्रपाडलीधर्मस्तुतेनाससगारपती प्रिय प्ररोगनीपपायदा
जयपुररोगनोयेऽनेन्सोमरोगोठ प्रिय सोमरोगनांसामान्यससगरज लिप्रपसोभरोगनोरीपाय. श्रय योगोप्रघरघातघोन तेनोपाय:
हिन यमुनातीसाररोगया
यमुत्रातासारनाणेयाया। छल निकाय रनो पीपायन्ताजीपायपारनौल प्रिय स्त्रीनीयोनीरोगनांनांमन्या
४७८
-
सप्रथयोनीलारोगनानाम-शब्बीन
-
-
४रा
.
थियोनीमतीलक्षाग-पान परर्तयोनीनांसूक्षपतेनाराम
पीरोगनगपोन प्रपरच्यायोनीनासक्षगी. रायचीयुतायोनीनाललगर जिलश्रय एग तायोनीनांखसएगह।
यचातगायोनीनांवक्षन्प प्रयसोहीतसरायोनीनाखसगन्परिक अयाम्पनी नीयोनानांखसएशन्त शायपामीनीयोनीनातसगर प्रिय पत्रघ्नीयोनीनातलग-ए
माश्रय पीतगायोनीनांखलगा र प्रियअत्यानंधयोनीनाक्षणापर
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श
(दुस्ख
गौराघ
अनुक्रमएिम. २२७ अथ एशियोनीना लक्षएग.गर ४९२
एव्हान
४८३
२३
२२ अथनमरणायोनीनांसक्ष० १३ ४८२ एन्य अस्तनी योनीनांसर- ८२४८३ अय मंडी योनीनांपक्षएा-१५ १ अथ अंडनीयोनीनांसक्षएा. १५ ४८३ अथ वीव्रतायोनीनांजक्षएा छ २३३ अथ सुपीका योनीनांसक्षएानट ४८३ २३४ अथ योनीरोगनीत्पत्ती. १२३५ न्प्रये योनी इंटरोगनांलक्षणः 1233 अथ योनीनाले ६.४- तेनानाम. ४८४ प्रथवायुनायोनी हरोगनासक्षाग
उच्छ
४३
४४
२३८ श्रथ पीत्तनायोनी रंगरोगनाज २४ अर्थ उनायोनी रहनांसक्षा उ ४८५ ४० अथ संन्त्रीपातनोयोनीतेनाल २४१ धूय योनीरंगनोरोधते २४२ अय स्त्रीनेस्तुधर्मप्रधानो पायो त्य २४३ अथ गरल रेहुवानो रोपाय१२.४४ अथ गरल नारेपानोरीपाय.
हत्य
छिट
४८५
त्या
४०छ
૩૦
४८७
योनीनो रुमरधानोरीपाय ४९ ययोनीमाथीपनतु यत्तेनो ४८७ १४७ अथ योनीसोगंननों पाय ८य योनीरोगनोडीपाय राय गर्लश्रबीपानां २४० धूथ गर्ल श्रावनुं पूर्वप २५१ अथ गर्ल श्रावने न्यूरावानो बीपाय उत्स १२५२ अथ गर्लपातनाडीपटवो २५ अ गर्ल श्राप भरवानो पाय
एगो
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रिट
रिद
रत्न
रा
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७.) अनुक्रमणिका पगलिशास्त्रीने आइरोपियोकोया तेनो गीपायव
ए-पाने
प्रयत्रीनेसुपयोगर्मप्रसवपयानी का
पीपायचिटअप संज्ञानांनन् अपित्रीकातेयुग पण नुंसांना
अपनी इरान, माश्रय गाय सापवानी वाधी
प्रियांकानुसोधनतेनीयीधीजिपीयानुशोधनः विश्व बैसी पन्न
पाय गानुशासधिनतामा
HEALA
ALMAarama
यसोनामुप्पीसोधनवीधी. दायसीनामुप्पीमारपीची.
प्रय अखणेसोधनयंधीगप्रय अलप्पमारपपीपी धश्रय एरंतागसोधनवीधी. अथरतामारण्योधी
यसैलारीतेपारोसोधयानीरीत्याल्पा हाय पारोमारपीपी नियरछनागवानीचीधी
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एह पानी
ला
५७७
अनुक्रमणिकर (७०१] काय कमीरोगनाशरस्तपानातीपणे
अथ मुत्रमण्यतयाभूस्मरीरोगनाडा रित्तयात्तेनारीपायो-रस्का
प्रथयातरक्तनोप्रारन्तानाशायरल्दा लिभपशुगनीयन
गीतामणी रसगुणपर. श्रयगुणगण्डेसरीरस पत्रीनेताक्षरसतेगुणपरी। अपगीवानारोगनाअपायो हाप्रय गीगाधररस भूयसीमानाडीपाय.
सूयरीस्थानगगुर्ण प्रियायानगगन
सायत्रीलुरनवीन्यप्रतापयुए। लिश्यानसुरीरसगु लिपि अशीभाररसजीमंडपरछे.
सांप्रथरांमरस.प्रिय पांडुरोगप्रशरनीधनन्तयातेनाली लाप्रथअपनीयनन्तपातेनालीयायोग मध्यरांतीयानोशारतान्नेनारपायपाल प्रय अाहशीरीनोप्रसस्तान्तेनाणियोरोक्का अपनुलानापयानो रणय माता
यरिंगालेदारसनुसामानापार लमय चाँतीरपानोपार
श्री मरगीपायुनोप्रभारताहेनालापन पतामतादेयतेनोप्रशस्ता धीपापपानी
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रोगौरायः
२०
॥७.२) अनुक्रमणिकर. स
परमुपनारोगनोपशान्तयातेनापोपाल 5 शयानोठिीपाय
अपमाननीकान्तया डापायो याद अपघाखागवानोशिपायो
पमुगडीनोपरन्तयाऐनारीपायपरका विपनसंघरनोपारन्ता रेनाशपायो। विटाद्रिीमापयरीयायछेतेनोपरता
नाडीपायोप्रययातपटीनी पायो
शिडीसायानो शिपाया ल पुनीभईनो पीपाय सारा अंतरगगनीप्रसरताहेनोपायका अयस्त्रीने अरसवपगोधारतोपना
तेनोपायहाय भएर नियुष्यतेनेखापा
नोडीपाय wधय गर्लगलतानपानोप्रहारपत्र
रोनीनोसोनमश्यानोपाय प्रययोनीसंगननाशपायो पिका अयमस्सययाहीयतेनापीपायो.a प्रय पगारपानातीपायी माप्रय रायंगाग्यानापानोपीपाय. पण प्रियपासनारोगनीपार-ता-पायोपए
र नानी परतणनाशगयोपरा अयसापनारनो हीतार सीपीछीनारनीणपाय. उधयसोमखनारतो रीतार
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प्रश्
२३ अप श्रीएानाजेरनी गितार ३२७ अथ लाग्यगांब्जनी सीतार २ प्रय पंतुरानाञेरनी बीतार अथ मेरोसांनी बीतार ३३. अथ लीसांमानोडीतार 1331 अय जेरमात्र नोडीतार ॐ अथ मास्याना रोगनीप्रहार
उप
अनुक्रमणित (3.3
एस्पा
૮
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पट
પરલ
पर
पिरल
पुर
थममारमीनोप्रेशर-ता. हेनाड़ीपाय प१ सूर्य वाणसणार्यानोत्यन्तस्वीपाय. पा स्य रोमपातनी प्रार
17337
33
१३५ अय पारीमारएाक्रीया ने प्रहार भी 433 33 अथ रसम्पुरमारएाषीधी. ३८ श्रथ सोमसमारएणबीधी-ता: डीसाय. उप उउथ उस्सीमाएग-वीधी
| पउठ
•
• 3:
A388
४१ यांमागचीवीता. डीपाय. अध परवाकांमारएणवीधी मोतीमारएणबीसी. ३४५ अथ राजमारगंचीधी ३४५ श्रथ सोनामुषीमारवानीचरीपी १३४७ अथ सालरसीघुमारवीधी ३४८ अथ श्रीसुमारवीधी. त्रांभुमाररामवीपीता उपाय.
३प० प्रथन सतमारागचीधी. पाय सोह मारएणयीधी. दूरांशी मारएापीधी. मंडुसमारगणीधी.
पर
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RSS
सोलुमाराचीधी ता. श्रीपाय 435
५१७
પા
૫૪
a
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७४) अनुक्रमणिका
यांनो
ए
-
-
रोगमोरापः पअषणमारगयीयी. पापाँगो मारपीपी
श्रय एंडताणमारगयीपी. शप्रथ रंडीमारगोधी श्रयमाएयाहीरामारगपाधी अथनीपरसींघमार
यमनरीसमारए दप्रयागमारए
पर प्रयरात्यमारप जिवातनोगा. डापतनारोगनीप्रसारन्तानोताछ श्रपत्रीपासरसन्मसतिपिरछेनेष्टर प्रथमहत्वीरसमपर.. प्रय प्यानलैरपरसम्प रछे पल्टा टाध्ययायुनारोगनोगपरेराडीपायल लय यतैनासनरसापटत
रूपातगन्नारसवायुनारोगपरदेषण श्रय अछरगनोरमसापा चमत्तीचीनयत्नैरपरस-तिीराज्यल्प श्रयणाराभोरशरनो पायपएरोगनीप्रसर-सपेश्वररस्यका उष्टपरछ.
पप। उपअपतामहेश्वररसयुएपर:
त्रयामरसरोढएर गयरोरेश्वररसारपरछः
अपरमेश्वररसरामपंच्याशपर. या मनोध्यरसडामपरछे.
-
पपी
-
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गोरपः
-
पपता
पाण
-
m
__ अनुक्रमणि (३.५||
पसीगेटेपररानोसं विपस्तन स्टोन पिपलपान लिऽयगर्लगलतानोरीपाय
अपगलपेपूसपथपानोपायएएए पियवीर्योधनीगुरी
घर परीयोमाधामेवारतेनीतीपापड गरमाथामेंगुमागायछेतेनीडीयर पर प्रिएरतेगसपानीमपिनोहीयाय पप बित्रयमुनोडिरीपाय-----
मापिडा ल्पभूप.सोन्यायनीरीत्यररथानीनगीनपट चिरूने पापानीरीत्या---परली प्रपोषीयामाग्रीवाभाशयसरी
पातएंटयानी रीत्या माला पद ल्हाप्रपयनस्पतीमाथीमारपीनारयापन पाररानयंत्र-अपलोहशयनेमात्यतीनणीयंत्रत लाश्रय उपरांतेखारयानोपरायः जय मोगरबतेखा
ल्दप्रयपाइसगान पस्तउनीस्तार लियरगर्यानुनीरीतथी. जिप पारोष्यधयानी पाय
अधणीसनो पीपणार पतीलणार्यानोप्रगम
श्यनागीयेरपापियानोन प्रियगास्यपास्नीचीचीचे. पिपरेसीपराचीधी
4.
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५
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७०६० अनुक्रमणिर.
एएम्पान
परश
रोगौरायः समायणांमपाइन्नीपीपी. प्रियमरीपास्नीपीयीदिपप्राइतीर्यानोप्रार समयमाहाजमपामापेरुख कि पीएलयानीरीत्या सपएमाछामपानीरीत्य. प्रियमध्यानपीनोप्रहार बधयोपरापास्नीयीधी यहरपास्नीयीची
શ્વર प्रियपाएगणांषानुपेरमाममनग्य लिपपनाराखेपानी प्रकार पियारीमुरुषानीरीत्या
अथॉगधाच्यानी प्रहार
पनीमानारीर्वानोप्रेशर तिअपमस्यमन्यवयापर जिभूयनीयीकराणवानीपुर
अपनणरयानीप्रसार प्रय झुरानी प्रकार लाप्रपस्वरसुध्यहचान विषयवस्तुसेवनची थी
श्रयीणारेगनोपारा बिश्य गगामायनीयायछेतेनोभानपण
त्रयांएगीदाग्यानोप्रार टिपए मजांनी पर रिलंय गयरमनी प्रकार
मथगीणपानीप्रसार प्रिय लाग्याना प्ररर. IRऋपनानारागार
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अंक्रमणिडा.
रोग-ओराध.
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१७०७ एट-यांन
प
अहए।
ठपुर अथ राज्यहुरानी डीपाय. ान यत्रीनुपचीयीछे अकलनागनी प्रहार अथलीलांमांघीताऽचानोप्रार अप्रयच्छ्री सुवानो प्रेशर. राय होउनी अपाय. अवाकरोग अर्थ सलेममा रोगनी प्रार यांमनीसूर
४३
१४४२ प्रय जयनारानो प्रार ४४३ प्रय मांमलीनोग
४ अयपीनरोगनो प्रहार.
४५३ अथ उडशनुं श ष्ठ अपरंप्रहारएा.
पण प्रथ मुरसानुं स्वपाशर.
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पट
प
स
મા
पश
पाये शारीर पूर्तवायुनुसला.
४४७ अथ पीन्तनासारागुएस्वास्थान नांमपंगते
४४८ अष कुइनांस सएवागुएास्थान
" ध्येयनांम अथ नाडीशरण
४५० त्रय अस्थीशरए ५१ अथ धमनी शरा पर अथ मांसपेशी शरा
पत्य
प्रत्य
प
प८४
Ne
प
पल्ट
पुष्प
पल्य
परप
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पद ૫
पल्द પ
पुल्टु
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रोगीराध.
एटणेने
||३०८0 अनुक्रमपित
अपतीलनुसस जिप र ससएं:पलभय लीगर्नुसक्षाएग-श्लोक
L
अपांगापायुनुंगराम
सकारूमुत्यसमा
बाबा
-
प्रयागतनी गत्यातपातत्वनांना
कलक्षपो.---- दाय नमीयोपतेनामन रासाथ उमेटीयोएंपांमःदलमय पंगलतराचारयज्ञानेऽपिक जातीयप डर्भी रोश
-
शरत लक्षात
यश्रय रागनुंजरगत प्रय महत्तत्वनांगभूथबागीताका
पषुपिसक्षाप्रयशीबमिलक्षपातयानाना। न ट्रेनमीत्री भूयित्वयालरीए
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पर्य।
-
-
Awesow
সত্তিা उलय रहलसागाईपनेरान
लभप रामनाराहारनेज्ञान रिश्रय घांगर गजानव दियअपडर्भशयमय
लाभपहस्तमिव लाभप गरीयोचनेरुमी पाश्रय खिसगडेयने म
अयगुरारिनेहर्म मध्यराष्ट्रलक्षाग
संश्रयस्पर्षमुंखक्षण निध्यइपर्नुखक्षाग लियरसनुलसाग
लाथ गंयन्खला स्यिय पृथ्वीनरक्षण
प्रयनगर्नुलसाए ल्यायतेन खक्षा हिपश्रय वायु सग
प्रयाशरानुखदाग प्रय घरुलापाग नश्यस्युगरे हातीनओए।
श्रय ऐपल्लत चौलागारक्षागवान पाययुगरेर स-पतिलोतेनांशशंगाला
यश्य गुए . पिअप सुरमर इनाएरीररस्म पूर्तिनाज्ञों
ব্লিগ্নিম্নিরুন্নিয়গিিিিিািল্লিগ্নে
mpmean
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negames
शएं
+ननरेश
ATE
७१०) अनुक्रमणिका
प्रय सुरमानांभाउअंगर्नुसेए साधेश्य
श्रय शेरगड्नांवर एक दायमाहासरगोपनप । पजामाहाशागतवरना प्रथम
एनुरोए - भूपव्यायीनीयनामः प्रय असाव्यव्यायातबचानांतेनानांमार
प रीक्षा-- प्रिय धनेपूछयानुश्नःप्रिय मुणपाउपरतयागरमीपर तया
मोवास्यापर श्राज्यापिरापस्तथैवत काय गरमी सरवानीस्यायः राप्रपसुपासंगीत यन.समाप्ती यसुशासपीतगंपनीअनुक्रम
मेपाने समाप्त पछि
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