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॥६७२) अनुक्रमणिका जिप्रिय संघीमर्मस्यगनोचएतेनांसामान्यरिजा ददाश्रय मर्मस्थान नसोसंबीयपणन र स्यीयाधीगायत्तेनान्नुन्नुलसाएर दुरूप नसोयेरैतेधागनालसागरला
श्रिय संघीनेशगनासरगःउश्यअस्थीनीगनांखसंगरल
दारपमर्मलेटीयागनां लक्षण विश्रय एना-
पणपश्चछेतेनानांमारली दहाश्रयअग्नीएएनीरित्पत्ती दिपाधय श्यनाशरहदक्षाभूपि रायनांलक्षएगा प्रिय एनालगार दिपाश्रय सम्परचनांखसागर दिलिप अतीविनासपा
प्रयोरपिीययेशररीरपएनाजीपायल्प दश परायुनाबगनासोन्मनो सिपायरल ९२ पिपीत्तनापूषनासोन्ननोपाय र दिसायनासोन्ननोपीपायलेपरल्ड दायरावीस्नानरोगनेलया डो.
पाश्रय पीत्तनासोलनो पायदुश्य उनासोननी शिपाया प्रिय रक्तंनासोन्ननो शिपाय
भय रामसोमनोशिपाया, मन रिलाय पोतेपायासन्मुनरयेसानोरिल्या |उप्रय गपश्यरानो पीपॉयरत
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