________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
-
।
सुधासंपीतवैद्यरायगंद. १५७| उसे घनरांमएमांगाल से युटुमेन्एन्पय न्नतीनांरोगरपिंडरेरहेछन् रेवाशरातेनाम घिरीठीयीहेछन्द . प्रयाशना एंगलेना , यात पीतगोट्यतगेवाग्येन्स नोहोयशरापरमपीऽरानग्ये पन्अनुक्रमे पटतामणयंतनरेहेषीया परीनालेहरे वेप्रागटीयार
, अय हारानुपुरी पर पायजन्नुगी उंग्मांशंटपातालय प्रयायैना| लोगनश्यु शरीप्रगटतांयाय १० ___अथवायुनाजारानुपसियन उरणाघेशी शरीर पटार पसोऽ मांगावे गतरेवाननेषणपरीक्रमन नरक्षीगयाये मुमेनशैवेन्यून्परमा पायेव्ययासरखनोननपे टुटस्वरन्नए पोशरशयोन्पीकरोंपासयीयेमरेवाम ग्ये वायुपीवीस्तयोमान्यसायोश ...अपपीतना उशिनावरण ये छत्रशान्वर पीतवरायायेन्मुष्प
-
"
"
For Private and Personal Use Only