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||३८५) सुर्यासंगीतवैद्यशास्त्रग्रंथ इमाममांन्यसुमर्मस्थान तेमां छेमध्ये विपर
नांमनीांन
श्रथतेरोगनांस्प्रटनांमन्यराजत्संगपीडीन अन्पन्दुलीश-२ पोथी-उ-वर्त्मशरात्र
शोरवत्र्मान्य-सुज्लान्दुग्ननामीश-उमहुणवर्त्मान्ट वर्त्मसंयम-ए-जीष्टवर्मा-प वर्त्यम-११ शांभवर्मा - १२- प्रसन्नवर्त्मा-13अश्लीन्नवर्त्मा - १४ वातहर्षवर्मा-रप-पर्मार्बु -१५- प्राश्रस्तनीमेश - १७ - शोएगीतारी १८- सग ए-१-चीसवर्मा २०-मुंगन-२१- येरोग हावेल सान्य
अथ पीत्संगपीडीशनेत्रनां पीपयांमेनोशे गतेनांलक्षागन्या रोग-१ ॥ रह्यांने नेत्रगोग लागटांइनार जेभणी- यहेतेवीस्वपोपयांत पारीयन पानीपतेमह्यासी ये गुप्तचरनलाल मायछे वयेछे यी येनेमोरी येण्यमांहीघाय छे। श्रेयोश्रेयेरक्तनीजनीनेपीय हेमडी पीत्संग पीडीशताएगांज्ह्यांयेलक्षएगोसीन् अथलीशरोगनांसक्षएान्त्ररोगर नये ते शासी पक्षुतलागमांनतीपडी तपास
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