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शारीर पूर्ण
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सत्यय-प्रवाही ने आमवात -गाएगाय छेन् श्रुतीस्यंह- अस्मरी- हायचंही अपस्मारपीय्यारीयो अधीमंय नरानगयीशरो रक्त पूर- प्रसारीयो पतम-योनीरंहने हुन्छ पक्षमेतुमनेा येऽलक्षयेशीशस्त्रनवरी पाँ तरीपंजरेह्या कुपन्सलेहीरोग पंजी म्हामुं नीवरने लगे-सैगरी पांडुरचाहान् शेर्यङ्- लीडोगो पर संग्रहणीने सो ते ठीपरी - नाडीव्रण उद्यो- स्तनरोगने-नर शिंद-नासुर-ए-पैर रह्यो उनलम समभीहु-शोमयानम्-उह्मापैयप्रकारान्त्री सक्षतेरछन्नरमरशे तेननीतरवारना १४ शिरलेहनासालण्यारहीम्रेनन नेत्र्ती क्षयशोशत्रएगा- वीऽधी मती. १५. स्वरलेहने - सीनमाह का प्रेस हमे उद्यानपसापतेरहुन्नर नपरौंतेतरी कुमारत्ह्या १५ प्रतीसारसात प्रारछेन्ट थि- शहा-मा-छयो नेपालीसग नारीन नेत्रगण नामहीयो १७ प्रत्येउन्न तीसातनान् मेनपतुनेनीरजी का हरीसाम
रमे
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