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॥ सुपासंगीतवेद्यशास्त्राय (२५३|| मंघायम्पसातपायरीवन-रे प्रमेहपामे नागरवाराधावलल्येन्त्यागेतननोत्रा सन्न रा पाय-पप-ए पारो लोग हमन्यमारीयस्ततीरेन्शीकालत-सोनए मुप्पी मनरामहरीनेन्पसुशंगारनेत्री न्त्रिीकाले माअतीचीश-रिमा उन्धीशलांगरानीपुनर्लावद्ध भधसा प्यपायोगीलारपीउन्प्रमेचीरापा सत्तांनारीपांमेन्रेवामेहमध्यरसेप्मयां न्हा डीपायल रात्रीषु सो उल्ली-पारो-मृत्यवीरेन्सीनामुलीने
पतहरीरेन्पन्मनरीणनेगवान्भी रतुत्य उनष्मीम-शीकालत् साधु त्यन्रन्सुमार-पीनी-रसरेयसी गणीन्श्रामगांनेलीलांमुबहीबेन्गा लारुमगर-औपग्मीनेन्जर। लिश गन्त्री गारीरेन्द्रन्समुद्री
रामाने वीरगोला मलेसर्पसलागे तेनीरमोलान्यन्मरीभारती और धोयमा येयमेरुपीज्यापीराधापणपणायेन्दगी
RAMAN
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