Book Title: Sudha Sanchit
Author(s): Revashankar Vaidya
Publisher: Revashankar Vaidya

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Page 678
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - अनुक्रमणिका प __ोगओरोप पयाप यायुनाएनालसए शाय पीत्तनापगनासक्षए. पायनापगना लक्षात रुपयरक्तं प्रागनाखक्षा जय रातपीतनायूएगनासंलगप रिट प्रियातस्प्रगनांसमग पाय पीतवानांसमगन पलश्यसंन्नीपातनापनांलक्षपद रिज प्रपसुहबगना लक्षाग डाध्य हुए सपनांखसए पसमय यु वगर्भधारतानाजसपर मिश्रियसुनसांध्यत्रगनालक्षगर पिलप्रयपीश्वासवानांलक्षणं पिल्पश्रयरूपानावपस्यांननोरीग्यारेन्ट पल्याश्य असाध्यबगनासक्षगपाय आगंतुनागनासक्षए. पल्टाय आगंतु पानी पीत्पती पल्लअर मीनगर्नुखसएग पत्नीनश्पनुखलए वाप्रय वीगना लसएग मारमा दरअप रास्त्रयागीचंगमारहणयोहयतेनुस दापूय रोएमेतीराधीनांखसागरला दुष्टायरोएमेरक्तप्रवामणभूसाय्यतेनरल्स दिपात्रप सतगपीपीतयागनातक्षरस्य प्रिय ग्रनपणनांलक्षण - - - For Private and Personal Use Only

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