Book Title: Sudha Sanchit
Author(s): Revashankar Vaidya
Publisher: Revashankar Vaidya
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माराप.
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॥६७०) अनुक्रमणिरा पिपरपायुनायास्ट्रीना लक्षण पापपीतनीअंडरहीतेनांखसंग डल परप्रय नारदिनांसक्षगर प्रिय सोहीनाअंडरडिनाखसंगल पपटाय मेनाअंडरदिनालक्षण पपपपथ मुत्रनोअंडरहीतेनाससंग, पापयत्ररहीजेनेअंतरगगछतेरो
गनी गित्पत्तीसलप पणभर पायुनाअंडरडीनोखीपाय पपाय पीतनीरवीनो पिपायर पिपलपप उनीअंडरहीनो पीपाय. पियरक्तंडरहीनोपाय फराप्रपमेनीनारडिनोपीपाय पीपायरहीनो पप्रय मुत्रनीअंडरवीनोखीपायपिपत्रहीनो पाया। पडप भय वएसोपोगनीशित्पत्ती-जेनेशन
गुमागांमारांनीछेरगमारोप नागनांमरपसायत्तेनीसित्पत्तीसाण २८
श्रर गोगने पीयानोभोल्नेतलोबल प्रिय वसीपनापाज्यानुसार र पधप वगसोयपाध्यामाज्यानांलक्षणार विजय वागसो पानीगयोहोएतेनालय
श्रय एमभीएयरोगनाशरणारख्य
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