Book Title: Sudha Sanchit
Author(s): Revashankar Vaidya
Publisher: Revashankar Vaidya

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Page 700
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir e manawan - --- ४४५ पाप तरीगनानामपूतर-टयेरो अनुक्रमणि टीचप तवेरीरोगनी रोपायः-- रिश्रय तरलताहीयतेनी डीपार लि पिसोरीररोगनारीपाय स्पिअप परीधररोगनोडीपाय ल्पिश्रय पेरांने पुगऋमिनीपोप्रापैहोर तेनो पीपायलिए पतीपनरोगटांनो तेनोपायहरूप लिरात्री पायप्रारनानसोनापेटाभेरोगा। तेनोपायोलिय लीननांमेलनारोगनोलताना अषकमीतानांबसपारना स्टाप लगनारोगाननीतेनासागर लय तएरोगनाललाख श्रियस्तरारोगनासक्षगन्पा प्रिय सपागीरोगतनो - जी रिपायांतरोगनांजक्षिगन्छ प्रिय राणरोगायतनोतेनासागरात ययात्तरेहनुमोसरोगनालक्षरूपमा अपनरोगना पायो विश्वसाक्षिाखिन्सरवंतरोगपरपात पक्रमीतनो डीपायात टाप जमायाहोयतेनोहीपाय प्रयतनारोगनोरिपायप्रयतसाराश्यानेम्सीन्सर्व तनामराजेते -- For Private and Personal Use Only

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