Book Title: Sudha Sanchit
Author(s): Revashankar Vaidya
Publisher: Revashankar Vaidya

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Page 690
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (५८३ एए-पा एटी रोगओशव ३८० अथ संनपट्टीहुमतीनोरीपाय.रू टदु श्रथ पानमोल पम्धता हीथतेनी पीपा उद २१. अय उस पंधवानोडीपाय. ८७१ श्रय मैत्रना मंगनुमाप प्रष् २२ अयमक्षुरोगनां स्थान८३ अथ यसुरोगमां होरानेनारोग नेत्ररोगनीत्पत्ती. उपप्रय प्रष्टीनुलक्षण ८७४ सक्षम ३८३ छेते ८७५ अयष्टीना-४ पेडणनाश्राश्रय. ८१ अथ प्रथम परणमारोगथयो होयतेना उ ८७८ अर्थ मील पाणमां होरा पयो होय तेनाल छलअय त्रीन्नपाणमांरोगथयानास एग २४ अथ योथापाणमांहोराकोयतेनांसर अथ अन्यशास्त्रनामतेये मोतीयाणी ११ ११ ना. दु-लेच्छेतेनाप्रकार 3=3 | उत्प दत्य अथवायुनासीगनारीरोगनांसक्षए उप अथ पीत्तनासीगनारारोगनांससाय उन्ह प्रश्नासींगनारीरोगनासग उ उन् त् य सन्नी पातनाजींगनारीरोगनां उ ५ ग्रंथ सोना लीगनाशरोगनां जाग-4 उप त् य परीम्सायनसींगनाशनांसलग ३८७ टप सींगनाशनां अन्य सक्षगदस्त्रये चायुच्चारीसीगनाशनानेत्रमंडल 360 उच्छ For Private and Personal Use Only ૩૧ ૩૧ હા સ ३८२ મંદી B ट अथ हुए पीतील पाणने प्राप्तथया नाम, अथ रक्तांको रातेन रेमे तेरताधमानांउटर

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