Book Title: Sudha Sanchit
Author(s): Revashankar Vaidya
Publisher: Revashankar Vaidya
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
ܢܢ
ए।
(૧ एष्टमानु
रोगयोगः
उष्ट अय पक्षघातरोगनी सीत्पत्तीचे पपीतेनुं पटल કાગ १९९० उरुष्य असाध्य पक्षघातनासलिए नपा १४० ३७. अथ पक्षाघातनोडीपायो अथग्रंथाहीतेय १७१ ३७१ अथ वातरक्तरोगनी अत्पत्तीसागडीपाय १७२ ३७२ अथ वातरक्तनुंस्वर्प नेपातरऋनुपुरण १९८२ उज्३ श्रथ वायुश्प्रधी वातरक्तनांलक्षएा. १ १९३ उ७४ श्रथ रक्ताधीश्वातरक्तनुंसक्षएा रुपये पीताधीश्यातरक्तनांजक्षएग. १९ व्याधीयातरक्तनां लक्षएग 33 ये शनीपातनाचातरक्तनांसक्षएा. १९४ उष्टप्रथ वातरक्त हृदिमांहोय छेतेनांलक्षण उस अथ वातरक्तभ्वसाध्यनां सक्षएा. श्रथ वातरक्तनीमयाध
३
१९४
१८४
૧૫
hey
उत्प अय वातरक्तनापिन्हव (નીયો પય उन्हेनोपायमुष्याने रोरोगीनतनच १९९ ३८३ अथ चातरक्तचाजाने वारसांचांनांसाराके ह १. तथा लेना दीपाय.
ल्ड
et
उत्४ ये डीसोरगुगवण हरपानी प्रहार १९७ उत्पलीपाथपांगमो मुतलस्यातावबेह उत्प उपथै चायुना-सुगरोगनीपीत्पत्तीला पाय ३०० उत्छ अथ वायुनाशुमरोगधानांगरण. २०० उत्तर पायुनाशुमनी नगा तथा समयते न उत्त्रये पीतनारीगनी बीत्पत्ती सक्षाएग· उय पीन्तना शुगनांसक्षण. उप श्री. उनाश्रुणनी रीत्पत्ती सक्षाए।
२०१
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
२०२
२०२

Page Navigation
1 ... 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726