Book Title: Sudha Sanchit
Author(s): Revashankar Vaidya
Publisher: Revashankar Vaidya

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Page 672
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनुक्रमुरिका ૨૩/ २३७ || ૩૯૦ ૧૮ रोगओनराध. ४१ अथ प्रमेहनांनांम ક્ષક્ષણ ४ श्रथ प्रमेहनु पुर्वय-शेरलेयेरोगयपान २४७ ४८य प्रमेहनु सामान्य लक्षएा. २.३७ ४ अथ शहरु प्रमेहनां सक्षएग-१ ४७. अथ क्षुिप्रमेहनां ससाग-रोग-र ४७१ अथ सांप्रमेहनां सगरोग-उ ४७२ अय सुराप्रमेहनां लक्षगं-४ ४७३ पूथ पीट प्रमेह प ४७४ श्रथ शुक्त प्रमेह रोग ४७५ अथ सीस्ता प्रमेहनां लक्षएग. रोग४७९ श्रथ सीतमप्रमेहनां लक्षहारोगट ४७७ श्रथ शनैः प्रमेहनांस सगरोशरु ४७८ अथ साला प्रमेहनासक्षाग· रोग.१० अथ पीन्तनाप्रमेह प्रारं ४८० प्रय सार प्रमेहनां लक्षागरोगन नीलप्रमेहनांससाण रोग. २ २४० उन १४७७ २४० २४० ४९२ अथ रामप्रमेहुना सक्षाएग. रोग-३ ४८३ अथ हुरीद प्रमेहनां ससाग. रोग-४ २४. २८४ प्रथमंलष्ट प्रमेहनांलक्षाग रोग-५ २४० उत्प अथ रक्त प्रमेहनांसक्षा रोगन्द अथवायुनाप्रमेह ४ २४ For Private and Personal Use Only (33) ए રસુલ २३८ २३८ ૩ २३ ४० ड २४१ दन्छ प्रथ वसा प्रमेहनां लक्षणं रोग-१ २४१ यिनीस प्रमेह मनोतेनासक्षण त्यानेसुन प्रमेह तेनासक्षाग २४१ पण हस्ती प्रमेहनांसक्षएा-रोग-४ २४१

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