Book Title: Sudha Sanchit
Author(s): Revashankar Vaidya
Publisher: Revashankar Vaidya
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
www.kobalith.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
Acharya Shri Kail
प्रिए।
गमाराध
ए-पांने
अनुक्रमणिशः उपाश्रय मनुस्मनीजन्माइतेनुलक्षागन इन्दाय वीशौन्माइनांसक्षगापानल स्टाथलुतो न्मानांजक्षागन उटलप्रप वोन्मानांलक्षण ||उप प्रथा भूसुरोन्मानालसरायण
र ति पुश्षमा प्रवेशारेते. पता
उत्रिय- हीन्माहमात्रनप्रसाध्यक्षगन्नवरुण
-
-
बोलेनी
त्यात उपाश्रय गन्माइमरवाना पाया रच उपहाय पीत्तनाल्मानाणीपायर र उपप अप कोनमाप्नों जीपायउ १८२ उपाअप उल्यांग यतीन्मापर उपअप मृगीरोगनीपीत्यत्तीनुसारएनत्य उपट अप संगीरोगनारयारलेतेनानाभारद उपलअथ मुंगीरोगर्नुयुइपास उ प्रिय मंगीरोगस्वरपओणमयानुवित्त शाश्रय वायुनामीरोगनांलक्षण
प्रय पात्तनामगीना लसपा प्रिय अनामृगीरोगनांलक्षण रामय सनीपातनामृशीनालसग ८
प्रय असाध्यमुनीनां लक्षण पन्त
श्रय मृगीरोगनी पालवयनः स्त उज मृगीरोगनो पायो रास्टाफुटता
-
-
-
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726