Book Title: Subodh Sanskrit Dhatu Rupavali Part 02
Author(s): Rajesh Jain
Publisher: Tattvatrai Prakashan
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________________ वेविश्व वेवेष्टि वेविष्टः . वेविषति | वेविष्टे वेविषात वेविषते હસ્તન ભૂતકાળ अवेविषम् अवेविष्व अवेविष्म . / अवेविषि अवेविष्वहि अवेविष्महि अवेवेट-ड् . अवेविष्टम् / अवेविष्ट / अवेविष्ठा : / अवेविषाथाम् अवेविड्ढ़म् अवेवेट्-ड्. अवेविष्टाम् / अवेविषुः / अवेविष्ट अवेविषाताम् अवेविषत .. माज्ञार्थ वेविषाणि वेविषाव. वेविषाम | वेविषै वेविषावहै वेविषामहै वेविड्डि . वेविष्टम् वेविष्ट वेविषाथाम् वेविड्म् वेविषत् / वेविष्टाम वेविषाताम् वेविषताम् विध्यर्थ वेविष्याव वेविष्याम / वेविषीय वेविषीवहि वेविषीमहि वेविष्यातम वेविष्यात | वेविषीथा: वेविषीयाथाम वेविषीध्वम् वेविष्यात् .. वेविष्याताम् वेविष्युः / वेविषीत . वेविषीयाताम् वेविषीरन् हा - ५.छोsj વર્તમાનકાળ હ્યુસ્ટન ભૂતકાળ जहामि जहिवः,। जहिमः,। अजहाम् अजहिव, / अजहिम, जहीव: J जहीम: / अजहीव अजहीम ) Rolu ied UIT Bथापली MIDI- RELEASEXEH3 KE वेवेष्टु / वेविष्टाम् वेविष्याम् विष्या:

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