Book Title: Subodh Sanskrit Dhatu Rupavali Part 02
Author(s): Rajesh Jain
Publisher: Tattvatrai Prakashan
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________________ વર્તમાન કૃદંત . કર્તરિ વિધ્યર્થ કૃદંત કર્મણિ ભૂતકૃદંત કૃદંત धूयमान धोतव्य,वितव्य,धवनीय,धाव्य धुन्वत्, धुन्वान સંબંધક ભૂતકૃદંત धोतुम्, धुत्वा,(विधुत्य) धवितुम् धोतुम्, धूत्वा,(विधूय) धवितुम् धोतुम्,धवितुम् धूत्वा धूयमान धोतव्य,धवितव्य,धवनीय,धाव्य धून्वान धुनत्, धुनान धूयमान धोतव्य,धवितव्य,धवनीय,धाव्य धर्षितुम् धृष्यमाण | धर्षितव्य,धर्षणीय,धृष्य |निज्यमान नेक्तव्य,नेजनीय,नेज्य धर्षित,धृष्ट निक्त धर्षित्वा,(प्रधृष्य) निक्त्वा,(अवनिज्य)| नेक्तुम् नेनिजत्, नेनिजान प्रणिञान | प्रणिज्यमान प्रणिज्जितव्य,प्रणिञ्जनीय,प्रणिज्य प्रणिजित प्रणिजितुम प्रणिज्य | नुत नुवत् पात् पात नूयमान / नवितव्य,नवनीय,नव्य,नाव्य पायमान पातव्य,पानीय,पेय पिष्यमाण पेष्टव्य,पेषणीय,पेष्य पुष्यमाण | पोषितव्य,पोषणीय,पोष्य नवितुम् पातुम् पेष्टुम् नुत्वा,(प्रणुत्य) पात्वा पिष्टवा,(संपिष्य) पुषित्वा पिषत् पिष्ट पुष्णत् पुषित पोषितुम् and fed a sपापसी TREEEE

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