Book Title: Sramana 2012 07
Author(s): Shreeprakash Pandey
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 20
________________ अर्द्धमागधी आगम - साहित्य अस्तिकाय : 11 सन्दर्भः 1. चउव्विहे लोए वियाहिते : दव्वतो लोए, खेत्तओ लोए, कालओ लोए, भावओ लोए। - इसि भासियाई, अध्ययन 31 2. गोयमा ! पंच अत्थिकाया पण्णत्ता, तं जहा - धम्मत्थिकाए, अधम्मत्थिकाए, आगासत्थिकाय, जीवत्थिकाय, पोग्गलत्थिकाए । - व्याख्याप्रज्ञप्ति 2, 10, 1 3. से किं तं दव्वणामे? दव्वणामे छव्विहे पण्णते, तंजहा - धम्मत्थिकाए, अधम्मत्थिकाए, आगासत्थिकाए, जीवत्थिकाए, पोग्गलत्थिकाए अद्धासमए य। अनुयोगद्वारसूत्र, 218 4. द्रष्टव्य, व्याख्याप्रज्ञप्ति, शतक 2, उद्देशक 10, सूत्र 7-8 5. णवरं पएसा अणंता भणियव्वा । वही 6. वही, सूत्र 2-6 7. अनुयोगद्वार सूत्र 218 8. व्याख्याप्रज्ञप्ति, शतक 8, उद्देशक 10 सूत्र 23-24 9. स्थानांगसूत्र, स्थान 4 उद्देशक 3 10. व्याख्याप्रज्ञप्ति, शतक 25, उद्देशक 2 11. प्रज्ञापनासूत्र, पद 5, सूत्र 500-503 12. वही, सूत्र 504 13. वही, सूत्र 438-439 14. उत्तराध्ययनसूत्र, 28. 9-12 15. प्रज्ञापनासूत्र, पद 3 सूत्र 270 16. व्याख्याप्रज्ञप्ति शतक 13, उद्देशक 4, सूत्र 24-28 17. व्याख्याप्रज्ञप्ति शतक 20, उद्देशक 2, सूत्र 4-8 18. अत्र द्रव्याभेदवर्ति वर्तनादिविवक्षया । कालोऽपि वर्तनाद्यात्मा जीवाजीवतयोदितः पर्यायाणां हि द्रव्यत्वेऽनवस्थापि प्रसज्यते । पर्यायरूपस्तत्कालः पृथग् द्रव्यं न संभवेत् । - लोकप्रकाश, सर्ग 28, श्लोक 13 व 15 19. वही, 28. 47 20. वही, 28.48 21. वही, 28.49 22. वही, 28,53 23. वही, 28.55 के पश्चात् 24. व्याख्याप्रज्ञप्ति सूत्र. 3, 24.25 ****

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