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72 : श्रमण, वर्ष 63, अंक 3 / जुलाई-सितम्बर 2012 लक्ष्य सूचनात्मक ज्ञान नहीं अपितु धर्म-दर्शन के अन्दर प्रवेश कर जीवन में उसको अंगीकार करना करना है। डॉ. अशोक कुमार सिंह ने कार्यक्रम का संचालन तथा श्री ओम प्रकाश सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
2. प्रो० सुदर्शन लाल जैन को राष्ट्रपति सम्मान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष तथा कला संकाय प्रमुख एवं पार्श्वनाथ विद्यापीठ के पूर्व निदेशक प्रो0 सुर्दशन लाल जैन को उनके द्वारा प्राकृत, जैनविद्या तथा संस्कृत भाषा में किए गए उल्लेखनीय अवदान हेतु महामहिम राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित करने की घोषणा की गई है यह हम सब के लिए गौरव की बात है। आप श्रुतसंवर्धिनी आदि पुरस्कारों से भी सम्मानित हैं। सन् 2004 तथा 2009 में आपने अमेरिका के मील-पिटास में जैन विद्या के विविध विषयों पर कई व्याख्यान दिए। आपके उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान से कई ग्रन्थ पुरस्कृत भी हुए हैं। इस विशिष्ट उपलब्धि हेतु आपको पार्श्वनाथ विद्यापीठ परिवार की ओर से बधाई । 3. प्रो० महेश्वरी प्रसाद नेशनल प्रोफेसर पद से सम्मानित पार्श्वनाथ विद्यापीठ के पूर्व निदेशक, प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्त्व के लब्धप्रतिष्ठित विद्वान् प्रो0 महेश्वरी प्रसाद को संस्कृति मन्त्रालय, भारत सरकार के अन्तर्गत भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण द्वारा नेशनल प्रोफेसर पद से सम्मानित किया गया है। पार्श्वनाथ विद्यापीठ अपने पूर्व निदेशक को प्राप्त इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर गौरवान्वित है। प्रो0 प्रसाद को पार्श्वनाथ विद्यापीठ परिवार की तरफ से हार्दिक बधाई। 4. नियुक्ति पार्श्वनाथ विद्यापीठ में डॉ. रुचि राय की शोध-सहायक (श्रमण)के रूप में नई नियुक्ति हुई है। डॉ. रुचि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से दर्शन शास्त्र में पी-एच. डी. हैं। आपने ‘डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् के दर्शन में परमतत्त्व का विचार' जैसे महत्त्वपूर्ण विषय पर शोध किया है।
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