Book Title: Sramana 2002 01
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 157
________________ १५२ : श्रमण/जनवरी-जून २००२ संयुक्तांक १९६८ ई० से १९७३ ई० तक आप अपने शोधकार्य के सम्बन्ध में जर्मनी में रहे। इस अवधि में आपको बेल्जियम, इंग्लैण्ड, फ्रान्स, हालैण्ड, इटली और स्विटजरलैण्ड के विभिन्न पुस्तकालयों एवं संग्रहालयों में अध्ययन एवं भ्रमण करने का भी अवसर प्राप्त हुआ। मार्च १९८७ से सितम्बर १९८७ तक आप यूरोप के दौरे पर गये और वहां बर्लिन, लीपजिंग, हेलसिंकी और प्राग के विश्वविद्यालयों में आपके व्याख्यान आयोजित किये गये। इसी क्रम में आप सोवियत संघ भी गये जहाँ के विभिन्न विश्वविद्यालयों में आपका व्याख्यान हुआ। देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में समय-समय पर आपके व्याख्यान आयोजित होते रहते हैं। विद्याश्रम परिवार प्रो० माहेश्वरी प्रसाद जी का हार्दिक अभिनन्दन करता है और विश्वास करता है कि आपके कुशल नेतृत्व में पार्श्वनाथ विद्यापीठ शोध के नये कीर्तिमान स्थापित करेगा। भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला के निदेशक प्रो० विनोद चन्द्र श्रीवास्तव पार्श्वनाथ विद्यापीठ में ३ मई को भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला के निदेशक प्रो० विनोद चन्द्र श्रीवास्तव का विद्यापीठ परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया गया। विद्यापीठ के नवनियुक्त निदेशक प्रो० माहेश्वरी प्रसाद ने अपने स्वागत वक्तव्य में प्रो० श्रीवास्तव से शिमला संस्थान और विद्यापीठ के मध्य अकादमिक सहयोग को मूर्त रूप प्रदान करने हेतु आवश्यक सहयोग करने का निवेदन किया। इस क्रम में प्रो० श्रीवास्तव ने अपने संस्थान की स्थापना के उद्देश्यों और गतिविधियों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने जैन-विद्या के क्षेत्र में प्राचीन ग्रन्थों के अनुवाद, सम्पादन एवं सङ्गोष्ठी आदि अपने संस्थान के सहयोग से आयोजित करने में सहायता देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इस समारोह में प्रो० पुरुषोत्तम सिंह, पूर्व प्रमुख, कला-सङ्काय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, प्रो० के०पी० सिंह, पूर्व अध्यक्ष, संस्कृत-विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, डॉ० मुकुलराज मेहता, पुरातत्त्वविद् श्री एस०एम० जैन तथा बड़ी संख्या में स्थानीय विद्वान् एवं शोधच्छात्र उपस्थित थे। पार्श्वनाथ विद्यापीठ में चतुर्थ विज्ञान व प्रौद्योगिकी दिवस पर संगोठी का आयोजन पार्श्वनाथ विद्यापीठ में ११ मई २००२ को चतुर्थ विज्ञान व प्रौद्योगिकी दिवस पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में डॉ० राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद के कुलपति सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रो० रामअचल Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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