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जैन जगत् :
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रंगमंच कलाकार के रूप में अभिनय, गायन और कार्यक्रम संचालन की विशेष दक्षता के आधार पर दिया गया। डॉ० फूलचन्द जैन ‘प्रेमी' गोम्मटेश्वर पुरस्कार से सम्मानित
सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के जैनदर्शन-विभाग के अध्यक्ष एवं अखिल भारतीय दिगम्बर जैन विद्वत् परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० फूलचन्द जैन 'प्रेमी' २५ अप्रैल को श्रवणबेलगोला में एक भव्य समारोह में चारुकीर्ति भट्टारक स्वामीजी द्वारा गोम्मटेश्वर पुरस्कार से सम्मानित किये गये। डॉ० जैन को यह पुरस्कार जैनधर्म, दर्शन, संस्कृति एवं
साहित्य के क्षेत्र में किये गये योगदान के लिए प्रदान किया गया। ज्ञातव्य है कि श्री प्रेमी पार्श्वनाथ विद्यापीठ के पूर्व छात्र हैं और यहीं उन्होंने अपना शोधप्रबन्ध तैयार किया है।
बासोकुण्ड में विद्वत् संगोष्ठी सम्पन्न मुजफ्फरपुर २५-२६ अप्रैल : वासोकुण्ड-मुजफ्फरपुर स्थित प्राकृत जैन शास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान, वैशाली में भगवान् महावीर के २६००वें जन्म कल्याणक महोत्सव वर्ष के समापन के अवसर पर २५-२६ अप्रैल २००२ को “आतंकवाद के शमन में तीर्थङ्कर महावीर के उपदेशों की प्रासंगिकता" नामक विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के विभिन्न सत्रों में कई महत्त्वपूर्ण आलेखों का वाचन हुआ। इसी समारोह में संस्थान द्वारा प्रकाशित नूतन ११ ग्रन्थों का विमोचन तिरहुत मण्डल के आयुक्त ने किया।
'महाबलीपुरम्' में ऐतिहासिक प्रतिष्ठा समारोह सम्पन्न . नई दिल्ली २६ अप्रैल : श्रेष्ठिवर्य हरखचन्दजी नाहटा के परिजनों द्वारा नयी दिल्ली के निकटवर्ती भाटी गाँव में विकसित 'महाबलीपुरम्' में नवनिर्मित पार्श्व-पद्मावती जिनालय में २२-२६ अप्रैल तक प्रतिष्ठा महोत्सव सोल्लास सम्पन्न हुआ। इस समारोह में अंचलगच्छ, तपागच्छ और खरतरगच्छ के पूज्य साधु-साध्वी (कुल ठाणा ४६) उपस्थित थे। दिल्ली के इतिहास में यह एक अनूठा अवसर था जबकि किसी धार्मिक समारोह में श्वेताम्बर मूर्तिपूजक समाज के सभी प्रमुख सम्प्रदायों के आचार्य एक साथ उपस्थित रहे। इस नूतन जिनालय के निर्माण का पूर्ण दायित्व स्व० हरखचन्दजी नाहटा के तीनों सुयोग्य पुत्रों - ललित, प्रदीप एवं दिलीप ने वहन किया।
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