Book Title: Sramana 2002 01
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 171
________________ १६६ : श्रमण/जनवरी-जून २००२ संयुक्तांक पुरस्कार वितरण समारोह एवं पाण्डुलिपि प्रदर्शनी जयपुर १२ मई : जैनविद्या संस्थान श्रीमहावीरजी तथा अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर द्वारा संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में वरीयता प्राप्त छात्रों को पुरस्कृत करने हेतु १२ मई को स्थानीय तोतूका भवन, दिगम्बर जैन नसियाँ भट्टारकजी में, पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर इन्टैक भारतीय संरक्षण संस्थान परिषद्, लखनऊ के सहयोग से स्थापित महावीर दिगम्बर जैन पाण्डुलिपि संरक्षण केन्द्र, जयपुर द्वारा संरक्षित पाण्डुलिपियों की प्रदर्शनी भी आयोजित की गयी। पूजन प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न बीना १९ मई : भगवान् महावीर की २६००वीं जन्म जयन्ती के पावन अवसर पर अनेकान्त ज्ञान मन्दिर, बीना द्वारा प्रायोजित पूजन प्रशिक्षण शिविर की शृङ्खला में पांचवां शिविर मुनिश्री सरलसागरजी महाराज के सान्निध्य में श्री दिगम्बर जैन बड़ा मन्दिर, बीना में दिनांक ८ मई को प्रारम्भ हुआ जो दिनांक १७ मई तक चला। इस शिविर में कुल ३५० लोगों ने भाग लिया। तीन हजार वरसीतप : जैन शासन में विश्व रेकॉर्ड आचार्य सम्राट अजरामर स्वामी का सर्वत्र जयजयकार जगत् को अहिंसा, अनेकान्त, अपरिग्रह तथा प्रेम एवं करुणा का शाश्वत सन्देश प्रदान करने वाले भगवान् महावीर के २६००वें जन्म कल्याणक एवं जैन ज्योतिर्धर, युगपुरुष, श्री अजरामरजी स्वामी के २५०वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में श्री स्थानकवासी जैन लीम्बडी अजरामर सम्प्रदाय की ओर से आयोजित आराधना वर्ष के अन्तर्गत एकान्तर उपवासपूर्वक २६०० वर्षीतप का आयोजन किया गया। जैन शासन में २५०० वर्ष के इतिहास में इस प्रकार का आयोजन प्रथम बार होने से असम्भव सा लग रहा था लेकिन देव-गुरु की महती कृपा एवं अजरामर गुरु के प्रत्यक्ष प्रभाव से जिनशासन में वर्षीतप का कीर्तिमान स्थापित हुआ। २६०० की जगह ३००० श्रद्धालु इस कठिन तपश्चर्या में जुड़े हैं जिसमें १०० जितने पू० साधु-साध्वीजी भी शामिल हैं। राजीव गांधी मानव सेवा पुरस्कार श्री मोहन भाई को जयपुर २५ मई, केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मन्त्रालय की राष्ट्रीय चयन समिति द्वारा राजीव गांधी मानव सेवा पुरस्कार २००१ हेतु बाल विकास व बाल कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिये श्री मोहन भाई को प्रदान करने की घोषणा की गयी है। इस पुरस्कार के अन्तर्गत १ लाख रुपये नकद व प्रशस्तिपत्र प्रदान किया Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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