Book Title: Sramana 2002 01
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 177
________________ १७२ : श्रमण/जनवरी-जून २००२ संयुक्तांक आचार्य विजयमहोदयसूरिजी म० दिवंगत तपागच्छाधिपति आचार्य विजयरामचन्द्रसूरिजी म.सा० के पट्टधर आचार्य विजयमहोदयसूरिजी म.सा० का २८ अप्रैल को अहमदाबाद में निधन हो गया। आप पिछले डेढ़ माह से पक्षाघात से पीड़ित थे। पिछले फरवरी माह में ही साबरमती-अहमदाबाद में विजयरामचन्द्रसूरि स्मृति मन्दिर की प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक महोत्सव आपश्री की निश्रा में आयोजित किया गया था। आपका अन्तिम संस्कार आनन्दधाम, अहमदाबाद में सम्पन्न हुआ जिसमें देश के कोने-कोने से पधारे श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर आपको भावभीनी श्रद्धाञ्जलि अर्पित की। पार्श्वनाथ विद्यापीठ उक्त सभी महानुभावों के प्रति हार्दिक श्रद्धाञ्जलि अर्पित करता है। प्रो० वी० वेंकटाचलम स्वर्गस्थ सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं संस्कृति के शीर्षस्थ विद्वान् प्रो० वी०वेंकटाचलम का दिनांक ७ जून को चेन्नई में निधन हो गया। आपके निधन से एक युग का अन्त हो गया। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी, कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के कुलपति तथा लालबहादुर शास्त्री संस्कृत विद्यापीठ के कुलाधिपति और कौंसिल ऑफ इण्डियन फिलॉसफिकल रिसर्च के चेयरमैन जैसे अत्यन्त महत्त्वपूर्ण पदों का अत्यन्त कुशलापूर्वक निर्वहन किया। १९९० से १९९२ तक आपने दिल्ली स्थित भोगीलाल लहेरचन्द इंस्टिट्यूट ऑफ इण्डोलॉजी के निदेशक पद को सुशोभित किया। पार्श्वनाथ विद्यापीठ से आपका निकट सम्बन्ध रहा और कई बार विभिन्न समारोहों में आप वहाँ पधारे। आपके निधन से संस्कृत जगत् की अपूरणीय क्षति हुई है। विद्यापीठ परिवार की ओर से प्रो० वेङ्कटाचलम को हार्दिक श्रद्धाञ्जलि। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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