Book Title: Sramana 1993 01
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 28
________________ डॉ. कमल जैन ६३. ललितविस्तरा, 166.167 ६६. वही, 57 ६४. षोडशक, 3/7-11 ६७. वही, 6 ६५. योगबिन्दु, 411 ६८. शास्त्रवार्तासमुच्चय, 109 ६६. वही, 155-160 ६६. वही, 140 ६७. योगदृष्टिसमुच्चय, 123 १००. श्रावकप्रज्ञप्ति, गा. 200, 203 ६८. वही, 173 १०१. योगबिन्दु, 10 ६९. वही, 175, षोडशक, 10/2 उद्धृत । १०२. श्रावकप्रज्ञप्ति, गा. 4 जैन योग का आलोचनात्मक अध्ययन, १०३. तत्त्वार्थसूत्र, 9/3 लेखक डॉ. अर्हदास बंडोबा दिगे।। १०४. वही, श्रावकप्रज्ञप्ति, गा. 81 ७०. योगशतक, ३६ १०५. योगशतक, ७१. योगदृष्टिसमुच्चय, 176 १०६. अष्टक, 6/1 ७२. वही, 128 १०७. पंचाशक, 19/922 ७३. वही, 130 १०८. वही, 18/894 ७४. योगशतक, 83,84,85 १०६. वही, 19/929-31 ७५. पातंजलयोगदर्शन, 3/3 ११०. वही,18/897,उत्तराध्ययन, ७६. योगबिन्दु, 2/8 29/25. ७७. हारिभद्रीय आवश्यक वृत्ति, पृ. 202 १११. वही, 18/898 ७८. योगशतक, 83,85 पंचाशक, 18/899 ७६. योगबिन्दु, 156 ११२. पंचाशक सटीक विवरण उद्धत, जैन ८०. दशवैकालिकसूत्र 9/4/1 योग सिद्धान्त और साधना, पृ.259, योगबिन्दु, 52-54 तत्त्वार्थसूत्र हरिभद्र, पृ.478 ८२. वही, 492 ११३. तत्त्वार्थसूत्र हरिभद्र, पृ. 483-83 ८३. वही, 34 ११४. वही, ८४. वही, 493 ११५. आवश्यक हरिभद्रीय वृत्ति,पृ.227-9 ८५. वही, 39 ११६. पंचाशक, 19/922 ८६. वही, 4 ११७. समराइच्चकहा, 5/440 ८७. वही, 41 ११८. वही, 7/747 ८८. वही, 37 ११६. वही, 3/191 ८६. वही, 38 १२०. योगबिन्दु, 125 ६०. वही, 22 १२१. अष्टक, 27/5 ६१. वही, 506 समराइच्चकहा, 3/191 ६२. योगदृष्टिसमुच्चय, 213 १२३. वही, 3/188 ६३. शास्त्रवार्तासमुच्चय, 11/693 १२४. मनुस्मृति, 11/10 ६४. योगशतक, 54 १२५. समराइच्चकहा, 3/190 ६५. योगबिन्दु, 13 १२६. योगबिन्दु, 381, 382 १११. १२२. Jain Education International For Proge & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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