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जैसा कि प्रारम्भ में कहा जा चुका है इस गच्छ के विभिन्न मुनिजनों की प्रेरणा से प्रतिष्ठापित वि.सं. 1331 से वि.सं. 1624 तक की 50 से अधिक जिनप्रतिमायें मिलती हैं। इनका विवरण इस प्रकार है :
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