Book Title: Sramana 1993 01
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 63
________________ शोक समाचार महान शिक्षाविद् और वैज्ञानिक डा. दौलतसिंह कोठारी का ४ फरवरी प्रातः ६ बजे हृदयगति अवरुद्ध हो जाने से निधन हो गया। उनके परिवार में पत्नी, तीन पुत्र और पोते-पोतियां हैं। डा. कोठारी की शवयात्रा में बहुत अधिक संख्या में शिक्षाविद्, सरकारी अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति सम्मिलित थे। उनके पार्थिव शरीर पर राष्ट्रपति डा. शंकरदयाल शर्मा, राजस्थान के राज्यपाल एवं श्रीमती सोनिया गांधी की ओर से पुष्प-मालाएँ चढ़ाई गईं। पद्म-भूषण एवं पद्म-विभूषण से अलंकृत डा. कोठारी शिक्षा आयोग (1964-1966) तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष रह चके थे। विशिष्ट उपलब्धियों से परिपूर्ण जीवन में वे जवाहरलाल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, वैज्ञानिक और तकनीकी परिभाषित शब्दों के आयोग के प्रथम अध्यक्ष, गांधी शांति प्रतिष्ठान की शोध-परिषद् की संचालन-समिति के सदस्य और एक दशक तक रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार रह चुके थे। उनका निधन सिर्फ उनके परिवार और जैन-समाज की ही नहीं, पूरे राष्ट्र की अपूरणीय क्षति है। आचार्यश्री आनन्दऋषिजी की प्रथम पुण्यतिथि का आयोजन श्रमण संघ के द्वितीय पट्टधर आचार्यश्री आनन्दऋषिजी की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर १७ मार्च, १९६३ को अहिंसा भवन, खार में अनेक संस्थाओं द्वारा आयोजित श्रद्धांजली सभा में प्रमुख अतिथि के रूप में बोलते हुए जैन समाज के नेता श्री दीपचन्द एस. गार्डी ने आचार्यश्री आनन्दऋषिजी को महान आचार्य बताते हुए कहा कि ऐसे महान पुरुषों के प्रति सच्ची श्रद्धांजली यही है कि बढ़ती हुई हिंसा को रोकने का संकल्प लिया जाय । ६१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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