Book Title: Siddhahem Sabdanushasana sah swopagnya San Laghuvrutti
Author(s): Hemchandracharya, Jambuvijay
Publisher: Hemchandracharya Jain Gyanmandir Patan
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आचार्यश्रीहेमचन्द्रसूपिणीतो धातुपाठः
५३३
१०२३ रगे शङ्कायाम् ।
इत्याचार्यश्रीहेमचन्द्रानुस्मृता भ्वादयो निरनु१०२४ लगे सङ्गे।
बन्धा धातवः समाप्ताः ॥ १०२५ ह्रगे १०२६ ह्रगे १०२७ षगे १०२८ सगे १०२९ ष्टगे १०३० स्थगे संवरणे।
अथ अदादयः (२) १०३१ वट १०३२ भट परिभाषणे। १(१०५९) अदं २(१०६०) प्सांक् १०३३ णट नतौ।
भक्षणे। १०३४ गड सेचने।
३(१०६१) भांक् दीप्तौ। १०३५ हेड वेष्टने।
४(१०६२) यांक प्रापणे। १०३६ लड जिह्वोन्मन्थने।
५(१०६३) वांक् गति-गन्धनयोः । १०३७ फण १०३८ कण १०३९ रण ६(१०६४) ष्णांक् शौचे । गतो।
७(१०६५) श्रांक पाके। १०४० चण हिंसा-दानयोश्च । ८(१०६६) द्रांक् कुत्सितगतौ। १०४१ शण १०४२ श्रण दाने।
९(१०६७) पांक रक्षणे। १०४३ स्नथ १०४४ क्नथ १०४५ क्रथ १०(१०६८) लांक् आदाने । १०४६ क्लथ हिंसाः ।
११(१०६९) रांक दाने। १०४७ छद ऊर्जने।
१२(१०७०) दांव्क् लवने। १०४८ मदै हर्ष-ग्लपनयोः।
१३(१०७१) ख्यांक् प्रथने। १०४९ ष्टन १०५० स्तन १०५१ ध्वन १४(१०७२) प्रांक पूरणे। शब्दे ।
१५(१०७३) मांक माने। १०५२ स्वन अवतंसने।
१६(१०७४) इंक स्मरणे। १०५३ चन हिंसायाम् ।
१७(१०७५) इंण्क् गतौ। १०५४ ज्वर रोगे।
१८(१०७६) वींक् प्रजन-कान्त्यर्सनखादने १०५५ चल कम्पने।
च। १०५६ हल १०५७ ह्मल चलने । १९(१०७७) युंक् अभिगमे। १०५८ ज्वल दीप्तौ च ।
२०(१०७८) पुंक् प्रसवैश्वर्ययोः । ॥ परस्मैभाषाः॥ २१(१०७९) तुंक् वृत्ति-हिंसा-पूरणेषु । १. 'शन खं१ ॥
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