Book Title: Siddhachakra ka Chamatkar Diwakar Chitrakatha 013
Author(s): Vinaymuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 4
________________ सिद्भचक्र का चमत्कार श्रीपाल आठ वर्ष का भी नहीं हुआ था कि अचानक उसके सिर से पिता का साया उठ गया। राजा की मृत्यु के कारण पूरे राजमहल में रुदन विलाप का मनहूस वातावरण छा गया। ARUM Asledis ADDA LSAN TIMILIARUIT सिंहस्थ राजा का छोटा भाई अजितसेन था। उसने महल के एक वफादार परिचारक ने इस षड्यंत्र की इस मौके का फायदा उठाने के लिए अपने पक्ष के सूचना मंत्री मतिसागर को दी। मंत्री मतिसागर तुरंत लोगों से मंत्रणा की। महारानी कमलप्रभा के पास पहुँचा और बोला"अभी पूरा राजपरिवार शोक में डूबा है, "महारानी जी ! इस संकट के समय इस मौके का लाभ उठाकर हमें राज्य पर अपने भी शत्रु बन गये हैं। महाराज के अधिकार जमा लेना चाहिए।" छोटे भाई अजितसेन राज्य हथियाने के PIC लिये आपकी व राजकुमार की हत्या का "और महारानी एवं A षड्यन्त्र रच रहे हैं। राजकुमार को बन्दी बनाकर किसी गुप्त स्थान पर.... Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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