Book Title: Siddhachakra ka Chamatkar Diwakar Chitrakatha 013
Author(s): Vinaymuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 31
________________ मैनासुन्दरी ने कहा पिताजी ! उपकार तो आपने मेरे ऊपर किया ही है। आपके ही कारण मुझे ऐसा पति मिला। नवपद की आराधना का रहस्य और सिद्धचक्र महायंत्र की प्राप्ति हुई। उसी आराधना /साधना से हमारे सब कष्टों का निवारण हुआ। इसलिए अब मैं आप सबसे एक प्रार्थना करती हूँ। in Education International ADV सिद्धचक्र का चमत्कार aanan अब आप गई बातें भुला दीजिए और अगले चैत्र मास में नवपेद ओली तप की आराधना करें। इससे सभी प्रकार के मन इच्छित सिद्ध होंगे.. 29 For Private & Personal Use Only wwww.jainelibrary.org

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