Book Title: Siddhachakra ka Chamatkar Diwakar Chitrakatha 013 Author(s): Vinaymuni, Shreechand Surana Publisher: Diwakar Prakashan View full book textPage 6
________________ सिद्भचक्र का चमत्कार जंगल में भटकते हुए रानी को सैकड़ों आदमियों की एक टोली आती दिखाई दी। वह डर गई और पेड़ की ओट में छुप कर देखने लगी शायद अजितसेन के सिपाही आ रहे हैं? नजदीक आने पर रानी ने देखा, ये सिपाही नहीं, अपितु कोई दुःखी रोगी लोगों का दल था। अरे ! ये तो सब महारोग से ग्रस्त दीख रहे हैं। कोढियों का कोई दल है। - दुःखी से दुःखी को हमदर्दी होती है। रानी उनके पास आ गई और पूछा(भाई, आप कौन हैं? कहाँ से माता; हम सब कोढी हैं, हमारा आ रहे हैं, कहाँ जा रहे हैं? 000 कोढियाँ का दल हैं, गाँव-नगर में हम रह नहीं सकते, इसलिए इसी प्रकार जंगल-जंगल घूम रहे हैं। रानी आश्चर्य के साथ देखती रही। For Private & Personal Use Only www.laineliaPage Navigation
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