Book Title: Siddhachakra ka Chamatkar Diwakar Chitrakatha 013
Author(s): Vinaymuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 7
________________ सिद्रचक्र का चमत्कार कोढियों के नेता (राजा) ने पूछा माता, हम तो दुःखी रोगी हैं। मंगल जंगल भटकना ही हमारी तकदीर हैं, आप तो किसी अच्छे खानदान की लगती हैं, ऐसी क्या आपत्ति आ गई आप पर.....? रानी ने अपने को छुपाने की कोशिश करते हुए कहा भाई ! मैं भी किसी घर की लक्ष्मी हूँ, परन्तु तकदीर की मारी आज अकेली भटक रही हूँ। अगर तुम लोग आज्ञा दो तो मैं भी तुम्हारे साथ-साथ चलती रहूँ। कोढी नेता बोला माताजी, आपके साथ यह राजकुमार सा बालक भी है, हमारी संगत से कहीं इसको भी कुछ रोग लग गया तो.....? नहीं ! ऐसा मत कीजिए....,

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