Book Title: Shrutsagar 2018 07 Volume 05 Issue 02
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

View full book text
Previous | Next

Page 4
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनुक्रम 1. संपादकीय रामप्रकाश झा 2. आध्यात्मिक पदो आचार्य श्री बुद्धिसागरसूरिजी 3. Awakening Acharya Padmasagarsuri 4. केशरीयाजी तीर्थनी एक महत्त्वपूर्ण अप्रगट कृति सुयशचन्द्रविजयजी गणि 4. कल्याणमंदिर स्तोत्रनी पादपूर्तिओ सुयशचन्द्रविजयजी गणि 6. वडोदरा नरेशनो जैन साहित्य प्रेम मुनि श्री जिनविजयजी 7. समाचार सार 8 इक कंचन इक कामिनी, दो जग में फंदा। इनसे जो न्यारो रहे, तिनका में बंदा॥ हस्तप्रत नं. २७९२ भावार्थः- कंचन और कामिनी ये दो इस संसार के बड़े मायाजाल हैं। इन दोनों से जो अलिप्त रहते हैं, ऐसे परमयोगी का मैं सेवक हूँ। * प्राप्तिस्थान * आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर तीन बंगला, टोलकनगर, होटल हेरीटेज़ की गली में डॉ. प्रणव नाणावटी क्लीनीक के पास, पालडी अहमदाबाद - ३८०००७, फोन नं. (०७९) २६५८२३५५ For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36