Book Title: Shrutsagar 2018 07 Volume 05 Issue 02
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 14
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कल्याणमंदिर स्तोत्रनी पादपूर्तिओ गणिवर्य श्री सुयशचन्द्रविजयजी कल्याणमंदिर स्तोत्र संस्कृतभाषा- एक महा-प्रभावशाळी स्तोत्र छे, किंवदंति अनुसार आचार्य श्रीसिद्धसेन दिवाकरसूरिजीए ज्यारे उज्जैनना महादेवमंदिरमां शिवलिंगनी समक्ष स्तवना रूपे आ स्तोत्रनी रचना करी त्यारे स्तोत्रना प्रभावथी ते शिवलिंगमांथी श्रीअवंतिपार्श्वनाथप्रभुना बिंब- प्रगटीकरण थयु । त्यारपछी तो आ स्तोत्रनो प्रभाव-प्रचार खूब खूब वध्यो। काव्यना पद्योनी रसाळता, प्रवाहकता तथा शब्दलालित्यादिथी प्रभावित थई अनेक विद्वानोए पण आ काव्य उपर ऊंडु खेडाण कर्यु । कोईए कल्याणमंदिर स्तोत्र उपर नानी-मोटी टीका बनावी, तो कोईए अवचूरि, कोईए बालावबोधनी रचना करी, तो कोईए टबार्थनी, तो वळी कोई विद्वाने आज स्तुति पद्योने केन्द्रमा राखी जैनधर्मवर स्तोत्र, विजयक्षमासूरिलेख जेवा पादपूर्ति काव्योनी रचना करी, प्रस्तुत लेखमां प्रकाशित त्रणे काव्यो पण कल्याणमंदिर स्तोत्र पर विविध विद्वानो वडे रचायेल पादपूर्ति काव्यो ज छ । माटे सौ प्रथम आपणे पादपूर्तिकाव्यनो परिचय मेळवीशुं। पादपूर्ति काव्य एटले शुं? ____पाद एटले श्लोकनुं चरण, तेनी पूर्ति एटले पूरQ-ते ज पादपूर्तिकाव्य. पादपूर्तिकाव्योमां जे काव्यनी पादपूर्ति करवानी होय तेवा श्लोकना चार चरणमांथी एकाद निश्चित चरणने शब्दथी यथावत् स्वरूपे राखी शेष त्रण चरणो विशेष पात्र के प्रसंगने उद्देशीने नवा रचाय छे, एटले के मूळ काव्य- १ चरण जूनु, ज्यारे शेष ३ चरणो नवा, आम ४ चरणोना संमिश्रणथी पद्य पूर्ण थयु । हवे ज्यारे श्लोकार्थनी दृष्टिए विचारीए छीए त्यारे जे जूनुं चरण छे ते मूळकाव्यमा उल्लेखित पात्र के प्रसंग विशेष माटे रचायु हतुं पछी ते ज चरण ज्यारे नवा पात्र के प्रसंगने उल्लेखता नवा ३ चरणोनी साथे जोडायं त्यारे ते चोथा जना चरणनो अर्थ पण ते नवा पात्र के प्रसंगना संदर्भमां खूलतो देखाय तेवा काव्यने ज कहेवाय पादपूर्ति काव्य । आपणे त्यां आवी एक के बे चरणवाला पादपूर्ति काव्य विशेष जोवा मळे छे । तेमा'य खास करी चोथा चरणनी पादपूर्तिना काव्यो वधु रचाया छ । क्वचित् प्रथम चरणनी, तो क्वचित् चारेय चरणोनी पादपूर्तिवाळी पण रचनाओ मळे छे खरी। For Private and Personal Use Only

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