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अर्पण पत्रिका
श्रीमती शासन वल्लभा शासन हितकरा सद्गुण सम्पन्ना परम विदुषी प्रवर्तिनीजी
श्री वल्लभ श्रीजी साहिबा की सेवा में अमलनेर
श्रीमते ! पूज्या !
आप श्रावक के अणुव्रत - बारह व्रत के विवेचन का इस प्रकार वर्णन करते हैं कि श्रोताओं पर असर होता है । आपके उपदेश से अनेकों ने व्रत ग्रहण किये हैं । व्रत लेने से आत्मा को अनुपम लाभ होता है और व्रतधारी संयम में आ जाता है, इस तरह की आपकी देशना से मुग्ध होकर यह श्रावक धर्म अणुव्रत पुस्तक आप की सेवामें समर्पित करते हैं सो स्वीकार कर अनुग्रहित करियेगा । शुभम् ॥
आज्ञाधीन संस्था
चन्दनमल नागौरी जैन पुस्तकालय छोटी सादड़ी (मेवाड़)
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