Book Title: Shataka Trayadi Subhashit Sangraha Author(s): Bhartuhari, Dharmanand Kosambi Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan View full book textPage 6
________________ भर्तृहरि-विरचितः शतकत्रयादि-सुभाषितसंग्रहः। (महाकवि-भर्तृहरिप्रणीतत्वेन नीति-शृङ्गार-वैराग्यादिनाना समाख्या तानां सुभाषितानां सुपरिष्कृतसंग्रहः।) सुविस्तृतपरिचयात्मिक्यालिप्रस्तावना-विविधपाठान्तर-परिशिष्टादिसमन्वितः आचार्यश्रीजिनविजयालेखिताग्रवचनालंकृतश्च । मुंबईस्थ-टाटा-मूलतत्त्वसंशोधनविद्यामन्दिरान्तर्गत-गणितशास्त्रप्राध्यापकेन पालीवाङ्मयपारंगत-सुगृहीतनामधेय-सुगतगतिप्राप्त श्रीमद्-धर्मानन्द -कोसंबीसुतेन श्री दामोदर को संबी नाना विद्वद्वरेण संपादितः। मुंबई-नगरस्थ 'भा र ती य विद्या भवन प्रतिष्ठित सिंघी जैनशास्त्र शिक्षापीठ द्वारा प्रकटीभूतः। विक्रमाब्द २००५] प्रथमावृत्ति; सार्ध सप्त शत प्रति [१९४८ निस्ताब्द प्रथांक २३] [मूल्य रू० १२-८-00 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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