Book Title: Shasana Chatustrinshika
Author(s): Anantkirti, Darbarilal Kothiya
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 18
________________ प्रस्तावना aceedeseseseseseee 'घटनाको गहरा रंग देने' या 'तोड़े मरोड़े जाने' तथा 'कुछ तथ्य' होनेका सूचन किया है। जो हो, फिर भी उसमेंके ऐतिहासिक तथ्यका मूल्यांकन इतिहासमें होगा ही। इस रचनाके अलावा मदनकीर्तिकी और भी कोई रचनाएँ हैं या नहीं, यह अज्ञात है। पर विजयपुर नरेश कुन्तिभोजके पूर्वजोंके सम्बन्धमें लिखा गया इनका परिचयमन्थ शायद रहा है, जिसके रचनेका उल्लेख राजशेखरने अपने प्रबन्धकोष-गत मदनकीर्ति-प्रबन्ध किया है। अस्तु । दरबारीलाल कोठिया न्यायाचार्य वीरसेवामन्दिर, सरसावा

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