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शब्दमाला . २१३ । शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ प्रजनुक पुं ५६४ (शे. ११८) शरीर (प्रणयिन्) पुं ५१६ पति प्रजा स्त्री ५०१ प्रजा, लोक
प्रणयिनी स्त्री ५१६ पत्नी प्रजा स्त्री ५४३ सन्तति
प्रणयिनी स्त्री ८ (प.) आ शब्द लगाडवाथी प्रजाकर पुं ७८२ (शे. १४४) तलवार
पत्नीवाचक शब्द बने छ प्रजाता स्त्री ५३९ सूवावडी स्त्री प्रणव पुं २५० ओंकार (प्रजानती) स्त्री ५२२ शाणी स्त्री, प्रणाद पुं १४०३ जय जय कार, गुणानुरागथी बुद्धिशाळी स्त्री
बोलायेल शब्द प्रजाप पुं ६९० राजा
प्रणाय्य पुं ४९१ विरुद्ध प्रजापति पुं २१२ ब्रह्मा .. | प्रणाली त्रि. १०८९ पाणी जवानी परनाळ प्रजाक्ती स्त्री ५१४ भाईनी पत्नी, भाभी प्रणिधान न. १३७८ समाधि, समाधान प्रज्ञ पुं ४५६ वच्चे आंतरावाळा ढींचणवाळो | प्रणिधि पुं ७३३ चरपुरुष, गुप्त पुरुष प्रज्ञप्ति स्त्री २३९ १६ विद्यादेवी पैकी . प्रणिपात पुं १५०३ नमस्कार, प्रणाम
बीजी देवी | प्रणीत न. ४१३ कढी वगेरे सिद्ध अन्न प्रज्ञा स्त्री ३०९ मति, बुद्धि
प्रणीत पुं ८२६ मंत्र वगेरेथी प्रज्ञा स्त्री ५२२ तीक्ष्ण बुद्धिवाळी स्त्री -
- संस्कारित अग्नि प्रज्ञात पुं १४९३ विख्यात, प्रसिद्ध प्रणेय पुं ४३२ वश थयेलो, आधीन थयेलो (प्रज्ञापना) स्त्री २४५ १२ उपांग पैकी | प्रतति स्त्री १११७ वल्ली, वेलो
. : ४थु उपांग । प्रतन न. १४४९ जुनु, पुरातन प्रशु पुं ४५६ ऊभा रहेतां जेनां ढींचण | प्रतल पुं ५९६ हाथनो पंजो
वच्चे आंतरु रहे ते | प्रताप पुं ७४० तेज, प्राणना भोगे पण प्रडीन न. १३१८ ऊडवू, ऊडवानी क्रिया बीजा- अपमान सहन न करे तेवं तेज प्रणति स्त्री १५०३ नमस्कार, नमवू । | प्रतारण न. ३७९ ठगवं प्रणय पुं ३८८ मांगणी, याचना करवी ते | प्रतानिनी स्त्री १११८ वेल (लता) प्रणयिन् पुं ८ (प.) आ शब्द लगाडवाथी | प्रतिकर्मन् न. ६३६ शणगार, अलंकार
पतिवाचक शब्द बने छ | प्रतिकाय पुं १४६४ प्रतिबिंब, प्रतिमा, प्रणयिन् पुं ८ (प.) आ शब्द लगाडवाथी
पडछायो - पतिवाचक शब्द बने छ । प्रतिकाश पुं १४६२ समान, तुल्य