Book Title: Shabdamala
Author(s): Muktichandravijay, Munichandravijay
Publisher: Shantijin Aradhak Mandal
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. शब्दमाला . ३६७ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ हस्तिशाला स्त्री ९९८ हाथीओने रहेवानुं | हाव पुं ५०९ हावभाव, अंगथी उत्पन्न थता स्थान
अलंकार (हस्तिषड्गव) पुं १४२४ छ हाथी हास पुं ७२ तीर्थकरमा न होय ते १८ दोष हस्त्यारोह पुं ७६२ हाथी उपर बेसनार
पैकी छठ्ठो दोष हाटक न. १०४३ सोनुं
ास पुं २९६ हास्य (हानि) स्त्री १५२४ हानि, अपहरण. | हासा स्त्री २०५ (शे. ५३) पार्वती .. हायन पुं १५९ वर्ष ।
हासिका स्त्री २९६ हास्य हार पुं ६५९ एक सो आठ सेरनो हार हास्तिक न. १४१८ हाथीओनो समूह हारफल न. ६६० पांच सेरनो हार | हास्तिनपुर न. ९७८ हस्तिनापुर, दिल्ही हारहूर न. ९०३ मदिरा
हास्य पुं २९४ नव रस पैकी बीजो रस हारहूरा स्त्री ११५६ द्राक्ष
हास्यन. २९६ हास्य, हास्य रसनो स्थायिभाव हारान्तर्मणि पुं६५० हारनी।
हाहा पुं १८३ गन्धर्वो, देवोना गवैया मध्यमां रहेल मणि | (हाहाहूहू) पुं १८३ गन्धर्वो, देवोना गवैया , हारि स्त्री ४९३ मुसाफरोनो समुदाय | हि अ. १५४२ (शे. २००) पादपूरणमां हारिन् न. १४४४ सुन्दर
वपरातो शब्द "हारित' पुं १३४१ हारीत पक्षी हिंसा स्त्री ३७१ हिंसा हारिद्र पुं १३९४ पीळो रंग
हिंस्र पुं ३६९ हिंसक हारीत पुं १३४१ हारीत पक्षी
हिका स्त्री ४६८ हेडकी हार्द न. १३७७ प्रेम, स्नेह
हिंगु पुं न. ४२२ हींग हाल पुं ७१२ सालिवाहन राजा | "हिंगुनिर्यास' पुं ११३९ लींबडो हालक पुं १२४२ पीळी अने लीली | हिंगुल पुं १०६१ हिंगळो । कांतिवाळो घोडो
हिङ्गुलु पुं १०६१ (शि. ९३) हिंगळो हालहल न. ११९९ (शि. १०८) विष, झेर | हिज्जल पुं ११४५ पाणीमां थतुं नेतर हाला स्त्री ९०३ मदिरा, दारु . हिजार पुं १२२९ हाथीना पगे हालाहल न. ११९९ (शि. १०८) विष, झेर
बांधवानी सांकळ हालिनी स्त्री १२९८ गरोळीनी एक जात | हिडिम्बनिषूदन पुं ७०८ भीमसेन हाली स्त्री ५५५ पत्नीनी नानी बहेन | 'हिण्डिर' पुं १०७७ समुद्रफेण

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