Book Title: Shabdamala
Author(s): Muktichandravijay, Munichandravijay
Publisher: Shantijin Aradhak Mandal
View full book text
________________
22: 47
हैमधातुपाठः सार्थः • ४१६ क्रम सार्थ धातु
गुजराती अर्थ . . १४२२. तृहौ १४२३. तुंहौ १४२४. स्तृहौ १४२५. स्तूंहौत् हिंसायाम् सि २वी १४२६. कुटत् कौटिल्ये વાંકા થવું-કુટિલતા કરવી १४२७. गुंत् पुरीषोत्सर्गे
ग-२p १४२८. ध्रुत् गति-स्थैर्ययोः ગતિ કરવી તથા ધ્રુવ થવું-સ્થિર થવું १४२९. णूत् स्तवने
સ્તવન કરવું, વખાણ કરવાં-નમન કરવું १४३०. धूत् विधूनने
५-४- j-s-seqj १४३१. कुचत् संकोचने . સંકોચવું १४३२. व्यचत् व्याजीकरणे. બહાનું કાઢવું १४३३. गुजत् शब्दे
અવાજ કરવો-ગુંજવું १४३४. घुटत् प्रतीघाते
પ્રતીઘાત કરવો-સામનો કરવો-ખેદ પમાડવો १४३५. चुट १४३६. छुट १४३७. त्रुटत् छेदने छ-त्रुट-2-यूंटQ १४३८. तुटत् कलहकर्मणि लियो १२वी-जास २को .. १४३९. मुटत् आक्षेप-प्रमर्दनयोः आक्षे५ ४२पो-भ२३j १४४०. स्फुटत् विकसने पील, जी टवी-विसj १४४१. पुट १४४२. लुठत् संश्लेषणे लोटपोट ५j-योटी ४-मालिंगन ४२-dij
(डान्तोऽयमित्यन्ये) १४४३. कृडत् घसने
ખાવું-કરડવું-મૂળા કરડવા-કડકડ અવાજ થાય તેમ
ખાવું १४४४. कुडत् बाल्येच
બાળચેષ્ટા કરવી તથા કડટડ ખાવું १४४५. गुडत् रक्षायाम्
રક્ષા કરવી १४४६. जुडत् बन्धने
vij-s-stj १४४७. तुडत् तोडने
તોડવું १४४८. लुड १४४९. थुड १४५०. स्थुडत् संवरणे aisj १४५१. वुडत् उत्सर्गे च
त्या ४२वी, हान हे तथा disg १४५२. वुड १४५३. ध्रुडत् संघाते संपात३५ ५j १४५४. दुड १४५५. हुड १४५६. त्रुडत् निमज्जने हुनj . १४५७. चुणत् छेदने । કાપવું- છેદવું

Page Navigation
1 ... 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474