Book Title: Shabdamala
Author(s): Muktichandravijay, Munichandravijay
Publisher: Shantijin Aradhak Mandal
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शब्दमाला
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ हरिक पुं १२४२ पीळी अने लीली कांतिवाळो घोडो
हरिकेलीय ( ब.व.) पुं ९५७ बंगलादेश हरिचंदन पुं न. १७९ कल्पवृक्ष हरिचन्दन पुं न. ६४१ गोशीर्ष चंदन हरिण पुं १२९३ हरण हरिण पुं १२९३ सफेद वर्ण हरिणी स्त्री १४६४ सुवर्णनी प्रतिमा हरित् स्त्री १६६ दिशा हरित् न. १३९४ लीलो रंग
हरित पुं ११७२ मग हस्ति पुं १३९५ लीलो वर्ण,
• लीलो - पीळो मिश्रित वर्ण हरितच्छद पुं १११४ (शे. १७३) वृक्ष हरिताल न. १०५८ हरताल हरिताली स्त्री ११९३ धरो हरिदश्च पुं ९८ सूर्य हरिदेव पुं ११४ श्रवण नक्षत्र हरिद्रा स्त्री ४१८ हळदर हरिद्रारांग पुं ४७६ क्षणिक रागवाळो
हरिगु पुं १११४ वृक्ष हरिमणि पुं १०६४ मरकत मणि हरिपर्ण न. ११९० मूळो 'हरिप्रिय' पुं ११३८ कदंब हरिप्रिया स्त्री २२६ लक्ष्मी हरिमत् पुं १७४ ( शे. ३२) इन्द्र हरिमन्थक. पुं ११७१ चणो
• ३६५
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ हरिमन्थज पुं ११७३ काळा मग हस्यि पुं १२३८ पीळो घोडो (हरिवर्ष ) (ब.व.) न. ९४६ पांच हरिवर्ष; ३० अकर्मभूमि पैकी पांच भूमि हरिश्चन्द्र पुं ७०१ हरिश्चन्द्रराजा हरिषेण पुं ६९४ दशमा चक्रवर्ती हरिसुत पुं ६९४ दशमा चक्रवर्ती हरीतकी स्त्री ११४६ हरडे हरेणु पुं ११७१ वटाणा हर्म्य न. ९९३ हवेली
हर्यक्ष पुं १२८४ सिंह हर्यक्ष पुं १९० (शि. १४) कुबेरदेव हर्यश्व पुं १७२ इन्द्र हर्ष पुं ३१५ मननी प्रसन्नता, हर्ष हर्षमाण पुं ४३५ आनंदी हल पुं न. ८९१ हळ (हलवोढ़) पुं १२६० नवो बळद हला स्त्री. ३३४ सखीने बोलाववानो शब्द (नाटकनी भाषामां) हलाह पुं १२४३ काबरचितरो घोडो हलाहल पुं १९९५ विष, झेर हलाहल पुं १२९८ गरोळीनी जात, आंजणी हलि पुं स्त्री ८९० मोटु हळ हलिन् पुं २२४ बलदेव हलिन् पुं ८९० खेडूत हलिप्रिय पुं ११३८ कदम्ब वृक्ष हलिप्रिया स्त्री ९०२ मदिरा

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