Book Title: Shabdamala
Author(s): Muktichandravijay, Munichandravijay
Publisher: Shantijin Aradhak Mandal

View full book text
Previous | Next

Page 380
________________ शब्दमाला . ३४९ .. शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ - | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ सीर पुं न. ८९० हळ सुगन्धि स्त्री १३९१ सारी गंध, खुश्बू सीवन न. ९१२ सीवq सुगन्धिक पुं ११६९ सुगंधी चोखा सीवनी स्त्री ६११ गुह्यनी नीचेनो दोरो सुगन्धिक पुं १२८५ (शे. १८५) सिंह सीस न. १०४० सीसुं सुगृह पुं १३४१ सुघरी पक्षी (सीसक) न. १०४० सीसुं सुग्रीव पुं ३७ श्री सुविधिनाथ सीतपत्रक न. १०४० सीसुं भगवानना पिता 'सीहुण्ड' पुं ११४० दूधियों थोर सुग्रीव पुं ७०५ सुग्रीव सुअ. १५४२ (शे. २००) श्रेष्ठ अने पूजनना | सुग्रीवाग्रज पुं ७०४ (शि. ६०) वाली अर्थमा सुचरित्रा स्त्री ५२८ पतिव्रता स्त्री सु अ. १५३५ (शि. १३८) अतिशय, घणुं सुत पुं.५४२ पुत्र . 'सुकर' पुं १२८७ भंड (सुता) स्त्री ५४२ पुत्री सुकरा स्त्री १२७१ शांत स्वभाववाळी गाय सुतारकास्त्री ४४ श्री सुविधिनाथ भगवाननी सुकल पुं ३८७ दानी अने भोगी . शासनदेवी सुकुमार पुं १३८७ कोमल सुतारा स्त्री ४४ (शि. ४) श्री सुविधिनाथ सुकृत न. १३७९ धर्म, पुण्य भगवाननी शासनदेवी सुकृत न. ८६ (शे. २) कल्याण, शुभ सुतेजस् पुं. ५१ गई चोवीशिना सुकृतिन् पुं ४८९ पुण्यशाली आत्मा । - १०मा भगवान सुख न. १३७० सुख, शांति सुत्रामन् पुं.१७२ इन्द्र सुखंसुण पुं २०० शंकर सुखाशन । सुदर्शन पुं३८ श्री अरनाथ भगवानना पिता सुखदोहां स्त्री १२६८ सुखे करी दोही सुदर्शन पुं २२२ विष्णुनुं चक्र शकाय तेवी गाय । सुदर्शन पुं६९८ पांचमा वासुदेवना मोटाभाई सुखवर्चक पुं ९४५ साजीखार सुदर्शन न. १७८ (शे. ३५) इन्द्रनी नगरी सुखसुप्तिका स्त्री ३१३ (शे. ९०) अधिक | सुदर्शन पुं १३३५ (शे. १९५) गीध पक्षी निद्रा |(सुदर्शन) पुं ९४ नव पैकी सुखोत्सव पुं५५६ (शे: ११७) क्रीडा, रमत पहेला ग्रैवेयक देव सुगत पुं २३२ बुद्ध, सुगत सुदाय पुं ५२० लग्न वगेरे प्रसंगे सुगन्धक पुं.११९० कंकोडी, तमालपत्र | करातो चांल्लो

Loading...

Page Navigation
1 ... 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474